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Jab me tha tab hari nahi ab hari hai me nahi bhab spasta kijiye

Answer» अर्थात जब मन में अहंकार रूपी अँधेरा था तब ईश्वर रूपी प्रकाश न था , मन में ईश्वर्य प्रेम का दीपक जलाने से अहंकार रूपी तम छठ गया।


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