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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

आवश्यक तथा अनावश्यक ऐमीनो अम्ल क्या होते हैं? प्रत्येक प्रकार के दो उदाहरण दीजिए।

Answer»

(i) आवश्यक ऐमीनो अम्ल (Essential amino acids) : 

ऐमीनो अम्ल जिनकी आवश्यकता मानव स्वास्थ्य तथा वृद्धि के लिए होती है, लेकिन इनका संश्लेषण मनुष्य के शरीर में नहीं होता है, आवश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं; जैसे-वेलिन, ल्यूसीन, फेनिलऐलानीन आदि। 

(ii) अनावश्यक ऐमीनो अम्ल (Non-essential amino acids) : 

ऐमीनो अम्ल जिनकी आवश्यकता मानव स्वास्थ्य तथा वृद्धि के लिए होती है तथा जिनका संश्लेषण मानव शरीर में होता है, अनावश्यक ऐमीनो अम्ल कहलाते हैं; जैसे-ग्लाइसीन, ऐलानीन, ऐस्पार्टिक अम्ल आदि।

2.

कोशिका में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के RNA कौन-से हैं?

Answer»

कोशिका में तीन प्रकार के RNA पाए जाते हैं 

1. राइबोसोमल RNA (r-RNA) 

2. सन्देशवाहक RNA (m-RNA) 

3. स्थानान्तरण RNA (t-RNA)

3.

किस बैक्टीरिया की सहायता से पशु सेलुलोस को पचाते हैं। 

Answer»

1. फाइब्रोबैक्टर सक्सिनोजिनस (Fibrobactor succinoginus)। 

2. रूमिनोकस फ्लेवीफेशियन्स (Ruminocus flacifaciens)।

4.

मानव शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट्स का महत्त्व क्या है? 

Answer»

1. कार्बोहाइड्रेट्स पौधों तथा जन्तुओं दोनों के लिये आवश्यक हैं ये भोजन का मुख्य घटक हैं। 

2. मोनोसैकेराइड शरीर की उपापचयी क्रियाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

3.  ये शारीरिक ईंधन के रूप में कार्य करते हैं। 

4. ग्लूकोस शरीर के रक्त का एक मुख्य घटक है। 

5. कार्बोहाइड्रेट संचित ऊर्जा के रूप में कार्य करता है।

5.

रेशेदार तथा गोलिकाकार (globular) प्रोटीन को विभेदित कीजिए।

Answer»

(i) रेशेदार प्रोटीन (Fibrous proteins) :

जब पॉलिपेप्टाइड श्रृंखलाएँ समानान्तर होती हैं। तथा हाइड्रोजन एवं डाइसल्फाइड आबन्धों द्वारा संयुक्त रहती हैं तो रेशासम (रेशे जैसी) संरचना बनती है। इस प्रकार के प्रोटीन सामान्यत: जल में अविलेय होती हैं। रेशेदार प्रोटीन जन्तु ऊतकों की प्रमुख संरचनात्मक पदार्थ होती हैं। कुछ सामान्य उदाहरण किरेटिन (बाल, ऊन तथा रेशम में उपस्थित) तथा मायोसिन (मांसपेशियों में उपस्थित) आदि हैं। 

(ii) गोलिकाकार प्रोटीन (Globular proteins) : 

जब पॉलिपेप्टाइड की श्रृंखलाएँ कुण्डली बनाकर गोलाकृति प्राप्त कर लेती हैं तो ऐसी संरचनाएँ प्राप्त होती हैं। ये सामान्यतः जल में विलेय होती हैं क्योकि इनके अणु दुर्बल अन्तराअणुक बलों द्वारा जुड़े रहते हैं। इन्सुलिन तथा ऐल्बुमिन इनके सामान्य उदाहरण

6.

विटामिनों को किस प्रकार वर्गीकृत किया गया है? रक्त के थक्के जमने के लिए जिम्मेदार विटामिन का नाम दीजिए। 

Answer»

विटामिनों को जल या वसा में विलेयता के आधार पर दो वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है 

1. जल में विलेय विटामिन (Water soluble vitamins) : विटामिन B-कॉम्प्लेक्स तथा विटामिन Cl 

2. वसा में विलेय विटामिन (Fat soluble vitamins) : विटामिन A, D, E, K आदि। विटामिन K रक्त के थक्के जमने के लिए उत्तरदायी है।

7.

निम्न में से किस हॉर्मोन में आयोडीन होती है? (i) टेस्टेस्टोरेन(ii) ऐड्रीनेलिन (iii) थायरोक्सिन (iv) इन्सुलिन

Answer»

(iii) थायरोक्सिन

8.

स्टार्च तथा सेलुलोस के मोनोमरों में संरचनात्मक अन्तर क्या होता है।

Answer»

स्टार्च ऐमाइलोस (20%) तथा ऐमाइलोपेक्टिन (80%) से बना होता है तथा ये दोनों α – D -ग्लूकोस से बने होते हैं। सेलुलोस β – D -ग्लूकोस अणुओं का रैखिक (linear) बहुलक (polymer) होता है।

9.

डाइसैकेराइड क्या हैं? इनके प्रकार तथा किसी एक के रासायनिक परीक्षण भी लिखिए। 

Answer»

डाइसैकेराइड (Disaccharides) : 

जो कार्बोहाइड्रेट जल अपघटित करने पर मोनोसैकेराइड के दो अणु देते हैं, डाइसैकेराइड कहलाते हैं 

उदाहरण :

सुक्रोस, नाटोस, लैक्टोस। डाइसैकेराइड दो प्रकार के होते हैं 

1. अपचायी शर्कराएँ : जो शर्करा फेहलिंग विलयन को अपचयित करते हैं उन्हें अपचायी शर्करा कहते हैं; जैसे—माल्टोज और लैक्टोस 

2. अनपचयी शर्कराएँ : जो शर्करा फेहलिंग विलयन को अपचयित नहीं करते हैं उन्हें अनपचयी शर्करा कहते हैं; जैसे-सुक्रोस

परीक्षण : 

1. डाइसैकेराइड भी अन्य कार्बोहाड्रेट की तरह मॉलिश परीक्षण देते हैं।

2.सुक्रोस फेहलिग विलयन को अपचयित नहीं करता जबकि माल्टोस और लेक्टोस फेहलिंग विलयन को अपचयित करता है।

10.

कार्बोहाइड्रेट को परिभाषित कीजिए। 

Answer»

कार्बोहाइड्रेट ध्रुवण घूर्णक पॉलीहाइड्रॉक्सी ऐल्डिहाइड या कीटोन होते हैं या वे पदार्थ होते हैं जो जल-अपघटित होकर मोनोसैकेराइड के कई अणु देते हैं।

11.

मोनोसैकेराइड क्या होते हैं?

Answer»

वे कार्बोहाइड्रेट जो छोटे अणुओं में जल – अपघटित नहीं हो सकते, मोनोसैकेराइड कहलाते हैं।

12.

जब RNA का जल-अपघटन किया जाता है तो प्राप्त क्षारकों की मात्राओं के मध्य कोई सम्बन्ध नहीं होता। यह तथ्य RNA की संरचना के विषय में क्या संकेत देता है?

Answer»

DNA अणु में दो कुण्डलिनियों (strands) में चार पुरक क्षारक परस्पर युग्म बनाए रखते हैं जैसे साइटोसीन (C) सदैव ग्वानीन (G) के साथ युग्म बनाता है, जबकि थायमीन (T) सदैव ऐडेनीन के साथ युग्म बनाता है। इसलिए जब एक DNA अणु जल-अपघटित होता है, तब साइटोसीन की मोलर मात्राएँ सदैव ग्वानीन के तुल्य तथा इसी प्रकार ऐडेनीन की सदैव थायमीन के तुल्य होती हैं। RNA में भी चार क्षारक होते हैं जिनमें प्रथम तीन DNA के समान, परन्तु चौथा क्षारक यूरेसिल (U) होता है। चूंकि RNA में प्राप्त चारों क्षारकों (C,G, A तथा U) की मात्राओं के मध्य कोई सम्बन्ध नहीं होता है, इसलिए क्षारक-युग्मन सिद्धान्त (अर्थात् A के साथ U तथा C के साथ G का युग्म) का पालन नहीं होता है, इससे यह संकेत मिलता है कि DNA के विपरीत RNA में एक कुण्डलिनी होती है

13.

विटामिन A व C हमारे लिए आवश्यक क्यों हैं? उनके महत्त्वपूर्ण स्रोत दीजिए।

Answer»

विटामिन A की कमी से जीरोफ्थैल्मिया (xerophthalmia) तथा रतौंधी (night blindness) हो जाते हैं, अत: इसका प्रयोग हमारे लिए आवश्यक होता है। 

(i) स्रोत (Sources) : 

मछली के यकृत का तेल, गाजर, मक्खन तथा दूध। विटामिन C की कमी से स्कर्वी (scurvy) तथा पायरिया हो जाता है। 

(ii) स्रोत (Sources) : 

नींबू, आँवला, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अंकुरित अनाज आदि।

14.

विटामिन A तथा विटामिन D के क्या स्रोत हैं? शरीर में इनकी कमी से कौन-सी बीमारियाँ हो सकती हैं? 

Answer»

(i) विटामिन A के मुख्य स्रोत : 

दूध, कॉड मछली का तेल, पालक, पपीता, गाजर, टमाटर आदि। इसकी कमी से शरीर की वृद्धि रुक जाती है और रतौंधी नामक नेत्ररोग हो जाता है। 

(ii) विटामिन D के मुख्य स्रोत : 

सूर्य का प्रकाश, मक्खन, घी, अण्डे, मछली का तेल आदि। विटामिन D की कमी से हड्डियाँ कमजोर, लचीली और टेढ़ी पड़ जाती हैं और रिकेट्स नामक रोग हो जाता है। इसकी कमी से दाँत भी कमजोर हो जाते हैं।

15.

विटामिन C का रासायनिक नाम तथा अणुसूत्र लिखिए। शरीर में इस विटामिन की कमी होने पर क्या हानि होती है?

Answer»

विटामिन C का रासायनिक नाम ऐस्कॉर्बिक ऐसिड है तथा इसका अणुसूत्र C6H806 है। इस विटामिन के अभाव से स्कर्वी रोग हो जाता है, हड्डियाँ भंगुर होने लगती हैं तथा मसूड़े फूल जाते हैं और उनमें से रक्त आने लगता है तथा दाँत ढीले होकर गिरने लगते हैं। गर्म करने पर यह विटामिन नष्ट हो जाता है परन्तु आँवले में पाया जाने वाला विटामिन C गर्मी से नष्ट नहीं होता है। जल में अत्यधिक विलेय होने के कारण यह मूत्र के साथ शीघ्र उत्सर्जित हो जाता है तथा हमारे शरीर में संचित नहीं हो पाता। स्रोत-नींबू, आँवला, नारंगी, टमाटर, फल आदि।

16.

निम्न में से कौन-सा यौगिक बाइयूरेट परीक्षण नहीं देता है?(i) कार्बोहाइड्रेट (ii) पॉलीपेप्टाइड (iii) यूरिया (iv) प्रोटीन

Answer»

(i) कार्बोहाइड्रेट

17.

ग्लूकोस फेनिलहाइड्राजीन के आधिक्य से क्रिया करके बनाता है (i) ग्लूकोसाजोन (ii) ग्लूकोस फेनिलहाइड्राजीन (iii) ग्लूकोस ऑक्सिम (iv) सोरबिटॉल

Answer»

(i) ग्लूकोसाजोन

18.

ग्लूकोस तथा सुक्रोस जल में विलेय हैं, जबकि साइक्लोहेक्सेन अथवा बेन्जीन (सामान्य छह सदस्यीय वलय युक्त यौगिक) जल में अविलेय होते हैं। समझाइए।

Answer»

ग्लूकोस तथा सुक्रोस में क्रमश: 5 तथा 8 –OH समूह होते हैं। ये जल के अणुओं के साथ हाइड्रोजन आबन्ध बनाते हैं। अत्यधिक H- आबन्धन के कारण ग्लूकोस तथा सुक्रोस जल में विलेय हैं। दूसरी ओर, साइक्लोहेक्सेन में –OH समूह नहीं होते हैं। यह जल के साथ हाइड्रोजन आबन्ध नहीं बनाता है, अतएव इसमें अविलेय रहता है।

19.

ग्लूकोस के दो रासायनिक परीक्षण लिखिए। 

Answer»

1. शुष्क परखनली में ग्लूकोस गर्म करने पर पिघलता है और फिर भूरा पड़ जाता है तथा जली शर्करा की-सी गन्ध आती है। 

2. अमोनियामय सिल्वर नाइट्रेट विलयन के साथ ग्लूकोस चाँदी का दर्पण देता है।

20.

स्टार्च तथा ग्लूकोस में दो अन्तर बताइए। 

Answer»

स्टार्च तथा ग्लूकोस में प्रमुख अन्तर निम्नवत् हैं 

1. स्टार्च फेहलिंग विलयन के साथ गर्म करने पर क्यूप्रस ऑक्साइड का लाल अवक्षेप नहीं बनाता है, जबकि ग्लूकोस बनाता है। 

2. स्टार्च टॉलेन अभिकर्मक के साथ गर्म करने पर सिल्वर दर्पण नहीं बनाता है जबकि ग्लूकोस बनाता

21.

बन्ध्यारोधी विटामिन है (i) विटामिन D (ii) विटामिन B समूह (iii) विटामिन E (iv) विटामिन A

Answer»

(iii) विटामिन E

22.

मोलिश परीक्षण क्या है? 

Answer»

यह कार्बोहाइड्रेट का परीक्षण है। एक परखनली में ग्लूकोस का जलीय विलयन लेकर उसमें 2 मिली 2-नैफ्थॉल का ऐल्कोहॉलिक विलयन मिलाकर उसमें कुछ बूंद सान्द्र H2SO4 की डालने पर दो द्रवों के बीच बैंगनी रंग का वलय बनता है।

23.

निम्न में से कौन-सा परीक्षण प्रोटीनों के लिए नहीं किया जाता है? (i) मिलन परीक्षण (ii) मोलिश परीक्षण (iii) बाइयूरेट परीक्षण (iv) निनहाइडूिन परीक्षण

Answer»

(ii) मोलिश परीक्षण

24.

DNA की द्विकुण्डलीत संरचना का कारण है (i) स्थिर विद्युत आकर्षण (ii) वाण्डरवाल्स बल (iii) द्विध्रुव-द्विध्रुव अन्योन्यक्रियाएँ (iv) हाइड्रोजन आबन्धन

Answer»

(iv) हाइड्रोजन आबन्धन

25.

विटामिन A का अणुसूत्र क्या है ? इसकी कमी से क्या हानि होती है?

Answer»

विटामिन A का अणुसूत्र C20H29OH है। इसकी कमी से शरीर की वृद्धि रुक जाती है और रतौंधी नामक नेत्र रोग हो जाता है।

26.

उन बीमारियों के नाम बताइए जो विटामिन ‘B’ की कमी के कारण उत्पन्न होती हैं। इसके दो स्रोत भी लिखिए। या विटामिन B का क्या महत्त्व है? या विटामिन बी कॉम्प्लेक्स पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

Answer»

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स जल में विलेय कई विटामिनों B, B2, B6, B12 आदि का जटिल मिश्रण है। आजतक लगभग 12 विटामिन B ज्ञात हैं और इनको B1, B2,…., B6…. B12 आदि कहा जाता है। बेरी-बेरी का रोग विटामिन B1 के अभाव से होता है। विटामिन B2 की कमी से त्वचा के रोग हो जाते हैं। विटामिन B12 की कमी से ऐनीमिया हो जाता है। अधिक कमी होने पर स्नायविक दोष हो जाते हैं। इनकी कमी से बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाता है। यह विटामिन खमीर में अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त दाल, अनाज, पत्तेदार तरकारियाँ, दूध के पदार्थ, माँस, कलेजी, अण्डे आदि इसके मुख्य स्रोत हैं।

27.

सुक्रोस का रासायनिक सूत्र लिखिए। शुष्क अवस्था में गर्म करने का इस पर क्या प्रभाव होता है? 

Answer»

सुक्रोस का रासायनिक सूत्र  C12H22O11 है। शुष्क अवस्था में गर्म करने पर यह भूरे रंग का पदार्थ बनाता है।

28.

बायर अभिकर्मक का उपयोग किया जाता है(i) ऑक्सीकरण के लिए (ii) द्वि-बन्ध की जाँच के लिए (iii) ग्लूकोस की जाँच के लिए (iv) अपचयन के लिए।

Answer»

(i) ऑक्सीकरण के लिए

29.

DNA में पाये जाने वाले पिरीमिडीन क्षार हैं (i) साइटोसीन तथा ऐडेनीन (ii) साइटोसीन तथा ग्वानीन (iii) साइटोसीन तथा थायमीन (iv) साइटोसीन तथा यूरेसिल

Answer»

(iii) साइटोसीन तथा थायमीन

30.

अपचायी शर्करा क्या होती है?

Answer»

कार्बोहाइड्रेट जो टॉलेन अभिकर्मक को अपचयित करते हैं तथा फेहलिंग विलयन के साथ लाल अवक्षेप देते हैं, अपचायी शर्कराएँ कहलाते हैं। सभी मोनोसैकेराईड (ऐल्डोस तथा कीटोस) तथा डाइसैकेराइड (सुक्रोस को छोड़कर) अपचायी शर्कराएँ हैं।

31.

शरीर में आरक्षित ग्लूकोस के रूप में कार्य करने वाला कार्बोहाइड्रेट है(i) सुक्रोस (ii) स्टार्च (iii) ग्लाइकोजन (iv) फ्रक्टोस

Answer»

(iii) ग्लाइकोजन

32.

प्रोटीन क्या हैं? इनके महत्त्वपूर्ण उपयोग लिखिए। 

Answer»

प्रोटीन : 

प्रोटीन उच्च अणुभार वाले नाइट्रोजन युक्त जटिल कार्बनिक यौगिक हैं जो वनस्पति तथा जन्तु दोनों में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं और जल अपघटन पर 2-ऐमीनो अम्ल देते हैं। ये सभी जीव-जन्तुओं के शरीर का प्रमुख अवयव हैं। जन्तु शरीर का लगभग 19% भाग प्रोटीन का बना होता है। प्रोटीनों के उपयोग 

1. आहार के रूप में : यह भोजन का आवश्यक अंग हैं; जैसे-अण्डा, मांस, दाल इत्यादि। 

2. एन्जाइम : समस्त एन्जाइम प्रोटीन हैं। 

3. हॉर्मोन : शरीर की अनेक आवश्यक क्रियाओं में भाग लेने वाले पदार्थ प्रोटीन ही हैं। 

4. वस्त्रों में : केसीन (casein) का उपयोग कृत्रिम ऊन और रेशम के बनाने में किया जाता है। इसके अतिरिक्त केसीन प्लास्टिक का उपयोग बटन बनाने में किया जाता है। 

5. औषधियों में : जिलेटिन का उपयोग कैप्सूल (capsules) और फोटोग्राफी की फिल्म तथा प्लेट बनाने में किया जाता है। दवाइयों में प्रयुक्त होने वाले ऐमीनो अम्ल प्रोटीन से प्राप्त किए जाते हैं। 

6. चमड़ा उद्योग में : चमड़े का निर्माण जानवरों की खालों की प्रोटीनों की कमाई (tanning) करके किया जाता है।

33.

न्यूक्लीक अम्ल क्या होते हैं? इनके दो महत्त्वपूर्ण कार्य लिखिए।

Answer»

न्यूक्लीक अम्ल वे जैव-अणु होते हैं जो सभी जीवित कोशिकाओं के नाभिकों में न्यूक्लियो- प्रोटीन अथवा क्रोमोसोम के रूप में पाए जाते हैं। न्यूक्लीक अम्ल मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं—डिऑक्सीराइबोस न्यूक्लीक अम्ल (DNA) तथा राइबोसन्यूक्लीक अम्ल (RNA)। चूंकि न्यूक्लीक अम्ल न्यूक्लियोटाइडों की लम्बी श्रृंखला वाले बहुलक होते हैं, अतः इन्हें पॉलिन्यूक्लियोटाइड भी कहते हैं। न्यूक्लीक अम्लों के दो महत्त्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं 

(i) DNA आनुवंशिकता का रासायनिक आधार है तथा इसे आनुवंशिक सूचनाओं के संग्राहक के रूप में जाना जाता है। DNA लाखों वर्षों से किसी जीव की विभिन्न प्रजातियों की पहचान बनाए रखने के लिए विशिष्ट रूप से उत्तरदायी है। कोशिका विभाजन के समय एक DNA अणु स्वप्रतिकरण (self replication) में सक्षम होता है तथा पुत्री कोशिका में समान DNA रज्जुक का अन्तरण होता है। 

(ii) न्यूक्लीक अम्ल (DNA तथा RNA) का दूसरा महत्त्वपूर्ण कार्य कोशिका में प्रोटीन का संश्लेषण है। वास्तव में कोशिका में प्रोटीन का संश्लेषण विभिन्न RNA अणुओं द्वारा होता है, परन्तु किसी विशेष प्रोटीन के संश्लेषण का सन्देश DNA में उपस्थित होता है।

34.

लिपिड क्या हैं? इनके मुख्य कार्य क्या हैं? 

Answer»

वे वसा और तेल जो जन्तुओं एवं वनस्पतिओं से प्राप्त होते हैं उन्हें लिपिड वर्ग के अन्तर्गत रखा गया है। लिपिड जल में अविलेय कार्बनिक पदार्थ हैं जो निम्न ध्रुवण के कार्बनिक विलायकों (जैसे-ईथर, क्लोरोफॉर्म) में विलेय होते हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण लिपिड इस प्रकार हैं 

1. वसा और तेल 

2. फॉस्फोलिपिड

3. स्टेरॉयड 

4. टर्मीन्स

लिपिड के कार्य : 

1. कार्बोहाइड्रेट तथा प्रोटीन के अभाव में शरीर को ऊर्जा प्रदान करना। 

2. शरीर के ताप को नियन्त्रित करना। 

3. स्टेरॉयड कोशिका झिल्ली के घटक हैं। 

4. ये हॉर्मोन्स विकास, वृद्धि, पोषण, जनन क्षमता को नियन्त्रित करते हैं।

35.

सुक्रोस (sucrose) है एक(i) मोनोसैकेराइड (ii) डाइसैकेराइड (iii) ट्राइसैकेराइड (iv) पॉलिसैकेराइड

Answer»

(i) डाइसैकेराइड

36.

सेलुलोस (cellulose) है एक(i) मोनोसैकेराइड (ii) डाइसैकेराइड (iii) ट्राइसैकेराइड (iv) पॉलिसैकेराइड

Answer»

(iv) पॉलिसैकेराइड

37.

न्यूक्लियोसाइड तथा न्यूक्लियोटाइड में क्या अन्तर होता है? 

Answer»

1. न्यूक्लियोसाइड (Nucleosides) : 

न्यूक्लियोसाइड में न्यूक्लिक अम्ल के दो आधारीय घटक होते हैं—पेण्टोस शर्करा तथा एक नाइट्रोजनी क्षारक। नाइट्रोजनी क्षारक + पेन्टोस शर्करा → न्यूक्लियोसाइड उपस्थित शर्करा के आधार पर न्यूक्लियोसाइड राइबोसाइड तथा डीऑक्सीराइबोसाइड प्रकार के होते हैं। 

2. न्यूक्लियोटाइड (Nucleotides) :

 न्यूक्लियोटाइड में न्यूक्लिक अम्लों के तीनों घटक अर्थात् H3 PO4, पेण्टोस शर्करा तथा नाइट्रोजनी क्षारक पाए जाते हैं। नाइट्रोजनी क्षारक + पेन्टोस शर्करा + H3 PO4 → न्यूक्लियोटाइड  या  न्यूक्लियोसाइड + H3 PO4 →न्यूक्लियोटाइड उपस्थित शर्करा के प्रकार के आधार पर न्यूक्लियोटाइड दो प्रकार के होते हैं 

1. राइबोन्यूक्लियोटाइड 

2. डीऑक्सीराइबोन्यूक्लियोटइड।

38.

विटामिन E की कमी से होने वाले रोग का नाम बताइए तथा इसके दो स्रोत लिखिए। 

Answer»

विटामिन E की कमी से पेशियों में अपह्यसन होता है तथा जन्तुओं में बन्ध्यता रोग उत्पन्न होता है। विटामिन E गेहूँ के अंकुर के तेल, बिनौले के तेल आदि में पाया जाता है।

39.

ग्लूकोस में ऐल्डिहाइड समूह के अतिरिक्त होता है (i) एक द्वितीयक तथा चार प्राथमिक –OH समूह (ii) एक प्राथमिक तथा चार द्वितीयक –OH समूह (iii) दो प्राथमिक -OH तथा तीन द्वितीयक –OH समूह (iv) तीन प्राथमिक –OH तथा दो द्वितीयक –OH समूह

Answer»

(ii) एक प्राथमिक तथा चार द्वितीयक –OH समूह

40.

निम्नलिखित को मोनोसैकेराइड तथा डाइसैकेराइड में वर्गीकृत कीजिएराइबोस, 2-डिऑक्सीराइबोस, माल्टोस, गैलेक्टोस, फ्रक्टोस तथा लैक्टोस

Answer»

1. मोनोसैकेराइड :राइबोस, 2-डीऑक्सीराइबोस, गैलेक्टोस, तथा फ्रक्टोस। 

2. डाइसैकेराइड :माल्टोस तथा लैक्टोस।

41.

सूर्य की किरणों की उपस्थिति में त्वचा के द्वारा कौन-सा विटामिन संश्लेषित होता है और कैसे? 

Answer»

सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में त्वचा में स्थित अगस्टीरॉल, अल्ट्रा-वायलेट किरणों के प्रभाव में विटामिन D2 में परिवर्तित हो जाता है।

42.

यदि DNA के थायमीनयुक्त न्यूक्लियोटाइड का जल-अपघटन किया जाए तो कौन-कौन से उत्पाद बनेंगे?

Answer»

2-डीऑक्सी-D-राइबोस, फॉस्फोरिक अम्ल तथा थायमीन।

43.

लैक्टोस के तनु अम्ल के साथ जल-अपघटन में प्राप्त होता है (i) D-ग्लूकोस तथा D.ग्लूकोस का सममोलर मिश्रण। (ii) D-ग्लूकोस तथा D-गैलेक्टोस को सममोलर मिश्रण (iii) D-ग्लूकोस तथा D-फ्रक्टोस का सममोलर मिश्रण (iv) L-ग्लूकोस तथा D.फ्रक्टोस को सममोलर मिश्रण

Answer»

(ii) D-ग्लूकोस तथा D-गैलेक्टोस का सममोलर मिश्रण

44.

हमारे शरीर में विटामिन C संचित क्यों नहीं होता?

Answer»

विटामिन C (ऐस्कॉर्बिक अम्ल) जल में विलेय होता है। यह शीघ्र ही मूत्र के साथ उत्सर्जित हो जाता है तथा हमारे शरीर में संचित नहीं रह सकता है।

45.

अण्डे को उबालने पर उसमें उपस्थित जल कहाँ चला जाता है?

Answer»

उबालने पर अण्डे में उपस्थित प्रोटीनों का पहले विकृतिकरण और फिर स्कंदन हो जाता है। इन स्कंदित प्रोटीनों द्वारा जल अवशोषित या अधिशोषित हो जाता है।