1.

सरकार और नीति निर्माता आर्थिक विकास के लिए उपयुक्त नीतियों के निर्माण के लिए सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग करते हैं। दो उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए।अथवा सरकार एवं नीति-निर्माताओं के लिए सांख्यिकीय आँकड़ों के प्रयोग का महत्व बताइए।

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1. सरकार द्वारा सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग देश में पूर्ण रोजगार के स्तर को बनाए रखने के लिए सरकार को अपनी व्यय नीति, कर नीति, मौद्रिक नीति आदि में समायोजन करना पड़ता है, परन्तु यह समायोजन सांख्यिकीय तथ्यों के आधार पर ही हो सकता है। सरकारी बजट का निर्माण भी सांख्यिकीय आँकड़ों के आधार पर किया जाता है। सरकार द्वारा नियुक्त आयोगों, समितियों आदि के प्रतिवेदनों का आधार भी समंक ही होते हैं। वास्तव में, सांख्यिकीय आँकड़े एक ऐसा आधार है जिसके चारों ओर सरकारी क्रियाएँ घूमती हैं।

2. नीति-निर्माताओं द्वारा सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग-सांख्यिकीय आँकड़े नीति निर्माण की आधारशिला हैं। योजनाएँ बनाने, उन्हें क्रियान्वित करने तथा उनकी उपलब्धियों/असफलताओं का मूल्यांकन करने में पग-पग पर सांख्यिकीय आँकड़ों का सहारा लेना पड़ता है। नीति-निर्माता समंकों का प्रयोग निम्नलिखित बातों के लिए करते हैं

⦁    अन्य देशों की तुलना में अपने देश के आर्थिक विकास की स्थिति को जानने के लिए; .
⦁    आर्थिक विकास के निर्धारक तत्त्वों के प्रभाव, तकनीकी प्रगति व उत्पादकता की स्थिति जानने के लिए;
⦁    अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में प्राथमिकताएँ निर्धारित करने के लिए;
⦁    विभिन्न क्षेत्रों के निर्धारित लक्ष्यों व वित्तीय साधनों का अनुमान लगाने के लिए;
⦁    विभिन्न परियोजनाओं के कार्यकरण का मूल्यांकन करने के लिए



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