This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 19051. |
अतवगीय खेल-कूद पतियोगिता आयोजित करने के विषय में पधानाचाया को पत्र लिखिए |
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Answer» mmjjjkkoppooikjjnnnnnnnnnkk |
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| 19052. |
मान लीजिए कि आप एक गाड़ी चला रहे हैं । सबसे पहले स्टॉप प सवारियां चढ़ीं , दूसरे पर 8 और तीसरे पर 15 चढ़ | चौथे स्टॉप पर 12 उतर गईं और पांचवें पर 9 , अब बता कि ड्राइवर का नाम क्या है ? |
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Answer» प्रश्न में थोड़ी अपूर्णता है, पूरा प्रश्न इस प्रकार होगा... मान लीजिए कि आप एक गाड़ी चला रहे हैं । सबसे पहले स्टॉप पर 11 सवारियां चढ़ीं , दूसरे पर 8 और तीसरे पर 15 चढीं | चौथे स्टॉप पर 12 उतर गईं और पांचवें पर 9 , अब बतायें कि ड्राइवर का नाम क्या है ? उत्तर- इस प्रश्न को अगर ध्यान से पढ़े या सुने तो प्रश्न के अंदर ही उसके उत्तर के संकेत छुपे हैं। जैसा इस प्रश्न में कहा गया है जो प्रश्न पूछ रहा है वो जिससे प्रश्न पूछ रहा है, उसे ‘मान लीजिये’ के संदर्भ में गाड़ी चलाने वाले रूप में प्रस्तुत कर रहा है और जो गाड़ी चलाता है वो ही ड्राइवर कहलाता है अतः गाड़ी का ड्राइवर वो ही व्यक्ति होगा जिससे प्रश्न पूछा गया है। इस तरह से प्रश्नों को ‘पेचीदा प्रश्नों’ (Tricky QUESTIONS) की श्रेणी में रखा जा सकता है, जिनके उत्तर प्रश्न के अंदर ही छुपे होते हैं या उत्तरकर्ता को भ्रमित करने के प्रश्न को इस तरह से घुमाकर पूछा जाता है कि उत्तरकर्ता प्रश्न में छिपे उत्तर का अंदाजा नही लगा पाता है। इस प्रश्न का सही उत्तर ये होगा कि जिससे भी प्रश्न पूछा जाये उसका नाम ही इस प्रश्न का उत्तर होगा। |
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| 19053. |
Dharamshala,rasoighar,charpai, ,me see kinda sabdh yogrood Ha. Ya fir inme se koi nahi |
| Answer» | |
| 19054. |
Write 1 to 100 counting in devagri script |
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Answer» DEVANGIRI IAST १ 1 २ 2 ३ 3 ४ 4 ५ 5 ६ 6 ७ 7 ८ 8 ९ 9 ० 0 Explanation: |
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| 19056. |
Aapke chetra mein katchra jama ho gya hai aur safai karne safai karmchari nhi aa rhe hai. Iski parissthiti ki jaankari dete huye mahapaur ko patr likhe. |
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Answer» Answer: Senders address dinaank Upyukt mahoday dehradun uttarakhand Vishay- Safai karmchaariyon ki kamchori ki sikayat karne hetu Manywar mahoday, Es patra ke madhyam se MAIN aapka dhyan Safai karmchaariyon ke kaamchor rawiye ki aur aakarshit karna chahti hun. Manywar, aaj hamaare desh mein ek aoor toh hamare mannniya pradhan mantri, logo jaagruk karne hetu swachhta abhiyaan chala rahe hain aur dusari aoor dehradun ke anarwala chetra main kachra din b din ekktha ho raha hai. Jisse chhetravasiyon ko kai samasyaayon ka samna karna pad raha hai. Aaye din koi na koi bhisan rogo se grast ho raha hai. Haal hin mein kai log kachron se fallne wali sankramak bemariyon ke chalte apni jaan gawa baithe. lekin safai karmchaariyon ke kaan PAR ju nahi rengati. Jiski sikayat kai baar hamne nagarpalika ke adhyaksh se ki lekin hunhone BHI koi karyvahi nahi kari. Antt mein MERA aapse punh anurodh hai AAP nagarpalika ayam Safai karmchaariyon ke prati kathor se kathor karyvahi kare. Dhanyavaad Name |
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| 19057. |
17. Write the polynomial whose zeroes are -5 and 4? |
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Answer» Given zeros of the POLYNOMIAL=-5,4 so x square+x-20 required polynomial is x square+x-20 I THINK this is helpful to someone. Please thank me and follow me. And ADD me to brainliest please. |
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| 19058. |
अपने छोटे भाई को पत्र लिखकर अध्ययनशील होने की सलाह दीजिए |
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Answer» Answer: 1318, विकास नगर, शिमला| दिनांक 19 जून , 2019 प्रिय छोटे भाई अनूप, अनूप आशा करता हूँ तू ठीक होगा । इस पत्र के माध्यम से यह बताना चाहता हूँ की अध्ययनशील होना जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षित व्यक्ति कुछ भी कर सकता है, वह किसी के उपर निर्भर नहीं रहता | शिक्षा हमें जीवन में सब कुछ दिला सकती है | शिक्षित व्यक्ति की समाज हमेशा इज्ज़त होती है | शिक्षा का महत्व हमें अपने जीवन में शिक्षा का मूल्य बताता है। शिक्षा का अर्थ सभी के जीवन में बहुत कुछ है क्योंकि यह हमारे सीखने, ज्ञान और कौशल को सुविधाजनक बनाता है। आशा करता हूँ तुम मेरी बातों पर ध्यान दोगे | तुम्हारा बड़ा भाई, रोनित
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| 19059. |
Shikshak or chatra ke bich samvad |
| Answer» | |
| 19060. |
Ask Kal ka neta essay in Hindi |
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Answer» search this ESSAY on google Wikipedia is the BEST source |
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| 19062. |
Rashtriya Ekta par anuched |
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Answer» राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है । |
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| 19063. |
National language of india |
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Answer» Explanation: |
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| 19064. |
कबीर के दोहे को साखी क्यों कहा जाता है?पाठ- साखी |
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Answer» कबीर के दोहों को साखी कहा जाता है क्योंकि 'साखी' शब्द का एक अर्थ है 'प्रत्यक्ष रूप से 'अर्थात् उन्हींने समाज में जैसा देखा वैसा ही कहा। ... कबीर घास की निंदा करने से क्यों मना करते हैं। पढ़े हुए दोहे के आधार पर स्पष्ट कीजिए। Explanation: |
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| 19065. |
Jansankhya ki samasya par anuched |
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Answer» हमारे देश में अनेकों जटिल समस्याएँ हैं जो देश के विकास में अवरोध उत्पन्न करती हैं । जनसंख्या वृदधि भी देश की इन्हीं जटिल समस्याओं में से एक है । संपूर्ण विश्व में चीन के पश्चात् भारत सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है । परंतु जिस गति से हमारी जनसंख्या बढ़ रही है उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब यह चीन से भी अधिक हो जाएगी । हमारी जनसंख्या वृदधि की दर का इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् मात्र पाँच दशकों में यह 33 करोड़ से 100 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई ह । देश में जनसंख्या वृद्धि के अनेकों कारण हैं । सर्वप्रथम यहाँ की जलवायु प्रजनन के लिए अधिक अनुकूल है । इसके अतिरिक्त निर्धनता, अशिक्षा, रूढ़िवादिता तथा संकीर्ण विचार आदि भी जनसंख्या वृदधि के अन्य कारण हैं । देश में बाल-विवाह की परंपरा प्राचीन काल से थी जो आज भी गाँवों में विद्यमान है जिसके फलस्वरूप भी अधिक बच्चे पैदा हो जाते हैं । शिक्षा का अभाव भी जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण है । परिवार नियोजन के महत्व को अज्ञानतावश लोग समझ नहीं पाते हैं । इसके अतिरिक्त पुरुष समाज की प्रधानता होने के कारण लोग लड़के की चाह में कई संतानें उत्पन्न कर लेते हैं । परन्तु इसके पश्चात् उनका उचित भरण-पोषण करने की सामर्थ्य न होने पर निर्धनता व कष्टमय जीवन व्यतीत करते हैं । देश ने चिकित्सा के क्षेत्र में अपार सफलताएँ अर्जित की हैं जिसके फलस्वरूप जन्मदर की वृदधि के साथ ही साथ मृत्युदर में कमी आई है । कुष्ठ, तपेदिक व कैंसर जैसे असाध्य रोगों का इलाज संभव हुआ है जिसके कारण भी जनसंख्या अनियंत्रित गति से बढ़ रही है । इसके अतिरिक्त जनसंख्या में बढ़ोतरी का मूल कारण है अशिक्षा और निर्धनता । आँकड़े बताते हैं कि जिन राज्यों में शिक्षा-स्तर बढ़ा है और निर्धनता घटी है वहाँ जनसंख्या की वृद्धि दर में भी ह्रास हुआ है । बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि प्रांतों में जनसंख्या वृद्धि दर सबसे अधिक है क्योंकि इन प्रांतों में समाज की धीमी तरक्की हुई है । देश में जनसंख्या वृद्धि की समस्या आज अत्यंत भयावह स्थिति में है जिसके फलस्वरूप देश को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है । देश में उपलब्ध संसाधनों की तुलना में जनसंख्या अधिक होने का दुष्परिणाम यह है कि स्वतंत्रता के पाँच दशकों बाद भी लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रही है । |
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| 19066. |
Apne Mitra ko Yog ka mahatva batate Hue Patra likhiye |
Answer» योग का महत्व बताते हुए मित्र को पत्रExplanation: बी 41/2 ज्वालापुरी नांगलोई नई दिल्ली - 110025 12.11.2019 प्रिय मित्र राघव मैं यहां कुशल मंगल हूँ और आशा करता हूँ कि तुम भी वहां अच्छे होगे। मुझे कल ही तुम्हारा पत्र मिला जिसमें तुमने लिखा था कि तुम्हारे शरीर में बहुत दर्द रहता है और जो दवाइयां खाने के बाद भी यह ठीक नहीं हो रहा है। मैं तुम्हें बताना चाहूंगा कि यदि तुम योग करोगे तो तुम्हारा शरीर दर्द कुछ समय में ठीक हो जाएगा और तुम पहले की तरह तंदुरुस्त हो जाओगे। हालांकि शुरुआती दिनों में तुम्हें योग से अवश्य दर्द होगा परंतु तुम जानते ही हो कि मेरे पिताजी ने योग के सहारे ही अपनी अस्थमा जैसी बीमारी का इलाज किया है। योग का हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है और योग बड़े से बड़ी बीमारियों को ठीक करने में सफल रहा है। तो मैं तुम्हें इतना ही कहना चाहूंगा कि तुम रोजाना योगा करो और अपने शरीर को तंदुरुस्त बनाओ। तुम्हारा मित्र रघु। ऐसे और पत्र पढ़ने के लिए दिए गए लिंक को खोले: अपने जीवन के लक्ष्य बताते हुए अपने पिता जी को पत्र लिखिए। अपने मित्र को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए पत्र |
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| 19067. |
विद्यालय को हरा भरा बनाने के लिए प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र |
Answer» "प्रधानाचार्य को प्रार्थना पत्र"सेवा में, श्री प्रधानाचार्यजी, गुरुविहार विद्यालय, पुणे। विषय: विद्यालय को हरा भरा बनाने के संदर्भ में। माननीय महोदय, निवेदन यह है कि मैं आपकी पाठशाला में कक्षा दसवीं की विद्यार्थिनी हूँ। हमारे पाठशाला के परिवेश में पेड़ों की संख्या बहुत कम हो गई है, जिस वजह से परिवेश में खालीपन आ गया है। आपसे प्रार्थना है कि आप पाठशाला के परिवेश में विभिन्न प्रकार के रंगीन पेड़ लगाएँ।पेड़ो की वजह से पाठशाला के परिवेश का सौंदर्य बढ़ जाएगा, जिससे हवा शुद्ध और मन प्रसन्न और शांत रहेगा। पेड़ किमती आभूषणों की तरह पाठशाला को और भी आकर्षक और सुंदर बनाएंगे। आशा है कि आप शीघ्र ही उपयुक्त व्यवस्था करेंगे। धन्यवाद। आपकी आज्ञाकारी छात्रा, रजनी पांडे कक्षा दसवीं। दिनांक: २९ मे, २०२१ |
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| 19068. |
क्या आप मानते हैं कि निन्दक की वाणी सुनने से आत्मशुद्धि होती है? तर्कयुक्त उत्तर दीजिए ।पाठ - साखी (कबीर) |
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Answer» Answer: Yes ,because as you are not aware of your mistakes but the other one(NINDAK) is aware of our mistakes when he will tell US our MISTAKE then only we will be able to purify our SOUL |
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| 19069. |
Rail yatra me,parichalak dwara aapke sath kiye gye abhadra vyavhar ke karaan mukhya prabhandhak, Agra mandal,ko patra likhe. |
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Answer» WRITE in ENGLISH please........ Please mark as BRAINLIEST |
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| 19070. |
एक से पचास तक संस्कृत में गिनती लिखिए |
| Answer» | |
| 19071. |
Nadiyon ko ma ka darja kyu diya jata hai in English |
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Answer» Answer: because river provides us a LIFE MEANS a water and also helps FARMERS for carrying water to their farm. it GIVES us sand for BUILDING our houses and buildings. pesciculture is also done in river. |
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| 19072. |
Dialogue writing in two friends on soil pollution in hindi |
| Answer» | |
| 19073. |
अपने संपादक के पास एक पत्र लिखें जिसमे आपके गांव मे ट्रांसफार्मर लगाने की मांग हो |
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Answer» HELLO mate |
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| 19074. |
PLSSS ANSWER BEST ANSWER WILL BE MARKED AS BRAINLIEST ALONG WITH A FOLLOWERAAP APNE JIVAN ME SAADGI KO KIS PRAKAR APNAYENGE? GANDHI JI KE VICHAR SE PRERIT HO KAR LIKHIYE |
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Answer» Answer: Logo ki madad. Hamesha sacche BANE rahna. Imandar hona. Sabse pyaar karna. Bhedbhav na karna Jeevan sadgi bhara rakhne KE liye sirf achhe karmo ki jaroorat hai. sacchai , mehnat aur dridh sankalp se sab kuchh mumkin hai. Please MARK as BRAINLIEST |
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| 19075. |
पठ + इत =केन्द्र । इत =वर्ण + इत =कल्प + इत = वापतप्रतिष्ठा + इत = []बाध + इत = ताधितगर्व + इत =निम्नलिखित शब्दों में दार/वान प्रत्यय लगाकर वाक्यों में प्रयोग कीजिये-धन वान >बल १।२/>दुकान दानेकिरायेदार = |
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Answer» पठित केंद्रित वर्णित कल्पित प्रतिष्ठित बाधित गर्वित |
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| 19076. |
Hindi ki party Pustak mein se 10 Sangya Shabd ke aur unke do do paryayvachi likhiye |
Answer»
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| 19077. |
बिरला सीमेंट की बिक्री बढ़ाने हेतु विज्ञापन बनाइए । |
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Answer» write in English ydfosy RACKETEER dear CHAN X ZORN surviving shuddh |
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| 19078. |
Tibet ki tatkalin Kangra vastha Bharat ki tulna mein Kaise lachar thi |
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Answer» Answer: yzjjvkzuz G znemisj enishhmdid gdrhmdusjgklenishd z Explanation: |
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| 19079. |
Rahim Ke Dohe ki Prasiddhi ka kya Karan hai |
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Answer» जेा रहीम उत्तम प्रकृति का करि सकत कुसंग चंदन विश ब्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग । अच्छे चरित्र के स्वभाव बालों पर बुरे लोगो के साथ का कोई असर नहीं होता। चंदन के बृक्ष पर साॅप लिपटा रहने से विश का कोई प्रभाव नही होता है । यद्पि अवनि अनेक हैैं कूपवंत सरताल रहिमन मान सरोवर हिं मनसा करत मराल । संसार में अनेकानेक तालाब जलाशय कुॅआ आदि हैं किंतु हंस को केवल मानसरोवर के जल में रहने और क्र्रीड़ा करने में सुख मिलता है। संतों को केवल इश्वर भक्ति में हीं सुख प्राप्त होता है। तासो ही कछु पाइये कीजै जाकी आस रीते सरवर पर गये कैसे बुझे पियास । जिससे कुछ आशा हो उससे हीं कुछ प्राप्त हो सकता है । सूखे तालाब से प्यास कैसे बुझेगी ।केवल समर्थ परमात्मा से मांगने पर हीं कुछ मिल सकता है । रहिमन जो तुम कहत थे संगति हीं गुराा होय बीच ईखारी रस भरा रस काहै ना होय । रहीम कहते हैं कि संगति से गुण हेाता है। पर कभी कभी संगति से भी लाभ नहीं होतां। ईख के खेत में कड़वा पौधा अपना गुण नहीं छोड़ता । दुस्ट कभी अपना जहर नहींत्यागता है । रहिमन नीर परवान बूड़ै पै सीझै नही तैेसे मूरख ज्ञान बूझै पै सूझै नही । पथ्थर पानी में डूब जाता है पर कभी तैरता नहीं । मूर्ख ज्ञान की बातें सुनता है पर उसे कभी जीबन में अपनाता नही है। ओछे को सतसंग रहिमन तजहुं अंगार ज्यों तातो जारै अंग सीरे पै कारो लगै । नीच की संगति आग के समान छोड़नी चाहिये ।जलने पर वह शरीर को जलाती है और बुझने पर वह कालिख लगा देती है । जो विशया संतन तजो मूढ ताहि लपटात ज्यों नर डारत वमन कर स्वान स्वाद से खात । संत जिन वासनाओं को त्याग देते हैं -मूर्ख उन्हें आनन्द से ग्रहण करते हैं । लोग जिसे वमन कर देते हैं कुत्ता उसे बहुत स्वाद से खाता है । मान सहित विश खाय के संभु भये जगदीश बिना मान अमृत पिये राहु कटायो शीश । आदर सहित विश पी कर महादेव जगत के स्वामी हैं लेकिन बिना प्रतिश्ठा के अमृत पी कर भी राहू ग्रह को अपना सिर कटाना पड़ा । रहिमन ओछे नरन सों बैर भलो न प्रीति काटे चाटे स्वान को दुहुॅ भाॅति बिपरीत । बुरे लोगों से दुश्मनी और प्रेम दोनों हीं अच्छा नहीं होता।कुत्ता को मारो या दुत्कारो तो वह काटता है और पुचकारने पर चाटने लगता है।वह दोनों अवस्था में खराब हीं है रहिमन आलस भजन में बिशय सुखहि लपटाय घास चरै पशु स्वाद तै गुरू गुलिलाॅय खाय । लोगों को इश्वर भजन में आलस्य होता है और विशय भोगो में लिप्त रहने में आन्ंद होता है। जानवर घास आनन्द से चरते हैं परन्तु गुड़ उन्हें जबरदस्ती खिलाना पड़ता है। कदली सीप भुजंग मुख स्वाति एक गुण तीन जैसी संगति बैठिये तैसोई फल दीन। स्वाति नक्षत्र का बूंद कदली में मिलकर कपूर और समुद्र का जल सीपी में मिल कर मोती बन जाता है।वही पानी साॅप के मुॅह में विश बन जाता है। संगति का प्रभाव जरूर पड़ता है।जैसी संगति होगी-वैसा हीं फल मिलता है। रौल बिगारे राज नैं मौल बिगारे माल सनै सनै सरदार की चुगल विगारे चाल । जनता का क्रोध राज्य की शासन ब्यबस्था को खराब करता है।देश का वित्त मंत्री देश की अर्थ व्यवस्थाको बिगाड़ देता हैं।चुगलखोड़ लोग धीरे धीरे शासन के मंत्रियों और सरकारों को विगाड़ देता है।अतःराजा को स्वयं इन पर प्रत्यक्ष प्रभावपूर्ण नियत्रणं रखना चाहिये। ससि की शीतल चाॅदनी सुंदर सबहिं सुहाय लगे चोर चित में लटी घटि रहीम मन आय । चन्द्रमा की शीतल चाॅदनी सबों को अच्छी लगती है पर चोर को यह चाॅदनी अच्छी नही लगती है। बुरे लोगों को अच्छाई में भी बुराई नजर आती है। रीति प्रीति सबसों भली बैर न हित मित गोत रहिमन याही जनम की बहुरि न संगति होत । सबों से प्रेम का संबंध रखने में भलाई है ।दुश्मनी का भाव रखने में कोई भलाई नहीं है। इसी जीवन में यह प्रेम संभव है।पता नही पुनः मनुश्य जीवन मिले या नही -तब हम कैसे संगी साथी के साथ संगति रख पायेंगें। रहिमन लाख भली करो अगुनी अगुन न जाय राग सुनत पय पियत हूॅ साॅप सहज धरि खाय । दुश्अ की लाख भलाई करने पर भी उसकी दुश्टता अवगुण नही जाती है। साॅप को बीन पर राग सुनाने और दूध पिलाने पर भी वह सपेरा को डस लेता है। रहिमन नीचन संग बसि लगत कलंक न काहि दूध कलारी कर गहे मद समुझै सब ताहि । दुश्अ नीच के संग रहने से किसेे कलंक नही लगता। शराब बेचने बाली कलवारिन के घड़े में दूध रहने पर भी लोग उसे शराब हीं समझेंगें।सज्जन ब्यक्ति को दुर्जन से दूर हीं रहना चाहिये। Explanation: |
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| 19080. |
External forces are,always balanced or never balanced? |
| Answer» | |
| 19081. |
|सीमा पर तैनात फौजियो के लिए हमारा क्या कर्तव्य |
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Answer» Hi friend Here is your answer if you REALLY want to do anything for you COUNTRY's army then JOIN the army and protect your country. |
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| 19082. |
बच्चों के इस तरह थोडे पीछे पड़ा जाता है । तुम तो कभी प्यार से बोलना ही नहीं जानती । बच्चे तो प्यार भूखे होते हैं । |
| Answer» | |
| 19083. |
मातुप थक त्व प्रत्यय के संस्कृत मे पांच पांच उदाहरण |
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Answer» but I don't KNOW about this QUESTION and I don't know ALSO SANSKRIT |
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| 19084. |
Dharam ekta ka Madhyam his vishya par nibandh 500 words maimlikhe |
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Answer» एक तरह की सोच, एक तरह की जीवन पद्धति एवं एक ही तरह के जीवन मूल्यों के विस्तार का एक सशक्त माध्यम धर्म है। धर्म के अविर्भाव का मूल उद्देश्य ही लोगों के बीच एकता को बढ़ाना है। विश्व में धर्म की उत्पत्ति से पहले लोग कबीलाई संस्कृति में रहते थे, हालांकि कबीलाई संस्कृति में भी एक साझा जीवन पद्धति को अपनाने की प्रक्रिया पर बल दिया जाता था और हर कबीले में कुछ-ना-कुछ नियमों की सारणी होती थी। धीरे-धीरे इन कबीलों का आकार बड़ा होने लगा और लोगों के वैचारिक विकास के साथ ही समाज का निर्माण हुआ और समाज को संतुलित रखने के लिए व्यापक स्तर पर नियम बनाए जाने लगे। इन नियमों के साथ ही लोगों के रहन-सहन एवं जीवन जीने के तरीके, आहार-विहार, आपस में एक-दूसरे के साथ के रिश्ते, ईश्वर में विश्वास, पूजा या इबादत की पद्धति आदि का विकास हुआ जिन्हें व्यापक स्तर पर धर्म की संज्ञा दी जाने लगी। इस प्रकार विश्व में अलग-अलग क्षेत्रों में कई धर्म स्थापित हो गए, हालांकि विश्व के सभी धर्मों के मूल में एकता की ही भावना है। अर्थात् लोगों को एक सूत्र में बांधे रहना जिससे एक समाज का निर्माण हो सके और लोगों के बीच पनपने वाले विभिन्न मत-मतांतरों के विभेद को कम से कमतर किया जा सके। इस प्रकार समाज में धर्म की उत्पत्ति का आधार ही एकता है जिसके द्वारा लोग संगठित होकर अपने समाज के हितों के प्रति सोचते हुए अपने समूह की बेहतरी की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। धर्म आपसी सद्भाव एवं एकता का प्रतीक है क्योंकि किसी धर्म विशेष को मानने वाले लोग एक ही प्रकार की जीवन पद्धति का पालन करते हैं। धर्म या मजहब अपने अनुयायिओं को एकता के सूत्र में पिरोकर रखने का कार्य भी करता है। अनेकता में एकता का सर्वोत्तम उदाहरण पेश करते हुए भारत के प्रसिद्ध कवी महम्मद इकबाल की १९०४ में लिखी गई पंक्तियां “मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” अर्थात् दुनिया का हर धर्म आपस में एकता का पाठ पढ़ाते हैं, आज भी उतनी ही प्रासंगिक है। जब-जब किसी भी विदेशी आक्रांता ने भारत पर आक्रमण किया है उसने धर्म के बजाए समाज मे साम्प्रदायिक की भावनाओं को पनपाकर राष्ट्रीय एकता को खंडित करने का प्रयास किया है। धार्मिक एकता को विखंडित करने के बाद ही वे भारत पर कब्जा करने में कामयाब हो पाए। अंग्रेजों ने भी यही किया और 200 वर्षों तक भारत पर शासन किया। हम निश्चित रूप से इतने वर्षों की गुलामी से बच जाते अगर हमने साम्प्रदायिकता की भावनाओं पर अंकुश लगाते हुए, सर्वधर्म समभाव एवं धर्म की मूल भावना को सही अर्थों में समझा और अपनाया होता। स्वामी विवेकानंद के अनुसार धर्म लोगों को संगठित करने का कार्य करता है और भाईचारे की भावना के साथ समाज को समग्र विकास के पथ पर अग्रसर करता है। सामाजिक एकता को बढ़ाना विश्व के सभी धर्मों की स्थापना का मूल उद्देश्य है। महात्मा बुद्ध ने भी धम्मं शरणं गच्छामि, संघम शरणं गच्छामि का संदेश दिया। अर्थात् उन्होंने धर्म के शरण में और इस प्रकार संघ के शरण में अर्थात संगठित होने का आह्वान किया जो कि आपसी एकता एवं भाईचारे का परिचायक है। धर्म का उद्देश्य अपने अनुयायियों को जीवन जीने के लिए जरूरी सभी गुणों से परिपूर्ण करते हुए एक ऐसा आधार प्रदान करना है जिससे वे एकता की भावना से संगठित होकर समाज की भलाई के लिए कार्य कर सकें। इन संदेशों का सार यह है कि हर मजहब या धर्म एकता का ही पाठ पढ़ाते हैं।
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| 19085. |
When is hindi day celebrated |
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Answer» Answer: 14 september HOPE IT HELPS |
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| 19086. |
Dharam ekta ka madhyam hai vishya par 500 shbd mai nibandh likhe |
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Answer» hii Explanation: |
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| 19087. |
Who invented internet and when |
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Answer» IP on January1; Explanation: 1983 mark as BRAINLEAST |
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| 19088. |
Hindi Essay on “Kisi gramin Yatra ka Varnan |
| Answer» | |
| 19089. |
Aap bhale TOH jug bhala path se kya Sikh milti hai |
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Answer» Answer: |
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| 19090. |
Garmiyon garmiyon garmiyon ki chutti kaise batay iske liye 1 line 10 line 10 line so I can get done |
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Answer» not UNDERSTAND ABLE SORRY |
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| 19091. |
50 words of ardh chandrakar in HindiPlease tell |
| Answer» | |
| 19092. |
इनके दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-मछली ।सुलतान -मंत्री।सम्मान - |
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Answer» EXPLANATION:gadhedes |
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| 19093. |
Essay on aadhunik yug mein bharat. |
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Answer» हिंदी साहित्य का आधुनिक काल तत्कालीन राजनैतिक गतिविधियों से प्रभावित हुआ। इसको हिंदी साहित्य का सर्वश्रेष्ठ युग माना जा सकता है, जिसमें पद्य के साथ-साथ गद्य, समालोचना, कहानी, नाटक व पत्रकारिता का भी विकास हुआ। सं 1800 वि. के उपरांत भारत में अनेक यूरोपीय जातियां व्यापार के लिए आईं। उनके संपर्क से यहां पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव पड़ना प्रारंभ हुआ। विदेशियों ने यहां के देशी राजाओं की पारस्परिक फूट से लाभ उठाकर अपने पैर जमाने में सफलता प्राप्त की। जिसके परिणाम-स्वरूप यहां पर ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना हुई। अंग्रेजों ने यहां अपने शासन कार्य को सुचारु रूप से चलाने एवं अपने धर्म-प्रचार के लिए जन-साधारण की भाषा को अपनाया। इस कार्य के लिए गद्य ही अधिक उपयुक्त होती है। इस कारण आधुनिक युग की मुख्य विशेषता गद्य की प्रधानता रही। इस काल में होने वाले मुद्रण कला के आविष्कार ने भाषा-विकास में महान योगदान दिया। स्वामी दयानंद ने भी आर्य समाज के ग्रंथों की रचना राष्ट्रभाषा हिंदी में की और अंग्रेज़ मिशनरियों ने भी अपनी प्रचार पुस्तकें हिंदी गद्य में ही छपवाईं। इस तरह विभिन्न मतों के प्रचार कार्य से भी हिंदी गद्य का समुचित विकास हुआ। इस काल में राष्ट्रीय भावना का भी विकास हुआ। इसके लिए श्रृंगारी ब्रजभाषा की अपेक्षा खड़ी बोली उपयुक्त समझी गई। समय की प्रगति के साथ गद्य और पद्य दोनों रूपों में खड़ी बोली का पर्याप्त विकास हुआ। भारतेंदु बाबू हरिश्चंद्र तथा बाबू अयोध्या प्रसाद खत्रीने खड़ी बोली के दोनों रूपों को सुधारने में महान प्रयत्न किया। उन्होंने अपनी सर्वतोन्मुखी प्रतिभा द्वारा हिंदी साहित्य की सम्यक संवर्धना की। इस काल के आरंभ में राजा लक्ष्मण सिंह, भारतेंदु हरिश्चंद्र, जगन्नाथ दास रत्नाकर, श्रीधर पाठक, रामचंद्र शुक्ल आदि ने ब्रजभाषा में काव्य रचना की। इनके उपरांत भारतेंदु जी ने गद्य का समुचित विकास किया और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने इसी गद्य को प्रांजल रूप प्रदान किया। इसकी सत्प्रेरणाओं से अन्य लेखकों और कवियों ने भी अनेक भांति की काव्य रचना की। इनमें मैथिलीशरण गुप्त, रामचरित उपाध्याय, नाथूराम शर्मा शंकर, ला. भगवान दीन, रामनरेश त्रिपाठी, जयशंकर प्रसाद, गोपाल शरण सिंह, माखन लाल चतुर्वेदी, अनूप शर्मा, रामकुमार वर्मा, श्याम नारायण पांडेय, दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के प्रभाव से हिंदी-काव्य में भी स्वच्छंद (अतुकांत) छंदों का प्रचलन हुआ। इस काल में गद्य-निबंध, नाटक-उपन्यास, कहानी, समालोचना, तुलनात्मक आलोचना, साहित्य आदि सभी रूपों का समुचित विकास हुआ। इस युग के प्रमुख साहित्यकार निम्नलिखित हैं- नवचनंद मुणङ |
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| 19094. |
Topic for poem composition |
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Answer» Anything that you feel is relevant to recent CIRCUMSTANCES. Like you can RIGHT on our brave BSF soldiers or about our India as well. |
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| 19095. |
Samadhan for Nadi Pradushan in hindi |
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Answer» Answer: प्रदूषण का कारण[संपादित करें] ऋषिकेश से लेकर कोलकाता तक गंगा के किनारे परमाणु बिजलीघर से लेकर रासायनिक खाद तक के कारख़ाने लगे हैं। कानपुर का जाजमऊ इलाक़ा अपने चमड़ा उद्योग के लिए मशहूर है। यहाँ तक आते-आते गंगा का पानी इतना गंदा हो जाता है कि उसमें डुबकी लगाना तो दूर, वहाँ खड़े होकर साँस तक नहीं ली जा सकती। गंगा की इसी दशा को देख कर मशहूर वकील और मैगसेसे पुरस्कार विजेता एमसी मेहता ने १९८५ में गंगा के किनारे लगे कारख़ानों और शहरों से निकलने वाली गंदगी को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। फिर सरकार ने गंगा सफ़ाई का बीड़ा उठाया और गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत हुई। गंगा एक्शन प्लान[संपादित करें] अप्रैल १९८५ में गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत हुई और बीस सालों में इस पर १२०० करोड़ रुपये खर्च हुए।[1] इस योजना की बदौलत गंगा के किनारे बसे शहरों और कारख़ानों में गंदे और जहरीले पानी को साफ़ करने के प्लांट लगाए गए। इनसे गंगा के पानी में थोड़ा सुधार ज़रूर हुआ लेकिन गंगा में गंदगी का गिरना बदस्तूर जारी रहा। अंत में यह समझा गया कि गंगा एक्शन प्लान असफल हो गाया। इस प्लान की सबसे बड़ी ख़ामी शायद ये थी कि उसमें गंगा के बहाव को बढ़ाने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। गंगा में ग्लेशियरों और झरनों से आने वाले पानी को तो कानपुर से पहले ही नहरों में निकाल लिया जाता है। ज़मीन का पानी गंगा की धारा बनाए रखता था लेकिन नंगे पहाड़ों से कट कर आने वाली मिट्टी ने गंगा की गहराई कम करके अब इस स्रोत को भी बंद कर दिया है। बनारस के 'स्वच्छ गंगा अभियान' के संचालक प्रोफ़ेसर वीरभद्र मिश्र इस बारे में चिंतित हैं और बताते हैं कि गंगा पर कितना दबाव है। उन्होंने कहा कि गंगा दुनिया की एकमात्र नदी है जिस पर चालीस करोड़ लोगों का अस्तित्व निर्भर है। इसलिए उस पर दबाव भी ज़्यादा है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि गंगा को बचाने के लिए सबसे पहले हिमालय के ग्लेशियरों को बचाना होगा। ब्रह्म-द्रव ‘गंगा’ का पराभव![संपादित करें] भ्रष्टाचार मुक्त भारत की संकल्पना की ही तर्ज पर ब्रह्म-द्रव गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के लिए वर्षों से अकूत संपदा एक्शन प्लान के रूप में बहायी जाती रही है लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। गंगा ही नहीं, सभी नदियों की बदहाली है। लीलापुरुषोत्तम श्रीकृष्ण का कालिया मर्दन प्रसंग ही एकमात्र ऐसा एक्शन प्लान है जो जहरीले नद-जगत् को विष हीन अर्थात् प्रदूषण मुक्त कर सकता है। कालिया नाग प्रदूषण का प्रतीक है, जिसके असंख्य फन नाले, नालियों, सीवर लाइनें, फैक्ट्रियों की विषाक्त गंदगी आदि के प्रतीक हैं। इन फनों को कुचलने का तात्पर्य है विषाक्त स्रोतों को रोक देना। सवाल उठता है कि जब नाले नालियां जाम कर दी जायेंगी तो गंदा पानी घरों में जायेगा, हालात खराब होंगे, ऐसा नहीं है। समस्या जब पैदा होती है तब समाधान भी ढूंढा जाता है। जल शुष्क संयंत्र यानी सोख्ते बनाकर इसका निस्तारण किया जा सकता है। स्वच्छ गंगा अभियान[संपादित करें] स्वच्छ गंगा अभियान वाराणसी तथा समीपवर्ती स्थानों में गंगा को साफ़ करने के लिए एक सस्ता और सुरक्षित तरीका है। यह तरीका बिजली पर निर्भर नहीं है। इसमें कूड़े-करकट को गुरुत्वाकर्षण का सहारा लेकर एक बड़े कुंड में जमा कर लिया जाता है जहाँ जैविक तरीके से इसकी सफ़ाई होती है। कूड़े में से कीटनाशक, लोहा-लक्कड़ और दूसरे प्रदूषकों को हटा दिया जाता है। अमरीका में नदियों की सफ़ाई इसी तरीके से होती है।[2] नमामि गंगा[संपादित करें] इस नदी की सफाई के लिए कई बार पहल की गयी लेकिन कोई भी संतोषजनक स्थिति तक नहीं पहुँच पाया।[3]प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गंगा नदी में प्रदूषण पर नियंत्रण करने और इसकी सफाई का अभियान चलाया।[4] इसके बाद उन्होंने जुलाई २०१४ में भारत के आम बजट में नमामि गंगा नामक एक परियोजना आरम्भ की।[5] इसी परियोजना के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने गंगा के किनारे स्थित ४८ औद्योगिक इकाइयों को बन्द करने का आदेश दिया।[6] |
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| 19096. |
Importance of hindi language and teachers in hindi |
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Answer» हिन्दी मेरी भाषा है, हिन्दी मेरी आशा है। हिन्दी का उत्थान करना, यही मेरी जिज्ञासा है। हिन्दी की बोली अनमोल, एक शब्द के कई विलोम। हिन्दी हिन्द हिमालय पर शोभित, हर्षित होते बोल के सोम। मीठी बोली अद्भुत बाणी संग, बढ़ती प्रेम पिपासा है। हिन्दी का उत्थान करना, यही मेरी जिज्ञासा है। हिन्दी में सब काम करेंगे, हिन्दी का ही नाम करेंगे। हिन्दी सत्य वचन की देवी, पथ-प्रदर्शक हम बनेंगे। जग-मग ज्योति जले हिन्दी की, यही कलम का ढांचा है। MARK as BRAINLIEST |
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| 19097. |
विलोम शब्द लाखu-दिन -विशेष -स्वादिष्ट - |
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Answer» Answer: 1)din-raat 2)vishash- nirvash 3)syadisht-besyad |
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| 19098. |
Create a Pictorial Dialogue Exchange (in hindi) between two friends discussing about benifitsof various yoga postures for the body. |
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Answer» सोहन : मोहन कल कितना मज़ा आएगा , स्कूल में कल योग दिवस है | मोहन : हाँ यार बहार से लोग आ रहे है , हमें योग के बारे में बताएंगे | सोहन : योग हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है | मोहन : योग करने से हम बहुत सी बीमारियों से खुद ही बच सकते है | सोहन : सही कह रहे हो , हमें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है | मोहन : हमारा स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहता है | सोहन : हमें मोटापा, मानसिक तनाव, उच्च या निम्नरक्तचाप जैसी अनेक बीमारियाँ से योग बचाता है | मोहन : मैं घर सब को योग करने के बोलूँगा | सोहन : मैं भी सब को इसके महत्व के बारे बताऊंगा | |
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| 19099. |
2. ਗਰਮੀਆਂ ਦੀ ਛੁੱਟੀਆਂ ਵਿਸ਼ਾ ਲੈ ਕੇ 100-150 ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਪੈਰਾ ਆਪਣੇ ਸ਼ਬਦਾਂ ਵਿੱਚ ਲਿਖਣਾ। |
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Answer» ANSWER:ਭਾਰਤ ਦੀ ਬਹੁਤੀ ਵਸੋਂ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿਚ ਹੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਸ਼ਹਿਰ ਦੀ ਤੜਕ-ਭੜਕ ਵਾਲੀ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਤੋਂ ਪਰੇ, ਪਿੰਡ ਕੁਦਰਤ ਦੀ ਗੋਦ ਵਿਚ ਵਸੇ ਹੁੰਦੇ ਹਨ । ਇਹੋ ਕਾਰਨ ਹੈ ਕਿ ਬਾਰ-ਬਾਰ ਉੱਥੇ ਜਾਣ ਨੂੰ ਦਿਲ ਕਰ ਆਉਂਦਾ ਹੈ । ਮੇਰੇ ਪਿੰਡ ਦਾ ਨਾਮ ਮਲਕਪੁਰ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਲੁਧਿਆਣੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਵਿਚ ਹੀ ਸਥਿਤ ਹੈ। ਲਗਭਗ | ਇਕ ਕਿਲੋਮੀਟਰ ਦੂਰ ਹੀ ਬੱਸ ਤੋਂ ਉਤਰ ਜਾਈਦਾ ਹੈ । ਬੱਸ ਤੋਂ ਉਤਰ ਕੇ ਪੈਦਲ ਹੀ ਪਿੰਡ ਤਕ ਪਹੁੰਚਣਾ ਪੈਂਦਾ ਹੈ । ਸੜਕ ਦੇ ਦੋਵੇਂ ਪਾਸੇ ਹਰੇ ਭਰੇ ਖੇਤਾਂ ਨੂੰ ਵੇਖ ਕੇ ਹੀ ਦਿਲ ਖੁਸ਼ ਹੋ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ।
ਪਿੰਡ ਪਹੁੰਚਣ ਤੇ ਦੂਰੋਂ ਹੀ ਘਰ ਵਿਚ ਗਾਂਵਾ-ਮੱਝਾਂ ਦੀ ਭਰਮਾਰ ਦਿਸਦੀ ਹੈ । ਹਰ ਘਰ ਵਿਚ ਦੁੱਧ ਦਹੀਂ ਖੁਬ ਹੁੰਦਾ ਹੈ । ਛੋਟੀਆਂ-ਛੋਟੀਆਂ ਪੱਕੀਆਂ ਨਾਲੀਆਂ ਦੀ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਬਹੁਲਤਾ । ਹੈ। ਪਿੰਡ ਦੇ ਅੱਧ ਵਿਚਕਾਰ ਇਕ ਖੂਹ ਹੈ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਅੱਜ ਕੱਲ੍ਹ ਵੀ ਕੁਝ ਲੋਕ ਪਾਣੀ ਭਰਦੇ ਹਨ । ਵਿਗਿਆਨਕ ਉਨਤੀ ਨਾਲ ਬੇਸ਼ਕ ਹਰ ਘਰ ਵਿਚ ਟੂਟੀਆਂ ਤੇ ਹੱਥ-ਨਲਕੇ ਲੱਗੇ ਹਨ ਪਰ ਤਾਂ ਵੀ । ਖੂਹ ਤੋਂ ਪਾਣੀ ਢੋਣ ਵਾਲੇ ਬਹੁਤ ਹਨ । ਮੇਰੇ ਪਿੰਡ ਦੇ ਬਾਹਰਵਾਰ ਪੰਚਾਇਤ-ਘਰ ਹੈ ਜਿਸ ਨੂੰ ਜੰਝ-ਘਰ ਦੇ ਤੌਰ ਤੇ ਵੀ ਵਰਤਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ । ਇਹ ਇਕ ਬਹੁਤ ਵੱਡਾ ਹਾਲ-ਕਮਰਾ ਹੈ, ਜਿੱਥੇ ਪੰਚਾਇਤ ਦੀਆਂ ਮੀਟਿੰਗਾਂ ਵੀ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਬਰਾਤਾਂ ਵੀ ਠਹਿਰਦੀਆਂ ਹਨ । ਪਿੰਡ ਦੇ ਇਕ ਪਾਸੇ ਪ੍ਰਾਇਮਰੀ ਸਕੂਲ ਹੈ। ਇਥੇ ਛੋਟੇ ਬੱਚੇ ਪ੍ਰਾਇਮਰੀ ਤੱਕ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ । ਪ੍ਰਾਪਤ ਕਰਦੇ ਹਨ ਤੇ ਉਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਨਾਲ ਦੇ ਪਿੰਡ ਪੜ੍ਹਨ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਿੱਥੇ ਕਿ ‘ਹਾਈ ਸਕੂਲ ਹੈ। ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਇਕ ਬਾਲਵਾੜੀ ਕੇਂਦਰ ਵੀ ਹੈ । ਇਹ ਇਕ ਕਮਰਾ ਹੀ ਹੈ ਜਿੱਥੇ ਪਿੰਡ ਦੇ ਛੋਟੇ-ਛੋਟੇ ਬੱਚੇ ਪੜ੍ਹਨ ਜਾਂਦੇ ਹਨ । ਟੀਚਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਬੱਚਿਆਂ ਨਾਲ ਖੇਡਦੀ, ਕਵਿਤਾਵਾਂ ਸਿਖਾਉਂਦੀ ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਚੰਗੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਦੱਸਦੀ ਹੈ । ਕਈ ਤਰਾਂ ਦੇ ਰੁੱਖ ਲੱਗੇ ਹੋਏ ਹਨ । ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਆਮਦਨੀ ਨਾਲ ਪਿੰਡ ਦੀ ਪੰਚਾਇਤ ਕਈ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ | ਕੰਮ ਕਰਦੀ ਹੈ । ਇਸ ਜ਼ਮੀਨ ਵਿਚ ਕਈ ਚਰਾਗਾਹਾਂ ਹਨ ਜਿਥੇ ਪਿੰਡ ਦੇ ਪਸ਼ ਘਾਹ ਚਰਦੇ ਹਨ । ਮੇਰਾ ਪਿੰਡ ਬੇਸ਼ਕ ਇਕ ਛੋਟਾ ਜਿਹਾ ਪਿੰਡ ਹੈ ਪਰ ਇਹ ਵਿਗਿਆਨ ਦੀ ਉਨਤੀ ਰਾਹੀਂ ਬਹੁਤ ਤਰੱਕੀ ਕਰ ਗਿਆ ਹੈ । ਹੌਲੀ ਹੌਲੀ ਕੱਚੇ ਘਰ ਘੱਟ ਹੁੰਦੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਥਾਂ ਪੱਕੇ ਮਕਾਨਾਂ ਨੇ ਲੈ ਲਈ ਹੈ । ਹੁਣ ਹਰ ਘਰ ਵਿਚ ਟਰੈਕਟਰ ਆਮ ਦਿਸਦੇ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਹਰ ਘਰ ਹੁਣ ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਹੁੰਦਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ । ਖੇਤਾਂ ਵਿਚ ਟਿਊਬਵੈੱਲ ਆਮ ਲੱਗ ਗਏ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਹੁਣ ਫ਼ਸਲ ਦੀ ਪੈਦਾਵਾਰ ਚੌਗੁਣੀ ਹੋਣ ਲੱਗ ਪਈ ਹੈ। ਨਵੇਂ ਢੰਗ ਦੀ ਖੇਤੀ ਕਰਨ ਨਾਲ ਵੀ ਫਸਲ ਦੀ ਪੈਦਾਵਾਰ ਵੱਧ ਗਈ ਹੈ। ਮੇਰੇ ਪਿੰਡ ਦਾ ਹਰ ਘਰ ਖੁਸ਼ਹਾਲ ਹੈ । ਪਿੰਡ ਦੇ ਨੇੜੇ ਹੀ ਖੇਤ ਹਨ ਜਿਸ ਕਾਰਨ ਸ਼ੁਧ ਅਤੇ ਸਾਫ਼ ਹਵਾ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਆਉਂਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ । ਪਿੰਡ ਇਉਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਕੁਦਰਤ ਦੀ ਗੋਦ ਵਿਚ ਹੋਵੇ। ਪਿੰਡ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਾਦੀ ਤੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਦਿਲਾਂ ਨੂੰ ਮੋਹ ਲੈਂਦੀ ਹੈ । ਸਾਰੇ ਲੋਕ ਰੱਬ ਤੋਂ ਡਰਦੇ ਹਨ, ਕਦੇ ਕਿਸੇ ਗਰੀਬ ਗੁਰਬੇ ਨੂੰ ਨਜਾਇਜ਼ ਤੰਗ ਨਹੀਂ ਕਰਦੇ। ਸਾਰੇ ਪਿੰਡ ਦੇ ਲੋਕ, ਪੂਰਨ ਭਾਈਚਾਰੇ ਨਾਲ ਰਹਿੰਦੇ ਹਨ | ਇਉਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਜਿਵੇਂ ਪਿੰਡ ਵਿਚ ਹੀ ਸਵਰਗ ਹੋਵੇ । ਸਾਡੇ ਪਿੰਡ ਵਿੱਚ ਵਸਦਾ ਹੈ ਰੱਬ ਲੋਕੋ ।
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| 19100. |
Solution for water pollution |
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Answer» Answer: Explanation: Surface runoff of pesticides, herbicides, and fertilizers into water bodies changes a water body's natural ecosystem. These chemicals can kill plants, insects, and animals in and around the affected waters, as well as create an environment that is costly to recover. Additionally, the reach of the contaminated water is magnified when one considers that water flows from one source to another until it reaches the ocean. With each populated area that contaminated water passes, it picks up more chemicals and pollutants. The polluted water also often makes its way into the water tables and the public water system, which means it's in the drinking water you access. dirt handsThe simplest solution for water pollution prevention is to be responsible with any chemical use: Read and explicitly follow the directions for mixing and use. Use organic options whenever possible. Check your local stormwater division for suggestions. Prevent spills. As spills are generally accidental, prepare in advance to contain and absorb the solution if there is a spill. Don't leave the unused chemicals exposed to weather. Dispose of the leftover chemicals and container properly per the product instructions, or check with your local municipality. Do not apply near water systems such as wells, streams, lakes, or curb inlets/drains. *Note: these guidelines also apply to other chemicals, such as oil and even soaps and detergents. Water Pollution Solution #2 - Minimize Stormwater Runoff eco matWhether a small home-based project or a large commercial construction project with a little advanced planning, you can minimize water pollution from stormwater runoff on your property or site and avoid costly fines. Any soil that's exposed without some sort of erosion control in place is subject to wind and water erosion. Even though sediment erosion is a natural form of water pollution, it has more of an impact than you realize. Sediment in an aquatic environment screens out sunlight, changes the water temperatures, inhibits photosynthesis (which leads to the decline of plant growth), disrupts the food chain, and ultimately leads to a decline of species in the water ecosystem. Depending on the duration of exposure, there are several practical choices available for protecting exposed soil: Seed, even if just temporarily, or sod the exposed area. Surround the area with properly installed Silt Fence to contain and control the erosion. Or cover the exposed area with any combination of: Natural fabric, such as Coir Coconut Fiber and STRAW Netting, blankets or rolls Geotextile Fabric Rip rap (such as gravel) *Note: It is best to use an underlayment of geotextile in conjunction with these water pollution solutions. Water Pollution Solution #3 - Filter Runoff filter runoffWhere stormwater lands in ditches or culverts, a check dam or Ditch Check can be used to filter the runoff, preventing sediment pollution and trash from exiting the property. Standing waters such as ponds, trenches, and holding areas can be filtered using Dewatering Products (pictured right) where water is pumped into the bag, capturing any sediment and releasing the water. Water Pollution Solution #4 - Contain Spills spill clean upAlthough a small leak from your car or a storage drum may seem minor, it is extremely important to absorb or contain those spills to keep them from entering the watershed as harmful pollutants. Secondary containment berms and basins HELP catch and contain hazmat leaks and spills for proper DISPOSAL. Products such as Foam Wall Spill Berms allow access for vehicles to drive onto the berm to contain leaky vehicles, while there are also Mini Spill Berms to store drums, paint containers, fuel tanks, or other hazmat materials. Absorbent boom, pads, and socks are another solution for both land based and water spills. While working with ANY hazardous materials, it's smart to always keep Spill Kits and Absorbents nearby to quickly absorb oil, chemicals, or fuel. They can be placed on or around spills, or underneath DRIPS to prevent further spreading. Because oil cannot dissolve in water, spilled oil can turn into sludge which is ingested by marine mammals, clings to feathers of BIRDS, suffocates fish, blocks sunlight for plants, and ultimately impacts the entire food chain. The most publicized oil spills are often those which occur in the ocean, however, freshwater oil spills are much more common and more directly impact humans and our environments. To stop an oil spill in water from spreading, floating containment boom is designed to block the spread of oil and contain it to a manageable area. Once contained, oil skimmers can be used to remove the oil that floats on the water. |
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