InterviewSolution
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‘तितली’ उपन्यास के रचनाकार हैं (क) हजारीप्रसाद द्विवेदी(ख) प्रेमचन्द(ग) महावीरप्रसाद द्विवेदी(घ) जयशंकर प्रसाद |
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Answer» सही विकल्प है (घ) जयशंकर प्रसाद |
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जीवनी किसे कहते हैं? हिन्दी में जीवनी-लेखन का कार्य किस युग में प्रारम्भ हुआ ? |
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Answer» किसी व्यक्ति विशेष के जीवन की जन्म से लेकर मृत्यु तक की घटनाओं के क्रमबद्ध विवरण को ‘जीवनी’ कहा जाता है। हिन्दी में जीवनी-लेखन का कार्य भारतेन्दु युग में प्रारम्भ हो चुका था। |
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रेखाचित्र विधा में किसने लेखन प्रारम्भ किया ? |
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Answer» कुछ विद्वान् पद्मसिंह शर्मा को रेखाचित्र विधा का जनक मानते हैं, परन्तु इस विधा के नाम से इस विधा में लेखन प्रारम्भ करने का श्रेय श्रीराम शर्मा को है। |
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भारतेन्दु युग के गद्य की मुख्य विशेषताएँ बताइट। |
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Answer» भारतेन्दु युग के गद्य की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं- ⦁ भारतेन्दु युग का गद्य सरल-सरस है, |
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आधुनिक हिन्दी-निर्माताओं की वृहत्-त्रयी में किन लेखकों को गिना जाता है ? |
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Answer» आधुनिक हिन्दी-निर्माताओं की वृहत्-त्रयी में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, बालकृष्ण भट्ट और प्रतापनारायण मिश्र की गणना की जाती है। |
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भारतेन्दु युग में किन गद्य-विधाओं का विकास हुआ ? |
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Answer» भारतेन्दु युग में नाटक, निबन्ध, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि गद्य-विधाओं का विकास हुआ। |
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हिन्दी के नयी पीढ़ी के चार साहित्यिक रचनाकारों के नाम लिखिए। |
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Answer» कमलेश्वर, हृदयेश, मनोहरश्याम जोशी तथा सुदीप नयी पीढ़ी के रचनाकार हैं। |
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द्विवेदी युग की कालावधि लिखिए। |
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Answer» द्विवेदी युग की कालावधि सन् 1900 से 1920 ई० तक है। कालावधि का यह निर्धारण ‘सरस्वती’ पत्रिका की प्रमुखता के आधार पर किया गया है। |
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‘रिपोर्ताज’ विधा की सफल प्रस्तुति है (क) गेहूं बनाम गुलाब(ख) आचरण की सभ्यता(ग) कुटज(घ) राबर्ट नर्सिंग होम में |
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Answer» सही विकल्प है (घ) राबर्ट नर्सिंग होम में |
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भारतेन्दु के समकालीन या भारतेन्दु युग के चार गद्य-लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» ⦁ पं० बालकृष्ण भट्ट, |
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‘बंगाल का अकाल’ विधा है (क) डायरी(ख) रेखाचित्र(ग) रिपोर्ताज(घ) भेटवार्ता |
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Answer» सही विकल्प है (ग) रिपोर्ताज |
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भेटवार्ता विधा की प्रमुख रचनाओं का नामोल्लेख कीजिए। |
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Answer» भेटवार्ता विधा की प्रमुख रचनाएँ हैं— ⦁ कवि दर्शन (बेनी माधव शर्मा), |
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सन् 1947 के बाद प्रकाशित दो साहित्यिक पत्रों के संकलन के नाम तथा उनके सम्पादकों के नाम लिखिए। |
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Answer» बड़ों के कुछ प्रेरणादायक पत्र’ – वियोगी हरि। |
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‘द्विवेदी युग’ की कालावधि मानी जाती है|(क) 1900 से 1922 ई०(ख) 1919 से 1938 ई०(ग) 1868 से 1900 ई०(घ) 1938 ई० से अब तक |
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Answer» सही विकल्प है (क) 1900 से 1922 ई० |
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भारतेन्दु युग के गद्य की दो मुख्य विशेषताएँ बताइए। |
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Answer» भारतेन्दु युग के गद्य की दो मुख्य विशेषताएँ निम्नवत् हैं ⦁ इस युग में हिन्दी गद्य का स्वरूप निर्धारित हुआ तथा । |
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‘शुक्ल युग’ ( छायावाद युग) की कालावधि मानी जाती है|(क) 1900 से 1922 ई०(ख) 1919 से 1938 ई०(ग) 1938 से 1947 ई०(घ) 1947 ई० से अब तक |
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Answer» सही विकल्प है (ख) 1919 से 1938 ई० |
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छायावादोत्तर युग की उल्लेखनीय पत्र-साहित्य रचनाओं को लिखिए। |
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Answer» छायावादोत्तर युग में प्रकाशित प्रमुख पत्र-साहित्य हैं— ⦁ द्विवेदी पत्रावली (बैजनाथ सिंह ‘विनोद’), |
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छायावादोत्तर युग में भेटवार्ता विधा में लेखन करने वालों का नामोल्लेख कीजिए। |
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Answer» छायावादोत्तर युग में भेटवार्ता लिखने वालों के नाम हैं— ⦁ प्रभाकर माचवे, |
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रिपोर्ताज के लेखक हैं (क) जयशंकर प्रसाद(ख) विष्णुकान्त शास्त्री(ग) महावीरप्रसाद द्विवेदी(घ) डॉ० सम्पूर्णानन्द |
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Answer» सही विकल्प है (ख) विष्णुकान्त शास्त्री |
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भारतेन्दु युग के प्रमुख गद्यकारों के नाम लिखिए।याउन्नीसवीं शताब्दी के दो प्रमुख गद्य लेखकों के नाम लिखिए।याभारतेन्दु युग के दो प्रमुख लेखकों के नाम लिखिए।याभारतेन्दु युग के किसी एक लेखक का नाम लिखिए। |
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Answer» भारतेन्दु युग के प्रमुख गद्यकारों में भारतेन्दु के अतिरिक्त श्रीनिवासदास, बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, राधाकृष्णदास, कार्तिकप्रसाद खत्री, राधाचरण गोस्वामी तथा बदरीनारायण चौधरी, ‘प्रेमघन’ के नाम प्रमुख हैं। |
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छायावाद युग की पत्र-साहित्य की रचना का नाम लिखिए। |
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Answer» छायावाद युग में रामकृष्ण आश्रम, देहरादून से ‘विवेकानन्द पत्रावली’ का प्रकाशन हुआ था। |
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‘शुक्लोत्तर युग’ ( छायावादोत्तर युग) की कालावधि मानी जाती है-(क) 1900 से 1922 ई०(ख) 1919 से 1938 ई०(ग) 1938 से 1947 ई०(घ) 1947 ई० से अब तक |
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Answer» सही विकल्प है (ग) 1938 से 1947 ई० |
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‘शुक्ल युग’ को यह नाम क्यों दिया गया है ?याहिन्दी-काव्य के छायावाद युग’ के समय को हिन्दी गद्य-साहित्य में शुक्ल युग’ क्यों कहा जाता है ? |
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Answer» सन् 1919 ई० से 1938 ई० तक के काल को हिन्दी गद्य-साहित्य में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के महत्त्वपूर्ण योगदान के कारण ‘शुक्ल युग’ अथवा ‘छायावाद युग’ के नाम से जाना जाता है। |
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छायावाद युग के यात्रावृत्त विधा के प्रमुख लेखक और उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» छायावाद युग की यात्रावृत्त विधा के प्रमुख लेखक और उनकी प्रमुख रचनाएँ निम्नवत् हैं- ⦁ रामनारायण मिश्र – यूरोप यात्रा के छ: मास तथा |
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छायावादोत्तर युग में डायरी विधा में लेखन करने वाले लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» छायावादोत्तर युग में इलाचन्द्र जोशी, रामधारी सिंह ‘दिनकर’, शमशेर बहादुर सिंह, मोहन राकेश, लक्ष्मीकान्त वर्मा, नरेश मेहता, अजित कुमार, प्रभाकर माचवे आदि की डायरियाँ प्रकाशित हुई हैं। |
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हिन्दी की गद्य और पद्य विधाओं में समान रूप से लिखने वाले विद्वान् हैं-(क) मैथिलीशरण गुप्त(ख) विष्णु प्रभाकर(ग) जयशंकर प्रसाद(घ) तीनों में से कोई नहीं |
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Answer» सही विकल्प है (ग) जयशंकर प्रसाद |
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शुक्ल युग के प्रमुख गद्यकारों के नाम बताइए। |
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Answer» जयशंकर प्रसाद, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, बाबू गुलाबराय, नन्ददुलारे वाजपेयी, महादेवी वर्मा, राय कृष्णदास, हजारीप्रसाद द्विवेदी आदि शुक्ल युग के प्रमुख गद्यकार हैं। |
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‘द्विवेदी युग’ और ‘छायावादी युग’ दोनों युगों में लेखन-कार्य करने वाले लेखक-द्वय हैं (क) महावीरप्रसाद द्विवेदी व गुलाबराय(ख) प्रतापनारायण मिश्र व प्रेमचन्द(ग) गुलाबराय व जयशंकर प्रसाद(घ) जयशंकर प्रसाद व जैनेन्द्र कुमार |
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Answer» (ग) गुलाबराय व जयशंकर प्रसाद |
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छायावाद युग के किन्हीं दो नाटकों के नाम लिखिए। |
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Answer» ⦁ चन्द्रगुप्त तथा |
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गद्य की विधा जो नहीं है(क) निबन्ध(ख) आलोचना(ग) उपन्यास(घ) गद्यकाव्य |
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Answer» सही विकल्प है (घ) गद्यकाव्य |
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छायावादोत्तर युग की यात्रावृत्त विधा की प्रमुख रचनाएँ और उनके लेखकों का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» छायावादोत्तर युग की प्रमुख रचनाएँ एवं उनके लेखक इस प्रकार हैं— ⦁ घुमक्कड़शास्त्र, |
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‘छायावाद युग’ और ‘छायावादोत्तर युग’ दोनों युगों में अपनी रचनाधर्मिता से हिन्दी साहित्य में विशेष योगदान करने वाले लेखक हैं-(क) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी(ख) स० ही० वात्स्यायन ‘अज्ञेय’(ग) जयशंकर प्रसाद(घ) डॉ० नगेन्द्र |
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Answer» सही विकल्प है (क) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी |
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शुक्ल युग के दो प्रमुख हिन्दी-साहित्य के इतिहासकारों के नाम लिखिए।याशुक्ल युग के दो प्रमुख गद्य लेखकों के नाम लिखिए।याशुक्ल युग के दो समालोचना एवं इतिहास-लेखकों के नाम लिखिए।याशुक्ल पक्ष के दो प्रमुख लेखकों अथवा निबन्धकारों के नाम लिखिए।याशुक्ल युग के सशक्त आलोचक एवं निबन्धकार का नाम लिखिए। |
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Answer» शुक्ल युग के दो प्रमुख लेखक निम्नवत् हैं- ⦁ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल तथा |
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किस युग की रचनाएँ मार्क्सवाद से सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं ?(क) छायावादी युग(ख) छायावादोत्तर युगे(ग) शुक्ल युग(घ) द्विवेदी युग |
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Answer» सही विकल्प है (ख) छायावादोत्तर युगे |
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‘शुक्ल युग’ को अन्य किन नामों से जाना जाता है ? |
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Answer» शुक्ल युग को ‘छायावाद युग’, ‘प्रसाद युग’ एवं ‘प्रेमचन्द युग’ नामों से जाना जाता है। |
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‘हरखू’ पात्र किस कहानी से सम्बन्धित है ? (क) बलिदान(ख) आकाशदीप(ग) प्रायश्चित्त(घ) समय |
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Answer» सही विकल्प है (क) बलिदान |
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‘मधुआ’ किस विधा की रचना है ? (क) रेखाचित्र(ख) कहानी(ग) आत्मकथा(घ) संस्मरण |
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Answer» सही विकल्प है (ख) कहानी |
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नीड़ का निर्माण फिर’ किस विधा और लेखक की रचना है ?(क) संस्मरण-सुमित्रानन्दन पन्त(ख) आत्मकथा-डॉ० हरिवंशराय बच्चन(ग) जीवनी–सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’(घ) रेखाचित्र–महादेवी वर्मा |
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Answer» सही विकल्प है (ख) आत्मकथा-डॉ० हरिवंशराय बच्चन |
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छायावाद युग के प्रमुख जीवनी-लेखकों के नाम लिखिए। इस युग में कैसी जीवनियाँ लिखी गयीं ? |
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Answer» छायावाद युग के जीवनी-लेखकों में रामनरेश त्रिपाठी, गणेश शंकर विद्यार्थी, प्रेमचन्दउल्लेखनीय हैं। इस युग में राष्ट्रीय महापुरुषों की जीवनियाँ लिखी गयीं। |
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छायावादोत्तर युग के प्रमुख जीवनी-लेखकों के नाम लिखिए। इस युग में किस प्रकार की जीवनियाँ लिखी गयीं ? |
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Answer» छायावादोत्तर युग के जीवनी-लेखकों में काका कालेलकर, रामवृक्ष बेनीपुरी, बनारसीदास चतुर्वेदी, राहुल सांकृत्यायन-विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इस युग में लोकप्रिय नेताओं, सन्त-महात्माओं, विदेशी महापुरुषों, वैज्ञानिकों, खिलाड़ियों और साहित्यकारों की जीवनियाँ लिखी गयीं। |
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हिन्दी के प्रमूख एकांकीकारों के नाम बताइए। |
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Answer» डॉ० रामकुमार वर्मा, विष्णु प्रभाकर, सेठ गोविन्ददास, उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’, हरिकृष्ण ‘प्रेमी’, विनोद रस्तोगी, जगदीशचन्द्र माथुर, उदयशंकर भट्ट, प्रभाकर माचवे, गिरिजाकुमार माथुर आदि हिन्दी के प्रमुख एकांकीकार हैं। |
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हिन्दी में रिपोर्ताज लिखने का प्रचलन किस युग में हुआ ? प्रमुख रिपोर्ताज लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» हिन्दी में रिपोर्ताज लिखने का प्रचलन छायावादोत्तर युग में हुआ। प्रमुख रिपोर्ताज लेखक हैं— ⦁ धर्मवीर भारती, |
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निम्नलिखित में से कौन एकांकीकार नहीं हैं ?(क) उपेन्द्रनाथ अश्क’(ख) विष्णु प्रभाकर(ग) लक्ष्मीनारायण मिश्र(घ) सीताराम वर्मा |
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Answer» सही विकल्प है (घ) सीताराम वर्मा |
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छायावादोत्तर युग के किन्हीं दो एकांकीकारों के नाम लिखिए। |
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Answer» डॉ० धर्मवीर भारती एवं डॉ० लक्ष्मीनारायण लाल छायावादोत्तर युग के प्रमुख एकांकीकार |
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द्विवेदी युग के प्रमुख आलोचना-लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» द्विवेदी युग के प्रमुख आलोचना-लेखकों में आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी, मिश्रबन्धु, बाबू श्यामसुन्दर दास, पद्मसिंह शर्मा ‘कमलेश’, लाला भगवानदीन आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। |
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हिन्दी के किसी एक युग प्रवर्तक आलोचक का नाम लिखिए।याकिसी एक प्रसिद्ध आलोचक का नाम लिखिए। |
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Answer» आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी के युग प्रवर्तक आलोचक हैं। |
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हिन्दी एकांकी का विकास किस युग से माना जाता है ? (क) छायावाद युग(ख) छायावादोत्तर युग(ग) द्विवेदी युग(घ) भारतेन्दु युग |
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Answer» सही विकल्प है (ख) छायावादोत्तर युग |
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हिन्दी गद्य की विविध विधाओं के नाम लिखिए। |
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Answer» ⦁ नाटक, |
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द्विवेदी युग के तीन प्रसिद्ध आलोचकों अथवा साहित्य-इतिहास लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» द्विवेदी युग के तीन प्रसिद्ध आलोचकों अथवा साहित्य-इतिहास लेखकों के नाम इस प्रकार हैं– ⦁ पद्मसिंह शर्मा |
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‘रानी केवकी की कहानी’ और ‘कलम का सिपाही’ के लेखकों के नाम लिखिए।या‘कलम का सिपाही’ नामक कृति के लेखक का नाम लिखिए। |
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Answer» ‘रानी केतकी की कहानी’ के लेखक मुंशी इंशा अल्ला खाँ व ‘कलम का सिपाही’ के लेखक अमृतराय हैं। |
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