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Balgobin Bhagat Rishte Fir Bhi unhen Sadhu Kyon Kaha gaya hai

Answer» क्योंकि उनका व्यवहार साधुओं वाला था वह हमेशा कबीर को साहब मानते थे और प्रभु भक्ति में लीन रहते थे वह गृहस्थ होकर भी साधु थे क्योंकि वो किसी से भिक्षा nhi लेते थे। वे मृत्यु को भी उत्सव मानते थे और सब परिस्थितियों में समान रहते थे यह सब बातें सिद्ध करती हैं की वह गृहस्थ होकर भी साधु थे।


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