This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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सॉर्बिक अम्ल और प्रोपिओनिक अम्ल हैं। (i) प्रतिऑक्सीकारक (ii) खाद्य परिरक्षक (iii) पोषक पूरक (iv) अपमार्जक |
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Answer» (ii) खाद्य परिरक्षक |
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एक ऐसे पदार्थ का उदाहरण दीजिए जिसे पूतिरोधी तथा संक्रमणहारी दोनों प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। |
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Answer» फीनॉल का 0.2% विलयन पूतिरोधी का कर्य करता है जबकि 1% विलक्नविसंक्रामी का कार्य करता है। |
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मॉरुला तथा ब्लास्टुला में एक अन्तर लिखिए। |
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Answer» मॉरुला कोशिकाओं से बनी ठोस गेंद सदृश रचना होती है, इसके विपरीत ब्लास्टुला में कोरक गुहा या ब्लास्टोसील नामक गुहा का निर्माण हो जाता है। |
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ब्लास्टुला अवस्था में भ्रूण को सर्वप्रथम गर्भाशय से जोड़ने का कार्य निम्न में से कौन-सी झिल्ली करती है? (क) एम्निओन (ख) अपरा/कोरियोन (ग) ऐलेन्टॉयस (घ) योक सैक |
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Answer» (ख) अपरा/कोरियोन |
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भ्रूण के मीजोडर्म स्तर द्वारा निर्मित किन्हीं चार अंगों के नाम लिखिए। |
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Answer» त्वचा की डर्मिस, संयोजी ऊतक, वृक्क, जनद, हृदय, रक्त वाहिनियाँ तथा लसीका वाहिनियाँ, नोटोकॉर्ड तथा अन्त:कंकाल। |
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कृत्रिम शुक्रसंसेचन पर टिप्पणी लिखिए। |
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Answer» इसमें परिरक्षित शुक्राणु द्वारा स्त्री की फैलोपियन नलिका से लिए गए अण्डाणु का परखनली में निषेचन किया जाता है। इसके पश्चात् युग्मनज को स्त्री के गर्भाशय में रोपित कर दिया जाता है। इस प्रकार की सन्तान को परखनली शिशु कहते हैं। |
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| 10957. |
डेटॉल के प्रमुख संघटक कौन-से हैं? |
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Answer» डेटॉल क्लोरोजाइलिनोल तथा α -टरपीनिऑल का मिश्रण होता है। |
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सही अथवा गलत कथनों को पहचानें – 1. पुंजनों (एन्ड्रोजेन्स) का उत्पादन सटली कोशिकाओं द्वारा होता है। (सही/गलत) 2. शुक्राणु को सटली कोशिकाओं से पोषण प्राप्त होता है। (सही/गलत) 3. लीडिंग कोशिकाएँ, अण्डाशय में पायी जाती हैं। (सही/गलत) 4. लीडिंग कोशिकाएँ पूंजनों (एन्ड्रोजेन्स) को संश्लेषित करती हैं। (सही/गलत) 5. अण्डजनन पीत पिंड (कॉपर्स ल्यूटियम) में सम्पन्न होता है। (सही/गलत) 6. सगर्भता (प्रेगनेंसी के दौरान आर्तव चक्र (मेन्सट्रअल साइकिल) बंद होता है। (सही/गलत) 7. योनिच्छद (हाइमेन) की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति कौमार्य (वर्जिनिटी) या यौन अनुभव का विश्वसनीय संकेत नहीं है।(सही/गलत) |
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Answer» 1. गलत 2. सही 3. गलत 4. सही 5. गलत 6. सही 7. सही। |
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आपातकालीन ग्रन्थि का नाम लिखिए। |
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Answer» ऐड्रीनल मेड्यूला को आपातकालीन ग्रन्थि कहते हैं। |
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यौवनारम्भ क्या है? इस अवस्था में बालक एवं बालिकाओं के शरीर में होने वाले परिवर्तन का उल्लेख कीजिए। |
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Answer» यौवनारम्भ भौतिक परिवर्तनों की वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बालकों का शरीर एक वयस्क शरीर के रूप में विकसित होता है तथा उनमें प्रजनन एवं निषेचन की क्षमता भी विकसित हो जाती है। बालक के यौवनारम्भ पर उत्पन्न लक्षण बालक के शरीर में यौवनावस्था (puberty) प्रारम्भ होने के समय (लगभग 15-18 वर्ष) से ही निम्नलिखित लक्षण विकसित होने लगते हैं – 1. शरीर की सुडौलता – शरीर अधिक मजबूत, मांसपेशीयुक्त, सुडौल, अधिक शक्तिशाली होने लगता है; कन्धे अधिक चौड़े हो जाते हैं तथा वृद्धि के कारण लम्बाई बढ़ने लगती है। 2. शरीर पर बाल – चेहरे पर मूंछ और बाद में दाढ़ी के बाल निकलने लगते हैं, वृषण कोषों आदि पर तथा उनके आस-पास बाल निकल आते हैं। 3. आवाज का भारीपन – आवाज में काफी परिवर्तन आने लगता है। यह भारी होने लगती है तथा | इसकी दृढ़ता में भी बढ़ोतरी होती है। उपर्युक्त परिवर्तन गौण लैंगिक लक्षण कहलाते हैं तथा वृषणों में बनने वाले नर हॉर्मोन, टेस्टोस्टेरोन के कारण सम्भव होते हैं जो प्रारम्भ में लगभग 20 वर्ष की आयु तक अधिक मात्रा में स्रावित होता है और अनेक शारीरिक लक्षणों में परिवर्तन लाता है। बालिका के यौवनारम्भ पर उत्पन्न लक्षण बालिकाओं में रजोधर्म प्रारम्भ होने से पूर्व होने वाले परिवर्तनों में अण्डाशयों तथा उनके सहायक अंगों का विकास सम्मिलित है। पीयूष ग्रन्थि से उत्पन्न जनद प्रेरक हॉर्मोन्स इन कार्यों को 11 से 13 वर्ष की उम्र में प्रेरित करने लगते हैं और अण्डाशये के अन्दर उपस्थित पुटिकाओं से एस्ट्रोजेन्स (हॉर्मोन्स) स्रावित होने लगते हैं, फलस्वरूप यौवनारम्भ (puberty) के लिए परिवर्तन होने लगते हैं। इन्हीं के प्रभाव से निम्नलिखित गौण लैंगिक लक्षण भी विकसित होते हैं – 1. स्तनों की वृद्धि तथा सुडौल होना (इनमें दुग्ध ग्रन्थियों का बनना आदि भी)। 2. बाह्य जननांगों; जैसे–योनि, लैबिया, भगशिश्न आदि का समुचित विकास। 3. श्रोणि भाग का चौड़ा होना तथा नितम्बों का भारी होना। 4. बगल तथा जननांगों (भगद्वार) आदि के आस-पास बालों का उगना। 5. स्वभाव में शीतलता तथा आवाज का महीन होना। 6. मासिक स्राव एवं आर्तव चक्र का प्रारम्भ होना। |
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प्राणियों में प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भ्रूणीय विकास में उदाहरण सहित अन्तर बताइए। या प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भ्रूणीय विकास क्या हैं ? इनके उदाहरण दीजिए। |
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Answer» जाइगोट से शिशु निर्माण तक जो भी परिवर्तन होते हैं, उन्हें भ्रूणीय विकास (embryonic development) कहते हैं। भ्रूणीय विकास दो प्रकार का होता है – 1. परोक्ष भूणीय विकास (Indirect Embryonic Development) – जब परिवर्द्धन (development) के बाद अण्डे से निकला जन्तु सामान्य शिशु से काफी भिन्न होता है और फिर यह रूपान्तरण (metamorphosis) के द्वारा सामान्य शिशु में परिवर्तित होता है, ऐसे परिवर्द्धन को परोक्ष या अप्रत्यक्ष विकास कहते हैं। अण्डे से निकले जन्तु को विकास की शिशु प्रावस्था (larval stage) कहते हैं। इस प्रकार का परिवर्द्धन मुख्यत: अकशेरुकी जन्तुओं तथा अन्य कुछ कशेरुकी, विशेषत: मेंढक तथा अन्य उभयचरों में पाया जाता है। इनमें भ्रूण के पोषण के लिए पीत (yolk) की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। 2. प्रत्यक्ष भूणीय विकास (Direct Embryonic Development) – इस प्रकार के विकास में अण्डे से निकला जीव अथवा नवजात शिशु रचना में वयस्क प्राणि के समान ही होता है जिनमें जनन परिपक्वता (sexual maturity) नहीं होती। इनमें आयु के साथ-साथ शरीर की वृद्धि तथा जनन परिपक्वता आ जाती है तभी यह प्रौढ़ होता है। ऐसे भ्रूणीय विकास को प्रत्यक्ष भ्रूणीय विकास कहते हैं। इनमें भ्रूण के पोषण के लिए अधिक पीत (yolk) पाया जाता है। इस प्रकार का विकास घोंघों, पक्षियों, सरीसृपों तथा सभी स्तनियों में पाया जाता है। मानव में मादा आँवल (placenta) के द्वारा भ्रूण को पोषण देती है, यही कारण है कि इस प्रकार के जन्तुओं में एक बार में कम सन्ताने उत्पन्न होती हैं। |
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शुक्राणुजनन क्या है? संक्षेप में शुक्राणुजनन की प्रक्रिया का वर्णन करें। |
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Answer» नर युग्मक (शुक्राणुओं) की निर्माण प्रक्रिया, शुक्रजनन कहलाती है। वृषण की जनन उपकला के अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा शुक्राणु बनते हैं। यह क्रिया निम्न प्रकार होती है – (अ) स्पर्मेटिड का निर्माण – यह क्रिया अग्रलिखित उप चरणों में पूरी होती है – 1. गुणन प्रावस्था (Multiplication Phase) – प्राथमिक जनन कोशिकाएँ समसूत्री विभाजन के द्वारा विभाजित होती हैं तथा स्पर्मेटोगोनिया बनाती हैं। ये सभी कोशिकाएँ द्विगुणसूत्री (diploid) होती हैं। 2. वृद्धि प्रावस्था (Growth Phase) – स्पर्मेटोगोनिया नर्सिंग कोशिकाओं से खाद्य पदार्थ ग्रहण करके आकार में बड़ी हो जाती हैं तथा इस अवस्था को प्राथमिक स्पर्मेटोसाइट कहते हैं। यह अवस्था भी द्विगुणसूत्री होती है। 3. परिपक्वन प्रावस्था (Maturation Phase) – प्राथमिक स्पर्मेटोसाईट में एक अर्धसूत्री विभाजन होता है जिससे द्विगुणित कोशिकाएँ बनती हैं जिन्हें द्वितीयक स्पर्मेटोसाइट कहते हैं। प्रत्येक द्वितीयक स्पर्मेटोसाइट में समसूत्री विभाजन होता है। अतः प्रत्येक प्राथमिक स्पर्मेटोसाइट से 4 कोशिकाएँ बनती हैं, जिन्हें स्पर्मेटिड कहते हैं। (ब) स्पर्मेटिड का कायान्तरण – स्पर्मेटिड में कुछ परिवर्तन होते हैं जिनके द्वारा शुक्राणु बनता है। ये परिवर्तन निम्न हैं – 1. न्यूक्लिअस ठोस हो जाता है। स्पर्मेटिड से RNA निकलने के कारण केंद्रक आगे की तरफ नुकीला हो जाता है, न्यूक्लिओलस (nucleolus) तथा प्रोटीन खत्म हो जाती है। 2. माइटोकॉण्ड्रिया (mitochondria) दूरस्थ सेन्ट्रीओल के चारों तरफ एकत्रित होकर एक आवरण बना लेता है जो शुक्राणुओं को ऊर्जा देता है। गॉल्जीकाय केंद्रक के अग्र भाग पर एक्रोसोम में परिवर्तित हो जाता है। 3. दूरस्थ सेन्ट्रीओल एक्सोनीमा बनाता है। 4. अधिकतर कोशिकाद्रव्य नष्ट हो जाता है, लेकिन इसका कुछ भाग शुक्राणु की पूँछ के चारों तरफ एक पर्त बना लेता है। उपर्युक्त सभी क्रियाएँ सटली कोशिकाओं के जीवद्रव्य में होती हैं। परिपक्व शुक्राणु शुक्रजनक नलिका की गुहा में छोड़ दिए जाते हैं तथा वहाँ से निकलकर लगभग 18-24 घण्टे एपीडाइडीमस (epididymus) में रहते हैं। |
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शुक्राणुजनन एवं वीर्यसेचन (स्परमिएशन) की परिभाषा लिखिए। |
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Answer» शुक्राणुजनन (Spermatogenesis) – वृषण में शुक्राणुजन कोशिकाओं से शुक्राणुओं (sperms) के बनने की क्रिया शुक्राणुजनन कहलाती है। शुक्राणुजन कोशिकाओं से अचल स्पर्मेटिड्स का निर्माण तीन अवस्थाओं में होता है, इन्हें क्रमशः गुणन प्रावस्था, वृद्धि प्रावस्था तथा परिपक्वन प्रावस्था कहते हैं। अचल स्पर्मेटिड्स (Spermatids) के चल शुक्राणुओं (motile sperms) में बदलने की प्रक्रिया को शुक्राणुजनन या शुक्राणु-कायान्तरण (spermiogenesis) कहते हैं। वीर्यसेचन (Spermiation) – शुक्राणु कायान्तरण के पश्चात् मुक्त शुक्राणुओं के शीर्ष सलीकोशिकाओं (sertoli cells) में अन्त:स्थापित (embedded) हो जाते हैं। शुक्रजनक नलिकाओं से शुक्राणुओं के मोचित (released) होने की प्रक्रिया को वीर्यसेचन (spermiation) कहते हैं। |
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एक माह में मानव अण्डाशय से कितने अण्डे मोचित होते हैं? यदि माता ने समरूप जुड़वाँ बच्चों को जन्म दिया हो तो आप क्या सोचते हैं कि कितने अण्डे मोचित हुए होंगे? क्या आपका उत्तर बदलेगा यदि जन्मे हुए जुड़वाँ बच्चे द्विअण्ड यमज थे? |
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Answer» एक माह में मानव अण्डाशय से सिर्फ एक अण्डा मोचित होता है। समरूप जुड़वाँ बच्चों का जन्म होने पर भी एक माह में एक ही अण्डा मोचित हुआ होगा। द्विअण्ड यमज के सन्दर्भ में एक माह में दो अण्डे मोचित हुए होंगे। |
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| 10965. |
पुरुष की सहायक नलिकाओं एवं ग्रन्थियों के प्रमुख कार्य क्या हैं? |
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Answer» पुरुष की सहायक नलिकाओं के प्रमुख कार्य निम्न हैं – 1. ये वृषण से शुक्राणुओं को मूत्र मार्ग द्वारा बाहर लाती हैं। 2. ये शुक्राणुओं का संग्रह करती हैं। पुरुष की सहायक ग्रन्थियों के प्रमुख कार्य निम्न हैं – 1. पुरस्थ द्रव का स्राव करना जो शुक्राणुओं को सक्रिय करता है। 2. काउपर्स ग्रन्थि चिपचिपा तरल स्रावित करती है जो योनि को चिकना बनाता है। 3. नर हार्मोन उत्पन्न करना। |
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हमारे समाज में पुत्रियों को जन्म देने का दोष महिलाओं को दिया जाता है। बताएँ कि यह क्यों सही नहीं है? |
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Answer» स्त्री में XX गुणसूत्र तथा पुरुष में XY गुणसूत्र पाये जाते हैं। जब स्त्री का X गुणसूत्र तथा पुरुष का Y गुणसूत्र मिलते हैं तो पुत्र (XY) उत्पन्न होता है। इसके विपरीत स्त्री का X गुणसूत्र तथा पुरुष का X गुणसूत्र मिलने पर पुत्री (XX) उत्पन्न होती है। अतः उत्पन्न संतान का लिंग निर्धारण पुरुष के गुणसूत्र द्वारा होता है न कि स्त्री के गुणसूत्र से। चूंकि पुरुष में 50% X तथा 50% Y गुणसूत्र होते हैं। अतः पुरुष के गुणसूत्र का X या Y होना ही सन्तान के लिंग के लिए उत्तरदायी है। उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि पुत्रियों को जन्म देने का दोष महिलाओं को देना सर्वदा गलत है। |
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आप क्या सोचते हैं कि कुतिया जिसने 6 बच्चों को जन्म दिया है, के अण्डाशय से कितने अण्डे मोचित हुए थे? |
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Answer» 6 अण्डे मोचित हुए थे। |
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शुक्राणुजनन की प्रक्रिया के नियमन में शामिल हॉर्मोनों के नाम बताइए। |
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Answer» शुक्राणुजनन की प्रक्रिया के नियमन में निम्न हॉर्मोन शामिल होते हैं – 1. गोनेडोट्रॉपिन रिलीजिंग हार्मोन (GRH) 2. ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) 3. फॉलिकल स्टीमुलेटिंग हार्मोन (FSH) 4. एन्ड्रोजेन (Androgen) 5. इनहिबिन |
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शिशुजन्म के बाद कौन-सा हॉर्मोन दूध मुक्त करता है? उसका स्रोत बताइए। |
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Answer» शिशुजन्म के बाद प्रोलेक्टिन (prolactin) हॉर्मोन दूध मुक्त करता है तथा एक अन्य हॉर्मोन दूध को स्तन से बाहर निकलने को उद्दीपित करता है। इसका स्रोत पीयूष ग्रन्थि है। |
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| 10970. |
वृषण तथा अण्डाशय के बारे में प्रत्येक के दो-दो प्रमुख कार्यों का वर्णन कीजिए। |
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Answer» वृषण के कार्य 1. वृषण में जनन कोशिकाओं से शुक्रजनन (spermatogenesis) द्वारा शुक्राणुओं (sperms) का निर्माण होता है। 2. वृषण की सर्टोली कोशिकाएँ (Sertoli cells) शुक्रजन कोशिकाओं तथा शुक्राणुओं का पोषण करती हैं। 3. वृषण की अन्तराली कोशिकाओं से एन्ड्रोजन (androgens) हॉर्मोन्स स्रावित होते हैं, ये द्वितीयक लैंगिक लक्षणों (secondary sexual characters) के विकास को प्रभावित करते हैं। अण्डाशय के कार्य 1. a. अण्डाशय की जनन कोशिकाओं से अण्डजनन द्वारा अण्डाणुओं (ova) का निर्माण होता है। b. अण्डाशय की ग्राफियन पुटिका (Graafian follicle) से एस्ट्रोजन हॉर्मोन (estrogen hormone) स्रावित होता है, यह अण्डोत्सर्ग (ovulation) को प्रेरित करता है। 1. अण्डाशय में बनी संरचना कॉर्पस ल्यूटियम (corpus luteum) से स्रावित प्रोजेस्टेरोन(progesterone) हॉर्मोन गर्भाशय में निषेचित अण्डाणु को स्थापित करने में सहायक होता है। |
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प्रसव (पारट्यूरिशन) क्या है? प्रसव को प्रेरित करने में कौन-से हॉर्मोन शामिल होते हैं? |
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Answer» गर्भकाल पूरा होने पर पूर्ण विकसित शिशु का माता के गर्भ से बाहर आना, प्रसव (पारट्यूरिशन) कहलाता है। इस दौरान गर्भाशयी तथा उदरीय संकुचन होते हैं व गर्भाशय फैल जाता है। जिससे गर्भस्थ शिशु बाहर आ जाता है। प्रसव का प्रेरण ऑक्सिटोसिन, एस्ट्रोजेन व कॉर्टिसोल नामक हार्मोन करते हैं। |
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निषेचन किसे कहते हैं ? |
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Answer» नर तथा मादा युग्मक के युग्मन की क्रिया को निषेचन कहते हैं। |
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Write the full form of IUCD, AIDS, HIV, OC. |
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Answer» IUCD : Intra-Uterine Contraceptive Device HIV : Human Immunodeficiency Virus AIDS = Acquired Immune Deficiency Syndrome OC = Oral Contraceptive |
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बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। |
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Answer» प्रकृति में फलों एवं बीजों का प्रकीर्णन वायु, जल तथा जन्तुओं द्वारा होता है। चिलबिल तथा द्विफल (मेपिल) जैसे पौधों के पंखयुक्त बीज, घासों के हल्के बीच अथवा महार के रोगयुक्त बीज और सूरजमुखी के रोगयुक्त फल हवा द्वारा उड़-उड़कर दूर तक चले जाते हैं। नारियल आदि फलों के आवरण तंतुमय (रेशेदार) होते हैं ताकि वे जल में तैरते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान तक जा सकें। पीपल, बरगद जैसे वृक्षों के बीच पक्षियों द्वारा दूर-दूर तक पहुँचाए जाते हैं। दरअसल पक्षी इनके फलों को खाते हैं मगर बीज पचा नहीं पाते और बीट के द्वारा बाहर आ जाते हैं। यही बीज उगकरं नए पौधे बन जाते हैं। कुछ काँटेदार पौधों के बीज हुकनुमा होते हैं जिससे जन्तुओं के शरीर से चिपक जाते हैं और दूर-दूर तक पहुँच जाते हैं। कुछ पौधों जैसे-मटर, अरण्ड आदि के फल झटके से फट जाते हैं जिससे बीज प्रकीर्णित हो अपने पादप से दूर जाकर गिरते हैं। |
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| 10975. |
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-(क) जनक पौधों के कायिक भागों से नए पौधों का उत्पन्न होना ____ जनन कहलाता है।(ख) जिन फूलों में केवल नर या केवल मादा जनन अंग होते हैं वे ____ पुष्प कहे जाते हैं।(ग) परागकोष से परागकणों का वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरण की क्रिया ____ कहलाती है।(घ) नर और मादा युग्मकों का युग्मन ____ कहलाता है।(ङ) बीज का प्रकीर्णन वायु, जल और ____ के द्वारा होता है। |
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Answer» (क) जनक पौधों के कायिक भागों से नए पौधों का उत्पन्न होना कायिक/वर्धी जनन कहलाता है। |
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| 10976. |
IUCD, HIV, AIDS, और OC को विस्तारपूर्वक लिखिए। |
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Answer» • IUCD – इन्टरायुटेराइन कॉन्ट्रासेवटिव डिवाइसेज। • HIV – ह्युमन इम्युनो वाइरस। • AIDS – एक्वायर्ड इम्युनो डेफिसेंसी सिड्रोंम। • OC – ओरल कॉन्ट्रासेवटिव । |
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| 10977. |
अजुबा अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है-(1) तना(2) पत्ती(3) जड़(4) पुष्प |
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Answer» सही विकल्प है (2) पत्ती |
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परागकण का वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरण कहलाता है-(1) निषेचन(2) परागण(3) जनन(4) फल का बनना |
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Answer» सही विकल्प है (2) परागण |
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| 10979. |
पौधे के जनन अंग है-(1) जड़(2) तना(3) फूल |
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Answer» सही विकल्प है (4) फूल |
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| 10980. |
स्व-परागण तथा पर-परागण में अन्तर लिखिए। |
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Answer» जब परागकण अपने ही पुष्प के वर्तिकाग्र पर अथवा उसी पौधे के दूसरे पुष्प के स्ववर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं तो यह क्रिया परागण कहलाती है। यदि किसी पुष्प के परागकण निकलकर उसी जाति के अन्य पौधे के पुष्पों के वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं तो ये क्रिया पर-परागण कहलाती है। |
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| 10981. |
किन्हीं तीन उभयलिंगी जीवों के नाम लिखिए। |
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Answer» 1. फीताकृमि 2. केंचुआ 3. सितारा मछली । |
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जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के जीवित रहने के लिए किस प्रकार उतरदायी हैं? |
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Answer» जीवों में विभिन्नता ही उन्हें प्रतिकूल परिस्थितियों में बने रहने में सहायक हैं। शीतोष्ण जल में पाए जाने वाले जीव़ परिस़्िथतिक तं़त्ऱ के अनुकुल जीवित रहते है। यदि वैश्विक उष्मीकरण के कारण जल का ताप बढ जाता हैं तो अधिकतर जीवाणु मर जाएगें, परन्तु उष्ण प्रतिरोधी क्षमता वाले कुछ जीवाणु ही खुद को बचा पाएगें और वृद्धि कर पाएगें । अतः जीवों में विभिन्नता स्पीशीज की उतरजीविता बनाए रखने में उपयोगी हैं । |
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| 10983. |
गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं |
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Answer» गर्भधारण युकितयाँ गर्भधारण को रोकने हेतु अपनाई जाती है | जीव प्रजनन क्रिया करते है एंव जीवों की वृद्धि करते है इस प्रकार यदि यह क्रिया निरंतर चलती रहे तो पृथ्वी पर जनसंख्या विस्फोट हो जाए इसके अतिरिक्त गर्भधारण के समय स्त्री के शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है | अतः अधिक बार यह क्रिया उसके लिए हानिकारक हो सकती है | इस प्रकार गर्भ निरोधक युकितयाँ परम आवश्यक है | |
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| 10984. |
नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है।(1) निषेचन(2) परागण(3) जनन(4) बीज निर्माण |
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Answer» सही विकल्प है (1) निषेचन |
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एक-कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है ? |
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Answer» एक – कोशिक जीवों में सरल संरचना होती है अतः उनमें अलैंगिक प्रजनन होता है तथा जनन के लिए विशेष अंग नंही होते | इनमे जनन दो तरह से होता है – द्विखंदन तथा बहुविखंडन | बहुकोशिकीय जीवों में जटिल सरंचना के कारण जनन तंत्र होते है अतः उनमें लैंगिक प्रजनन भी होता है तथा अलैंगिक भी | |
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| 10986. |
आर्वत-चक्र के मध्य में यदि मैथुन सम्पन्न हो तभी निचेषन संभव हैैं। कारण स्पष्ट किजिए। |
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Answer» आर्वत-चक्र के मध्य में यदि मैथुन सम्पन्न हो तभी निचेषन संभव हैैं। कारण स्पष्ट है क्योकि आर्वत – चक्र के मध्य में अंडाशय से अंडाणु का उत्सर्जन होता है। अंडोत्सर्ग चक्र के 11वें से 16 वें दिन के बीच होता है। इसी आवर्त-चक्र के मध्य में अंडाणु गर्भाशय में उपस्थित रहता है निषेचन के लिए अंडाशय में अंडाणु का उपस्थित होना आवश्यक है। |
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| 10987. |
Calculate the molecular masses of the following compounds: (a) Methanol CH3OH (b) Ethanol, C2H5OH |
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Answer» (a) Molecular mass of Methanol(CH3OH) = 1xC + 3xH + 1xO +1xH = (12+3+16+1)u = 32u (b) Molecular mass of Ethanol (C2H5OH) = 2xC + 5xH + 1xO +1xH = (24 + 5 + 16 + 1) = 46u |
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Atomic number is the number of ______ present in the nucleus of an atom. (A) electrons (B) protons (C) neutrons (D) particles |
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Answer» Correct answer is (B) protons |
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| 10989. |
Second and third period of modern periodic table contain ______ elements each. (A) 7 (B) 8 (C) 9 (D) 10 |
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Answer» Correct answer is (B) 8 |
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The _____ period in modern periodic table is the shortest period containing only 2 elements. (A) seventh (B) second (C) first (D) sixth |
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Answer» Correct answer is (C) first first
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______ is the longest period in modern periodic table which contains 32 elements. (A) Fourth period (B) Fifth period (C) Sixth period (D) Seventh period |
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Answer» Correct answer is (C) Sixth period |
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The element Eka-aluminium in Mendeleev’s periodic table is known as ______ in the modern periodic table. |
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Answer» The element Eka-aluminium in Mendeleev’s periodic table is known as Gallium in the modern periodic table. |
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| 10993. |
The element Eka-silicon in Mendeleev’s periodic table is known as ______ in the modern periodic table. |
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Answer» The element Eka-silicon in Mendeleev’s periodic table is known as Germanium in the modern periodic table. |
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State the merits of Mendeleev’s periodic table. |
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Answer» Merits of Mendeleev’s periodic table: i. Mendeleev was the first to successfully classify all known elements. ii. Mendeleev’s periodic table had some vacant spaces in it. These were for elements that were yet to be discovered. iii. Mendeleev predicted properties of these elements even before they were discovered, which were later found to be correct. iv. When noble gases were discovered later, they were placed in Mendeleev’s periodic table without disturbing the positions of other elements. |
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| 10995. |
What are the demerits of Mendeleev’s periodic table? |
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Answer» Demerits of Mendeleev’s periodic table: i. No fixed position was given to hydrogen because it resembled alkali metals as well as halogens. ii. Isotopes of same element have different atomic masses. So each of these isotopes should be given different position. But isotopes which were chemically similar had to be given same position. iii. At certain places, an element of higher atomic mass has been placed before an element of lower mass. Eg. Cobalt (Co = 58.93) is placed before nickel (Ni = 58.71). iv. Some elements placed in the same subgroup had different properties. Eg. Manganese (Mn) is placed with halogens which totally differ in the properties. |
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______ is an incomplete period. (A) Seventh period (B) Fourth period (C) Sixth period (D) Fifth period |
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Answer» Correct answer is (A) Seventh period |
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In Whittaker’s ‘Five Kingdom Classification’, eukaryotes were assigned to(A) Only two of the five kingdoms (B) Only three of the five kingdoms (C) Only four of the five kingdoms (D) All the five kingdoms |
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Answer» Correct option: (C) Only four of the five kingdoms In five kingdom classification of Whittaker, eukaryotes were assigned to only four of the five kingdom. Prokaryotes are included in kingdom – monera. Correct answer is option:(C) Only four of the five kingdoms There are Five kingdoms namely: 1)Monera (prokaryotes) 2)Protista (eukaryotes) 3)Fungi (eukaryotes) 4)Plantae (eukaryotes) 5)Animalia (eukaryotes)
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| 10998. |
A scientist having made significant contribution in the field of classification is(A) Pasteur (B) Oparin (C) Darwin (D) Linnaeus |
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Answer» Correct option: (D) Linnaeus (D)Linnaeus
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| 10999. |
Distinguish between the following pairsMendeleev’s periodic table and Modern periodic table |
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Answer»
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| 11000. |
______ is on the extreme right of the periodic table and contains inert gases. (A) Group 9 (B) Group 17 (C) Group 18 (D) Group 16 |
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Answer» Correct answer is (C) Group 18 |
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