InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 151. |
छायावादोत्तर युग के दो लेखकों की एक-एक गद्य-रचना का नाम लिखिए। |
|
Answer» ⦁ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ –– अर्द्धनारीश्वर। |
|
| 152. |
यात्रावृत्त के मुख्य तत्त्वों का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» यात्रा से जुड़ी निजी स्मृतियाँ, सहजता, सत्यता, रोचकता और सरसता यात्रावृत्त के मुख्य तत्त्व |
|
| 153. |
हिन्दी के यात्रा-साहित्य के दो प्रमुख लेखकों और उनकी एक-एक रचना के नाम लिखिए। |
|
Answer» ⦁ राहुल सांकृत्यायन-घुमक्कड़शास्त्र तथा |
|
| 154. |
हिन्दी में निबन्ध-रचना का आरम्भ किस युग में माना जाता है ? दो युग-प्रवर्तक निबन्ध लेखकों के नाम लिखिए। |
|
Answer» हिन्दी में निबन्ध-रचना का आरम्भ भारतेन्दु युग से माना जाता है। हिन्दी के दो युग-प्रवर्तक निबन्धकार आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी और आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हैं। |
|
| 155. |
हिन्दी के दो युग-प्रवर्तक निबन्ध लेखकों और उनकी एक-एक निबन्ध पुस्तक के नाम लिखिए। |
|
Answer» ⦁ श्यामसुन्दर दास-साहित्यिक लेख। |
|
| 156. |
पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी किस युग के प्रमुख साहित्यकार हैं ? |
|
Answer» श्री बख्शी द्विवेदी युग के प्रमुख साहित्यकार हैं। |
|
| 157. |
छायावादयुगीन किन्हीं दो ऐसे गद्य-लेखकों के नाम बताइए जो कवि न हों। |
|
Answer» छायावादयुगीन गद्य-लेखक राहुल सांकृत्यायन एवं बाबू गुलाबराय कवि नहीं थे। |
|
| 158. |
ऐसे तीन गद्य-लेखकों के नाम लिखिए, जिन्होंने द्विवेदी युग तथा छायावाद युग दोनों में लेखन-कार्य किया। |
|
Answer» द्विवेदी युग और छायावाद युग दोनों में लेखन-कार्य करने वाले तीन गद्य-लेखक हैं- |
|
| 159. |
द्विवेदी युग के दो प्रमुख लेखकों की एक-एक रचना का नाम लिखिए।याद्विवेदी युग के दो प्रसिद्ध निबन्धकारों (लेखकों) के नाम लिखिए। |
|
Answer» ⦁ बाबू श्यामसुन्दर दास-साहित्यालोचन। |
|
| 160. |
आधुनिक युग के किसी प्रसिद्ध गद्य-आलोचक का नाम लिखिए। |
|
Answer» आधुनिक युग में डॉ० नगेन्द्र हिन्दी के एक प्रसिद्ध गद्य-आलोचक हैं। |
|
| 161. |
द्विवेदी युग के प्रमुख जीवनी-लेखकों के नाम लिखिए। इस युग में किस प्रकार की जीवनियाँ लिखी गयीं ? |
|
Answer» द्विवेदी युग के जीवनी-लेखकों में लक्ष्मीधर वाजपेयी, डॉ० सम्पूर्णानन्द, नाथूराम प्रेमी, मुकुन्दीलाल वर्मा उल्लेखनीय हैं। इस युग में ऐतिहासिक पुरुषों और धार्मिक नेताओं की जीवनियाँ लिखी गयीं। |
|
| 162. |
छायावादोत्तर युग के दो कहानी लेखकों के नाम लिखिए। |
|
Answer» ⦁ जैनेन्द्र कुमार तथा |
|
| 163. |
छायावादोत्तर युग के किसी एक प्रमुख कवि और गद्य लेखक का नाम लिखिए। उसकी एक काव्य तथा एक गद्य-रचना का नाम भी लिखिए। |
Answer»
|
|
| 164. |
‘पृथ्वीराज की आँखें’ एकांकी संग्रह के एकांकीकार हैं(क) जयशंकर प्रसाद(ख) जैनेन्द्र कुमार(ग) रामकुमार वर्मा(घ) सेठ गोविन्ददास |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) रामकुमार वर्मा |
|
| 165. |
छायावादी युग के सबसे प्रसिद्ध आलोचना-लेखक (आलोचक) कौन थे ? |
|
Answer» छायावादी युग के सबसे प्रसिद्ध आलोचना-लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल थे। |
|
| 166. |
रिपोर्ताज विधा की हिन्दी में प्रथम रचना का नामोल्लेख कीजिए। |
|
Answer» डॉ० शिवदानसिंह चौहान विरचित ‘लक्ष्मीपुरा’ (1938 ई०) को हिन्दी गद्य-साहित्य का प्रथम रिपोर्ताज माना जाता है। |
|
| 167. |
मोहन राकेश की रचना नहीं है (क) “लहरों के राजहंस’(ख) ‘बकलमखुद(ग) ‘तट की खोज’(घ), ‘समय-सारथी |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) ‘तट की खोज’ |
|
| 168. |
इनमें से कौन-सी रचना ‘निबन्ध’ विधा की रचना नहीं है ?(क) तट की खोज(ख) भूत के पाँव पीछे(ग) सदाचार का तावीज ।(घ) शिकायत मुझे भी है। |
|
Answer» सही विकल्प है (क) तट की खोज |
|
| 169. |
‘शोध और बोध’ नामक शोध-कृति के रचनाकार हैं-(क) प्रो० जी० सुन्दर रेड्डी(ख) श्यामसुन्दर दास(ग) जैनेन्द्र कुमार।(घ) मोहन राकेश |
|
Answer» सही विकल्प है (क) प्रो० जी० सुन्दर रेड्डी |
|
| 170. |
हिन्दी प्रदीप’ पत्र का सम्पादन होता था (क) इलाहाबाद से(ख) वाराणसी से(ग) कानपुर से(घ) दिल्ली से |
|
Answer» सही विकल्प है (क) इलाहाबाद से |
|
| 171. |
निम्नलिखित में से कौन-सी रचना उपन्यास है ?(क) और अन्त में(ख) भूत के पाँव पीछे(ग) सदाचार का तावीज(घ) रानी नागफनी की कहानी |
|
Answer» सही विकल्प है (घ) रानी नागफनी की कहानी |
|
| 172. |
हिन्दी के ऐतिहासिक नाटककारों एवं उनके एक-एक नाटक का नाम लिखिए।याहिन्दी के किसी प्रसिद्ध नाटककार एवं उसके द्वारा रचित नाटक का नाम बताइए। |
|
Answer» हिन्दी के ऐतिहासिक नाटककार और उनके एक-एक नाटक का नाम निम्नलिखित है- ⦁ जयशंकर प्रसाद-चन्द्रगुप्त, |
|
| 173. |
वसुधा’ साहित्यिक पत्रिका के प्रकाशक एवं सम्पादक थेया ‘वसुधा’ मासिक पत्रिका का सम्पादन किया था (क) राय कृष्णदास(ख) रामवृक्ष बेनीपुरी(ग) अज्ञेय(घ) हरिशंकर परसाई |
|
Answer» सही विकल्प है (घ) हरिशंकर परसाई |
|
| 174. |
जयशंकर प्रसाद के समकालीन प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए। |
|
Answer» जयशंकर प्रसाद के समकालीन नाटककारों में प्रमुख हैं— |
|
| 175. |
हिन्दी एकांकी का जनक किसे माना जाता है ? |
|
Answer» हिन्दी एकांकी का आरम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की ‘अँधेर नगरी’, ‘प्रेमयोगिनी’ आदि रचनाओं से हुआ; अत: भारतेन्दु जी ही हिन्दी एकांकी के जनक हैं, किन्तु आधुनिक हिन्दी एकांकी का जनक डॉ० रामकुमार वर्मा को माना जाता है। |
|
| 176. |
हिन्दी आलोचना का उत्कर्ष कब से माना जाता है ? |
|
Answer» आचार्य रामचन्द्र शुक्ल की आलोचनात्मक कृतियों के प्रकाशन से हिन्दी आलोचना का उत्कर्ष माना जाता है। |
|
| 177. |
जयशंकर प्रसाद के प्रसिद्ध नाटकों के नाम लिखिए। |
|
Answer» चन्द्रगुप्त, स्कन्दगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, राज्यश्री तथा अजातशत्रु-जयशंकर प्रसाद के प्रसिद्ध नाटक हैं। |
|
| 178. |
प्रसादोत्तर (छायावादोत्तर) युग के प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए।याआधुनिक काल के प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए। |
|
Answer» ⦁ डॉ० रामकुमार वर्मा, |
|
| 179. |
भारतेन्दु युग के प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए। |
|
Answer» भारतेन्दु युग के प्रमुख नाटककारों में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के अतिरिक्त बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’, लाला श्रीनिवास दास आदि के नाम प्रमुख हैं। |
|
| 180. |
निम्नलिखित जीवनियों के लेखक कौन हैं-(1) सुमित्रानन्दन पन्त : जीवन और साहित्य,(2) निराला की साहित्य-साधना। |
|
Answer» (1) शान्ति जोशी एवं |
|
| 181. |
नाटक श्रव्य-काव्य है अथवा दृश्य-काव्य ? |
|
Answer» नाटक दृश्य-काव्य है। |
|
| 182. |
भारतीय और पाश्चात्य दृष्टि से नाटक के तत्त्व बताइए। |
|
Answer» भारतीय आचार्यों ने नाटकों के पाँच तत्त्व माने हैं— पाश्चात्य विद्वानों ने नाटक के छः तत्त्व स्वीकार किये हैं— |
|
| 183. |
मुंशी सदासुखलाल की भाषा की विशेषताएँ बताइए। |
|
Answer» ⦁ भाषा में अस्पष्टता अधिक है तथा |
|
| 184. |
छायावादोत्तर युग के प्रमुख गद्य-लेखकों के नाम लिखिए। |
|
Answer» आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, हरिशंकर परसाई, यशपाल, रामवृक्ष बेनीपुरी, धर्मवीर भारती, विद्यानिवास मिश्र, कमलेश्वर आदि छायावादोत्तर युग के प्रमुख गद्य-लेखक हैं। |
|
| 185. |
छायावादोत्तरयुगीन साहित्यकारों की दोनों पीढ़ियों के एक-एक साहित्यकार का नाम लिखिए। |
|
Answer» ⦁ पहली पीढ़ी – आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी। |
|
| 186. |
निबन्ध’ शब्द के अंग्रेजी पर्याय शब्द ‘एसे’ का अर्थ है(क) प्रयोग(ख) प्रयास(ग) प्रबन्ध(घ) प्रकीर्ण |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) प्रयास |
|
| 187. |
भारतेन्दु युग की दो पत्रिकाओं एवं उनके सम्पादकों के नाम लिखिए।याभारतेन्दु युग की दो प्रसिद्ध पत्रिकाओं के नाम लिखिए। |
|
Answer» ⦁ ‘ब्राह्मण’–प्रतापनारायण मिश्र तथा |
|
| 188. |
‘गद्यगीत’ विधा को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। |
|
Answer» ‘गद्यगीत’ में गद्य के माध्यम से किसी भावपूर्ण विषय की काव्यात्मक अभिव्यक्ति होती है। उदाहरण–“मित्र! यहाँ तो सुख के साथ दु:ख लगा है, और उससे सुख को अलग कर लेने के उद्योग में भी एक सुख है।” (राय कृष्णदास) |
|
| 189. |
हिन्दी-साहित्य में पत्र-साहित्य की प्रथम रचना कौन-सी है ? |
|
Answer» हिन्दी-साहित्य में प्रथम पत्र-साहित्य का प्रकाशन 1904 ई० (द्विवेदी युग) में महात्मा मुंशीराम के द्वारा ‘स्वामी दयानन्द से सम्बद्ध पत्रों के संकलन’ से हुआ था। |
|
| 190. |
‘भारतेन्दु युग’ की कालावधि मानी जाती है-(क) 1900 से 1922 ई०(ख) 1919 से 1938 ई०(ग) 1868 से 1900 ई०(घ) 1868 ई० तेक |
|
Answer» सही विकल्प है (ग) 1868 से 1900 ई० |
|
| 191. |
चेखव : एक इण्टरव्यू’ तथा ‘भगवान् महावीर : एक इण्टरव्यू किस विधा की रचनाएँ हैं ? इनके लेखक कौन हैं ? |
|
Answer» उक्त दोनों ‘काल्पनिक भेटवार्ता’ विधा की रचनाएँ हैं। इनके लेखक क्रमश: राजेन्द्र यादव एवं लक्ष्मीचन्द जैन हैं। |
|
| 192. |
हिन्दी में भेटवार्ता विधा में लेखन का प्रारम्भ किसने किया ? |
|
Answer» हिन्दी में भेटवार्ता विधा का श्रीगणेश बनारसीदास चतुर्वेदी ने जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’ और प्रेमचन्द से भेंट करने के उपरान्त उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में लिखकर किया। |
|
| 193. |
भारतीय जागरण को देशव्यापी बनाने में किन संस्थाओं ने विशेष योगदान दिया ? |
|
Answer» ⦁ आर्य समाज, |
|
| 194. |
खड़ी बोली गद्य का व्यवस्थित विकास कब हुआ ? |
|
Answer» खड़ी बोली गद्य का व्यवस्थित विकास भारतेन्दु युग में हुआ। |
|
| 195. |
निम्नलिखित में कौन-सा वर्णनात्मक निबन्ध है ? (क) आचरण की सभ्यता(ख) महाकवि माघ का प्रभात वर्णन(ग) कुटज(घ) निन्दा रस |
|
Answer» सही विकल्प है (ख) महाकवि माघ का प्रभात वर्णन |
|
| 196. |
स्वातन्त्र्योत्तर युग के प्रमुख गद्य-लेखकों के नाम लिखिए। |
|
Answer» स्वातन्त्र्योत्तर युग में विद्यानिवास मिश्र, हरिशंकर परसाई, फणीश्वरनाथ रेणु’, धर्मवीर भारती, प्रभाकर माचवे, रजनी पणिक्कर, मोहन राकेश, मन्नू भण्डारी, शिवानी, नागार्जुन आदि प्रमुख गद्य-लेखक हुए। |
|
| 197. |
आलोचना द्वारा गद्य-साहित्य को नयी दिशा किस लेखक ने प्रदान की ? |
|
Answer» आलोचना द्वारा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने गद्य-साहित्य को एक नयी दिशा प्रदान की। |
|
| 198. |
आलोचना के अतिरिक्त शुक्ल जी किस विधा-लेखन के लिए जाने जाते हैं ? |
|
Answer» आलोचना के अतिरिक्त शुक्ल जी निबन्ध और इतिहास-लेखन के लिए जाने जाते हैं। |
|
| 199. |
हिन्दी गद्य के विकास में ईसाई धर्म-प्रचारकों के योगदान का उल्लेख कीजिए। |
|
Answer» ईसाई पादरियों ने ईसाई धर्म के प्रचार के लिए ‘बाइबिल’ एवं अन्य धार्मिक पुस्तकों का साधारण बोलचाल की हिन्दी भाषा में अनुवाद करवाया। |
|
| 200. |
निम्नलिखित गद्य-लेखकों की एक-एक प्रसिद्ध गद्य-रचना का नाम लिखिए(1) राजेन्द्र यादव तथा(2) धीरेन्द्र वर्मा। |
|
Answer» (1) लेखक-राजेन्द्र यादव, रचना-चेखव : एक इण्टरव्यू, विधा-भेटवार्ता (काल्पनिक)। |
|