This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 14951. |
आम खाया जाता है अकर्मक या सकर्मक क्रिया?? |
|
Answer» Answer: This answer is SAKARMAK kriya. PLEASE MARK me as BRAINLIEST answer please yaar please |
|
| 14952. |
there is different syllabus of grammar for course A and Course B in cbse class 10 please reply fast |
|
Answer» Answer: sanchayan : CH. no. : 1,2,3 SPARSH : poem : all poems chapters : 1,2,3,6,7 and 8 are there for EXAMS |
|
| 14953. |
Hindi ras example in songs all example pleaseif u don't know all then don't answer please |
|
Answer» प्रेम रस ;– रफ़ी साहब ने प्रेम पर अनगिनित गीत गाये यहाँ मगर मिसाल के तौर पर कुछ गीत ही पेश किये जायेंगे . जैसे —- चोदवीं का चाँद हो या आफताब हो, जो भी तुम खुदा की क़सम लाजवाब हो . प्रेम रस में भी दो प्रकार के रस होते हैं संयोग और वियोग संयोग — मैंने पूछा चाँद से की देखा है कही मेरे यार सा हसीं , चाँद ने कहा हर कलि की क़सम नहीं !नहीं! नहीं! . वियोग — दोनों ने किया था प्यार मगर मुझे याद रहा तू भूल गयी , मैंने तेरे लिए रे जग छोड़ा तू मुझको छोड़ चली शांतरस :- रफ़ी साहब इस गीत को एक दम शांत व सहज भाव से गत हैं . मन रे तू कहे न धीर धरे ,वोह निर्मोही मोह न जाने जिका मोह करे. करुण रस :- करुण का अर्थ है जिसमें करुणा ,दर्द का भाव निहित हो जैसे -;- नफरत की दुनिया को छोड़ के प्यार की दुनिया में , खुश रहना मेरे यार . या बेटी की विदाई के दर्द को बयाँ करता यह गीत -; बाबुल की दुयाएँ लेती जा ,जा तुझको सुखी संसार मिले मैके की कभी ना याद आये ,ससुराल में इतना प्यार मिले. hope it will HELP............ |
|
| 14954. |
Plzzzzzzzzzzzz answer |
| Answer» | |
| 14955. |
चलिए, अब सोया जाय (कर्तृवाकय में बदलिये) |
|
Answer» चलिए अब सोते हैं। Explanation: MARK me as BRAINLIEST... |
|
| 14956. |
What is the meaning of naubatkhana |
|
Answer» उत्तर: नौबत खाना:प्राचीन समय में बनाया हुआ ड्रम हाउस। MARK ME AS BRAINLIST |
|
| 14957. |
Give me something in hindi |
|
Answer» Namaste mera NAAM _________ hai. Mai kaksha _________ MEI padhta hu. Mai ek BHARATIYA hu |
|
| 14958. |
Disadvantages of discipline in Hindi |
|
Answer» कड़ा अनुशासन कर सकता है बच्चो को तना़गग्रसत |
|
| 14959. |
(second question)rachana ke adhar par vakya ya arth. |
|
Answer» panktee(line) JO do ya jyada shabdoon ko joord KR BANI HO...unhe VAKYA kehte hain. |
|
| 14960. |
Holi banane se kya Hani h plzzzz help me |
|
Answer» Answer Explanation: SKIN allergies eye inguries infections |
|
| 14961. |
Phle ki or ab ki filmo me antar or smaanta 200 words |
|
Answer» Answer: Phele KI movies mai sound nhi hote the aur black and WHITE hoti thi but aaj ki film ki sound and graphics quality BHAUT acchi hai MOVIE chahe phele ki ho yaa aaj ki dono mai ek hi SAMANTA hai aur wo hai entertaining |
|
| 14962. |
Aaj ki or phle ki filmo me kya antar or smaanta h 200 words |
Answer» Black n white HOTI THI pehle KI films |
|
| 14963. |
"उंगलियाँ माँ की कराती रही मधुपर्क"पंक्ति का आशय स्पष्ट करें। |
| Answer» | |
| 14964. |
११) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए।(i) परिवर्तन संसार का नीयम है। |
|
Answer» परिवर्तन संसार का नियम है |
|
| 14965. |
गुजरिया का अर्थ क्या है? |
|
Answer» in HINDI DICTIONARY it's MEANS deva NAGRI |
|
| 14966. |
मैंने एक बच्चे कोदेखा जो बहुत स्वस्थथा।is Vakya ko saral Vakya me Badal do |
|
Answer» ANSWER:मैंने एक बच्चे को देखा और वह स्वस्थ था। Explanation: इन वाक्यों मैं और का प्रयोग होता हैं दो वाक्यों को जोड़ने के लिए |
|
| 14967. |
राम लक्ष्मण परशुराम संवाद में लक्ष्मण ने अपने कुल द्वारा किन किन पर शूरवीर न दिखने की बात कही है |
|
Answer» Explanation: bacche Budhe AUR auraton per Naam Shoorveer Dikhane KA BAAT baat ki hai LAKSHMAN ne |
|
| 14968. |
११) निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए।(i) परिवर्तन संसार का नीयम है।(ii) पार्टी के कार्यकर्ता आ गए है। |
|
Answer» (1) परिवर्तन संसार का नियम है। (2)पार्टी के कार्यकर्ता आ गए हैं। |
|
| 14969. |
इतिहास का विलोम शब्द क्या है |
|
Answer» भविष्य Explanation: इतिहास का विलोम शब्द भविष्य है प्लीज मार्क एस ब्राईनलिएस्ट |
|
| 14970. |
Veer Ras ka Sanchari Bhav kaun kaun se Hain |
|
Answer» संचारी भाव = उत्सुकता, उग्रता.... |
|
| 14972. |
The importance of hard work in a student life |
|
Answer» Explanation: Hard WORK is the first step towards smart work. Through hard work we gain EXPERIENCE; it helps us discover many new things. This experience enables us to think smartly to solve a critical problem and achieve success. There is no shortcut to success. Hard work is the only key to ACHIEVING it; it TEACHES us discipline, dedication and determination. Hard work is definitely more important because it is only through hard work that we can achieve the goals of our life. Smart work, on the other hand, often leads to shortcuts and procrastination. To achieve anything in life, one has to commit to continuous hard work, which will lead one to the summit of ACHIEVEMENT. There is no shortcut to success, only one’s persistent efforts can turn our goals into reality. |
|
| 14974. |
Kahani lekhan- Kisi Desh Mein Akaal padna -Chidiya ka bhojan ke liye Himalaya Ki aur Jana -Ek Chidiya ko Sadak per Anaaj ke daane Milana -dusri Chidiya Ko Na batana Roj Aakar khana- Ek Din Gadi ke pahiye Ke Niche Aakar Mar Jana- Sikh |
|
Answer» Answer: Ek Desh Mein Aakar padhne padhne ka bhojan ke liye Himalaya Janapada Ek CHIDIYA ko Road per khana Mera varo jakar vah Khati RAHE AUR dusri Chidiya Ko Nahin bataya ek din jab Road per Hua khana kha rahi thi tabhi Ek Gadi ke pahiye Ke Niche Aakar mar gaya seek Hamen lalchi banana hi karna chahie |
|
| 14975. |
Bhyankar sabd ka pad paraichya |
|
Answer» पद परिचय कैसे पहचानते है ? सबसे पहले आपको संज्ञा , सर्वनाम , विशेषण , क्रिया ,क्रिया-विशेषण , अवधारक (निपात) , संबंधबोधक , समुच्चयबोधक , विस्मयादिबोधक आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए। उसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए ऊपर दिए गए कोष्ठक में पद पर CLICK करे। उसके बारे में संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई है। अगर रेखांकित शब्द किसी व्यक्ति,वस्तु,प्राणी,पक्षी,भाव,जाति आदि के बारे में बताता है तो वह शब्द संज्ञा है। रेखांकित शब्द किसी संज्ञा के स्थान पर शब्द का प्रयोग जैसे मेरा,मै ,तुम ,आपका,उस,वह आदि शब्द है तो वह शब्द सर्वनाम है। अगर रेखांकित शब्द किसी वस्तु ,स्थान ,पशु, पक्षी आदि की विशेषता बताता है मतलब वह कैसा है-लंबा है ,सुंदर है , डरावना है आदि तो वह शब्द विशेषण है। रेखांकित शब्द वाक्य में जो क्रिया है उसकी विशेषता बताता है तो वह क्रिया विशेषण है। जैसे कि – क्रिया कब हो रही है (कल , अभी ,दिनभर ) ,क्रिया कैसे हो रही है (चुपचाप,अवश्य,तेजी से ) , क्रिया कहाँ हो रही है (अंदर,ऊपर,आसपास ) , क्रिया कितनी मात्रा में हो रही है (कम ,पर्याप्त ,ज्यादा ) अगर रेखांकित शब्द किसी दो या अधिक संज्ञा और सर्वनाम के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह संबंधबोधक अव्यय है। जैसे :- के पास , के ऊपर , से दूर , के कारण , के लिए , की ओर रेखांकित शब्द किसी दो वाक्यों के बीच का संबंध दर्शाता है तो वह समुच्चयबोधक अव्यय है। जैसे – और , अतएव , इसलिए , लेकिन अगर रेखांकित शब्द किसी विस्मय , हर्ष , घृणा , दुःख , पीड़ा आदि भावो को प्रकट करते है तो वह विस्मयादिबोधक अव्यय है। जैसे – अरे ! , वाह ! , अच्छा ! आदि। रेखांकित शब्द किसी बात पर ज्यादा भार दर्शाता है तो वह निपात है। जैसे :- भी , तो , तक , केवल , ही हिंदी भाषा में कई शब्द ऐसे है जिसका प्रयोग अनेक शब्द-भेद (संज्ञा ,सर्वनाम,विशेषण आदि ) के रूप में किया जाता है। उदाहरण एक मुझे एक पेन दो। (विशेषण) एक को तो जाना पड़ेगा। (सर्वनाम ) एक तो जूथ बोलते हो और माफ़ी नहीं माँगते। (क्रिया-विशेषण ) अच्छा अच्छो की मित्रता करनी चाहिए। (संज्ञा) पार्थ अच्छा लड़का है। (विशेषण) मुझे पहाड़ो में घूमने में अच्छा लगता है। (क्रिया-विशेषण ) क्या बाज़ार से क्या लाना है ? (सर्वनाम) तुम क्या चाहते है ? (क्रिया-विशेषण ) चाहे चाहे तुम कुछ भी करो ,काम होना चाहिए। (समुच्चयबोधक ) मैं चाहे कुछ भी कर लू , मैं तुम्हे बुरी ही लगती हूँ। (क्रिया विशेषण ) आप आप मत जाओ। (सर्वनाम (मध्यमपुरुष)) तुम आप ही काम करलो। (निजवाचक सर्वनाम ) कोई कोई अंदर आ रहा है। (सर्वनाम ) काम करने के लिए कोई कामवाली चाहिए। (विशेषण ) कौन कौन आया है ? (सर्वनाम ) कौन बच्चा शैतानी कर रहा है ? (विशेषण ) अवकाश में जाना कौन कठिन है ? (क्रिया-विशेषण ) कुछ कुछ भी खा लो। (सर्वनाम ) मुझे कुछ लड़के चाहिए। (विशेषण ) कुछ खा लो। (क्रिया-विशेषण ) वह वह घर मेरा है। (विशेषण ) वह मेरा घर है। (सर्वनाम ) रेखांकित पदों के पद परिचय बताईये। १) आज समाज में विभीषणों की कमी नहीं है। विभीषणों(देशद्रोहियो) – संज्ञा (जातिवाचक) , बहुवचन , पुल्लिंग , संबंध कारक (कारक ‘की’) २) रात में देर तक बारिश होती रहीं। देर तक – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) ३) हर्षिता निबंध लिख रही है। लिख रही है – क्रिया (संयुक्त) , स्त्रीलिंग , एकवचन , धातु ‘लिख’ , वर्तमान काल , क्रिया का कर्ता ‘हर्षिता’ , क्रिया का कर्म ‘निबंध’ ४) इस पुस्तक में अनेक चित्र है । अनेक – विशेषण (अनिश्चित संख्यावाचक ) , बहुवचन , पुल्लिंग , विशेष्य ‘चित्र ‘ ५) गांधीजी आजीवन मानवता की सेवा करते रहे । आजीवन – क्रिया-विशेषण (कालवाचक) |
|
| 14977. |
Subah ka Bhula sham ko ghar a Jaaye to use Bura Nahin Kahate English mein translate Kar Do Bhai |
|
Answer» FORGET about morning come home in the EVENING don't say BAD. |
|
| 14978. |
मैंने एक बच्चे कोदेखा जो बहुत स्वस्थथा।is Vakya ko sanyukt Vakya Me Badal digiye |
|
Answer» ANSWER:here is your answer EXPLANATION: मैंने एक बच्चे को देखा और वह स्वस्थ था। |
|
| 14979. |
घर में रहनेवालों से ही घर, घर कहलाता है। पारिवारिक रिश्ते खून के रिश्ते हैं फिर भी उन रिश्तों को न खोल पाना कैसी विवशता है। अपनी राय लिखिए। |
Answer» घर में रहनेवालों से ही घर, घर कहलाता है। पारिवारिक रिश्ते खून के रिश्ते हैं फिर भी उन रिश्तों को न खोल पाना विवशता है ।Explanation: 1) कवि कहता है कि घर के लोग एक घर बनाते हैं। सभी सदस्य घर में रह रहे हैं लेकिन गरीबी के कारण कोई भी एक-दूसरे से बात नहीं कर रहा है। कोई भी अपनी समस्या एक दूसरे को नहीं बता रहा है। 2) रक्त संबंध वे संबंध हैं जो कभी खोले नहीं जाते हैं। 3) गरीबी ने उन्हें अलग कर दिया है। हर कोई चुप है क्योंकि कोई भी नहीं चाहता है कि वे बताएं कि जो एक दूसरे को चोट पहुंचाएगा। 4) इसलिए सभी चुप रहने की कोशिश कर रहे हैं और एक-दूसरे के साथ बात करने में झिझक महसूस कर रहे हैं। |
|
| 14980. |
‘पत्नी की आँखें आँखें नहीं हाथ हैं, जो मुझे थामे हुए हैं' से कवि का क्या अभिप्राय है? |
|
Answer» Explanation: Shayad se yah Banega ki PATNI ne apni Aankhein Mujhe De rakhi HAI jinki vajah se main dekh PA raha hun isliye ek trah se Patni Ki Aankhen Aankhen Nahin HATH hai jo mughe pakad kar rakhe HUE hain |
|
| 14981. |
"एक बार शुरू होने पर-कहीं नहीं रुकता हस्तक्षेप",इस पंक्ति को केंद्र में रखकर परिचर्चा आयोजित करें। |
|
Answer» k kg bk ho k g gi ig ig ig OG i ig ho H ho gi, g vl hl gk kg kh kg gk ho k kk nfxvsuthajyjdc chk kh k J p lh g gok hlcchlch h. gkkg p |
|
| 14982. |
मुर्दे का हस्तक्षेप क्या प्रश्न खड़ा करता है? प्रश्न की सार्थकता को कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए। |
Answer» मुर्दे का हस्तक्षेप बेलगाम शासन प्रणाली प्रश्न खड़ा करता है।Explanation: "1) मगध प्रणाली में बेलगाम प्रणाली ने इसे बेकार कर दिया है। लोग मृत्यु शरीर की तरह जी रहे हैं। वे व्यवस्था का विरोध नहीं कर रहे हैं। 2) वे शोषण को स्वीकार कर रहे हैं लेकिन विरोध नहीं कर रहे हैं इसलिए लेखक कहते हैं कि अब एक मृत शरीर सिस्टम से एक सवाल पूछेगा क्योंकि कोई भी उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। 3) मुर्दे शासन प्रणाली के खिलाफ सवाल पूछने के लिए तैयार है।" |
|
| 14983. |
मगध के माध्यम से हस्तक्षेप' कविता किस व्यवस्था की ओर इशारा कर रही है? |
Answer» मगध के माध्यम से हस्तक्षेप' कविता वह शासन व्यवस्था की ओर संकेत कर रहा है व्यवस्था की ओर इशारा कर रही है"1) इस पंक्तियों में लेखक ने इस कविता में मगध का नाम शामिल किया है ""हस्तक्षेप"" का उपयोग किया जाता है क्योंकि वह शासन व्यवस्था की ओर संकेत कर रहा है। 2) शासन व्यवस्था में बेलगाम शासन का समावेश है। 3) कोई भी मूल समस्याओं की ओर नहीं देख रहा है।" |
|
| 14984. |
बादल से संबंधित अन्य कवियों की कविताएँ यादकर अपनी कक्षा में सुनाइए। |
Answer» बादल से संबंधित अन्य कवियों की कविताएँ यादकर अपनी कक्षा में विद्यार्थी अपने विद्यालय के पुस्तकालय के संबंधित पुस्तकों से ज्ञात करें और अपनी कक्षा में सुनाए । यह एक क्रियाकलाप संबंधी प्रश्न है।कुछ अतिरिक्त जानकारी :यह प्रश्न पाठ बादल को घिरते देखा है से लिया गया है। इसके रचयिता नागार्जुन है। यह कविता नागार्जुन की कविता संग्रह युगधारा से ली गई है। कवि ने बादलों को हिमालय पर्वत की बर्फ से ढकी चोटियों पर देखा है।पावस ऋतु में हिमालय की छोटी-बड़ी झीलों में बालों को बरसते देखा है। वे ऐसे प्रतीत हो रही थी मानो ओस की बूंद बरस रही हो। आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।। इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न:बादलों का वर्णन करते हुए कवि को कालिदास की याद क्यों आती है? कवि ने ‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' क्यों कहा है? |
|
| 14985. |
बादलों का वर्णन करते हुए कवि को कालिदास की याद क्यों आती है? |
Answer» लेखक ने कलिदास को याद किया क्योंकि उसने ""मेघदूत"" नामक एक रचना लिखी है।Explanation: "1) लेखक ने कलिदास को याद किया क्योंकि उसने ""मेघदूत"" नामक एक रचना लिखी है। इस रचना में उसने बादल का सबसे अच्छा हिस्सा दिखाया है। 2) कल्लीदास ने मेघदूत में लिखा है कि एक यक्ष को एक राजा द्वारा निर्वासित किया गया है, अब यक्ष को निर्वासित कर दिया गया है, इसलिए उसने मेघ का सहारा लिया और उसे अपने प्रेमी को संदेश भेजने के लिए अपना राजदूत बनाया। 3) लेखक ने उन स्थानों का पता लगाने की कोशिश की है जिनका उल्लेख कालिदास द्वारा किया गया है, लेकिन वह इसे खोजने में असमर्थ थे, इसलिए उन्होंने कालिदास को याद किया।" |
|
| 14986. |
कवि ने ‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' क्यों कहा है? |
Answer» ‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' इन पंक्तियों में लेखक ने उल्लेख किया है कि बादल तेजी से हवा के साथ टकराते हैं और एक भयानक ध्वनि बनाते हैं।Explanation: "1) इन पंक्तियों में लेखक ने उल्लेख किया है कि तूफ़ान के दौरान बादल गर्जना करता है। 2) बादल तेजी से हवा के साथ टकराते हैं और एक भयानक ध्वनि बनाते हैं। जैसे वे सब आपस में लड़ रहे हों। 3) हिमालय के शीर्ष पर यह तूफान में होता है। तो कवि कहता है कि कवि ने ‘महामेघ को झंझानिल से गरज-गरज भिड़ते देखा है' कहा है?।" |
|
| 14987. |
कस्तूरी मृग के अपने पर ही चिढ़ने के क्या कारण हैं? |
|
Answer» Answer: qki jis kastoori KO wah hr jagah dhundta rhta H wo kastoori uski ke nabhi me rhti h isliye wah apne pr HI chidhta rhta h |
|
| 14988. |
प्रणय-कलह से कवि का क्या तात्पर्य है? |
Answer» प्रणय-कलह से कवि का तात्पर्य है- लड़ाई करने वाले दो प्रेमीExplanation: "1) इसका मतलब है लड़ाई करने वाले दो प्रेमी। यह चकवा चकवी के उदाहरण से पता चलता है कि दोनों लड़ रहे हैं लेकिन दोनों के बीच प्यार है। 2) उनकी लड़ाई क्रूर जैसी नहीं है। लड़ाई प्यार से भरी है। 3) वह कहता है कि इस तरह की लड़ाई में खटास नहीं है, यह लड़ाई से प्यार और प्यार से लड़ने योग्य है।" |
|
| 14989. |
संगीत शिक्षक की सहायता से इस गीत को लयबद्ध कीजिए। |
|
Answer» Achu damka siwam Krishan NAMO danam ram narayanm Jan ki waldwam kon kahata ha Bhagwan aata NAHI Krishan Mira ka jasa bulata nahi kon kahata ha Bhagwan khata nahi bar Sabri ka jasa khealata nahi kon kahata ha Bhagwan SOTA nahi ma yasoda ka jasa sulata nahi kon kahata ha Bhagwan nacta nahi gopio ke THERA tum nachata nahi Achu damka siwam Krishan namo danam ram narayanm Jan ki waldwam Explanation: ma bhot mahanat sa likhi hu please follow me |
|
| 14990. |
अंधकार भरी धरती पर ज्योति चकफेरी क्यों देती है? स्पष्ट कीजिए। |
Answer» अंधकार भरी धरती पर ज्योति चकफेरी अंधकार पर विजय पाने की कोशिश देती हैExplanation: 1) इन पंक्तियों में कवि यह कहना चाहता है कि अंधकार ने पृथ्वी पर अधिकार कर लिया है। हर जगह जहां चारों दिशाओं में अंधेरा है। 2) इसलिए प्रकाश अंधकार पर विजय पाने की कोशिश कर रहा है और इसे दूर करने के लिए चारों दिशाओं में घूम रहा है। 3) लेखक दिखाता है कि इस समय अंधेरा सबसे खतरनाक समस्या है जिसे सुबह के बाद हटाया जा सकता है इसलिए प्रकाश पृथ्वी पर प्रवेश करने की कोशिश कर रहा है।" |
|
| 14991. |
अंदर का भय कवि के नयनों को सुनहली भोर का अनुभव क्यों नहीं होने दे रहा है? |
|
Answer» I don't KNOW. Sorry Explanation: |
|
| 14992. |
स्वाधीनता आंदोलन के कुछ जागरण गीतों का एक संकलन तैयार कीजिए। |
Answer» स्वाधीनता आंदोलन के कुछ जागरण गीतों का एक संकलन विद्यार्थी अपने विद्यालय के पुस्तकालय के संबंधित पुस्तकों से ज्ञात करें। यह एक क्रियाकलाप संबंधी प्रश्न है।कुछ अतिरिक्त जानकारी :यह प्रश्न में अंतर पाठ्यपुस्तक के जाग तुझको दूर जाना है से लिया गया है। इस पाठ में महादेवी वर्मा के द्वारा रचित गीत में स्वतंत्र आंदोलन के परिस्थितियों का अंकन है।इस गीत में कवित्री भारतीयों को भीषण कठिनाइयों की चिंता न कर के निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। वह कहती है कि कोमल बंधनों को तोड़कर स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य प्राप्त करना प्रत्येक भारतीय के प्रथम कर्तव्य है। आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।। इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न:सपनों को सत्य रूप में ढालने के लिए कवयित्री ने किन यथार्थपूर्ण स्थितियों का सामना करने को कहा है। जाग तुझको दूर जाना' स्वाधीनता आंदोलन की प्रेरणा से रचित एक जागरण गीत है। इस कथन के आधार पर कविता की मूल संवेदना को लिखिए। |
|
| 14993. |
सपनों को सत्य रूप में ढालने के लिए कवयित्री ने किन यथार्थपूर्ण स्थितियों का सामना करने को कहा है। |
Answer» सपनों को सत्य रूप में ढालने के लिए कवयित्री नेयथार्थपूर्ण स्थितियों का सामना करने को कहा है निम्नलिखित हैंExplanation: "1) कवयित्री ने कहा कि आँसू पवित्रता की निशानी है। 2) इनमें विश्वासघात नहीं है। 3) आँसू भावनाओं का सबसे अच्छा हिस्सा हैं। 4) ये निराधार हैं। 5) आंसू सच्चाई की निशानी हैं क्योंकि यह तब होता है जब कोई व्यक्ति इतना दुखी होता है।" |
|
| 14994. |
जाग तुझको दूर जाना' स्वाधीनता आंदोलन की प्रेरणा से रचित एक जागरण गीत है। इस कथन के आधार पर कविता की मूल संवेदना को लिखिए। |
Answer» जाग तुझको दूर जाना' कविता में कवयित्री मानव को विपरीत स्थितियों में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित कर रही हैExplanation: " १) आजादी के समय में बहुत सारे प्रेरक गीत कवियों द्वारा बनाए गए हैं। जिन्होंने लोगों को प्रेरित किया। इतने सारे कवियों ने लोगों में स्वतंत्रता की लय को भरने के लिए अपना लेखन किया है। 2) यह कविता महादेवी वर्मा द्वारा लिखी गई है और इस कविता का मुख्य उद्देश्य देश की आजादी के लिए लोगों के दिल में एक प्रेरणा पैदा करना है। 3) इस कविता में कवयित्री ने कहा कि आजादी के रास्ते में बहुत सारी बाधाएं होंगी, लेकिन आपको आगे बढ़ना चाहिए। उस समय हमारे देश के लोगों ने आलस्य को पकड़ लिया और वे अंग्रेजी सरकार से मुक्त होने की कोशिश नहीं कर रहे थे। इसलिए उसने उन्हें रोशन करने के लिए यह कविता लिखी है।" |
|
| 14995. |
ग्राम्य जीवन से संबंधित कविताओं का संकलन कीजिए। |
Answer» ग्राम्य जीवन से संबंधित कविताओं का संकलन छात्र स्वयं करें। यह क्रियाकलाप संबंधी प्रश्न।कुछ अतिरिक्त जानकारी :यह प्रश्न 'संध्या के बाद' पाठ से लिया गया है। इस पाठ के रचयिता सुमित्रानंदन पंत जी हैं। 'संध्या के बाद' कविता कवि पंत के काव्य संग्रह 'ग्राम्या' से अवतरित है। यह कवि की प्रगतिवादी विचारधारा से प्रभावित रचना है। इसमें कवि ने ग्रामीण जीवन के विभिन्न सामाजिक यथार्थ का चित्रण किया है। इस कविता में ढलती हुई शाम, ग्रामीण वातावरण , जनजीवन और प्राकृतिक सुंदरता का चित्रण हुआ है। इसमें वृद्धाओं, विधवाओं, खेत से घर लौटते किसानों और पशु पक्षियों का चित्रण भी मिलता है। आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।। इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न:लाला के मन में उठनेवाली दुविधा को अपने शब्दों में लिखिए। संध्या के समय प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं, कविता के आधार पर लिखिए। |
|
| 14996. |
लाला के मन में उठनेवाली दुविधा को अपने शब्दों में लिखिए। |
Answer» लाला के दिल में बहुत सी दुविधाएँ पैदा हो रही हैं जो नीचे उल्लिखित हैंExplanation: "लाला के दिल में बहुत सी दुविधाएँ पैदा हो रही हैं जो नीचे उल्लिखित हैं: i) उसने सोचा कि सारी समस्याएँ उसे क्यों परेशान कर रही हैं? II) क्यों वह अपने परिवार और रिश्तेदारों को अच्छा नहीं दे रहा है। iii) उसका घर सुंदर क्यों नहीं लग रहा है? IV) वह शहर के व्यापारी की तरह व्यापारी क्यों नहीं है? V) ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से व्यापार में वृद्धि को रोका गया है। उपर्युक्त दुविधा ने उनके मन को संदिग्ध बना दिया है। उसने सोचा कि कैसे उसे अपने व्यवसाय में तरक्की मिले।" |
|
| 14997. |
संध्या के समय प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं, कविता के आधार पर लिखिए। |
|
Answer» जीवन हमेशा एक-सा नहीं रहता। परिवर्तन को स्वीकार कर ही हम अपनी हताशा-निराशा से उबर सकते हैं और समय के साथ चलकर अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं...क धनी व्यक्ति को व्यवसाय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। उसे लगने लगा कि उसकी जिंदगी में घटाटोप अंधेरा भर गया है। उसके मन में आत्महत्या का विचार उपजा। वह जैसे ही नदी में कूदने जा रहा था, किसी ने उसे पीछे से पकड़ लिया। वह कोई मुसाफिर था। आत्महत्या करने की कोशिश करने वाला व्यक्ति फूट-फूट कर रोने लगा, 'आपने मुझे क्यों बचा लिया, ऐसी जिंदगी से मर जाना ही अच्छा है।' उस व्यक्ति की पूरी कहानी सुनकर मुसाफिर बोला, 'तुम यह मानते हो कि पहले तुम सुखी थे?' वह व्यक्ति बोला, 'हां, मेरी जिंदगी में उजाला ही उजाला था, लेकिन अब अंधेरे के सिवा कुछ नहीं बचा।' मुसाफिर ने कहा, 'क्या तुम नहीं जानते कि दिन के बाद रात ही आती है और रात के बाद दिन ही आता है?' वह व्यक्ति बोला- 'यह तो सभी लोग जानते हैं।''जानते हो तो आत्महत्या क्यों कर रहे थे? तुमने जब सुखी जीवन को स्वीकार किया, तो अब दुखी जीवन को क्यों स्वीकार नहीं करते। जबकि तुम्हें पता है इस रात के बाद फिर दिन ही आना है।'परिवर्तन प्रकृति का नियममहान दार्शनिक अरस्तू ने कहा है, परिवर्तन प्रकृति का नियम है। हम प्रकृति के इस नियम को जब भी मानने से इनकार करने लगते हैं, तब हम दुखी होते हैं, अवसाद से घिर जाते हैं। हमें स्वीकारना होगा कि जब अच्छे दिन स्थायी नहीं रहते, तो बुरे दिन भी नहीं रहेंगे। जो व्यक्ति इस सत्य को जान लेता है, वह कभी निराश-हताश नहीं होता। उसका कर्मशील जीवन मजबूत होकर सामने आता है।गतिशीलता से होगा विकासदरअसल, परिवर्तन को स्वीकारना ही हमें गतिशील बना सकता है। हम समय की ऐसी रेलगाड़ी के साथ-साथ चल रहे हैं, जिसमें रुकने का मतलब पिछड़ जाना होता है। जीवन के सफर का वास्तविक आनंद हम तभी उठा सकते हैं, जब हम समय के साथ चलें, पुराने स्टेशनों (जड़ रीति-रिवाजों और पुरानी अवधारणाओं) को छोड़ते जाएं और नए स्टेशनों (समय के अनुकूल नवीनता) को अपनाते जाएं। परिवर्तन शाश्वत है। समय के साथ किसी भी वस्तु, विषय और विचार में भिन्नता आती है। मौसम बदलते हैं। मनुष्य की स्थितियां बदलती हैं। समय के साथ उत्तरोत्तर बदलने को ही विकास कहा जाता है। यदि हम बदलाव से मुंह चुराएंगे, तो हमारा विकास नहींहो सकेगा।सड़ जाता है ठहरा जलवैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो संसार में कोई भी पदार्थ नहीं, जो स्थिर रहता है। उसमें कुछ न कुछ परिवर्तन सदैव होता रहता है। इसी तरह समाज में भी परिवर्तन होता है। समाज शास्त्री मैकाइवर का कहना है कि समाज परिवर्तनशील है। यदि हम समाज में निरंतरता को बनाए रखना चाहते हैं तो हमें यथास्थिति को छोड़ अपने आचार-व्यवहार को परिवर्तनोन्मुख बनाना ही होगा। तभी हमारी प्रगति संभव है। इसके उलट, यदि हम परिवर्तन को स्वीकार नहीं करते, तो हम रूढि़वादी हो जाते हैं। ठहरे हुए जल की तरह, जिसका सड़ना निश्चित है। रूढि़वादी लोग स्त्री स्वतंत्रता, समान अधिकार, स्त्रियों की शिक्षा आदि शुभ परिवर्तनों को स्वीकार नहीं कर पाते और अंदर ही अंदर दुखी होकर स्वयं को जलाते रहते हैं।मुश्किलों से आती है ऊर्जापरिवर्तन को स्वीकारना साहस का काम है। क्योंकि इसके लिए गतिशील-कर्मशील होना होगा, जीवन में आई मुश्किलों से संघर्ष करना होगा। संघर्ष ही हमारे जीवन में विकास के बीज बोता है। एक लोक कथा है। एक बार एक किसान भगवान से नाराज हो गया कि वे कभी बारिश-ओले से फसल चौपट कर देते हैं, तो कभी तूफान से। उसने भगवान से प्रकृति का संचालन एक साल के लिए अपने हाथ में ले लिया। उसकी फसलों के लिए जितनी जरूरत थी, किसान ने उतना पानी बरसाया। तूफान आने नहीं दिया। जब धूप की जरूरत हुई तो सूरज चमका दिया। उसने फसल के हर खतरे को रोक दिया। सचमुच गेहूं की फसल बहुत अच्छी हुई। बड़ी-बड़ी बालियां लग गईं, लेकिन जब फसल काटी गई, तो पता चला कि बालियों के अंदर गेहूं के दाने तो थे ही नहीं। फिर किसान भगवान से बोला, 'भगवन, यह आपने क्या किया।' भगवान ने कहा, 'जो किया, तुमने ही किया। बालियों में बीज इसलिए नहीं आए, क्योंकि पौधों को तुमने चुनौती दी ही नहीं। उनके पास कोई संकट नहीं था। गेहूं के पौधे संघर्ष की अपनी ताकत खो चुके थे। ऐसे में उनकी सृजनात्मकता भी खो चुकी थी।'जीवन का स्वादइसी तरह हमारे जीवन में जो विपरीत परिस्थितियां आती हैं, वे ही हमारे विकास और सृजनात्मकता में सहायक बनती हैं। बस, हमें बिना आपा खोए उनसे संघर्ष करना चाहिए। अगर हम यह चाहते हैं कि हमारे जीवन में अच्छा ही घटित होता रहे और बुरा कुछ भी न हो, तो यह अच्छा भी बुरा लगने लगेगा। जीवन में दुख और सुख दोनों ही आते हैं। हम हमेशा मीठा ही खाते रहें, तो उससे ऊब जाएंगे। लेकिन यदि नमकीन खाने के बाद मीठा खाएंगे, तो वह ज्यादा स्वादिष्ट लगेगा। इसलिए जीवन में आए परिवर्तनों को स्वीकारें और जीवन के स्वाद का पूरा आनंद लें। |
|
| 14998. |
यह मेरा घर है' के आधार पर सिद्ध कीजिए कि आपका अपना घर है। |
|
Answer» YAH Mera Ghar Hai Ke Aadhar per Siddh KIJIYE KI Apna Ghar Ghar hi hota hai |
|
| 14999. |
रिश्ते हैं; लेकिन खुलते नहीं' - कवि के सामने ऐसी कौन सी विवशता है जिससे आपसी रिश्ते भी नहीं खुलते हैं? |
|
Answer» Answer: Rishte hain lekin Khud HI Nahin Kabhi Ke Samne AISI kaun SI bikta hai jisse apni Explanation: gu KH sakte hain |
|
| 15000. |
घर एक परिवार है, परिवार में पाँच सदस्य हैं, किंतु कवि पाँच सदस्य नहीं उन्हें पाँच जोड़ी | आँखें क्यों मानता है। |
Answer» कवि कहता है कि पाँच जोड़ी आँखें हैं जो एक दूसरे के लिए सुख, दुःख जानती हैं।Explanation: घर एक परिवार है, परिवार में पाँच सदस्य हैं, किंतु कवि पाँच सदस्य नहीं उन्हें पाँच जोड़ी आँखें मानता है: 1) कवि ने परिवार के पाँच सदस्यों के बारे में बताया है। 2) उन्होंने बताया कि उनके परिवार में पांच सदस्य हैं लेकिन सभी केवल आंखों से बंधे हैं। 3) कोई भी एक दूसरे से एक शब्द नहीं कहता है लेकिन वे एक दूसरे के लिए अपनी आंखों को पढ़कर सभी दर्द जानते हैं। 4) सभी दुःख के साथ व्याप्त हैं। लेकिन हर एक अपनी आंखें पढ़कर एक दूसरे के लिए स्थिति जानता है। इसलिए कवि कहता है कि पाँच जोड़ी आँखें हैं जो एक दूसरे के लिए सुख, दुःख जानती हैं। |
|