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| 1. | दिए गए पद्यांशों को फ्ढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिएकह न ठंडी साँस में अब भूल वह जलती कहानी,आग हो उर में तभी दृग में सजेगा आज पानी;हार भी तेरी बनेगी मानिनी जय की पताका,राख क्षणिक पतंग की है अमर दीपक की निशानी !है तुझे अंगार-शय्या पर मृदुल कलियाँ बिछाना !जाग तुझको दूर जाना !(i) उपर्युक्त पद्यांश के शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।(iii) इस पद्यांश से कवयित्री का आशय स्पष्ट कीजिए।(iv) किसकी राख अमर दीपक की भाग बनकर अमर हो जाती है?(v) ‘क्षणिक’ शब्द से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए। | 
| Answer» (i) प्रस्तुत पद्यांश श्रीमती महादेवी वर्मा द्वारा रचित सान्ध्यगीत नामक कविता-संग्रह से हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘काव्यांजलि’ में संकलित ‘गीत 1′ शीर्षक कविता से उद्धृत है। | |