

InterviewSolution
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1. |
महावीरप्रसाद द्विवेदी द्वारा सम्पादित पत्रिका है (क) प्रदीप(ख) इन्दु(ग) प्रभा(घ) सरस्वती |
Answer» सही विकल्प है (घ) सरस्वती |
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2. |
आधुनिक ढंग की कहानियों को प्रारम्भ किस पत्रिका के प्रकाशन काल से माना जाता है ?(क) सरस्वती(ख) माधुरी(ग) इन्दु(घ) मर्यादा |
Answer» सही विकल्प है (क) सरस्वती |
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3. |
‘इन्दु’, ‘सुदर्शन’, ‘समालोचक’, ‘प्रभा’, ‘मर्यादा’ और ‘माधुरी’ पत्रिकाएँ किस युग में प्रकाशित हुई ?(क) भारतेन्दु युग में(ख) द्विवेदी युग में(ग) छायावाद युग में(घ) छायावादोत्तर युग में |
Answer» सही विकल्प है (ख) द्विवेदी युग में |
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4. |
‘रणधीर’ और ‘प्रेम मोहिनी’ नाट्य कृतियों के नाटककार हैं-(क) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र(ख) प्रतापनारायण मिश्र(ग) बालकृष्ण भट्ट(घ) लाला श्रीनिवास दास |
Answer» सही विकल्प है (घ) लाला श्रीनिवास दास |
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5. |
बालकृष्ण भट्ट द्वारा सम्पादित पत्रिका है (क) हिन्दी प्रदीप(ख) इन्दु(ग) माधुरी(घ) प्रभा |
Answer» सही विकल्प है (क) हिन्दी प्रदीप |
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6. |
भारतेन्दु युग में प्रकाशित ‘आनन्द कादम्बिनी’ नामक पत्रिका के सम्पादक थे (क) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र(ख) बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’(ग) राय कृष्णदास(घ) धर्मवीर भारती |
Answer» सही विकल्प है (ख) बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’ |
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7. |
‘मिशन इण्डिया’ पुस्तक के लेखक हैं-(क) पं० जवाहरलाल नेहरू(ख) प्रणब मुखर्जी(ग) अब्दुल कलाम(घ) गांधी जी |
Answer» सही विकल्प है (ग) अब्दुल कलाम |
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8. |
कहानी की मुख्य विशेषताएँ बताइए। |
Answer» ⦁ लघु कथानक, |
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9. |
नयी कहानी की क्या विशेषताएँ हैं ? |
Answer» नयी कहानी जीवन के किसी मार्मिक तथ्य को नाटकीय प्रभाव के साथ व्यक्त करती है तथा उसमें यथार्थता एवं मनोवैज्ञानिकता होती है। |
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10. |
निम्नलिखित आत्मकथाओं के लेखकों के नाम लिखिए (1) अपनी कहानी एवं (2) मेरी असफलताएँ। |
Answer» (1) वृन्दावनलाल वर्मा एवं |
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11. |
जयशंकर प्रसाद की प्रमुख कहानियों के नाम लिखिए। |
Answer» आकाशदीप, पुरस्कार, ममता, आँधी, इन्द्रजाल, छाया, प्रतिध्वनि आदि जयशंकर प्रसाद की प्रमुख कहानियाँ हैं। |
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12. |
स्वतन्त्रता के पश्चात् के प्रमुख कहानीकारों के नाम लिखिए। |
Answer» स्वतन्त्रता के पश्चात् के प्रमुख कहानीकारों में विष्णु प्रभाकर, कमलेश्वर, राजेन्द्र यादव, मोहन राकेश, निर्मल वर्मा आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। |
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13. |
हिन्दी के दो कहानी-संग्रहों और उनके लेखकों के नाम लिखिए। |
Answer» हिन्दी कहानियों के दो संग्रहों के नाम हैं-‘आकाशदीप’ तथा ‘ज्ञानदान’। इनके लेखकों के नाम क्रमशः हैं—जयशंकर प्रसाद तथा यशपाल। |
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14. |
आत्मकथा विधा की प्रमुख रचनाओं और उनके लेखकों के नाम लिखिए। |
Answer» आत्मकथा विधा से सम्बन्धित प्रमुख रचनाएँ और उनके लेखक हैं— ⦁ कुछ आप बीती, कुछ जग बीती (भारतेन्दु हरिश्चन्द्र), |
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15. |
ब्रजभाषा गद्य का सूत्रपात किस वर्ष के आस-पास हुआ ? |
Answer» ब्रजभाषा गद्य का सूत्रपात संवत् 1400 वि० (सन् 1343 ई०) के आस-पास हुआ। |
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16. |
प्रेमचन्दोत्तर किन्हीं दो कहानीकारों के नाम लिखिए। |
Answer» प्रेमचन्दोत्तर कथाकारों में यशपाल एवं जैनेन्द्र कुमार प्रमुख हैं। |
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17. |
प्रेमचन्द के समकालीन कहानीकारों में से किन्हीं दो के नाम लिखिए। |
Answer» राजा राधिकारमण प्रसाद सिंह एवं विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ प्रेमचन्द के समकालीन कहानीकार थे। इनकी कहानियों में क्रमशः ‘कानों में कॅगना’ एवं ‘कलाकार का दण्ड’ लोकप्रिय हैं। |
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18. |
हिन्दी के प्रमुख भावात्मक निबन्धकारों के नाम लिखिए। |
Answer» हिन्दी के भावात्मक निबन्ध लिखने वालों में वियोगी हरि, सरदार पूर्णसिंह, राय कृष्णदास, रघुवीर सिंह, महादेवी वर्मा, रामवृक्ष बेनीपुरी तथा विद्यानिवास मिश्र प्रमुख हैं। |
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19. |
छायावादी युग के दो साहित्यकारों के नाम लिखिए।याकिन्हीं दो छायावादी लेखकों तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए। |
Answer» ⦁ जयशंकर प्रसाद-चन्द्रगुप्त तथा |
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20. |
रेखाचित्र अथवा आत्मकथा की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। |
Answer» रेखाचित्र— आत्मकथा— |
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21. |
निम्नलिखित में कौन-सा निबन्ध-संग्रह नहीं है ?(क) भारत की एकता(ख) पृथिवी-पुत्र(ग) कल्पवृक्ष(घ) पाणिनिकालीन भारतवर्ष |
Answer» सही विकल्प है (घ) पाणिनिकालीन भारतवर्ष |
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22. |
आधुनिक युग के किन्हीं दो कहानीकारों के नाम लिखिए।याप्रेमचन्द के बाद के किन्हीं दो प्रमुख कहानीकारों के नाम लिखिए।याछायावादोत्तर युग के किन्हीं दो कहानी-लेखकों के नाम लिखिए। |
Answer» जैनेन्द्र कुमार, सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, यशपाल, भगवतीचरण वर्मा, विष्णु प्रभाकर, अमृतराय आदि आधुनिक युग के प्रसिद्ध कहानीकार हैं। |
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23. |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किस प्रकार के निबन्धों की रचना की ? |
Answer» शुक्ल जी ने विचारप्रधान, समीक्षात्मक तथा मनोवैज्ञानिक निबन्धों की रचना की। |
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24. |
ब्रजभाषा गद्य के दो प्रसिद्ध लेखकों के नाम बताइए।याब्रजभाषा गद्य के दो प्रमुख लेखक तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए। |
Answer» ⦁ गोस्वामी बिट्ठलनाथ, रचना–‘श्रृंगार रस-मण्डन’। |
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25. |
कवि गंग किसके दरबारी कवि थे ? |
Answer» कवि गंग अकबर के दरबारी कवि थे। |
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26. |
हिन्दी के प्रमुख कहानीकारों के नाम बताइए। |
Answer» मुंशी प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, जैनेन्द्र कुमार, भगवतीचरण वर्मा, यशपाल, चतुरसेन शास्त्री, फणीश्वरनाथ ‘रेणु’, शैलेश मटियानी, मन्नू भण्डारी, अज्ञेय आदि हिन्दी के प्रमुख कहानीकार हैं। |
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27. |
छायावादी युग के गद्य-साहित्य की किन्हीं चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। |
Answer» छायावादी युग के गद्य-साहित्य की विशेषताएँ हैं- ⦁ प्रतीकात्मकता |
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28. |
आधुनिक युग की किन्हीं दो महिला कथाकारों के नाम लिखिए। |
Answer» ⦁ मन्नू भण्डारी तथा |
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29. |
किन्हीं दो छायावादी पद्य-लेखकों की एक-एक गद्य रचना का नाम लिखिए। |
Answer» ⦁ जयशंकर प्रसाद – चन्द्रगुप्त (नाटक)। |
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30. |
निम्नलिखित में से किन्हीं दो पत्रिकाओं के सम्पादकों के नाम लिखिए(1) आनन्द कादम्बिनी,(2) हरिश्चन्द्र चन्द्रिका,(3) नया जीवन।या‘आनन्द कादम्बिनी’ के सम्पादक कौन थे? |
Answer» (1) आनन्द कादम्बिनी – सम्पादक : बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’। |
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खड़ी बोली गद्य के प्रथम दर्शन किस ग्रन्थ में होते हैं ?याखड़ी बोली गद्य के प्रथम लेखक और उसकी प्रथम रचना का नाम लिखिए। |
Answer» खड़ी बोली गद्य के प्रथम दर्शन कवि गंग द्वारा लिखित ‘चंद छंद बरनन की महिमा’ नामक ग्रन्थ में होते हैं। अत: कवि गंग को खड़ी बोली गद्य का प्रथम लेखक और उनकी रचना ‘चंद छंद बरनन की महिमा’ को खड़ी बोली गद्य की प्रथम रचना माना जाना चाहिए। कुछ विद्वान जटमलकृत ‘गोरा बादल की कथा’ को खड़ी बोली गद्य की प्रथम रचना मानते हैं। |
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32. |
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किस लेखक की भाषा को ‘रंगीन और चुलबुली’ कहा है ? |
Answer» आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने इंशा अल्ला खाँ की भाषा को रंगीन और चुलबुली’ कहा है। |
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33. |
द्विवेदी युग के किन्हीं दो प्रसिद्ध कहानीकारों के नाम बताइए। |
Answer» ⦁ रामचन्द्र शुक्ल तथा |
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34. |
छायावादी युग के गद्य की दो विशेषताएँ लिखिए। |
Answer» ⦁ छायावादी युग का गद्य कलात्मक है तथा |
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35. |
हिन्दी गद्य के प्रसार में ईसाई पादरियों का क्या योगदान रहा है। |
Answer» ईसाई पादरियों ने अपने धर्म-प्रचार के लिए जनसाधारण में प्रचलित खड़ी बोली को अपनाया और बाइबिल का हिन्दी में अनुवाद कर उसे उत्तर भारत के विभिन्न स्थानों पर वितरित किया। इस प्रकार ईसाई धर्म के साथ-साथ हिन्दी भाषा के गद्य का प्रचार-प्रसार भी होता रहा। |
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36. |
हिन्दी गद्य का वास्तविक इतिहास कब से आरम्भ हुआ ?यागद्य साहित्य का विविध रूपों में विकास किस काल में हुआ ? |
Answer» हिन्दी गद्य का वास्तविक इतिहास भारतेन्दुकोल–सन् 1850 ई०-से आरम्भ हुआ। |
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37. |
रेखाचित्र किसे कहते हैं ? इसको परिभाषित कीजिए। |
Answer» रेखाचित्र साहित्य की वह गद्यात्मक विधा है, जिसमें किसी विषय-विशेष का, उसकी बाह्य विशेषताओं को उभारते और तत्सम्बन्धित विभिन्न संक्षिप्त घटनाओं को समेटते हुए शब्द-रेखाओं के माध्यम से सजीव, सरस, मर्मस्पर्शी एवं प्रभावशाली चित्र उभारा जाता है। |
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38. |
आर्य समाज का हिन्दी गद्य के विकास में क्या योगदान है ? |
Answer» आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द ने अपने उपदेशों का प्रचार-प्रसार हिन्दी भाषा में किया तथा अपने प्रसिद्ध धार्मिक ग्रन्थ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ की रचना भी हिन्दी भाषा में ही की। वेदों के भाष्य भी उन्होंने हिन्दी भाषा में ही लिखे तथा आर्य समाज के अनुयायियों को हिन्दी भाषा का प्रयोग करने की शिक्षा दी। इस प्रकार आर्य समाज ने हिन्दी गद्य के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। |
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39. |
भारतेन्द्र से पूर्व कौन-से दो राजाओं ने हिन्दी गद्य के विकास में योगदान दिया ?याराजा शिवप्रसाद सितारेहिन्द’ तथा राजा लक्ष्मण सिंह की भाषा-शैली का अन्तर स्पष्ट कीजिए। |
Answer» भारतेन्दु से पूर्व राजा शिवप्रसाद सितारेहिन्द’ ने अरबी-फारसी मिश्रित खड़ी बोली को तथा राजा लक्ष्मण सिंह ने ठेठ संस्कृतनिष्ठ खड़ी बोली को अपनाया। इन दोनों की भाषा-शैली का यही मुख्य अन्तर है। |
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40. |
हिन्दी खड़ी बोली गद्य-साहित्य के विकास में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का योगदान बताइए।याभारतेन्दु हरिश्चन्द्र के गद्य की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। |
Answer» भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने लोक-प्रचलित शब्दावली, कहावतों, लोकोक्तियों और मुहावरों के प्रभावपूर्ण प्रयोग से अपनी भाषा को अधिकाधिक सशक्त एवं सजीव बनाया तथा नाटक, कहानी, निबन्ध आदि अनेक गद्य-विधाओं में रचनाएँ कीं। इसलिए इन्हें ‘हिन्दी खड़ी बोली गद्य का जनक’ भी कहा जाता है। |
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द्विवेदी युग के दो प्रसिद्ध सम्पादकों के नाम लिखिए। |
Answer» द्विवेदी युग के दो प्रसिद्ध सम्पादकों के नाम हैं— ⦁ आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी तथा |
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42. |
व्यावहारिक समीक्षा के क्षेत्र में ख्यात आलोचकों के नाम लिखिए। |
Answer» व्यावहारिक समीक्षा के क्षेत्र में ख्यात प्रमुख आलोचक हैं-आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी, आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, डॉ० विनय मोहन शर्मा, डॉ० गोविन्द त्रिगुणायत आदि। |
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43. |
किन्हीं दो रेखाचित्रकारों के नाम लिखिए। |
Answer» (1) महादेवी वर्मा तथा |
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44. |
प्रसिद्ध जीवनी-लेखकों के नाम लिखिए। |
Answer» बनारसीदास चतुर्वेदी, बाबू गुलाबराय, विष्णु प्रभाकर, अमृतराय आदि प्रमुख जीवनी-लेखक हैं। |
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45. |
माक्र्सवादी समीक्षा के क्षेत्र में ख्यात आलोचकों के नाम लिखिए। |
Answer» मार्क्सवादी समीक्षा के क्षेत्र में ख्यात प्रमुख आलोचक हैं-डॉ० रामविलास शर्मा, शिवदान सिंह चौहान, डॉ० विश्वम्भरनाथ उपाध्याय आदि। |
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46. |
हिन्दी गद्य के विकास में ‘सरस्वती’ पत्रिका के योगदान पर प्रकाश डालिए। |
Answer» ‘सरस्वती’ पत्रिका के माध्यम से हिन्दी गद्य में व्याप्त व्याकरण सम्बन्धी भूलों को दूर किया गया, वाक्य-विन्यास को सुव्यवस्थित किया गया तथा लेखकों और कवियों को प्रेरणा देकर लेखन-कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया। |
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47. |
जीवनी लिखने वाले किसी एक लेखक तथा उसकी रचना का नाम लिखिए। |
Answer» लेखक–अमृतराय। रचना-‘कलम का सिपाही’। |
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भारतेन्दु युग का काल-निर्धारण कीजिए। |
Answer» हिन्दी गद्य के विकास में सन् 1850 से 1900 ई० तक का समय भारतेन्दु युग कहलाता है। |
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भारतेन्दु युग की भाषा की मुख्य विशेषता एक वाक्य में लिखिए। |
Answer» संस्कृत के सरल शब्दों, प्रचलित विदेशी शब्दों, लोकोक्तियों तथा मुहावरों के प्रयोग से भारतेन्दु युग की भाषा में सजीवता आ गयी थी। |
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50. |
हिन्दी की दो प्राचीन साहित्यिक पत्रिकाओं के नाम लिखिए। |
Answer» हिन्दी की दो प्राचीन साहित्यिक पत्रिकाओं के नाम हैं— ⦁ चरित्र एवं |
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