InterviewSolution
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| 101. |
हिन्दी गद्य की किन्हीं दो नवीन विधाओं के नाम लिखिए। |
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Answer» हिन्दी गद्य की दो नवीन विधाएँ हैं— ⦁ डायरी तथा |
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| 102. |
हिन्दी गद्यकाव्य-लेखकों में से किन्हीं दो लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» ⦁ वियोगी हरि तथा |
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| 103. |
हिन्दी के दो महाकाव्यों के नाम लिखिए।याहिन्दी के दो महाकाव्यों और उनके लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» हिन्दी के दो महाकाव्यों के नाम हैं- ⦁ श्रीरामचरितमानस इनके लेखकों के नाम हैं— ⦁ गोस्वामी तुलसीदास |
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| 104. |
‘भेटवार्ता’ अथवा ‘साक्षात्कार’ से आप क्या समझते हैं ? |
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Answer» जब रचनाकार किसी विशिष्ट व्यक्ति से मुलाकात करके उसके व्यक्तित्व, भावों, क्रिया-कलापों आदि से सम्बन्धित साहित्य की रचना प्रश्न-उत्तर रूप में करता है, तो यह रचना ‘भेटवार्ता या साक्षात्कार कहलाती है। यह विधा वस्तुत: पत्रकारिता की देन है। यह वास्तविक भी हो सकती है और काल्पनिक भी। |
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| 105. |
रिपोर्ताज विधा की रचना नहीं है-(क) लक्ष्मीपुरा(ख) पहाड़ों में प्रेममयी संगीति(ग) युद्ध यात्रा(घ) दैनन्दिनी |
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Answer» सही विकल्प है (घ) दैनन्दिनी |
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| 106. |
हिन्दी गद्य की किन्हीं चार प्रमुख विधाओं का उल्लेख करते हुए इनके प्रतिनिधि लेखकों का नामोल्लेख कीजिए। |
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Answer» ⦁ निबन्ध–श्यामसुन्दर दास, रामचन्द्र शुक्ल, रामवृक्ष बेनीपुरी, हजारीप्रसाद द्विवेदी। |
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| 107. |
‘आवारा मसीहा’ किस विधा की रचना है? |
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Answer» ‘आवारा मसीहा’ जीवनी विधा की रचना है। |
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| 108. |
हिन्दी खड़ी बोली गद्य का आविर्भाव किस शताब्दी में हुआ ? |
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Answer» हिन्दी खड़ी बोली गद्य का आविर्भाव उन्नीसवीं शताब्दी के नवजागरण काल में हुआ। |
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| 109. |
प्राचीन राजस्थानी गद्य कब और किन रूपों में मिलता है ?याराजस्थानी गद्य हमें किस प्रकार की रचनाओं में देखने को मिलता है ? |
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Answer» राजस्थानी गद्य हमें दसवीं शताब्दी के दानपत्रों, पट्टे-परवानों, टीकाओं व अनुवाद-ग्रन्थों के रूप में देखने को मिलता है। |
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| 110. |
हिन्दी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग किस भाषा में मिलते हैं ? |
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Answer» हिन्दी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग राजस्थानी और ब्रजभाषा में मिलते हैं। |
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| 111. |
हिन्दी की आठ बोलियाँ कौन-कौन-सी हैं ? |
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Answer» ⦁ ब्रज, |
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| 112. |
प्राचीन ब्रज भाषा गद्य की दो रचनाओं के नाम लिखिए। |
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Answer» गोकुलनाथ कृत ‘चौरासी वैष्णवन की वार्ता’ और बैकुण्ठमणि कृत ‘अगहन माहात्म्य’; प्राचीन ब्रज भाषा गद्य की रचनाएँ हैं। |
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| 113. |
हिन्दी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग किन भाषाओं में मिलते हैं ? |
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Answer» हिन्दी गद्य के प्राचीनतम प्रयोग राजस्थानी और ब्रज भाषाओं में मिलते हैं। |
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| 114. |
बीसवीं शताब्दी में किस एक व्यक्ति ने हिन्दी गद्य के निर्माण व प्रसार के लिए सर्वाधिक स्तुत्य कार्य किये ? |
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Answer» बीसवीं शताब्दी में आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी ने हिन्दी गद्य के निर्माण व प्रसार के लिए सर्वाधिक स्तुत्य कार्य किये। |
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| 115. |
भारतेन्दु युग से पूर्व किन दो राजाओं ने हिन्दी गद्य के निर्माण में योग दिया ?याहिन्दी गद्य की उर्दूप्रधान तथा संस्कृतप्रधान शैलियों के पक्षधर दो राजाओं के नाम लिखिए।याभारतेन्दु के उदय से पूर्व की खड़ी बोली के दो भिन्न शैलीकार गद्य-लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» भारतेन्दु युग से पूर्व राजा शिवप्रसाद सितारेहिन्द’ ने अरबी-फारसी मिश्रित हिन्दी लिखकर तथा राजा लक्ष्मण सिंह ने संस्कृत मिश्रित खड़ी बोली को अपनाकर हिन्दी गद्य के निर्माण में योगदान दिया। |
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| 116. |
हिन्दी में यात्रावृत्त लिखने का क्रम किस लेखक से प्रारम्भ हुआ तथा सर्वाधिक यात्रावृत्त किस गद्य-युग में लिखे गये ? |
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Answer» यात्रावृत्त लिखने का क्रम भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से प्रारम्भ हुआ तथा सर्वाधिक यात्रावृत्त छायावाद और छायावादोत्तर युग में लिखे गये। |
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| 117. |
प्रगतिवादी युग के गद्य की दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए। |
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Answer» ⦁ प्रगतिवादी युग में सहज, व्यावहारिक और अलंकारविहीन गद्य की रचना हुई। |
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| 118. |
प्रगतिवादी युग की किन्हीं दो साहित्यिक रचनाओं और उनके लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» प्रगतिवादी युग में लिखी गयी दो साहित्यिक रचनाओं के नाम हैं— ⦁ रतिनाथ की चाची (लेखक : वैद्यनाथ मिश्र, प्रसिद्ध नाम नागार्जुन) तथा |
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| 119. |
छायावादोत्तर हिन्दी गद्य (प्रगतिवादी गद्य) की दो विशेषताएँ लिखिए। |
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Answer» छायावादोत्तर काल का हिन्दी गद्य सहज, व्यावहारिक और अलंकारविहीन था। उसमें भावुकतापूर्ण अभिव्यक्ति का स्थान चुटीली उक्तियों ने ले लिया था। |
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| 120. |
हिन्दी में गद्यकाव्य की रचना करने वाले किन्हीं दो लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» ⦁ राय कृष्णदास तथा |
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| 121. |
गद्यकाव्य विधा की प्रमुख रचनाएँ और उनके लेखकों का नामोल्लेख कीजिए। |
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Answer» गद्यकाव्य विधा की प्रमुख रचनाएँ और उनके रचनाकारों के नाम हैं— ⦁ शारदीया, |
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| 122. |
हिन्दी के दो प्रगतिवादी लेखकों के नाम लिखिए।याप्रगतिवादी युग के लेखकों में से किसी एक लेखक का नामोल्लेख कीजिए। |
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Answer» हिन्दी के दो प्रगतिवादी लेखक हैं— ⦁ डॉ० रामविलास शर्मा |
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| 123. |
हिन्दी के कहानी लेखकों में से किन्हीं दो की एक-एक कहानी का नाम लिखिए। |
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Answer» हिन्दी के कहानी लेखकों में प्रेमचन्द एवं जयशंकर प्रसाद की एक-एक कहानियाँ क्रमशः ‘नमक का दारोगा’ एवं ‘पुरस्कार’ हैं। |
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शुक्लोत्तर युग की समय-सीमा बताइए। |
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Answer» शुक्ल युग के पश्चात् यानि सन् 1938 से सन् 1980 के काल को शुक्लोत्तर युग कहा जाता है। |
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हिन्दी-साहित्य के इतिहास और समालोचना के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले किन्हीं दो लेखकों के नाम लिखिए।याआधुनिक हिन्दी-साहित्य के दो प्रमुख आलोचकों के नाम लिखिए। |
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Answer» ⦁ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल |
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| 126. |
शुक्लोत्तर युग के दो प्रमुख गद्य लेखकों के नाम लिखिए।याशुक्लोत्तर युग के दो प्रमुख गद्य लेखकों के नाम एवं उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए।याशुक्लोत्तर युग के किसी एक साहित्यकार का नाम लिखिए। |
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Answer» (1) डॉ० नगेन्द्र; कृतियाँ– ⦁ विचार और अनुभूति (2) आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी; कृतियाँ- |
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| 127. |
1) भारतेन्दु युग के निबन्धकारों के नाम लिखिए।(2) द्विवेदी युग के निबन्धकारों के नाम लिखिए।(3) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और उनके बाद के युग के दो प्रमुख निबन्धकारों के नाम लिखिए।(4) स्वातन्त्र्योत्तर युग के दो निबन्धकारों के नाम लिखिए। |
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Answer» (1) भारतेन्दु युग-भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, प्रतापनारायण मिश्र, बालकृष्ण भट्ट। |
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| 128. |
निबन्ध की परिभाषा लिखिए तथा उसके चारे भेदों में से किसी एक का नामोल्लेख कीजिए। |
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Answer» निबन्ध उस गद्य-रचना को कहते हैं, जिसमें एक सीमित आकार के अन्तर्गत किसी विषय का वर्णन या प्रतिपादन; एक विशेष निजीपन, स्वच्छन्दता, सौष्ठव, सजीवता और सम्बद्धता के साथ किया गया हो। निबन्ध का एक भेद, वर्णनात्मक निबन्ध है। |
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| 129. |
विषय और शैली की दृष्टि से निबन्ध के प्रमुख कितने भेद हैं ? उनके नाम लिखिए। |
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Answer» विषय और शैली की दृष्टि से निबन्ध के प्रमुख चार भेद हैं- ⦁ विचारात्मक निबन्ध, |
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| 130. |
शुक्लोत्तर युग की दो प्रमुख विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।याशुक्लोत्तर युग के साहित्य की किन्हीं दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» ⦁ शुक्लोत्तर युग का साहित्य मार्क्सवादी विचारधारा से अनुप्राणित है। |
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शुक्लोत्तर युग के किन्हीं दो प्रमुख हिन्दी आलोचकों के नाम लिखिए। |
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Answer» शुक्लोत्तर युग के दो प्रमुख हिन्दी आलोचकों के नाम निम्नवत् हैं ⦁ आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी तथा |
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| 132. |
शुक्लोत्तर युग के आलोचना-लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» डॉ० रामकुमार वर्मा, डॉ० नगेन्द्र, डॉ० रामविलास शर्मा आदि शुक्लोत्तर युग के प्रसिद्ध आलोचना-लेखक हैं। |
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| 133. |
प्रमुख ललित निबन्ध लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी, धर्मवीर भारती, पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, विद्यानिवास मिश्र आदि ललित निबन्धों के प्रमुख लेखक हैं। |
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डायरी विधा की प्रमुख रचनाएँ और उनके लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» हिन्दी गद्य की डायरी विधा के अन्तर्गत घनश्यामदास बिड़ला की डायरी के पन्ने, सुन्दरलाल त्रिपाठी की ‘दैनन्दिनी’, धीरेन्द्र वर्मा की ‘मेरी कॉलेज डायरी’ जैसी कुछ गिनी-चुनी रचनाएँ ही उपलब्ध हैं। |
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| 135. |
हिन्दी का प्रथम नाटक है(क) सती-प्रताप(ख) अजातशत्रु(ग) स्कन्दगुप्त(घ) नहुष |
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Answer» सही विकल्प है (घ) नहुष |
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| 136. |
निम्नलिखित में से नाटक है (क) त्रिशंकु(ख) आत्मनेपद(ग) विपथगा।(घ) उत्तर प्रियदर्शी |
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Answer» सही विकल्प है (घ) उत्तर प्रियदर्शी |
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| 137. |
हिन्दी के दो प्रसिद्ध आलोचकों के नाम बताइए। |
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Answer» हिन्दी के दो प्रसिद्ध आलोचक हैं— ⦁ आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और |
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| 138. |
प्रमुख रिपोर्ताज रचनाएँ और उनके लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» रिपोर्ताज विधा की प्रमुख रचनाएँ और उनके लेखक हैं– ⦁ पहाड़ों में प्रेममयी संगीति (उपेन्द्रनाथ अश्क’); |
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| 139. |
निम्नलिखित में से नाटक है (क) उसने कहा था(ख) कलम का सिपाही(ग) चन्द्रगुप्त(घ) आँसू |
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Answer» सही विकल्प है (ग) चन्द्रगुप्त |
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| 140. |
हजारीप्रसाद द्विवेदी तथा विनयमोहन शर्मा किस काल के लेखक थे ? |
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Answer» आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी तथा विनयमोहन शर्मा छायावादोत्तर काल के लेखक थे। |
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| 141. |
हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाओं के नाम बताइए।याहिन्दी गद्य की किन्हीं चार विधाओं के नाम लिखिए।याहिन्दी गद्य की किन्हीं दो विधाओं के नाम लिखिए। |
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Answer» हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाएँ हैं-निबन्ध, नाटक, उपन्यास, कहानी तथा आलोचना। |
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| 142. |
प्रकीर्ण गद्य-विधाओं का अभूतपूर्व विकास किस युग में हुआ ? |
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Answer» प्रकीर्ण गद्य-विधाओं का अभूतपूर्व विकास छायावादोत्तर युग में हुआ। |
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| 143. |
आलोचना विधा के चार प्रमुख लेखकों के नाम लिखिए। |
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Answer» आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, नन्ददुलारे वाजपेयी, हजारीप्रसाद द्विवेदी, श्यामसुन्दर दास तथा डॉ० नगेन्द्र आलोचना विधा के प्रमुख लेखक हैं। |
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| 144. |
हिन्दी की दो नवीन गद्य विधाओं व उन विधाओं के एक-एक प्रमुख लेखक का नाम लिखिए। |
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Answer» ⦁ रिपोर्ताज’ हिन्दी गद्य की एक नयी विधा है। इस विधा के प्रमुख लेखक- कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ हैं। |
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| 145. |
हिन्दी में डायरी विधा का आरम्भ किस युग से हुआ ? किसी डायरी लेखक की डायरी का नाम लिखिए। |
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Answer» हिन्दी में डायरी विधा का आरम्भ छायावाद युग से हुआ। डायरी लेखक-धीरेन्द्र वर्मा, रचना-मेरी कॉलेज डायरी। |
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| 146. |
हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाओं के नाम लिखिए। |
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Answer» निबन्ध, नाटक, कहानी, उपन्यास, एकांकी तथा आलोचना हिन्दी गद्य की प्रमुख विधाएँ हैं। |
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डायरी विधा की प्रथम रचना का नामोल्लेख कीजिए। |
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Answer» नरदेव शास्त्री ‘वेदतीर्थ’ को प्रथम डायरी-लेखक माना जाता है। उनकी डायरी “नरदेव शास्त्री ‘वेदतीर्थ’ की जेल डायरी” का प्रकाशन 1930 ई० के आसपास माना जाता है। |
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| 148. |
छायावादोत्तर युग में प्रारम्भ एवं समृद्ध होने वाली प्रकीर्ण गद्य-विधाओं में से किन्हीं दो विधाओं के नाम लिखिए। |
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Answer» जीवनी, आत्मकथा, यात्रावृत्त, गद्यकाव्य, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, डायरी, भेटवार्ता, पत्र-साहित्य आदि हिन्दी की गौण या प्रकीर्ण गद्य-विधाएँ हैं। |
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| 149. |
छायावादोत्तर युग की प्रमुख गद्य-विधाओं का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» नाटक, कहानी, उपन्यास, समालोचना, जीवनी, गद्य-गीत, एकांकी, आत्मकथा, रिपोर्ताज, यात्रावृत्त, संस्मरण एवं रेखाचित्र आदि छायावादोत्तर युग की प्रमुख गद्य-विधाएँ हैं। |
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| 150. |
छायावाद युग में गद्य को समृद्ध करने वाले प्रमुख लेखकों एवं उनकी रचनाओं के नाम लिखिए। |
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Answer» जयशंकर प्रसाद (चन्द्रगुप्त), प्रेमचन्द ( गबन, गोदान), बाबू गुलाबराये ( मेरी असफलताएँ) तथा आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (चिन्तामणि) आदि छायावाद युग में गद्य को समृद्ध करने वाले प्रमुख लेखक हैं। |
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