1.

सुविधाजनक या सहायतार्थ हुंड़ी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।

Answer»

सुविधाजनक या सहायतार्थ हुंड़ी (Accommodation Bill) :

इस प्रकार की हुंडी का मुख्य आशय लेनदेन का भुगतान पूरा करना नहीं परंतु एकदूसरे की मदद करना है इसलिये उसे सुविधाजनक या सहायतार्थ हंडी कहा जाता है । माल की खरीद-बिक्री से उत्पन्न लेनदार-देनदार के संबंधों का अंत लाने के लिये इस हंडी का. उपयोग किया जाता है । व्यापारियों के बीच लेनदार-देनदार के संबंध न हो परंतु थोड़े समय के लिये रकम की आवश्यकता हो तब बाजार में शाख और प्रतिष्ठा रखनेवाले व्यापारी एकदूसरे को रकम की सुविधा-मदद करने के लिये हुंड़ी एक पक्ष लिखकर दूसरा पक्ष उसे स्वीकार करता है । इस हुंडी को बैंक या शराफ के पास भुनवाकर राशि प्राप्त कर ली जाती है । पकने की तारीख के । पहले हुंडी भुनानेवाला हुंड़ी स्वीकर्ता को रकम भेजता है और हुंडी स्वीकर्ता बैंक या शराफ को रकम चुका देता है । इस प्रकार, कुछ समय के लिये व्यापारी अपने रकम का संकट को दूर करता है ।

कितनी बार हंडी भुनवाकर दोनों पक्ष (भुनानेवाला और स्वीकार करनेवाला) रकम को बाँट लेते है । उसी प्रकार बट्टे का खर्च भी आपस में बाँट लेते है । इसमें दो पक्षकारों के बीच कोई लेनदार या देनदार का संबंध नहीं होता । यहाँ हुंडी किसी भी प्रकार के प्रतिफल के बगैर लिखी जाती है और स्वीकार की जाती है । सुविधाजनक हुंडी की पहचान बहुत कठिन हैं । इसमें लिखना, स्वीकार करना, अवधि, रकम चुकाने का आदेश आदि व्यापारी हुंड़ी जैसा ही होता है । यह हुंड़ी व्यापारी हुंड़ी है या सुविधाजनक उसकी जानकारी सामान्य रूप से केवल हुंडी के पक्षकारों को ही होती है ।



Discussion

No Comment Found