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151.

सांद्र `H_(2)SO_(4)` का प्रयोग निर्जलीकारक के रूप में किया जाता है ।

Answer» सांद्र `H_(2)SO_(4)` जल के साथ अधिक आकर्षण रखता है तथा जल अवशोषित कर हाइट्रेटस बनाता है तथा जिन अभिक्रियाओं में जल बनता है उनकी उत्क्रमणीयता को भी रोकता है । जिसके कारण इसका प्रयोग निर्जलीकारक की भाँति होता है ।
152.

कॉपर `HNO_(3)` में विलेय है जबकि HCl में अविलेय है ।

Answer» विघुत-रासायनिक श्रेणी में कॉपर का स्थान H से नीचे है , अतः यह अम्ल से को मुक्त नहीं करता । परन्तु `HNO_(3)` प्रबल ऑक्सीकारक होने के कारण Cu को ऑक्सीकृत कर देता है ।
`3Cu + 8HNO_(3) ("dil") to 3Cu(NO_(3))_(2) + 4H_(2)O + 2NO`
`Cu + 4HNO_(3) ("conc.") to Cu(NO_(3))_(2) + 2H_(2)O + 2NO_(2)`
153.

वायु की अपेक्षा नाइट्रस ऑक्साइड दहन को तेज करता है ।

Answer» वायु की ऑक्सीजन का `(1)/(5)` भाग आयतन होता है जबकि `N_(2)O` के विघटन से `1/3` भाग आयतन होता है । ऑक्सीजन की अधिक मात्रा ही दहन को तेजी करती है ।
154.

सांद्र `HNO_(3)` को संग्रहित करने के लिए ऐलुमिनियम के बर्तन का प्रयोग किया जाता है ।

Answer» सान्द्र `HNO_(3)` के सम्पर्क में आते ही Al धातु अक्रिय हो जाते है क्योकि Al की सतह पर ऑक्साइड की परत चढ़ जाती है । इसलिए सान्द्र `HNO_(3)` को संग्र्हीन करने के लिए अल के बर्तन का प्रयोग किया जाता है ।
155.

उत्कृष्ट धातुएँ (noble metals ) अम्ल-राज में घुल जाती है ।

Answer» अम्ल-राज (aqua -regia ) एक भाग व तीन भाग HCl का मिश्रण होता है । ये मिश्नण जवजात क्लोरीन को उत्पन्न करता है जो उत्कृष्ट धातुओं को घोल लेती है ।
`HNO_(3) + 3HCl to NOCl + 2H_(2)O + underset("नवजात क्लोरीन")(2Cl)`
`Au + 3Cl to underset("विलेय")(AuCl_(3))`
156.

अम्ल -राज के अणुसूत्र लिखिए ।

Answer» Correct Answer - `HNO_(3)+3HCl`
157.

फॉस्फीन के अणुसूत्र लिखिए ।

Answer» Correct Answer - `PH_(3)`
158.

चिली शोरा के अणुसूत्र लिखिए ।

Answer» Correct Answer - `NaNO_(3)`
159.

नार्वे का शोरा के अणुसूत्र लिखिए ।

Answer» Correct Answer - `Ca(NO_(3))_(2)`
160.

भारतीय शोरा के अणुसूत्र लिखिए ।

Answer» Correct Answer - `KNO_(3)`
161.

नाइट्रोजन का वह यौगिक जो अम्ल , अपचायक , ऑक्सीकरण व संकर लवण बनाने की प्रवृति रखता है ।

Answer» Correct Answer - `HNO_(2)`
162.

नाइट्रोजन के दो उदासीन ओक्साइडों के नाम लिखिए ।

Answer» Correct Answer - `N_(2)O` व `NO`
163.

क्लोरीन की ऑक्सीकारक प्रवृति किसके कारण होती है।

Answer» `H_(2)O+CI_(2) to HCI +HCIO, HCIO to HCI+O`
164.

VA समूह का हाइड्रोइड जो अपचयन की प्रवृति नहीं रखता कौन-सा है ?

Answer» Correct Answer - `NH_(3)`
165.

`F_(2)`का निर्माण `F_(2)MnF_(6)` के निम्न द्वारा अपचयन से किया जाता है-A. `SbF_(5)`B. `MnF_(3)`C. `KSbF_(6)`D. `MnF_(4)`

Answer» Correct Answer - A
166.

हैलोजन समूह के सदस्यों को हैलाइड आयनों की अपचायक क्षमता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।

Answer» `F^(-) lt Cl^(-) lt Br^(-) lt I^(-)`
167.

हैलोजन समूह के सदस्यों को हैलोजन की क्रियाशीलता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।

Answer» `I_(2) lt Br_(2) lt Cl_(2) lt F_(2)`
168.

हैलोजन समूह के सदस्यों को हाइड्रो हैलोजन अम्लों का क्वथनांक के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।

Answer» `HCl lt HBr lt HI lt HF`
169.

हैलोजन समूह के सदस्यों को ऑक्सीकरण क्षमता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।

Answer» `I_(2) lt Br_(2) lt Cl_(2) lt F_(2)`
170.

हैलोजन समूह के सदस्यों को हैलोजन के विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्था में ऑक्सी -अम्लों की प्रबलता के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।

Answer» `HClO lt HClO_(2) lt HClO_(3) lt HClO_(4)`
171.

`HCIO, HCIO_(2),HCIO_(3)` एवं `HCIO_(4)` के अम्लीय प्रबलता का क्रम क्या है? कारण दीजिए।

Answer» क्लोरीन के ऑक्सीकरण संख्या में वृद्धि के साथ, उसके ऑक्सी-अम्लों की प्रबलता बढ़ती है, अथार्त
`HCIO lt HCIO_(2) lt HCI_(3) lt HCIO_(4)`
क्योकि `CI` की अपेक्षा `O` अधिक ऋणाविधुति तत्व है। परमाणुओं की संख्या में वृद्धि से `O-H` बंध का इलेक्ट्रॉन घनत्व अधिक से अधिक ऑक्सीजन की ओर विस्थापित होता है , जिससे `O-H` बंध दुर्लब हो जाता है एवं `H^(+)` आयन देने की प्रवत्ति बढ़ जाती है, अथार्त, अम्लीय प्रबलता बढ़ती है।
172.

द्रव अमोनिया की बोतल को खोलने से पहले उसे ठण्डा किया जाता है ।

Answer» कमरे के तप पर द्रव अमोनिया का वाष्प दाब अधिक होता है । बोतल के अंदर दाब कम करने के लिए इसे ठण्डा किया जाता है । यदि बोतल को ठण्डा न करे तो द्रव अमोनिया उछलकर बाहर आ जाती है ।
173.

`F_(2), Cl_(2), Br_(2), I_(2)` (आबन्ध वियोजन एन्थैली बढ़ते क्रम में ) समुच्चय को सामने लिखे गुणों के अनुसार सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।

Answer» `I_(2) lt F_(2) lt Br_(2) lt Cl_(2)` F -F आबन्ध एन्थैल्पी का मान अपेक्षा से बहुम कम होता है । इसका कारण F -परमाणुओं पर उपस्थित एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म तथा आबन्धित इलेक्ट्रॉन युग्म के मध्य अधिक प्रतिकर्षण का होता है ।
174.

HF , HCl , HBr , HI (अम्ल सामथर्य बढ़ते क्रम में) समुच्चय को सामने लिखे गुणों के अनुसार सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए ।

Answer» `HF lt HCl lt HBr lt HI`
175.

ऑक्सीकरण अम्लों `HF,HCl, HB` तथा `HI` की शक्ति का क्रम है -A. `HF lt HCI lt HBr lt HI`B. `HF gtHBr gt HI gt HCI`C. `HBr gt HI gt HCI gt HF`D. `HI gt HBr gt HCI gt HF`

Answer» Correct Answer - D
176.

निम्नलिखित में से सबसे प्रबल अम्ल होता है-A. HBrB. HCIC. HFD. HI

Answer» Correct Answer - D
HI एक प्रबल अम्ल है क्योकिं सलरता से वियोजोति होकर `H^(+)` आयन देता है।
177.

निम्न में से प्रबल अम्ल है-A. `CIO_(3) (OH)`B. `CIO_(2)(OH)`C. `SO(OH)_(2)`D. `SO_(2)(OH)_(2)`

Answer» Correct Answer - A
178.

हाइड्रोजन क्लोराइड गैस की संश्लेषण विधि लिखिए।

Answer» `H_(2)+CI_(2) to 2HCI`
179.

सधूम नाइट्रिक अम्ल किसे कहते है? यह किस रंग का होता है ?

Answer» सधूम नाइट्रिक अम्ल सान्द्र नाइट्रिक अम्ल होता है, जिसमे नाइट्रोजन परॉक्साइड घुला रहता है। यह नील रंग का होता है ।
180.

जब क्लोरीन गैस को NaI के जलीय विलयन में प्रवाहित किया जाता है । इसके लिए संतुलित समीकरण कीजिए ?

Answer» `2NaCl +Cl_(2) to 2NaCL +I_(2)`
181.

नाइट्रिक अम्ल का औद्योगिक उत्पादन किया जाता है-A. सम्पर्क प्रक्रम सेB. ली-ब्लांक प्रक्रम सेC. ऑस्टवाल्ड प्रक्रम सेD. डिकन प्रक्रम से

Answer» Correct Answer - C
182.

ऑर्थोफॉस्फोरिक अम्ल है-A. मोनोबेसिकB. डाईबेसिकC. ट्राईबेसिकD. चतुभास्मिक

Answer» Correct Answer - C
183.

`SO_(2)`अम्लीकृत `K_(2)Cr_(2)O_(7)` के विलयन को ............... के बनने के कारण .............. कर देती है।

Answer» `Cr_(2)(SO_(4))_(3)`,हरा
184.

सर्वाधिक इलेक्ट्रॉन बंधुता प्रदर्शित करता है-A. `I_(2)`B. `Br_(2)`C. `F_(2)`D. `CI_(2)`

Answer» Correct Answer - D
185.

क्लोरीन कितने प्रकार की ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करती है।

Answer» ऋणात्मक तथ धनात्मक ऑक्सीकरण अवस्था पदर्शित करती है।
186.

`KMnO_(4)` को सांद्र `H_(2)SO_(4)` में नहीं घोलना चाहिए ।

Answer» सान्द्र `H_(2)SO_(4)` के साथ `KMnO_(4)` एक विस्फोटक सह-संयोजक `Mn_(2)O_(7)` यौगिक बनाता है ।
`2KMnO_(4) + underset("सान्द्र")(H_(2)SO_(4)) to K_(2)SO_(4) + Mn_(2)O_(7) + H_(2)O`
अतः `KMnO_(4)` को तनु `H_(2)SO_(4)` में घोला जाता है । तनु `H_(2)SO_(4)` में घुलकर यह नवजात ऑक्सीजन उत्पन्न करता है । अतः इसका प्रयोग ऑक्सीकारक के रूप में होता है ।
187.

निम्न में से प्रबलता अम्ल है-A. HFB. `HCI`C. `HBr`D. HI

Answer» Correct Answer - D
188.

KI के जलीय विलयन में से क्लोरीन, आयोडीन को विश्थापित कर देती है ।

Answer» क्लोरीन का मानक अपचयन विभव आयोडीन से अधिक होता है । अतः `Cl_(2)` अपचयित हो जाता है और `I^(-)` आयन को `I_(2)` में ऑक्सीकृत कर देती है ।
`Cl_(2) + 2e to 2Cl^(-) , E_(R.P.)^(@) `
`ul( " " 2I^(-) to I_(2) + 2e^(-), E_(O.P)^(@))`
`Cl_(2) + 2I^(-) to 2Cl^(-) + I_(2), E_(O.P.)^(@)+ E_(R.P.)^(@)`
189.

आप कौन स्पष्ट करेंगे, की उत्कृष्ट गैसे एक परमानुक होती है?

Answer» इन गैसों के लिए विशिष्ट उष्माओं का अनुपात `(C_(p)//C_(v))1*66` होता है। जो एक परमानुक अणुओं के लिए होता है।
190.

कौन-कौन से उत्कृष्ट गैसे रासयनिक यौगिक बना सकती है ?

Answer» Ar, Kr एवं `Xe` अत्यघिक विशिष्ट परिस्थितियों के अन्तरगर्त यौगिक बना सकती है।
191.

`Cu^(2+)` विलयन के साथ अमोनिया कैसे क्रिया करती है?

Answer» जब अमोनिया गैस, `Cu^(2+)` वाले नील विलयन से गुजरती है, तो `NH_(4)OH,Cu^(2+)` आयनों के साथ घुलनशील गहरे नील रंग का संकर आयन बनाता है। इसमें `NH_(3)` के नाइट्रोजन पर उपस्थित एकाकी इलेक्ट्रॉन युग्म धातु आयन `(Cy^(2+))` के साथ उपसहयोजक बंध बनता है।
`underset("नीला")(Cu_((aq))^(2+))+3NH_(4)OH_((aq)) to underset(("गहरा नीला विलयन")) underset("टेट्रामिन कॉपर (II) आयन ")([Cu(NH_(3))_(4)]^(2+))+2H_(2)O`
192.

`SO_(2)` किस प्रकार से एक वायु प्रदूषक है ?

Answer» (i) सल्फर डाइऑक्साइड इर्धनों के दहन के दौरान वातावरण में मुक्त होती है जो उपस्थित `H_(2)O` अणु व ऑक्सीजन से जुड़कर सल्फ्यूरिक अम्ल बनाती है। यह अल विषैली प्रकृति का होने के कारण प्रदूषण का कारण होता है। यह संगमरमर `(CaCO_(3))` से बानी मूर्तियों व कीर्ति स्तम्भों का संक्षारण करती है, क्योकि सल्फेट का निर्माण हो जाता है
`{:(SO_(2)+1//2O_(2)+H_(2)O to H_(2)SO_(4)),(CaCO_(3)+H_(2)SO_(4) to CaSO_(4)+H_(2)O+CO_(2)):}`
(ii) सल्फर डाइऑक्साइड विरूपित रूप से अपनी विषैली व उत्तेजन प्रकृति के कारण श्वसन मार्ग को प्रभावती करती है। यह नेत्रों में जलन व गले में संक्रमण का कारण होती है।
(iii) इन गैस की बहुत कम सान्द्रता `(0*03` pm) होने पर भी पौधों व वनस्पति जगत पर बहुत क्षतिग्रस्त प्रभाव वाली होती है। इसे क्लोरोसिस कहते है। यह पर्णहरिम का निर्माण घटता है तथा पत्तियाँ भी धीमे-धीमे गिरने लगती है।
193.

स्पष्ट कीजिए की फ्लुओरीन केवल एक ही ऑक्सो अम्ल `HOF` क्यों बनाता है ?

Answer» फ्लुओरीन के अलावा हैलोजन परिवार के सदस्य बन्ध निर्माण के लिए d-कक्षकों की उपलब्धता के कारण विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाते है। ये कई ऑक्सो अम्ल जैसे `HOX,HOXO,HOXO_(2)` व `HOXO_(3)` बनाते है किन्तु फ्लुओरीन जो अत्यधिक विधुत ऋणात्मक है जो व बिना d-कक्षक वाला होता है केवल एक अक्सों `HOF` बनता है जिसमे इसकी ऑक्सीकरण अवस्था `+1` होती है।
194.

हैलोजन प्रबल ऑक्सीकारक क्यों होते है?

Answer» हैलोजन परिवार के सदस्य के अणु व परमाणु दोनों रूप में अपनी इलेक्ट्रॉन लब्धि क्षमता के कारण प्रबल ऑक्सीकारक की तरह कार्य करते है।
`X_(2)+2e^(-) to 2X^(-)`
`(F_(2),CI_(2),Br_(2),I_(2))`
195.

`O_(3)` एक प्रबल ऑक्सीकारक की तरह क्यों क्रिया करती है ?

Answer» `O_(3)` (ओजोन) आसानी से वियोजित होकर नवजात ऑक्सीजन [O] देती है। अतः यह प्रबल ऑक्सीकारक की भाँती कार्य करती है।
`O_(3) to O_(2)+(O)` (नवजात ऑक्सीजन)
196.

`O_(3)` का मात्रात्मक आकलन कैसे किया जाता है ?

Answer» अब ओजोन,बोरेट बफर (उभय प्रतिरोधी `PH=9*2`) युक्त उभय प्रतिरोधित पोटैशियम आयोडाइड (Kl) विलयन के आधिक्य से अभिक्रिया करती है, आयोडीन तो `(I_(2))` मुक्त होती है, जिसका माना सोडियम थायोसल्फेट `(N_(2)S_(2)O_(3))` विलयन के साथ अनुमापन करके `O_(3)` गैस का मात्रात्मक आकलन किया जाता है ।
197.

हाइड्रोजन सल्फाइड की अम्लीय प्रकृति के कारण होती ............. है ।

Answer» Correct Answer - क्षीण `H-S` बन्ध
198.

सेलेनिमय की परमाणुकता ...............होती है ।

Answer» Correct Answer - 8
199.

`SO_(2)` किस प्रकार से एक वायु प्रदूषक है ।

Answer» (i) `SO_(2)` तीक्ष्ण गंध वाली विषैली गैस है । मानव व पशुओं के लिए यह हानिकारक है ।
(ii) इसके कारण मनुष्यों में यह विभिन्न श्वसन रोगों जैसे - अस्थमा , श्वसन शोध (bronchities) आदि होते है ।
(iii) `SO_(2)` की उच्च सान्द्रता फूलों की कलियों में कड़ापन उतपन्न करती है जिससे कलियाँ पौधों से शीघ्र गिर जाती है ।
(iv) `SO_(2)` के कारण आँखों में जलन होती है , आँखे लाल हो जाती है तथा आँसू निकलने लगते है ।
(v ) `SO_(2)` ह्रदय तथा फेफड़ो की अनेक बीमारियों का कारण है ।
(vi ) `SO_(2)` जल में घुलकर `H_(2)SO_(3)` अम्ल बनाती है । `SO_(2) + H_(2)O to H_(2)SO_(3)`
इससे कागज , कपड़ा , चमड़ा, पेन्टा आदि का रंग पीला पद जाता है । यह लोहे का क्षय करती है ।
`SO_(2)` गैस पेड़ों में क्लोरोफिल बनने की प्रिक्रिया को कम करती है । इसे क्लोरोसिस (Chlorosis ) कहते है ।
200.

स्पष्ट कीजिए की फ्लुओरीन केवल एक ही ऑक्सो अम्ल HOF क्यों बनाता है ?

Answer» फ्लुओरीन केवल -1 ऑक्सीकरण संख्या प्रदर्शित करता है । अन्य हैलोजन अनेक ऑक्सीकरण अवश्थाएँ जैसे -1 ,+1 , +3 ,+5 तथा +7 प्रदर्शित करते है । फ्लुओरीन परमाणु को छोड़कर अन्य सभी हैलोजनों के पास खाली d -कक्षक उपस्थित होते है । इसलिए फ्लुओरीन को छोड़कर अन्य हैलोजन परमाणु अपने अष्टक का प्रसार कर सकते है । फ्लुओरीन अपने अष्टक का प्रसार नहीं सकता । इसी कारण फ्लुओरीन केवल एक ऑक्सो अम्ल (HOF ) ऑक्सीकरण अवस्था=-1 ) बनाता है ।