InterviewSolution
This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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Poem of gopal das neraj |
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Answer» प्राण-गीत गोपालदास नीरज |
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Mandakini name flower |
| Answer» HEY there!! | |
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Autobiography of person surrfed from earthquake |
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Answer» When the September earthquake hit I woke up but I didn’t know what was going on.I thought that it was my sister being silly and shaking my bunks but then I heard my mirror smash and I knew it wasn’t my sister.After that I had been thinking it was a robber.You can’t blame me for thinking that because I was only six years old. |
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Vidyalaya me vruksha ropan utsav ka aayojan 14 Mai ko kiya gaya hai jisme sabhi chatro ko do do paudhe ko Lagane kaha is par prativedan tayar Karna hai |
| Answer» MEANS U have to PLANT TREES | |
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Samvad lekhan on unemployment |
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Answer» Aaj ke SAMAY mei jyaadatrr LOG berozgaar ke SHIKAAR hai. Pde likhe hone ke kaarn v unko kaam nhi mill rha jiske kaarn k weh burii sangatt mei pdd rhe hai, Jo k hmare desh ke LIYE HI nuksaan daykk hai. hmaari sarkaar ko iss mudde prr sakhtt kadm uthane hoge tbhi kuj n kuj hll ho ga |
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Tow mothers tow daughters wen out to eat everyone ate one burger yet only three burgers wear Eaten in all???? |
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Answer» A WOMEN, her DAUGHTER and his daughter's daughter was there. |
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What is the meaning of nationalisation |
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Answer» Nationalisation” is DEFINED as “GOVERNMENT TAKING control over assets and over a corporation, usually by acquiring the majority or the WHOLE stake in the corporation”. ... Nationalization is an act of taking an INDUSTRY or assets into the public ownership of a national government. |
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Bujurgon ki vartman stithi |
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Answer» HEY USER आज बुजुर्ग की समस्या अकल्पनीय है. वृद्धावस्था अभिशाप सदृश होती जा रही है. उनका जीवनयापन बहुत ही कठिन होता जा रहा है. कोई चलने में असमर्थ तो कोई अपाहिज सदृश बेड को ही अपनी नियति मानकर जीवन निर्वाह कर रहे हैं. यदि वे उच्च वर्गीय हैं तो उनकी संतान ने नर्स या अटेंडेंट की व्यवस्था कर दिया है. उन लोगों का जीवन भौतिक सुख- सुविधा से परिपूर्ण हो , फिर भी समय किस तरह व्यतीत करें इसकी समस्या उन्हें आहत करती है. आँखें साथ नहीं देती जिसके कारण वे पढ़ नहीं पाते, दूरदर्शन पर कार्यक्रम भी देखना कठिन होता है. आखिर करें तो करें क्या ? जिन बच्चों के लालन-पालन में उनका सारा जीवन व्यतीत हो गया वे बच्चे अपने परिवार में ही व्यस्त हैं. कोई विदेश में तो कोई अपने देश में ही व्यस्त हैं. कुछ मज़बूरीवश लाचार हैं तो कुछ माता-पिता के कर्त्तव्य से विमुख. बेचारे बुजुर्गों का शेष जीवन अधीरता या व्याकुलता से प्रतीक्षारत घर के दहलीज़ पर टक-टकी बाँधे रहतें हैं कि कोई तो आये जिससे दो बातें कर लें. समस्या यह है लोग इन बुजुर्गों के पास बैठना या बातें करना समय की र्बादी समझते हैं . उन्हें यह समझ नहीं आती की जीवन जीने की कला, कितनी महत्वपूर्ण बातें जो बुजुर्गों से सीखी जा सकती है, वे उन से वंचित रह जाते हैं. समाज का रूप ही परिवर्तित हो रहा है. दादी-नानी की कथा लुप्तप्राय हो गई है क्योंकि नर्सरी से जो बोझ बच्चों पर डाल दी जाती है,बच्चे उसमें दब से गए हैं. उन्हें वक्त कहाँ कि दादी-नानी की कथा या सीख सुने. मुझे याद है मेरे पड़ोस में एक अम्माजी रहा करती थी . उनके घर में अपार वैभव था . उमका बेटा- बहू उसी शहर में अलग घर में रहते थे. शाम को बेटा अपनी माँ का हाल लेने आता था मात्र दस-पंद्रह मिनट के लिए. अम्माजी का ध्यान द्वार पर ही केंद्रित रहता था अपने बेटे की प्रतीक्षा में. व्याकुल रहती थी किसी से मन की बात करने केलिए. और बुजुर्गों से तो उनकी स्थिति बेहतर ही थी. मध्यमवर्गीय बुजुर्गों की स्थिति और भी दयनीय है. यहाँ भी समयाभाव. आज के आपाधापी युग में उनकी संताने संघर्ष कर रहीं हैं. अपने को उच्च वर्ग में लाने केलिए. अपने माता-पिता के लिए उनके पास भी समय नहीं है. बस वे आगामी भविष्य के लिए अर्थात वे अपनी संतानों कि परवरिश में ही समय व्यतीत कर रहें हैं. अपने बहुमूल्य समय में माता-पिता केलिए समय देना तो नादानी ही हुआ न?! अब उनकी क्या उपयोगिता?! उनसे क्या लाभ जो अपने समय का दुरूपयोग करेगा ! बेचारे बुजुर्ग उपेक्षित जीवन जी रहे हैं. पड़ोस की दया पर निर्भर रहते हैं. उनकी बिडम्बना यह है कि न तो वे अपनी स्थिति के विषय में कुछ कह सकते हैं, अपने बच्चों की कमी को अनदेखी तो कर सकते हैं. लेकिन किसी को कुछ कह नहीं सकते हैं. समाज में अपनी संतानों कि छवि को कम नहीं करना चाहते फलतः घुट-घुट कर जी रहे हैं. मध्यमवर्ग की सबसे अधिक बिडम्बना है दिखावा. चाहे वे उच्च माध्यमवर्गीय हों या निम्न मध्यमवर्गीय. झूठी शान के लिए वे अपना जीवन उत्सर्ग कर रहें हैं. या तो युवा हों या बुजुर्ग समाज में सबसे दयनीय स्थिति इन्ही वर्गों की हैं. वे सांस तो ले रहे हैं लेकिन स्वच्छ हवा में नहीं. संघर्षमय जीवन ही इस वर्ग की पहचान है. बुजुर्ग की स्थिति अत्यंत ही दारुण है. सरकार ने वृद्धाश्रम जगह-जगह खोल तो रखा है लेकिन पर्याप्त नहीं है. इस वर्ग के वृद्ध आश्रम में जाना भी नहीं चाहते क्योंकि इनके बच्चों की बदनामी न हो. आर्थिक दृष्टि से कमजोर या निम्न वर्ग के मनुष्य का जीवन ही आभाव से आरम्भ होकर अंत भी तड़प-तड़प कर समाप्त हो जाता है. इनके बच्चे स्वयं ही मजदूरी या किसी तरह जीवन यापन करते हैं. इस वर्ग के वृद्धों की न तो अपेक्षा है न इच्छा. कष्टमय जीवन व्यतीत करना ही इनका भाग्य है. वृद्धजन कम से कम आँखों के सामने अपने बच्चों को देखते तो हैं. आधी पेट खा कर खाट पर लेट कर बच्चों की राह ताकना प्रातःकाल से रात्रि तक प्रतीक्षा में ही व्यतीत हो जाता है. लेकिन बच्चों के दुःख तथा स्वयं की असमर्थता में तिल-तिल कर मरते रहते हैं. आशय यह है कि कोई भी वर्ग हो अधिकांश वृद्ध की स्थिति चिंतनीय ही है. इसके जिम्मेदार कहीं न कहीं एकल परिवार भी है. आज प्राथमिकताएं बदल रही है. मानव माता-पिता के कर्त्तव्य से विमुख हो रहा है. आवश्यकताएं सीमाहीन हो गयी हैं, आकाश की तरह अनंत हो गयी है. जिसमें जन्मदाता माता-पिता कि उपस्थिति व्यर्थ है. मैं सुधीजनों से क्षमा-प्रार्थी हूँ क्योंकि कुछ मानव तो ऐसे निर्दयी , नृशंस नहीं हैं जो स्वयं के माता-पिता को बोझ समझें. मैं समाज के अधिकांश लोगों की बात कर रही हूँ सब की नहीं. प्रत्येक मानव की प्राथमिकता सर्वप्रथम अपने माता-पिता की देख -भाल, सम्मान होनी चाहिए. उन्हें आहत या अनदेखी नहीं करनी चाहिए. यदि वे संतुष्ट रहेंगे तो उनके आशीर्वाद से ही हमारा आगत भविष्य सुखमय हो जायेगा. अतः आज से हम सभी प्रण लें कि माता-पिता या किसी भी वृद्धों का दिल नहीं दुखायेंगे उन्हें उचित सम्मान देंगे. हरेक मानव का जन्म ही एक न एक दिन बुजुर्ग होने केलिए हुआ है. किसी पर आश्रित होना ही है. अतः यह एहसास नहीं होने देना है कि वे वृद्ध हो गए हैं वल्कि उनके मनोबल को ऊँचा उठाना है. मेरी राय तो यह है कि जहाँ 'बुजुर्ग पूजित होते हैं वहाँ देवता का निवास होता है. यही मेरा इस नव वर्ष पर प्रतिज्ञा है. और सभी से इस प्रतिज्ञा का पालन करने का अनुरोध है. अपने समाज में सभी आदरणीय बुजुर्गों का सम्मान करने संकल्प लेता हूँ। आसा हे यह आपकी मदद करेगा । |
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Short summery nilakantha |
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Answer» Kelallur Nilakantha Somayaji (also referred to as Kelallur Comatiri;[1] 14 June 1444 – 1544) was a major mathematician and astronomerof the Kerala school of astronomy and mathematics in India. One of his most influential works was the comprehensive astronomical treatise Tantrasamgrahacompleted in 1501. He had also composed an elaborate commentary on Aryabhatiya called the Aryabhatiya Bhasya. In this Bhasya, Nilakantha had discussed infinite seriesexpansions of trigonometric functions and problems of algebra and spherical geometry. Grahapareeksakrama is a manual on making observations in astronomy based on instruments of the time. |
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A big essay on vano ka mahatva in hindi |
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Answer» van jaise ki sab jante hai ki vano ke vajah se hamere desh me prad ushan nahi hota .sab log desh ke vano ko KAT KAR nayi nayi building BANA rahe hai.humme har mahine me ek JAAD lagana chahiye .kyuki pedo ki vajah se hamme saas lene me asani hoti hai. AGAR van na rahe to hamare desh me bohot jyada pradushan ho jayega .aur humme saas lene me takleef hogi. |
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ाप किन किन जगहों में जल का ुपयोग करते हैं? |
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Answer» RIVER, WELL , PONDS, WATERFALLS ETC |
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Nibandh on parvat ki sundarta . |
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Answer» तिब्बत में, पहाड़ों को अक्सर देवताओं के आदमियों के रूप में माना जाता है उदाहरण के लिए, पूर्वोत्तर तिब्बत में एक पहाड़ के अम्नी मैकन, को माइकन पोमरा के घर के रूप में माना जाता है, जो मेरे घर प्रांत अम्दो के सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। क्योंकि आदम के सभी लोग महेन पोमरा को अपने विशेष दोस्त मानते हैं, कई टीम तीर्थ यात्रा पर पर्वत के पैर के चारों ओर चले जाते हैं। तिब्बतियों ने आम तौर पर उनके चारों ओर की चोटियों को स्केल करने में बहुत दिलचस्पी दिखाई है, संभवत: उन्हें अध्यक्षता करने वाले देवताओं की ओर से सम्मान नहीं किया जाता है। हालांकि, मुझे लगता है कि एक और व्यावहारिक कारण है। अधिकांश तिब्बतियों को बहुत अधिक पहाड़ की ओर चढ़ने के लिए किसी भी इच्छा की तुलना में अधिक चढ़ना चाहते हैं। जब ल्हासा के लोग कभी-कभी खुशी के लिए चढ़ते थे, उन्होंने एक उचित आकार की पहाड़ियों को चुना, और ऊपर पहुंचने पर धूप जलाया; प्रार्थना करो और एक पिकनिक के साथ आराम करो तिब्बत के यात्री परंपरागत रूप से पहाड़ियों के शीर्ष पर केर्न्स को एक पत्थर जोड़ते हैं या "लाह-गयल-आईओ-देवताओं के विजय" के चिल्लाने के साथ गुजरते हैं। बाद में, 'मनी पत्थरों', प्रार्थना झंडे के साथ प्रार्थना और अन्य ग्रंथों के साथ खुदाई के पत्थर जोड़ सकते हैं पर्यावरण के लिए इस परंपरागत सीस का एक व्यावहारिक दृष्टिकोण 1 ए की रक्षा करना एक गहरी बैठती चिंता है। केवल गर्लफ्रेंड्स, जंगली जानवरों, और गर्मियों में, खानाबदोश और उनके झुंड वास्तव में उनके बीच उच्च रहते हैं, लेकिन सादगी और हमारे पहाड़ों की चुप में, दुनिया के ज्यादातर शहरों की तुलना में मन की शांति अधिक है। चूंकि बौद्ध धर्म की प्रकृति अंतर्निहित अस्तित्व के खाली होने के रूप में घटना को देखने के लिए शामिल है, इसलिए मध्यस्थ के लिए एक पर्वत से दिखाई जाने वाली विशाल, खाली जगह की जांच करने में सहायक होता है। प्राकृतिक खजाने के इन दुकानों में, हमारे डॉक्टरों ने कई अनमोल जड़ी-बूटियों और पौधों को पाया जिसमें से वे अपनी दवाओं को बढ़ाते थे, जबकि पिंजरों ने अपने पशुओं के लिए अमीर चरागाह पाया, तिब्बती अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण। लेकिन यहां तक कि व्यापक प्रभाव से, हिमपात के पहाड़ों की भूमि चाप; एशिया के कई महान नदियों के स्रोत हाल ही में भारतीय उपमहाद्वीप और चीन में बड़े पैमाने पर बाढ़ को बड़े पैमाने पर वनों की कटाई और पर्यावरणीय विनाश के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसने चीन के तिब्बत के हिंसक कब्जे का पालन किया है। 1,000 से अधिक वर्षों तक हम तिब्बतियों ने आध्यात्मिक और पर्यावरणीय मूल्यों का पालन किया है ताकि हम जिस उच्च पठार पर रहते हैं, उसके जीवन के नाजुक संतुलन बनाए रख सकें। बुद्ध के अहिंसा और करुणा के संदेश से प्रेरित होकर और हमारे पहाड़ों द्वारा संरक्षित, हमने हर तरह के जीवन का सम्मान करने की मांग की है, जबकि हमारे पड़ोसी अबाधित नहीं थे। इन दिनों जब हम पर्यावरण के संरक्षण के बारे में बात करते हैं, चाहे हम वन्यजीव, जंगलों, महासागर, नदियों या पहाड़ों का मतलब करते हैं, अंततः कार्य करने का निर्णय हमारे दिल से आना चाहिए। इसलिए, मुझे लगता है कि, हम सभी के लिए सार्वभौमिक जिम्मेदारी का असली अर्थ विकसित करने के लिए है, न केवल इस सुंदर नीले ग्रह की ओर जो हमारे घर है, बल्कि असंख्य संवेदनशील प्राणियों के प्रति 'जिसे हम इसे साझा करते हैं। |
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My favourite subject is science translate in sanskrit |
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Answer» MERA PRIYA vishai vigyaan hai it is in HIDI but I DONT know SANSKRIT |
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10 days diary entry in hindi on winter holidays |
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Answer» Uxififjdidjdjdidjdkdidjdjdidjd |
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Fever application sanskrit |
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Answer» महोदय ! |
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I want some Chitra varnan in Sanskrit with picture |
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Answer» A)1) sa CHAST,kaksham asthi |
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एक विवेक दिमाग का होता है और एक विवेक दिल का होता है। , Please write this easy in 600 words and in hindi , No SPAMMING, useless answers will be reported, best answer will be marked as brainliest. |
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Answer» दिल और दिमाग भले ही शरीर के दो अलग अलग स्थान पर रहते हो। मगर दिल और दिमाग का विवेक हमारे बहुत काम आता है। दिल और दिमाग एक दूसरे के पूरक हैं। दिल को हम दिमाग से अलग करके कुछ सोच ही नहीं सकते हैं। |
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Paragraph on "Van Sanrakdhan"In Hindi. Also in Hindi words.Best answer will be marked as brainliest answer.No spamming |
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Answer» HI! P1 वन कई जीवों का घर है। यह प्रकृति द्वारा प्रदान किया गया एक बहुमूल्य संसाधन है। वनों में रहने वाले जीव एक दूसरे पर परस्पर निर्भर हैं। जंगलों में जीवन हवा, पानी और सूरज की रोशनी जैसे कारकों से शासित होता है। अधिकांश जंगलों में पौधों की विविधता उपलब्ध है: क्षेत्र के जलवायु के आधार पर जड़ी बूटी, झाड़ी और पेड़। पौधे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया से अपना खाना बनाते हैं और जानवर पौधों और अन्य जानवरों पर अपने भोजन के लिए निर्भर करते हैं। कभी-कभी पौधे भी परागण और बीज फैलाव जैसी प्रक्रियाओं के लिए जानवरों पर निर्भर करते हैं। दुनिया भर के बड़े क्षेत्रों में फैले कई जंगलों हैं। वन को वर्गीकृत किया जा सकता है: उष्णकटिबंधीय, सदाबहार, आंशिक सदाबहार, पर्णपाती और सूखे जंगलों की जलवायु स्थितियों और पेड़ के प्रकारों के आधार पर। वनों में भी झीलों, तालाबों, मिट्टी, चट्टानों आदि जैसे गैर-जीवित घटकों का समावेश होता है। वन को एक पारिस्थितिक तंत्र बनाने वाले क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया जाता है। P2 आदरणीय सभापति महोदय, माननीय अध्यापकगण तथा मित्रो। हर वर्ष वन महोत्सव मनाया जाता है। लाखों की संख्या में वृक्षारोपण होता है। ऐसा क्यों होता है ? यह एक प्रश्न है। वनों से अनेक लाभ हैं। आज मैं इस विषय पर कुछ बोलूगा। आशा है कि आप मेरे इन विचारों से सहमत होंगे। पेड़ हमें शुद्ध वायु प्रदान करते हैं। आजकल जबकि कलकारखानों का बोलबाला है, पेड़ों की अत्यन्त आवश्यकता है। ये वातावरण को शुद्ध रखते हैं। इनकी हरियाली आँखों को रोशनी एवं सुख प्रदान करती है। पेड़ वर्षा के लाने में भी सहायक हैं। ये तापमान को भी बढ़ने से रोकते हैं। पेड़ों के कारण ही बाढ़े रुक जाती हैं। पेड़ों से वातावरण सुखद बना रहता है। पेड़ चाहे वनों में हों या बागों में, हमें फूल और फल प्रदान करते हैं। इससे लकड़ी प्राप्त होती है। लकड़ी से फर्नीचर और दूसरी चीजें बनती हैं। जलाने वाली लकड़ी भी ‘वनों से प्राप्त होती है। जंगल में जड़ी-बूटियाँ आदि भी पाई जाती हैं। पशुओं को चारा मिलता है और पक्षियों को सहारा मिलता है। लोग लाखों रुपयों का व्यापार करते हैं। यदि पेड़ न होते तो हम भूखे मर गये होते। वातावरण दूषित हो जाता। अधिक पेड़ लगाकर जंगल को बचाया जाना चाहिए और हमें पेड़ों के काटने को रोकना चाहिए। वन्य जीव भी देखने को न मिलते। बाढ़े आ जाती। त्राहि-त्राहि मच जाती। हरियाली न होती। लाखों रुपयों का व्यापार न होता। बड़े-बड़े भवन और सुन्दर महल देखने को न मिलते। जलाने के लिये लकड़ी न मिलती। दवाइयाँ प्राप्त न होने से कई लोग प्रतिदिन मरते। अन्त में मैं यही कहूँगा कि वनों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। वन हमारी जान हैं। अतः हमें अधिक पेड़ लगाने चाहिएँ और पेड़ों तथा पौधों की रक्षा करनी चाहिए। @ HORA :D |
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5 lines on school in Sanskrit and translate in Hindi |
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Answer» अयं अस्माकं विद्यालयः अस्ति। अस्य भवनानि भव्यानि श्वेतवर्णानि च सन्ति। अस्य प्रधानाध्यापकः बहुज्ञः व्यवहार कुशलः छात्रप्रियः च अस्ति। अत्र विंशति अध्यापकाः सन्ति। एते सर्वे सुयोग्याः सन्ति। अत्र बहवः छात्राः सन्ति। छात्राः अनुशासन प्रियाः सन्ति। विद्यालयस्य क्रीडाप्रांगणम् सुविस्तृतम् हरितदूर्वाछन्नम् च अस्ति। सायंकाले तत्र छात्राः क्रीडन्ति। अयं विद्यालयः अस्माकं गौरवास्पदम् अस्ति। अत्र प्रत्यब्दमं समरोहाः भवन्ति। देशस्य विशिष्टाः विद्वांसः नेतारःविविधकलाकुशलाश्च आगच्छन्ति। अत्र छात्राणाम शारीरिक मानसिक - बौद्धिकाध्यात्मिक योग्यताविकासाय अहनिर्शं प्रयतते |
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When a Roman general is betrayed and his family murdered by the son of a corrupt Roman emperor, he comes to Rome as gladiator to seek revenge .Tell the film name . |
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Answer» I HOPE it helps u DEAR. |
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Essay on mera pyara gift in hindi |
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Answer» मैं अक्सर सोचता था कि मेरी दादी को बर्दवान स्थित हमारे पैतृक घर में रखी एक जंग लगी, पुरानी और टूटी-फूटी साइकिल से इतना लगाव क्यों था। जब मैंने उनसे पूछा कि वह उस ‘पुरानी वस्तु’ को किसी कबाड़ी को बेच क्यों नहीं देती, तो उन्होंने तुरंत मुझे डांटते हुए रोक दिया। “उसे छूना मत! वह राम का पीनू को उपहार था!”। और फिर एक कहानी सामने आई। पुरानी साइकिल और दो भाइयों की यादगार कहानी, जिनमें से बड़ा, राम, मेरे पिता थे और उनके छोटे भाई, पीनू, मेरे ‘छोटे काका’। वह 1944 की गर्मियां थीं।बंगाल अभी भी महान अकाल की चपेट में था। देश आजादी के संघर्ष और दूसरे विश्व युद्ध के मध्य में था। मेरे दादा जी, बर्दवान के महाराजा की सेवा में एक शल्यचिकित्सक थे और अपने बड़े परिवार की देखभाल करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। जिस बैंक में उनकी जमा राशि थी वह डूब गया और उनके सभी निवेश शेयर बाजार में अटक गए थे। जिंदगी सच में बहुत मुश्किल थी। दादा जी की इकलौती संपत्ति केवल बर्दवान में हमारा घर और मेरी दादी के कुछ गहने थे। सबसे छोटा बेटा था पिनाकी या पीनू, आठ वर्ष का एक छोटा सा खुशमिजाज़ लड़का, जो सबकी आंखों का तारा था।परन्तु पीनू उसके परिवार के द्वारा झेले जा रहे वित्तीय संकट से बेखबर था। एक दोपहर, उसने एक लड़के को हमारे घर वाली सड़क पर एक सुन्दर साइकिल चलाते हुए देखा। पीनू ने उस साइकिल की ज़िद पकड़ ली। उसने साइकिल के न मिलने तक अन्न का एक निवाला भी खाने से इनकार कर दिया। साइकिल खरीदना असंभव था क्योंकि वह 50 रुपये की थी, जो उस समय में, मेरे दादा जी खर्च नहीं कर सकते थे। पीनू ने बहुत आंसू बहाए और किसी भी तरीके से उसे बहलाया नहीं जा सका।दादा जी उसके लिए एक कैरम बोर्ड लाए। दादी ने उसके लिए ‘पायेश’ (चावल की खीर) बनायी। लेकिन पीनू को बहलाया नहीं जा सका। उस शाम परिवार के दूसरे बेटे मेरे पिता राम, कोलकाता से घर वापस आये। वे वहां एक मेडिकल छात्र के रूप में, वह बहुत संघर्ष कर रहे थे। वह कमजोर छात्रों को पढ़ाते और रोगियों की देखभाल करने के लिए स्वयंसेवा करते। वहां एक रोगी था जिसे रोज एक मूत्राशय की थैली धोने की जरूरत थी, मेरे पिता ने वह कार्य स्वीकार किया, केवल कुछ अतिरिक्त पैसे कमाने के लिए। लेकिन शायद उनका सबसे बड़ा बलिदान वह था जब उन्होंने स्वयं को गोपनीय रूप से रक्तदाता के रूप में पंजीकृत करा लिया।जब पैसों की तत्काल जरूरत होती थी, पिताजी गोपनीय रूप से रक्त दान कर देते थे। जब उन्हें पता चला कि उनका छोटा भाई ग़मगीन था क्योंकि मेरे दादा जी उसे वह साइकिल खरीद कर नहीं दे सकते थे, वह चुपचाप कोलकाता किसी जरूरी काम को पूरा करने के बहाने से चले गए। दो दिन बाद, वह वापस आए, एक चमचमाती नई साइकिल के साथ। पड़ोस में रहने वाले अमीर लड़के की साइकिल के जैसी। छोटा पीनू बहुत खुश था। उसने मेरे पिता को गले लगाया और आंगन में साइकिल की घंटी बजाते हुए चलने लगा।मेरे दादा-दादी दोनों मेरे पिता से जानना चाहते थे कि उन्होंने यह लगभग नामुमकिन कार्य कैसे किया। परन्तु वह एकदम चुप थे। केवल मेरी दादी को पता था और वह अपने बेटे की उदारता से दंग रह गयी थी। मेरे पिता ने गोपनीय रूप से रक्तदान किया था, केवल अपने भाई को साइकिल देने के लिए। आज, उनमें से कोई भी हमारे बीच नहीं है। परन्तु वह पुरानी साइकिल है केवल हमें यह याद दिलाने के लिए कि प्यार पूर्ण रूप से नि:स्वार्थ होना और दूसरों को खुश करना है। वह देता है परन्तु बदले में किसी चीज़ की उम्मीद नहीं करता है।. |
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Rainbow facts in hindi |
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Answer» इन्द्रधनुष (RAINBOW) आम तौर पर वर्षा के बाद दिखाई देता है इसे अंग्रेजी में रेनबो (Rainbow) के नाम से भी पुकारा जाता है। आकाश में इन्द्रधनुष का बनना बारिश की बूदों का कमाल होता है बारिश के मौसम में यहीं बूंदे एक प्रिज्म का काम करती हैं एक प्रिज्म में देखने पर सूर्य की किरणें सात COLORS में दिखाई देती हैं रोज़ाना जो हम सूर्य की रोशनी देखते हैं वो सफ़ेद नहीं होती बल्कि वह सात रंगों से मिलकर बनी होती हैं परन्तु बारिश के मौसम में यह हमें सातरंगों में दिखाई देने लगती है । Rainbow मौसम में बारिश की बूंदों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो आसमान में लाइट का प्रतिबिम्ब बन जाता है जो कई रंगों वाले इन्द्रधनुष का रूप ले लेता है। दुसरे शब्दों में समझा जाए जब बारिश की बूंदों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो यह रिफ्लेक्ट यानी के तिरछी हो जाती हैं फिर बूंदों से निकलते समय लाइट रिफ्लेक्ट यानी के प्रतिबिम्ब बनाती है सूर्य की किरणें कई कोणों पर रिफ्लेक्ट हो जाती हैं जिस कारण रेनबो तथा इन्द्रधनुष बनता है। यह मुख्य रूप से गोल आकृति का बना होता है। इन्द्रधनुष (Rainbow) की बाहरी परत पर हमेशा लाल रंग दिखाई देता है क्योंकि लाल रंग का प्रकाश कम मुड़ता है जबकि सबसे अंदर की परत बैंगनी रंग में होती है क्योंकि इसका प्रकाश सबसे अधिक मुड़ता है। ‘ इन्द्रधनुष से सूरज और वर्षा का मेल होता है इसे भगवान इंद्र का धनुष भी कहा जाता है क्योंकि इंद्र को वर्षा का देवता माना गया है। इन्द्रधनुष को सात रंग का झूला भी कहा जाता है क्योंकि यह सात रंगों से मिलकर बना |
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न, नहीं, मत का सही प्रयोग रिक्त स्थानों पर कीजिए −(क) तुम घर ........... जाओ।(ख) मोहन कल ............ आएगा।(ग) उसे ......... जाने क्या हो गया है?(घ) डाँटो .......... प्यार से कहो।(ङ) मैं वहाँ कभी ........... जाऊँगा।(च) ........... वह बोला ......... मैं। |
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Answer» (क) तुम घर ........... जाओ। |
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निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −"आप वासुदेव की पूजा करते हैं इसलिए वसुदेव को तो नहीं पूजते, हीरे का भारी मूल्य देते हैं किन्तु कोयले या पत्थर का नहीं देते और मोती को कठ में बाँधकर फिरते हैं किंतु उसकी मातुश्री को गले में नहीं बाँधते।" कम-से-कम इस विषय पर कवियों के साथ चर्चा न करना ही उत्तम ! |
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Answer» उत्तर : |
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निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −नदी किनारे अंकित पदचिह्न और सींगों के चिह्नों से मानो महिषकुल के भारतीय युद्ध का पूरा इतिहास ही इस कर्दम लेख में लिखा हो ऐसा भास होता है। |
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Answer» उत्तर : |
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नीचे दी गई संयुक्त क्रियाओं का प्रयोग करते हुए कोई अन्य वाक्य बनाइए −(क) देखते-देखते वहाँ के बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए।....................................................................(ख) कीचड़ देखना हो तो सीधे खंभात पहुँचना चाहिए।.....................................................................(ग) हमारा अन्न कीचड़ में से ही पैदा होता है।..................................................................... |
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Answer» (क) देखते-देखते वहाँ के बादल श्वेत पूनी जैसे हो गए। |
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निम्नलिखित शब्दों की बनावट को ध्यान से देखिए और इनका पाठ भिन्न किसी नए प्रसंग में वाक्य प्रयोग कीजिए −आकर्षक , यथार्थ ,तटस्थता, कलाभिज्ञ, पदचिह्न, अंकित, तृप्ति, सनातन, लुप्त, जाग्रत, घृणास्पद, युक्तिशून्य, वृत्ति |
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Answer» १.आकर्षक → सूर्यास्त का दृश्य कन्याकुमारी में बहुत आकर्षक होता है। |
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I wana translate the sentence "my favourite subject is science" in sanskrit |
| Answer» | |
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Dialogue between two women about the increasing of price in market |
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Answer» WOMAN a:oh my god! ahhh... """"""""" b:what happened? a:ohhh oo what really.. is this true the rate of the vegetables in the MARKET has increased b:YE any HUSBAND has informed me but I thought its fake a:the HALF kg of is ₹9 but now₹16 so what can we do the the rate is increasing nowdays. b: your right the price is increasing in the market, |
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Good essay on there is a wisdom of the head and there is a wisdom of the heart |
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Answer» दिल और दिमाग भले ही शरीर के दो अलग अलग स्थान पर रहते हो। मगर दिल और दिमाग का विवेक हमारे बहुत काम आता है। दिल और दिमाग एक दूसरे के पूरक हैं। दिल को हम दिमाग से अलग करके कुछ सोच ही नहीं सकते हैं। |
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Demoetization samvad lekhan in hindi |
| Answer» BEST for you. SAMVAD LEKHAN on DEMONETIZATION | |
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*Test ur brain* ☔ + ++ t + VALAयह एक लड़की का पूरा नाम है |
| Answer» BASANTI CHANDRAKANT Malpani | |
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Paropkar ki nibhand on 8 point |
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Answer» परोपकार शब्द का अर्थ है दूसरों का उपकार यानि औरों के हित में किया गया कार्य. हमारी ज़िंदगी में परोपकार का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है. यहाँ तक कि प्रकृति भी हमें परोपकार करने के हजारों उदाहरण देती है जैसा कि इस दोहे में भी बताया गया है कि :- |
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Budhi kaki summary in hindi plz 200 words |
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Answer» बूढ़ी काकीबुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है। बूढ़ी काकी में जिह्वा-स्वाद के सिवा और कोई चेष्टा शेष न थी और न अपने कष्टों की ओर आकर्षित करने का, रोने के अतिरिक्त कोई दूसरा सहारा ही। समस्त इन्द्रियाँ, नेत्र, हाथ और पैर जवाब दे चुके थे। पृथ्वी पर पड़ी रहतीं और घर वाले कोई बात उनकी इच्छा के प्रतिकूल करते, भोजन का समय टल जाता या उसका परिणाम पूर्ण न होता अथवा बाज़ार से कोई वस्तु आती और न मिलती तो ये रोने लगती थीं। उनका रोना-सिसकना साधारण रोना न था, वे गला फाड़-फाड़कर रोती थीं। |
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Mere jeevan ki abhilasha me police banna hai in very short essay |
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Answer» Mere Jeevan Ki Abhilasha Mein police Bana Hai Main Bade HOKE police Banna CHAHTA Hoon sab ki help karti hai police KO Sab respect aur apne Se BADA samajhte Hain bade Hoga ek bada police officer Banna Chahta Hoon Jo sab ki help kare |
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FIFA world cup 2018 kis ne jita |
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Answer» France won the Fifa WORLD cup 2018 in RUSSIA |
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Ek nadi ka name Ek ladki ka name Ek hiroen ka name Ek Film ka film ka name |
| Answer» | |
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*Test ur brain* ☔ + ++ t + VALA यह एक लड़की का पूरा नाम है दीमाग हो तो उत्तर दो,अगर उत्तर दिया तो *u r genius* 1 दिन का टाइम है ! |
| Answer» BARKHA sukhla is the NAME of a GIRL | |
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निम्नलिखित शब्दों के तीन-तीन पर्यायवाची शब्द लिखिए −1. जलाशय 2.सिंधु 3.पंकज 4.पृथ्वी 5.आकाश |
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Answer» उत्तर : |
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Write 5 lines on how to make the earth look beautiful in hindi |
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Answer» (1)Keep the earth clean. |
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