InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
बाइफोकल (bifocal) लेंस का व्यवहार....दृष्टि दोष दूर करने के लिए होता है | |
| Answer» Correct Answer - जरा-दूरदर्शिता | |
| 2. |
एक दीर्घ-दृष्टि वाला व्यक्ति...... लेंस का व्यवहार करता है | |
| Answer» Correct Answer - उत्तल | |
| 3. |
एक संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (compound microscope) में (केवल) अभिदृश्यक द्वारा किसी वस्तु से बना प्रतिबिम्ब होता हैA. काल्पनिक,सीधा और आवर्धितB. वास्तविक, सीधा और आवर्धितC. काल्पनिक, उल्टा और छोटाD. वास्तविक, उल्टा और आवर्धित |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 4. |
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में अंतिम प्रतिबिंब .......और वस्तु के सापेक्ष ...... होता है | |
| Answer» Correct Answer - अवतल | |
| 5. |
दूर-दृष्टि दोष से ग्रसित व्यक्ति.......में रखी वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख सकता है | |
| Answer» Correct Answer - निकट | |
| 6. |
एक खगोलीय दूरबीन (astronomical telescope) की लम्बाई 16 cm और आवर्धन-क्षमता 3 है | लेंसो की फोकस-दूरी की गणना करे | |
| Answer» Correct Answer - 4cm, 12 cm | |
| 7. |
निम्नलिखित प्रश्नो के सही उत्तर सूचित करे उत्तल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब कौन सा होता ?A. काल्पनिक और सीधाB. काल्पनिक और उल्टाC. वास्तविक और सीधाD. वास्तविक और उल्टा |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 8. |
एक खगोलीय (astronomical) दूरदर्शक के अभिदृश्यक और नेत्रिका की फोकस-दूरियाँ क्रमशः 100 cm और 10 cm है | दूरदर्शक की लंबाई तथा आवर्धन-क्षमता निकले जब प्रतिबिंब (i) स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दुरी पर तथा (ii) अनंत पर बनता हो | |
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Answer» (i) जब प्रतिबिंब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर बनता है- (a) दूरदर्शक की लंबाई `L = f_(0) = (Df_(e))/(D+f_(e))` यहाँ, `f_(0) = 100 cm, f_(e) = 10 cm` तथा `D = 25 cm. ` `therefore L = 100 + (25 xx 10)/(25 + 10) = 100 + (250)/(35) = 100 + 7.14 = 107.14 cm` तथा (b) आवर्धन-क्षमता `M = (f_(0))/(f_(e))(1+(f_(e))/(D))` ` = -(100)/(10)(1+(10)/(25))=-(10xx35)/(25)=-14` (ii) जब प्रतिबिंब अनंत पर बनता है- (a) दूरदर्शक की लंबाई `L = f_(0) +f_(e) = 100 + 10 = 110 cm` तथा (b) आवर्धन-क्षमता `M = -(f_(0))/(f_(e))=-(100)/(10)=10` अतः दूरदर्शक की लंबाई = 107 cm तथा 110 cm एवं आवर्धन-क्षमता = -14 तथा -10. |
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| 9. |
दूर-दृष्टि दोष वाला एक व्यक्ति आधे मीटर से कम दूरी पर की वस्तुओ को स्पष्ट नहीं देख पता है | उसे सामान्य दृष्टि पाने के लिए, आवश्यक लेंस की क्षमता निर्धारित करे | |
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Answer» इस व्यक्ति को एक ऐसे लेंस का उपयोग करना होगा जिससे सामान्य दृष्टि के लिए, अर्थात 0.25 cm पर स्थित वस्तु से आनेवाली किरणे `(1)/(2)`m. अर्थात 0.5 m से आती हुई प्रतीत हो | यदि आवश्यक लेंस की फोकस-दूरी f हो, तो सूत्र `(1)/(v)-(1)/(u) =(1)/(f)` से, `v = -0.5 m` तथा `u = -0.25 m` `therefore (1)/(-0.5) -(1)/(0.25) =(1)/(f)` या `(1)/(f) =(1)/(0.25) -(1)/(0.5) =(1)/(0.5)` या `f = 0.5 m` यदि लेंस की क्षमता P हो, तो `P = (1)/(f) =(1)/(0.5) =+2` डायोप्टर | अतः, आवश्यक लेंस की क्षमता = +2 D. |
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| 10. |
एक निकट-दृष्टि वाला मनुष्य 10 cm से 20 cm तक की दूरी के बीच रखी हुई वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है | अपना दूर-बिंदु सुधारने के लिए उसे किस प्रकृति और किस फोकस-दूरी के लेंस की आवश्यकता होगी ? |
| Answer» Correct Answer - 20 cm. concave | |
| 11. |
एक विद्यार्थी 15 cm से दूर रखी वस्तु को नहीं देख पता है | 25 cm पर रखी वस्तु पढ़ पाने के लिए उसके लेंस की क्षमता क्यों होगी ? |
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Answer» इस विद्यार्थी के लिए 25 cm की दूरी देख पता है | 25 cm पर रखी वस्तु पढ़ जाने के लिए, वस्तु का आभासी प्रतिबिंब 15 cm पर बनना चाहिए | यदि इसके लिए आवश्यक लेंस की फोकस-दूरी `f` हो, तो सूत्र `(1)/(v)-(1)/(u) =(1)/(f)` से, यहाँ, `u=-25 cm` तथा `v = -15 cm.` `therefore (1)/(-15)-(1)/(-25) =(1)/(f)` या `(1)/(f) =(1)/(25) -(1)/(15)=(3-5)/(75)` या `(1)/(f) =-(2)/(75)` या `f = -(75)/(2) cm.` (अवतल लेंस ) | अब, यदि इस लेंस की क्षमता P हो, तो `P = (100)/(f(cm )) =(100)/(-(75)/(2))= (200)/(75) =-(8)/(3)D = -2.67 D.` अतः, अभीष्ट लेंस की क्षमता `= -2.67 D.` |
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| 12. |
एक निकट-दृष्टि व्यक्ति को 100 cm पर रखी हुई वस्तु को साफ-साफ देखने के लिए, एक लेंस की आवश्यकता होती है | वह बिना किसी सहायता के 20 cm पर रखी हुई वस्तु को साफ-साफ देख सकता है उसको किस प्रकृति एवं फोकस-दूरी के लेंस की आवश्यकता होगी ? |
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Answer» माना लिया कि आवश्यक लेंस की फोकस-दूरी `f` है तथा नेत्र-लेंस की फोकस-दूरी `f_(e)` है, तो युग्मित लेंस के लिए, `(1)/(v)-(1)/(-100)=(1)/(f)+(1)/(f_(e))` तथा नेत्र-लेंस के लिए, `(1)/(v)-(1)/(-20)=(1)/(f_(e))` या `(1)/(v)+(1)/(100) =(1)/(f)+(1)/(v)+(1)/(20)` या `(1)/(f)=(1)/(100)-(1)/(20)=(1-5)/(100)=-(4)/(100)=-(1)/(25)` या `f = -25 cm` यहाँ ऋणात्मक चिन्ह से यह स्पष्ट है कि लेंस अवतल (concave) होना चाहिए | अतः, अभीष्ट लेंस 25 cm फोकस-दूरी का अवतल लेंस होना चाहिए | |
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| 13. |
उपयुक्त शब्दो एवं अंको से रिक्त स्थानों की पूर्ति करे | |
| Answer» Correct Answer - 11 | |
| 14. |
किसी दूरदर्शक की आवर्धन-क्षमता 20 है और उसके वस्तु-लेंस और नेत्र-लेंस के बीच की दूरी सामान्य दृष्टि के लिए 42 cm है | वस्तु-लेंस और नेत्र-लेंस की फोकस-दूरियाँ क्रमशः हैA. 20 cm और 2.1 cmB. 40 cm और 2 cmC. 40 cm और 20 cmD. 2 cm और 40 cm |
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Answer» Correct Answer - B दूरी ` = f_(0) + f_(e)` तथा `M = (f_(0))/(f_(e))` `therefore 20 = (f_(0))/(f_(e))` या `f_(0) = 20f_(e)` या `42 = 20f_(e) + f_(e) = 21 f_(e)` या `f_(e) = 2 cm` अतः `f_(e) = 2m`. |
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| 15. |
एक दूरदर्शक 20 cm और 1 cm फोकस-दूरियों वाले लेंसों से बना है | यदि दूर पर स्थित किसी वस्तु का अंतिम प्रतिबिंब नेत्र-लेंस से 25 cm पर बने तो दूरदर्शक की नली की लम्बाई तथा आवर्धन-क्षमता निकाले | |
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Answer» दूरदर्शक की नली की लम्बाई, ` L = f_(0) + (Df_(e))/(D+f_(e)) " "`[समीकरण 3.17 से] यहाँ, `f_(0) = ` अभिदृश्यक की फोकस-दूरी = 20 cm, `f_(e) =` नेत्रिका की फोकस-दूरी ` = 1 cm` तथा `D = 25 cm.` `therefore " " L = 20 + (25 xx1)/(25+1) = 20 + (25)/(26) = 20.96 cm` तथा आवर्धन-क्षमता, ` M = -(f_(0))/(f_(e)) xx (1 + (f_(e))/(D))" "` [समीकरण 3.16 से] या `M = -(20)/(1) (1 + (1)/(25)) = - 20 xx (26)/(25) = -20.8.` अतः दूरदर्शक की नली की लम्बाई = 21 cm (लगभग) तथा आवर्धन-क्षमता = -20.8. |
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| 16. |
एक निकट दृष्टि वाला व्यक्ति 1.5 cm दूरी तक की वस्तुओं को साफ-साफ देख सकता है | इस दोष के उपचार के लिए आवश्यक चश्मे की क्षमता निकाले | |
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Answer» माना लिया कि आवयश्क चश्मे के लेंस की फोकस-दूरी f है, तो सूत्र `(1)/(v)-(1)/(u)=(1)/(f)` यहाँ `v = -1.5 m, u = -oo.` `therefore (1)/(-1.5)-(1)/(-oo) = (1)/(f)` या `(1)/(f)=-(1)/(15)` `therefore f = -1.5 m` यहाँ ऋणात्मक चिन्ह से यह स्पष्ट है कि लेंस अवतल (concave) होना चाहिए | यदि लेंस की क्षमता P हो , तो `P = (1)/(f) =(1)/(-1.5) =-0.67` डायोप्टर अतः, दोष के उपचार के लिए `-0.67 D` के अवतल लेंस की आवश्यकता होगी | |
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| 17. |
एक आवर्धक काँच (लेंस ) को 1 इंच की दूरी पर स्थित वस्तु के लिए उपयोग किया जाता है | यदि m (आवर्धन क्षमता ) = 5 करनी हो तो आवर्धक काँच की फोकस-दूरी होनी चाहिएA. 0.2 इंचB. 0.8 इंचC. 1.25 इंचD. 5 इंच |
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Answer» Correct Answer - A सूत्र `(1)/(f), = (1)/(v)-(1)/(u)` से, यहाँ `u = -1^(n), m = 5 = (v)/(u)`, तथा `v = 5u = -5` `therefore (1)/(f) = (1)/(-5u) - (1)/(-u) = (4)/(5u)` या `f = (5)/(4) xx 1^(n) = 1.25^(n)` |
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| 18. |
सरल सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन-क्षमता, लेंस की फोकस-दूरी के व्युक्रमानुपाती (inversely proportional) होती है | तब हम कम-से-कम फोकस-दूरी वाले उत्तल लेंस का उपयोग कर अधिक-से-अधिक आवर्धन-क्षमता क्यों नहीं प्राप्त कर सकते है ? |
| Answer» यदि लेंस की फोकस-दूरी की बहुत कम किया जाता है तो गोलीय और वर्ण-विपथन (spherical and chromatic aberraions ) अधिक उच्चरित हो जाते है | व्यावहारिक रूप में हम एक सामान्य उत्तल लेंस से 3 के लगभग से अधिक की आवर्धन-क्षमता नहीं प्राप्त कर सकते, फिर भी विपथन के लिए संशोधित लेंस-निकाय द्वारा हम आवर्धन-क्षमता की सिमा को 10 लगभग गुणक से बढ़ा सकते है | इसके अतिरिक्त कम फोकस-दूरी वाले घिसे हुए लेंस प्राप्त करना आसान नहीं है | | |
| 19. |
एक सरल सूक्ष्मदर्शी 6 डायोप्टर क्षमता के उत्तल लेंस से बना है | सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन-क्षमता निकाले | |
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Answer» उत्तल लेंस की फोकस-दूरी ` f = (100)/(6)` cm यदि स्पष्ट की न्यूनतम दूरी (D) = 25 cm हो, तो सूत्र से सरल सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन-क्षमता ` = 1+(D)/(f) = 1 + (25)/(100//6) = 1 + (150)/(100) = 1 + 1.5 = 2.5` अतः, सरल सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन-क्षमता = 2.5 . |
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| 20. |
एक सरल सूक्ष्मदर्शी के उत्तल लेंस की क्षमता 4 D है | सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन-क्षमता निकाले | |
| Answer» Correct Answer - 2 | |
| 21. |
जब नेत्र-लेंस की क्षमता (power) बढ़ जाती है, जिससे दूरस्थ वस्तु से आनेवाली किरणे रेटिना के पहले ही फोकस हो जाती है, तब उस व्यक्ति को किस प्रकार का नेत्र-दोष होता है ?A. निकट-दृष्टिB. दूर-दृष्टिC. जरा-दृष्टिD. अबिंदुकता |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 22. |
एक व्यक्ति 1 m से कम दूरी पट स्थित वस्तुओं को साफ-साफ नहीं देख सकता है | 25 cm तक की वस्तुओं को साफ-साफ देखने के लिए उसे वैसा लेंस लगाना चाहिए जिसकी क्षमताA. 3 D होB. 1.5 D होC. `-3D` होD. `-1.5 D` हो |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 23. |
4 डायोप्टर क्षमता का अभसारी (converging) लेंस एक सरल सूक्ष्मदर्शी के समान इस्तेमाल किया, जाएं, तो इसकी आवर्धन-क्षमता क्या होगी ?A. 4B. 5C. 2D. 1 |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 24. |
परावर्तक दूरदर्शक की अभिदृश्यकA. कम फोकस-दूरी और छोटे द्वारकB. अधिक फोकस-दूरी और छोटे द्वारकC. कम फोकस-दूरी और बड़े द्वारकD. अधिक फोकस-दूरी और बड़े द्वारक |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 25. |
एक संयुक्त सूक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक और नेत्रिका की फोकस-दूरियाँ क्रमशः 1 cm और 2.5 cm है | अभिदृश्यक से 1.2 cm की दूरी पर रखी वस्तु का अंतिम प्रतिबिंब आँख से 25 cm पर बनता है | अभिदृश्यक और नेत्रिका के बीच की दूरी था सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन-क्षमता निकाले | |
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Answer» यहाँ, अभिदृश्यक लेंस के लिए, `u_(0) = -1.2 cm` और `f_(0) = + cm` `therefore` सूत्र `(1)/(v_(0)) - (1)/(u_(0)) = (1)/(f_(0))` से, `(1)/(v_(0))+(1)/(1.2)=1` या `(1)/(v_(0))=1-(1)/(1.2)=(0.2)/(1.2)` या `v_(0) = + cm" "...(1)` अर्थात, वास्तविक अभिदृश्यक लेंस से 6 cm की दूरी पर बनता है | नेत्रिका के लिए, `v_(e) = -25 cm, f_(e) = + 2.5 cm` `therefore` सूत्र `(1)/(v_(e))-(1)/(u_(e))=(1)/(f_(e))` से, `(1)/(-25)-(1)/(u_(e))=(1)/(2.5)` या `(1)/(u_(e))=-((1)/(25)+(1)/(2.5))=-((2.5+25)/(25xx2.5))=-(27.5)/(25xx2.5)` या `u_(e)=-(25xx2.5)/(27.5)=-2.27 cm " "...(2)` अर्थात, अभिदृश्यक द्वारा बना हुआ वास्तविक प्रतिबिंब नेत्रिका के 2.27 cm सामने है | समीकरण 1 और 2 से, दोनों लेंसों के बीच की दूरी `= v_(0)+u_(e)=6+2.27 = 8.27 cm =8.3 cm`(लगभग) आवर्धन-क्षमता `=(v_(o))/(u_(0))(1+(D)/(f_(e)))=-(6)/(-1.2)(1+(25)/(2.5))=(6xx27.5)/(1.2xx2.5)=(165)/(3) = 55.` अतः संयुक्त सूक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक और नेत्रिका के बीच की दूरी, अर्थात सूक्ष्मदर्शी की लम्बाई =8.3 cm तथा सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन-क्षमता =55. |
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| 26. |
एक आँख की तुलना में एक जोड़ी आँख (a pair of eyes ) से क्या लाभ है ? |
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Answer» (i) दो आँखों द्वारा दूरी का अनुमान ठीक से लगाया जा सकता है | एक आँख बंद कर फाउंटनपेन में स्याही भरना मुश्किल होता है | सिर्फ एक ही आँख सूई में धागा डालना कठिन होता है | अतः दोनों आँखों में एक ही साथ देखना दूर का ठीक से पता लगाने में सहायक होता है | (ii) वस्तु की त्रिदेशिक स्थिति देखने के लिए दोनों आंखे बहुत महत्वपूर्ण है | दाहिनी आँख से किसी वस्तु का दया भाग ठीक से दिखाई पड़ता है और बाई आँख से बाई और का भाग ठीक से दिखाई पड़ता है और मस्तिष्क दोनों को मिलाकर वस्तु का पूरा प्रतिबिंब देखता है | इस मिले-जुले प्रभाव से वस्तु की गहराई और ठोसपन का पता चल जाता है | |
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| 27. |
क्या निकट-दृष्टि अथवा दीर्घ-दृष्टि का यह अर्थ है कि नेत्र की समंजन-क्षमता आवश्यक रूप से आंशिक रूप से समाप्त हो गई है ? यदि नहीं, तो इन दृष्टि दोषो का क्या कारण है ? |
| Answer» नहीं, इसका यह अर्थ है कि नेत्र की आवश्यक रूप से समंजन-क्षमता समाप्त हो गई है | किसी व्यक्ति के नेत्र-लेंस की समंजन-क्षमता सामान्य होने पर भी वह निकट-दृष्टि अथवा दीर्घ-दृष्टि से पीड़ित हो सकता है | इसके साथ ही नेत्र-लेंस की समंजन-क्षमता भी थोड़ी कम हो जा सकती है | जब नेत्र-गोलक की लम्बाई सामान्य रहती है, परन्तु नेत्र-लेंस की समंजन-क्षमता आंशिक रूप से कम हो जाती है (जो सामान्य नेत्र के लिए व्यक्ति की अन्य बढ़ने पर होती है), तो उस दोष को जरा-दूरदर्शिता (presbyopia) कहते है और इसे बाइफोकल (bifocal) लेंस का व्यवहार कर दूर किया जाता है | | |
| 28. |
दूरस्थ तारे, जो आँख से दिखाई नहीं देते, दूरदर्शक (telescope) द्वारा कैसे दिखाई देने लगते है ? |
| Answer» दूरस्थ तारो का आँख से नहीं दिखाई देने का कारण यह है कि तर से आँख में इतना प्रकाश नहीं पहुँचता है कि वह रेटिना (retina) पर प्रभाव डाल सके | दूरदर्शक के अभिदृश्यक (objective) का द्वारक (aperture) आँख की पुतली के द्वारक से अधिक बढ़ा होने के कारण वह तारे का काफी प्रकाश एकत्र करके चमकीला प्रतिबिंब बना देता है, जिसे आँख देख सकने में समर्थ होती है | इस प्रकार, दूरस्थ तारे दूरदर्शक के अभिदृश्यक के बड़े द्वारक के कारण दिखाई देते है | | |
| 29. |
आँख की निकट और दूर दोनों वस्तुओं को साफ देखने की क्षमता को ............क्षमता कहते है | |
| Answer» Correct Answer - समंजन | |
| 30. |
एक मनुष्य स्पष्ट रूप से 50 cm और 2 m के बीच की वस्तुओ को देख सकता है | लेंसों की क्षमता की होनी चाहिए, ताकि वह वस्तुओं को स्पष्ट देख सके ? |
| Answer» Correct Answer - `+2D, -0.5 D` | |
| 31. |
निकट-दृष्टिकोष से पीड़ित एक व्यक्ति का दूर बिंदु आँख से 70 cm की दूरी पर है | दूर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखने के लिए आवश्यक लेंस की फोकस-दूरी तथा क्षमता की गणना करे | |
| Answer» Correct Answer - `-70 cm, -1.4 D` | |