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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

किसी स्थान पर वास्तविक नमन का मान `60 ^(@ )` है। चुंबकीय याम्योत्तर से `45 ^(@ )` बनानेवाले तल में आभासी नमन का मान क्या होगा ?

Answer» Correct Answer - `67.8^(@)`
2.

चुंबकीय याम्योत्तर से `30 ^(@ )` पर एक स्थान पर आभासी नमन का मान `45 ^(@ )` है। यथार्थ नमन निकालें।

Answer» Correct Answer - `41^(@)`
3.

किसी स्थान पर आभासी नमन हमेशा यथार्थ नमन से……………... होता है।

Answer» Correct Answer - बड़ा (अधिक)
4.

निर्वात की चुंबकीय प्रवृत्ति …………….. होती है।

Answer» Correct Answer - शून्य
5.

उस स्थान पर जहाँ नमन-कोण शून्य नहीं है, चुंबकीय सुई क्षैतिज क्यों रहती है ?

Answer» यदि किसी स्थान पर नमन-कोण का मान `delta ` हो और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर घतक क्रमशः `B _(h )` एवं `B _(v )` हो, तो
`tan delta = (B _(v ))/(B _(h ))`
अब यदि नमन-कोण `delta ` शून्य नहीं है तो `B _(v )`, ऊर्ध्वाधर घटक, भी शून्य नहीं होगा। अतः, इस घटक के कारण चुंबकीय सुई पर ऊर्ध्वाधर तल में बलयुग्म क्रियाशील होगा। इसका परिणाम यह होगा कि यह बलयुग्म सुई के एक सिरे को ऊपर की ओर उठाने की ओर दूसरे सिरे को नीचे की ओर झुकाने की चेष्टा करेगा जिससे सुई क्षैतिज तल के साथ कुछ कोण बनाएगी । अब यदि इसे समान परन्तु विपरीत बलयुग्म से संतुलित किया जाए तो सुई क्षैतिज रह सकती है। संतुलन-बलयुग्म प्राप्त करने के लिए सुई को गुरुत्व-केंद्र से हटाकर किसी अन्य बिंदु पर कीलित किया जाता है। तब गुरुत्व-केंद्र से नीचे की ओर क्रियाशील सुई का भार कील के परितः एक बलयुग्म उत्पन्न करता है जो पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के ऊर्ध्वाधर घटक के कारण विक्षेपक बलयुग्म को संतुलित करता है। यही कारण है कि जहाँ नमन-कोण शून्य नहीं है वहाँ चुम्बकीय सुई क्षैतिज रहती है।
6.

`2 xx 10 ^(-5 ) m ^(3 )` आयतन वाली इस्पात की छड़ `(12500 // pi ) A m ^(- 1 )` तीव्रता वाले एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखी गई है। यदि छड़ में उत्पन्न चुंबकीय आघूर्ण `6 A m ^(2 )` हो, तो छड़ के भीतर चुंबकीय प्रेरण की गणना करें। `(mu_(0)=4pi xx 10^(-7) H m ^(-1))`

Answer» Correct Answer - 0.38 T
7.

चुंबकन का SI मात्रक ……………. होता है।

Answer» Correct Answer - A `m ^(- 1 )`
8.

पदार्थ के प्रति एकांक आयतन में निहित चुंबकीय आघूर्ण उस बिंदु पर ………………. कहलाता है।

Answer» Correct Answer - चुंबकन
9.

चुंबकीय याम्योत्तर एवं भौगोलिक याम्योत्तर के बीच का कोण ……………….. कहलाता है।

Answer» Correct Answer - दिकपात
10.

एक इस्पात की छड़ से `0.25 xx 10 ^(-4 ) Wb ` का चुंबकीय फ्लक्स सम्बद्ध है जब इसे `(125 // pi ) xx 10 ^(2 )Am ^(- 1 )` की तीव्रता के चुंबकीय क्षेत्र के समांतर रखा गया है। यदि छड़ का अनुप्रस्थ परिच्छेद `0.25 cm ^(2 )` हो, तो इसके चुंबकन तीव्रता तथा आपेक्षिक चुंबकशीलता की गणना करें।

Answer» `7.9xx10^(5) Am^(-1), 200`
11.

लोहे की एक छड़ `1600 A m ^(-1 )` तीव्रता के एक चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार रखी गई है कि इसका अक्ष क्षेत्र के समांतर है। इससे 1.2 T का फ्लक्स-घनत्व उत्पन्न होता है। यदि निर्वात की चुंबकशीलता `mu _(0 ) = 4 pi xx 10 ^(-7 )H m ^(-1 )` हो, तो लोहे की चुम्बकीय प्रवृत्ति की गणना करें।

Answer» चुम्बकीय प्रवृत्ति `X_(M)=(M)/(H)`
यहाँ, `H=1600 A m^(-1)`
`therefore X_(M)=(M)/(1600).`
फिर, चूँकि `B=mu_(0)(H+M)`
यहाँ, `B=1.2T` तथा `mu_(0)=4pi xx 10^(-7) H m^(-1).`
`therefore 1.2 =4pi xx 10^(-7)(1600+M)`
या `M=(1.2)/(4pi xx 10^(-7)) -1600=954545-1600=952945 A m^(-1).`
`therefore X_(M)=(952945)/(1600)=595.5`
अतः, लोहे की चुंबकीय प्रवृत्ति =595.5.
12.

इस्पात के वने छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण `2.5A m^(2)` तथा इसका द्रव्यमान `6.6xx10^(-2)`kg है। यदि इस्पात का घनत्व `7.9 xx 10^(3) kg m^(-3)` हो, तो इसके चुम्बकन का मान निकालें।

Answer» चुंबकन (M ) `= ("चुम्बकीय आघूर्ण")/("आयतन") =(m )/(V )`
यहाँ, `m=2.5 A m^(2)`, चुम्बक का द्रव्यमान `=6.6xx10^(-2)kg,` चुंबक के पदार्थ का घनत्व `=7.9xx10^(3)kg m^(-3).`
`therefore " आयतन"V=("द्रव्यमान")/("घनत्व")=(6.6xx10^(-2))/(7.9xx10^(3)) =0.835 xx 10^(-5)A m^(3)`
`therefore M=(m)/(V)=(2.5)/(0.835)xx10^(5)=2.99xx10^(5)A m^(-1)`
अतः, छड़ चुंबक का चुंबकन `=3xx10^(5)A m^(-1).`
13.

किसी स्थान पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर घटक क्रमशः ` 0.30xx10^(-4)T` एवं `0.40xx10^(-4)T` है। उस स्थान पर परिणामी चुम्बकीय-क्षेत्र तथा नमन-कोण ज्ञात करें।

Answer» मान लिया की दिए गए स्थान पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र B तथा नमन-कोण `delta ` है। यदि B के क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर घातक क्रमशः `B _(h )` एवं `B _(v )` हों, तो
`B=sqrt(B_(h)^(2)+B_(v)^(2))`
यहाँ, `B_(h)=0.30xx10^(-4)T` एवं `B_(v)=0.40 xx 10^(-4)T.`
`therefore B=sqrt((0.30xx10^(-4))^(2)+(0.40xx10^(4))^(2))=10^(-4)sqrt(0.25)=0.50 xx10^(-4)T`
तथा `tan delta=(B_(v))/(B_(h))=(0.40xx10^(-4))/(0.30 xx10^(-4))=(4)/(3)=1.33`
`therefore delta =tan^(-1) 1.33 =53^(@)`
अतः, दिए गए स्थान पर परिणामी चुम्बकीय-क्षेत्र `=0.50xx10^(-4)T` तथा नमन कोण `=53^(@)`.
14.

पृथ्वी के सतह पर स्थान-स्थान पर नमन-कोण का मान क्यों बदलता रहता है ?

Answer» पृथ्वी की सतह पर स्थान-स्थान पर नमन-कोण बदलता रहता है। इस कथन की व्याख्या पृथ्वी को चुम्बक मानकर की जा सकती है। अधिक स्पष्ट रूप में इस प्रकार कहा जा सकता है कि पृथ्वी के केंद्र पर एक छोटा छड़-चुम्बक रखा हुआ है जिसका अक्ष पृथ्वी के भौगोलिक अक्ष से `17 ^(@ )` का कोण बनाता है। जब नमन-सुई को एक ध्रुव की ओर ले जाते है तब इसके उत्तरी ध्रुव की पार्थिव चुम्बक के ध्रुवों से दूरी बदलती जाती है। परिणामस्वरूप, स्थान-स्थान पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र भी बदलता जाता है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र के बदलने से क्षैतिज क्षेत्र एवं सुई के चुम्बकीय अक्ष के बीच का कोण ( जिसे नमन-कोण कहते है ) बदलता है।
15.

जब दो A और B को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो एकसमान चुंबकीय क्षेत्र चित्र में दिखाए अनुसार परिवर्तित हो जाता है। (a ) दोनों प्रतिरूपों A और B की पहचान करें। (b ) A और B में क्षेत्र रेखाओं के आचारण का कारण बताएँ ।

Answer» (a ) प्रतिरूप A प्रतिचुम्बकीय पदार्थ है तथा प्रतिरूप B अनुचुम्बकीय पदार्थ है।
(b ) कारण प्रतिरूप A में - प्रतिचुंबकीय पदार्थों का बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में अधिक प्रबलता वाले भाग से काम प्रबलता वाले भाग की ओर जाने की प्रवृत्ति होती है।
कारण प्रतिरूप B में - अनुचुम्बकीय पदार्थ चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर हल्का चुम्बकत्व प्राप्त कर लेते है और उनमें क्षीण चुम्बकीय क्षेत्र चुम्बकीय क्षेत्र से प्रबल क्षेत्र की ओर जाने की प्रवृत्ति होती है।
16.

स्थायी छड़ चुंबक लौहचुंबकीय पदार्थ से बनता है । क्यों ?

Answer» लौहचुंबकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति ( magnetic suceptibility ) धनात्मक और बहुत अधिक होती है। इनमे, चुम्बकीय आघुर्णों में तीव्र अन्योन्यक्रिया होने के कारण निकट के चुम्बकीय अणु आपस में चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में भी संरेखित होते है। ऐसे पदार्थों में परमाणुओं की विशेष व्यवस्था में सूक्ष्म प्रांतों या डोमोनों (domains ) के रचना होती है।सामान्यतः ये डोमेन अनियमित ढंग से सजे रहते है जिस कारण परिणामी चुम्बकत्व शून्य होता है। परन्तु, कम शक्तिवाले चुम्बकीय क्षेत्र में भी ये डोमेन बाह्य क्षेत्र की दिशा में थोड़ा घूम जाते है जिस कारण पदार्थ चुम्बकित हो जाता है। फिर लौहचुंबकीय पदार्थों की निग्राहिता ( coercivity ) भी अधिक होती है जिससे बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र के हटा लेने पर भी उन पदार्थों में चुम्बकत्व का गुण कुछ-न-कुछ रह ही जाता है। यही कारण है कि चुम्बक, लौहचुम्बकीय पदार्थों से ही बनता है।
17.

लौहचुंबकीय पदार्थ (लोहा) में कोई डोमेन `10 ^(-4 ) cm ` भुजा वाले घन के रूप में है। यदि लोहे का परमाण्विक द्रव्यमान ( atomic maas ) `55 g " mol"^(-1 )` और घनत्व `7.9 g cm ^(-3 )` हो, तो इस डोमेन में (a) लौह परमाणुओं की संख्या (b) चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण का महत्तम संभव मान यदि आदर्श स्थिति में सभी द्विध्रुव एक ही दिशा में संरेखित (aligned ) मान लें तथा प्रत्येक परमाणु का द्विध्रुव आघूर्ण `9.27 xx 10 ^(-24 ) A m ^(2 )` हो। (c ) चुंबकन (magnetization ) ज्ञात करें।

Answer» Correct Answer - `(a)8.65xx10^(10)(b)8xx10^(-13)Am^(2)(c) 8xx10^(5)Am^(-1)`
डोमेन का आयतन `V=(10^(-4)cm)^(3)=10^(-12)cm^(3).`
`therefore` द्रव्यमान `=m_(0)=`घनत्व `xx` आयतन `=(7.9 g cm^(-3))=7.9xx10^(-12)g.`
(a) डोमेन में परमाणुओं की संख्या `N=(N_(A)*m_(0))/(M)`
`=((6.023xx10^(23)"mol"^(-1))(7.9xx10^(-12)g))/((55g" mol"^(-1)))`
`=0.865xx10^(11).`
(b) महत्तम संभव चुंबकीय आघूर्ण = परमाणुओं की संख्या `xx ` प्रत्येक परमाणु का द्विध्रुव आघूर्ण
`=(0.865xx10^(11))(9.27xx10^(-24)Am^(2))`
`=8.02xx10^(-13)Am^(2)`
(c) चुंबकन `=("चुंबकीय आघूर्ण")/("आयतन")=(8.02xx10^(-13)Am^(2))/((10^(-12)xx10^(-6)m^(3)))=8.02xx10^(5)Am^(-1).`
18.

लोहे की के छड़ ( आपेक्षिक चुंबकशीलता = 1000 ) जिसका आयतन `10 ^(- 4 ) m ^(3 )` है, एक परिनालिका ( solenoid ) में जिस पर प्रति सेंटीमीटर फेरों की संख्या 5 है, रखी है। यदि परिनालिका से 0.5 A की विधुत-धारा प्रवाहित की जाए तो छड़ में उत्पन्न चुंबकीय आघूर्ण की गणना करें।

Answer» Correct Answer - `25A m^(2)`
परिनालिका के भीतर उत्पन्न तीव्रता H = nI ,
जहाँ n = प्रतिमीटर फेरों की संख्या तथा I = प्रवाहित विधुत-धारा ।
19.

एक स्थान पर जहाँ नमन `30 ^(@ )` है, एक चुंबकीय सुई क्षैतिज तल में प्रति मिनट 50 दोलन करती है। दूसरे स्थान पर, जहाँ नमन `60 ^(@ )` है वही सुई प्रति मिनट 40 दोलन करती है। दोनों स्थानों पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता की तुलना करें।

Answer» Correct Answer - `25sqrt(3):48`
20.

लोहे के एक वलय (ring ) में विसंवाहित ( insulated ) ताँबे के तार के फेरे की संख्या 1000 प्रति मीटर है। तार से 0.15 A की विधुत-धारा प्रवाहित करने पर वलय के अंदर 1 T का क्षेत्र उत्पन्न होता है। लोहे की आपेक्षिक चुंबकशीलता तथा चुंबकीय प्रवृत्ति की गणना करें।

Answer» Correct Answer - 5304, 5303
21.

लोहे की एक छड़ `3600 A m ^(- 1 )` तीव्रता वाले चुम्बकीय क्षेत्र में एक प्रकार रखी है कि इसका अक्ष क्षेत्र के समांतर है। इसमें 3.14 T का फ्लक्स-घनत्व उत्पन्न होता है। लोहे की चुंबकीय प्रवृत्ति की गणना करें।

Answer» Correct Answer - 694
22.

विद्युत-चुम्बक बनाने के लिए नरम लोहे का व्यवहार होता है, पर स्थायी चुम्बक बनाने के लिए इस्पात का उपयोग होता है। क्यों?

Answer» विधुत-चुंबक के लिए नरम लोहे का व्यवहार इसलिए होता है की उसकी चुंबकीय प्रवृत्ति ( magnetic susceptibility ) बहुत होती है जिस कारण यह बाह्य चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव से आसानी से चुंबकित हो जाता है। इस्पात उतनी आसानी से चुंबकित नहीं होता है जितनी आसानी से नरम लोहा। जब विधुत-चुम्बक बनाए जाते है तब बहुधा हम चाहते है की विधुत-चुम्बक की कुंडली से जब तक धारा प्रवाहित हो रही है तब तक तो बहुत शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न हो और धारा बंद कर देने पर चुंबकीय क्षेत्र नगण्य हो जाए।
स्थायी चुम्बकों के लिए इस्पात का उपयोग इसलिए होगा है की इसकी धारणशीलता ( retentivity ) अधिक होती है। इसलिए इस्पात में उत्पन्न चुंबकीय बाह्य क्षेत्र हटा लेने पर भी कायम रहता है। इसके अतिरिक्त इस्पात का उपयोग करने में एक लाभ यह भी है की चूँकि इस्पात का विचुंबन बल ( demagnetizing force ) अधिक है, इसलिए बहुत अधिक व्यवहार में लाने पर भी उसमें उत्पन्न चुम्बकत्व कमजोर नहीं होता है।
23.

एक चुम्बक की लम्बाई 0.20 m है और ध्रुव-प्राबल्य 5 A m है। किसी स्थान पर जहाँ नमन-कोण `45 ^(@ )` तथा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक `0.2 xx 10 ^(-4 )T ` है, चुम्बक को क्षैतिज करने के लिए उसके सिरे से कितना भार लटकाना होगा ? `(g=10ms^(-2))`

Answer» Correct Answer - 20mg
24.

विषुवत-रेखा पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का परिणाम लगभग 0.4 G है। पृथ्वी के चुम्बक के द्विध्रुव आघूर्ण की गणना करें। (पृथ्वी की त्रिज्या`=6.4 xx10^(6)m`)

Answer» Correct Answer - `1.05xx10^(23)Am^(2)`
विषुवत-रेखा पर बिंदु की स्थिति पृथ्वी के चुम्बक के सापेक्ष निरक्षीय है। अतः, सूत्र
`B=(mu_(0))/(4pi)(m)/(R^(3))` से, `m=(10^(7) mH^(-1))(0.4xx10^(-4)T)(6.4xx10^(6)m)^(3).`
25.

द्रव और गैसA. लौहचुंबक पदार्थ नहीं होतेB. प्रतिचुम्बकीय पदार्थ नहीं होतेC. अनुचुम्बकीय पदार्थ नहीं होतेD. निर्वात के सदृश चुम्बकीय आचरण करते है

Answer» Correct Answer - A
26.

ताँबा होता हैA. प्रतिचुम्बकीयB. लौहचुंबकीयC. अनुचुंबकीयD. इनमें से कोई नहीं

Answer» Correct Answer - A
27.

सही संबंध बताएँ -A. `tan delta =(B_(h))/(B_(v))`B. `tan delta =(B_(v))/(B_(h))`C. `tan delta=B_(v)B_(h)`D. `tan delta =((B_(v))/(B_(h)))^(2)`

Answer» Correct Answer - B
28.

एक लौह चुंबकीय पदार्थ की चुंबकशीलता `(mu )` है, तोA. `mu gt 1`B. `mu =1`C. `mu lt 1`D. `mu=0`

Answer» Correct Answer - A
29.

चुंबकीय नमन का मान शून्य होता हैA. चुम्बकीय निरक्षक परB. ध्रुव परC. `45 ^(@)` उत्तरी अक्षांश परD. `45 ^(@)` दक्षिणी अक्षांश पर

Answer» Correct Answer - A
30.

लोहे का परमाणु हैA. अनुचुम्बकीयB. प्रतिचुम्बकीयC. लौहचुम्बकीयD. इनमें से कोई नहीं

Answer» Correct Answer - C
31.

निम्नलिखित में किस तरह की वस्तु की चुंबकीय प्रवृत्ति एक से कम और ऋणात्मक होती है ?A. लौहचुंबकीयB. अनुचुम्बकीयC. प्रतिचुम्बकीयD. इनमें कोई नहीं

Answer» Correct Answer - C
32.

किसी स्थान पर आभासी नमन-कोण सदाA. यथार्थ नमन-कोण से अधिक होता हैB. यथार्थ नमन-कोण से कम होता हैC. यथार्थ नमन-कोण के बराबर होता हैD. अक्षांश नहीं ज्ञात होने तक नहीं कहा जा सकता है

Answer» Correct Answer - A
33.

किसी स्थान पर नमन-कोण वह है, जोA. चुंबकीय याम्योत्तर, भौगोलिक याम्योत्तर के साथ बनता हैB. पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र क्षैतिज दिशा के साथ बनता हैC. पृथ्वी की चुम्बकीय तीव्रता ऊर्ध्वाधर दिशा के साथ बनती हैD. इनमें कोई नहीं

Answer» Correct Answer - B
34.

निकेल हैA. प्रतिचुम्बकीयB. अनुचुम्बकीयC. लौहचुंबकीयD. इनमें कोई नहीं

Answer» Correct Answer - C
35.

धरती के चुंबकीय ध्रुव का नमन-कोण का मान होता है।A. `0^(@)`B. `90^(@)`C. `45^(@)`D. `180^(@)`

Answer» Correct Answer - B
36.

प्रतिचुम्बकीय पदार्थ की चुंबकीय प्रवृत्तिA. धनात्मक और 1 से छोटी होती हैB. धनात्मक और 1 से बड़ी होती हैC. ऋणात्मक होती हैD. शून्य होती है

Answer» Correct Answer - C
37.

अनुचुम्बकीय पदार्थ की प्रवृत्ति ( susceptibility ) हैA. स्थिरB. शून्यC. अनंतD. चुम्बकीय क्षेत्र पर निर्भर

Answer» Correct Answer - A
38.

नमन-कोण का मान उत्तरी ध्रुव से विषुवत-रेखा की और जाने परA. स्थिर रहता हैB. बढ़ता हैC. घटता हैD. पहले घटता है फिर बढ़ता है

Answer» Correct Answer - C
39.

कुछ पदार्थों की आपेक्षिक चुंबकशीलता 1 से कम है। उनकी चुंबकीय प्रवृत्ति होगीA. धनात्मक एवं बड़ीB. धनात्मक एवं छोटीC. शून्यD. ऋणात्मक

Answer» Correct Answer - D