1.

एक वृत्ताकार कुंडली जिसमे 20 फेरे है और जिसकी त्रिज्या 10 सेमी है, एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखी है, जिसका परिमाण 0.10 टेस्ला है और जो कुंडली के तल के लंबवत है। यदि कुंडली में ऐम्पियर विघुत धारा प्रवाहित हो रही हो तो, (a) कुंडली पर लगने वाला कुल बलयुग्म आघूर्ण क्या है? (b) कुंडली पर लगने वाला कुल परिणामी बल क्या है? ltbgt (c ) चुंबकीय क्षेत्र के कारण कुंडली के प्रत्येक इलेक्ट्रान पर लगने वाला कुल औसत बल क्या है? (कुंडली `10^(-5)" मीटर"^(2)` अनुप्रस्थ क्षेत्र वाले ताँबे के तार से बनी है, और ताँबे में मुक्त इलेक्ट्रॉन घनत्व `10^(29)" मीटर"^(-3)` दिया गया है)

Answer» दिया है : N = 20, r = 10 सेमी = 0.10 मीटर, i=5.0 ऐम्पियर, B = 0.10 टेस्ला।
कुण्डली का क्षेत्रफल, `A = pi r^(2)=3.14xx(0.10)^(2)=3.14xx10^(-2)" मीटर"^(2)`
(a) कुण्डली के तल के लम्ब एवं चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के बीच कोण 0 है।
`therefore` बल-आघूर्ण, `vec(tau)=Nivec(A)xxvec(B)=NiABsin0=0`.
(b) धारावाही कुण्डली पर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में बल सदैव शून्य होता है।
(c ) एक इलेक्ट्रॉन पर औसत बल, `F=ev_(d)B` परन्तु
`v_(d)=(i)/(n eA)`
`thereforeF_(A)=e((i)/(n e A))B=(iB)/(n A)`, जिसमे A तार का अनुप्रस्थ परिच्छेद-क्षेत्रफल है।
`F_(A)=(5.0xx0.10)/(10^(29)xx10^(-5))=5xx10^(-25)` न्यूटन।


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