InterviewSolution
Saved Bookmarks
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
ऊर्जा (energy) का SI मात्रक निकालें। गतिज ऊर्जा (kinetic energy) का सूत्र है `E=1/2 mv^(2)`, |
| Answer» ऊर्जा के कई रूप होते हैं। इनमे से किसी भी रूप के लिए यदि हमें सूत्र पता हो, तो हम ऊर्जा का मात्रक पता कर सकते हैं। द्रव्यमान m का SI मात्रक है kg और वेग v का SI मात्रक हमने अभी निकाला था `m/s`, किन्तु `1/2` तो एक संख्या है इसलिए इसका कोई मात्रक नहीं है। अतः ऊर्जा का SI मात्रक हुआ `kg. (m/s)^(2)` या `kg.m^(2)//s^(2)`. इस मात्रक का एक अलग से नाम जूल (joule) दिया गया है और इसे J अक्षर से दिखाते हैं। अतः ऊर्जा का SI मात्रक जूल है। | |
| 2. |
विमाओं की दृष्टि से जाँच कर बताएँ की समीकरण `t=2pi sqrt(m/(F//x))` सही हो सकता है या नहीं, जहाँ t = आवर्त काल, m = द्रव्यमान, F = बल तथा x = विस्थापन है। |
|
Answer» बल का विमीय सूत्र है। अतः दिए गए समीकरण में दाहिनी और के व्यंजक का विमीय सूत्र होगा, `sqrt(M/((MLT^(-2))//L))=sqrt(1/T^(-2))=T` बायीं और आवर्तकाल t है जिसका विमीय सूत्र भी T है। अतः, यह समीकरण विलय दृष्टि से सही है। |
|
| 3. |
यदि एक कण द्वारा t समय में चली हुई दुरी `x=a+bt+ct^(2)+dt^(3)` हो, तो a b c तथा d के विमीय सूत्र बताएँ। |
|
Answer» इस समीकरण में पाँच पद हैं और इन सभी की विमाएँ समान होनी चाहिए। `[x]=L` अतः `[a]=[bt]=[ct^(2)]=[dt^(3)]=L`. अतः `[b]=LT^(-1), [c]=Lt^(-2), [d]=LT^(-3)`. |
|
| 4. |
निम्नलिखित राशियों के विमीय सूत्र निकालें। (a) गुरुत्वाकर्षण का नियतांक G (b) पृष्ठ-तनाव (surface tension) S (c) तापीय चालकता (thermal conductivity) K (d) श्यानता गुणांक `eta` इन राशियों से सम्बंधित कुछ समीकरण इस प्रकार हैं- `F=(Gm_(1)m_(2))/r^(2)," "S=(rho grh)/2`, `Q=K (A(theta_(2)-theta_(1)))/d," "F=eta A (v_(2)-v_(1))/(x_(2)-x_(1))` संकेतों के अर्थ सामान्य हैं और प्रत्येक खंड के हल में ये अर्थ और विस्तार से बताए गए हैं। |
|
Answer» (a) `F=(Gm_(1)m_(2))/r^(2)`, यह न्यूटन द्वारा स्थापित गुरुत्वाकर्षण का नियम है। `m_(1)` तथा `m_(2)` दो छोटी वस्तुओं के द्रव्यमान हैं तथा r उनके बीच की दुरी है। F प्रत्येक वस्तु द्वारा दूसरे पर लगाए जाने वाले गुरुत्वाकर्षण के बल परिमाण है। `G=(Fr^(2))/(m_(1)m_(2))` अतः, `[G]=([F]L^(2))/M^(2)=(MLT^(-2).L^(2))/M^(2)=M^(-1)L^(3)T^(-2)`. (b) पृष्ठ-तनाव किसी द्रव की सतह से सम्बंधित गुण है। दिए गए समीकरण में एक पतली नली में द्रव के चढ़ने की परिस्थिति का वर्णन है। द्रव का घनत्व `rho`, गुरुत्वीय त्वरण g नली का व्यास r और नली में द्रव के चढ़ने की ऊँचाई h है। `S=(rho grh)/2` अतः `[S]=[rho][g]L^(2)=M/L^(3) L/T^(2) L^(2) =MT^(-2)` (c) समीकरण `Q=K (A(theta_(2)-theta_(1))t)/d` एक छड़ से जुगरती ऊष्मा को बताता है। ऊष्मा ऊर्जा का रूप है जिसे यहाँ Q लिखा गया है, A छड़ के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल है, `theta_(1)` तथा `theta_(2)` छड़ के दो सिरों के ताप हैं, t समय है तथा d छड़ के सिरों के बीच की दुरी है। `K=(Qd)/(A(theta_(2)-theta_(1))t)` अतः, `[K]=([Q]L)/(L^(2)KT)=(ML^(2)T^(-2)L)/(L^(2)KT)=MLT^(-3)K^(-1)`. (d) श्यानता बहते हुए द्रव के विभिन्न भागों द्वारा एक-दूसरे पर लगाते बल से सम्बंधित गुण है। दिए गए समीकरण में F बल, A क्षेत्रफल, v वेग तथा x दुरी को बताता है। `F=eta A (v_(2)-v_(1))/(x_(2)-x_(1))` या `MLT^(-2)=[eta] L^(2) (L//T)/L =[eta] L^(2)/T` या `[eta]=ML^(-1) T^(-1)`. |
|
| 5. |
जब एक गोलाकार वस्तु किसी द्रव में चलती है तो द्रव उसपर गति की विपरीत दिशा में एक बल लगता है। इस बल का परिमाण F, द्रव का श्यानता गुणांक (coefficient of viscosity) `eta`, गोले की त्रिज्या r तथा गोले के वेग v पर निर्भर करता है। विमाओं की सहायता से F के लिए `eta`, v तथा r में सूत्र प्राप्त करे। |
|
Answer» मान लें की F के सूत्र में जो पद आएँगे वे `k eta^(a)r^(b)v^(c)` के रूप के होंगे। k एक विमारहित संख्या है। हम पहले ही प्रश्न 1 के हल में `eta` का विमीय सूत्र `ML^(-1)T^(-1)` निकाल चुके हैं। `F=k eta^(a)r^(b)v^(c)`. अतः `[F]=(ML^(-1)T^(-1))^(a)(L)^(b)(L/T)^(c)` या `MLT^(-2)=M^(a)L^(-a+b+c)T^(-a-c)` अतः `a=1` तथा `-a+b+c=1` तथा `-a-c=-2` इन्हे हल करने से `a=1, b=1, c=1` अतः `F=k eta r v`. चूँकि a, b, c के मान निश्चित हो चुके हैं, F के व्यंजक में एक ही पद हो सकता है। यदि वेग बहुत अधिक नहीं हों, तो k का मान `6 pi` पाया जाता है। |
|
| 6. |
जब किसी तार में विद्युत-धारा बहाई जाती है, तो उसमे ऊष्मा के रूप में ऊर्जा (heat energy) उत्पन्न होती है। t समय में उत्पन्न इस ऊष्मा का मान H तार में बहती धारा I तार का प्रतिरोध R तथा समय t पर निर्भर करता है। विमाओं का उपयोग कर, I, R तथा t के पदों में H के लिए व्यंजक प्राप्त करे। |
|
Answer» मान लें `H=kI^(a)R^(b)t^(c)` जहाँ k एक विमारहित संख्या है। `[H]=I^(a)[R]^(b)T^(c)` प्रतिरोध R की विमाएँ हम पहले ही प्रश्न 2 के हल में निकाल चुके हैं। ऊष्मा H ऊर्जा है, जिसका विमीय सूत्र `ML^(2)T^(-2)` भी हमने पहले निकाल रखा है। इनका उपयोग करने पर, `ML^(2)T^(-2)=I^(a)(ML^(2)T^(-2)I^(-2))^(b) T^(c)` `=M^(b)L^(2b)T^(-3b+c)I^(-2b+a)` अतः `b=1` `2b=2` `-3b+c=-2` `-2b+a=0` इन्हे हल करने पर, `a=2, b=1, c=1` अतः `H=kI^(2)Rt`. H के सूत्र में I, R, t का सिर्फ ऐसा ही पद आ सकता है, क्योंकि a, b, c के मान निश्चित हो चुके हैं। अतः इसमें एक ही पद होगा। |
|
| 7. |
निम्नलिखित के विमीय सूत्र निकालें। (a) आवेश Q (b) विद्युत विभव V (c) धारिता C तथा (d) प्रतिरोध R इनसे सम्बंधित कुछ समीकरण इस प्रकार हैं `Q=It, U=Vit, Q=CV, V=RI`, जहाँ I विद्युत -धारा, t समय तथा U ऊर्जा हैं। |
|
Answer» (a) `Q=It`, अतः `[Q]=IT`. (b) `U=VIt` अतः `ML^(2)T^(-2)=[V]IT` या `[V]=ML^(2)T^(-3)I^(-1)` (c) `Q=CV` अतः `IT=[C][V]` या `IT=[C] ML^(2)T^(-3)I^(-1)` या `[C]=M^(-1)L^(-2)T^(4)I^(2)`. (d) `V=RI` अतः, `[R]=([V])/I=(ML^(2)T^(-3)I^(-1))/(I)=ML^(2)T^(-3)I^(-2)`. |
|
| 8. |
एक विमारहित राशिA. का कोई मात्रक नहीं होता है।B. का सदा एक मात्रक होता है।C. का मात्रक हो सकता है।D. होती ही नहीं है। |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 9. |
नीचे भौतिक राशियों के कुछ समूह दिए गए हैं। इनमे से किस समूह की राशियाँ किसी भी पद्धति में मूल राशियों के रूप में सम्मिलित नहीं की जा सकती?A. लम्बाई, द्रव्यमान एवं वेगB. लम्बाई, समय एवं वेगC. द्रव्यमान, समय एवं वेगD. लम्बाई, समय एवं द्रव्यमान |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 10. |
विमीय सूत्र `ML^(-1) T^(-2)` हो सकता हैA. बल द्वारा किए गए कार्य काB. रेखीय संवेग काC. दाब काD. प्रति इकाई आयतन में उपस्थित ऊर्जा का |
| Answer» Correct Answer - C::D | |
| 11. |
सही विकल्प चुनें ।A. विमीय दृष्टि से सही समीकरण, वास्तव में सही भी हो सकता है।B. विमीय दृष्टि से सही समीकरण, वास्तव में गलत भी हो सकता है।C. विमीय दृष्टि से गलत समीकरण, वास्तव में सही भी हो सकता है।D. विमीय दृष्टि से गलत समीकरण, वास्तव में गलत भी हो सकता है। |
| Answer» Correct Answer - A::B::D | |
| 12. |
एक मात्रकराहित राशिA. की सभी विमाएँ सदा शून्य होती है।B. की सभी विमाएँ कभी शून्य नहीं होती हैं।C. की विमाएँ शून्य के अलावा भी हो सकती हैं।D. होती ही नहीं है। |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 13. |
एक राशि को नापने पर उसका मान nu लिखते हैं, जहाँ u उसका मात्रक तथा n उसका मान है यदि इसी मान को विभिन्न पद्धतियों में लिखा जाए जिनमे मात्रक u अलग-अलग हों, तोA. `n prop u`B. `n prop u^(2)`C. `n prop sqrt(u)`D. `n prop 1/u` |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 14. |
सही विकल्प चुनें ।A. सभी राशियाँ विमीय दृष्टि से मूल राशियों से बने पदों में लिखी जा सकती हैं।B. एक मूल राशि विमीय दृष्टि से शेष मूल राशियों से बने पदों में नहीं लिखी जा सकती है।C. एक मूल राशि की शेष मूल राशियों में विमा सदा शून्य होती है।D. एक व्युत्पन्न राशि की विमा किसी मूल राशि में कभी शून्य नहीं होती है। |
| Answer» Correct Answer - A::B::C | |
| 15. |
यदि किसी पद्धति में वेग, समय और बल मूल राशियाँ हों, तो द्रव्यमान की विमाएँ क्या होंगी? |
| Answer» [बल] = [द्रव्यमान] `xx` [त्वरण] ltgt =[द्रव्यमान] `xx (["वेग"])/(["समय"])` ltgt अतः [द्रव्यमान] `=(["बल"]xx["समय"])/(["वेग"]) =FTV^(-1)` ltgt जहाँ F T V क्रमशः बल, समय और वेग के संकेत हैं। | |