This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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Saare nimantra-patr bheje gye.Vachya Bhed likhiye. |
Answer» karmvachya...SARE nimantrn PATR bheze GYE. |
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(वीर के द्वारा वीर पूजा जाता है)कृतः प्रविशति यवन-सेनापतिः।।सेनापतिःपुरुराजःअलक्षेन्द्र:पुरुरराजः(स्थानम् = अलक्षेन्द्रस्य सैन्यशिविरम्। अलक्षेन्द्रः आम्भीक: च आसीनौ वर्तते। वन्दिनं पुरुराजम् अग्रेक त्वावीरः वीरेण पूज्यत।)विजयतां सम्राट्।एश भारतवीरोऽपि यवनराजम् अभिवादयते ।(साक्षेपम) अहो! बन्धनगतः अपि आत्मानं वीर इति मन्यसे पुरुराजः?यवनराज ! सिंहस्तु सिंह एव, वने वा भवतु पञ्जरे वा।अलक्षेन्द्रः किन्तु पञ्जरस्थः सिंहः न किमपि पराक्रमते।पराक्रमते, यदि अवसरं लभते। अपि च यवनराज!पुरुराजः-?+ |
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Answer» (वीर के द्वारा वीर पूजा जाता है) कृतः प्रविशति यवन-सेनापतिः।। सेनापतिः पुरुराजः अलक्षेन्द्र: पुरुरराजः (स्थानम् = अलक्षेन्द्रस्य सैन्यशिविरम्। अलक्षेन्द्रः आम्भीक: च आसीनौ वर्तते। वन्दिनं पुरुराजम् अग्रेक त्वा वीरः वीरेण पूज्यत ।) विजयतां सम्राट्। एश भारतवीरोऽपि यवनराजम् अभिवादयते । (साक्षेपम) अहो! बन्धनगतः अपि आत्मानं वीर इति मन्यसे पुरुराजः? यवनराज ! सिंहस्तु सिंह एव, वने वा भवतु पञ्जरे वा। अलक्षेन्द्रः किन्तु पञ्जरस्थः सिंहः न किमपि पराक्रमते। पराक्रमते, यदि अवसरं लभते। अपि च यवनराज! पुरुराजः -? + |
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Tumhe koi kya kahega. pad parichay likhiye. |
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Answer» HI friend Explanation: pad PARICHAY matlab purush vachan lakar |
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Hawa shabd ka dhuni suchak shabd likhiye |
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Answer» ................................. |
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Bhadgrasth logon ke liye vastra dhan kekatrit karne ki anumati pradhanacharya se hindi mein chota patra |
Answer» HII helloExplanation: plmnkoijbvhuygc |
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किन लोगो के लिए भंगाहल घाटी एक सपना है और क्यों |
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Answer» पहाड़, बर्फ और ट्रेकिंग के शौकीन जब कहीं घूमने का प्लान बनाते हैं, तो हिमाचल उनकी लिस्ट में सबसे ऊपर होता है. यहां घूमने के लिए लाहौल-स्पीति जैसी जगह हैं, एडवेंचर गेम्स के लिए बीर जैसी जगह है, ट्रेकिंग के लिए मलाना और खीरगंगा जैसे ट्रेक हैं. मैदानी इलाकों से आने वाला शायद ही कोई ऐसा पर्यटक होता होगा, जो यहां बस न जाना चाहता हो. पर इस खूबसूरत हिमाचल का एक और पहलू भी है. यहां कई इलाकों में ज़िंदगी आसान नहीं है. हिमाचल की भाषा में कहें, तो जो जितना ‘ऊपर’ रहता है, उसके पास संसाधन उतने ही कम होते हैं और शारीरिक मेहनत ज़्यादा. इनके लिए पहाड़ और ट्रेकिंग मूड रिफ्रेश करने वाली चीज़ नहीं हैं, बल्कि रोज़मर्रा के चैलेंज हैं. Explanation: |
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अनेक संघर्ष ओके के बॅड हमी आझादी मिली है(संज्ञा छाँटकर उक भेद लिखिले) |
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Answer» संज्ञा आजादी है COUNTABLE NOUN or UNCOUNTABLE |
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हिमालय की बेटियां पाठ के लेखक का क्या नाम है |
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Answer»
PLEASE MARK me BRILLIANT to NEXT rank ⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••☻❥❥★᭄ꦿ᭄ ⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••☻❥❥★᭄ꦿ᭄ ⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••☻❥❥★᭄ꦿ᭄ ⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••☻❥❥★᭄ꦿ᭄ ⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡,,,,◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇◇•••••••••♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡Hello♡♡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡ |
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| 17309. |
योनिय kya hoti heeeeeeeeeeeeeeee? |
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Answer» Explanation: |
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Safalta sahaj nahi milti uske liye sangharsh karna padta he par nibandh in hindi |
Answer» संघर्ष ही है सफलता की कुंजीसंघर्ष! यह एक ऐसा अनुभव है जिससे शायद ही दुनिया का कोई व्यक्ति वंचित हो। हमें बचपन से सिखाया जाता हैं कुछ भी पाने के लिए संघर्ष (sangharsh) करना ही पड़ता है। बिना इसके कभी कुछ हासिल नहीं होता। समाज में प्रतिष्ठा, नाम-शोहरत, रुपया-पैसा, तरक्की या फिर पढ़ाई में अव्वल होना हो, चाहे जो भी लक्ष्य हो उसे प्राप्त करना बिना संघर्ष के संभव नहीं। इसमें कोई दोराह नहीं की संघर्ष जीवन को तराशता है, निखारता है, सँवारता है और फिर हमें ऐसे साँचे में गढ़ता है जिसकी प्रसिद्धि दुनिया करते नहीं थकती। शायद यही वो मुकाम होता है जिसके लिए मनुष्य अथक प्रयास करते जाता है जिसे हम संघर्ष कहते हैं। इसके पश्चात जो सफलता प्राप्त होती है निसंदेह वो अतुलनीय होती हैं। इसमें कोई दोराह नहीं की संघर्ष जीवन को तराशता है, निखारता है, सँवारता है और फिर हमें ऐसे साँचे में गढ़ता है जिसकी प्रसिद्धि दुनिया करते नहीं थकती। शायद यही वो मुकाम होता है जिसके लिए मनुष्य अथक प्रयास करते जाता है जिसे हम संघर्ष कहते हैं। इसके पश्चात जो सफलता प्राप्त होती है निसंदेह वो अतुलनीय होती हैं। संघर्ष जीवन के उतार-चढ़ाव का अनुभव कराता है, अच्छे-बुरे का ज्ञान करवाता हैं, सतत सक्रिय रहना सिखाता है, समय की कीमत सिखाता है जिससे प्रेरित होकर हम सशक्तिकरण के साथ फिर से अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित होते है और जीवन जीने के सही तरीके को सीखते हैं। दुनिया का हर व्यक्ति जीवन में सफलता की उम्मीद करता हैं जिसके लिए वो अथक प्रयास भी करता है। कई बार कुछ अलग करने की चाह और प्रबल प्रेरणा से व्यक्ति अपने मुकाम के करीब पहुँच भी जाता है लेकिन कुछ कठिन संघर्ष को सामने देख सफलता से वंचित हो जाता है। वे नहीं जान पाते की उनके साथ ऐसा क्यों होता है जिस कारण उनके सपने अधूरे रह जाते है और जीवन के अंतिम पलों तक उनकी इच्छाएँ आधी-अधूरी रह जाती है। ऐसी इच्छाएँ उन्हें अपने जीवन से निराश करती है क्योंकि अधिकांश लोग अपने संपूर्ण जीवन में यह जान ही नहीं पाते की सफलता कैसे हासिल हो। दोस्तो! जीवन ‘संघर्ष’ का दूसरा नाम हैं। एक बात हमेशा याद रखिए, अपनी मंजिल का आधा रास्ता तय करने के बाद पीछे ना देखे बल्कि पूरे जुनून और विश्वास के साथ बाकी की आधी दूरी तय करे, बीच रास्ते से लौटने का कोई फायदा नहीं क्योंकि लौटने पर आपको उतनी ही दूरी तय करनी पड़ेगी जितनी दूरी तय करने पर आप लक्ष्य तक पहुँच सकते है। आगे बढ़कर भी अगर सफलता ना मिल पाई तो भी कोई बात नहीं कम से कम अनुभव तो नया होगा। बार-बार हार के भी हिम्मत के साथ अपने टारगेट की तरफ कदम बढ़ाना ही संघर्ष है। अपनी हर असफलता से कुछ सीखिए और निडरता के साथ संघर्ष का दामन थाम के मंजिल की ओर आगे बढ़िए। जब तक जीवन में संघर्ष नहीं होता तब तक जीवन जीने के अंदाज को, सच्ची खुशी को, आनंद को, सफलता को अनुभव भी नहीं कर सकते। जिस तरह बिना चोट के पत्थर भी भगवान नहीं होता। ठीक उसी तरह मनुष्य का जीवन भी संघर्ष की तपिश के बिना ना तो निखर सकता है, ना शिखर तक पहुँच सकता है और ना ही मनोवांछित सफलता पा सकता है। क्योंकि ”संघर्ष हमारे जीवन का सबसे बड़ा वरदान है और वो हमें सहनशील, संवेदनशील और देवतुल्य बनाता हैं।” संघर्ष के इस सूत्र को समझिए और उसपर चलने की कोशिश कीजिए। यकीन मानिए आप जीवन को एक अलग रूप से देखने लगेंगे। ”इच्छाशक्ति + स्थिरता = संकल्प, संकल्प + कड़ी मेहनत (संघर्ष) = सफलता” आप सोच रहे होंगे यह सब पढ़ना या लिखना बहुत आसान है लेकिन करना बहुत ही मुश्किल! दोस्तों, जीवन कभी भी आसान नहीं होता। सरलता व सहजता से कभी किसी को कुछ हासिल नहीं हुआ। इतिहास गवाह है इस बात का आज भी लोग महान और सफल लोगों को उनके संघर्ष से उन्हें याद करते है। संघर्ष से डर के जीवन में अपने कदमों को पीछे मत कीजिए। आज का संघर्ष आपके कल को सुरक्षित करता है। आप जिस तरह का संघर्ष करते है भाग्य भी उसी के अनुरूप फल देता है। यह सत्य है जीवन में कई बार बुनियादी, सामाजिक, पारिवारिक आदि समस्याएँ आ जाती है तब लक्ष्य के प्रति संघर्ष की इच्छाशक्ति को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है क्योंकि ऐसी परिस्थिति में जीवन का संघर्ष कई गुणा बढ़ जाता है। |
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5. लंबोदर' शब्द का संधि विच्छेद करके नाम लिखिए- |
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Answer» लंब है उदर जिसका अर्थात गणेश बहुव्रीहि समास please MARK as BRAINIEST |
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तृतीयः पाठःवीरः वीरेण पूज्यतेएकतः प्रविशति यवन-सेनापतिः।)(वीर के द्वारा वीर पूजा जाता है)( स्थानम् = अलक्षेन्द्रस्य सैन्यशिविरम्। अलक्षेन्द्रः आम्भीक: च आसीनौ वर्तते। वन्दिनं पुरुराजम् अग्रेक त्वासेनापतिःपुरुराजःएश भारतवीरोऽपि यवनराजम् अभिवादयते।अलक्षेन्द्रः (साक्षेपम) अहो! बन्धनगत: अपि आत्मानं वीर इति मन्यसे पुरुराजः?पुरुरराजःयवनराज ! सिंहस्तु सिंह एव, वने वा भवतु पञ्जरे वा।अलक्षेन्द्रः किन्तु पञ्जरस्थः सिंहः न किमपि पराक्रमते।पुरुराज:पराक्रमते, यदि अवसरं लभते। अपि च यवनराज!विजयतां सम्राट्।.. |
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Answer» SORRY I didn't have the best answer for you sorry please mark me as BRAINLIEST answer |
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Plz answer this correct |
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Answer» Assam Baleshwar Mumbai ajodya gujarati Mumbai lotus delhi kila |
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क) अनुप्रास मलकार का उदाहरण लिखो।पामर पातरिस मन मेंअलकार बताओ |
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Answer» चारू चन्द्र की चंचल किरणे खेल रही हैं जल थल में। |
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पिंजरे में बंद पक्षी क्या सपना देखते थे और क्यों |
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Answer» Answer: wo SAPNE dekhte the ki VAHA BAHAR KAB udenge Explanation: kyoki vaha pingare me BAND the |
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Pls ans me ok in hindi |
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Answer» 1. सम्पादक महोदय 2. अपना पता 3. के. जी. मार्ग नई दिल्ली 4.21/08/2020 5.योग शिक्षा के महत्व 6.दैनिक हिम्दुस्तान 7. आपका नाम 8. मोबाइल न. Explanation: ACCORDING to me these are answer.... |
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राजेश एक पेड़ काट रहा है और उसका मित्र उसे के काटने से मना कर रहा है दोनों के बीच हुए संवाद लिखें |
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Answer» राजेश एक दिन पेड़ काट रहा था तभी उसका मित्र आया उसने कहा, यह पेड़ मत काटो राजेश कहता है, क्यों? उसका मित्र कहता है, पेड़ हमें ओक्सीजन देते हैं। राजेश , तो क्या हुआ ? मित्र, ओक्सीजन की वजह से हम जीवित हैं। |
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शाण ठाणार नै नादिया पोक्यावरहो |
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Answer» कुछ और न करें या तो यह सब एक और इस पर यह काम करती तो कोई समस्या पर ध्यान रखना चाहिये ताकि इस फिल्म जगत जननी सुरक्षा की है तो उसे अपनी जान दे Explanation: कि इस बात को एक बहुत जरूरी बात करने या कोई काम करती तो हम दोनों हाथों बेच देता रहता हैं लेकिन वह एक दिन पहले से भी कहा जा सके या अपने पिता से लेकर आए दिन के कारण नहीं होती चली आती नहीं करते नजर आएंगी |
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आपबीती शब्द का समास विग्रह करके समास भेद बताओ । |
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Answer» आपबीती- आप ( स्वयं) पर बीती तत्पुरूष समास please MARK as BRAINIEST |
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प्रकाशीय तंतु किस सिद्धांत पर काम करता है खाली स्थान |
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Answer» पठन पटना से एक खबर दैनिक भास्कर ने भी इस पर प्राप्त हु तो |
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किस तरह आखिरकार में हिंदी में आया writer |
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प्रश्न लाख की चूड़ियां बनाने के लिए बदलू किसका प्रयोग नहीं करता था? * चपटी मुंगेरियां भट्टी, लाख बेलननूमा मुंगेरियां |
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Answer» चपटी मुंगेरिया |
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Maa khana bana rahi h main konse vakay h? |
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Answer» मां खाना बना रही है, सकर्मक वाक्य है |
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Write an vigyaapan on Inverter which gives 5 years guarantee |
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Answer» Electricity is ONE of the most important blessings of science to mankind. Nowadays we are very much dependent on power and it is DIFFICULT to IMAGINE our life without power. In many parts of India, there are still ISSUE with a FREQUENT power cut. You should install an inverter for continuous power supply. A good inverter battery will last for at least 4-5 years. In this article, we will help you to choose your best inverter battery for home and offices. |
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Write a laghu katha on असंभव कूछ नहीं |
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Answer» गूगल पर है बड़ी आसानी से मिल जाएगा और बहुत ही अच्छी तरीके से लिखा हुआ होगा |
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2. উপযুক্ত শব্দ বসিয়ে শূন্যস্থান পূরণ করে।(i) উত্তম : ..(বালকঃ / বালকৌ বালাঃ) |
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Answer» (1) उत्तमः वालकः Explanation: उत्तमः वालकः |
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१.३.मानक वर्तनी के अनुसार शब्द शुद्ध कीजिए। १. टांग |
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Answer» tang Explanation: taang is RIGHT answer |
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1 'निर्दयता ' म उपसर्ग लगा है -(i) निर(ii) कार(iii)र(iv) नि |
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Answer» vffbgfbhgbgdfvhgtyedtygvyutuy cfgsrtdrffghf Explanation: ftrti67ttgbobuihnbuygib N |
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Pleaseeeeee solve with proper solutionnnnn pleaseeseees |
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Answer» 1st option is CRCT PLZ REFER to the ATTACHMENT above |
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'बकरियों का झुंड घास चर रहा है' इस वाक्य में कितने पद है ? |
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Answer» SORRY, COULD not UNDERSTAND what you MEANT |
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किसकी ज्यादा परवाह करनी चाहिए - अपनी या समाज की? और क्यों? |
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Answer» Answer: APNI, |
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इस गीत में आपको कौनसी बातें बहुत अच्छी लगी? क्यों? |
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Answer» का नाम को भी असर कम करने वाले समय की कोशिश करते ही नहीं निकल आया था बल्कि आप के दौरान ही रह कर मनाएगी के अंतिम सप्ताह कैसा लगता हूं अगर ऐसा भी मैं जिसे आज स्वीकार करता था कि वे इस फिल्म ने बॉक्स ऑफीस ने आज स्वीकार करें तो मैंने एक है और फिर अन्य कई लोग एक मरीज़ का आदेश दिए जा मिलेंगे जो उसे तुरंत अपना ही हो गई जबकि आज ही तो हैं अब तो मुझे भी तो उन्होंने अपना प्रवचन सुनने की आदत न आए है अब वह कॉम्पैक्ट को अपने फैसले किए थे एक हू आप को अच्छी बात करें जब मैं भी नहीं निकल पाई कि यह जानकारी को लेकर की कोशिश कर मनाएगी हैं। |
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Kheto me आपकोदेखने को मिला। |
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Answer» kheto me aapko dhekhne ko mila crop (फसल) I hope it HELP you please MARK me brainlist and follow me |
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अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद बताएं सत्य की हमेशा जीत होती है और ईशवर आपका कल्याण करे |
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Answer» yah Sach Hai KI HAMESHA yah Sach Ki Jeet HOTI hai aur BHAGWAN sab ka Kalyan Karte Hain |
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Yay kavita kise aadhar banakar likhi gayi he |
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Answer» Answer: I need some FOLLOWERS plz FOLLOW MEI need some followers plz follow meI need some followers plz follow me Explanation: I need some followers plz follow meI need some followers plz follow meI need some followers plz follow me |
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चरित्र-'अतीत के चलचित्र के आधार पर sabiya काचित्राणी |
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Answer» Aserthbnrulkfhcswiup Explanation: TRIGGER |
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Nindak ko paas rakhne se hamara swabhav kyo nirmal hota hai |
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Answer» NIDAK KO PASS RAKHNE SE HME APNE BURAYO KA PATA CHALTA H OR JIKE ADHAR PER HM APNE ANDHAR SUDHAR KAR SAKTE H ... |
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Nindak ko pas rakhne see hamara swabhav kaise Nirmal ho jayega |
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Answer» जो आपकी निंदा करता है आप उसे अपने साथ रखिए आगन कुटी छावाय इसका शाब्दिक अर्थ है कि आप उनको अपने घर में रखिए और इसका अर्थ यह है कि आप उनको अपने हृदय के करीब रखें अर्थात आप उनको सुनिए, वो क्या कहना चाहते हैं। |
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Pls answer my questionAnd give Answer |
| Answer» | |
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National asebali ne matadhikar kise diya |
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Answer» जिसकी उम्र 18 साल से अधिक की थी Explanation: MARK me as the BRAINLIEST PLZ plz plz plz plz |
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Aap apne mehamaan ke saat koun vyavahar karthe hei |
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Answer» Answer: |
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डिबेट ऑन वर्तमान युवो संप्रदायsanskriti |
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Answer» not UNDERSTANDING ur language ASK in English PLZ |
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Pageऑनलाईन क्लास को लेकरपिता or mata ke bichh sanbad |
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23 डी ० एच लॉरसे क्या थें ?(1) उपन्यासकार(ii) प्रकृति प्रेमि(iii) पंक्षी प्रेमी(iv) उपरोक्त सभी |
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Answer» डेविड हर्बर्ट रिचर्ड्स लॉरेंस (11 सितंबर 1885 – 2 मार्च 1930) एक अंग्रेजी उपन्यासकार, कवि, नाटककार, निबंधकार, साहित्यिक आलोचक और चित्रकार थे, जो डी. एच. लॉरेंस के नाम से प्रकाशित होते थे। उनका एकत्र काम, अन्य बातों के अलावा, आधुनिकता और औद्योगीकरण के अमानवीय प्रभाव के एक विस्तारित प्रतिबिंब का प्रतिनिधित्व करता है। उन में, कुछ मुद्दे जिन की लॉरेंस ने पड़ताल की - भावनात्मक स्वास्थ्य, जीवन शक्ति, सहजता और वृत्ति हैं। |
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