InterviewSolution
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राज्य सरकार किन कार्यों के लिए खर्च करती है ? |
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Answer» राज्य सरकार जनता को सीधे असर करनेवाले कार्य जैसे : शिक्षण, कानून व्यवस्था के लिए खर्च करता है । |
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जे. एम. केइन्स ने किस अंदाजपत्र की सिफारिश की थी ? |
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Answer» जे. एम. केइन्स ने असंतुलित अंदाजपत्र की सिफारिश की थी । |
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संतुलित बजट पर संक्षिप्त में टिप्पणी लिखिए : |
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Answer» जब सरकार को प्राप्त आय सरकार द्वारा किए जानेवाले कुल खर्च के बराबर हो, अथवा जिस अंदाजपत्र में तमाम सरकारी खर्च उस वर्ष की प्राप्त महसूली आय से पूरा (बराबर) किया जाता हो, तो उस बजट को संतुलित बजट कहा जाता है । संतुलित बजट एक आदर्श बजट होता है । संतुलित बजट का अर्थतंत्र में हुए कुल खर्च पर कोई असर नहीं पड़ता है । इसलिए आर्थिक प्रवृत्ति पर भी उसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता । प्रति वर्ष आय-खर्च को बराबर रखनेवाला बजट आर्थिक स्थिति को प्रभावित करने की बजाए तटस्थ रहता है । इस प्रकार यदि सरकार खर्च न भी करती हो और कर न भी वसूल करती हो, तो उस स्थिति में समाज का कुल खर्च जितना हो सकता है उतना ही खर्च चालू रहता है । क्योंकि संतुलित बजट उसे प्रभावित नहीं करता । |
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अंदाजपत्र के प्रकारों को संक्षिप्त में समझाइए । |
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Answer» अंदाजपत्र के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं : (1) संतुलित अंदाजपत्र (2) असंतुलित अंदाजपत्र : (1) संतुलित अंदाजपत्र : कुल आय और कुल खर्च समान हो तो उसे संतुलित अंदाजपत्र कहते हैं । ऐसा अंदाजपत्र व्यवहारिक नहीं है । (2) असंतुलित अंदाजपत्र : जब अंदाजित आय और अंदाजित खर्च समान न हो तब असंतुलित अंदाजपत्र का जन्म होता है । यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है । (i) घाटेवाला अंदाजपत्र : सरकार का अंदाजित खर्च जब सरकार की अंदाजित आय से अधिक हो तो उसे घाटेवाला अंदाजपत्र कहते हैं । |
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असंतुलित अंदाजपत्र के प्रकार कितने और कौन-कौन से है ? |
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Answer» असंतुलित अंदाजपत्र के दो प्रकार हैं :
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संतुलित अंदाजपत्र की सिफारिश किसने की ?(A) एडम स्मिथ(B) मार्शल(C) केईन्स(D) हिक्स |
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Answer» सही विकल्प है (A) एडम स्मिथ |
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लाभवाले अंदाजपत्र के लाभ बताइए । |
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Answer» लाभवाले अंदाजपत्र के लाभ निम्नानुसार है :
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किस अर्थशास्त्री ने संतुलित अंदाजपत्र की सिफारिश की ? |
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Answer» एडम स्मिथ नामक अर्थशास्त्री ने संतुलित अंदाजपत्र की सिफारिश की । |
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लाभवाले अंदाजपत्र का अर्थ समझाकर लाभ-हानि की चर्चा कीजिए । |
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Answer» अंदाजित खर्च की अपेक्षा अंदाजित आय अधिक हो ऐसे अंदाजपत्र को लाभवाला अंदाजपत्र कहते हैं । ऐसा अंदाजपत्र विशेष करके विकसित देशों में देखने को मिलता है । यहाँ सरकार का खर्च कम और आय अधिक होती है । लाभवाले अंदाजपत्र के लाभ :
लाभवाले अंदाजपत्र की हानियाँ :
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संतुलित और असंतुलित अंदाजपत्र के लाभ और हानियाँ बताइए । |
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Answer» अंदाजपत्र के मुख्य रूप से दो प्रकार हैं : (1) संतुलित अंदाजपत्र (1) संतुलित अंदाजपत्र : हिसाबी पद्धति के अनुसार सभी अंदाजपत्र संतुलित ही होते हैं । कारण कि उनकी दोनों ओर मुद्राकीय मूल्य दर्शाया जाता है । परंतु आय और खर्च के वास्तविक अंदाज के अनुसार संतुलित अंदाजपत्र अर्थात् ऐसा अंदाजपत्र जहाँ सरकार का अंदाजित खर्च उसकी अंदाजित आय जितना ही होता है । यह आदर्श स्थिति जहाँ सरकार खर्च और आय का अंदाज समान होता है । विकासशील देशों के लिए ऐसा अंदाजपत्र बिनव्यवहारिक होता है । संतुलित अंदाजपत्र के लाभ-हानि निम्नानुसार हैं : लाभ :
हानियाँ :
(2) असंतुलित अंदाजपत्र : असंतुलित अंदाजपत्र में अंदाजित समय और अंदाजित खर्च समान न हो तो असंतुलन स्थापित होता है । जिससे असंतुलन दो प्रकार की हो सकती है –
लाभ :
हानियाँ :
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वस्तुओं और सेवाओं कर के अमलीकरण को विस्तार से समझाइए । |
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Answer» भारत में संवैधानिक सुधार के बाद 1 जुलाई, 2017 से राज्य और केन्द्र सरकार द्वारा वसूले जानेवाले 17 जितने परोक्ष कर के स्थान पर वस्तु और सेवाकर वसूली शुरू हुई । GST के अमलीकरण को समझने के लिए निम्नलिखित बातें महत्त्वपूर्ण हैं : (1) वस्तुओं और सेवाओं कर काउन्सिल की स्थापना : केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा वसूले जानेवाले कर अलग-अलग परोक्ष कर अलग-अलग प्रकार से निश्चित किये जाते थे । इसलिए इस विसंगतता को दूर करने के लिए GST लागू किया गया । जिसका अध्यक्ष भारत के वित्तमंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री उसके सदस्य होते हैं । प्रति तीन महीने काउन्सिल की मीटिंग होती है । कर से सम्बन्धित यह काउन्सिल सुझाव देती है । (2) GST की दर : GST की दर आरम्भ के सोपान में पाँच प्रकार की दर निश्चित की गई है :
इन वस्तुओं और सेवाओं में : (a) मानव उपयोग के लिए अल्कोहोलिक लीकर और |
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