InterviewSolution
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हंसमुख हरियाली हिम-आतपसुन से अलसाए-से सोए,भीगी अँधियाली में निशि कीतारक स्वप्नों में से खोएमरकत डिब्बे सा खुला ग्रामजिस पर नीलम नभ आच्छादननिरुपम हिमांत में स्निग्ध शांतनिज शोभा से हरता जन मन !भावार्थ : कवि गाँव की सुंदरता का वर्णन करते हुए कहते हैं कि हरियाली पर सर्दी की धूप पड़ती है तो लगता है कि हरियाली हँस रही है। सर्दी की धूप चमकते ही लगता है कि हरियाली अलसाकर सो गई है। ओस से रात भीग चुकी हैं। चारों की चमक फीकी पड़ गई है, वे सपनों में खोए-से लगते हैं। सुंदर गाँव पन्ना नामक मोतियों से भरे खुले डिब्बे के समान प्रतीत हो रहा है, जिस पर नीला आसमान छाया हुआ है। सर्दी के अंत के साथ एक कोमल सुखद शांति छाई हुई है। गाँव अपने मोहक सौन्दर्य से लोगों का मन अपनी ओर खींच रहा है।1. हरियाली को हँसमुख्न क्यों कहा गया है ?2. भींगी हरियाली से क्या तात्पर्य है ?3. तारों भरी रात का वर्णन कीजिए।4. ‘मरकत का डिब्बा’ किसे कहा गया है ?5. जन-मन को कौन आकर्षित कर रहा है ?6. ‘तारक स्वप्नों में से खोए’ में कौन-सा अलंकार है ? |
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Answer» 1. हरियाली पर जाड़े की नर्म धूप पड़ रही है, जिससे हरियाली चमक रही है। संभवतः यही देखकर कवि ने हरियाली को हँसमुख 2. भींगी हरियाली से तात्पर्य ठंडी की रात में पड़नेवाली ‘ओस’ से है जिसकी वजह से अंधेरा भीगा हुआ लगता है। 3. ठंडी की रात है। चन्द्रमा के न निकलने से गहरा अंधकार है। तारे आकाश में जगमगा रहे हैं। इस ओस से भीगी रात में तारे सपनों में खोए से लग रहे हैं। 4. ‘मरकत का डिब्बा’ गाँव की धरती को कहा गया है। 5. जन-मन को हरा-भरा सुंदर गाँव आकर्षित कर रहा है। 6. ‘तारक स्वप्नों में से खोए’ में मानवीकरण अलंकार है। यहाँ ‘तारों’ को जीवंत मानव की तरह स्वप्न देखते बताया गया है। |
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