This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 20201. |
वास्कोडिगामा कौन था ? उसने किस वर्ष भारत आने के जलमार्ग की खोज की ?यायूरोप से भारत पहुँचने के लिए समुद्री मार्ग की खोज किसने की थी? वह किस देश का निवासी था?यावास्कोडिगामा किस देश का नाविक था? |
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Answer» वास्कोडिगामा पुर्तगाल का निवासी था। उसने 1498 ई० में भारत आने के जलमार्ग की खोज की थी। |
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| 20202. |
व्यापारिक मार्गों की खोज में कौन-सा देश अग्रणी था ? |
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Answer» व्यापारिक मार्गों की खोज में पुर्तगाल देश विश्व का सबसे अग्रणी देश था। |
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| 20203. |
ओजोन पर्त में छिद्र का कारण है-(i) जल प्रदूषण(ii) ध्वनि प्रदूषण(iii) वायु प्रदूषण(iv) इनमें से कोई नहीं |
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Answer» सही विकल्प है (iii) वायु प्रदूषण |
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| 20204. |
भारतीय वैज्ञानिक हैं-(i) एडीसन(ii) मैडम क्यूरी(iii) गैलिलियो(iv) हरगोविन्द खुराना |
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Answer» सही विकल्प है (iv) हरगोविन्द खुराना |
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| 20205. |
फ्रांसिस ड्रेक की प्रसिद्धि का कारण था, उसके द्वारा(क) उत्तमाशा की खोज(ख) कुतुबनुमा का आविष्कार(ग) फिलीपीन्स में उपनिवेश की स्थापना(घ) समुद्री मार्ग से विश्व की परिक्रमा |
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Answer» सही विकल्प है (घ) समुद्री मार्ग से विश्व की परिक्रमा |
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| 20206. |
‘सेन्ट पॉल’ गिरजाघर स्थित है(क) रोम में(ख) स्पेन में(ग) जर्मनी में(घ) लन्दन में |
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Answer» सही विकल्प है (क) रोम में |
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| 20207. |
प्रोटेस्टेण्ट आन्दोलन का नेतृत्व किसने किया?याप्रोटेस्टेण्ट सम्प्रदाय की स्थापना किसने की?(क) दान्ते ने(ख) सर टॉमस मूर ने(ग) मार्टिन लूथर ने(घ) जूलियस द्वितीय ने |
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Answer» सही विकल्प है (ग) मार्टिन लूथर ने |
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| 20208. |
मुगलकालीन स्थापत्य कला पर प्रकाश डालिए। |
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Answer» मुगलकालीन स्थापत्य कला – मुगल शासक स्थापत्य कला के महान निर्माता थे। मुगल स्थापत्य कला का आधार फारसी शैली था। अकबर काल में हिन्दू-मुसलिम शैली का मिश्रण हुआ। उद्यान मुगल स्थापत्य का अविभाज्य अंग बन गया। बाबर कलात्मक स्वभाव का शासक था। उसने पानीपत के काबुली बाग की मसजिद और संभल की जामा मसजिद बनवाई।। अकबर का काल शान्ति का काल था। अकबर ने आगरा, इलाहाबाद, फतेहपुर सीकरी, लाहौर आदि में इमारतों को बनवाया, जिसमें बुलन्द दरवाजा, शेख सलीम का मकबरा, जोधाबाई का महल, पंचमहल आदि मुख्य हैं। शाहजहाँ ने ताजमहल, दिल्ली का लालकिला, जामा मसजिद और आगरे का दीवाने-आम बनवाए। औरंगजेब ने दिल्ली की मोती मसजिद का निर्माण कराया। |
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| 20209. |
राफेल कहाँ के चित्रकार थे?(क) रोम(ख) फ्रांस(ग) इटली(घ) अमेरिका |
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Answer» सही विकल्प है (ग) इटली |
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| 20210. |
गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त दिया है(i) वोल्टा ने(ii) न्यूटन ने(iii) सी. वी. रमन ने(iv) एस. एन. बोस ने |
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Answer» सही विकल्प है (ii) न्यूटन ने |
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| 20211. |
बार्थोलोमियो डियाज ने निम्न में से किसकी खोज की थी?(क) उत्तमाशा अन्तरीप की(ख) ब्राजील की(ग) पेरू की।(घ) फिलीपीन द्वीप समूह की |
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Answer» सही विकल्प है (क) उत्तमाशा अन्तरीप की |
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| 20212. |
प्रोटेस्टेण्ट धर्म सुधारक काल्विन किस देश का नागरिक था?(क) स्कॉटलैण्ड(ख) स्विट्जरलैण्ड(ग) फ्रांस(घ) स्पेन |
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Answer» सही विकल्प है (ग) फ्रांस |
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| 20213. |
किस मुगल शासक ने विदेशी कम्पनियों को भारत में व्यापार करने की इजाजत दी थी? लिखिए। |
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Answer» जहाँगीर ने मुगल शासक ने विदेशी कम्पनियों को भारत में व्यापार करने की इजाजत दी थी। |
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| 20214. |
शिवाजी के माता-पिता का नाम बताइए। |
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Answer» शिवाजी की माता का नाम जीजाबाई तथा पिता का नाम शाहजी भोंसले था। |
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| 20215. |
मुगल कालीन प्रसिद्ध गायक का नाम लिखिए? |
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Answer» मुगल काल के प्रसिद्ध गायक तानसेन थे। |
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| 20216. |
भारत के मार्ग की खोज किसने की थी(क) कोलम्बस(ख) वास्कोडिगामा(ग) अमेरिगो(घ) मैगलेन |
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Answer» सही विकल्प है (ख) वास्कोडिगामा |
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| 20217. |
जलमार्ग द्वारा पृथ्वी की परिक्रमा करने वाला नाविक था(क) कोलम्बस(ख) वास्कोडिगामा(ग) मैगलेन(घ) अमेरिगो |
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Answer» सही विकल्प है (ग) मैगलेन |
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| 20218. |
नई दुनिया की खोज की(क) वास्को-डि-गामा ने(ख) मैगलेन ने(ग) केल्विन ने(घ) कोलम्बस ने |
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Answer» सही विकल्प है (घ) कोलम्बस ने |
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| 20219. |
गुरुत्वाकर्षण के सिद्धान्त के प्रतिपादक थे(क) कोपरनिकस(ख) न्यूटन(ग) आर्किमिडीज(घ) रोजर बेकन |
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Answer» सही विकल्प है (ख) न्यूटन |
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| 20220. |
जर्मनी में धर्म-सुधार आन्दोलन के प्रणेता थे(क) ज्विगली(ख) काल्विन(ग) राजा फिलिप(घ) मार्टिन लूथर |
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Answer» सही विकल्प है (घ) मार्टिन लूथर |
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| 20221. |
मार्टिन लूथर द्वारा चलाये गये आन्दोलन का क्या नाम था ?(क) कैथोलिक(ख) प्यूरीटन(ग) डेसबेटेरियन्स(घ) प्रोटेस्टेण्ट |
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Answer» सही विकल्प है (घ) प्रोटेस्टेण्ट |
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| 20222. |
पानीपत की तीसरी लड़ाई क्यों हुई? इसके क्या परिणाम हुए? |
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Answer» मराठों ने पहले पंजाब पर हमला करके उस पर अधिकार कर लिया। पंजाब पर उस समय अब्दाली का शासन था। अब्दाली मराठों से नाराज हो गया। इस कारण यह लड़ाई हुई। इस लड़ाई का परिणाम यह हुआ कि मराठों की हार से उनकी शक्ति क्षीण हो गई। मराठों के पतन से अंग्रेजों को भारत से साम्राज्य स्थापित करने का सुअवसर मिल गया। |
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| 20223. |
नई दुनिया की खोज किसने की थी(क) वास्कोडिगामा(ख) कोलम्बस(ग) मैगलेन(घ) पिजारो |
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Answer» सही विकल्प है (ख) कोलम्बस |
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| 20224. |
अमीरों तथा सरदारों को अलाउद्दीन खिलजी ने कैसे नियन्त्रित किया? |
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Answer» अलाउद्दीन का मानना था कि दावतों तथा उत्सवों में मिलने से अमीरों तथा सरदारों में निकटता तथा आत्मीयता बढ़ती है जिससे सुल्तान के प्रति षड्यन्त्र एवं विद्रोह करने का अवसर मिलता है। अत: विद्रोहों को रोकने के लिए अलाउद्दीन खिलजी ने दरबार के अमीरों तथा सरदारों पर कठोर प्रतिबन्ध लगाए। उनके इलाकों पर राज्य द्वारा अधिकार कर लिया गया। अमीरों की दावतों, मदिरापान एवं गोष्ठियों पर भी नियंत्रण लागू किया गया। सुल्तान की पूर्व आज्ञा के बिना अमीर सामाजिक समारोहों का आयोजन नहीं कर सकते थे। गुप्तचर सदेव उन पर नजर भी रखते थे। इन प्रतिबन्धों से सरदार और अमीर भयभीत रहते थे। सुल्तान के विरुद्ध किसी को सिर उठाने का साहस नहीं था। इस प्रकार उसका अमीरों पर पूर्ण नियंत्रण था। |
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| 20225. |
दि प्रिन्स ग्रन्थ का लेखक था(के) दान्ते(ख) सर्वेण्टीज(ग) मैकियावली(घ) बुकेशियो |
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Answer» सही विकल्प है (ग) मैकियावली |
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| 20226. |
मार्टिन लूथर ने धर्म-सुधार आन्दोलन किस देश से प्रारम्भ किया था ?(क) इटली(ख) जर्मनी(ग) फ्रांस(घ) हॉलैण्ड |
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Answer» सही विकल्प है (क) इटली |
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| 20227. |
सैय्यद कौन थे? |
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Answer» सैय्यद अपने आप को हज़रत मुहम्मद की पुत्री बीबी फातिमा की सन्तान मानते थे। |
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| 20228. |
मुस्लिम तथा हिन्दू समाज के भोजन में क्या फ़र्क था? |
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Answer» मुस्लिम समाज में अमीरों, सरदारों, सैय्यदों, शेखों, मुल्लाओं तथा काजी लोगों का भोजन बहुत तैलीय (घी वाला) होता था, जबकि हिन्दुओं का भोजन सादा तथा वैष्णो (शाकाहारी) होता था। |
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| 20229. |
सिकन्दर लोधी की धार्मिक नीति का वर्णन करो। |
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Answer» मुसलमान इतिहासकारों के अनुसार सिकन्दर लोधी एक न्यायप्रिय, बुद्धिमान् तथा प्रजा हितैषी शासक था। परन्तु डॉ० इन्दू भूषण बैनर्जी इस मत के विरुद्ध हैं। उनका कथन है कि सिकन्दर लोधी की न्यायप्रियता अपने वर्ग (मुसलमान वर्ग) तक ही सीमित थी। उसने अपनी हिन्दू प्रजा के प्रति अत्याचार और असहनशीलता की नीति का परिचय दिया। उसने हिन्दुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाया और उनके मन्दिरों को गिरवाया। हजारों की संख्या में हिन्दू सिकन्दर लोधी के अत्याचारों का शिकार हुए। |
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| 20230. |
मुसलमानों के मनोरंजन के साधनों का वर्णन करो। |
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Answer» मुस्लिम सरदारों तथा अमीरों के मनोरंजन के मुख्य साधन चौगान, घुड़सवारी, घुड़दौड़ आदि थे, जबकि ‘चौपड़’ का खेल अमीर तथा ग़रीब दोनों में प्रचलित था। |
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| 20231. |
न्याय सम्बन्धी कार्य कौन करते थे? |
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Answer» न्याय सम्बन्धी कार्य काजी करते थे। |
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| 20232. |
मुसलमान स्त्रियों के पहरावे का वर्णन करो। |
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Answer» मुसलमान स्त्रियां जम्पर, घाघरा तथा पायजामा पहनती थीं और बुर्के का प्रयोग करती थीं। |
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| 20233. |
मुस्लिम-मध्य श्रेणी का वर्णन करो। |
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Answer» मुस्लिम मध्य श्रेणी में सरकारी कर्मचारी, सिपाही, व्यापारी तथा किसान आते थे। |
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| 20234. |
तातार खाँ के बाद पंजाब का सूबेदार कौन बना? |
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Answer» दौलत खाँ लोधी। |
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| 20235. |
लोधी-वंश का सबसे प्रसिद्ध बादशाह किसे माना जाता है? |
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Answer» सिकन्दर लोधी को। |
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| 20236. |
तातार खां को पंजाब का निज़ाम किसने बनाया? |
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Answer» बहलोल लोधी ने। |
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| 20237. |
पानीपत के मैदान में इब्राहिम लोधी तथा बाबर की फ़ौज की योजना का वर्णन कीजिए। |
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Answer» पानीपत के मैदान में इब्राहिम लोधी की सेना संख्या में एक लाख थी। इसे चार भागों में बांटा गया था-
बाबर ने अपनी सेना के आगे 700 बैलगाड़ियां खड़ी की हुई थीं। इन बैलगाड़ियों को चमड़े की रस्सियों से बांध दिया गया था। बैलगाड़ियों के पीछे तोपखाना था। तोपों के पीछे अगुआ सैनिक टुकड़ी तथा केन्द्रीय सेना थी। दाएं तथा बाएं तुलुगमा पार्टियां थीं। सबसे पीछे बहुत-सी घुड़सवार सेना तैनात थी जो छिपी हुई थी। |
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| 20238. |
आलम खाँ ने पंजाब को हथियाने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए? |
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Answer» आलम खाँ इब्राहिम लोधी का चाचा था। अपने चौथे अभियान में बाबर ने उसे दीपालपुर का प्रदेश सौंपा था। अब वह पूरे पंजाब को हथियाना चाहता था। परन्तु दौलत खाँ लोधी ने उसे पराजित करके उसकी आशाओं पर पानी फेर दिया। अब वह पुन: बाबर की शरण में जा पहुंचा। उसने बाबर के साथ एक सन्धि की। इसके अनुसार उसने बाबर को दिल्ली का राज्य प्राप्त करने में सहायता देने का वचन दिया। उसने यह भी विश्वास दिलाया कि पंजाब का प्रदेश प्राप्त होने पर वह वहां पर बाबर के कानूनी अधिकार को स्वीकार करेगा। परन्तु उसका यह प्रयास भी असफल’ रहा। अन्त में उसने इब्राहिम लोधी (दिल्ली का सुल्तान) के विरुद्ध दौलत खाँ लोधी की सहायता की। परन्तु यहां भी उसे पराजय का सामना करना पड़ा और उसकी पंजाब को हथियाने की योजनाएं मिट्टी में मिल गईं। |
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| 20239. |
पानीपत की पहली लड़ाई (21 अप्रैल, 1526) किसके बीच हुई? |
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Answer» बाबर तथा इब्राहिम लोधी के बीच। |
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| 20240. |
बाबर का लाहौर पर कब्जा कब हुआ? |
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Answer» बाबर का लाहौर पर कब्जा 1524 ई० हुआ। |
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| 20241. |
दौलत खाँ लोधी के छोटे पुत्र का नाम बताओ। |
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Answer» दिलावर खां लोधी। |
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| 20242. |
अमीरों तथा सरदारों के बारे में एक नोट लिखें। |
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Answer» अमीर तथा सरदार ऊंची श्रेणी के लोग थे। इनको ऊंची पदवी और खिताब प्राप्त थे। सरदारों को ‘इक्ता’ अर्थात् इलाका दिया जाता था जहां से वे भूमिकर वसूल करते थे। इस धन को वह अपनी इच्छा से व्यय करते थे। सरदार सदा लड़ाइयों में ही व्यस्त रहते थे। वे सदा स्वयं को दिल्ली सरकार से स्वतन्त्र करने की सोच में रहते थे। स्थानीय प्रबन्ध की ओर वे कोई ध्यान नहीं देते थे। धनी होने के कारण ये लोग ऐश्वर्य प्रिय तथा दुराचारी थे। ये बड़ीबड़ी हवेलियों में रहते थे और कई-कई विवाह करवाते थे। उनके पास कई पुरुष तथा स्त्रियां दासों के रूप में रहती थीं। |
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| 20243. |
बाबर के 1524 ई० के हमले का हाल लिखो। |
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Answer» 1524 ई० में बाबर ने भारत पर चौथी बार आक्रमण किया। इब्राहिम लोधी के चाचा आलम खाँ ने बाबर से प्रार्थना की थी कि वह उसे दिल्ली का सिंहासन पाने में सहायता प्रदान करे। पंजाब के सूबेदार दौलत खाँ ने भी बाबर से सहायता के लिए प्रार्थना की थी। अतः बाबर भेरा होते हुए लाहौर के निकट पहुंच गया। यहां उसे पता चला कि दिल्ली की सेना ने दौलत खाँ को मार भगाया है। बाबर ने दिल्ली की सेना से दौलत खाँ लोधी की पराजय का बदला तो ले लिया, परन्तु दीपालपुर में दौलत खाँ तथा बाबर के बीच मतभेद पैदा हो गया। दौलत खाँ को आशा थी कि विजयी होकर बाबर उसे पंजाब का सूबेदार नियुक्त करेगा, परन्तु बाबर ने उसे केवल जालन्धर और सुल्तानपुर के ही प्रदेश सौंपे। दौलत खाँ ईर्ष्या की आग में जलने लगा। वह पहाड़ियों में भाग गया ताकि तैयारी करके बाबर से बदला ले सके। स्थिति को देखते हुए बाबर ने दीपालपुर का प्रदेश आलम खां को सौंप दिया और स्वयं और अधिक तैयारी के लिए काबुल लौट गया। |
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| 20244. |
मुस्लिम समाज में सबसे निचले दर्जे पर कौन था? |
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Answer» मुस्लिम समाज में सबसे निचले दर्जे पर गुलाम था। |
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| 20245. |
टॉमस मूर ने कौन-सी पुस्तक लिखी?(क) यूटोपिया(ख) मोनार्कियो(ग) हेमलेट(घ) दि प्रिन्स |
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Answer» सही विकल्प है (क) यूटोपिया |
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| 20246. |
यूरोप में पुनर्जागरण के कोई दो प्रमुख कारण लिखिए। |
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Answer» यूरोप में पुनर्जागरण के दो प्रमुख कारण थे |
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| 20247. |
मार्टिन लूथर कौन था? जर्मनी में उसके धर्म सुधार की सफलता के कारण लिखिए। |
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Answer» मार्टिन लूथर का परिचय धर्म-सुधार का प्रयास चौदहवीं सदी से प्रारम्भ हो गा था, लेकिन अनुकूल परिस्थितियाँ न होने के ” कारण वह विफल रहा। सोलहवीं दी में जर्मनी में अनुकूल परिस्थितियों के बीच इसने सफलता प्राप्त की। सोलहवीं सदी में जर्मनी में धर्म-सुधार आन्दोलन की सफलता के अनेक कारण थे। जर्मनी में शक्तिशाली केन्द्रीय सत्ता का अभाव था। जर्मनी में अनेक स्वतन्त्र रियासतें थीं। इन रियासतों की सुदीर्घ अभिलाषा यह थी कि पोप की राजनीतिक सत्ता समाप्त हो जाए और उन्हें पोप के बन्धनों से मुक्ति मिले। उस समय दो बड़ी कैथोलिक शक्तियाँ-फ्रांस और पवित्र रोमन साम्राज्य-एक-दूसरे के विरुद्ध भीषण युद्धों में लगी हुई थीं। ये दोनों शक्तियाँ संगठित होकर धर्म-सुधार आन्दोलन को दबाने में असमर्थ थीं। पोप के हस्तक्षेप और पोप को दिए जाने वाले करों के कारण अन्य देशों की अपेक्षा जर्मनी को अधिक भार उठाना पड़ रहा था। इन परिस्थितियों के कारण यूरोप में धर्म-सुधार की लहर सबसे पहले जर्मनी में उठी। इस आन्दोलन का मुख्य संचालक मार्टिन लूथर था। मार्टिन लूथर यूरिन्जिया नामक स्थान पर 1483 ई० में हुआ था। उसने एरफ के विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। कानून तथा धर्म के विषय में उसका ज्ञान प्रशंसनीय था। 1505 ई० में वह पारी (missionary) बन गया। गिरजाघर में अपने को कड़े अनुशासन में रखने के बावजूद लूथर को आन्तरिक शान्ति न मिली। लूथर ने गिरजाघर छोड़ दिया और विटनबर्ग के विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र (Theology) का प्रोफेसर हो गया। धर्मशास्त्र के अध्ययन और अध्यापन के दौरान रोमन कैथोलिक चर्च के कई मन्तव्यों के बारे में लूथर के मन में अनेक शंकाएँ पैदा हो गईं। इसी कारण 1510 ई० में अपनी जिज्ञासा शान्त करने के लिए उसने रोम का भ्रमण किया। रोम में उसने अपनी आँखों से पोप तथा पादरियों का भ्रष्ट जीवन देखा। उस समय पोप अपने धार्मिक कर्तव्ये भूलकर भोग-विलास में लिप्त रहते थे। यह देखकर लूथर पोप के विरुद्ध हो गया तथा उसे धर्म से ग्लानि हो गई। वह एक नया धर्म चलाने का विचार करने लगा, जिसमें पोप के समान भ्रष्ट चरित्र वाले व्यक्ति का कोई नेतृत्व न हो। पोप के विरुद्ध भ्रष्टाचार खत्म करने का अवसर भी आ गया। उस समय पोप न ईसाई लोगों में यह विश्वास प्रचलित कर दिया था कि मनुष्य को मृत्यु के बाद पापों का दण्ड भुगतना पड़ता है, लेकिन पुण्य कार्यों में धन देने से उस दण्ड की मात्रा काम हो जाती है। दण्ड की मात्रा कम करने के लिए पोप पापमोचन-पत्र (Indulgences) जारी किया करते थे। ईसाई लोग अपने पापों से छुटकारा के लिए इन्हें खरीद लिया करते थे। इस प्रकार पापमोचन-पत्र धन एकत्रित करने का साधन बन गए। 1517 ई० में लूथर को पापमोचन-पत्रों के बारे में ता चला तो उसके हृदय में जो आग पहले से जल रही थी वह और भड़क उठी। लूथर ने, जो इस समय विटनबर्ग में प्रोफेसर था, पोप का कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया। उसने 95 सिद्धान्तों की एक सूची प्रस्तुत की, जिसमें पोप के सिद्धान्तों का विरोध किया गया था। यह सूची उसने गिरजाघर के मुख्य द्वार पर टाँग दी। इसमें तर्क के द्वारा पोप के धर्म का विरोध किया गया था तथा लूथर का यह कथन था कि इस विषय में कोई भी व्यक्ति उससे तर्क कर सकता है। पोप के धर्म का विरोध करने के कारण लूथर द्वारा प्रचलित यह धर्म प्रोटेस्टैण्ट धर्म (Protestant Religion) के नाम से सम्बोधित किया गया। जर्मनी में इस धर्म का प्रचार तीव्र-गति से हुआ। जर्मनी में प्रोटेस्टैण्ट चर्च की स्थापना की गई तथा उत्तरी जर्मनी की अधिकांश जनता लूथर के नवीन धर्म की अनुयायी बन गई। मार्टिन लूथर के इस विरोध के कारण पोप उसका शत्रु बन गया तथा एक घोषणा के द्वारा उसने लूथर तथा उसके अनुयायियों को धर्म से बहिष्कृत कर दिया। तथापि लूथर का उत्साह कम नहीं हुआ और उसने सम्पूर्ण जर्मनी में क्रान्ति की लहर फैला दी। उसने घूम-घूमकर पोप तथा उसके धर्म के विरुद्ध प्रचार आरम्भ कर दिया। यद्यपि इस समय अनेक व्यक्ति लूथर के अनुयायी बन गए तथापि उसके विरोधियों का भी अभाव नहीं था। जो अभी तक रोमन कैथोलिक धर्म के अनुयायी थे, लूथर से घृणा करते थे तथा उसके मार्ग में अवरोध उपस्थित कर रहे थे। स्पेन, ऑस्ट्रिया तथा फ्रांस जैसे शक्तिशाली देशों के सम्राटों की सहायता पोप को ही प्राप्त थी। स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम ने लूथर को बुलाकर धर्म-सुधार आन्दोलन बन्द करने की आज्ञा दी तथा उसके मना करने पर लूथर को नास्तिक घोषित कर, दिया। वह लूथर को दण्ड भी देना चाहता था, परन्तु कुछ आन्तरिक समस्याओं से घिरे रहने के कारण वह उसको दण्ड न दे सका। लूथर ने सैक्सनी के राजा के यहाँ शरण ली। अन्त में जर्मनी के विभिन्न राज्यों ने लूथर के पक्ष में प्रस्ताव पारित किया तथा लूथर की रक्षा करने का वचन दिया। इस प्रकार जर्मनी में लूथर का धार्मिक आन्दोलन एक प्रकार से राष्ट्रीय आन्दोलन के रूप में परिणत हो गया। |
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| 20248. |
मानवतावादी विचारों का अनुभव सबसे पहले इतालवी शहरों में क्यों हुआ? |
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Answer» इटली के नगर निवासी यूनानी और रोम के विद्वानों की कृतियों से परिचित थे पर इन लोगों ने इन रचनाओं का प्रचार-प्रसार नहीं किया। चौदहवीं सदी में अनेक लोगों ने प्लेटो और अरस्तू के ग्रन्थों के अनुवादों को पढ़ा। साथ ही प्राकृतिक विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, औषधि विज्ञान सहित अनेक विषय लोगों के समक्ष आए। इटली में मानवतावादी विषय पढ़ाए जाने लगे। इस प्रकार इटली के नगरवासियों ने मानवतावादी विचारों का अनुभव किया। |
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| 20249. |
विज्ञान और दर्शन के क्षेत्र में अरबवासियों के योगदान का विवेचन कीजिए। |
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Answer» सम्पूर्ण मध्यकाल में ईसाई गिरजाघरों और मठों के विद्वान यूनानी और रोमन विद्वानों की कृतियों से परिचित थे। पर इन लोगों ने इन रचनाओं का प्रचार-प्रसार नहीं किया। चौदहवीं सदी में अनेक विद्वानों ने प्लेटो और अरस्तू के ग्रन्थों से अनुवादों को पढ़ना प्रारम्भ किया। इसके लिए वे अपने विद्वानों के ऋणी नहीं थे बल्कि अरब के विद्वानों के ऋणी थे जिन्होंने अतीत की पाण्डुलिपियों का संरक्षण और अनुवाद सावधानीपूर्वक किया था। जबकि एक ओर यूरोप के विद्वान यूनानी ग्रन्थों के अरबी अनुवादों का अध्ययन कर रहे थे दूसरी ओर यूनानी विद्वान अरबी और फारसी विद्वानों की कृतियों को अन्य यूरोपीय लोगों के बीच प्रसार हेतु अनुवाद भी कर रहे थे। ये ग्रन्थ प्राकृतिक विज्ञान, गणित, खगोल विज्ञान, औषधि विज्ञान और रसायन विज्ञान से सम्बन्धित थे। टॉलेमी के ‘अलमजेस्ट’ में अरबी भाषा के विशेष अवतरण ‘अल’ का उल्लेख है जोकि यूनानी और अरबी भाषा के बीच रहे सम्बन्धों को प्रकट करता है। मुस्लिम लेखक, जिन्हें इतालवी दुनिया में ज्ञानी माना जाता था, अरबी के हकीम और मध्य एशिया के बुखारा के दार्शनिक इब्नसिना और आयुर्विज्ञान विश्वकोश के लेखक अल राजी थे। स्पेन के अरबी दार्शनिक इब्नरुश्द ने दर्शनिक ज्ञान और धार्मिक विश्वासों के बीच रहे तनावों को सुलझाने की चेष्टा की। उनकी पद्धति को ईसाई चिन्तकों द्वारा अपनाया गया। |
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| 20250. |
पुनर्जागरण के क्या कारण थे? इसका यूरोप पर क्या प्रभाव पड़ा? या पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं? यूरोप में पुनर्जागरण के क्या कारण थे? |
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Answer» पुनर्जागरण का अभिप्राय ‘पुनर्जागरण’ शब्द, फ्रांसीसी शब्द ‘रिनेसान्स’ का हिन्दी रूपान्तर है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘फिर से जीवित हो जाना।’ स्वेन के अनुसार, “पुनर्जागरण एक व्यापक शब्द है जिसका प्रयोग उन सभी बौद्धिक परिवर्तनों के लिए किया जाता है जो मध्य युग के अन्त में तथा आधुनिक युग के प्रारम्भ में दृष्टिगोचर हो रहे थे। दूसरे शब्दों में, पुनर्जागरण से तात्पर्य उस अवस्था से होता है जब मानव समाज अपनी पुरानी सांस्कृतिक और राजनीतिक अवस्थाओं से जागकर नवीन उपयोगी परिवर्तनों के लिए उत्सुक हो जाता है। इस प्रकार जब प्रचलित जीवन-परम्पराओं में क्रान्तिकारी सुधार होने से समाज की कायापलट हो जाती है तो यह स्थिति पुनर्जागरण कहलाती है। इससे राज्य, राजनीति, धर्म, संस्था और भौतिक जीवन में सुधारों की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। यूरोप में पुनर्जागरण के कारण यूरोप में पुनर्जागरण के निम्नलिखित कारण थे |
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