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“सुमित्रानंदन पंतजी प्रकृति चित्रण में बेजोड़ कवि हैं।” – बरसते बादल कविता के द्वारा सिद्ध कीजिए।

Answer»

• सुमित्रानंदन पंत हिंदी के राष्ट्र कवि हैं।

• वे प्रकृति चित्रण के बेजोड़ कवि माने जाते हैं।

• आसमान में बादल झम – झम बरसते हैं। छम – छम – छम बूंदें पेड़ों से गिरते हैं।

• बिजली आसमान के हृदय में चमक रही है।

• उस समय दिन में अंधेरा होता है। हृदय के सपने जग जाते हैं।

• सावन के मौसम में दादुर टर – टर करते हैं। झिल्ली – झींगुर बजने लगते हैं।

• मोर म्यव – म्यव करते हैं, चातक गण पीऊ – पीऊ कहते हैं।

• आसमान में मेघ घुमड – घुमड कर गर्जन करते हैं।

• रिमझिम – रिमझिम पानी बरसाता है, वर्षा की बूंदें ज़मीन पर गिरते हैं।

• वर्षा की बूंदें शरीर पर पड़ते ही रोम सिहर उठते हैं। – रज के कण – कण में तृण – तृण पुलकित हो जाते हैं।

• वर्षा की धारा देखकर कवि का मन झूलता है।

• सब लोग मिलकर सावन के गीत गाते हुए सावन का आहवान करते हैं।



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