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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

9901.

Differentiate between flush end and cohesive end of DNA.

Answer»

Flush End: Some restriction enzymes cut the strands of DNA through the centre resulting in blunt end or flush end or symmetric cuts.

Cohesive End: Some restriction enzymes cut the strands in a way producing protruding and recessed ends known as cohesive end or sticky end or asymmetric cuts.

9902.

Write an palindrome sequence of DNA.

Answer»

5′ … CATTATATAATG … 3′ 

3′ … GTAATATATTAC … 5′

9903.

True or False :1. All electronic products must have ISI mark.2. A silver bowl will have BIS mark.3. Woolmark is also used for cotton clothes.4. Green dot enclosed in green square is printed on wrappers of non-vegetarian food.5. It is inappropriate to buy medicines without expiry date.6. Buying a product along with its bill is compulsory.

Answer»

1. False

2. True

3. False

4. False

5. True

6. False

9904.

Explain the following concept:Written sources

Answer»

Those authentic evidences or proof of the ancient period which are in written form are called written sources of history, e.g. Documents of proceedings in Courts of kings, genealogies, Shakavali, correspondence, dispatches, treatises, biographies, travelogues, chronicles, Tavarikh, etc.

9905.

Explain the following concept:Material sources

Answer»

Those authentic material evidences or proofs of the ancient period which support our study of historical events are called material sources of history, e.g. memorials, buildings, cave sculptures, inscription, coins, copper, plates, forts, etc.

9906.

How do coins narrate history?

Answer»

(i) The coins made by different rulers using metals like gold, silver, copper are important sources of history.

(ii) From these coins we learn about the rulers, the period they ruled in, governance, religious ideas, personal details and use of language in that period.

(iii) Similarly, we also learn about the financial transactions and economic conditions, the advancement in metallurgy prevailing at that time.

(iv) From the images of Ram-Sita on the coins of Emperor Akbar or Shiva Parvati on the coins of Hyder Ali we see religious co-ordination of those days.

9907.

Explain the following concept :Oral sources

Answer»

We understand various aspects of folk life through folk literature traditionally passed from generation to generation and they are known as oral sources of history, e.g. Myths, Folk songs, Gatha, Shlokas, Abhangas, Powadas Proverbs, Legends, etc.

9908.

Find the odd man out:Material sources, written sources, unwritten sources, oral sources.

Answer»

unwritten sources

9909.

Find the odd man out:Owis, tarikhs, folk tales, myths.

Answer»

odd one: tarikhs

9910.

Oral sources reveal various aspects of people’s lives. Why?

Answer»

(i) Various aspects of folk life through folk literature passed on to us by our ancestors.

(ii) They are pearls of wisdom and they hold a wealth of knowledge about the past.

(iii) It throws light on the rich cultural life of the past and different art forms which were practised in those times.

9911.

Find the odd man out:Churches, Temples, Mosques, Myths

Answer»

odd is : Myths

9912.

What must history be based on?

Answer»

History must be based on authentic evidence or proofs which are known as sources of history.

9913.

What information does history give us?

Answer»

History gives us a chronological and systematic account of past events.

9914.

Classify the following into Material sources, Written sources and Oral sources of history:Ornaments, Fort, Owis, Myths, Utensils, Folk songs, Weapons, Travelogue, Well, Biographies, Clothing, Powada, Copper plate, Folk tales, Coins, Shloka, Temples, Books

Answer»
Written SourcesMaterial SourcesOral Sources
Books, Travelogue, 
Copper plate, Coins,
Temples
Ornaments, Forts,
Utensils, Weapons, Well, Clothing
Owis, Myths, Folk songs, Hearsays,
Powada, Folk tales, Shloka

9915.

जीवमण्डल निचय से क्या तात्पर्य है?

Answer»

एक संरक्षित जीवमण्डल जिसका संरक्षण इस प्रकार किया जाता है कि न केवल उसकी जैविक भिन्नता संरक्षित की जाती है अपितु इसके संसाधनों का प्रयोग भी स्थानीय समुदायों के लाभ हेतु टिकाऊ तरीके से किया जाता है।

9916.

भारत में कौन-से जीवमण्डल निचय विश्व के जीवमण्डल निचयों के लिए गए हैं?(क) मानस(ख) मन्नार की खाड़ी(ग) नीलगिरि(घ) नंदादेवी

Answer»

सही विकल्प है (घ) नंदादेवी

9917.

संक्षिप्त उत्तर वाले प्रश्न-⦁    पारिस्थितिक तंत्र किसे कहते हैं?⦁    भारत में पादपों तथा जीवों का वितरण किन तत्त्वों द्वारा निर्धारित होता है?⦁    जीवमण्डल निचय से क्या अभिप्राय है? कोई दो उदाहरण दो।⦁    कोई दो वन्य प्राणियों के नाम बताइए जो कि उष्ण कटिबंधीय वर्षा और पर्वतीय वनस्पति में मिलते हैं।

Answer»

⦁    किसी भी क्षेत्र के पादप तथा प्राणी आपस में तथा अपने भौतिक पर्यावरण से आपस में संबंधित होते हैं। और एक पारिस्थितिक तंत्र का निर्माण करते हैं। इस प्रकार पारिस्थितिक तंत्र भौतिक पर्यावरण एवं इसमें निवास करने वाले जीव-जन्तुओं की पारस्परिक निर्भरता का तंत्र है। मनुष्य भी इस पारिस्थितिक तंत्र का अभिन्न अंग है। मनुष्य वनस्पति एवं वन्य जीवों का उपयोग करता है।

⦁    भारत में पादपों एवं जीवों के वितरण को निर्धारित करने वाले तत्त्व इस प्रकार हैं-जलवायु, मृदा, उच्चावच, अपवाह, तापमान, सूर्य का प्रकाश, वर्षण आदि।

⦁    जीवमण्डल निचय-जैवविविधता को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए स्थापित क्षेत्रों को जीवमण्डल निचय कहते है। एक संरक्षित जीवमण्डल जिसका संरक्षण इस प्रकार किया जाता है कि न केवल इसकी जैविक भिन्नता संरक्षित की जाती है अपितु इसके संसाधनों का प्रयोग भी स्थानीय समुदायों के लाभ हेतु टिकाऊ तरीके से किया जाता है। उदाहरण, नीलगिरी, सुंदरबन।

⦁    उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन-लंगूर, बंदर, हाथी।।

⦁    पर्वतीय वनस्पति-घने बालों वाली भेड़, लाल पांडा, आइवेक्स।

9918.

वनों का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।

Answer»

नवीनीकरण, संसाधन वन वातावरण की प्राकृतिक गुणवत्ता को बनाए रखने और उसमें वृद्धि करने में वन महत्त्वपूर्ण वन भूमिका निभाते हैं।

निम्नलिखित कारणों से वन महत्त्वपूर्ण हैं-

⦁    ये पवन तथा तापमान को नियंत्रित करते हैं और वर्षा लाने में भी सहायता करते हैं।
⦁    इनसे मृदा को जीवाश्म मिलता है और वन्य प्राणियों को आश्रय।
⦁    ये विभिन्न उपभोक्ता सामग्री जैसे जलावन, ओषधि तथा जड़ी बूटियाँ उपलब्ध कराते हैं।
⦁    ये कई समुदायों को जीविका प्रदान करते हैं।
⦁    ये हमारे वातावरण की वायु प्रदूषण से रक्षा करने में सहायता करते हैं।
⦁    वन स्थानीय वातावरण को बदल देते हैं।
⦁    ये मृदा अपरदन को नियंत्रित करते हैं।
⦁    ये नदियों के प्रवाह को रोकते हैं।
⦁    ये बहुत सारे उद्योगों के आधार हैं।
⦁    ये मनुष्य को जड़ी-बूटी व ओषधियाँ उपलब्ध कराते हैं तथा उन्हें स्वयं को कई बीमारियों से सुरक्षित रखने में सहायता करते हैं।

9919.

स्पष्ट कीजिए कि भारत एक जैवविविधता वाला देश है?

Answer»

भारत विश्व के मुख्य 12 जैवविविधता वाले देशों में से एक है। लगभग 47000 विभिन्न जातियों के पौधे पाए जाने के कारण यह देश विश्व में दसवें स्थान पर और एशिया के देशों में चौथे स्थान पर है। भारत में लगभग 15000 फूलों के पौधे हैं जोकि विश्व में फूलों के पौधों का 6 प्रतिशत है। भारत में लगभग 89000 जातियों के जानवर तथा विभिन्न प्रकार की मछलियाँ, ताजे तथा समुद्री पानी की पाई जाती हैं।

9920.

पारिस्थितिकी तंत्र को स्पष्ट कीजिए।

Answer»

पृथ्वी पर एक जीव दूसरे जीव से अंतर्संबंधित है, एक के बिना दूसरे की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इसे पारिस्थितिकी तंत्र कहते हैं।

9921.

पारिस्थितिकी तंत्र के असन्तुलन का प्रमुख कारण बताइए।

Answer»

पारिस्थितिक तंत्र के असंतुलन का मुख्य कारण लालची व्यापारियों का अपने व्यवसाय के लिए अत्यधिक शिकार करना है। रासायनिक और औद्योगिक अवशिष्ट तथा तेजाबी जमाव के कारण प्रदूषण, विदेशी प्रजातियों का प्रवेश, कृषि तथा निवास के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई पारिस्थितिक तंत्र के असंतुलन के कारण हैं।

9922.

घनस्पति एवं प्राणी जगत की सुरक्षा क्यों आवश्यक है?

Answer»

निम्नलिखित कारणों से वनस्पति एवं प्राणी जगत की सुरक्षा करना आवश्यक है-

⦁    पौधे हमें भोजन, आश्रय तथा अन्य कई लाभदायक चीजें प्रदान करते हैं। औषधीय पादप जैसे सर्पगंधा व जामुन मानव जाति के लिए अत्यधिक महत्त्व के हैं।

⦁    प्रत्येक प्रजाति पारिस्थितिक तंत्र में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अतः उनका संरक्षण अति आवश्यक है।

⦁    पालतू पशु हमें दूध उपलब्ध कराते हैं। वे हमें मांस, अंडे, मछली आदि भी उपलब्ध कराते हैं तथा परिवहन में सहायता करते हैं।

⦁    कीट पतंगे हमारी फसलों तथा फलदार पौधों के परागण में सहायता करते हैं तथा हानिकारक कीटों पर जैविक नियंत्रण करने में सहायक हैं।

9923.

पारिस्थितिकी तंत्र का अर्थ स्पष्ट कीजिए। पारिस्थितिकी तंत्र के अंगों तथा उनकी परस्पर निर्भरता के बारे में संक्षेप में लिखिए।

Answer»

किसी क्षेत्र विशेष के समस्त पेड़-पौधे एवं जीव-जन्तु उनके भौतिक वातावरण में परस्पर निर्भर तथा एक-दूसरे से संबंधित होते हैं। इस प्रकार एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं। इस प्रकार पारिस्थितिकी तंत्र पारस्परिक निर्भरता से निर्मित भौतिक वातावरण एवं उसमें रहने वाले जीवों का तंत्र है।

पौधे, प्राणी, मनुष्य तथा वातावरण पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न अंग हैं।
पौधे पृथ्वी का प्रमुख प्राकृतिक अंग हैं जो सूर्य के प्रकाश से अपना भोजन बना सकते हैं। पौधे किसी भी देश के प्राकृतिक संसाधनों की रीढ़ हैं। किसी क्षेत्र के पादपों की प्रकृति काफी हद तक उस क्षेत्र के प्राणी जीवन को प्रभावित करती है। जब वनस्पति बदल जाती है तो प्राणी जीवन भी  बदल जाता है। मानव भी पारिस्थितिक तंत्र का एक अभिन्न अंग है। वे वनस्पति तथा वन्य जीवन का उपभोग करते हैं। किसी भी क्षेत्र के पादप तथा प्राणी आपस में तथा अपने भौतिक पर्यावरण से अंतर्संबंधित होते हैं।

9924.

भारत में शेर व बाघ कहाँ पाए जाते हैं?

Answer»

भारतीय शेरों को प्राकृतिक वास स्थल गुजरात में गिर जंगल है। बाघ मध्य प्रदेश तथा झारखंड के वनों, पश्चिम बंगाल के सुंदरबन तथा हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

9925.

ऊँचाई के अनुसार पर्वतीय वनों का वर्णन कीजिए।

Answer»

हिमालय पर्वत पर पाए जाने वाले वनों को पर्वतीय वन कहते हैं। इस क्षेत्र की वनस्पति में ऊँचाई के अनुसार अंतर पाया जाता है।

इस क्षेत्र को ऊँचाई के अनुसार निम्न वानस्पतिक क्रमों में बाँटा गया है-

⦁    शंकुधारी वन – 1,500 से 3,000 मीटर की ऊँचाई तक शंकुधारी (कोणधारी) वन पाए जाते हैं। इनकी पत्तियाँ नुकीली होती हैं। इन वनों के मुख्य वृक्ष देवदार, सीडर, स्थूस तथा सिल्वर-फर हैं। इन शंकुल वृक्षों के साथ अल्पाइन चरागाह 2,250 से 2,750 मीटर तक की ऊँचाई के मध्य पाए जाते हैं। इन चरागाहों का उपयोग ऋतु-प्रवास चराई के लिए किया जाता है। प्रमुख पशुचारक जातियाँ गुंजर तथा बकरवाल हैं।

⦁    उपोष्ण कटिबंधीय पर्वतीय वनस्पति – यह वनस्पति 1,000-2,000 मीटर की ऊँचाई तक उत्तरी-पूर्वी हिमालय एवं पूर्वी हिमालय पर पाई जाती है। इस भाग में वर्षा अधिक होती है। अतः इन वनों में सदाहरित वृक्ष पाए जाते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के ओक, चेस्टनट और चीड़ के वृक्ष पाए जाते हैं। ये सदापर्णी वन हैं।

⦁    उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन – ये वन उत्तरी-पश्चिमी हिमालय पर 1,000 मी की ऊँचाई तक पाए जाते हैं। यहाँ वर्षा की मात्रा कम होती है। इस कारण यह वृक्ष शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। इनका मुख्य वृक्ष साखू है।

9926.

देशज और विदेशज पौधों में अंतर बताइए।

Answer»

वह वनस्पति जो कि मूलरूप से भारतीय है उसे देशज’ पौधे कहते हैं लेकिन जो पौधे भारत के बाहर से आए हैं उन्हें विदेशज पौधे कहते हैं।

9927.

उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों की दो विशेषताएँ बताइए।

Answer»

उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों की दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

⦁    ये सदैव हरे-भरे रहते हैं। ये किसी ऋतु विशेष में अपनी पत्तियाँ नहीं गिराते हैं।

⦁    ये वन 200 सेमी से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में भली-भाँति पनपते हैं।

9928.

प्रवासी पक्षियों के बारे में बताइए।

Answer»

भारत के कुछ दलदली भाग प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध हैं। शीत ऋतु में साइबेरियन सारस बहुत संख्या में आते हैं। इन पक्षियों का एक मनपसंद स्थान कच्छ का रन है। जिस स्थान पर मरुभूमि समुद्र से मिलती है वहाँ लाल सुंदर कलंगी वाली फ्लैमिगोए हजारों की संख्या में आती हैं और खारे  कीचड़ के ढेर बनाकर उनमें घोंसले बनाती हैं और बच्चों को पालती हैं। देश में अनेकों दर्शनीय दृश्यों में से यह भी एक है।

9929.

भारत के उत्तरी पश्चिमी भाग में कैंटीले वन पाए जाने के दो कारण बताइए।

Answer»

भारत के उत्तरी पश्चिमी भाग में कॅटीले वन पाए जाने के कारण इस प्रकार हैं-

⦁    यह प्रदेश मरुस्थलीय है और यहाँ की मिट्टी रेतीली है।
⦁    इस प्रदेश में वर्षा बहुत कम होती है।

9930.

उष्ण कटिबंधीय वन क्यों पूरे भारत वर्ष में पाए जाते हैं?

Answer»

उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन पूरे भारत में इसलिए पाए जाते हैं क्योंकि उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन, मानसूनी वन के विशिष्ट वन हैं और भारत में भी मानसूनी जलवायु पायी जाती है।

9931.

अल्पाइन एवं मैंग्रोव वनों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।

Answer»

अल्पाइन वन – ये वन हिमालच प्रदेश में 3600 मीटर से अधिक की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। अल्पाइन वनों में कम लम्बाई वाले वृक्ष एवं झाड़ियाँ उगती हैं। बर्च इन वनों का मुख्य वृक्ष है। उसके अलावा कहीं-कहीं पर सिल्वर-फर, जूनिपर, देवदार, पाईन आदि के वृक्ष पाए जाते हैं। हिमरेखा के समीप टुण्ड्रा तुल्य वनस्पति पाई जाती है। यहाँ झाड़ियाँ तथा काई उत्पन्न होती है।

मैंग्रोव वन – ये वन तटीय प्रदेशों में नदियों के डेल्टाओं में पाए जाते हैं, इसलिए इनको डेल्टा वन भी कहते हैं। इन वनों में सुंदरी वृक्ष की प्रधानता है। अतः उन्हें सुंदरी वन भी कहते हैं। सबसे अधिक मैंग्रोव सुंदरवन डेल्टा में पाए जाते हैं।

9932.

ज्वारीय वनों की दो विशेषताएँ बताइए।

Answer»

ज्वारीय वनों की दो विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

⦁    सुंदरी नामक वृक्ष इस वन का प्रमुख वृक्ष है।

⦁    ज्वारीय वन खारे और ताजे पानी दोनों में पनप सकते हैं।

9933.

भारत में पाए जाने वाले कँटीले वनों की कोई दो विशेषताएँ बताइए।

Answer»

भारत में पाए जाने वाले कॅटीले वनों की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

⦁    इन वृक्षों के वृक्ष छितरे होते हैं।

⦁    इन वृक्षों की जड़े लम्बी होती हैं जो अरीय आकृति में फैली होती हैं।

9934.

भारत के उत्तर पश्चिमी भाग में कैंटीले वन क्यों पाए जाते हैं? दो कारण बताइए।

Answer»

भारत में कॅटीले वन उत्तर-पश्चिमी भागों में ही सीमित हैं।

यहाँ इनके पाए जाने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-

⦁    जहाँ 75 सेमी से कम वर्षा होती है, साथ ही वार्षिक और दैनिक तापांतर अधिक पाया जाता है।

⦁    ये वन कॅटीले इसलिए हैं, जिससे ये पशुओं से तथा मनुष्यों से अपनी रक्षा कर सकें। इन वनों के वृक्षों की किस्में सीमित होती हैं। कीकर, बबूल, खैर और खजूर इन वनों के उपयोगी वृक्ष हैं। इनकी जड़े लंबी और अरीय आकृति में फैली होती हैं।

9935.

सदाबहार वन पश्चिमी घाटों के पश्चिमी ढालों पर क्यों पाए जाते हैं? दो कारण बताइए।

Answer»

भारत में सदाबहार वन पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढाल पर पाए जाते हैं।

क्योंकि-

⦁    यहाँ 200 सेमी से अधिक वार्षिक वर्षा होती है।

⦁    यहाँ वर्षभर उच्च तापमान पाया जाता है। वर्षा की अधिकता एवं उच्च तापमान के कारण पश्चिमी घाट में पश्चिमी ढालों पर सदाबहार वन पाए जाते हैं।

9936.

भारत में वन्य जीवन पर संक्षिप्त लेख लिखिए।

Answer»

भारत प्राणी संपत्ति में एक सम्पन्न देश है। भारत में उच्चावच, वर्षण तथा तापमान आदि में भिन्नता के कारण जैव एवं वानस्पतिक विविधता पायी जाती है। भारत में जीवों की 89000 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यहाँ 1200 से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह कुल विश्व का 13 प्रतिशत है। यहाँ मछलियों की 2500 प्रजातियाँ हैं जो विश्व का लगभग 12 प्रतिशत है। भारत में विश्व के 5 से 8 प्रतिशत तक उभयचरी, सरीसृप तथा स्तनधारी जानवर भी पाए जाते हैं। स्तनधारी जानवरों में हाथी सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। ये असोम, कर्नाटक और केरल के उष्ण तथा आर्द्र वनों में पाए जाते हैं। एक सींग वाले गैंडे अन्य जानवर है जो पश्चिमी बंगाल तथा असोम के दलदली क्षेत्रों में रहते हैं। कच्छ के रन तथा थार मरुस्थल में क्रमशः जंगली गधे तथा ऊँट रहते हैं। भारतीय भैंसा, नील गाय, चौसिंघा, गैजल तथा विभिन्न प्रजातियों वाले हिरण आदि कुछ अन्य जानवर हैं जो भारत में पाए जाते हैं।

यहाँ बन्दरों, बाघों एवं शेरों की भी अनेक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारतीय बाघों का प्राकृतिक वास स्थल गुजरात में गिर जंगल है। बाघ मध्य प्रदेश तथा झारखंड के वनों, पश्चिमी बंगाल के सुंदरवन तथा हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। लद्दाख की बर्फीली ऊँचाइयों में याक पाए जाते हैं जो गुच्छेदार सींगों वाला बैल जैसा जीव है,जिसका भार लगभग एक टन होता है। तिब्बतीय बारहसिंघा, भारल (नीली भेड़), जंगली भेड़  तथा कियांग (तिब्बती जंगली गधे) भी यहाँ पाए जाते हैं। कहीं-कहीं लाल पांडा भी कुछ भागों में मिलते हैं। नदियों, झीलों तथा समुद्री क्षेत्रों में कछुए, मगरमच्छ और घड़ियाल पाए जाते हैं। घड़ियाल, मगरमच्छ की प्रजाति का एक ऐसा प्रतिनिधि है जो विश्व में केवल भारत में पाया जाता है। नदियों, झीलों तथा समुद्री क्षेत्रों में कछुए, मगरमच्छ और घड़ियाल पाए जाते हैं। मोर, बत्तख, तोता, सारस, पैराकीट आदि,अन्य जीव हैं जो भारत के वनों तथा आई क्षेत्रों में रहते हैं।

9937.

वन्य प्राणियों का संरक्षण क्यों आवश्यक है?

Answer»

⦁    भारत में विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु पाए जाते हैं। उनकी देखभाल न होने से जीवों की कई जातियाँ या तो लुप्त हो गयीं या विलुप्ति के कगार पर हैं। इन जीवों के महत्त्व को देखते हुए अब इनका संरक्षण आवश्यक हो गया है।

⦁    पारिस्थितिकी संतुलन में भी वन्य प्राणियों का अत्यधिक महत्त्व है। अतः इनका संरक्षण आवश्यक है।

9938.

मैंग्रोव वनों में पाए जाने वाले वृक्ष और जानवरों का उल्लेख कीजिए।

Answer»

मैंग्रोव वन में गंगा-ब्रह्मपुत्र डेल्टा में सुंदरी वृक्ष पाए जाते हैं जिनसे मजबूत लकड़ी प्राप्त होती है। नारियल, ताड़, क्योड़ा, ऐंगार के वृक्ष भी इन भागों में पाए जाते हैं। इस क्षेत्र का रॉयल बंगाल टाइगर प्रसिद्ध जानवर है। 

इसके अतिरिक्तकछुएमगरमच्छ, घड़ियाल एवं कई प्रकार के साँप भी इन जंगलों में मिलते हैं।

9939.

गंगा-ब्रह्मपुत्र के डेल्टा में ज्वारीय वन क्यों पाए जाते हैं? इन वनों की दो प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

Answer»

गंगा और ब्रह्मपुत्र के डेल्टा प्रदेश में उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वनों की भाँति ज्वारीय वन पाए जाते हैं।

ज्वारीय वनों की विशेषताएँ-

⦁    ज्वारीय क्षेत्र में ताजे पानी एवं खारे पानी की सुलभता निरंतर बनी रहती है।
⦁    डेल्टाई क्षेत्र में मृदा की उर्वरता वनों को और अधिक सघन बनाने और समृद्ध करने में सहायक होती है। इन वृक्षों की नीचे की डालियाँ भूमि में पहुँचकर जड़ों का रूप धारण कर लेती हैं। इससे सघनता और बाढ़ जाती है।

9940.

वन्य प्राणियों की लुप्त होने वाली जातियों के संरक्षण के लिए क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं? दो उदाहरण दीजिए।

Answer»

भारत में वन्य प्राणियों की लुप्त होने वाली जातियों के संरक्षण हेतु अपनाए गए उपाय इस प्रकार हैं-

⦁    विभिन्न वन्य प्राणियों की संख्या की गणना समय-समय पर की जाती है जिससे उनके घटने या बढ़ने की जानकारी प्राप्त की जा सके तथा उपचारिक कदम उठाए जा सकें।

⦁    लुप्त होने वाली जातियों का पता लगाकर उनके संरक्षण के लिए विशेष आंदोलन चलाए गए हैं जैसे प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट रिनौ, प्रोजेक्ट बस्टारड आदि।

⦁    जीव आरक्षित क्षेत्रों की स्थापना की जा रही है, जिससे वन्य प्राणियों को सुरक्षित अगली पीढ़ी को सौंपा जा सके।

9941.

पारितंत्र के संरक्षण के तीन उपाय लिखिए।

Answer»

पारितंत्र के संरक्षण के तीन उपाय इस प्रकार हैं-

⦁    हर प्रकार के प्रदूषण जैसे-वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण को रोका जाए। उपर्युक्त उपायों में सरकार के साथ मानवीय प्रयासों का विशेष महत्त्व है। उनको अपने पारितंत्र के संरक्षण में महत्त्वपूर्ण | भूमिका निभानी है।

⦁    जंगली जीवों तथा वन-संपदा के शिकार तथा काटने पर प्रतिबंध लगाया जाए।
⦁    मृदा अपरदन पर रोक लगाई जाए।

9942.

उन प्रमुख वनस्पति प्रदेशों के नाम लिखिए जिनसे आबनूस और सुंदरी वृक्ष संबंधित हैं। उन दो राज्यों के नाम लिखिए जहाँ हाथी पाए जाते हैं। प्राचीन जलोढ़क (बांगर) की दो विशेषताएँ दीजिए।

Answer»

दो वनस्पतियों के नाम-

⦁    आबनूस-उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।
⦁    सुंदरी – ज्वारीय वन।

दो राज्यों के नाम जहाँ हाथी पाये जाते हैं-

⦁    पश्चिमी बंगाल तथा
⦁    केरल

प्राचीन जलोढ़क (बांगर) की दो विशेषताएँ-

⦁    प्राचीन जलोढ़क उस क्षेत्र में मिलती है जहाँ अब बाढ़ का पानी नहीं पहुँचता।
⦁    यह कम उपजाऊ होती है।

9943.

उन प्रमुख वनस्पति प्रदेशों के नाम लिखिए जिनसे साल तथा रोजवुड वृक्ष संबंधित हैं। एक सींग वाले गैंडे कहाँ पाए जाते हैं? दो क्षेत्रों के नाम बताइए। नवीन जलोढ़क (खादर) की दो विशेषताएँ लिखिए।

Answer»

⦁    वृक्ष : वनस्पति के प्रकार
⦁    साल : उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन
⦁    रोजवुड : उष्ण कटिबंधीय वर्षा वन।

एक सींग वाले गैंडे निम्नलिखित क्षेत्रों में पाए जाते हैं-

⦁    काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क,
⦁    मानस राष्ट्रीय पार्क।

नवीन जलोढ़क की विशेषताएँ-

⦁    नवीन जलोढ़क प्रतिवर्ष बाढ़ के समय प्राप्त होती है।
⦁    यह बांगर की अपेक्षा अधिक उपजाऊ होती है।
⦁    इसमें सिंचाई के बिना भी साक् सब्जियों की खेती की जाती है।

9944.

भारत में बहुत संख्या में जीव और पादप प्रजातियाँ संकटग्रस्त हैं, उदाहरण सहित कारण दीजिए।

Answer»

भारत में बड़ी संख्या में जीव एवं पादप प्रजातियाँ संकटापन्न हैं। लगभग 1300 पादप प्रजातियाँ भारत में संकट में हैं जबकि 20 पादप प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं।

बहुत बड़ी संख्या में पादप और जीव प्रजातियों के संकटग्रस्त होने के निम्नलिखित कारण हैं-

⦁    कृषि, उद्योग एवं आवास हेतु वनों की तेजी से कटाई।
⦁    विदेशी प्रजातियों का भारत में प्रवेश।
⦁    व्यापारियों द्वारा अपने व्यवसाय के विकास के लिए जंगली जानवरों का बड़े पैमाने पर अवैध शिकार।
⦁    रासायनिक और औद्योगिक अवशिष्ट पदार्थों तथा तेजाबी जमाव के कारण जीवों की मृत्य।

वास्तव में मानव द्वारा पर्यावरण से छेड़छाड़ तथा पेड़-पौधों एवं जीवों के अत्यधिक दोहन से पारिस्थितिक सन्तुलन बिगड़ गया है। इसी कारण पेड़-पौधों तथा वन्य प्राणियों की कुछ प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

9945.

भारतीय वनस्पति एवं जैव-विविधता संरक्षण पर संक्षेप में लिखिए।

Answer»

भारतीय वनस्पति-

⦁    भारत में प्राकृतिक वनस्पति का आवरण साफ करके प्राप्त भूमि पर उद्योग तथा कृषि का विस्तार किया गया है।
⦁    भारत में लगभग 49,000 पौधों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इस दृष्टि से भारत का संसार में 10 वाँ स्थान तथा एशिया में चौथा स्थान है।
⦁    15,000 प्रजातियों के फूल वाले पौधे मिलते हैं। यह संसार का 6% है।
⦁    बिना फूल वाले पौधों में फर्न, शैवाल तथा फंजाई हैं।
⦁    उच्चावच, तापमान तथा वर्षा की विविधता के कारण यहाँ उष्ण कटिबंधीय सदाबहार (वर्षा) वनों से लेकर ध्रुवीय प्रदेश तक की वनस्पति पाई जाती है।
⦁    भारत के हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार पर देशज वनस्पति का विस्तार है जबकि 40% वनस्पति बाहर से लाकर लगाई गई है। जैव-विविधता

संरक्षण-

⦁    वन्य-प्राणियों की सुरक्षा तथा संरक्षण के उपाय किए जा रहे हैं –
⦁    संकटापन्न बने जीवों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
⦁    इनकी अब गणना की जाने लगी है।
⦁    बाघ परियोजना को सफलता मिल चुकी है।
⦁    असम में गैंडे के संरक्षण की एक विशेष योजना चलाई जा रही है। सिंहों की घटती संख्या चिंता का विषय बन गई है।

अतः आरक्षित क्षेत्रों की संख्या और उनके क्षेत्रों के विस्तार पर बल दिया जा रहा है।

⦁    वन्य-प्राणियों से हमने बहुत कुछ सीखा है। सभी प्राणी श्रमशील हैं। उनमें प्यार, लगाव, आक्रमण, सुरक्षा, सामंजस्य, साहस, समझदारी, चतुराई, क्रीड़ा, उत्सव आदि सहज भाव से पाया जाता है, जिनको मनुष्य ने उनसे सीखा और अपनाया है। अतः वन्य-जीवों का संरक्षण बहुत की आवश्यक है।
⦁    जैव-विविधता प्रकृति की धरोहर है। यह प्राकृतिक धरोहर हमारी ही नहीं अपितु भावी पीढ़ियों की भी है। इस प्राकृतिक धरोहर को भावी पीढ़ियों तक ज्यों-का-त्यों पहुँचाना प्रत्येक नागरिक का धर्म और कर्तव्य है।
⦁    प्राकृतिक परिवर्तन तथा मनुष्य के हस्तक्षेप से अनेक जीव-जातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं और कई के निकट भविष्य में विलुप्त होने का भय बना हुआ है।

9946.

भारत में उच्चावच तथा वर्षा ने प्राकृतिक वनस्पति को किस तरह प्रभावित किया है?

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भारत में उच्चावच तथा वर्षा प्राकृतिक वनस्पति के वितरण को निम्नलिखित प्रकार से प्रभावित करते हैं –

⦁    उच्चावच तथा वर्षा का सीधा संबंध है। पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक वर्षा होती है। अतः इन क्षेत्रों में सदाबहार वनों का विस्तार पाया जाता है।

⦁    जिन भागों में पठारी तथा मैदानी उच्चावच है वहाँ वर्षा सामान्य होती है और इन क्षेत्रों में पर्णपाती वनों का विस्तार मिलता है।

⦁    मरुस्थली उच्चावच में वर्षा कम होती है। अतः यहाँ कॅटीले वन तथा झाड़ियों का विस्तार है।

⦁    दलदली उच्चावचं तथा खारे और मीठे पानी के मिश्रण के क्षेत्र में सुंदरी वृक्ष उगते हैं।

9947.

भारत में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली वनस्पति के नाम बताएँ और अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली वनस्पति का ब्यौरा दीजिए।

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भारत में पायी जाने वाली प्रमुख वनस्पतियाँ इस प्रकार हैं-

⦁    उष्ण कटिबन्धीय सदाबहार वन,
⦁    उष्ण कटिबंधीय पर्णपाती वन,
⦁    उष्ण कटिबन्धीय कैंटीले वन तथा झाड़ियाँ,
⦁    पर्वतीय वन,
⦁    मैंग्रोव वन।

इन वनों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-

⦁    पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान की कमी तथा ऊँचाई के साथ-साथ प्राकृतिक वनस्पति में भी अंतर दिखाई देता है। वनस्पति में जिस प्रकार का अंतर हम उष्ण कटिबंधीय प्रदेशों से टुंड्रा की ओर देखते हैं उसी प्रकार का अंतर पर्वतीय भागों में ऊँचाई के साथ-साथ देखने को मिलता है।
⦁    1000 मी से 2000 मी तक की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में आई शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। इनमें चौड़ी पत्ती वाले ओक तथा चेस्टनट जैसे वृक्षों की प्रधानता होती है।
⦁    1500 से 3000 मी की ऊँचाई के बीच शंकुधारी वृक्ष जैसे चीड़, देवदार, सिल्वर-फर, स्पूस, सीडर आदि पाए जाते हैं।
⦁    ये वन प्रायः हिमालय की दक्षिणी ढलानों, दक्षिण और उत्तर-पूर्व भारत के अधिक ऊँचाई वाले भागों में पाए जाते हैं।
⦁    अधिक ऊँचाई पर प्रायः शीतोष्ण कटिबंधीय घास के मैदान पाए जाते हैं। प्रायः 3600 मी से अधिक ऊँचाई पर शीतोष्ण कटिबंधीय वनों तथा घास के मैदानों का स्थान अल्पाइन वनस्पति ले लेती है। सिल्वर-फर, जूनिपर, पाइन व बर्च इन वनों के मुख्य वृक्ष हैं।

9948.

रबड़ का संबंध किस प्रकार की वनस्पति से है?(क) टुंड्रा(ख) हिमालय(ग) मैंग्रोव(घ) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन

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सही विकल्प है (घ) उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वन

9949.

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –(क) शीतकाल में ____ के पक्षी भारत के मैदान में प्रवास करते हैं।(ख) बोरियल वन केवल _____ में पाए जाते हैं।(ग) काई, लाईकन और बर्च ____ प्रदेश की वनस्पतियाँ हैं।(घ) टैगा प्रदेश में ____वन पाए जाते हैं।(ङ) फिनलैण्ड के टुण्ड्रा निवासियों को ____ कहते हैं।(च) टुण्डा निवासी शिकार के लिए जिस नाव का प्रयोग करते हैं, उसे ____ कहते हैं।

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(क) शीतकाल में साइबेरिया के पक्षी भारत के मैदान में प्रवास करते हैं।
(ख) बोरियल वन केवल उत्तरी गोलार्द्ध में पाए जाते हैं।
(ग) काई, लाईकन और बर्च टुण्डी प्रदेश की वनस्पतियाँ हैं।
(घ) टैगा प्रदेश में शंक्वाकार वन पाए जाते हैं।
(ङ) फिनलैण्ड के टुण्ड्रा निवासियों को लैप कहते हैं।
(च) टुण्डा निवासी शिकार के लिए जिस नाव का प्रयोग करते हैं, उसे कयाक कहते हैं।

9950.

आपने एक टेनिस गेंद, क्रिकेट गेंद, संतरा एवं लौकी को देखा होगा। इनमें से कौन-सी वस्तु की आकृति पृथ्वी की आकृति से मिलती-जुलती है? आपने इस विशेष वस्तु को पृथ्वी की आकृति को वर्णित करने के लिए क्यों चुना है?

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टेनिस गेंद, क्रिकेट गेंद, संतरा एवं लौकी में से पृथ्वी की आकृति से मिलती-जुलती आकृति वाली वस्तु संतरा है। संतरा पृथ्वी की आकृति के समान ही सिरों पर चपटा है। इसलिए पृथ्वी की आकृति को वर्णित करने के लिए इसका चुनाव तर्कसंगत है।