InterviewSolution
| 1. |
नियंत्रण का अर्थ एवं इसके लक्षण समझाइए । |
|
Answer» प्रस्तावना : संचालन के कार्यों में से अंकुश एक महत्त्वपूर्ण कार्य है । संचालन के द्वारा निर्धारित हेतु के अनुसार आयोजन तैयार किया जाता है । आयोजन के अनुसार व्यवस्थातंत्र एवं कर्मचारी व्यवस्था की नियुक्ति की जाती है । कर्मचारियों को तैयार किए गए आयोजन के अनुसार आदेश दिए जाते हैं । परन्तु दिए गए आदेश के अनुसार कार्य हुआ या नहीं, नहीं हुआ तो क्यों नहीं ? इसकी देखरेख्न रखना उच्चस्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी बनती है । अत: अंकुश रखना अनिवार्य बनता है । अंकुश से कार्य सरल एवं आनेवाली कठिनाईयों का निराकरण सरल बनता है । परिभाषा : अंकुश की अलग-अलग लेखकों के द्वारा परिभाषाएँ दी गई है । इनमें से महत्त्वपूर्ण लेखकों की परिभाषाएँ निम्नलिखित (1) श्रीमती मेरी सी. नाइल्स के मतानुसार, ‘आयोजन के परिपालन में आनेवाली कठिनाइयों को दूर करने की प्रक्रिया अर्थात् अंकुश ।’ लक्षण : अंकुश के लक्षण निम्नलिखित है : (1) आयोजन के साथ सम्बंध (Related to Planning) : इकाई के निश्चित उद्देश्य के अनुसार आयोजन तैयार किया जाता है । आयोजन में निश्चित की गई योजनाओं के अनुसार कार्य करवाने का आधार अंकुश पर है । अतः आयोजन एवं अंकुश जुड़वाँ बालक के समान है। (2) संचालन का अंतिम कार्य (End Activity of Managment) : संचालकों के द्वारा संचालन की प्रवृत्ति करते समय सर्वप्रथम आयोजन तैयार किया जाता है । आयोजन के अनुसार व्यवस्थातंत्र की रचना, इसके बाद कर्मचारी व्यवस्था, दिशा-निर्देश इसके पश्चात का कार्य अंकुश का है । प्रवृत्तियों का प्रारम्भ होने के बाद ही अंकुश रखा जाता है । (3) सतत प्रक्रिया (Continuous Process) : अंकुश आयोजन की तरह सतत प्रक्रिया है । कर्मचारी साधनों एवं प्रवृत्तियों पर निरन्तर नियमित निरीक्षण रखना आवश्यक है तथा आनेवाले विवादों को दूर किया जाता है । जिससे आयोजन के अनुसार प्रवृत्ति की जाए । (4) रचनात्मक प्रवृत्ति (Positive Activity) : कर्मचारियों के द्वारा की जानेवाली प्रवृत्तियों में रुकावट पैदा करना अंकुश कहलाता है । परन्तु ऐसा नहीं वास्तव में कर्मचारियों के द्वारा कार्य आयोजन के अनुसार हो इसका मार्गदर्शन प्रदान करना अंकुश है । (5) गतिशील प्रक्रिया (Dynamic Process) : अंकुश कोई स्थिर प्रक्रिया नहीं है । इकाई में होनेवाले आंतरिक एवं बाहरीय परिवर्तनों के साथ-साथ अंकुश की प्रक्रिया में भी परिवर्तन किया जाता है । (6) व्यक्तिलक्षी (Personal Process) : संचालन यह मानवी प्रवृत्ति है । सम्पूर्ण प्रवृत्ति मानव के द्वारा की जाती है । मानव के द्वारा की जानेवाली प्रवृत्ति पर अंकुश मानव के द्वारा ही रखा जाता है । (7) आंतरिक प्रक्रिया (Internal Process) : इकाई की सीमा में रहकर की जानेवाली प्रवृत्ति आंतरिक प्रवृत्ति कहलाती है । जैसे आयोजन तैयार करना, कर्मचारियों को कार्य सौंपना इत्यादि अन्य प्रवृत्तियों की देखरेख के लिए व्यक्तियों की नियुक्ति की जाती है । अत: यह आंतरिक प्रक्रिया है । (8) संचालन के प्रत्येक स्तर पर होनेवाला कार्य (Controlling at Every All Level of Management) : अंकुश का कार्य संचालन के प्रत्येक स्तर पर होता है, न कि किसी एक विभाग के लिए । प्रत्येक संचालक संचालन की प्रवृत्ति करते समय कम या ज्यादा योग्य प्रमाण में अपने सहायक कर्मचारियों पर देखरेख्न रखता ही है । (9) भविष्य के साथ सम्बंध (Related to Future) : अंकुश के द्वारा इकाई में की जानेवाली प्रवृत्ति का मूल्यांकन करके आनेवाले विवादों को दूर किया जाता है । अंकुश के द्वारा भूतकाल में हुई भूलों का पुनरावर्तन भविष्य में न हो उसका विशेष ध्यान रखा जाता है । अतः यह भविष्य के साथ संबंध रखती है । (10) विधेयात्मक प्रवृत्ति (Positive) : अंकुश विधेयात्मक प्रवृत्ति है । अंकुश द्वारा कर्मचारियों के कार्य में विलम्ब, मानसिक त्रास, आर्थिक दण्ड, डिमोशन नहीं किया जाता है । सिर्फ कर्मचारी द्वारा कार्य करते समय आनेवाली दुविधाओं को दूर करना, नुकसान को कम करना, भूतकाल की गलतियों के पुनरावर्तन को रोकना ही मुख्य हेतु है । (11) नियंत्रण औपचारिक या अनौपचारिक हो सकता है : इकाई में व्यवस्थातंत्र व उत्पादन प्रवृत्ति के संदर्भ में नियंत्रण की व्यवस्था औपचारिक स्वरूप में स्थापित की जाती है, परन्तु समयान्तर में अनौपचारिक स्वरूप की नियंत्रण व्यवस्था भी विकसित होती |
|