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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

11101.

Poem of gopal das neraj

Answer»

प्राण-गीत गोपालदास नीरज

क्या करेगा प्यार वहगीत-तुम झूम झूम गाओकोई नहीं परायाप्रेम-पथ हो न सूनाप्रेम को न दान दोदुश्मन को अपना हदय जरा देकर देखोदीप नहीं, दीप काजलाओ दिए परमूर्ख पुजारी है वह जो कहता हैखोजने तुमको गयाजब न तुम ही मिलेतुम्हारे बिना आरतीकहते-कहते थकेइस तरह तय हुआयूँही यूँहीआदमी है मौत से लाचारयह प्रवाह हैआदमी को प्यार दोकौन तुम होएक बार यदि अपने मदिरभूखी धरती अब भूख मिटानेसृष्टि हो जाये सुरभिमय30 जनवरी-एक आदेशमन आज़ाद नहीं हैसत्य का निर्माण करतीप्राण की धड़कनस्वप्न-तरी-अनुवाद  

11102.

अमीस का कया अर्थ होता हैं

Answer»

It's MEANING is HONEST

11103.

Mandakini name flower

Answer» HEY there!!
11104.

Autobiography of person surrfed from earthquake

Answer»

When the September earthquake hit I woke up but I didn’t know what was going on.I thought that it was my sister being silly and shaking my bunks but then I heard my mirror smash and I knew it wasn’t my sister.After that I had been thinking it was a robber.You can’t blame me for thinking that because I was only six years old.

At that time I was really scared and then I heard Mum yell that it was an earthquake.”I don’t know what that is”, I said, then Mum came running into my room and grabbed my sister and I.By that time I was crying and I was really scared; somehow I went back to sleep on my mum.

When I woke up we all LOOKED around our house and everything had either fallen over or smashed.We had all this glass stuff on a shelving unit and it was smashed all over the floor.

We then went outside to see all this liquefaction all over the ground.People had already been out shoveling off the concrete all this GREY stuff that looked and smelled really bad.

An earthquake is a series of vibrations induced in the earth’s crust by the abrupt rupture and rebound of rocks in which elastic strain has been slowly BUILDING up.

I never knew how an earthquake worked until I got a bit older and found out.To be honest thinking back to when that happend it is really scary thinking of the earthquake that broke a lot (and I mean a lot) of our stuff.When I had finally gone outside again it was horrifying the sight of all this luiquefaction and cracks all through the ground. It was weird thinking that a few BIG shakes could do all this in as little as 40 second.

It is scary thinking back to that time- 4:35am – and about being in that house. The other day I drove past it and remembered that night and how creepy it was. It’s still creepy because there are aftershocks still going on from that earthquake and the ONE after that

11105.

Vidyalaya me vruksha ropan utsav ka aayojan 14 Mai ko kiya gaya hai jisme sabhi chatro ko do do paudhe ko Lagane kaha is par prativedan tayar Karna hai

Answer» MEANS U have to PLANT TREES
11106.

Samvad lekhan on unemployment

Answer»

Aaj ke SAMAY mei jyaadatrr LOG berozgaar ke SHIKAAR hai. Pde likhe hone ke kaarn v unko kaam nhi mill rha jiske kaarn k weh burii sangatt mei pdd rhe hai, Jo k hmare desh ke LIYE HI nuksaan daykk hai. hmaari sarkaar ko iss mudde prr sakhtt kadm uthane hoge tbhi kuj n kuj hll ho ga

11107.

Tow mothers tow daughters wen out to eat everyone ate one burger yet only three burgers wear Eaten in all????

Answer»

A WOMEN, her DAUGHTER and his daughter's daughter was there.

so there are two mothers and two daughters.

That's why only 3 BURGERS are eaten.


☆☆☆☆☆☆☆
hope helps
▪▪▪▪▪▪
pls mark it as BRAINLIEST..
♡♡♡♡♡♡♡♡♡♡

11108.

What is the meaning of nationalisation

Answer»

Nationalisation” is DEFINED as “GOVERNMENT TAKING control over assets and over a corporation, usually by acquiring the majority or the WHOLE stake in the corporation”. ... Nationalization is an act of taking an INDUSTRY or assets into the public ownership of a national government.

11109.

Up ka sabse bada zila kaun h?t jaunpur

Answer»

HLO DEAR UR ANSWER is
a/q to area

STAY HAPPY

11110.

Bujurgon ki vartman stithi

Answer» HEY USER

आज बुजुर्ग की समस्या अकल्पनीय है. वृद्धावस्था अभिशाप सदृश होती जा रही है. उनका जीवनयापन बहुत ही कठिन होता जा रहा है. कोई चलने में असमर्थ तो कोई अपाहिज सदृश बेड को ही अपनी नियति मानकर जीवन निर्वाह कर रहे हैं. यदि वे उच्च वर्गीय हैं तो उनकी संतान ने नर्स या अटेंडेंट की व्यवस्था कर दिया है. उन लोगों का जीवन भौतिक सुख- सुविधा से परिपूर्ण हो , फिर भी समय किस तरह व्यतीत करें इसकी समस्या उन्हें आहत करती है. आँखें साथ नहीं देती जिसके कारण वे पढ़ नहीं पाते, दूरदर्शन पर कार्यक्रम भी देखना कठिन होता है. आखिर करें तो करें क्या ? जिन बच्चों के लालन-पालन में उनका सारा जीवन व्यतीत हो गया वे बच्चे अपने परिवार में ही व्यस्त हैं. कोई विदेश में तो कोई अपने देश में ही व्यस्त हैं. कुछ मज़बूरीवश लाचार हैं तो कुछ माता-पिता के कर्त्तव्य से विमुख. बेचारे बुजुर्गों का शेष जीवन अधीरता या व्याकुलता से प्रतीक्षारत घर के दहलीज़ पर टक-टकी बाँधे रहतें हैं कि कोई तो आये जिससे दो बातें कर लें. समस्या यह है लोग इन बुजुर्गों के पास बैठना या बातें करना समय की र्बादी समझते हैं . उन्हें यह समझ नहीं आती की जीवन जीने की कला, कितनी महत्वपूर्ण बातें जो बुजुर्गों से सीखी जा सकती है, वे उन से वंचित रह जाते हैं. समाज का रूप ही परिवर्तित हो रहा है. दादी-नानी की कथा लुप्तप्राय हो गई है क्योंकि नर्सरी से जो बोझ बच्चों पर डाल दी जाती है,बच्चे उसमें दब से गए हैं. उन्हें वक्त कहाँ कि दादी-नानी की कथा या सीख सुने. मुझे याद है मेरे पड़ोस में एक अम्माजी रहा करती थी . उनके घर में अपार वैभव था . उमका बेटा- बहू उसी शहर में अलग घर में रहते थे. शाम को बेटा अपनी माँ का हाल लेने आता था मात्र दस-पंद्रह मिनट के लिए. अम्माजी का ध्यान द्वार पर ही केंद्रित रहता था अपने बेटे की प्रतीक्षा में. व्याकुल रहती थी किसी से मन की बात करने केलिए. और बुजुर्गों से तो उनकी स्थिति बेहतर ही थी. मध्यमवर्गीय बुजुर्गों की स्थिति और भी दयनीय है. यहाँ भी समयाभाव. आज के आपाधापी युग में उनकी संताने संघर्ष कर रहीं हैं. अपने को उच्च वर्ग में लाने केलिए. अपने माता-पिता के लिए उनके पास भी समय नहीं है. बस वे आगामी भविष्य के लिए अर्थात वे अपनी संतानों कि परवरिश में ही समय व्यतीत कर रहें हैं. अपने बहुमूल्य समय में माता-पिता केलिए समय देना तो नादानी ही हुआ न?! अब उनकी क्या उपयोगिता?! उनसे क्या लाभ जो अपने समय का दुरूपयोग करेगा ! बेचारे बुजुर्ग उपेक्षित जीवन जी रहे हैं. पड़ोस की दया पर निर्भर रहते हैं. उनकी बिडम्बना यह है कि न तो वे अपनी स्थिति के विषय में कुछ कह सकते हैं, अपने बच्चों की कमी को अनदेखी तो कर सकते हैं. लेकिन किसी को कुछ कह नहीं सकते हैं. समाज में अपनी संतानों कि छवि को कम नहीं करना चाहते फलतः घुट-घुट कर जी रहे हैं. मध्यमवर्ग की सबसे अधिक बिडम्बना है दिखावा. चाहे वे उच्च माध्यमवर्गीय हों या निम्न मध्यमवर्गीय. झूठी शान के लिए वे अपना जीवन उत्सर्ग कर रहें हैं. या तो युवा हों या बुजुर्ग समाज में सबसे दयनीय स्थिति इन्ही वर्गों की हैं. वे सांस तो ले रहे हैं लेकिन स्वच्छ हवा में नहीं. संघर्षमय जीवन ही इस वर्ग की पहचान है. बुजुर्ग की स्थिति अत्यंत ही दारुण है. सरकार ने वृद्धाश्रम जगह-जगह खोल तो रखा है लेकिन पर्याप्त नहीं है. इस वर्ग के वृद्ध आश्रम में जाना भी नहीं चाहते क्योंकि इनके बच्चों की बदनामी न हो. आर्थिक दृष्टि से कमजोर या निम्न वर्ग के मनुष्य का जीवन ही आभाव से आरम्भ होकर अंत भी तड़प-तड़प कर समाप्त हो जाता है. इनके बच्चे स्वयं ही मजदूरी या किसी तरह जीवन यापन करते हैं. इस वर्ग के वृद्धों की न तो अपेक्षा है न इच्छा. कष्टमय जीवन व्यतीत करना ही इनका भाग्य है. वृद्धजन कम से कम आँखों के सामने अपने बच्चों को देखते तो हैं. आधी पेट खा कर खाट पर लेट कर बच्चों की राह ताकना प्रातःकाल से रात्रि तक प्रतीक्षा में ही व्यतीत हो जाता है. लेकिन बच्चों के दुःख तथा स्वयं की असमर्थता में तिल-तिल कर मरते रहते हैं. आशय यह है कि कोई भी वर्ग हो अधिकांश वृद्ध की स्थिति चिंतनीय ही है. इसके जिम्मेदार कहीं न कहीं एकल परिवार भी है. आज प्राथमिकताएं बदल रही है. मानव माता-पिता के कर्त्तव्य से विमुख हो रहा है. आवश्यकताएं सीमाहीन हो गयी हैं, आकाश की तरह अनंत हो गयी है. जिसमें जन्मदाता माता-पिता कि उपस्थिति व्यर्थ है. मैं सुधीजनों से क्षमा-प्रार्थी हूँ क्योंकि कुछ मानव तो ऐसे निर्दयी , नृशंस नहीं हैं जो स्वयं के माता-पिता को बोझ समझें. मैं समाज के अधिकांश लोगों की बात कर रही हूँ सब की नहीं. प्रत्येक मानव की प्राथमिकता सर्वप्रथम अपने माता-पिता की देख -भाल, सम्मान होनी चाहिए. उन्हें आहत या अनदेखी नहीं करनी चाहिए. यदि वे संतुष्ट रहेंगे तो उनके आशीर्वाद से ही हमारा आगत भविष्य सुखमय हो जायेगा. अतः आज से हम सभी प्रण लें कि माता-पिता या किसी भी वृद्धों का दिल नहीं दुखायेंगे उन्हें उचित सम्मान देंगे. हरेक मानव का जन्म ही एक न एक दिन बुजुर्ग होने केलिए हुआ है. किसी पर आश्रित होना ही है. अतः यह एहसास नहीं होने देना है कि वे वृद्ध हो गए हैं वल्कि उनके मनोबल को ऊँचा उठाना है. मेरी राय तो यह है कि जहाँ 'बुजुर्ग पूजित होते हैं वहाँ देवता का निवास होता है. यही मेरा इस नव वर्ष पर प्रतिज्ञा है. और सभी से इस प्रतिज्ञा का पालन करने का अनुरोध है. अपने समाज में सभी आदरणीय बुजुर्गों का सम्मान करने संकल्प लेता हूँ।


आसा हे यह आपकी मदद करेगा ।
11111.

Short summery nilakantha

Answer»

Kelallur Nilakantha Somayaji (also referred to as Kelallur Comatiri;[1] 14 June 1444 – 1544) was a major mathematician and astronomerof the Kerala school of astronomy and mathematics in India. One of his most influential works was the comprehensive astronomical treatise Tantrasamgrahacompleted in 1501. He had also composed an elaborate commentary on Aryabhatiya called the Aryabhatiya Bhasya. In this Bhasya, Nilakantha had discussed infinite seriesexpansions of trigonometric functions and problems of algebra and spherical geometry. Grahapareeksakrama is a manual on making observations in astronomy based on instruments of the time.

Nilakantha Somayaji

Born

14 June 1444

Died

1544

Residence

Trikkandiyur, Tirur, Kerala

Nationality

Indian

Other names

Kelallur Comatiri

Occupation

Astronomer-mathematician

Known for

Authorship of Tantrasamgraha

Notable work

Golasara, Candrachayaganita, Aryabhatiya-bhashya, Tantrasamgraha

Title

Somayaji

Spouse(s)

Arya

Children

Rama, Dakshinamurti

Parent(s)

Jatavedan (father)

Biographical details

Nilakantha Somayaji was one of the very few authors of the scholarly traditions of India who had cared to record details about his own life and times. So fortunately a few accurate particulars about Nilakantha Somayaji are known.[2][3]

In one of his works titled Siddhanta-star and also in his own commentary on Siddhanta-darpana, Nilakantha Somayaji has stated that he was born on Kali-day 1,660,181 which works out to 14 June 1444 CE. A contemporary reference to Nilakantha Somayaji in a Malayalam work on astrologyimplies that Somayaji lived to a ripe old age even to become a centenarian. Sankara Variar, a pupil of Nilakantha Somayaji, in his commentary on Tantrasamgraha titled Tantrasamgraha-vyakhya, points out that the first and last verses of Tantrasamgrahacontain chronograms specifying the Kali-daysof the COMMENCEMENT (1,680,548) and of completion (1,680,553) of Somayaji's magnum OPUS Tantrasamgraha. Both these days occur in 1500 CE.

In Aryabhatiya-bhashya, Nilakantha Somayaji has stated that he was the son of Jatavedas and he had a BROTHER named Sankara. Somayaji has further stated that he was a Bhatta belonging to the Gargya gotra and was a follower of Asvalayana-sutra of Rigveda. References in his own Laghuramayanaindicate that Nilakantha Somayaji was a member of the Kelallur family (Sanskritised as Kerala-sad-grama) residing at Kundagrama, now known as Trikkandiyur in modern Tirur, Kerala. His wife was named Arya and he had two sons Rama and Dakshinamurti.

Nilakantha Somayaji studied vedanta and some aspects of astronomy under one Ravi. However, It was Damodara, son of Kerala-drgganita author Paramesvara, who initiated him into the science of astronomy and INSTRUCTED him in the basic PRINCIPLES of mathematical computations. The great Malayalam poet Thunchaththu Ramanujan Ezhuthachan is said to have been a student of Nilakantha Somayaji.

11112.

A big essay on vano ka mahatva in hindi

Answer»

van jaise ki sab jante hai ki vano ke vajah se hamere desh me prad ushan nahi hota .sab log desh ke vano ko KAT KAR nayi nayi building BANA rahe hai.humme har mahine me ek JAAD lagana chahiye .kyuki pedo ki vajah se hamme saas lene me asani hoti hai. AGAR van na rahe to hamare desh me bohot jyada pradushan ho jayega .aur humme saas lene me takleef hogi.


11113.

ाप किन किन जगहों में जल का ुपयोग करते हैं?

Answer»

RIVER, WELL , PONDS, WATERFALLS ETC

11114.

Nibandh on parvat ki sundarta .

Answer»

तिब्बत में, पहाड़ों को अक्सर देवताओं के आदमियों के रूप में माना जाता है उदाहरण के लिए, पूर्वोत्तर तिब्बत में एक पहाड़ के अम्नी मैकन, को माइकन पोमरा के घर के रूप में माना जाता है, जो मेरे घर प्रांत अम्दो के सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। क्योंकि आदम के सभी लोग महेन पोमरा को अपने विशेष दोस्त मानते हैं, कई टीम तीर्थ यात्रा पर पर्वत के पैर के चारों ओर चले जाते हैं।


तिब्बतियों ने आम तौर पर उनके चारों ओर की चोटियों को स्केल करने में बहुत दिलचस्पी दिखाई है, संभवत: उन्हें अध्यक्षता करने वाले देवताओं की ओर से सम्मान नहीं किया जाता है। हालांकि, मुझे लगता है कि एक और व्यावहारिक कारण है। अधिकांश तिब्बतियों को बहुत अधिक पहाड़ की ओर चढ़ने के लिए किसी भी इच्छा की तुलना में अधिक चढ़ना चाहते हैं। जब ल्हासा के लोग कभी-कभी खुशी के लिए चढ़ते थे, उन्होंने एक उचित आकार की पहाड़ियों को चुना, और ऊपर पहुंचने पर धूप जलाया; प्रार्थना करो और एक पिकनिक के साथ आराम करो


तिब्बत के यात्री परंपरागत रूप से पहाड़ियों के शीर्ष पर केर्न्स को एक पत्थर जोड़ते हैं या "लाह-गयल-आईओ-देवताओं के विजय" के चिल्लाने के साथ गुजरते हैं। बाद में, 'मनी पत्थरों', प्रार्थना झंडे के साथ प्रार्थना और अन्य ग्रंथों के साथ खुदाई के पत्थर जोड़ सकते हैं पर्यावरण के लिए इस परंपरागत सीस का एक व्यावहारिक दृष्टिकोण 1 ए की रक्षा करना एक गहरी बैठती चिंता है।


केवल गर्लफ्रेंड्स, जंगली जानवरों, और गर्मियों में, खानाबदोश और उनके झुंड वास्तव में उनके बीच उच्च रहते हैं, लेकिन सादगी और हमारे पहाड़ों की चुप में, दुनिया के ज्यादातर शहरों की तुलना में मन की शांति अधिक है। चूंकि बौद्ध धर्म की प्रकृति अंतर्निहित अस्तित्व के खाली होने के रूप में घटना को देखने के लिए शामिल है, इसलिए मध्यस्थ के लिए एक पर्वत से दिखाई जाने वाली विशाल, खाली जगह की जांच करने में सहायक होता है।


प्राकृतिक खजाने के इन दुकानों में, हमारे डॉक्टरों ने कई अनमोल जड़ी-बूटियों और पौधों को पाया जिसमें से वे अपनी दवाओं को बढ़ाते थे, जबकि पिंजरों ने अपने पशुओं के लिए अमीर चरागाह पाया, तिब्बती अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण। लेकिन यहां तक ​​कि व्यापक प्रभाव से, हिमपात के पहाड़ों की भूमि चाप; एशिया के कई महान नदियों के स्रोत हाल ही में भारतीय उपमहाद्वीप और चीन में बड़े पैमाने पर बाढ़ को बड़े पैमाने पर वनों की कटाई और पर्यावरणीय विनाश के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसने चीन के तिब्बत के हिंसक कब्जे का पालन किया है।


1,000 से अधिक वर्षों तक हम तिब्बतियों ने आध्यात्मिक और पर्यावरणीय मूल्यों का पालन किया है ताकि हम जिस उच्च पठार पर रहते हैं, उसके जीवन के नाजुक संतुलन बनाए रख सकें। बुद्ध के अहिंसा और करुणा के संदेश से प्रेरित होकर और हमारे पहाड़ों द्वारा संरक्षित, हमने हर तरह के जीवन का सम्मान करने की मांग की है, जबकि हमारे पड़ोसी अबाधित नहीं थे।


इन दिनों जब हम पर्यावरण के संरक्षण के बारे में बात करते हैं, चाहे हम वन्यजीव, जंगलों, महासागर, नदियों या पहाड़ों का मतलब करते हैं, अंततः कार्य करने का निर्णय हमारे दिल से आना चाहिए। इसलिए, मुझे लगता है कि, हम सभी के लिए सार्वभौमिक जिम्मेदारी का असली अर्थ विकसित करने के लिए है, न केवल इस सुंदर नीले ग्रह की ओर जो हमारे घर है, बल्कि असंख्य संवेदनशील प्राणियों के प्रति 'जिसे हम इसे साझा करते हैं।

11115.

My favourite subject is science translate in sanskrit

Answer» MERA PRIYA vishai vigyaan hai
it is in HIDI but I DONT know SANSKRIT
11116.

SPLIT THE WORD PREM IN HINDI

Answer» PREM RATAN DHAN payo
11117.

10 days diary entry in hindi on winter holidays

Answer»

Uxififjdidjdjdidjdkdidjdjdidjd

11118.

Fever application sanskrit

Answer»

महोदय !
सविनयं निवेद्यते यत् अहम् अतिदिवसात् ज्वरग्रस्तो अस्मि, बलवती शिरोवेदना च मां व्यथयति। ज्वरकृततापेन कार्श्यम् उपगतो अस्मि। अतो अद्य विद्यालयं आगन्तुम् असमर्थो अस्मि।
अतः कृपया 16/02/2018 दिनांकात् 19/02/2018 दिनांकपर्यन्तं चतुर्-दिनानाम् अवकाशं स्वीकृत्य माम् अनुग्रहीष्यति।

दिनांक 15/02/2018

भवतः आज्ञाकारी शिष्यः

जय सैनी

कक्षा सप्तम

11119.

I want some Chitra varnan in Sanskrit with picture

Answer»

A)1) sa CHAST,kaksham asthi

2)aysha adhyapika asthi

3)adhyapika PATT pattyanthi

4)adhyapika patt snehane pattyanthi

5)chathra dhaynan patanthi

6) chathra Sanskrit pattam pathanthi





hope it helps
plz mark as brainliest

11120.

Aagyaa ka pratya aur khaat ka

Answer»

Aagyaa KA PRATYA =yaa
hope it HELP you

11121.

एक विवेक दिमाग का होता है और एक विवेक दिल का होता है। , Please write this easy in 600 words and in hindi , No SPAMMING, useless answers will be reported, best answer will be marked as brainliest.

Answer»

दिल और दिमाग भले ही शरीर के दो अलग अलग स्थान पर रहते हो। मगर दिल और दिमाग का विवेक हमारे बहुत काम आता है। दिल और दिमाग एक दूसरे के पूरक हैं। दिल को हम दिमाग से अलग करके कुछ सोच ही नहीं सकते हैं।

दूसरे शब्दों में,दिल न केवल मस्तिष्क के अनुरूप है, बल्कि मस्तिष्क दिल से प्रतिक्रिया देता है। तनावपूर्ण या नकारात्मक भावनाओं के दौरान मस्तिष्क में दिल का इनपुट भी मस्तिष्क की भावनात्मक प्रक्रियाओं पर गहरा असर डालता है-वास्तव में तनाव के भावनात्मक अनुभव को मजबूत करने के लिए सेवा प्रदान करता है दिल।

दिल और दिमाग की जंग में दिमाग ही जीत जाता है।यदि आप मेरे जैसे हैं, तो संभवतः आपको अपने जीवन में निर्णय लेने के लिए सभी प्रकार की सलाह मिल गई है-- " आप अपने दिल को सुनो।"

अपने दिमाग का प्रयोग तर्कसंगत निर्णय लेने में करें। विवादित बयानों के लिए दिमाग की जरूरत होती है। वहां दिल के निर्णय की कोई महत्व नहीं रहती है।

इसके अलावा आपके जीवन से जुड़े किसी भी फैसले के लिए आपको अपने दिल और दिमाग दोनों से निर्णय लेना चाहिए।

याद रखें दिल के निर्णय को दिमाग पर और दिमाग के निर्णय को दिल पर हावी नहीं होने देना है। फैसले ऐसे लिजिए जिससे की आपको कोई तकलीफ़ न हो।

11122.

Paragraph on "Van Sanrakdhan"In Hindi. Also in Hindi words.Best answer will be marked as brainliest answer.No spamming

Answer»

HI!


P1


वन कई जीवों का घर है। यह प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया एक बहुमूल्य संसाधन है। वनों में रहने वाले जीव एक दूसरे पर परस्पर निर्भर हैं। जंगलों में जीवन हवा, पानी और सूरज की रोशनी जैसे कारकों से शासित होता है। अधिकांश जंगलों में पौधों की विविधता उपलब्ध है: क्षेत्र के जलवायु के आधार पर जड़ी बूटी, झाड़ी और पेड़। पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया से अपना खाना बनाते हैं और जानवर पौधों और अन्य जानवरों पर अपने भोजन के लिए निर्भर करते हैं। कभी-कभी पौधे भी परागण और बीज फैलाव जैसी प्रक्रियाओं के लिए जानवरों पर निर्भर करते हैं। दुनिया भर के बड़े क्षेत्रों में फैले कई जंगलों हैं। वन को वर्गीकृत किया जा सकता है: उष्णकटिबंधीय, सदाबहार, आंशिक सदाबहार, पर्णपाती और सूखे जंगलों की जलवायु स्थितियों और पेड़ के प्रकारों के आधार पर। वनों में भी झीलों, तालाबों, मिट्टी, चट्टानों आदि जैसे गैर-जीवित घटकों का समावेश होता है। वन को एक पारिस्थितिक तंत्र बनाने वाले क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है।


P2


आदरणीय सभापति महोदय, माननीय अध्यापकगण तथा मित्रो। हर वर्ष वन महोत्सव मनाया जाता है। लाखों की संख्या में वृक्षारोपण होता है। ऐसा क्यों होता है ? यह एक प्रश्न है। वनों से अनेक लाभ हैं। आज मैं इस विषय पर कुछ बोलूगा। आशा है कि आप मेरे इन विचारों से सहमत होंगे। पेड़ हमें शुद्ध वायु प्रदान करते हैं। आजकल जबकि कलकारखानों का बोलबाला है, पेड़ों की अत्यन्त आवश्यकता है। ये वातावरण को शुद्ध रखते हैं। इनकी हरियाली आँखों को रोशनी एवं सुख प्रदान करती है। पेड़ वर्षा के लाने में भी सहायक हैं। ये तापमान को भी बढ़ने से रोकते हैं। पेड़ों के कारण ही बाढ़े रुक जाती हैं। पेड़ों से वातावरण सुखद बना रहता है।

पेड़ चाहे वनों में हों या बागों में, हमें फूल और फल प्रदान करते हैं। इससे लकड़ी प्राप्त होती है। लकड़ी से फर्नीचर और दूसरी चीजें बनती हैं। जलाने वाली लकड़ी भी ‘वनों से प्राप्त होती है। जंगल में जड़ी-बूटियाँ आदि भी पाई जाती हैं। पशुओं को चारा मिलता है और पक्षियों को सहारा मिलता है। लोग लाखों रुपयों का व्यापार करते हैं। यदि पेड़ न होते तो हम भूखे मर गये होते। वातावरण दूषित हो जाता। अधिक पेड़ लगाकर जंगल को बचाया जाना चाहिए और हमें पेड़ों के काटने को रोकना चाहिए। वन्य जीव भी देखने को न मिलते। बाढ़े आ जाती। त्राहि-त्राहि मच जाती। हरियाली न होती। लाखों रुपयों का व्यापार न होता। बड़े-बड़े भवन और सुन्दर महल देखने को न मिलते। जलाने के लिये लकड़ी न मिलती। दवाइयाँ प्राप्त न होने से कई लोग प्रतिदिन मरते। अन्त में मैं यही कहूँगा कि वनों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। वन हमारी जान हैं। अतः हमें अधिक पेड़ लगाने चाहिएँ और पेड़ों तथा पौधों की रक्षा करनी चाहिए।


@ HORA :D

11123.

5 lines on school in Sanskrit and translate in Hindi

Answer»

अयं अस्माकं विद्यालयः अस्ति। अस्य भवनानि भव्यानि श्वेतवर्णानि च सन्ति। अस्य प्रधानाध्यापकः बहुज्ञः व्यवहार कुशलः छात्रप्रियः च अस्ति। अत्र विंशति अध्यापकाः सन्ति। एते सर्वे सुयोग्याः सन्ति। अत्र बहवः छात्राः सन्ति। छात्राः अनुशासन प्रियाः सन्ति। विद्यालयस्य क्रीडाप्रांगणम् सुविस्तृतम् हरितदूर्वाछन्नम् च अस्ति। सायंकाले तत्र छात्राः क्रीडन्ति। अयं विद्यालयः अस्माकं गौरवास्पदम् अस्ति। अत्र प्रत्यब्दमं समरोहाः भवन्ति। देशस्य विशिष्टाः विद्वांसः नेतारःविविधकलाकुशलाश्च आगच्छन्ति। अत्र छात्राणाम  शारीरिक मानसिक - बौद्धिकाध्यात्मिक योग्यताविकासाय अहनिर्शं प्रयतते


translation


और असमाक स्कूल: सहायक। UNCATEGORIZED विश्व विश्वाना एफ। चाचा प्रिंसिपल: बहुभाषी: व्यवहार व्यवहार: छात्रवृत्ति: एफ सहायक। आर्यन विश्व श्रेस्थ: संतुष्टि सर्वेक्षण यहां है: सत्यति। आकर्षण: छात्र: संतुष्टि छात्रा: अनुशासन प्रिया: संती। स्कूल के शिक्षा केंद्र को पहचाना जाना है। शंकर की बहू: कन्नड़। और स्कूल: असमाक ग्रेवस्पदद आस्ती। अत्र प्रसाद सिद्ध्रो: भावती। देश विश्वता: वेदवन बचपन, मानसिक स्वास्थ्य - बौद्धिक संपदा योग्यता का इंस्ट्रुमेंटेशन।

11124.

Tta me sanyukt shabd

Answer»

(कुत्ता)
Hope it's HELP you
Please MARK me in BRAIN list answer

11125.

I want a Marathi niband on maze ajoba

Answer» ACTUALLY I don't KNOW MARATHI
SORRY
11126.

कभी भी दो का नाश करने की बात क्यों करते हैं

Answer» JAB paani sir SE UPAR HO jaaye
11127.

When a Roman general is betrayed and his family murdered by the son of a corrupt Roman emperor, he comes to Rome as gladiator to seek revenge .Tell the film name .

Answer»

I HOPE it helps u DEAR.
The name of the film is Gladiator(2000)

11128.

Essay on mera pyara gift in hindi

Answer»

मैं अक्सर सोचता था कि मेरी दादी को बर्दवान स्थित हमारे पैतृक घर में रखी एक जंग लगी, पुरानी और टूटी-फूटी साइकिल से इतना लगाव क्यों था। जब मैंने उनसे पूछा कि वह उस ‘पुरानी वस्तु’ को किसी कबाड़ी को बेच क्यों नहीं देती, तो उन्होंने तुरंत मुझे डांटते हुए रोक दिया। “उसे छूना मत! वह राम का पीनू को उपहार था!”। और फिर एक कहानी सामने आई। पुरानी साइकिल और दो भाइयों की यादगार कहानी, जिनमें से बड़ा, राम, मेरे पिता थे और उनके छोटे भाई, पीनू, मेरे ‘छोटे काका’। वह 1944 की गर्मियां थीं।बंगाल अभी भी महान अकाल की चपेट में था। देश आजादी के संघर्ष और दूसरे विश्व युद्ध के मध्य में था। मेरे दादा जी, बर्दवान के महाराजा की सेवा में एक शल्यचिकित्सक थे और अपने बड़े परिवार की देखभाल करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। जिस बैंक में उनकी जमा राशि थी वह डूब गया और उनके सभी निवेश शेयर बाजार में अटक गए थे। जिंदगी सच में बहुत मुश्किल थी। दादा जी की इकलौती संपत्ति केवल बर्दवान में हमारा घर और मेरी दादी के कुछ गहने थे। सबसे छोटा बेटा था पिनाकी या पीनू, आठ वर्ष का एक छोटा सा खुशमिजाज़ लड़का, जो सबकी आंखों का तारा था।परन्तु पीनू उसके परिवार के द्वारा झेले जा रहे वित्तीय संकट से बेखबर था। एक दोपहर, उसने एक लड़के को हमारे घर वाली सड़क पर एक सुन्दर साइकिल चलाते हुए देखा। पीनू ने उस साइकिल की ज़िद पकड़ ली। उसने साइकिल के न मिलने तक अन्न का एक निवाला भी खाने से इनकार कर दिया। साइकिल खरीदना असंभव था क्योंकि वह 50 रुपये की थी, जो उस समय में, मेरे दादा जी खर्च नहीं कर सकते थे। पीनू ने बहुत आंसू बहाए और किसी भी तरीके से उसे बहलाया नहीं जा सका।दादा जी उसके लिए एक कैरम बोर्ड लाए। दादी ने उसके लिए ‘पायेश’ (चावल की खीर) बनायी। लेकिन पीनू को बहलाया नहीं जा सका। उस शाम परिवार के दूसरे बेटे मेरे पिता राम, कोलकाता से घर वापस आये। वे वहां एक मेडिकल छात्र के रूप में, वह बहुत संघर्ष कर रहे थे। वह कमजोर छात्रों को पढ़ाते और रोगियों की देखभाल करने के लिए स्वयंसेवा करते। वहां एक रोगी था जिसे रोज एक मूत्राशय की थैली धोने की जरूरत थी, मेरे पिता ने वह कार्य स्वीकार किया, केवल कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए। लेकिन शायद उनका सबसे बड़ा बलिदान वह था जब उन्होंने स्वयं को गोपनीय रूप से रक्तदाता के रूप में पंजीकृत करा लिया।जब पैसों की तत्काल जरूरत होती थी, पिताजी गोपनीय रूप से रक्त दान कर देते थे। जब उन्हें पता चला कि उनका छोटा भाई ग़मगीन था क्योंकि मेरे दादा जी उसे वह साइकिल खरीद कर नहीं दे सकते थे, वह चुपचाप कोलकाता किसी जरूरी काम को पूरा करने के बहाने से चले गए। दो दिन बाद, वह वापस आए, एक चमचमाती नई साइकिल के साथ। पड़ोस में रहने वाले अमीर लड़के की साइकिल के जैसी। छोटा पीनू बहुत खुश था। उसने मेरे पिता को गले लगाया और आंगन में साइकिल की घंटी बजाते हुए चलने लगा।मेरे दादा-दादी दोनों मेरे पिता से जानना चाहते थे कि उन्होंने यह लगभग नामुमकिन कार्य कैसे किया। परन्तु वह एकदम चुप थे। केवल मेरी दादी को पता था और वह अपने बेटे की उदारता से दंग रह गयी थी। मेरे पिता ने गोपनीय रूप से रक्तदान किया था, केवल अपने भाई को साइकिल देने के लिए। आज, उनमें से कोई भी हमारे बीच नहीं है। परन्तु वह पुरानी साइकिल है केवल हमें यह याद दिलाने के लिए कि प्यार पूर्ण रूप से नि:स्वार्थ होना और दूसरों को खुश करना है। वह देता है परन्तु बदले में किसी चीज़ की उम्मीद नहीं करता है।.

11129.

Rainbow facts in hindi

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इन्द्रधनुष (RAINBOW) आम तौर पर वर्षा के बाद दिखाई देता है इसे अंग्रेजी में रेनबो (Rainbow) के नाम से भी पुकारा जाता है। आकाश में इन्द्रधनुष का बनना बारिश की बूदों का कमाल होता है बारिश के मौसम में यहीं बूंदे एक प्रिज्म का काम करती हैं एक प्रिज्म में देखने पर सूर्य की किरणें सात COLORS में दिखाई देती हैं रोज़ाना जो हम सूर्य की रोशनी देखते हैं वो सफ़ेद नहीं होती बल्कि वह सात रंगों से मिलकर बनी होती हैं परन्तु बारिश के मौसम में यह हमें सातरंगों में दिखाई देने लगती है ।

Rainbow



मौसम में बारिश की बूंदों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो आसमान में लाइट का प्रतिबिम्ब बन जाता है जो कई रंगों वाले इन्द्रधनुष का रूप ले लेता है। दुसरे शब्दों में समझा जाए जब बारिश की बूंदों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो यह रिफ्लेक्ट यानी के तिरछी हो जाती हैं फिर बूंदों से निकलते समय लाइट रिफ्लेक्ट यानी के प्रतिबिम्ब बनाती है सूर्य की किरणें कई कोणों पर रिफ्लेक्ट हो जाती हैं जिस कारण रेनबो तथा इन्द्रधनुष बनता है। यह मुख्य रूप से गोल आकृति का बना होता है।

इन्द्रधनुष (Rainbow) की बाहरी परत पर हमेशा लाल रंग दिखाई देता है क्योंकि लाल रंग का प्रकाश कम मुड़ता है जबकि सबसे अंदर की परत बैंगनी रंग में होती है क्योंकि इसका प्रकाश सबसे अधिक मुड़ता है। ‘



इन्द्रधनुष से सूरज और वर्षा का मेल होता है इसे भगवान इंद्र का धनुष भी कहा जाता है क्योंकि इंद्र को वर्षा का देवता माना गया है। इन्द्रधनुष को सात रंग का झूला भी कहा जाता है क्योंकि यह सात रंगों से मिलकर बना
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न, नहीं, मत का सही प्रयोग रिक्त स्थानों पर कीजिए −(क) तुम घर ........... जाओ।(ख) मोहन कल ............ आएगा।(ग) उसे ......... जाने क्या हो गया है?(घ) डाँटो .......... प्यार से कहो।(ङ) मैं वहाँ कभी ........... जाऊँगा।(च) ........... वह बोला ......... मैं।

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(क) तुम घर ........... जाओ।
उत्तर : तुम घर मत जाओ।

(ख) मोहन कल ............ आएगा।
उत्तर : मोहन कल नहीं आएगा।

(ग) उसे ......... जाने क्या हो गया है?
उत्तर : उसे जाने क्या हो गया है?

(घ) डाँटो .......... प्यार से कहो।
उत्तर : डाँटो मत प्यार से कहो।

(ङ) मैं वहाँ कभी ........... जाऊँगा।
उत्तर : मैं वहाँ कभी नहीं जाऊँगा।

(च) ........... वह बोला ......... मैं।   
उत्तर : वह बोला मैं।   

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।

11131.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −"आप वासुदेव की पूजा करते हैं इसलिए वसुदेव को तो नहीं पूजते, हीरे का भारी मूल्य देते हैं किन्तु कोयले या पत्थर का नहीं देते और मोती को कठ में बाँधकर फिरते हैं किंतु उसकी मातुश्री को गले में नहीं बाँधते।" कम-से-कम इस विषय पर कवियों के साथ चर्चा न करना ही उत्तम !

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उत्तर :
लेखक जब कवियों को समझाना चाहता है कि कीचड़ का तिरस्कार करना उचित नहीं है तो यह सोचकर कवि उसे कहेंगे कि जो वासुदेव की पूजा करने पर वसुदेव को नहीं पूजा जाता, हीरे के लिए अधिक कीमत देते हैं पर कोयले या पत्थर की अधिक कीमत नहीं देते तथा मोती कंठ में पहनते हैं पर सीपी को तो गले में नहीं बांधते हैं- वह उनसे कीचड़ की उपयोगिता के संबंध में कोई चर्चा न करना ही उचित समझते है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।

11132.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −नदी किनारे अंकित पदचिह्न और सींगों के चिह्नों से मानो महिषकुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा भास होता है।

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उत्तर :
‘नदी किनारे अंकित पदचिह्न और सींगों के चिह्नों से मानो महिषकुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा भास होता है।’

इस पंक्ति का आशय निम्न प्रकार से है :-

नदी के किनारे के सूखे कीचड़ में जब भैंसें अपने सींगों को उस सूखे कीचड़ में धंसाकर आपस में लड़ते होंगे तो  उनके सींगों के टकराने से उस सूखे कीचड़ में जो निशान बनते हैं उनसे ऐसा लगता है मानो भैंसों के परिवार के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास इस कीचड़ पर एक लेख के रूप में लिख दिया गया है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।

11133.

नीचे दी गई संयुक्त क्रियाओं का प्रयोग करते हुए कोई अन्य वाक्य बनाइए −(क) देखते-देखते वहाँ के बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए।....................................................................(ख) कीचड़ देखना हो तो सीधे खंभात पहुँचना चाहिए।.....................................................................(ग) हमारा अन्न कीचड़ में से ही पैदा होता है।.....................................................................

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(क) देखते-देखते वहाँ के बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए।
उत्तर : वाक्य →  मेरे देखते-देखते ही गाड़ी चल पड़ी।

(ख) कीचड़ देखना हो तो सीधे खंभात पहुँचना चाहिए।
उत्तर : वाक्य →  सागर देखना हो तो सीधे कन्याकुमारी पहुंचना चाहिए।

(ग) हमारा अन्न कीचड़ में से ही पैदा होता है।
उत्तर :  वाक्य → कमल कीचड़ में से ही पैदा होता है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।

11134.

निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए −आकर्षक , यथार्थ ,तटस्थता, कलाभिज्ञ, पदचिह्न, अंकित, तृप्ति, सनातन, लुप्त, जाग्रत, घृणास्पद, युक्तिशून्य, वृत्ति

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१.आकर्षक → सूर्यास्त का दृश्य कन्याकुमारी में बहुत आकर्षक होता है।

२. यथार्थ → ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण प्रेमचंद के साहित्य में देखने को मिलता है।

३. तटस्थता → हमें न्याय करते समय तटस्थता की नीति अपनानी चाहिए।

४. कलाभिज्ञ → कलादीर्घा में अनेक कलाभिज्ञ इकट्ठा हुए।

५. पदचिन्ह → हमें महापुरुषों के पदचिन्हों पर चलना चाहिए।

६. अंकित → महात्मा गांधी का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।

७. तृप्ति → गंगा स्नान से मुझे बहुत तृप्ति मिली।

८. सनातन → हमें अपने सनातन परंपराओं का पालन करना चाहिए।

९. लुप्त → मुझे देखते ही देखते सुबह का तारा लुप्त हो गया।

१०. जागृत → स्वपन जागृत अवस्था में देखना उचित नहीं है।

११. घृणास्पद → कूड़े का ढेर रखना ही घृणास्पद है।

१२. युक्ति शून्य → मोहन के सभी कथन युक्तिशून्य थे।

१३. वृत्ति → आलोक विनम्र वृत्ति का लड़का है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।।

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I wana translate the sentence "my favourite subject is science" in sanskrit

Answer»

Not INTRESTED for this QUESTION

11136.

What is happening when you mix

Answer»

It MIXES with ANOTHER SUBSTANCE or THING

11137.

Dialogue between two women about the increasing of price in market

Answer» WOMAN a:oh my god! ahhh...
""""""""" b:what happened?
a:ohhh oo what really.. is this true the rate of the vegetables in the MARKET has increased
b:YE any HUSBAND has informed me but I thought its fake
a:the HALF kg of is ₹9 but now₹16
so what can we do the the rate is increasing nowdays.
b: your right the price is increasing in the market,
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Good essay on there is a wisdom of the head and there is a wisdom of the heart

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दिल और दिमाग भले ही शरीर के दो अलग अलग स्थान पर रहते हो। मगर दिल और दिमाग का विवेक हमारे बहुत काम आता है। दिल और दिमाग एक दूसरे के पूरक हैं। दिल को हम दिमाग से अलग करके कुछ सोच ही नहीं सकते हैं।

दूसरे शब्दों में,दिल न केवल मस्तिष्क के अनुरूप है, बल्कि मस्तिष्क दिल से प्रतिक्रिया देता है। तनावपूर्ण या नकारात्मक भावनाओं के दौरान मस्तिष्क में दिल का इनपुट भी मस्तिष्क की भावनात्मक प्रक्रियाओं पर गहरा असर डालता है-वास्तव में तनाव के भावनात्मक अनुभव को मजबूत करने के लिए सेवा प्रदान करता है दिल।

दिल और दिमाग की जंग में दिमाग ही जीत जाता है।यदि आप मेरे जैसे हैं, तो संभवतः आपको अपने जीवन में निर्णय लेने के लिए सभी प्रकार की सलाह मिल गई है-- " आप अपने दिल को सुनो।"

अपने दिमाग का प्रयोग तर्कसंगत निर्णय लेने में करें। विवादित बयानों के लिए दिमाग की जरूरत होती है। वहां दिल के निर्णय की कोई महत्व नहीं रहती है।

इसके अलावा आपके जीवन से जुड़े किसी भी फैसले के लिए आपको अपने दिल और दिमाग दोनों से निर्णय लेना चाहिए।

याद रखें दिल के निर्णय को दिमाग पर और दिमाग के निर्णय को दिल पर हावी नहीं होने देना है। फैसले ऐसे लिजिए जिससे की आपको कोई तकलीफ़ न हो।

11139.

Demoetization samvad lekhan in hindi

Answer» BEST for you. SAMVAD LEKHAN on DEMONETIZATION
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*Test ur brain* ☔ + ++ t + VALAयह एक लड़की का पूरा नाम है

Answer» BASANTI CHANDRAKANT Malpani
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Paropkar ki nibhand on 8 point

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परोपकार शब्द का अर्थ है दूसरों का उपकार यानि औरों के हित में किया गया कार्य. हमारी ज़िंदगी में परोपकार का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है. यहाँ तक कि प्रकृति भी हमें परोपकार करने के हजारों उदाहरण देती है जैसा कि इस दोहे में भी बताया गया है कि :-
“वृक्ष कभू नहीं फल भखे, नदी न संचय नीर,
परमारथ के कारने, साधुन धरा शरीर”
वृक्ष अपने फल स्वयं कभी नहीं खाते, नदियां अपना जल स्वयं कभी नहीं इकठ्ठा करती, इसी प्रकार सज्जन पुरुष परमार्थ के कामों यानि परोपकार के लिए ही जन्म लेते हैं.

हमें भी प्रकृति से प्रेरणा लेकर ऐसे कार्य करने चाहिए जिनसे किसी और का भला हो. अपने लिए तो सभी जीते हैं किन्तु वह जीवन जो औरों की सहायता में बीते, सार्थक जीवन है.

उदाहरण के लिए किसान हमारे लिए अन्न उपजाते हैं, सैनिक प्राणों की बाजी लगा कर देश की रक्षा करते हैं. परोपकार किये बिना जीना निरर्थक है. स्वामी विवेकानद, स्वामी दयानन्द, गांधी जी, रविन्द्र नाथ टैगोर जैसे महान पुरुषों का जीवन परोपकार की एक जीती जागती मिसाल है. ये महापुरुष आज भी वंदनीय हैं.

तुलसीदास जी ने कहा है कि :-
“परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई”

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Budhi kaki summary in hindi plz 200 words

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बूढ़ी काकीबुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है। बूढ़ी काकी में जिह्वा-स्वाद के सिवा और कोई चेष्टा शेष न थी और न अपने कष्टों की ओर आकर्षित करने का, रोने के अतिरिक्त कोई दूसरा सहारा ही। समस्त इन्द्रियाँ, नेत्र, हाथ और पैर जवाब दे चुके थे। पृथ्वी पर पड़ी रहतीं और घर वाले कोई बात उनकी इच्छा के प्रतिकूल करते, भोजन का समय टल जाता या उसका परिणाम पूर्ण न होता अथवा बाज़ार से कोई वस्तु आती और न मिलती तो ये रोने लगती थीं। उनका रोना-सिसकना साधारण रोना न था, वे गला फाड़-फाड़कर रोती थीं।
उनके पतिदेव को स्वर्ग सिधारे कालांतर हो चुका था। बेटे तरुण हो-होकर चल बसे थे। अब एक भतीजे के अलावा और कोई न था। उसी भतीजे के नाम उन्होंने अपनी सारी सम्पत्ति लिख दी। भतीजे ने सारी सम्पत्ति लिखाते समय ख़ूब लम्बे-चौड़े वादे किए, किन्तु वे सब वादे केवल कुली-डिपो के दलालों के दिखाए हुए सब्ज़बाग थे। यद्यपि उस सम्पत्ति की वार्षिक आय डेढ़-दो सौ रुपए से कम न थी तथापि बूढ़ी काकी को पेट भर भोजन भी कठिनाई से मिलता था। इसमें उनके भतीजे पंडित बुद्धिराम का अपराध था अथवा उनकी अर्धांगिनी श्रीमती रूपा का, इसका निर्णय करना सहज नहीं। बुद्धिराम स्वभाव के सज्जन थे, किंतु उसी समय तक जब कि उनके कोष पर आँच न आए। रूपा स्वभाव से तीव्र थी सही, पर ईश्वर से डरती थी। अतएव बूढ़ी काकी को उसकी तीव्रता उतनी न खलती थी जितनी बुद्धिराम की भलमनसाहत।

Hope it's HELP you.

PLEASE MARK IT BRAINLIEST :(

11143.

Mere jeevan ki abhilasha me police banna hai in very short essay

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Mere Jeevan Ki Abhilasha Mein police Bana Hai Main Bade HOKE police Banna CHAHTA Hoon sab ki help karti hai police KO Sab respect aur apne Se BADA samajhte Hain bade Hoga ek bada police officer Banna Chahta Hoon Jo sab ki help kare

11144.

FIFA world cup 2018 kis ne jita

Answer»

France won the Fifa WORLD cup 2018 in RUSSIA
the stadium NAME is Nizhiny NOVGOROD Stadium

11145.

Ek nadi ka name Ek ladki ka name Ek hiroen ka name Ek Film ka film ka name

Answer»

I THINK the ANSWER is GANGA .

11146.

*Test ur brain* ☔ + ++ t + VALA यह एक लड़की का पूरा नाम है दीमाग हो तो उत्तर दो,अगर उत्तर दिया तो *u r genius* 1 दिन का टाइम है !

Answer» BARKHA sukhla is the NAME of a GIRL
11147.

Question: Tn = "Movie" ka Naam ??? plz ans me

Answer» PLEASE MAKE the QUESTION CLEAR....
11148.

++3+++ ="फिल्म " का नाम?

Answer»

I THINK its 3 IDIOTS.

11149.

निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए −1. जलाशय 2.सिंधु 3.पंकज 4.पृथ्वी 5.आकाश

Answer»

उत्तर :
१. जलाशय → सरोवर , तालाब , तड़ाग

२. सिंधु →  सागर , जलधि ,  रत्नाकर

३. पंकज →  कमल , सरोज , जलज

४. पृथ्वी →  धरा , वसुधा , भूमि

५. आकाश →  नभ , गगन , अंबर

** •समानार्थक शब्द : समान अर्थ रखने वाले शब्द समानार्थक शब्द कहलाते हैं।

किसी शब्द विशेष के लिए प्रयोग किए जाने वाले समानार्थक शब्दों को पर्यायवाची कहते हैं। पर्यायवाची शब्दों के ज्ञान से हम अपनी बात को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर पाने में समर्थ होते हैं।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।

11150.

Write 5 lines on how to make the earth look beautiful in hindi

Answer»

(1)Keep the earth clean.
(2)Make the earth green.
(3)Use eco-friendly products.
(4)Reduce Pollution level.
(5)PRESERVE FOSSIL Fuels for the future.