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1.

प्रथम पुनर्योगज DNA का निर्माण किसमें हुआ था ?

Answer» जीवाणु साल्मोनेला टाइफीमूरियम में ।
2.

पुनर्योगज DNA टेक्नोलॉजी के विभिन्न चरण बताइए ।

Answer» DNA का विलगन , DNA का खण्डन , DNA खंड का संवाहक से बंधन , पुनर्योगज DNA का परपोषी में स्थानांतरण , परपोषी कोशिकाओं का माध्यम में व्यापक स्तर पर संवर्धन व वांछित उत्पाद का निष्कर्षण ।
3.

पौधों व जंतुओं की कोशिकाओं में पुनर्योगज DNA को किस विधि से अंतः क्षेपित किया जाता हैं ?

Answer» पौधों में बायोलिस्टिक या जीन गन से तथा जन्तुओं में माइक्रोइंजेक्शन विधि से अंतः क्षेपित किया जाता हैं ।
4.

पुनर्योगज D.N.A. को जीवाणु में प्रवेश करवाने के लिए क्या विधि अपनायी जाती हैं ?

Answer» DNA जलरागी (Hydrophilic) अणु हैं , इस कारण यह कोशिका झिल्ली के व्दारा प्रवेश नहीं कर पाता हैं । अतः जीवाणु को प्लाज्मिड ग्रहण करने हेतु सक्षम बनाया जाता हैं । इसके लिए कैल्सियम को विशिष्ट सांद्रता के साथ संसाधित किया जाता हैं जिससे DNA को जीवाणु की कोशिका भित्ति में स्थित छिद्रों से प्रवेश करने में सहायता मिलती हैं । इन कोशिकाओं को पुनर्योगज DNA के साथ पहले बर्फ पर रखते हैं फिर पुनर्योगज DNA को उन कोशिकाओं में बलपूर्वक प्रवेश कराया जाता है । इसके पश्चात् कोशिकाओं को कुछ समय के लिए `42^(@)` सेण्टीग्रेट (तापप्रघात) पर रखते हैं व पुनः बर्फ पर रखते हैं । इससे पुनर्योगज DNA जीवाणु में प्रवेश कर जाता हैं ।
5.

क्या आप बता सकते हैं कि प्रतिवेदक (रिपोर्टर) एन्जाइम को वरण योग्य चिन्ह की उपस्थिति में बाहरी DNA को परपोषी कोशिकाओं में स्थानांतरन के लिए मॉनिटर करने के लिए किस प्रकार उपयोग में लाया जा सकता हैं ?

Answer» DNA व्दारा अदाता (ग्राही ) कोशिका में प्रवेश करने का कार्य तभी किया जाता हैं जब अदाता कोशिका अपने चारों ओर स्थित DNA को धारण करने में सक्षम हो जाती हैं । यह कार्य अनेक विधाओं के व्दारा किया जाता हैं । यदि पुनर्योगज DNA को जिसमें प्रतिजैविक , जैसे - एम्पिसीलिन के प्रति प्रतिरोधी जीन स्थित होती हैं . ई . - कोलाई (E - coli) कोशिकाओं में स्थानांतरित किया जाए तो परपोषी कोशिकाएँ प्रतिरोधी कोशिकाओं में रुपांतरित हो जाती हैं । यदि रुपांतरित कोशिकाओं को एगारयुक्त प्लेट पर फैलाया जाता है तो केवल रुपांतरित कोशिकाएँ ही विकसित हो पाती हैं जबकि अरुपांतरित अदाता कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती हैं । प्रतिरोधी जीन के कारण कोई भी एम्पिसिलीन की उपस्थिति में रुपांतरित कोशिका चयन कर सकता हैं । ऐसे प्रक्रम में प्रतिरोधी जीन को वरण योग्य चिंहक कहते हैं ।
6.

पुनर्योगज प्रोटीन किसे कहते हैं ?

Answer» यदि कोई प्रोटीन कूट लेखन (इनकोडिंग ) जीन किसी विषमजात (हैटरोलॉगस ) परपोषी में व्यक्त होता हैं तो उसे पुनर्योगज प्रोटीन कहते हैं ।
7.

तुई ने कार्टून चैनल के माध्यम से क्लोन के बारे में सुना तथा यह जान गयी कि "डाली" एक क्लोन भेड़ हैं । उसने अपने जीव विज्ञान के शिक्षक से चर्चा की , तब शिक्षक ने क्लोन एंव उसकी उत्पत्ति के बारे में विस्तृत रुप से बताया । उपर्युक्त गद्यांश के आधार पर निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिये - (i) क्लोन क्या हैं ? (ii) पौधों में क्लोन का उत्पादन किस प्रकार किया जाता हैं ? (iii) तुई ने जीव विज्ञान शिक्षक से क्लोन के बारे में जानकारी क्यों प्राप्त की ?

Answer» (i) क्लोन , जीवों को जैव प्रौद्योगिकी व्दारा तैयार किये जाते हैं तथा ये मूल जीव की वास्तविक नकल हैं ।
(ii) पौधों में ऊतक संवर्धन (Tissue culture) की क्रियाविधि व्दारा क्लोन का परिवर्धन किया जाता हैं ।
(iii) तुई को जैव प्रोद्योगिकी (Biotechnology)के बारे में जानने की उत्सुकता थी , इसलिए उसने जीव विज्ञान विषय के शिक्षक से संपर्क किया ।
8.

आण्विक आकार के आधार पर एन्जाइम बड़े हैं या DNAआप इसके बारे में कैसे पता लगायेंगे ?

Answer» एन्जाइम प्रोटीन होते हैं । प्रोटीन्स अणु अत्याधिक जटिल संरचना वाले वृहद अणु होते हैं । इनका निर्माण अमीनों अम्ल से होता हैं । प्रकृति में लगभग 300 प्रकार (तीन सौ) प्रकार के अमीनों अम्ल पाये जाते हैं । परंतु इनमें से केवल 20 अमीनों अम्ल ही जंतु एंव पादप कोशिकाओं में पाये जाते हैं । अमीनों अम्ल श्रृंखलाबद्ध होकर परस्पर पेप्टाइड बंध द्वारा जुड़े रहते हैं । प्रत्येक प्रोटीन अणु भी पॉलिपेप्टाइड श्रृंखला में अमीनों अम्ल का क्रम विशिष्ट प्रकार का होता हैं । प्रोटीन्स का आण्विक भार बहुत अधिक होता हैं । विभिन्न अमीनों अम्ल से बनने वाली प्रोटीन्स विभिन्न प्रकार की होती हैं । हमारे शरीर में लगभग 50,000 प्रकार के प्रोटीन्स पाए जाते हैं ।
DNA के जैविक - वृहद अणु जटिल संरचना वाले होते हैं । ये प्रोटीन्स (एन्जाइम) से भी बड़े जैविक गुरु अणु होते हैं । इनका अणुभार `10^(6) "से" 10^(9)` डाल्टन तक होता हैं । DNA अणु पॉलिन्यूक्लिओटाइड्स श्रृंखला से बना होता हैं । DNA से कम अणुभार वाले m - RNA = t - RNA तथा r - RNA का निर्माण होता हैं । RNA प्रोटीन संश्लेषण हेतु DNA अणु विभिन्न स्थान पर व्दिगुणित होकर छोटी - छोटी अनुपूरक श्रृंखलाएँ अर्थात् राइबोन्यूक्लियोटाइड अम्ल का एक छोटा अणु बनाती हैं , इसे प्रवेशक (Primers) कहते हैं । RNA प्रवेशकों के संश्लेषण का उत्प्रेरण RNA पॉलिमरेज (polymerase) एन्जाइम करता हैं । RNA प्रोटीन संश्लेषण के काम आते हैं । इससे स्पष्ट होता हैं कि RNA अणु प्रोटीन्स (एन्जाइम ) से भी बड़े अणु होते हैं ।
9.

क्या आप दस पुनर्योगज प्रोटीन के बारे में बता सकते हैं जो चिकित्सीय व्यवहार के काम में लाये जाते हैं ? पता लगाइये कि वे चिकित्सीय औषधि के रुप में कहाँ प्रयोग किए जाते हैं ?

Answer» जेनेटिक इंजीनियरिंग से व्युत्पन्न दस पुनर्योगज प्रोटीन अग्र हैं -
(i) यूरोकाइनेज (Urokinase) - थक्का घोलने वाला एन्जाइम जिसे बैक्टीरिया से उत्पन्न किया गया हैं ।
(ii) एण्डोर्फिन (Endorphin ) - दर्द निवारक औषधि जिसे भी बैक्टीरिया से प्राप्त किया गया हैं ।
(iii) हृामोलिन (Humolin ) - मानव इंसुलिन को बैक्टीरिया से प्राप्त किया गया हैं । यह डायबिटीज के इलाज में काम आता हैं ।
(iv) इंटरफेरॉन (Interferon) - इन्हे सन् 1980 में बैक्टीरिया की कोशिकाओं से प्राप्त किया गया था ।
(v) प्रोटोटॉप्सिन (Prototopsin) - यह मानव वृध्दि हॉर्मोन हैं ।
(vi) मुँहपका तथा खुरपका रोग हेतु टीका (Vaccine for mouth and foot disease ) - इसे सन् 1981 में जीन अभियांत्रिकी व्दारा उत्पन्न किया गया था ।
(vii) औद्योगिकी एन्जाइम (Industrial enzymes) - इनका प्रयोग मांस के टेन्डरीजेशन हेतु करते हैं ।
(Viii) कारक IX (Factor IX) - एनीमिया , रक्ताल्पता के इलाज हेतु प्रयुक्त होता हैं ।
(ix) सोमेटोट्रॉफिन (HGH) - (एक हॉर्मोन ) ।
(x) सोमेटोस्टैटिन (Somatostatin) - आदि ।
10.

क्लोनिंग के लिए ई. कोलाई जीवाणु को उपयुक्त परपोषी क्यों माना जाता हैं ?

Answer» क्लोनिंग के लिए ई. कोलाई जीवाणु को उपयुक्त परपोषी निम्न गुणों के कारण माना जाता हैं -
(i) यह आसानी से रुपान्तरित हो जाता हैं ।
(ii) इसमें कार्यशील सीमाकारी एन्जाइम्स का अभाव होता हैं ।
(iii) यह पुनर्योगज डी.एन.ए. की पुनरावृत्ति में सहायता करता हैं ।
(iv) इसके डी.एन.ए. की सरंचना व अन्य जैव रासायनिक क्रियाए पूर्णतः ज्ञात हैं ।
(v) इसके प्लाज्मिड व जीवाणुभोजियों को स्पष्ट रुप से अभिलक्षित किया जा चुका हैं ।
11.

बायरोरिएक्टर्स का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।

Answer» ये संवर्धन हेतु बड़े बर्तन होते हैं जिनके प्रयोग औद्योगिक इकाइयों में होता हैं । उत्पादों की अधिक मात्रा प्राप्त करने हेतु इनका उपयोग किया जाता हैं । ये कई प्रकार के होते हैं जैसे साधारण विलोडन हौज बायोरिएक्टर तथा दण्ड विलोडक हौज बायोरिएक्टर आदि । इनमें पादप / जंतु / सूक्ष्मजीवों की कोशिकाओं को जैव रुप में कच्चे माल से विशिष्ट उत्पाद उत्पन्न करते हैं ।
12.

अनुप्रवाह संसाधन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए ।

Answer» अनुप्रवाह संसाधन (Downstream Processing ) - पृथक्करण तथा शोधन प्रक्रमों को सामूहिक रुप से अनुप्रवाह संसाधन कहते हैं । जैव संश्लेषित अवस्था से बायोरिएक्टर ब्रौथ ( Broth ) को तरल तथा ठोस दशा में प्राप्त करते हैं । फिर उत्पाद को परिरक्षक के साथ संरुपित किया जाता हैं । इसमें निम्न प्रक्रम शामिल हैं -
13.

इलेक्ट्रोफोरेसिस में DNA को देखने के लिए किससे अभिरंजित किया जाता हैं ?

Answer» इथीडियम ब्रोमाइड नामक यौगिक से अभिरंजित करते हैं ।
14.

इलेक्ट्रोफोरेसिस में क्या होता हैं ?

Answer» DNA खंड का पृथक्करण एंव विलगन ।
15.

कौन - सा DNA पॉलिमरेज उच्च ताप पर भी सक्रिय रहता हैं ?

Answer» टेक (Taq) DNA पॉलिमरेज उच्च ताप पर भी सक्रिय रहता हैं ।
16.

हिंड II (Hind II) DNA अणु को कहाँ से काटता हैं ?

Answer» हिंड II, DNA अणु को उस विशेष बिंदु पर काटते हैं , जहाँ पर छः क्षारक युग्मों (Base pairs) का विशेष अनुक्रम होता हैं ।
17.

DNA खण्ड किस प्रकार के आवेशित अणु होते हैं ?

Answer» ऋणात्मक आवेशित (Charged) अणु होते हैं ।
18.

मानव निर्मित इन्सुलिन का क्या नाम हैं ?

Answer» Correct Answer - ह्यूमोलिन (Humulin)
19.

PCR का पूरा नाम लिखिए । इनमें कौन - सा एन्जाइम प्रयुक्त होता हैं ?

Answer» पॉलिमरेज श्रृंखला अभिक्रिया (Polymerase Chain Reaction ) , इसमें टेक (Taq) DNA पॉलिमरेज एन्जाइम प्रयुक्त होता हैं ।
20.

काइटिनेज को संक्षेप में बताइए ।

Answer» काइटिनेज (Chitinase) - आनुवंशिक पदार्थ अथवा डी . एन. ए . को शुद्ध रुप में प्राप्त किया जाता हैं । डी.एन. ए . के पृथ्क्करण हेतु कवकों (fungi ) की कोशिकाओं में काइटिनेज एन्जाइम का प्रयोग करके कोशिका झिल्ली को तोड़ते हैं ।
21.

किन्ही तीन प्रतिबंधन एण्डोन्यूक्लिएज एन्जाइमों के नाम लिखिए ।

Answer» (i) EcoRl , (ii) Hind ll तथा (iii) Hind III.
22.

प्रतिबंधन एंजाइम और डी . एन. ए. को संक्षेप में बताइए ।

Answer» प्रतिबंधन एन्जाइम्स (Restriction enzymes) तथा डी. एन. ए. (DNA) को विशिष्ट स्थल पर काटते हैं जैसे ईको आर वन (Eco R1) तथा हिंड II (Hind II) । ये न्यूक्लिएज होते हैं । ये दो समूहों के अंतर्गत आते हैं - (i) एक्सोन्यूक्लिएज तथा (ii) एण्डोन्यूक्लिएज । प्रत्येक एंजाइम डी.एन.ए. में पैलिंड्रोम न्यूक्लियोटाइड अनुक्रम को पहचानता हैं ।
23.

चिपचिपे सिरे किस एन्जाइम के कार्य में सहायता करते हैं ?

Answer» एन्जाइम DNA लाइगेज के कार्य में सहायता प्रदान करता हैं ।
24.

मानव की एक कोशिका में DNA की मोलर सांद्रता क्या होगी ?

Answer» मोलर सांद्रता (Molar concentration) - किसी पदार्थ की सांद्रता प्रति इकाई आयतन में उसकी मात्रा की माप होती हैं । इसे सामान्यतः मोलरता (Molarity) के पदों में व्यक्त किया जाता हैं । किसी पदार्थ की मोलरता एक लिटर आयतन उपस्थित उनके अणुओं की संख्या होती हैं । इसका मात्रक mol/L होता हैं ।
DNA जटिल वृहद् अणु होते हैं । इनका अणुभार `10^(6)` से `10^(9)` डाल्टन तक होता हैं । हमारे शरीर की कोशिकाओं में सबसे लम्बा DNA लगभग 85 मि.मी (85000`mu m "या" 8*5 xx 10^(8)Å`) और कोशिका में उपस्थित सभी 46 गुणसूत्रों के DNA अणुओं की कुल लम्बाई लगभग 2 मीटर होती हैं । जबकि हमारे शरीर की कोशिकाओं का व्यास केवल `4 pi "से" 100 pi (0*004mm "से" 0. 1mm)` होता हैं ।