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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

नीचे दी गयी पंक्तियाँ पढ़िए । प्रश्नों के उत्तर लिखिए |सूरज चाँद सितारों वालीहमदर्दी की प्यारी-प्यारी, ईद मुबारक ।हमको, तुमको, सबको अपनी,मीठी-मीठी ईद मुबारक ||1. सूरज, चाँद, सितारों वाली क्या है?2. ईद कैसी होती है ?3. किस-किसको “ईद मुबारक” की शुभकामनाएँ दी गयी हैं ?

Answer»
  1. सूरज, चाँद, सितारों वाली “ईद” है ।
  2. ईद प्यारी-प्यारी मीठी -मीठी होती है।
  3. हमको, तुमको और सबको ईद मुबारक की शुभकामनाएँ दी गयी हैं ।
2.

इन वाक्यों के भाव स्पष्ट कीजिए ।1. नागरिकता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं ।2. उपवासों का यह पावन पर्व हमें मानव कल्याण का संदेश देता है।

Answer»

1. रोज़ा रखने से मनुष्य में आत्मसंयम, आत्म नियंत्रण, आत्मविश्वास, आत्मानुशासन आदि गुण विकसित होते हैं । इसलिए नागरिकता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं । सच्चे अर्थ में नागरिक क्या और कौन है ? समाज के प्रति हमारा कर्तव्य क्या है ? आदि भावनाएँ बढ़ती हैं।

2. उपवासों का त्योहार रमज़ान पावन पर्व है । यह शांति, अहिंसा, त्याग, परोपकार, न्याय, धर्म आदि गुणों का विकास करके मानव कल्याण का संदेश देता है |

3.

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए।बापू के वे पक्के अनुयायी थे। जब से कांग्रेज ने अस्पृश्यता – निवारण संबंधी प्रस्ताव पास किया, | तभी से इस दिशा में उन्होंने काम शुरु कर दिया था। उस समय के वातावरण के अनुरूप. जमनालालजी ने हरिजन – बस्तियों में प्रचारक रख दिये थे और हरिजन छात्रों को छात्रवृत्तियाँ देना शुरू. कर दिया था। इसका सारा ख़र्च वे अपने पास से देते थे। पर इससे उनका दिल नहीं भरता और वे सोचा करते थे कि कोई बड़ा और ठोस काम इस दिशा में किया जाए। उन्हें सूझा कि हरिजनों को सार्वजनिक कुओं से पानी लेने की छूट होनी चाहिए और मंदिरों में देवदर्शन की इज़ाज़त मिलनी चाहिए। उन्होंने अपने घर में सुधार करने का निश्चय किया।1. वे किसके पक्के अनुयायी थे?A) नेहरूB) शिवाजीC) बापूD) भारती2. हरिजन छात्रों को छात्र वृत्तियाँ देना किसने शुरूकर दिया था?A) जमनालाल जीB) नेहरू जीC) राजाजीD) गाँधीजी3. अस्पृश्यता निवारण संबंधी प्रस्ताव किसने पास किया?A) बापूB) जमनालाल जीC) कांग्रेसD) ये सब4. सार्वजनिक कुओं से पानी लेने की छूट किन्हें चाहिए?A) जनजातीय लोगों कोB) हरिजनों कोC) हिन्दुओं कोD) इन सबको5. हरिजन बस्तियों में इन्होंने प्रचारक रख दियेA) बापूB) जमनालालC) नेहरूD) राजाजी

Answer»
  1. C) बापू
  2. A) जमनालाल जी
  3. C) कांग्रेस
  4. B) हरिजनों को
  5. B) जमनालाल
4.

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।भारत प्राचीन और विशाल देश है यहाँ अनेक धर्मों व जातियों के लोग रहते हैं। सभी धर्मों के लोग विविध प्रकार के उत्सव व त्यौहार मनाते हैं। ये त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं। ये भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाते हैं। ऐसे ही महत्वपूर्ण त्यौहारों में से ईद – उल – फ़ितर भी एक है। इसे रमज़ान भी कहते हैं।1. प्राचीन और विशाल देश क्या है?2. त्यौहार समाज में क्या – क्या लाते हैं?3. ईद – उल – फ़ितर को और क्या कहते हैं?4. अनेक धर्मों और जातियों के लोग कहाँ रहते हैं?5. भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाने वाले क्या है?

Answer»

भारत प्राचीन और विशाल देश है।

त्यौहार समाज में सजगता और खुशी लाते हैं।

ईद – उल – फ़ितर को रमज़ान भी कहते हैं।

भारत में अनेक धर्मों और जातियों के लोग रहते हैं।

त्यौहार एवं पर्व भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाने वाले हैं।

5.

‘मानव सेवा ही माधव सेवा है।’ इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए |

Answer»

मानव सामाजिक प्राणी है। हर एक व्यक्ति समाज का अंग ही है। ज्ञानी और बुद्धिमान होने के कारण सबसे मानव मिलजुलकर रहना चाहता है। इसलिए समाज में रहनेवाले लोगों के बारे में सोचना आवश्यक सहायता करना मानव का सच्चा धर्म है। सेवा भाव ही मानव का उत्तम गुण है। अपने जीवन को सुचारू रूप से बिताते, साथ ही लोगों के काम आते, ज़रूरतमंदों की सहयता करने में तत्पर रहना है। मुसीबतों में रहे लोगों के कष्टों को दूर करना मानवता का चिह्न है। इसीलिए कहा गया है कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। अर्थ है कि मानव की सेवा ही भगवान की सेवा है।

6.

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए।भारत हमारा देश है। यह पुराना और विशाल देश है। इसके उत्तर में ऊँचा हिमालय पहाड़ है। इसके बराबर ऊँचा पहाड़ दुनिया भर में कहीं नहीं है। हमारे देश को हिन्दुस्तान भी कहते हैं।भारत के पूरब, पश्चिम और दक्षिण में समुद्र हैं। इसलिए इसे प्राय – द्वीप (Peninsula) कहते | हैं। गंगा, यमुना, महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, तुंगभद्रा, नर्मदा आदि हमारे देश की प्रसिद्ध और पवित्र नदियाँ हैं।1. इस उपर्युक्त अनुच्छेद (गद्यांश) में प्रस्तावित पुराना और विशाल देश क्या है?A) आफ्रिकाB) भारतC) अमेरिकाD) फिनलैंड2. भारत देश को और क्या कहते हैं?A) किजकिस्तानB) लाल द्वीपC) हिन्दुस्तानD) रेगिस्तान3. भारत के पूरब, पश्चिम और दक्षिण में क्या है?A) नदियाँB) समुद्रC) पर्वतD) ये सब4. भारत देश के उत्तर में क्या है?A) गहरा समुद्रB) ऊँचा हिमालयC) हिंद महासागरD) बंगला की खाडी5. भारत देश पश्चिम, पूरब और दक्षिण इन तीनों ओर समुद्र होने के कारण इसे क्या कहते हैं?A) द्वीपB) प्रायद्वीपC) महानगरD) सिंहल द्वीप

Answer»
  1. A) आफ्रिका
  2. C) हिन्दुस्तान
  3. B) समुद्र
  4. B) ऊँचा हिमालय
  5. B) प्रायद्वीप
7.

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए।हमारे यात्री – दल में जो फ्रेंच महिला थीं, वह भारतीय पोशाक धारण करती थीं। भारतीय जीवन के साथ बिलकुल हिल- मिल जाने की उनकी कोशिश को देखते हुए मुझे सूट – बूट पहनेवाले यहाँ के बाबू लोगों की याद आती है। ज़रा – सी अंग्रेजी पढ़कर हमारे लोग अंग्रेजों की नकल करने की कोशिश करते हैं और इधर यूरोप के भाई – बहन यहाँ आकर भारतीय बनने की कोशिश करते हैं। वह फ्रेंच बहन हमारे साथ ही पैदल चलती थीं। ज़मीन पर पलथी मारकर बैठती थीं, हाथ से (बिना छुरी – काँटे के) खाना खाती थीं। वह भूदान का कार्य देखने आयी थीं। लोग प्राणों से भी प्रिय ज़मीन को दान में कैसे देते हैं, यह उनके लिए एक भारी समस्या बन गयी थी। भूदान – यज्ञ के द्वारा अहिंसक समाज – रचना हो सकती है, वह बात तो उन्हें असंभव – सी लगती थी।1. यात्री दल में किस देश की महिला थी?A) अमेरिकाB) चीनीC) फ्रेंचD) जपान2. फ्रेंच महला भारत क्यों आयी थी?A) ताज महल देखनेB) भूदान कार्य देखनेC) नमक सत्याग्रह देखनेD) गाँधीजी को देखने3. अहिंसक समाज – रचना किसके द्वारा होती है?A) भूदान यज्ञB) अन्नदान यज्ञC) विद्या दान यज्ञD) इन सबसे4. फ्रेंच महिला कैसी पोशाक धारण करती थी?A) फ्रेंच पोशाकB) अमेरिकीय पोशाकC) चीनी पोशाकD) भारतीय पोशाक5. फ्रेंच महिला के लिए एक भारी समस्या क्या बन गयी?A) लोग प्राणों से प्रिय ज़मीन को दान में कैसे देते हैं।B) लोग कैसे पैदल चलते हैं?C) लोग क्यों भूदान करते हैं?D) भूदान से क्या – क्या लाभ पायेंगे।

Answer»
  1. C) फ्रेंच
  2. B) भूदान कार्य देखने
  3. A) भूदान यज्ञ
  4. D) भारतीय पोशाक'
  5. A) लोग प्राणों से प्रिय ज़मीन को दान में कैसे देते हैं।
8.

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर नीचे दिये गये वैकल्पिक प्रश्नों के उत्तर दीजिए।हमारे राज – चिन्ह में सामने दिखाई देनेवाले तीन सिंहों की मूर्तियों के नीचे एक चक्र रखा गया है। यह धर्म – चक्र कहलाता है। इसमें चौबीस छड़ें हैं। इनको उन्नति का प्रतीक मान सकते हैं। हमारे राष्ट्रीय झण्डे में यही धर्म – चक्र रखा गया है।1. हमारे राज चिन्ह में सामने कितने सिंहों की मूर्तियाँ दिखायी देते हैं?A) दोB) तीनC) चारD) केवल एक2. सिंहों की मूर्तियों के नीचे क्या रखा गया है?A) त्रिशूलB) शूलC) काँटाD) चक्र3. यह चक्र क्या कहलाता है?A) शुभ चक्रB) शंकुचक्रC) धर्म चक्रD) श्रीचक्र4. धर्म चक्र में कितने छड़े हैं?A) 20B) 24C) 34D) 145. हमारे राष्ट्रीय झंडे में क्या रखा गया है?A) विष्णु चक्रB) भूचक्रC) श्रीचक्रD) धर्म चक्र

Answer»
  1. B) तीन
  2. D) चक्र
  3. C) धर्म चक्र
  4. B) 24
  5. D) धर्म चक्र
9.

सद्भावना के विकास में त्यौहारों का क्या महत्व है?

Answer»

व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के जीवन में त्यौहारों का विशेष महत्व होता है। त्यौहारों से मानव जीवन में सक्रियता बढती है। परिवार में उल्लास और आनंद छा जाता है। त्यौहार हमारी सामाजिक सोच और सामुदायिक जीवन को विकसित करते हैं, सामाजिक संबन्धों में आनेवाले तनावों को कम करते हैं। पारस्परिक प्रेम संबन्धों को मज़बूत करते हैं। त्यौहार राष्ट्र को एक सूत्र में बाँधते हैं। त्यौहार हमें अनुभव कराते हैं कि हमारी एक गौरवशाली परंपरा है और संस्कृति है। इनसे सद्भावना का विकास ज़रूर होता है।

10.

चित्र में क्या दिखायी दे रहा है?देश के विकास के लिए एकता का क्या महत्व है?हम धार्मिक सद्भावना कैसे बढ़ा सकते हैं?

Answer»
  1. चित्र में इस्लाम धर्म के दो लडके गले मिल रहे हैं।
  2. यह सच ही है कि देश के विकास के लिए एकता का होना अत्यंत आवश्यक है । देश भर के जनता एकता के साथ रहेंगे तो वह देश सारी क्षेत्रों में विकास पा सकेगा। दुनिया भर में उन्नति कर सकेगा।
  3. विविध धर्मों के त्यौहारों को मनाकर, विविध धर्मोवालों से मिल -जुलकर रहते, भाईचारे और स्नेह के द्वारा धार्मिक सद्भावना को हम बढ़ा सकते हैं।
11.

निर्देश के अनुसार उत्तर दीजिए।1. ईद के दिन सब नये कपड़े पहनते हैं। (क्रिया शब्द पहचानिए।)A) ईदB) पहनतेC) नयेD) कपडे2. ईद के दिन नये कपडे पहनते हैं। (विशेषण शब्द पहचानिए।)A) ईदB) केC) पहनते हैंD) नये3. अधिकतर लोग रमज़ान महीने में ज़कात देते है। क्रिया शब्द पहचानिए।A) अधिकतरB) देते हैC) लोगD) रमज़ान

Answer»
  1. B) पहनते
  2. D) नये
  3. B) देते है
12.

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।रमज़ान धार्मिक पर्व होते हुए भी सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह शांति, अहिंसा, त्याग,परोपकार, न्याय, धर्म आदि गुणों का विकास करता है। हमें मानवता के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा देता है। उपवासों का यह पावन पर्व हमें सद्भावना के सूत्र में बांधकर मानव कल्याण का संदेश देता है।प्रश्न :1. उपवासों का पावन पर्व क्या है?2. सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्व क्या है?3. रमज़ान किन – किन गुणों का विकास करता है?4. रमज़ान हमें क्या संदेश देता है?5. उपर्युक्त गद्यांश किस पाट से दिया गया है?

Answer»
  1. रमज़ान उपवासों का पावन पर्व है।
  2. सामाजिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्व है ‘रमज़ान”|
  3. रमज़ान शांति, अहिंसा, त्याग, परोपकार, न्याय, धर्म आदि गुणों का विकास करता है।
  4. रमज़ान हमें मानव कल्याण का संदेश देता है।
  5. उपर्युक्त गद्यांश “रमज़ान” नामक पाठ से दिया गया है।
13.

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए |रोज़ा सूर्यास्त के साथ ही खजूर, फल, मेवा, पानी आदि से खोला जाता है। इसे ‘इफ़तार’ कहते हैं कई स्थानों पर इफ़तार की दावत भी रखी जाती है। जिससे भाईचारे का विकास होता है। रमज़ान में पाँच फ़र्ज नमाजों के साथ – साथ विशेष नमाज़ ‘तरावीह’ होती है।1. रोज़ा किनसे खोला जाता है?2. इफतार की दावत से किस भावना का विकास होता है?3. रमज़ान महीने की विशेष नमाज को क्या कहते हैं?4. “इफ़तार” माने क्या है?5. ‘सूर्यास्त’ – किन दो शब्दों से बना है?

Answer»
  1. रोजा खजूर फल, मेवा पानी आदि से खोला जाता है।
  2. इफ़तार की दावत से भाईचारे भावना का विकास होता है।
  3. रमज़ान महीने की विशष नमाज को “तरावीह’ कहते हैं।
  4. रोजा खोलने को इफ़तार कहते हैं।
  5. सूर्य + अस्त
14.

आत्मसंयम और अनुशासन का हमारे जीवन में क्या महत्व है? बताइए।

Answer»

हमारे मानव जीवन में आत्मसंयम और अनुशासन दोनों का विशेष महत्व रहता है। इन दोनों से हमारा जीवन नियमबद्ध रहता है। हमारे जीवन में इन दोनों के कारण विकास आता है। इन दोनों के कारण ही देश की उन्नति होती है। 

आत्मसंयम : आत्मा को नियंत्रित रखना ही आत्मसंयम है। आत्मसंयम के कारण हम कोई भी इच्छाओं के बिना जी सकते हैं। आत्मसंयम के कारण हमें अपने कर्तव्यों के प्रति बोध होता है। इसीके कारण मानवता तथा सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं। आत्मसंयम के कारण ही गरीबों और ज़रूरतमंदों की सहायता की प्रेरणा मिलती है। आत्मसंयम के कारण ही आत्म नियंत्रण आत्मविश्वास, आत्मधैर्य आदि भावनाएँ विकसित होती हैं।

अनुशासन :
हमें जो करना है, जो न करना है, कैसा जीना है, कैसे न जीना है, समाज में कैसा रहना है आदि हमें अनुशासन के द्वारा ही मालूम होते हैं । नियमबद्ध तथा शासनबद्ध रहना ही अनुशासन है। हर एक में आत्मानुशासन होना चाहिए। अनुशासनसहित समाज ही उत्तम समाज है। अनुशासित देश ही उत्तम देश है। इससे कर्तव्य बोध होता है।

15.

रमज़ान के त्यौहार के पीछे चाँद और सूरज की क्या भूमिका होती है?

Answer»

इस्लामी महीना चाँद के निकलने से शुरू होता है। रमज़ान का चाँद निकलने पर इसकी सूचना विविध प्रकार से दी जाती है। रमज़ान मास की सूचना मिलते ही मुस्लमान भाई रोजों की तैयारियों में लग जाते हैं और रमज़ान के महीने भर रोजें रखते हैं। रोज़ा यानि उपवास है। रोज़ा रखने के लिए सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटा पहले आहार लिया जाता है। इसे सहरी कहते हैं। इस प्रकार रमज़ान त्यौहार के पीछे चाँद और सूरज की भूमिका होती है।

16.

रमज़ान का त्यौहार विश्व कल्याण की भावना को बढ़ाने में सहायक है । कैसे?(या)विश्व कल्याण की भावना को बढ़ाने में रमजान की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

Answer»

रमज़ान के महीने में रोजा रखने के कारण लोगों में आत्मसंयम, आत्मनियंत्रण, आत्मविश्वास और आत्मअनुशासन आदि गुण विकसित होते हैं। जिससे मानवता और सामाजिकता की भावनाएँ बढ़ती हैं। अपने कर्तव्यों का बोध होता है। गरीबों के दुख – दर्दो का अनुभव किया जाता है और उसकी सहायता की जाती है। जिससे भाईचारे का विकास होता है। रमज़ान के महीने में चारों ओर परोपकार की भावना छा जाती है। जिससे मानव सेवा के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इस रमज़ान के महीने में विशेष रूप से दुआएँ माँगी जाती हैं। जिनमें विश्व कल्याण की भावना होती है। रमज़ान शांति, अहिंसा, त्याग , परोपकार, न्याय और धर्म आदि गुणों का विकास होता है। उपर्युक्त इन सारे कारणों से हम कह सकते हैं कि रमजान का त्यौहार विश्व कल्याण की भावना को बढ़ाने में सहायक है।

17.

त्यौहार किस तरह समाज में खुशी और सजगता लाते हैं?

Answer»

भारत विशाल एवं प्राचीन देश है। यहाँ अनेक धर्म, जाति और संप्रदाय के लोग रहते हैं। सभी धर्मों के लोग विविध प्रकार से उत्सव व त्यौहार मनाते हैं। ये त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं। ये भारतीय संस्कृति की शोभा में चार चाँद लगाते हैं। व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के जीवन में त्यौहारों का अपना विशेष महत्व होता है। सभी के लिए इनका विशेष प्रयोजन है। जिम्मेदारियाँ और नित्य की एक रसता व्यक्ति के जीवन में नीरसता उत्पन्न करती है – रोज एक जैसी जीवन चर्चा, एक जैसा भोजन, वहीं कपड़े, वहीं दौड़ – धूप। इसीलिए हर परिवार में त्यौहार की बेचैनी के साथ प्रतीक्षा रहती है। जब त्यौहार आजाता है। तो पूरे परिवार में सक्रियता बढ़ जाती है। परिवार में आनंद और उल्लास छा जाता है। हमारी नीरसता और ऊब समाप्त हो जाती है। हमारा जीवन नयी शक्ति नयी उमंग और उत्साह से भर जाता है। पर्व पारस्परिक प्रेम संबंधों को मजबूत करते हैं। त्यौहार हमें उल्लास, उत्साह और उमंग भर देते हैं।

इस प्रकार त्यौहार समाज में खुशी और सजगता लाते हैं।

18.

निम्न लिखित गद्यांश पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए।रमज़ान इस्लाम धर्म का प्रमुख त्यौहार है। वास्तव में रमज़ान इस्लाम धर्म के नौवें महीने का नाम है। | इस्लाम धर्म के पाँच बुनियादी सिद्धांत हैं। 1. तौहीद, 2. नमाज़, 3. रोज़ा, 4. ज़कात, 5. हन। इनमें तीसरा सिद्धांत ‘रोज़ा’ है। इसे रमज़ान के महीने में अदा किया जाता है। यह इबादतों (प्रार्थनाओं) व बरकतों का महीना है। यह माना जाता है कि इसी महीने में पवित्र ग्रंथ ‘कुरान – ए – शरीफ़’ नाज़िल हुआ है।1. इस्लाम धर्म का प्रमुख त्यौहार क्या है?2. इस्लाम धर्म के बुनियादी सिद्धांत क्या – क्या हैं?3. इबादतों वे बरकतों का महीना क्या है?4. पवित्र ग्रंथ कुरान – ए – शरीफ़’ का नाजिल कब हुआ है?5. उपर्युक्त इस गद्यांश में किस पर्व के बारे में सूचना दी गयी है?

Answer»

1. इस्लाम धर्म का प्रमुख त्यौहार है “रमज़ान”।

2. इस्लाम धर्म के पाँच बुनियादी सिद्धांत हैं । वे हैं-
i). तौहीद
ii) नमाज़
iii). रोज़ा
iv). ज़कात
v). हज

3. रमज़ान इबादतों व बरकतों को महीना है।

4. पवित्र ग्रंथ ‘कुरान – ए – शरीफ़’ का नाज़िल रमज़ान के महीने में हुआ है।

5. उपर्युक्त इस गद्यांश में रमज़ान पर्व के बारे में सूचना दी गयी है।

19.

त्यौहार मनाने में बच्चों की खुशियाँ कैसी होती हैं?

Answer»

मानव जीवन में त्यौहारों का मनाना खास विषय होता है। त्यौहार मनाने में बच्चे बहुत खुशी से भाग लेते हैं। बच्चे तो नादान और निर्मल हृदयवाले होते हैं। इसलिए वे बिना किसी भेदभाव के सबसे प्रेमपूर्वक मिलजाते हैं। खुशी से अपने दोस्तों का अभिनंदन करते हैं। त्यौहार के समय नये कपडे पहनते हैं। विविध व्यंजनों के साथ भोजन करते हैं। इससे बच्चों की खुशियों की सीमा नहीं रहती है। संक्रांति, दीवाली, उगादि आदि त्यौहरों के समय तो उन त्यौहारों से संबन्धित चीज़ों से खेलते-कूदते हैं। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस आदि त्यौहारों में भी वे बडे खुश रहते और श्रद्धा से त्यौहार मनाकर देश भक्ति मन में भर लेते हैं।

20.

पाठ में रमज़ान के त्यौहार के बारे में बताया गया है। आप किसी त्यौहार के बारे में निबंध लिखिए।

Answer»

संक्रांति (पोंगल)

प्रस्तावना :
भारत का भूगोल निराला है। यहाँ सब तरह की ऋतुएँ, सब तरह के मौसम तथा सब तरह की वनस्पतियाँ पायी जाती है। प्रकृति का हमें अनुपम वरदान मिला है। हम भारतवासी पर्व मनाकर प्रकृति के प्रति अपना आभार प्रकट करते हैं।

मकर संक्रांति भारत का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। इसे दक्षिण भारत के लोग पोंगल भी कहते हैं। यह ऋतु प्रधान पर्व है। उत्तर और दक्षिण भारत में यह त्यौहार धूम – धाम से मनाया जाता है। संक्राति हर साल 14 जनवरी को मनायी जाती है। इस त्यौहार का संबंध सूर्य भगवान से है। सूर्य भगवान इस दिन. दक्षिणायन से उत्तरायण चलता है। इस कारण इसे उत्तरायण भी कहते हैं। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। ऐसा विश्वास है इस दिन स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं।

विषय :
सूर्य भगवान की कृपा से बहुत फ़सलें होती हैं। इसलिए कृतज्ञ किसान नयी फ़सल से सूर्य भगवान ‘ को पोंगल बनाकर पोंगल के दिन भेंट चढ़ाते हैं। बन्धु – मित्रों से मिलकर खुशी मनाते हैं।

यह त्यौहार तीन दिन मनाया जाता है। पहले दिन को भोगी कहते हैं। दूसरे दिन को संक्रांति (पोंगल) मनाते हैं। तीसरे दिन को कनुमा कहते हैं।

इस दिन बड़े सबेरे ही जागकर सिरो स्नान करके नये कपडे पहनते हैं। तरह – तरह के पकवान बनाकर खाते हैं। इस त्यौहार की तैयारी एक मीहने के पहले से ही होती है। घर और मकान साफ़ किये जाते हैं। चूना पोता जाता है।

उपसंहार :
त्यौहार के समय किसान लोग बैलों की, गायों की पूजा करते हैं। गाँव – गाँव में कोलाहल मच जाता है। मुर्गों की होड भेड़ों की भिडाई आदि होते हैं। बैलों की होड भी होती है। बच्चे रंग – बिरंगे पतंगे उड़ाते हैं। इस तरह सब लोग आनंद प्रमोद के साथ त्यौहार मनाते हैं।