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नियंत्रण की उपयोगिता, महत्त्व, लाभ स्पष्ट कीजिए ।

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संचालन के प्रत्येक कार्य की सफलता का आधार अंकुश ही है । इकाई में आयोजन के अनुसार निश्चित की गई योजनाओं के अनुसार कार्य का निरीक्षण अंकुश द्वारा सरल बनता है । अंकुश के द्वारा कर्मचारियों को कार्य सौंपने में सरलता रहती है । अंकुश से कर्मचारी आयोजन या आदेश के अनुसार कार्य कर रहा है या नहीं इसके निरीक्षण का कार्य सरल बनता है । कर्मचारियों के द्वारा कार्य करते समय आनेवाली बाधायें, कठिनाईयों को अंकुश द्वारा दूर कर सकते हैं । अत: जिन इकाईयों में अंकुश का कार्य सक्रिय या नियमित नहीं किया जाता वह इकाई बिना चालक के वाहन समान है ।

महत्त्व :

  • उद्देश्य की सफलता में सहायक : इकाई की स्थापना के समय निश्चित किए गए उद्देश्यों के अनुसार आयोजन तैयार किया जाता है । आयोजन के अनुसार कार्य करवाने की जिम्मेदारी अंकुश की है ।
  • प्रभावपूर्ण आयोजन : आयोजन भूतकाल के अनुभव एवं भविष्य के अनुमानों के आधार पर वर्तमान में निश्चित उद्देश्य को पूर्ण करवाने के लिए तैयार की गई योजनाएँ आयोजन में दर्शाई जाती हैं । आयोजन के अनुसार आदेश कर्मचारियों को दिए जाते है । कर्मचारी के द्वारा आयोजन के अनुसार हो रहा है । यह अंकुश का कार्य है ।
  • रूकावटों को दूर करता है : अंकुश भविष्य के लिए की जाने वाली प्रक्रिया है । कर्मचारियों को भविष्य में कार्य करते समय आनेवाली आंतरिक एवं बाहरीय परिवर्तनो से कार्य में होने वाली स्थगितता को अंकुश दूर करता है । तथा सुधारात्मक कार्य करता है । जिससे भविष्य में कार्य के विलम्बों को दूर करने वाली प्रक्रिया है ।
  • दिशा-निर्देश कार्य में सरलता : अंकुश द्वारा मूल्यांकन का कार्य सरल बनता है । कर्मचारियों के द्वारा की जानेवाली प्रवृत्तियों में आनेवाली कठिनाईयों को दूर करने के लिए योग्य दिशा-निर्देश दिए जाते हैं । जिससे दिशा-निर्देश कार्य सरल बनता है ।
  • विविध खर्च पर अंकुश : इकाई के अलग-अलग विभागो में की जानेवाली प्रवृत्तियों में होने वाले खर्च पर अंकुश रखा जा सकता है । जिससे इकाई की प्रति इकाई के लाभ में वृद्धि सम्भव बनती है ।
  • लाभ में वृद्धि : अंकुश के द्वारा अनावश्यक खर्च पर अंकुश रखा जाता है । जिससे साधनों के उपयोग में योग्य खर्च किया जाता है । जिससे इकाई के लाभ में वृद्धि सम्भव बनती है ।
  • मालसामग्री के नुकसान में कमी : अंकुश के द्वारा इकाई के विभागों में की जानेवाली प्रवृत्तियों में उपयोगी मालसामग्री में अनावश्यक खर्च एवं नुकसान में कमी देखने को मिलती है ।
  • संकलन में सहायक : इकाई के अलग-अलग विभागो की प्रवृत्तियों में अंकुश रखने से संकलन का कार्य सरल बनता है । सभी विभाग की प्रवृत्तियों में सातत्य बना रहता है ।
  • कार्य का मूल्यांकन : इकाई में पूर्व निर्धारित मापदण्डो अथवा प्रमाणों द्वारा वास्तविक परिणामों को मापा जा सकता है तथा कार्यों का मूल्यांकन किया जा सकता है ।
  • अधिकार सौंपने के लिये जरूरी : अधिकार सौंपने हेतु नियंत्रण जरूरी है । कर्मचारी को कार्य सौंपने के बाद उन पर देखरेख रखने का दायित्व उनके अधिकारी पर आता है । उच्च अधिकारी अधिकार को सौंप सकता है परन्तु उत्तरदायित्व को सौंप नहीं सकता ।
  • कार्यक्षमता का बेरोमीटर : धन्धाकीय इकाई में नियंत्रण का कार्य जितना निश्चित उतनी संचालन की कार्यक्षमता अधिक । इससे नियंत्रण को संचालन की कार्यक्षमता मापने का बेरोमीटर कहा जाता है ।


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