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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

18551.

मुन्दरबाई उदास क्यों थी?

Answer»

मुन्दरबाई को उस दिन युद्ध में मारे जाने का आभास हो गया था इसलिए वह उदास थी।

18552.

बसंती बेटे के साथ कहाँ आई थी?

Answer»

बसंती नगर में अपने पुत्र के घर आई थी।

18553.

बुजुर्ग बसंती को किस का पत्र मिला?

Answer»

बुजुर्ग बसंती को नगर में उच्च पद पर नौकरी करने वाले अपने पुत्र का पत्र मिला था।

18554.

“आर्य समाज ने भारत को धर्म, शिक्षा एवं राजनीतिक चेतना के क्षेत्र में बहुत कुछ प्रदान किया।” स्पष्ट कीजिए।

Answer»

हिन्दू धर्म और समाज में व्याप्त बुराईयों को समाप्त करने में आर्य समाज का विशेष योगदान है। आर्य समाज की स्थापना स्वामी दयानन्द द्वारा 1875 ई० में हुई थी। उन्नीसवीं शताब्दी का काल समाज में घोर असमानता और अन्याय का युग था। भारतीय लोग अनेक रूढ़ियों और आडम्बरों के कारण पतन की ओर उन्मुख हो रहे थे। ऐसे समय में स्वामी दयानन्द ने आर्य समाज की स्थापना कर, उनका उद्धार किया। उन्होंने हिन्दुओं को प्रेम, स्वतन्त्रता, सच्ची ईश्वर-भक्ति एवं हिन्दू संस्कृति के प्रति सम्मान का भाव रखने की प्रेरणा दी।

शिक्षा के क्षेत्र में दयानन्द का भी उल्लेखनीय योगदान रहा। उनके अनुयायियों के सहयोग से स्थान-स्थान पर डी०ए०वी० स्कूलों, गुरुकुलों एवं कन्या पाठशालाओं की स्थापना की गई। उन्होंने आश्रम-व्यवस्था को महत्व दिया। उनका मानना था कि वर्ण-व्यवस्था को गुण व कर्म के अनुसार ही मानना चाहिए। ये छुआछूत, बालविवाह, कन्या वध, पर्दा प्रथा जैसी कुरीतियों के विरोधी थे। दयानन्द ने राष्ट्रीय जागरण के क्षेत्र में स्वभाषा, स्वधर्म और स्वराज्य पर बल दिया। इनका मानना था कि समस्त ज्ञान वेदों में ही नीहित हैं, इसलिए ‘पुनः वेद की ओर चलो’ का नारा दिया। दयानन्द पहले भारतीय थे, जिन्होंने सभी व्यक्तियों को (शूद्रों एवं स्त्रियों को भी) वेदों के अध्ययन एवं इसकी व्याख्या करने का अधिकार दिया।

आर्यसमाज का राजनीतिक जागृति में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। दयानन्द सरस्वती की जीवनी के एक लेखक ने उनके बारे में लिखा है दयानन्द का लक्ष्य राजनीतिक स्वतन्त्रता था। वास्तव में वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने ‘स्वराज’ शब्द का प्रयोग किया। वे प्रथम व्यक्ति थे, जिन्होंने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करना तथा स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करना सिखाया। वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा स्वीकार किया।” आर०सी० मजूमदार ने लिखा है- “आर्य-समाज प्रारम्भ से ही उग्रवादी सम्प्रदाय था। उसका मुख्य स्रोत तीव्र राष्ट्रीयता था।” इस प्रकार आर्य समाज ने हिन्दू धर्म और संस्कृति की श्रेष्ठता का दावा करके हिन्दू सम्मान के गौरव की रक्षा की तथा हिन्दू जाति में आत्मविश्वास एवं स्वाभिमान को जन्म दिया। इससे भारतीय राष्ट्रीयता के निर्माण में सहयोग मिला।

इस प्रकार आर्य समाज ने भारत को धर्म, समाज, शिक्षा और राजनीतिक चेतना के क्षेत्र में बहुत कुछ प्रदान किया है। इसी कारण ब्रह्म समाज आन्दोलन प्रायः समाप्त हो गया है। रामकृष्ण मिशन का प्रभाव समाज के शिक्षित और उदार-वर्ग तक सीमित है, आर्य समाज अभी तक न केवल एक जीवित आन्दोलन है, अपितु हमारे समाज के छोटे और निम्न से निम्न वर्ग तक उसकी पहुँच है और एक सीमित क्षेत्र में आज भी उसे एक जन-आन्दोलन स्वीकार किया जा सकता है।

18555.

बसंती की पड़ोसन कौन थी?

Answer»

बसंती की पड़ोसन रेशमा थी।

18556.

इस कविता को पढ़िए‘दुख की पिछली रजनी बीच विकसता सुख का नवल प्रभात;एक परदा यह झीना नील छिपाये है जिसमें सुख गात।जिसे तुम समझे हो अभिशाप, जगत की ज्वालाओं का मूल;ईश का वह रहस्य वरदान, कभी मत इसको जाओ भूल।विषमता की पीड़ा से व्यस्त हो रहा स्पंदित विश्व महान;यही दुख-सुख-विकास का सत्य यही भूमा का मधुमय दान।”(क) कविता में आए कठिन शब्दों के अर्थ शब्दकोश से ढूंढकर लिखिए।(ख) इस कविता का सार अपने शब्दों में लिखिए।(ग) कविता पर अपने साथियों से पूछने के लिए प्रश्न बनाइए।(घ) कविता को उचित शीर्षक दीजिए।

Answer»

(क) रजनी-रात; नवल-नया; प्रभात-सवेरा; गात-शरीर; ज्वाला-अग्नि; स्पंदित-धड़कता, जीवित; भूमा-ऐश्वर्य

(ख) कवि कहता है कि दुख की रात्रि में ही कहीं सुख का नया सवेरा जन्म लेता है। यह एक झीना परदा है जिसने दुख रूपी नीले निशान के पीछे सुख रूपी शरीर छिपा रखा है। जिसे मनुष्य अभिशाप समझता। वही जगत की ज्वाला रूपी जीवन का मूल होता है। ईश्वर के इस रहस्य रूपी वरदान को भूलना नहीं चाहिए। जीते जागते विशाल विश्व में अनेक विषमताएँ हैं जो जग की पीड़ा का कारण हैं। दुख या सुख के विकास का सत्य है और यही ऐश्वर्य का दान है।​​

(ग)
  • दुख की पिछली रजनी बीच विकसता सुख का नवल प्रभात से कवि को क्या तात्पर्य है?
  • जग की पीड़ा के क्या कारण हैं?
(घ) सुख-दुख।
18557.

बसंती क्या सोचकर बेटे के साथ शहर आई?

Answer»

बसंती को अपने पुत्र पर भरोसा था। फिर भी पड़ोसन के डराने से वह मन ही मन भयभीत थी। अगले दिन जब बेटा इसे ले जाने के लिए स्वयं कार ले कर आ गया तो वह उसकी ज़िद के कारण शहर जाने के लिए तैयार हो गई। उसने सोच लिया था कि ‘जो होगा देखा जावेगा।

18558.

पड़ोसन रेशमा ने बसंती को क्या समझाया?

Answer»

पड़ोसन रेशमा ने बसंती को समझाया था कि उसे बेटे के पास रहने के लिए नहीं जाना चाहिए। शहर में रहने वाले बहू-बेटे बड़े-बुजुर्गों को अपने पास रहने के लिए बुला तो लेते हैं पर उन्हें सम्मान से रखते नहीं। वे उनसे नौकरों वाले काम करवाते हैं। उन्हें ठीक तरह से खाने-पीने को भी नहीं देते। बुजुर्गों का जीवन तो कुत्तों के जीवन से भी बदतर हो जाता है।

18559.

नौकर ने बसंती का सामान कहाँ रखा था?

Answer»

नौकर ने सामान बरामदे के साथ वाले कमरे में रखा था।

18560.

बसंती की पड़ोसन ने किस महिला के पछताने की बात कही थी? क्यों?

Answer»

बसंती की पड़ोसन ने बचनी नामक महिला के पछताने की बात कही थी। उसे शहर में रहने के लिए बहूबेटे ने अपने पास बुला लिया था और नौकरानी की तरह उससे व्यवहार किया था। वे उसे न वक्त पर रोटी देते थे और न ही चाय। उसका जीवन तो कुत्ते से बुरा हो गया था।

18561.

बेटे ने पत्र में अपनी माँ बसंती को क्या लिखा?

Answer»

बेटे ने अपनी माँ को लिखे पत्र में लिखा था कि उसकी तरक्की हो गई है। उसे उसकी कंपनी ने रहने के लिए बहुत बड़ी कोठी दे दी है। वह अब रहने के लिए उसके पास शहर में आ जाए। उसे किसी तरह की कोई तकलीफ़ नहीं होगी।

18562.

कोठी में कितने कमरे थे?

Answer»

कोठी में तीन बैडरूम, एक ड्राईंग रूम और नौकरों के कमरे थे।

18563.

बसंती शहर में किस तरह गई थी?

Answer»

बसंती का बेटा शहर से आया था और उसे अपनी कार में बिठा कर ले गया था।

18564.

पुत्र को कंपनी ने क्या दिया था?

Answer»

पुत्र को कंपनी ने रहने के लिए बहुत बड़ी कोठी दी थी।

18565.

बसंती के कमरे में कौन-कौन सा सामान था?

Answer»

बसंती को अपना कमरा तो स्वर्ग जैसा सुंदर लगा था। उसमें डबल-बैड बिछा हुआ था। टी०वी० पड़ा था। एक टेपरिकार्डर भी था। दो कुर्सियां पड़ी थीं। बैड पर बहुत नर्म गद्दे थे।

18566.

‘माँ का कमरा’ कहानी का उद्देश्य क्या है ?

Answer»

‘माँ का कमरा’ एक सोद्देश्य पूर्ण लघु कथा है। आज के स्वार्थ भरे समय में नई पीढ़ी के अनेक पुत्र बुजुर्ग माता-पिता को अपने पास बुला कर उनसे नौकरों की तरह काम करवाते हैं। बूढ़े माँ-बाप का जीवन नरक-सा बन जाता है लेकिन अभी भी अनेक ऐसे युवक हैं जो अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं। उनके प्रति अपनत्व का भाव रखते हैं। वे समझते हैं कि जैसे उनके बचपन में माता-पिता ने उन्हें अपना सब कुछ लगाकर बड़ा किया; पढ़ाया-लिखाया था उसी प्रकार अब उन्हें भी बूढ़े हो चुके माता-पिता की सेवा करनी चाहिए। उनके बुढ़ापे का सहारा बनना चाहिए। लेखक ने लघुकथा के माध्यम से बहुत बड़ा संदेश दिया है।

18567.

लेखक की प्रिय पुस्तक कौन-सी थी? वे किन बातों से सम्बन्धित थी?

Answer»

लेखक की प्रिय पुस्तक स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी ‘सत्यार्थ प्रकाश’ थी। उसमें ऐसी ऐसी घटनाएँ थीं, जिनमें तत्कालीन पाखंडों का विरोध करने में स्वामीजी ने अदम्य साहस दिखाया था। स्वामीजी मूर्ति-पूजा के विरोधी थे। ईश्वर और सत्य की खोज में वे तीर्थों, जंगलों में खूब भटके थे और उन्होंने साधुओं का संग किया था। वे रूढ़ियों का खंडन करते थे। उन्होंने अपने हत्यारे को क्षमा कर दिया था। इस तरह दयानंदजी से सम्बन्ध रखनेवाली अनेक बातें बड़ी रोचक शैली में उनकी जीवनी में दी गई हैं।

18568.

‘वेदोदय’, तथा ‘दुर्गेश’ शब्द क्रमशः वेद+उदय तथा दुर्ग+ईश की सन्धि से बने हैं। इसमें अ + उ = ओ तथा अ + ई = ए हो गया है। इसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों को सन्धि-विग्रह करें-वीरोचित ,देवोचित , रमेश , सुरेश

Answer»
  • वीरोचित = वीर + उचित
  • देवोचित = देव + उचित
  • रमेश = रमा + ईश
  • सुरेश = सुर + ईश
18569.

माँ की स्कूली पढ़ाई पर जोर देने से लेखक की पढ़ाई पर क्या असर हुआ?

Answer»

बालक भारती बाहर की पुस्तकें और पत्र-पत्रिकाएं ही ज्यादा पढ़ते थे। मां को चिन्ता रहती कि बिना कक्षा की किताबें पढ़े लड़का पास कैसे होगा? एक दिन पिता ने पुत्र से वादा कराया कि वह पाठ्यक्रम की किताबें भी ध्यान से पढ़ेगा और माँ की चिन्ता दूर करेगा। बालक भारती पर इसका असर हुआ। उन्होंने जो-तोड़ परिश्रम किया, जिससे तीसरी और चौथी कक्षा में उनके अच्छे अंक आए। पांचवीं कक्षा में वे फर्स्ट आए तो माँ की आँखों में आंसू आ गए उसने बेटे को गले से लगा लिया। इस प्रकार स्कूली पढ़ाई पर माँ के जोर देने से बालक भारती पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी ध्यान से पढ़ने लगे और उन्होंने माँ की चिन्ता दूर की।

18570.

बचपन में लेखक को स्वामी दयानन्द जी की जीवनी क्यों पसन्द थी?

Answer»

बचपन में लेखक को स्वामी दयानन्द की जीवनी इसलिए पसन्द थी क्योंकि उसमें स्वामी जी ने समाज की रूढ़ियों का खण्डन किया था और अन्त में अपने हत्यारे को भी क्षमा कर उसे सहारा दिया था।

18571.

लेखक ने ‘देवदास’ फिल्म क्यों नहीं देखी?

Answer»

लेखक ने फिल्म देखने के पीछे से अपनी मनपसंद पुस्तक खरीद ली। इस कारण लेखक ने फिल्म नहीं देखी।

18572.

लेखक को अँग्रेजी में सबसे अधिक अंक पाने के बाद उपहार में कौन-सी दो पुस्तकें मिली थीं और उनसे लेखक को क्या जानकारी प्राप्त हुई?

Answer»

एक किताब पक्षियों की जानकारी से सम्बन्धित और दूसरी किताब में पानी के जहाजों की कथाएँ थीं। इनसे लेखक को पक्षियों से भरे आकाश और रहस्यों से भरे समुद्र की जानकारी मिली।

18573.

वर्तमान समय में प्रकाशित होने वाली किन्हीं चार बाल पत्रिकाओं के नाम लिखिए।

Answer»

चंपक, नंदन, सुमन सौरभ, बालभास्कर।

18574.

आर्य समाज संस्था ने भारतीय समाज में फैली रूढ़ियों एवं आडम्बरों को दूर करने का प्रयास किया। वह भारत का नव जागरण काल था। आर्य समाज के अतिरिक्त ब्रह्म समाज, प्रार्थनासमाज, थियोसॉफिकल सोसाइटी जैसी अनेक संस्थाओं ने भी समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया था। इन संस्थाओं के संस्थापकों के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।

Answer»

ब्रह्म समाज-ब्रह्म समाज के संस्थापक .राजाराम मोहन राय थे। राजाराम मोहन राय अपने समय के विशिष्ट समाज सुधारक थे। उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता था। उनका जन्म बंगाल में 22 मई 1772 में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने बाल-विवाह, सती–प्रथा, जातिवाद, कर्मकांड, परदा-प्रथा आदि का भरपूर विरोध किया। राजाराम मोहन राय ने ब्रह्म मैनिकल मैग्जीन, संवाद, कौमुदी, मिरात-उल-अखबार, बंगदूत जैसे स्तरीय पत्रों का संपादन-प्रकाशन भी किया। 27 सितंबर 1833 को इनका देहांत हो गया था।

प्रार्थना समाज – प्रार्थना समाज के संस्थापक आत्माराम पांडुरंगा तथा केशवचंद्र सेन थे। आत्माराम का जन्म 1823 ई. में हुआ था। वे एक चिकित्सक तथा समाज सुधारक थे। वे मुंबई प्राकृतिक इतिहास सोसाइटी के संस्थापकों में से एक थे। उनकी मृत्यु 1898 में हुई थी। केशवचंद्र सेन का जन्म 19 नवंबर 1838 को कोलकाता में हुआ था। वे बंगाल के हिंदू दार्शनिक, धार्मिक उपदेशक एवं समाज सुधारक थे। उनकी मृत्यु 8 जनवरी 1884 में हुई।

थियोसॉफिकल सोसाइटी – थियोसॉफिकल सोसाइटी की संस्थापिका डॉ० एनी बेसैण्ट थीं। उनको जन्म 1 अक्टूबर 1847 में लंदन में हुआ था लेकिन आगे चलकर वे भारत की नागरिक बन गई थीं। श्रीमति एनी बेसैण्टे अग्रणी आध्यात्मिक महिला अधिकारों की समर्थक, लेखिका, वक्ता एवं भारत प्रेमी महिला थीं। सन 1947 में वे राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष भी बनी। सितंबर 1916 में उन्होंने होमरूल लीग (स्वराज्य संघ) की स्थापना की थी। 20 सितंबर 1953 को उनकी मृत्यु हो गई थी।

18575.

पिता ने लेखक से क्या वादा कराया?

Answer»

लेखक स्कूल की किताबों के बदले बाहर की पुस्तकें ज्यादा पढ़ा करते थे। इसलिए पिताजी ने लेखक से वादा कराया कि, वह पाठ्यक्रम की पुस्तकें भी पूरे ध्यान से पढ़ेगा और माँ की चिन्ता दूर करेगा।

18576.

लेखक को इनाम में मिली पुस्तकों में किनकी जानकारी दी गई थी?

Answer»

पांचवीं कक्षा में प्रथम आने पर लेखक को दो अंग्रेज़ी पुस्तकें इनाम में मिली थीं। पहली पुस्तक में पक्षियों की जातियों, उनकी बोलियों और आदतों की जानकारी दी गई थी। दूसरी पुस्तक ‘ट्रस्टी द रग’ में पानी से संबंधित कथाएँ थीं। उसमें बताया गया था कि जहाज कितने प्रकार के होते हैं, वे कौन-कौन सा माल लादकर लाते हैं और कहाँ ले जाते हैं। इसके अतिरिक्त उसमें यह भी बताया गया था कि नाविकों का जीवन कैसा होता है, पानी में कैसे-कैसे जीव होते हैं, कहाँ व्हेल होती है और कहाँ शाक। इस प्रकार दोनों पुस्तकों में विविध प्रकार की जानकारी दी गई थी।

18577.

 निम्नलिखित वाक्यों में से साधारण, संयुक्त तथा मिश्रित वाक्यों को पहचान कर नाम लिखिए :मेरे पिता आर्यसमाज रानीमंडी के प्रधान थे और माँ ने स्त्री-शिक्षा के लिए आदर्श कन्या पाठशाला की स्थापना की थी।माँ स्कूली पढ़ाई पर जोर देती थी।जल्दी जल्दी घर लौट आया और दो रुपये में से एक रुपये छह आना माँ के हाथ में रख दिया।उनका आशीर्वाद था या मेरा जी तोड़ परिश्रम कि तीसरे चौधे में मेरे अच्छे नम्बर आए और पाँच दर्जे में तो मैं प्रथम आया।उस साल इण्टरमीडिएट पास किया था।

Answer»

1. संयुक्त वाक्य

2. साधारण वाक्य

3. संयुक्त वाक्य

4. मिश्रित वाक्य

5. साधारण वाक्य

18578.

बसंती की आँखों में आँसू क्यों आ गए?

Answer»

बसंती की आँखों में खुशी के आँसू आ गए थे। उसे ऐसी संपन्नता भरा जीवन अब तक कभी नहीं प्राप्त हुआ था। वह अपने पुश्तैनी-पुराने घर में जैसे-तैसे अकेली जीवन काट रही थी। अब वह अपने बेटे और परिवार के साथ सुख पूर्वक रह सकेगी। उसका बुढ़ापा आराम से कट जाएगा। उसके पुत्र ने आज के कुछ स्वार्थी पुत्रों जैसा व्यवहार नहीं किया था।

18579.

लेखक को अंग्रेजी में सबसे अधिक अंक पाने के बाद उपहार में कौन सी दो पुस्तकें मिली थी और उनसे लेखक को क्या जानकारी प्राप्त हुई?

Answer»

अंग्रेज़ी में सबसे अधिक अंक पाने पर लेखक को उपहार में दो अंग्रेजी पुस्तकें मिली थीं। पहली पुस्तक से लेखक को पक्षियों की जातियों, उनकी बोलियों और आदतों के बारे में जानकारी मिली। दूसरी पुस्तक ‘ट्रस्टी द रग’ थी, जिससे लेखक को जहाज के प्रकारों तथा नाविकों और मछलियों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।

18580.

बचपन में लेखक को स्वामी दयानन्दजी की जीवनी क्यों पसंद थी?

Answer»

स्वामी दयानंदजी की जीवनी रोचक शैली में लिखी हुई थी और अनेक चित्रों से सुसज्जित थी। उसमें स्वामीजी के जीवन की अनेक रोमांचक घटनाएं थीं, जो लेखक को प्रभावित करती थीं। इसलिए बचपन में लेखक को स्वामी दयानंदजी की जीवनी अधिक पसंद थी।

18581.

लेखक की माँ की आँखों में आँसू क्यों आ गए?

Answer»

कल्पना न होने पर भी भारतीजी पांचवीं कक्षा में फर्स्ट आए तो मारे खुशी के मां की आंखों में आंसू आ गए।

18582.

लेखक कौन-सी फिल्म देखने गये ?

Answer»

माँ ने फिल्म देखने के लिए दो रुपये दिये थे, लेकिन लेखक ने ‘देवदास’ नाम की पुस्तक खरीद ली, फिल्म नहीं देखी।

18583.

लेखक की माँ ने लेखक को कितने रुपये दिये? क्यों?

Answer»

लेखक की माँ ने लेखक को पिक्चर देखने के लिए दो रुपये दिए थे, लेकिन लेखक पुस्तक की दुकान से दस आने की ‘देवदास’ नाम की पुस्तक खरीदते हैं।

18584.

निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए :आरम्भ × ………आनंद × ………जीवन × ………छोटा × ………दुःख × ………

Answer»

1. आरम्भ × अंत

2. आनंद × शोक

3. जीवन × मृत्यु

4. छोटा × बड़ा

5. दुःख × सुख

18585.

लेखक की प्रिय पुस्तक कौन सी थी?

Answer»

लेखक की प्रिय पुस्तक स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी ‘सत्यार्थ प्रकाश’ थी।

18586.

लेखक के पिता कहाँ के प्रधान थे?

Answer»

लेखक के पिता रानीमंडी स्थित आर्यसमाज संस्था के प्रधान थे।

18587.

लेखक को बचपन से क्या शौक था?

Answer»

लेखक को बचपन में पाठ्यक्रम से बाहर की पत्रिकाएं, पुस्तकें आदि पढ़ने का शौक था।

18588.

निम्नलिखित शब्दों के हिन्दी शब्द लिखिए :लाइब्रेरीथियेटरपिक्चरइंडियालाइब्रेरियन

Answer»

1. लाइब्रेरी – ग्रंथालय

2. थियेटर – चलचित्र-घर

3. पिक्चर – चित्र

4. इंडिया – भारत

5. लाइब्रेरियन – ग्रंथपाल

18589.

किस विषय में लेखक के नंबर सबसे ज्यादा थे?

Answer»

अंग्रेजी विषय में लेखक के नंबर सबसे ज्यादा थे।

18590.

लेखक को शुरू की पढ़ाई घर पर ही क्यों कराई गई?

Answer»

लेखक को शुरू की पढ़ाई घर पर ही कराई गई, क्योंकि पिता नहीं चाहते थे कि बच्चा नासमझ उम्र में गलत संगति में पड़कर बुरे संस्कार सीखे।

18591.

लेखक किस कक्षा में फर्स्ट आए?

Answer»

लेखक पांचवीं कक्षा में फर्स्ट आए।

18592.

निम्नलिखित विधान ‘सही’ हैं या ‘गलत’ यह बताइए :लेखक के पिता ‘आर्यसमाज’ रानीमंडी के प्रधान थे।बर्मा रोड़ में लेखक के पिता ने अच्छी कमाई की थी।भारतीजी की प्रिय पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश’ थी।पांचवें दर्जे में भारतीजी प्रथम आए।एक छोटी लाइब्रेरी भारतीजी के मुहल्ले के हरिभवन में नहीं थी।लेखक को बचपन में बाहर की पत्रिकाएं, पुस्तकें आदि पड़ने का शौक था।

Answer»

1. सही

2. सही

3. सही

4. सही

5. गलत

6. सही

18593.

लेखक की मां क्यों चिन्तित रहती थी?

Answer»

लेखक की माँ चिन्तित रहती थी, क्योंकि वे पाठ्यक्रम की पुस्तकें न पढ़कर बाहर की पुस्तकें और पत्र-पत्रिकाएं अधिक पढ़ते थे।

18594.

संधि विग्रह कीजिए :वीरोचितरमेशदेवोचितसुरेश

Answer»

1. वीरोचित = वीर + उचित

2. रमेश = रमा + ईश

3. देवोचित = देव + उचित

4. सुरेश = सुर + ईश

18595.

भारतीजी के पिता ने तब बहुत कमाया था जब…(अ) आर्यसमाज का सुधारवादी आन्दोलन जोरों पर था।(ब) बर्मा रोड बन रही थी।(क) आदर्श कन्याशाला की स्थापना हो रही थी।

Answer»

भारतीजी के पिता ने तब बहुत कमाया था जब बर्मा रोड बन रही थी।

18596.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए :‘बालसखा’ और ‘चमचम’ पत्रिकाएँ किसके लिए मंगाई जाती थीं?भारतीजी किसके व्यक्तित्व और जीवन पटनाओं से प्रभावितधर्मवीर भारती की प्रिय पुस्तक कौन-सी थी?‘ट्रस्टी द रग’ किताब में किसकी कथाएं थीं?

Answer»

1. धर्मवीर भारती के लिए

2. स्वामी दयानंद सरस्वती के

3. स्वामी दयानंद सरस्वती की जीवनी ‘सत्यार्थ प्रकाश’

4. पानी की

18597.

भारतीजी की मां को चिन्ता रहती कि …(अ) लड़का आर्यसमाज में भर्ती न हो जाए।(ब) लड़का कहीं स्कूल की पढ़ाई छोड़ न दे।(क) लड़का कहीं साधु बनकर भाग न जाए।

Answer»

भारतीजी की माँ को चिन्ता रहती कि लड़का कहीं साधु बनकर भाग न जाए।

18598.

लोकनाथ की दुकान पर पिता ने बालक भारती को …(अ) ताजा अनार का शरबत पिलाया।(ब) छोले-भटूरे खिलाए।(क) खुशबूदार ठंडाई पिलाई।

Answer»

लोकनाथ की दुकान पर पिता ने बालक भारती को ताजा अनार का शरबत पिलाया।

18599.

निम्नलिखित द्विगु समास का विग्रह कीजिए :पंचवटीपंचप्रमाणदोपहरअठवाड़ाद्विगुत्रिकोना

Answer»

1. पाँच वटों का समूह

2. पाँच प्रमाणों का समूह

3. दो पहरों का समूह

4. आठ वाड़ा (वारों) का समूह

5. दो गायों का समूह

6. तीन कोनों का समूह

18600.

निम्नलिखित द्वन्द्व समास का विग्रह कीजिए :अपना-परायागंगा-यमुनाजीव-जन्तुमान-सम्मानदेश-विदेशदेवासुर

Answer»

1. अपना या पराया

2. गंगा और यमुना

3. जीव, जन्तु आदि

4. मान, सम्मान आदि

5. देश और विदेश

6. देव और असुर