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Short summary of Harihar kaka lesson

Answer» कथा वाचक और हरिहर काका की उम्र में काफी अंतर होने के बावजूद वह उनका पहला मित्र था। महंत और हरिहर काका के भाई ने अपना लक्ष्य साधने के लिए हरिहर काका के साथ बुरा व्यवहार करा। हरिहर काका अनपढ़ थे पर उनको दुनिया की बेहतर समझ थी। उन्होंने अपने अनुभव से सीखा था कि संपत्ति छिन जाने के बाद व्यक्ति की बड़ी दुर्दशा होती है। वे अनेक लोगों के बारे में जानते थे जिनकी संपत्ति अपने नाम लिखवाने के बाद उनके घर वालों ने उनकी हालत कुत्ते से भी बत्तर कर दी थी। इसलिए उन्होंने तय कर लिया था कि जीते जी वे अपनी जायदाद किसी के नाम नहीं लिखेंगे। ठाकुरबारी की घटना के बाद उन्हें पता चल गया कि कोई उन्हें मार नहीं सकता था, सिर्फ धमका सकता था। इसलिए उन्हें मृत्यु का भय नहीं था और उन्होंने अपने भाइयों को इस बात के बारे में चुनौती भी दी थी। हरिहर काका को जब यह असलियत पता चली कि सबलोग उनकी जायदाद के पीछे पड़े हैं तो उन्हें उन सब लोगों की याद आई जिन्होंने अपनेपरिवार के मोह में आकर अपनी जमीन उनके नाम कर दी थी और अपने अंतिम दिन तक कष्टभोगते रहे। वे लोग भोजन तक के लिए तरसते रहे। इसलिए उन्होंने सोचा कि ऐसा जीवनव्यतीत करने से तो एक बार मरना अच्छा है। उन्होंने तय किया कि जीते जी किसी कोजमीन नहीं देंगे। वे मरने को तैयार थे। इसीलिए लेखक कहते हैं कि अज्ञान की स्थितिमें मनुष्य मृत्यु से डरता है परन्तु ज्ञान होने पर मृत्यु वरण को तैयार रहताहै।


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