 
                 
                InterviewSolution
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    				| 1. | एक 1.0 ऐम्पियर धारावाही, 100 फेरों की कुण्डली को एक चुम्बकीय क्षेत्र B=0.5 `"वेबर"//"मीटर"^(2)` में चित्रानुसार रखा गया है। कुण्डली पर कार्यरत बल-युग्म आघूर्ण ज्ञात कीजिए। | 
| Answer» चुम्बकीय क्षेत्र B में स्थित, N फेरों तथा A क्षेत्रफल वाली धारावाही कुण्डली पर लगने वाला बल-आघूर्ण `tau=NiAB sin theta` जहाँ `theta` कुण्डली के घूमने की अक्ष तथा चुम्बकीय क्षेत्र `vec(B)` की दिशा के बीच कोण है। प्रश्नानुसार, N = 100, i = 1.0 ऐम्पियर, A = 15 सेमी `xx` 15 सेमी `=225xx10^(-4)` `"मीटर"^(2), B= 0.5 "वेबर"//"मीटर"^(2)` (अथवा 0.5 न्यूटन/ऐम्पियर-मीटर) तथा `theta = 90^(@)`. `therefore tau = 100 xx` (1.0 ऐम्पियर) `xx (225 xx 10^(-4) "मीटर"^(2))` `xx` (0.5 न्यूटन/ऐम्पियर-मीटर) `xx` 1 = 1.125 न्यूटन-मीटर| चूँकि कुण्डली की भुजा PS पर बल ऊपर की और तथा भुजा QR पर बल नीचे की ओर है, अतः कुण्डली के आघूर्ण की दिशा वामावर्त होगी। | |