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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

151.

‘शिक्षा-एक मौलिक अधिकार को किस संशोधन द्वारा पारित किया गया?(क) 93वाँ संशोधन(ख) 92वाँ संशोधन(ग) 85वाँ संशोधन(घ) 91वाँ संशोधन

Answer»

सही विकल्प है (क) 93वाँ संशोधन

152.

एवरेस्ट पर सबसे पहले चढ़ने वाले दो लोगों के नाम बताओ/लिखो।

Answer»

तेनजिंग नार्गे और एडमंड हिलेरी।

153.

‘कृष्ण क्रान्ति सम्बन्धित है(क) तेल उत्पादन से(ख) केरोसिन उत्पादन से(ग) पेट्रोल उत्पादन से(घ) खनिज तेल उत्पादन से

Answer»

सही विकल्प है (घ) खनिज तेल उत्पादन से

154.

कौन-सा समुद्र तट कोरोमण्डल तट कहा जाता है?(क) गुजरात का समुद्र तट(ख) केरल का समुद्र तट(ग) तमिलनाडु की समुद्र तट(घ) ओडिशा का समुद्र तट

Answer»

सही विकल्प है (ग) तमिलनाडु की समुद्र तट

155.

कंचनजंगा चोटी अवस्थित है(क) जम्मू और कश्मीर में(ख) उत्तराखण्ड में(ग) सिक्किम में(घ) हिमाचल प्रदेश में

Answer»

सही विकल्प है (ग) सिक्किम में

156.

भारत की सर्वोच्च श्रेणी की ऊँचाई है(क) 8211 मीटर(ख) 8611 मीटर(ग) 8000 मीटर(घ) 8302 मीटर

Answer»

सही विकल्प है (ख) 8611 मीटर

157.

माउण्ट एवरेस्ट की ऊँचाई है(क) 8848 मीटर(ख) 7747 मीटर(ग) 6646 मीटर(घ) 5545 मीटर

Answer»

सही विकल्प है (क) 8848 मीटर

158.

भारत में ‘बौद्धिक सम्पदा के क्षेत्र में की गयी प्रगति का वर्णन कीजिए।या‘बौद्धिक सम्पदा’ से आप क्या समझते हैं ? इस पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।

Answer»

क्ति का सर्वांगीण विकास अर्थात् शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक विकास पर्याप्त सीमा तक तकनीकी शिक्षा पर आधारित है। व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास तब ही पूर्ण माना जाता है जब उसमें जीवन के सभी क्षेत्रों में विकास करने की क्षमता उत्पन्न हो जाए। वैज्ञानिक एवं तकनीकी शिक्षा व्यक्ति को प्रत्येक क्षेत्र में विकसित होने का अवसर प्रदान करती है। यह शारीरिक श्रम के माध्यम से मानसिक शक्तियों का विकास करते हुए व्यक्ति को चिन्तन, मनन, सत्यापन आदि के अवसर प्रदान करती है, जिससे उसका बौद्धिक विकास होता है। उदाहरण के लिए किसी विद्यार्थी में योग्यता एवं तकनीकी कौशल का विकास होने पर उसमें आत्मनिर्भरता की शक्ति भी पैदा होती है।

आज भारत ने ज्ञान-विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में प्रगति कर देश में उपलब्ध संसाधनों का भरपूर उपयोग किया है। जैव प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं यन्त्रीकरण, परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देखभाल, दूर संवेदी उपग्रह प्रणाली, सूचना प्रौद्योगिकी, सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों के विकास में भारत अपनी बौद्धिक सम्पदा के बल पर ही आगे कदम बढ़ा रहा है। इण्टरनेट अत्यन्त उच्च तकनीक वाला उद्योग है, जिसमें नयी उपलब्धियों का प्रयोग और पुरानी का लोप दोनों ही बड़ी तेज रफ्तार से होता है। इससे कुछ नयी परिस्थितियाँ भी जन्मी हैं। इनमें पहली पेटेण्ट और बौद्धिक सम्पदा के अधिकारों से सम्बन्धित है। सॉफ्टवेयर चुम्बकीय माध्यम में अंकित रहता है और इसीलिए इसका हस्तान्तरण तथा नकल बड़ी आसानी से हो जाता है। इस कारण पेटेण्ट और बौद्धिक सम्पदा अधिकारों की रक्षा का काम बेहद कठिन हो गया है। नवीं पंचवर्षीय योजना अवधि में दो नयी योजनाएँ अर्थात्

  • बौद्धिक सम्पदा अधिकार अध्ययन के बारे में वित्तीय सहायता योजना और
  • कॉपीराइट मामलों पर संगोष्ठी तथा कार्यशाला आयोजन आरम्भ की गयी। बौद्धिक सम्पदा अधिकार अध्ययन की वित्तीय सहायता योजना का उद्देश्य बौद्धिक सम्पदा अधिकार

सम्बन्धी मामले के बारे में शिक्षाविद् समुदाय में सामान्य जागरूकता उत्पन्न करना और विश्व विद्यालय तथा अन्य मान्यता प्राप्त संस्थानों में बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के बारे में अध्ययनों को प्रोत्साहित करना है। भारत विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन का सदस्य है, जो कॉपीराइट तथा अन्य बौद्धिक सम्पदा अधिकारों से सम्बन्धित संयुक्त राष्ट्र संघ की एक विशिष्ट एजेन्सी है। भारत इनकी सभी चर्चाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

159.

औद्योगिक विकास में कृषि का क्या महत्त्व है ?

Answer»

औद्योगिक विकास में कृषि का योगदान

राष्ट्रीय आय में अंश – भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान पहले बहुत अधिक था, किन्तु वह धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। यह प्रवृत्ति इस बात की सूचक है कि भारत विकास की ओर अग्रसर है। वर्ष 1950-51 में यह योगदान 55.40% था, जो 2001-02 ई० में घटकर 26.1% रह गया।

रोजगार की दृष्टि से कृषि – देश की कुल श्रम-शक्ति का लगभग दो-तिहाई (64%) भाग कृषि एवं इससे सम्बन्धित उद्योग-धन्धों से अपनी आजीविका कमाता था। सी०डी०एस० आधार पर कृषि उद्योग में 1983 ई० में 5.135 करोड़ श्रमिक लगे हुए थे, जब कि वर्ष 1999-2000 में इन श्रमिकों की संख्या बढ़कर 19.072 करोड़ हो गयी।

औद्योगिक विकास में कृषि – भारत के प्रमुख उद्योगों को कच्चा माल कृषि से ही प्राप्त होता है। सूती और पटसन वस्त्र उद्योग, चीनी, वनस्पति, बागान आदि उद्योग प्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर हैं। हथकरघा, बुनाई, तेल निकालना, चावल कूटना आदि बहुत-से लघु और कुटीर उद्योगों को भी कच्चा माल. कृषि से ही उपलब्ध होता है। अत: देश के औद्योगिक विकास में कृषि महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में कृषि – भारत के विदेशी व्यापार का अधिकांश भाग कृषि से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2002-03 में देश के निर्यात में कृषि वस्तुओं का अनुपात 11.9% था और कृषि से बनी हुई वस्तुओं; जैसे—निर्मित पटसन एवं कपड़ा; का अनुपात लगभग 25%। इस प्रकार भारत के कुल निर्यात में कृषि और उससे सम्बन्धित वस्तुओं का अनुपात लगभग 37% था। भारत के कृषि निर्यात में चावल और समुद्री उत्पाद का महत्त्व बढ़ रहा है। वर्ष 2002-03 में कृषि निर्यात में अकेले समुद्री उत्पाद का अंश 23.4% रहा है, जब कि चावल का अंश 13.6%। काजू का निर्यात-अंश 9.2% भी सराहनीय है।

160.

भारत में चीनी उद्योग का वर्णन कीजिए।

Answer»

चीनी उद्योग देश के प्रमुख कृषि पर आधारित उद्योगों में से एक है। कृषि उत्पादों पर आधारित उद्योगों में सूती वस्त्र उद्योग के बाद चीनी उद्योग द्वितीय वृहत्तम उद्योग है। वर्ष 1950-51 में देश में चीनी मिलों की संख्या 138 थी, जो वर्ष 2000-01 में 493 तक पहुँच चुकी थी।

भारत विश्व में चीनी उत्पादन एवं उसकी खपत करने वाला सबसे बड़ा देश है। चीनी उत्पादन में अकेले महाराष्ट्र राज्य का योगदान एक-तिहाई से अधिक है। चीनी मिल की स्थापना के लिए पहले सरकार से लाइसेन्स प्राप्त करना अनिवार्य था, किन्तु 20 अगस्त, 1998 ई० को सरकार ने इस उद्योग को लाइसेन्स मुक्त करने की घोषणा कर दी। वर्तमान में भारत के पास लाखों टन चीनी का बफर स्टॉक उपलब्ध है। सरकार ने हाल ही में चीनी के निर्यात को डिकैनेलाइज़ (Decanalise) करने का निर्णय लिया है। इसके परिणामस्वरूप चीनी मिलें सीधे ही चीनी का निर्यात कर सकेंगी। पहले इसका निर्यात केवल इण्डियन शुगर ऐण्ड जनरल इण्डस्ट्री एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट कॉपरिशन (ISGIEIC) के माध्यम से ही होता था। यह स्थिति चीनी उद्योग में भारत की वैश्विक सन्दर्भ में परिवर्तित होती स्थिति को प्रदर्शित करती है।

161.

कंचनजंगा की ऊँचाई है(क) 8598 मीटर(ख) 7598 मीटर(ग) 6598 मीटर(घ) 5598 मीटर

Answer»

सही विकल्प है (क) 8598 मीटर

162.

भारतीय गणराज्य में कितने राज्य हैं?(क) 29(ख) 28(ग) 30(घ) 35

Answer»

सही विकल्प है (क) 29

163.

भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख लक्षण क्या हैं ?

Answer»

भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएँ (लक्षण) निम्नलिखित है

  • भारतीय अर्थव्यवस्था मिश्रित प्रकृति वाली अर्थव्यवस्था है, जिसमें सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र को एक-दूसरे से अलग रखा गया है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि-प्रधान अर्थव्यवस्था है, जिसमें कुल श्रम शक्ति का लगभग 70% भाग लगी हुआ है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था असन्तुलित अर्थव्यवस्था है। यह वर्ष 2004 की ‘विश्व विकास रिपोर्ट में कहा गया है। क्योंकि 70% कृषि पर आधारित कार्यशील जनसंख्या की तुलना में केवल 16% व्यक्ति ही उद्योग-धन्धों में तथा शेष 14% व्यक्ति व्यापार, परिवहन, संचार तथा अन्य कार्यों में लगे हुए हैं।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था निर्धनता वाली अर्थव्यवस्था है जिसकी कुल जनसंख्या का 26.1% भाग (2003-04) अभी भी निर्धनता रेखा के नीचे है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था में पूंजी का अभाव पाया जाता है। परिणामस्वरूप राष्ट्रीय आय कम होने के . कारण वास्तविक आय भी कम हो जाती है।
  • भारतीय अर्थव्यवस्था में औद्योगीकरण का अभाव अर्थव्यवस्था के तीव्र विकास में एक बड़ी बाधा है।
  • भारत में प्रति व्यक्ति आय अत्यधिक निम्न (अमेरिका के प्रति व्यक्ति आय का 1/75वाँ भाग) है।
  • भारत में धन एवं आय के वितरण में उल्लेखनीय असमानता पायी जाती है। धनवानों और निर्धनों में अन्तराल बढ़ता ही जा रहा है।
  • भारत में जनाधिक्य की समस्या आर्थिक विकास में एक बहुत बड़ी बाधा है, क्योंकि संसाधन उस अनुपात में नहीं बढ़ पा रहे हैं।
  • भारत में बाजार की अपूर्णताएँ भी स्पष्ट रूप में देखी जाती हैं। यहाँ व्यावसायिक गतिशीलता का अभाव है तथा आर्थिक क्रियाओं में आशातीत विशिष्टीकरण भी नहीं हो पा रहा है।
  • भारत में बहुत-से व्यक्ति अपनी आय को सामाजिक कुरीतियों पर ही व्यय कर देते हैं जिससे अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • भारत में आवागमन तथा संचार के साधनों का यथोचित विकास नहीं हो पाने के कारण आर्थिक असन्तुलन यथावत् बना हुआ है।
164.

मोबाइल दूरभाष पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

Answer»

देश के 20 करोड़ दूरभाष उपभोक्ताओं में 15 करोड़ उपभोक्ता मोबाइल दूरभाष के हैं। उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार वर्ष 2006 के अन्त में देश में मोबाइल फोन उपभोक्ताओं की संख्या 15 करोड़ थी, जो अब दिन दोगुनी तथा रात चौगुनी बढ़ रही है। रिलायन्स इन्फो, टाटा इण्डिकॉम, एयरटेल, बी०एस० एन०एल०, भारती, बी०पी०एल०, आइडिया, वोडाफोन, एस्सार आदि कम्पनियाँ देश को मोबाइल फोन सेवाएँ उपलब्ध कराने में एक-दूसरे से बढ़-चढ़कर कार्य कर रही हैं।

165.

नयी औद्योगिक नीति से क्या अभिप्राय है ?

Answer»

सन् 1991 ई० की नवीन औद्योगिक नीति से उदारीकरण के अनेक उपायों की घोषणा की गई। इस नीति के अनुसार आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97) के काल में औद्योगिक क्रियाकलापों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बहुत प्रोत्साहन दिया गया। उदारीकरण की नीति के प्रमुख उपाय थे—निवेश सम्बन्धी बाधाएँ हटा दी गईं, व्यापार को बन्धनमुक्त कर दिया गया, कुछ क्षेत्रों में विदेशी प्रौद्योगिकी आयात करने की छूट दी गई, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (विनियोग) की अनुमति दी गई, पूँजी बाजार में पहुँच की बाधाओं को हटा दिया गया, औद्योगिक लाइसेंस पद्धति को सरल एवं नियन्त्रण मुक्त कर दिया गया, सार्वजनिक क्षेत्र के सुरक्षित क्षेत्र को घटा दिया गया तथा सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ चुने हुए उपक्रमों का विनिवेशीकरण किया गया अर्थात् इन्हें निजी कम्पनियों को बेच दिया गया। दसवीं योजना (2002-07) में औद्योगिक उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ग्यारहवीं योजना (2007-12) में औद्योगिक विकास का लक्ष्य 9% रखा गया। यह योजना मार्च, 2012 को समाप्त हो गई। वर्ष 2012-17 के लिए 1 अप्रैल, 2012 से 12वीं पंचवर्षीय योजना प्रारम्भ हुई। इसमें औद्योगिक विकास का लक्ष्य 9.6 प्रतिशत रखा गया है।

166.

क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है(क) मध्य प्रदेश(ख) उत्तर प्रदेश(ग) बिहार(घ) राजस्थान

Answer»

सही विकल्प है (घ) राजस्थान

167.

निम्नलिखित में से किस राज्य में समुद्र तट नहीं है?(क) महाराष्ट्र(ख) गुजरात(ग) केरल(घ) मध्य प्रदेश

Answer»

सही विकल्प है (घ) मध्य प्रदेश

168.

लस्सी के लिए कौन-सा राज्य प्रसिद्ध है ?(A) हरियाणा(B) पंजाब(C) कश्मीर(D) राजस्थान

Answer»

सही विकल्प है (B) पंजाब

169.

असम का प्रसिद्ध नृत्य कौन-सा है ?(A) बिहु(B) कुचिपुड़ी(C) मोहिनीअट्टम(D) रास

Answer»

सही विकल्प है (A) बिहु

170.

आंध्र प्रदेश का मुख्य नृत्य कौन-सा है ?(A) कुचीपुड़ी(B) कथक(C) कथकली(D) रास

Answer»

सही विकल्प है (A) कुचीपुड़ी

171.

भरतनाट्यम् नृत्य का संबंध किस राज्य से है ?(A) असम(B) तमिलनाडू(C) केरल(D) आंध्र प्रदेश

Answer»

(B) तमिलनाडू

172.

बिहार में खाया जानेवाला विशिष्ट व्यंजन क्या है ?(A) संदेश(B) दाल-बाटी(C) सत्तू(D) चूरमा

Answer»

सही विकल्प है (C) सत्तू

173.

दालबाटी किस राज्य का मुख्य व्यंजन है ?(A) असम(B) बिहार(C) केरल(D) राजस्थान

Answer»

सही विकल्प है (D) राजस्थान

174.

छः आधारभूत उद्योगों के नामों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

छ: आधारभूत उद्योग इस प्रकार हैं-बिजली, कोयला, इस्पात, कच्चा पेट्रोलियम, पेट्रोलियम रिफाइनरी तथा सीमेण्ट।

175.

सरकार ने कपड़ा उद्योग को कब लाइसेन्स मुक्त किया था ?

Answer»

सरकार ने कपड़ा उद्योग को वर्ष 1993 ई० में लाइसेन्स मुक्त किया था।

176.

भारत के कपड़ा उद्योग तथा लौह-इस्पात उद्योग का वर्णन कीजिए।याभारत में कपड़ा उद्योग की बदलती स्थिति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।याभारत में बढ़ते हुए उद्योगों की स्थिति पर निम्नलिखित शीर्षकों पर निबन्ध लिखिए(क) वस्त्रोद्योग, (ख) लोहा एवं इस्पात उद्योग, (ग) पेट्रोलियम उद्योग, (घ) रसायन उद्योग।

Answer»

कपड़ा उद्योग/वस्त्रोद्योग – कपड़ा उद्योग भारत का सबसे बड़ा, संगठित एवं व्यापक उद्योग है। यह देश के औद्योगिक उत्पादन का 14%, सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2.4%, कुल विनिर्मित औद्योगिक उत्पादन का 20% व कुल निर्यात के 23% की आपूर्ति करता है। भारत इस क्षेत्र में चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ प्रतियोगिता रखता है।

पंचवर्षीय योजनाएँ इस उद्योग के लिए वरदान सिद्ध हुईं, जिनके फलस्वरूप न केवल इस उद्योग का पर्याप्त विकास हुआ, अपितु अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भी यह अपनी छाप छोड़ने में सफल रहा। सरकार ने ‘कपड़ा आदेश’, 1993 ई० के माध्यम से इस उद्योग को लाइसेन्स मुक्त कर दिया। 31 मार्च, 1999 ई० को देश में 1,824 सूत/कृत्रिम धागों की मिलें थीं, जिनमें से अधिकतर मिलें महाराष्ट्र, तमिलनाडु तथा गुजरात में हैं। भारत का वस्त्रोद्योग मुख्यतः सूत पर आधारित रहा है तथा देश में कपड़े की खपत का 58% भाग सूत से ही सम्बद्ध है। भारत का वस्त्र उद्योग अब पटसन एवं सूती वस्त्रों के अतिरिक्त कृत्रिम रेशों से पर्याप्त मात्रा में वस्त्र तैयार करता है तथा सिले-सिलाये वस्त्रों को विदेशों को निर्यात कर रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में भारत के सिले वस्त्रों की बड़ी माँग है तथा उसे इससे १ 51 हजार करोड़ से भी अधिक मूल्य की विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।

लोहा एवं इस्पात उद्योग – आज भारत विश्व का नौवाँ सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक देश है। इस उद्योग में । 90,000 करोड़ की पूँजी लगी हुई है और पाँच लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है। बड़े पैमाने पर इस्पात का उत्पादन 1907 ई० में जमशेदपुर में टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (TISCO) की स्थापना के साथ आरम्भ हुआ। सन् 1974 में सरकार ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लि० (SAIL) की स्थापना की।

दूसरी पंचवर्षीय योजना में 10-10 लाख टन इस्पात पिण्डों की क्षमता की सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाएँ भिलाई (छत्तीसगढ़) में सोवियत संघ के सहयोग से, दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) में ग्रेट ब्रिटेन के सहयोग से और राउरकेला (ओडिशा) में जर्मनी के सहयोग से स्थापित की गयी।

तीसरी पंचवर्षीय योजना में सोवियत संघ के सहयोग से बोकारो (बिहार) में एक और इस्पात कारखाने की स्थापना की गयी। विगत कुछ वर्षों में इस्पात उद्योग के उत्पादन का स्वरूप सन्तोषप्रद रहा है। वर्ष 2002-03 में इस्पात की खपत 29.01 मिलियन टन थी, जब कि वर्ष 2001-02 में यह 27.35 मिलियन टन थी। वर्ष 2001-02 में तैयार इस्पात का निर्यात 1.27 मिलियन टन था जो वर्ष 2002-03 में 1.5 मिलियन टन हो गया। लोहे और इस्पात से बनी सभी वस्तुओं के आयात और निर्यात की वर्तमान में पूरी छूट है। वर्ष 2001-02 में परिष्कृत इस्पात का निर्यात 2.98 मिलियन टन था, जो वर्ष 2002-03 में बढ़कर 4.2 मिलियन टन हो गया। यह स्थिति लोहे और इस्पात उद्योग में भारत की परिवर्तित होती स्थिति को प्रदर्शित करती है।

पेट्रोलियम उद्योग – पेट्रोलियम के सम्बन्ध में भारत की स्थिति अब पहले की अपेक्षा अच्छी हुई है। द्वितीय पंचवर्षीय योजना के आरम्भ तक देश में केवल डिगबोई (असोम) के आस-पास के क्षेत्र में तेल निकाला जाता था। अब देश के कई भागों से तेल निकाला जाने लगा है। भारत के तेल-क्षेत्र असोम, त्रिपुरा, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, मुम्बई, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, आन्ध्र प्रदेश, राजस्थान, केरल के तटीय प्रदेशों तथा अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह में स्थित हैं। देश में तेल का कुल भण्डार 13 करोड़ टन अनुमानित किया गया है।

वर्ष 1950-51 में देश में कच्चे तेल का उत्पादन केवल 2.5 लाख टन था, जब कि वर्ष 2002-03 की अवधि में उत्पादन 33.05 मिलियन टन रहा। खाद्यान्न व दूध के उत्पादन में आत्मनिर्भरता के पश्चात् अब खनिज तेल की दिशा में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिए कृष्ण क्रान्ति (Black Revolution) की सरकार की योजना है। इसके लिए एथेनॉल का उत्पादन बढ़ाकर पेट्रोल में इसका मिश्रण 10% तक बढ़ाने तथा बायो-डीजल का उत्पादन करने की सरकार की योजना है। यह स्थिति पेट्रोलियम उद्योग में भारत की परिवर्तित होती स्थिति को प्रदर्शित करती है।

उल्लेखनीय है कि फरवरी, 2003 ई० में देश में कच्चे तेल के दो विशाल भण्डारों की खोज अलग-अलग कम्पनियों ने की थी। ये भण्डार बाड़मेर (राजस्थान) जिले में व मुम्बई के तटवर्ती क्षेत्र में खोजे गये हैं। कृष्णा-गोदावरी बेसिन में प्राकृतिक गैस के बड़े भण्डार की खोज के पश्चात् रिलायन्स इण्डस्ट्रीज लि० ने।

प्रकृतिक गैस के एक और भण्डार की खोज करने में सफलता प्राप्त की है। यह खोज मध्य प्रदेश में शहडोल. * कोलबेड मीथेन के सुहागपुर पश्चिम व सुहागपुर पूर्व अन्वेषण खण्ड में की गयी है।

रसायन उद्योग-रसायन उद्योग में मुख्य रसायन तथा इसके उत्पादों, पेट्रोकेमिकल्स, फर्टिलाइजर्स, पेंट तथा वार्निश, गैस, साबुन, इत्र, प्रसाधन सामग्री और फार्मस्युटिकल्स को शामिल किया जाता है। रसायन 5 के उत्पादन विभिन्न उद्योगों में प्रयुक्त होते हैं। इस प्रकार इस उद्योग का व्यावसायिक महत्त्व बहुत अ िहै। भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में भी इसका काफी योगदान है। देश की जी०डी०पी० में इसका योगदान 3 प्रतिशत है। 11वीं योजना में पेट्रोरसायन और रसायनों की वृद्धि 12.6 प्रतिशत और 8 प्रतिशत होने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूनिडो) के अनुसार भारतीय रसायन उद्योग का विश्व में 6वाँ और एशिया में तीसरा स्थान है। 2010 में रसायन उद्योग 108.4 बिलियन डालर का रहा। रसायन उद्योग भारत के प्राचीनतम उद्योगों में से एक है जो देश के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान करता है।

यह अत्यन्त विज्ञान आधारित है और विभिन्न लक्षित उत्पादों जैसे वस्त्र, कागज, पेंट एवं वार्निश, चमड़ा आदि के लिए मूल्यवान रसायन उपलब्ध कराता है, जिनकी जीवन के हर क्षेत्र में आवश्यकता होती है। भारतीय रसायन उद्योग भारत की औद्योगिक एवं कृषिगत विकास के रीढ़ का निर्माण करता है और अनुप्रवाही उद्योगों के लिए घटकों को प्रदान करता है। भारतीय रसायन उद्योग में लघु एवं वृहद् स्तर की इकाइयाँ दोनों ही शामिल हैं। अस्सी के दशक के मध्य में लघु क्षेत्र को प्रदान किए गए वित्तीय रियायतों ने लघु स्तरीय उद्योगों (एसएसआई) के क्षेत्र में वृहद संख्या में इकाइयों को स्थापित करने के लिए बाध्य किया। वर्तमान में, भारतीय रसायन उद्योग क्रमिक रूप से व्यापक ग्राहकोन्मुखीकरण की ओर बढ़ रहा है। भारत को आधारभूत कच्चे माल की प्रचुरता का लाभ है, इसे वैश्विक प्रतियोगिता का सामना करने और निर्यात में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तकनीकी सेवाओं और व्यापारिक क्षमताओं का निर्माण करना होगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था नब्बे के दशक के प्रारंभ तक एक संरक्षित अर्थव्यवस्था थी। रसायन उद्योग द्वारा बौद्धिक संपदा के सृजन के लिए व्यापक स्तर के शोध एवं विकास के लिए बहुत कम कार्य किए गए थे। इसलिए उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय रसायन उद्योग की प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए शोध एवं विकास में व्यापक निवेश करना होगा। विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के साथ, देश की शक्ति दूसरे उच्च स्तरीय प्रशिक्षित वैज्ञानिक जनशक्ति पर निर्भर रहती है। भारत वृहद् संख्या में उत्कृष्ट एवं विशेषीकृत रसायनों का भी उत्पादन करता है जिनके विशिष्ट प्रयोग हैं जिनका खाद्य संयोजक, चमड़ा रंगाई, बहुलक संयोजक, रबड़ उद्योग में प्रति-उपयामक आदि में व्यापक प्रयोग होता है। रसायन क्षेत्र में, 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति है। रासायनिक उत्पादों, साथ-ही-साथ कार्बनिक/अकार्बनिक रंग-सामग्री और कीटनाशक के ज्यादातर निर्माता लाइसेंसमुक्त हैं। उद्यमियों को केवल आई ई एम को औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग के नियमों के अनुकूल काम करना होता है। बशर्ते कि स्थानीयता दृष्टिकोण लागू न हो। केवल निम्नलिखित वस्तुएँ ही अपनी खतरनाक प्रकृति के कारण आवश्यक लाइसेंसिंग सूची में शामिल हैं

  • हाइड्रोरासायनिक अम्ल एवं इसके संजात
  • फॉस्जीन एवं इसके संजात तथा
  • हाइड्रोकार्बन के आइसोसाइनेट्स एवं डीआइसोसाइनेट्स।
177.

भारतीय कोयला उद्योग का संचालन एवं नियन्त्रण करने वाले संस्थानों के नाम का उल्लेख कीजिए।

Answer»

भारतीय कोयला उद्योग को संचालन एवं नियन्त्रण सार्वजनिक क्षेत्र के दो प्रमुख संस्थानों-कोल इण्डिया लि० (CIL) तथा सिंगरैनी कोइलरीज द्वारा किया जा रहा है।

178.

लोहा व इस्पात उद्योग में कितनी पूँजी लगी हुई है तथा कितने लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है ?

Answer»

लोहा व इस्पात उद्योग में है 90,000 करोड़ की पूँजी लगी हुई है तथा 5 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है।

179.

हमें किन परंपरागत ऋतुओं का उपहार मिला है ?

Answer»

हमें शीतऋतु, ग्रीष्मऋतु तथा वर्षाऋतु और इनके अंतर्गत परंपरागत ऋतुओं का उपहार मिला है ।

180.

जलवायु के कारण भारत के लोगों में क्या भिन्नताएँ पायी जाती है ?

Answer»

जलवायु के कारण भारत के लोगों के भोजन, पोशाक, आवास, भाषा, बोली, उत्सव, त्यौहार में अत्यधिक भिन्नता पायी जाती है।

181.

भारत के तीनों ओर स्थित सागरों के नाम बताइए।

Answer»

भारत के पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित है।

182.

तीनों समुद्रों के मिलन बिन्दु पर कौन-सा स्थान है ?(A) इलाहाबाद(B) इन्दिरा प्वांइट(C) मद्रास(D) कन्याकुमारी

Answer»

सही विकल्प है (D) कन्याकुमारी

183.

सूर्य में रोशनी रहे ही नहीं?

Answer»

अँधेरा हो जाएगा फलस्वरूप पौधेप्रकाश संश्लेषण बन्द कर देगेंऔर जीवन समाप्त हो जाएगा।

184.

पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमना ही बन्द कर दे?

Answer»

दिन-रात होने बन्द हो जाएँगे और जीवन असंभव हो जाएगा।

185.

समुद्र में ऊँचे प्रकाश स्तम्भ क्यों बनाए जाते हैं?

Answer»

समुद्र के किनारे द्वीपों पर नाविकों और जहाजों को प्रकाश दिखाने के लिए ऊँचे प्रकाश स्तम्भ बनाए जाते हैं।

186.

नखलिस्तान या मरूद्यान किसे कहते हैं?

Answer»

मरुस्थल में जहाँ कहीं पानी मिल जाता है, वहाँ हरियाली होती है। ऐसे स्थानों पर लोग बस जाते हैं। इन्हें मरूद्यान या नखलिस्तान कहते हैं।

187.

सदाबहार वृक्षों की क्या विशेषता होती है?

Answer»

(१) सदाबहार वृक्ष सारे वर्ष हरे-भरे रहते हैं, इनके पत्ते नहीं झड़ते।
(२) देवदार, ताड़, महोगनी, रबर, बाँस, आबनूस, बेंत, नारियल।
(३) अधिक ठंडे शंकुधारी वन होते हैं।

188.

निम्नलिखित में से कौन-सा अक्षांशीय विस्तार भारत की सम्पूर्ण भूमि के विस्तार के सन्दर्भ में प्रासंगिक है?(क) 8°41′ उ० से 37°7′ उ०(ख) 8° 4′ उ० से 35°6′ उ०(ग) 8° 4′ उ० से 37°6′ उ०(घ) 6°45′ उ० से 37°6′ उ०

Answer»

सही विकल्प है  (ग) 8° 4′ उ० से 37°6′ उ०

189.

किस राज्य की तट रेखा सबसे लम्बी है?(क) गुजरात(ख) आन्ध्र प्रदेश(ग) पश्चिम बंगाल(घ) गोवा

Answer»

सही विकल्प है (क) गुजरात

190.

भारत की लम्बी तटरेखा के क्या प्रभाव हैं?

Answer»

भारत की सम्पूर्ण तटरेखा द्वीप समूहों सहित 7,516.6 किलोमीटर है। देश की बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के रूप में लम्बी तटरेखा समुद्री यातायात और पर्यावरणीय दृष्टि से लाभदायक है। लम्बी तटरेखा जहाँ एक ओर सस्ता जल यातायात प्रदान करती है वहीं यह समुद्री संसाधन प्रदान करने और स्थानीय जलवायु की दृष्टि से भी लाभप्रद होती है।

191.

भारत का अक्षांशीय विस्तार बताइए। इसके प्रभाव को समझाइए।

Answer»

भारत का अक्षांशीय विस्तार भूमध्य रेखा के उत्तर में 8°4′ उत्तरी से 37°6′ उत्तरी अक्षांशों के मध्य है। इस देश का उत्तर-दक्षिण विस्तार 3,200 किलोमीटर है। इस विस्तृत भाग पर अक्षांशों के प्रभाव को निम्नांकित तथ्यों में स्पष्ट किया जा सकता है|

(i) अक्षांशीय विस्तार के कारण भारत के दक्षिणी भागों में सूर्यातप की मात्रा उत्तरी भागों की अपेक्षा अधिक है।

(ii) भारत के दक्षिणी भाग की अपेक्षा उत्तरी भाग में रात और दिन की अवधि का अन्तर बढ़ता जाता

(iii) ऐसा देखा गया है कि भारत के सुदूर दक्षिण भाग में जब दिन और रात का अन्तर केवल 45 मिनट होता है तो उत्तर को जाते हुए यह अन्तर सुदूर उत्तरी क्षेत्रों में पाँच घण्टे तक हो जाता है।

(iv) प्रायद्वीपीय भारत, जो भूमध्य रेखा के अधिक निकट है, की जलवायु गर्म रहती है तथा यहाँ शीत ऋतु नहीं होती है, जबकि भूमध्य रेखा से दूर उत्तरी भारत की जलवायु विषम रहती है, यहाँ गर्मियों | में अधिक गर्मी और सर्दियों में अधिक सर्दी होती है।

192.

भारत का देशान्तरीय फैलाव इसके लिए किस प्रकार लाभप्रद है?

Answer»

भारत का देशान्तरीय फैलाव पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक 68°07′ पूर्वी देशान्तर से 97°5′ पूर्वी देशान्तर (गुजरात तक) है अर्थात् कुल देशान्तरीय विस्तार केवल 28°55′ है। इतने कम देशान्तरीय विस्तार के कारण ही भारत की एक मानक समय रेखा (82°30′ पूर्व) है। यह देशान्तर रेखा देश के मध्य से गुजरती है, इसलिए इस रेखा को देश को मानक समय माना जाता है। वास्तव में, यदि देश का देशान्तरथ विस्तार बहुत अधिक होता तब हमें कई मानक कटिबन्धों की आवश्यकता होती। अत: देश का वर्तमान देशान्तरीय फैलाव मानक समय की दृष्टि से लाभप्रद है।

193.

भारत का देशान्तरीय विस्तार कितना है? इसका क्या महत्त्व है?

Answer»

भारत का देशान्तरीय विस्तार 30° है। इसका सबसे बड़ा महत्त्व यह है कि इस देश में सूर्य उदय के समय में काफ़ी स्थानीय अन्तर पाया जाता है, अर्थात् देश के सभी भागों में सूर्य एक ही समय पर उदय नहीं होता। उदाहरण के लिए अरुणाचल प्रदेश और गुजरात क्रमश: भारत के पूर्व और पश्चिम में स्थित हैं। दोनों में 30° देशान्तर का अन्तर है। प्रत्येक देशान्तर के बीच चार मिनट के समय का अन्तर होता है। इस प्रकार अरुणाचल प्रदेश तथा गुजरात के समय में दो घण्टे का अन्तर आ जाता है।

194.

भारत के देशान्तरीय विस्तार के प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।

Answer»

भारत के देशान्तरीय विस्तार का प्रभाव उसके पूर्व-पश्चिम विस्तार से व्यापक महत्त्व रखता है। अपने इसी विस्तार के कारण इसके पड़ोसी देशों की दूरी का निर्धारण होता है। देशान्तरीय विस्तार के कारण भारत के पूर्व में स्थित देश; जैसे–म्यांमार, थाईलैण्ड, सिंगापुर, मलेशिया व वियतनाम तथा पश्चिम में स्थित देश; जैसे-पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, इराक आदि भारत के निकट स्थित हैं। इसीलिए इन देशों से भारत के आर्थिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध प्राचीनकाल से रहे हैं। अपने विस्तृत पूर्वी-पश्चिमी विस्तार के कारण भारत जहाँ पूर्व की ओर चीन, जापान व ऑस्ट्रेलिया के निकट है, वहीं पश्चिम की ओर अफ्रीकी और यूरोपीय देशों से भी इसकी निकटता है। इस प्रकार भारत अपने देशान्तरीय विस्तार के कारण सुगमता से विश्व के सभी देशों के साथ व्यापारिक व सांस्कृतिक सम्बन्ध स्थापित कर सकता है।

195.

भारत को उपमहाद्वीप क्यों कहा जाता है?

Answer»

भारतीय उपमहाद्वीप एक सुस्पष्ट भौगोलिक इकाई है, जो एशिया महाद्वीप के उच्चावच स्वरूप को देखते ही स्पष्ट रूप से उभरकर सामने आती है। यहाँ एक विशिष्ट संस्कृति का विकास हुआ है। भारत सहित उसके पड़ोसी देशों–पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका एवं मालदीव की भौगोलिक स्थिति, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, मिट्टी तथा जनसंख्या विशेषताओं में विभिन्नताएँ एवं विविधताएँ होते हुए भी एकरूपता दिखाई देती है। इसी कारण इसे उपमहाद्वीप कहा जाता है। एशिया महाद्वीप में भारतीय उपमहाद्वीप की स्थिति वास्तव में एशिया से पृथक् दिखाई देती है।

196.

संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए:पूर्वी भारत के राज्यों का पहनावा 

Answer»

बिहार के पुरुष धोती-कुर्ता, कंधे पर गमछा, सिर पर पगड़ी पहनते हैं । स्त्रियाँ साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज पहनती है ।
झारखण्ड, असम तथा उड़ीसा के लोगों के पहनावें में बहुत अन्तर नहीं दिखता ।
बंगाली महिलाएँ बंगाली ढंग से साड़ी पहनती है । पुरुष पाटलीदार धोती और रेशमी कुर्ता पहनते हैं ।

197.

पूर्वी गोलार्द्ध में भारत की स्थिति केन्द्रीय है, क्यों?

Answer»

पूर्वी गोलार्द्ध का देशान्तरीयं विस्तार 0° से 180° पूर्व है। इसकी मध्य स्थिति 90° पूर्वी देशान्तर रेखा पर है, जबकि 87°30′ पूर्वी देशान्तर भारत की केन्द्रीय मध्याह्न रेखा है। यह भारत से ही होकर गुजरती है। इसी प्रकार भारत का अक्षांशीय विस्तार 8°4′ उत्तर से आरम्भ होता है, जो विषुवत् रेखा के अति निकट है। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि पूर्वी गोलार्द्ध में भारत की स्थिति लगभग केन्द्रीय है। केन्द्रीय स्थिति होने के कारण ही भारत के विदेशों से व्यापारिक एवं वाणिज्यिक सम्बन्ध बहुत प्रगाढ़ हुए हैं। इस प्रकार भारत पश्चिमी औद्योगिक देशों को पूर्वी खेतिहर देशों से मिलाने के लिए एक कड़ी का कार्य करता है।

198.

भारत के सुदूरवर्ती पूर्वी राज्य का नाम बताइए।

Answer»

भारत के सुदूरवर्ती पूर्वी राज्य का नाम अरुणाचल प्रदेश है।

199.

उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:1. ……… भारत की राजधानी है ।2. … कुर्ते पर कढ़ाई किया हुआ कमीज (पाकेट) पहनते हैं ।3. पंजाब का लोकनृत्य ……………….. है ।4. हिमाचल के ………….. में दशेहरा का त्यौहार विशेष रूप से मनाया जाता है ।5. ….. में कुंभ तथा अर्द्धकुंभ मेला भरता हैं ।

Answer»

1. (दिल्ली)

2. (पंजाबी)

3. (भांगड़ा)

4. (कुल्लू)

5. (हरिद्वार)

200.

भारत का कौन-सा पश्चिमी राज्य कच्छ क्षेत्र में स्थित है?

Answer»

भारत का पश्चिमी राज्य गुजरात कच्छ क्षेत्र में स्थित है।