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भारत में परमाणु शक्ति के उत्पादन का वर्णन निम्नलिखित शीर्षकों में कीजिए(क) उत्पादन केन्द्र तथा (ख) महत्त्व।याभारत के किन्हीं पाँच परमाणु ऊर्जा केन्द्रों का वर्णन कीजिए।याभारत में परमाणु ऊर्जा केन्द्र कहाँ-कहाँ स्थापित हैं ?

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() उत्पादन केन्द्र – भारत में प्रथम परमाणु रिएक्टर अप्सरा 4 अगस्त, 1956 ई० को कार्यान्वित कर लिया गया था। दूसरा रिएक्टर कनाडा-भारत रिएक्टर नाम से जून, 1959 ई० से कार्य करने लगा था। इसकी उत्पादन क्षमता 40 मेगावाट शक्ति की थी। ध्रुव नामक एक अन्य रिएक्टर 100 मेगावाट की उत्पादन क्षमता को अगस्त, 1985 ई० में पूर्ण कर लिया गया था। भारत में परमाणु शक्ति विद्युत उत्पादन में निम्नलिखित राज्यों का महत्त्वपूर्ण योगदान है

1. महाराष्ट्र – सन् 1960 ई० में मुम्बई के निकट तारापुर नामक स्थान पर एक परमाणु शक्ति-गृह स्थापित किया गया। यहाँ 2 X 160 मेगावाट क्षमता के विद्युत शक्ति-गृह स्थापित हैं।

2. राजस्थान – इस राज्य में कोटा में रावतभाटा स्थान पर एक रिएक्टर की दो इकाइयाँ 440 मेगावाट शक्ति की लगायी गयी हैं। इनमें यूरेनियम तथा हल्के जल का उपयोग किया जाता है।

3. तमिलनाडु – तमिलनाडु राज्य में चेन्नई के निकट कलपक्कम नामक स्थान पर एक परमाणु केन्द्र स्थापित किया गया है। इसमें दो इकाइयाँ हैं, जिनकी उत्पादन क्षमता 470 मेगावाट है।

4. उत्तर प्रदेश – इस राज्य में बुलन्दशहर जिले के नरौरा नामक स्थान पर 470 मेगावाट क्षमता के दो रिएक्टर लगाये गये हैं।

5. एक अन्य रिएक्टर के निर्माण का कार्य गुजरात में काकरापारा में किया गया। इसकी उत्पादन क्षमता 470 मेगावाट शक्ति की है, जिसमें दो रिएक्टरों ने कार्य प्रारम्भ कर दिया है। इसके अतिरिक्त कर्नाटक में कैगा स्थान पर 470 मेगावाट क्षमता का परमाणु शक्ति-गृह स्थापित किया गया है। वर्तमान समय में देश में कुल 14 परमाणु ऊर्जा रिएक्टर काम कर रहे हैं, जिनकी कुल उत्पादन-क्षमता 2,720 मेगावाट है।

(ख) महत्त्व – भारत में उत्तमकोटि के कोयले और खनिज तेल की कमी है। अत: परमाणु शक्ति द्वारा इस कमी को पूरा किया जा सकता है। परमाणु शक्ति एक आदर्श विकल्प है, जिसका उत्पादन प्रदूषण की समस्या भी पैदा नहीं करता है। भारत कुछ परमाणु-खनिजों में धनी है। बिहार के सिंहभूम और राजस्थान के कुछ भागों में यूरेनियम की खाने हैं। केरल के तट पर पाया जाने वाला मोनोजाइट बालू, परमाणु ऊर्जा का साधन है। भारत में परमाणु विद्युत उत्पादन की प्रतिशत वृद्धि सन्तोषप्रद है। देश की कुल विद्युत उत्पादनक्षमता में अभी नाभिकीय ऊर्जा का अंश मात्र 3% है, परन्तु इसकी भावी सम्भावनाएँ बहुत अधिक हैं। कुल विद्युत उत्पादन संयन्त्रों में नाभिकीय संयन्त्रों का हिस्सा 4% है। परमाणु ऊर्जा केन्द्र ऐसे स्थानों पर भी सरलता से स्थापित किये जा सकते हैं, जहाँ शक्ति के दूसरे संसाधन या तो हैं ही नहीं या उनकी अत्यधिक कमी है। भारत परमाणु ऊर्जा के शान्तिपूर्ण उपयोगों; जैसे—चिकित्सा और कृषि के लिए। प्रतिबद्ध है।



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