InterviewSolution
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विकसित देशों में सामान्य रूप किस प्रकार की बेरोजगारी देखने को मिलती है ? |
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Answer» विकसित देशों में सामान्य रूप से चक्रीय और घर्षणजन्य बेकारी देखने को मिलती है। |
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अर्धबेरोजगारी की संकल्पना को विस्तार से समझाइए । |
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Answer» श्रमिकों उनकी शक्ति का संपूर्ण उपयोग न कर सकते हो अर्थात् कम समय के लिए या योग्यता की अपेक्षा कम योग्यतावाला कार्य स्वीकार करना पड़े तो उसे अर्धबेरोजगार कहते हैं । श्रमिक दिन के जितने घंटे अथवा वर्ष के जितने दिन काम करने की वृत्ति और शक्ति रखता हो उसकी अपेक्षा कम घंटे या दिन से कम काम मिले तो वह अर्धबेरोजगार कहा जाता है । उदाहरण स्वरूप – एक कारखाने या खेत में श्रमिक को आठ घंटे के बदले मात्र पाँच घंटे ही काम मिलता हो तो वह अर्धबेरोजगार कहा जाता है । इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में दिखायी देनेवाली मौसमी बेकारी भी अर्धबेकारी है । क्योंकि किसान को कटायी बुआई के मौसम में ही काम मिलता है । शेष मौसम में वह काम बिना बैठा रहता है । |
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समय की दृष्टि से विकसित देशों में बेरोजगारी का कौन सा स्वरूप दिखायी देता है ?(A) दीर्घकालीन(B) साप्ताहिक(C) दैनिक(D) अल्पकालीन |
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Answer» सही विकल्प है (D) अल्पकालीन |
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समय की दृष्टि से भारत में कौन-सी बेकारी पाई जाती है ?(A) अल्पकालीन(B) साप्ताहिक(C) दीर्घकालीन(D) दैनिक |
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Answer» सही विकल्प है (C) दीर्घकालीन |
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विकसित देशों में पायी जानेवाली बेकारी ……………………….(A) चक्रीय(B) मौसमी(C) प्रच्छन्न(D) ढाँचागत |
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Answer» सही विकल्प है (A) चक्रीय |
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कृषि क्षेत्र में अर्धबेरोजगारी क्यों देखने को मिलती है ? |
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Answer» कृषि क्षेत्र में अर्धबेरोजगारी को देखने से पहले परिभाषा देख लें – श्रमिक अपनी शक्ति का पूर्ण उपयोग न कर सकते हो अर्थात् कि कम समय के लिए यो योग्यता की अपेक्षा कम योग्यतावाला कार्य स्वीकार करना पड़े उसे अर्धबेरोजगारी कहते हैं। भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से कृषि में से रोजगार प्राप्त करते हैं । भारत की कृषि मौसम पर आधारित है । इसलिए विशेष मौसम में काम मिले शेष मौसम बेकार बैठा रहना पड़ता है । इसलिए कृषि क्षेत्र में अर्धबेरोजगारी देखने को मिलती है । |
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संपूर्ण बेरोजगारी का अर्थ समझाइए । |
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Answer» जो व्यक्ति प्रवर्तमान वेतन दर पर रोजगार प्राप्त करना चाहता हो और आवश्यक योग्यता भी रखता हो परंतु उसे बिलकुल रोजगार न मिलता हो तो उसे संपूर्ण बेरोजगार या खुल्ला बेरोजगार कहते हैं । सामान्य रूप से श्रमपूर्ति अधिक हो और शहरीकरण की प्रक्रिया भी तीव्र हो तब संपूर्ण बेरोजगारी का दर अधिक होती है । यह गाँव की अपेक्षा शहरों में अधिक देखने को मिलती है । |
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असरकारक मांग के अभाव में किस प्रकार की बेरोजगारी देखने को मिलती है ? |
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Answer» असरकारक माँग के अभाव में चक्रीय बेरोजगारी सर्जित होती है । |
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आंतरिक ढाँचे की सेवाओं का विस्तार बेरोजगारी को दूर करने में सहायक है ।’ समझाइए । |
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Answer» भारत में शहरी विस्तार की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगारी के कम अवसरों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अपर्याप्त ढाँचाकीय सुविधाएँ भी हैं । इसलिए सरकार द्वारा ग्राम्य विस्तारों में शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास-बिजली, सड़क, व्यवसायिक प्रशिक्षण केन्द्र जैसी ढाँचाकीय सुविधाएँ उपलब्ध करवाकर, स्थानिक साधनों की सहायता से अपने निवासस्थान के नजदीक रोजगारी प्राप्त करना संभव होगा । तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ढाँचाकीय सुविधा बढ़ने से नये रोजगार के अवसर बढ़ते है । परिणाम स्वरूप बेरोजगारी की समस्या भी हल होती है । |
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संपूर्ण बेरोजगारी का प्रमाण किस आयु वर्ग में अधिक देखने को मिलता है ?(A) 15 से 25 वर्ष(B) 25 से 50 वर्ष(C) 60 वर्ष से अधिक(D) 15 वर्ष से कम |
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Answer» सही विकल्प है (A) 15 से 25 वर्ष |
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भारत जैसे विकासशील देशों में बेकारी का कौन-सा स्वरूप देखने को मिलता है ?(A) घर्षणजन्य(B) ढाँचागत(C) चक्रीय(D) अल्पकालीन |
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Answer» सही विकल्प है (B) ढाँचागत |
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भारत में ढाँचागत बेरोजगारी देखने को मिलती है ।’ विधान समझाइए । |
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Answer» भारत जैसे विकासशील देशों में जनसंख्या वृद्धिदर अधिक होने से श्रमपूर्ति में तीव्रता से वृद्धि होती है । परंतु दूसरी ओर देश में ढाँचागत कमी के कारण रोजगारी के अवसरों में धीमी गति से वृद्धि होती है । जिससे ढाँचागत बेरोजगारी की समस्या सर्जित होती है । जो दीर्घकालीन समय के लिये होती है । इस बेरोजगारी को दूर करना हो तो आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक ढाँचे में उचित परिवर्तन लाना होगा और आंतर ढाँचाकीय सुविधाओं का विस्तार करना पड़ेगा । इसलिए ऐसा कहते हैं कि भारत में ढाँचागत बेरोजगारी देखने को मिलती है । |
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शहरी क्षेत्रों में खुली या संपूर्ण बेरोजगारी देखने को मिलती है ।’ विधान समझाइए । |
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Answer» ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या देखने अधिक मिलती है । रोजगारी की तलाश में 15 से 25 वर्ष के आयु वर्ग के लोग काम की तलाश में शहर आते हैं । जिससे रोजगार की मांग बढ़ती है । परंतु उतने प्रमाण में रोजगार के अवसर नहीं बढ़ पाते, परिणाम स्वरूप बेरोजगारी की समस्या सर्जित होती है । इसलिए शहरों में खुली या संपूर्ण बेरोजगारी देखने को मिलती है । |
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भारत में ‘Drain of Brain’ देखने को मिलता है । समझाइए । |
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Answer» भारत में मानवशक्ति के आयोजन का अभाव देखने को मिलता है । देश में वर्तमान समय में जिस प्रकार के श्रम की माँग होती है उतने प्रमाण में श्रमपूर्ति प्राप्त हो ऐसी व्यवस्था नहीं हुयी है । परिणाम स्वरूप लाखो शिक्षित युवान डिग्री प्राप्त करते है । परंतु उनके पास वर्तमान आर्थिक विकास के अनुरूप ज्ञान, प्रशिक्षण या शिक्षण न होने से शिक्षित होने पर भी बेरोजगारी का शिकार बनते हैं । कुछ परिस्थितियों में रोजगार या विकास के अपर्याप्त अवसरो के कारण उच्च योग्यता रखनेवाले डॉक्टरो और इन्जिनियरो को देश को उचित काम न मिलने से विदेश जाते हैं । इस प्रकार ‘Drain of Brain’ भारत में से विदेशी की ओर देखने को मिलता है । |
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दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का मुख्य उद्देश्य कितने वर्ष के युवानों को रोजगार देना है ?(A) 18 से 35 वर्ष(B) 18 से 25 वर्ष(C) 15 से 30 वर्ष(D) 15 से 60 वर्ष |
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Answer» सही विकल्प है (A) 18 से 35 वर्ष |
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बड़े उद्योगों से छोटे पैमाने के उद्योगों में कितने रोजगार के अवसर बढते है ? |
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Answer» बड़े उद्योगों से छोटे उद्योगों में 7.5 गुना रोजगार के अवसर बढ़ाने की क्षमता होती है । |
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किस अर्थशास्त्री के अनुसार भारत में कृषि क्षेत्र में रु. 1 करोड़ पूँजी निवेश करने से 40,000 व्यक्तियों को रोजगार दे सकते हैं ?(A) राजकृष्ण(B) महालनोबिस(C) स्वामीनाथन(D) केईन्स |
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Answer» सही विकल्प है (B) महालनोबिस |
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एक समान पूंजीनिवेश द्वारा छोटे उद्योगों में बड़े उद्योगों की अपेक्षा कितने गुना रोजगार के अवसर खड़े होते हैं ?(A) 7.5 गुना(B) 2.5 गुना(C) 3.5 गुना(D) 4.5 गुना |
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Answer» सही विकल्प है (A) 7.5 गुना |
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किस अर्थशास्त्री के अनुसार कृषि क्षेत्र के विकास की दिशा में अधिक प्रयत्न करके अनेक गुना रोजगार के अवसर बढ़ाते जा सकते हैं ?(A) केईन्स(B) महालनोबिस(C) स्वामीनाथन(D) पिगू |
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Answer» सही विकल्प है (C) स्वामीनाथन |
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बड़े उद्योगों में रु. 1 करोड़ का पूँजीनिवेश करने से कितने व्यक्तियों को रोजगार दे सकते हैं ?(A) 1000(B) 500(C) 1500(D) 2000 |
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Answer» सही विकल्प है (B) 500 |
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