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लेनी हुंड़ी और देनी हुंडी अर्थात् क्या ?

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लेनी हंडी और देनी हंडी (Bills Receivable and Bills Payable):

हुंडी को मुख्यतः दो रूप में पहचाना जाता है :

  1. लेनी हुंडी (लेय विपत्र)
  2. देनी हुंड़ी (देय विपत्र)

जिस व्यक्ति या व्यापारी को अन्य व्यक्ति या ग्राहक के पास से रकम वसूल करनी हो तब व्यक्ति सामनेवाली व्यक्ति या ग्राहक पर हुंडी लिखता है । सामनेवाला व्यक्ति या ग्राहक उस हुंडी का स्वीकार करता है । यहाँ जो व्यक्ति हुंड़ी लिखता है उसके लिये यह लेनी हुंडी और जो व्यक्ति हुंडी स्वीकार करता है उसके लिये वह देनी हुंडी कहलाती है । अर्थात् लेनदार के लिये लेनी हंडी और देनदार के लिये वह देनी हुंड़ी कहलायेगी ।

उदाहरण के लिये – आकांक्षा को अदिति के पास से 15,000 रु. लेना है । यहाँ आकांक्षा 15,000 रु. की हुंड़ी अदिति पर लिखेगी और अदिति उसे स्वीकार करेगी । यह हुंडी आकांक्षा के लिये लेनी हुंडी और अदिति के लिये देनी हुंड़ी कहलायेगी।

लेनी हुंड़ी यह हुंड़ी लिखनेवाली की संपत्ति गिनी जायेगी, जबकि देनी हुंड़ी यह हुंडी स्वीकार करनेवाली की जिम्मेदारी गिनी जायेगी । अगर हुंड़ी लिखनेवाला और राशि प्राप्त करनेवाला व्यक्ति एक ही हो तब हुंडी लिखनेवाले के लिये लेनी हुंडी और स्वीकार करनेवाले . के लिये देनी हुंडी कहलाती है । परंतु हुंडी लिखनेवाला और प्राप्त करनेवाला व्यक्ति अलग हो तब जो व्यक्ति हंडी धारण करता है उस व्यक्ति के लिये भी वह लेनी हंडी गिनी जाती है । आर्थिक चिट्ठा में लेनी हंडी को चालू संपत्ति के रूप में जबकि देनी हंडी चालू दायित्व के रूप में दर्शायी जाती है ।



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