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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

भरत की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए?

Answer»

भरत के चारित्रिक विशेषताओं में उनका मातृ-प्रेम, कर्तव्य-निष्ठा, प्रजा-प्रेम तथा त्याग मुख्य हैं। भरत ने जिस प्रकार वन में जाकर राम से विनती की, सारा दोष अपने ऊपर ले लिया, जिस ढंग से क्षमा याचना की वह ऐसा उदाहरण है जिसकी तुलना का दूसरा उदाहरण संसार के इतिहास में कहीं नहीं मिलता।

2.

भरत ने राज्य को किस शर्त पर स्वीकार किया?

Answer»

भरत ने राज्य को इस शर्त पर स्वीकार किया कि प्रतिनिधि के रूप में आप के नाम पर राज्य करूंगा तथा सिंहासन पर आपकी खडाऊँ बैठेगी। राज्य आपका ही रहेगा।

3.

भरत ने अयोध्या के राज्य को क्यों ठुकरा दिया?

Answer»

इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि नैतिक दृष्टि से रामचन्द्र जी राजद्दी के हकदार थे।

4.

दुष्यंत ने पुरुवंशीय जीवन की कौन-सी दो रीतियाँ बताई?

Answer»

दुष्यंत ने पुरुवंशीय जीवन की ये दो रीतियाँ बताईं :

(1) वे युवावस्था में महलों में रहकर पृथ्वी की रक्षा और पालन करते हैं।

(2) वृद्धावस्था में वे तपस्वियों के आश्रम में वृक्षों के नीचे कुटी बनाकर रहते हैं।

5.

दुष्यंत बालक के प्रति आकृष्ट क्यों हो रहे थे?

Answer»

बालक स्वस्थ, सुंदर, निर्भीक तथा हठीला था। उसकी इन्हीं विशेषताओं पर मुग्ध होकर दुष्यंत उसके प्रति आकृष्ट हो रहे थे।

6.

ऋषियों ने बालक का नाम सर्वदमन क्यों रखा?

Answer»

बालक वन के पशुओं के बच्चों के साथ निडर होकर खेलता था। उसके इसी साहसी और निर्भीक स्वभाव के कारण ऋषियों ने उसका नाम सर्वदमन रखा था।

7.

दुष्यंत को ऐसा कब लगता है कि उनका मनोरथ पूरा हुआ?

Answer»

बालक सर्वदमन की दाई बाँह में एक रक्षा का धागा बँधा हुआ था। इस रक्षाबंधन का नाम ‘अपराजित’ था। सिंहशावक के साथ खेलते समय वह धागा बालक की बाँह से नीचे गिर गया था। दुष्यंत जब उसे उठाने लगे तो तपस्विनियों ने उन्हें रोका, फिर भी उन्होंने उसे उठा लिया। तपस्विनियों को आश्चर्यचकित देखकर दुष्यंत ने उसका कारण पूछा। तपस्विनियों ने कहा – यदि यह धागा जमीन पर गिर जाए तो उसे बालक के माता-पिता के सिवाय दूसरा कोई नहीं उठा सकता। अगर कोई उठा ले तो यह साँप बनकर उसे डस लेता है। ऐसा अनेक बार हो चुका था। परंतु धागा उठाने पर दुष्यंत को कुछ नहीं हुआ। इससे सिद्ध हो गया कि वे ही बालक के पिता हैं। तब राजा दुष्यंत को लगता है कि उनका मनोरथ पूरा हुआ।

8.

बालक को रक्षाबंधन किसने दिया था?

Answer»

बालक को रक्षाबंधन महात्मा मरीचि के पुत्र कश्यप ने दिया था।

9.

मेनका कौन थी?A. महारानीB. अप्सराC. देवीD. गंधर्व

Answer»

 मेनका अप्सरा थी

10.

सर्वदमन के मुख की दमक …………….. के समान थी।A. बिजलीB. सोनेC. हीरेD. अग्नि

Answer»

सर्वदमन के मुख की दमक अग्नि के समान थी।

11.

कोष्ठक में से उचित शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :(कमल, अपराजित, तपोवन, सर्वदमन, स्नेह)(1) तेरा नाम ऋषियों ने ........... रखा है, सो ठीक ही है।(2) क्या कारण है कि मेरा ........ इस बालक की ओर उमड़ा-सा आता है।(3) हथेली का शोभा प्रायः .......... को भी लज्जित कर रही है।(4) तुमने ......... के विरुद्ध यह आचरण क्यों सीखा है?(5) इस रक्षाबंधन का नाम ........ है।

Answer»

(1) तेरा नाम ऋषियों ने सर्वदमन रखा है, सो ठीक ही है।

(2) क्या कारण है कि मेरा स्नेह इस बालक की ओर उमड़ा-सा आता है।

(3) हथेली का शोभा प्रायः कमल को भी लज्जित कर रही है।

(4) तुमने तपोवन के विरुद्ध यह आचरण क्यों सीखा है?

(5) इस रक्षाबंधन का नाम अपराजित है।

12.

रक्षाबंधन के साँप न बनने पर दुष्यंत क्या अनुभव करते हैं?

Answer»

रक्षाबंधन के साँप न बनने पर दुष्यंत अपना मनोरथ पूर्ण होने के आनंद का अनुभव करते हैं।

13.

इस एकांकी के आधार पर बालक सर्वदमन की विशेषताओं का वर्णन कीजिए

Answer»

सर्वदमन सुंदर, स्वस्थ और आकर्षक बालक है। उसका मुख अग्नि के समान दमक रहा है। उसका साहसी और निर्भय स्वभाव देखकर आश्चर्य होता है। सिंहशावक के साथ खेलने में वह जरा भी नहीं डरता। शावक की माँ सिंहनी का भी उसे भय नहीं है। वह इतना हठी है कि तपस्विनियों के समझाने का उस पर कोई असर नहीं होता। उसके हाथ में चक्रवर्ती सम्राट के लक्षण हैं। उसे खिलौनों से स्वाभाविक लगाव है।

14.

दुष्यंत को कैसे पता चला कि सर्वदमन पुरुवंशी बालक है?

Answer»

सर्वदमन तपस्विनी के कहने से सिंहशावक को छोड़ नहीं रहा था। तब तपस्विनी ने दुष्यंत से कहा कि अब तुम्ही सिंहशावक को इसके हाथ से छुड़ाओ। दुष्यंत के कहने पर सर्वदमन ने सिंहशावक को छोड़ दिया। यह देखकर तपस्विनी को बहुत आश्चर्य हुआ। दुष्यंत ने उसके आश्चर्य का कारण पूछा। तब तपस्विनी ने कारण बताते हुए कहा कि इस बालक की सूरत तुम्हारी सूरत से बहुत मिलती-जुलती है और यह बालक तुम्हें जानता नहीं है, फिर भी इसने तुम्हारा कहना मान लिया। तुम इसे ऋषिकुमार समझते हो पर यह ऋषिकुमार नहीं, पुरुवंशीय है। इस प्रकार दुष्यंत को पता चला कि सर्वदमन पुरुवंशीय बालक है।

15.

सही वाक्यांश चुनकर पूरा वाक्य फिर से लिखिए :(1) दुष्यंत ने सर्वदमन को ऋषिकुमार समझ लिया, क्योंकि …(अ) उसके बाल ऋषिकुमारों जैसे थे।(ब) उसकी वेशभूषा ऋषिकुमारों जैसी थी।(क) उन्होंने सर्वदमन को ऋषि के आश्रम में देखा था।2) तपस्विनी ने दुष्यंत को शकुंतला के पति का नाम नहीं बताया, क्योंकि …(अ) उसने बिना किसी अपराध के पत्नी को छोड़ दिया था।(ब) वह उसका नाम भूल गई थी।(क) उसे उसका नाम बताने से मना किया गया था।(3) तपस्विनी घबरा गई, क्योंकि …(अ) सिंहनी बालक की तरफ बढ़ रही थी।(ब) बिना सूचना के आश्रम में एक अपरिचित व्यक्ति घुस आया था।(क) उस बालक की बाँह से रक्षाबंधन कहीं गिर गया था।

Answer»

1. दुष्यंत ने सर्वदमन को ऋषिकुमार समझ लिया, क्योंकि उन्होंने सर्वदमन को ऋषि के आश्रम में देखा था।

2. तपस्विनी ने दुष्यंत को शकुंतला के पति का नाम नहीं बताया, क्योंकि उसने बिना किसी अपराध के पत्नी को छोड़ दिया था।

3. तपस्विनी घबरा गई, क्योंकि उस बालक की बाँह से रक्षाबंधन कहीं गिर गया था।

16.

इस एकांकी में निहित पात्रों का अंतर्निहित मूल्य बताइए :(1) दुष्यंत(2) सर्वदमन

Answer»

(1) दुष्यंत : राजा दुष्यंत कोमल हृदय के व्यक्ति हैं। बालक सर्वदमन की बालचेष्टाएँ उन्हें मुग्ध कर देती हैं। उसके प्रति राजा के मन में स्नेह उमड़ने लगता है। वे सोचते हैं कि यह उनका पुत्र होता तो कितना अच्छा होता! फिर ऐसी घटनाएँ घटती हैं जिनसे सिद्ध हो जाता है कि बालक सर्वदमन उन्हीं का पुत्र है। तब दुष्यंत के आनंद की सीमा नहीं रहती। उनका पितृहृदय वात्सल्य से भर जाता है।

(2) सर्वदमन : सर्वदमन असाधारण बालक है। आश्रम की तपस्विनियाँ उसे सिंहशावक को छोड़ देने के लिए समझाती हैं, पर वह उनकी बात नहीं मानता। दुष्यंत से वह जरा भी परिचित नहीं है, फिर भी वह उनके कहने पर सिंहशावक को छोड़ देता है। उसकी सूरत भी दुष्यंत की सूरत से मिलती है। ‘अपराजित’ नामक रक्षासूत्र भी प्रमाणित कर देता है कि सर्वदमन दुष्यंत का ही पुत्र है। इस प्रकार पिता और पुत्र दोनों एक-दूसरे से अनजान हैं, फिर भी उनके बीच पिता-पुत्र जैसी भावधारा बहने लगती है।

17.

Write the summary of ' भरत '.

Answer»

ऋषि के आश्रम का दृश्य : आश्रम में शकुंतला का पुत्र भरत एक सिंहशावक के साथ खेल रहा है। वह उसके दाँत गिनना चाहता है। आश्रम में रहनेवाली दो तपस्विनियाँ उसे रोकने का प्रयत्न करती हैं। राजा दुष्यंत एक पेड़ के पीछे छिपकर यह दृश्य देख रहे हैं। बालक के प्रति राजा दुष्यंत के मन में स्नेह उमड़ता है।

खिलौना देने का लालच : एक तपस्विनी खिलौना देने का लालच बताकर बालक से सिंहशावक को छोड़ देने के लिए कहती है। बालक खिलौना लिए बिना उसे छोड़ना नहीं चाहता। तब उस तपस्विनी को दूसरी तपस्विनी मिट्टी का मोर लाने के लिए भेजती है।

बालक ऋषिकुमार नहीं : बालक सिंह के बच्चे को नहीं छोड़ता तो एक तपस्विनी दुष्यंत से कहती है कि वह बालक को समझाए। दुष्यंत बालक को ‘ऋषिकुमार’ कहकर संबोधित करता है। दुष्यंत के कहने पर बालक सिंहशावक को छोड़ देता है। तपस्विनी दुष्यंत को बताती है कि बालक ऋषिपुत्र नहीं है, पुरुवंशी है। तपस्विनी को इन बातों से आश्चर्य होता है, बालक की सूरत राजा दुष्यंत की सूरत से मिलती है और बालक दुष्यंत को नहीं पहचानता फिर भी उनकी बात मान ली।

शकुंत-लावण्य : एक तपस्विनी बालक को मिट्टी का मोर लाकर देती है और उससे ‘शकुंत-लावण्य (पक्षी का सौंदर्य)’ देखने के लिए कहती है। ‘शकुंत-ला’ शब्द सुनकर बालक उसे अपनी माँ का नाम समझ लेता है। राजा दुष्यंत को अपनी पत्नी ‘शकुंतला’ की याद आती है, जिसका उन्होंने त्याग कर दिया था।

रक्षाबंधन : सिंहशावक के साथ खेलते समय बालक की बाँह में बँधा हुआ रक्षा का धागा (रक्षाबंधन) जमीन पर गिर जाता है। दुष्यंत उसे उठा लेते हैं, तो तपस्विनियों को बहुत अचरज होता है। वे बताती हैं कि इस रक्षाबंधन को बालक के माता-पिता को छोड़कर यदि दूसरा कोई उठाए तो वह साँप बनकर उसे इस तरह यह निश्चित हो जाता है कि भरत (सर्वदमन) नामक वह बालक दुष्यंत और शकुंतला का ही पुत्र है।

18.

निम्नलिखित शब्दों का लिंग-परिवर्तन कीजिए :(1) हिरन – (2) शिक्षक – (3) पंडित – (4) छात्र – (5) दास – (6) मोर – (7) मजदूर – (8) पुजारी – (9) पड़ोसी – (10) गुरु – (11) बूढ़ा – (12) नायक – 

Answer»

(1) हिरन – हिरनी

(2) शिक्षक – शिक्षिका

(3) पंडित – पंडिताइन

(4) छात्र – छात्रा

(5) दास – दासी

(6) मोर – मोरनी

(7) मजदूर – मजदूरनी

(8) पुजारी – पुजारिन

(9) पड़ोसी – पड़ोसिन

(10) गुरु – गुरुआइन

(11) बूढ़ा – बुढ़िया

(12) नायक – नायिका

19.

निम्नलिखित विशेषणों का तीन प्रकार से वाक्य में उपयोग कीजिए :(1) सुंदर(2) बड़ा(3) मेहनती(4) चालाक

Answer»

(1) सुंदर :

(अ) मल्लिका सुंदर लड़की है।

(ब) निधि मल्लिका से सुंदर लड़की है।

(क) निधि सबसे सुंदर लड़की है।

(2) बड़ा:

(अ) गीताभवन बड़ा मकान है।

(ब ) गीताभवन रामभवन से बड़ा मकान है।

(क) गीताभवन मुहल्ले में सबसे बड़ा मकान है।

(3) मेहनती :

(अ) रोमील मेहनती लड़का है।

(ब) रोमील साहिल से मेहनती लड़का है।

(क) रोमील कक्षा में सबसे मेहनती लड़का है।

(4).चालाक:

(अ) रूपा चालाक लड़की है।

(ब) रूपा मोना से चालाक लड़की है।

(क) रूपा कक्षा में सबसे चालाक लड़की है।

20.

निम्नलिखित वाक्यों में से विशेषण छाँटकर उनके प्रकार बताइए:(1) सानिया बाजार से थोड़ी चीनी लाई।(2) कुछ लड़के उद्यान में खेल रहे हैं।(3) ओम चतुर लड़का है।(4) श्याम बीस किलो आटा लाया।(5) साहिल के पास दस रुपए हैं।(6) सूरत ऐतिहासिक नगर है।(7) परिश्रमी छात्र कभी असफल नहीं होता।(8) हमने बाजार से दो लीटर दूध लिया।(9) छात्रावास में बीस छात्र हैं।(10) वे लड़के खेल रहे हैं।

Answer»

(1) थोड़ी – परिमाणवाचक विशेषण

(2) कुछ _ – संख्यावाचक विशेषण

(3) चतुर – गुणवाचक विशेषण

(4) बीस किलो – परिमाणवाचक विशेषण

(5) दस – संख्यावाचक विशेषण

(6) ऐतिहासिक – गुणवाचक विशेषण

(7) परिश्रमी – गुणवाचक विशेषण

(8) दो लीटर – परिमाणवाचक विशेषण

(9) बीस – संख्यावाचक विशेषण

(10) वे – सार्वनामिक विशेषण

21.

चित्रों का अवलोकन करके अपने शब्दों में कहानी लिखिए :

Answer»

लकड़हारा और देवदूत
एक लकड़हारा था। वह रोज जंगल में जाता, लकड़ियाँ काटता और उन्हें बाजार में बेच देता था। इन पैसों से ही उसके परिवार का गुजारा होता था।
एक दिन लकड़हारा एक पेड़ पर चढ़कर उसकी एक डाल काट रहा था। पेड़ नदी के किनारे था। अचानक उसकी कुल्हाड़ी उसके हाथ से छूट गई और नीचे नदी में जा गिरी। लकड़हारा पेड़ से उतरा, पर उसे तैरना नहीं आता था। अतः उदास होकर वहीं बैठ गया।

संयोग से एक देवदूत वहाँ से गुजरा। उसकी दृष्टि लकड़हारे पर पड़ी। उसने लकड़हारे से उसकी उदासी का कारण पूछा। लकड़हारे ने उसे नदी में अपनी कुल्हाड़ी गिरने की बात बताई। देवदूत ने कहा, “तुम घबराओ मत। मैं नदी से तुम्हारी कुल्हाड़ी निकाल दूंगा।”

देवदूत ने पहले एक सोने की कुल्हाड़ी निकाली और पूछा, “क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है?” लकड़हारे ने कहा, “नहीं, यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।” तब देवदूत ने चाँदी की कुल्हाड़ी निकाली। लकड़हारे ने कहा, “यह भी मेरी 

कुल्हाड़ी नहीं है।” अंत में देवदूत ने लोहे की कुल्हाड़ी निकाली उसे देखकर लकड़हारा खुशी से चिल्ला उठा, “हाँ, यही मेरी कुल्हाड़ी है।”

देवदूत लकड़हारे की ईमानदारी पर बहुत खुश हुआ। उसने सोने और चाँदी की कुल्हाड़ियाँ भी लकड़हारे को इनाम के रूप में दे दी।

22.

आप कक्षा में पढ़ाई कर रहे हों तब भूकंप आ जाए तो आप क्या करेंगे?

Answer»

कक्षा में पढ़ाई करते समय यदि भूकंप आ जाए तो मैं खड़ा होकर जोर से चिल्लाऊँ, “भागो, भागो, जल्दी बाहर निकल जाओ, भूकंप आया” और ऐसा चिल्लाते हुए साथियों के साथ मैं शालाभवन से बाहर आ जाऊँगा।

23.

आपको कौन-सा टीवी प्रोग्राम अच्छा लगता है? क्यों? दस-पंद्रह वाक्यों में वर्णन कीजिए।

Answer»

आजकल टीवी के विविध चैनलों पर कई प्रोग्राम दिखाए जाते हैं। सी.आई.डी., क्राईम पेट्रोल, रसोई शो, सास बिना ससुराल, समाचार, बड़े अच्छे लगते हैं, कुछ तो लोग कहेंगे, तारक मेहता का उल्टा चश्मा आदि प्रोग्राम बहुत लोकप्रिय हैं। इन प्रोग्रामों में ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ नामक कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगता है। यह स्वच्छ पारिवारिक कार्यक्रम है। इसमें गोकुलधाम सोसायटी

के सभ्यों के जीवन से संबंधित विविध प्रसंगों और घटनाओं का सुंदर चित्रण किया गया है। जेठालाल, दयाबेन, डॉक्टर हाथी, बबीताजी, सोढी और टप्पू-सेना आदि पात्रों का अभिनय जानदार है।

एक दिन जेठालाल अपने ही गोदाम में अपने सहायक नटुकाका के हाथों गलती से कैद हो जाते हैं। इसके कारण उन पर जो बीतती है उसका बड़ा मार्मिक चित्रण दिखाया गया था। इसके अतिरिक्त टप्पू-सेना की शरारतें, सोसायटी का खेल-महोत्सव, पत्रकार पोपटलाल की पार्टी आदि प्रसंगों का प्रदर्शन बहुत ही मनोरंजक था।

इस सिरियल में दिखाए जानेवाले सभी प्रसंग सुरुचिपूर्ण एवं शिष्ट होते हैं। विविध प्रसंगों में हास्यरस सहज ढंग से निष्पन्न होता है। सब प्रसंग बहुत ही मनोरंजक एवं शिक्षाप्रद होते हैं। इसलिए ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ प्रोग्राम मुझे बहुत अच्छा लगता है।

24.

पर्यायवाची शब्द लिखिए :(1) जंगल = ………..(2) घर = ………….(3) बहुत = …………

Answer»

(1) जंगल = वन

(2) घर = गृह, आवास

(3) बहुत = अधिक

25.

निम्नलिखित परिच्छेद को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार एक अच्छा जंगल ‘जैविक भंडार घर’ होता है। यह हजारों प्रजातियों के पौधों को उगाकर रखता है, जो बाद में चलकर बहुमूल्य हो जाते हैं। अगर हम जंगल को एक सीमा से भी ज्यादा छाँटते है या खत्म करते हैं, तो वे चीजें भी नष्ट हो जाती हैं जिनकी हमें कभी भी बहुत जरूरत हो सकती है। यह एक संभवित पौधा खाने की औषधीय वस्तु या कोई उपयोगी चीज बनाने में इस्तेमाल होनेवाली कोई जरूरी वस्तु में से कुछ भी हो सकता है।1. एक अच्छा जंगल क्या कहलाता है? ।2. जंगल को ज्यादा छाँटने या खत्म करने से क्या नुकसान होता है?3. इस परिच्छेद को उचित शीर्षक दीजिए।

Answer»

1. एक अच्छा जंगल ‘जैविक भंडार घर’ कहलाता है।

2. जंगल को ज्यादा छाँटने या खत्म करने से अत्यंत उपयोगी और जरूरत के समय काम आनेवाली बहुमूल्य वस्तुएँ नष्ट हो जाती हैं।

3. उचित शीर्षक : जंगल की सुरक्षा – हमारा कर्तव्य

26.

तपस्विनी के अनुसार बालक का ‘सर्वदमन’ नाम सार्थक क्यों था?

Answer»

तपस्विनी के अनुसार बालक का ‘सर्वदमन’ नाम सार्थक था, क्योंकि वह वन के प्राणियों के बच्चों से निर्भीक होकर खेलता था।

27.

सर्वदमन के व्यवहारों को देखकर दुष्यंत के मन में कौन-कौन-से विचार आते थे?

Answer»

सर्वदमन का साहस, निर्भयता और बालहठ देखकर दुष्यंत बहुत आनंदित होते हैं। उनके मन में सर्वदमन के प्रति प्रेम उमड़ आता है। सर्वदमन के मुख पर अग्नि जैसी दमक देखकर उन्हें आश्चर्य होता है। उन्हें लगता है कि यह निश्चय ही किसी तेजस्वी वीर का पुत्र है। बालक के हाथ में चक्रवर्तियों जैसे लक्षण और उसकी कमल जैसी हथेली देखकर वे आनंद और आश्चर्य में डूब जाते हैं। सर्वदमन के हाथ से सिंहशावक छड़ाते समय वे बालक के हाथ का स्पर्श कर अत्यंत सुख का अनुभव करते हैं। वे सोचते हैं कि जब उन्हें इतना सुख होता है तो जिस भाग्यवान का यह बेटा है, उसे कितना सुख होगा। इस प्रकार सर्वदमन के व्यवहारों को देखकर दुष्यंत के मन में तरह-तरह के विचार आते थे।

28.

दुष्यंत सर्वदमन की हथेली को देखकर क्यों चकित रह गए?

Answer»

दुष्यंत सर्वदमन की हथेली को देखकर चकित रह गए, क्योंकि उसमें चक्रवर्तियों के लक्षण थे और कमल के समान सुंदर थी।

29.

दुष्यंत ने सर्वदमन के बारे में क्या अनुमान लगाया?

Answer»

दुष्यंत ने सर्वदमन के बारे में अनुमान लगाया कि यह बालक अवश्य किसी तेजस्वी वीर का पुत्र है।

30.

पहली तपस्विनी का नाम क्या था?A. सुव्रताB. नम्रताC. अमृताD. सुरुचि

Answer»

उत्तर : A. सुव्रता

31.

सर्वदमन क्या करना चाहता था?

Answer»

सर्वदमन सिंहशावक के दाँत गिनना चाहता था।

32.

भरत कौन थे? पिता की मृत्यु के समय वे कहाँ थे?

Answer»

भरत राजा दशरथ के पुत्र थे। पिता की मृत्यु के समय वे ननिहाल में थे।

33.

महर्षि कश्यप के पिता का नाम ………… था।A. विश्वामित्रB. मरीचिC. भृगुD. मतंग

Answer»

उत्तर : B. मरीचि

34.

दुष्यंत क्या जानने के लिए व्याकुल हैं?

Answer»

दुष्यंत को मालूम हो गया है कि बालक सर्वदमन की माँ का नाम ‘शकुंतला’ है। अब वे यह जानने के लिए व्याकुल है कि क्या यह शकुंतला उनकी  पत्नी है, जिसका उन्होंने त्याग कर दिया था।

35.

दुष्यंत के क्या कहने पर बालक ने सिंहशावक को छोड़ दिया?

Answer»

दुष्यंत ने बालक से कहा कि प्राणियों के बच्चों को सताना तपोवन के आचरण के विरुद्ध है और इससे तुम्हारे कुल की भी निंदा होती है। उनके ऐसा कहने पर बालक ने सिंहशावक को छोड़ दिया।

36.

दुष्यंत के अनुसार कौन-से मनुष्य धन्य हैं?

Answer»

दुष्यंत के अनुसार वे मनुष्य धन्य हैं जो अपने पुत्रों को गोद में लेकर उनके अंग की धूलि से अपनी गोद मैली करते हैं और उनके तुतले बोल सुनते हैं।