InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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                                    दिलीप के लिए क्या देखना असंभव था ? | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप ने लड़के की कोठरी में भीषण गरीबी का दृश्य देखा। माँ स्वयं भूखी रहकर लड़के को दो सूखी रोटियाँ खाने को दे रही थी। लड़का जानता था कि उसकी मां भी भूखी है। उसने एक रोटी माँ को दी, पर माँ ने भूख न होने का बहाना करके वह रोटी बेटे को दे दी। घोर अभावों में भी अपनेपन के इस दृश्य ने दिलीप के हृदय को पिघला दिया। इसलिए और कुछ देखना उसके लिए असंभव था।  | 
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                                    “काश! तुम जानती, दु:ख किसे कहते हैं…. तुम्हारा यह रसीला दुःख तुम्हें न मिले तो जिन्दगी दूभर हो जाए।” | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप ने झोंपड़ी में बच्चे और उसकी माँ की गरीबी में है उसकी कंगाली का दुःख देखा था। दिलीप को उस दुःख के सामने है अपनी पत्नी हेमा का दुःख नगण्य लगता है। वह सोचता है कि काश! हेमा ने सच्चा दुःख देखा होता। तब उसे पता चलता कि दुःख क्या होता है। जिसे दुःख मानकर वह तुनककर मायके चली गई है वह दुःख दुःख नहीं कहा जा सकता। ऐसी बातें जीवन में होती रहनेवाली आम बातें हैं।  | 
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                                    लड़का सभी ढेरियां कम पैसे में देने को क्यों तैयार नहीं हुआ? | 
                            
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                                   Answer»  लड़का सभी ढेरियाँ कम पैसे में देने को तैयार नहीं हुआ, है क्योंकि उसे माँ के बिगड़ने का डर था।  | 
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| 4. | 
                                    लड़का क्या बेच रहा था? | 
                            
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                                   Answer»  लड़का थाली में कागज के आठ टुकड़ों पर आठ, ढेरियाँ : लगाकर पकौड़े बेच रहा था।  | 
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| 5. | 
                                    लड़के की कोठरी कैसी थी ? | 
                            
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                                   Answer»  लड़के की कोठरी की ऊँचाई आदमी के कद जितनी थी। धुओं उगलती मिट्टी के तेल की ढिबरी कोठरी में धुंधला प्रकाश फैला रही थी। एक छोटी चारपाई काली दीवार के सहारे खड़ी थी। उसके पाये से दो-एक मैले कपड़े लटक रहे थे। इस तरह लड़के की कोठरी परिवार की दुर्दशा का करुण चित्र प्रस्तुत कर रही थी।  | 
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| 6. | 
                                    जगतू के अद्भुत नमूने क्या हैं ? | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप रात को साढ़े नौ बजे मिटो पार्क से सुनसान मार्ग से घर लौट रहा था। मनुष्यों के अभाव की परवाह न करके सड़क के किनारे स्तब्ध खड़े बिजली के लैम्पों के प्रकाश में लाखों पतंगे गोल बाँध-बाँधकर नृत्य कर रहे थे। इन्हें देखकर उसे लगा, ये जगत के अद्भुत नमूने हैं।  | 
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| 7. | 
                                    लड़के की माँ बाबू के यहाँ क्या करती थी? | 
                            
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                                   Answer»  लड़के की मां बाबू के घर चौका-बर्तन करती थी।  | 
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| 8. | 
                                    लड़के की माँ को काम से क्यों हटा दिया गया था? | 
                            
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                                   Answer»  लड़के की माँ एक बाबू के यहाँ ढाई सौ रुपए प्रति माह पर चौका-बर्तन का काम करती थी। जगतू की मां ने बाबू से कहा कि वह दो सौ रुपए में सब काम कर देगी। इसलिए बाबू की घरवाली ने उसे काम पर रख लिया और लड़के की माँ को हटा दिया।  | 
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| 9. | 
                                    बिजली के लैम्प किस भाव से प्रकाश डाल रहे थे ? | 
                            
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                                   Answer»  बिजली के लैम्प निष्काम और निर्विकार भाव से अपना प्रकाश डाल रहे थे।  | 
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| 10. | 
                                    स्कूल वालों ने जगतू की माँ को क्यों निकाला ? | 
                            
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                                   Answer»  जगतू की माँ स्कूल में लड़कियों को घर से बुलाकर लाती थी। स्कूलवालों ने लड़कियों को घर से लाने के लिए मोटर रख ली। इसलिए स्कूलवालों ने जगतू की माँ को निकाल दिया।  | 
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| 11. | 
                                    वृक्षों के भीगे पत्ते बिजली के प्रकाश में …………. रहे थे।(क) चमचमा(ख) दमक(ग) दिमदिमा(घ) जगमगा | 
                            
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                                   Answer»  वृक्षों के भीगे पत्ते बिजली के प्रकाश में चमचमा रहे थे।  | 
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| 12. | 
                                    नृत्य करते पतंगे कैसे दिख रहे थे ? | 
                            
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                                   Answer»  कई घंटे एकांत में रहने के बाद दिलीप घर लौट रहा था। सड़क लगभग सुनसान थी। मनुष्य के अभाव की कुछ भी परवाह न करके लाखों पतंगे बिजली के लैम्पों के चारों ओर नृत्य कर रहे थे। प्रत्येक पतंगा एक नक्षत्र की तरह अपने मार्ग पर चक्कर काट रहा था। कोई दाएं, कोई बाएँ तो कोई विपरीत गति में चक्कर काट रहा था, पर कोई किसी से टकराता नहीं था। वे उसी तरह दिख रहे थे जैसे तमाम ग्रह, उपग्रह, नक्षत्र आदि बिना आपस में टकराए गति करते हैं।  | 
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| 13. | 
                                    हेमा अपनी माँ के घर क्यों चली गई ? | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप हेमा की सहेली के साथ सिनेमा देख आया, इसलिए : हेमा रूठ गई और अपनी माँ के घर चली गईं।  | 
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| 14. | 
                                    दिलीप चुपचाप …………. की तरह अपने दुख को सहेगा।(क) वीर(ख) बहादुर(ग) शहीद(घ) योद्धा | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप चुपचाप शहीद की तरह अपने दुःख को सहेगा।  | 
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| 15. | 
                                    स्त्री मैली-सी ………….. में शरीर लपेदे बैठी थी।(क) साड़ी(ख) धोती(ग) चादर(घ) कंबल | 
                            
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                                   Answer»  स्त्री मैली-सी धोती में शरीर लपेटे बैठी थी।  | 
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| 16. | 
                                    दिलीप के मन में क्षोभ का अंत न रहा, क्यों ? | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप ने हेमा को पूरी स्वतंत्रता दी थी। वह उसका बहुत आदर करता था। हेमा के प्रति उसके मन में अत्यन्त प्रेम था। इसके बावजूद वह हेमा को सन्तुष्ट न कर सका। वह हेमा की सहेली के साथ सिनेमा देख आया तो वह दिनभर रूठी रही और दूसरे दिन अपने मायके चली गई। हेमा के ऐसे व्यवहार से खिन्न होकर दिलीप के क्षोभ का अंत न रहा।  | 
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| 17. | 
                                    दिलीप ने पत्र फाड़कर क्यों फेंक दिया ? | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप ने खोमचेवाले बच्चे के जोंपड़े में अपनी आँखों से ‘दु:ख’ को प्रत्यक्ष रूप से देखा था। उसकी नजर में सच्चा दु:ख वही था। उसने सोचा कि काश! हेमा (उसकी पत्नी) यह समझ पाती कि दुःख किसे कहते हैं। उस दुःख के सामने हेमा का दुःख कोई माने नहीं रखता था। इसलिए दिलीप ने पत्र फाड़कर फेंक दिया।  | 
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| 18. | 
                                    दिलीप को समीप खड़ा देख लड़के ने क्या कहा ? | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप को समीप खड़ा देख लड़के ने कहा – ‘एक-एक पैसे में एक-एक ढेरी।’  | 
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| 19. | 
                                    दिलीप ने …………. फाड़कर फेंक दिया।(क) पत्र(ख) लिफाफा(ग) पन्ना(घ) अर्जी | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप ने पत्र फाड़कर फेंक दिया।  | 
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| 20. | 
                                    दिलीप घर से बाहर क्यों चला गया? | 
                            
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                                   Answer»  दूसरों के साथ अप्रिय चर्चा टालने के इरादे से दिलीप घर से बाहर चला गया।  | 
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| 21. | 
                                    मनुष्य के बिना भी संसार कितना व्यस्त और रोचक है। | 
                            
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                                   Answer»  दिलीप एकांत की खोज में मिंटो पार्क में गया था। वहाँ से लौटते समय उसे कोई व्यक्ति दिखाई नहीं दिया, पर सड़क के किनारेवाले बिजली के लैम्पों के चारों ओर लाखों पतंगे गोल बांधकर नृत्य कर रहे थे। लैम्प के नीचे से आगे बढ़ने पर उसकी छोटी परछाई उसके आगे फैलती जा रही थी। पेड़ों की टहनियों की परछाई उसके ऊपर से निकल रही थी। भीगे पत्ते लैम्पों की किरणों से चमक रहे थे। यह सब देखकर दिलीप को लगा कि मनुष्य के बिना भी संसार कितना व्यस्त और रोचक है।  | 
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