InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. |
एक पहिये पर नियत बल आघूर्ण कार्यरत् है। पहिया। विरामावस्था से घूर्णन प्रारम्भ कर, t सेकण्ड में n चक्कर लगाता है। दिखाइये कि पहिये का कोणीय त्वरण `alpha=(4pin)/(t^(2))` रेडियन/`("सेकण्ड")^(2)` है। |
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Answer» घूर्णन गति की द्वितीय समीकरण `theta=omega_(0)t+1/2alphat^(2)` यहाँ `theta=2pin` रेडियन,`omega_(0)=0` `therefore2pin=0+1/2alphat^(2)` `therefore1=(4pin)/(t^(2))` रेडियन/`("सेकण्ड")^(2)` |
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| 2. |
एकसमान द्रव्यमान घनत्व के छल्ला के द्रव्यमान केन्द्र की स्थिति लिखिए-- |
| Answer» छल्ले का द्रव्यमान केन्द्र इसकी ज्यामितीय केन्द्र पर रहता है। | |
| 3. |
L लम्बाई का एकसमान पतला तार, जिसके द्रव्यमान का रेखीय घनत्व p है, O केन्द्र वाले वृत्ताकार लूप के रूप में मोड़ा गया है । वृत्ताकार लूप के केंद्रीय लंबवत अक्ष के परित: इसका जड़त्व आघूर्ण ज्ञात कीजिये। |
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Answer» लूप का द्रव्यमान M = pL यदि त्रिज्या R हो तो `2piR=L` `thereforeR=L/(2pi)` लूप का व्यास के परित: जड़त्व आघूर्ण `I_(p)=1/2MR^(2)` `I=I_(p)` `=1/2MR^(2)=1/2MR^(2)` `=1/2(pL)(L/(2pi))^(2)=(pL^(3))/(4pi^(2))` |
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| 4. |
वृत्ताकार छल्ले का व्यास के परित: जड़त्व आघूर्ण 4.0 ग्राम `("सेमी")^(2)` है। छल्ले का जड़त्व आघूर्ण इसके केन्द्र से गुजरने वाली तथा तल के लंबवत अक्ष के परितः ज्ञात कीजिये। |
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Answer» M द्रव्यमान तथा R त्रिज्या के वलय का केन्द्र से गुजरने वाली तथा तल के लम्बवत् अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण `I=MR^(2)` …(1) व्यास के परित: जड़त्व आघूर्ण `I_(p)=1/2MR^(2)` …(2) समीकरण (1) व (2) से `I=2I_(p)` प्रश्नानुसार `I_(p) = 4.0` ग्राम-`("सेमी")^(2)` `thereforeI=2I_(p)=2xx4.0=8.0` ग्राम-`("सेमी")^(2)` |
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| 5. |
नीचे दिये गये प्रत्येक प्रकथन को ध्यानपूर्वक पढ़िये तथा कारण सहित उत्तर दीजिए, कि इनमें से कौन-सा सत्य है और कौन-सा असत्य है? लोटनिक गति करते समय सम्पर्क बिन्दु का तात्क्षणिक त्वरण शून्य होता है। |
| Answer» असत्य, लोटनिक गति करते समय सम्पर्क बिन्दु का तात्क्षणिक त्वरण शून्य नहीं होता है। | |
| 6. |
नीचे दिये गये प्रत्येक प्रकथन को ध्यानपूर्वक पढ़िये तथा कारण सहित उत्तर दीजिए, कि इनमें से कौन-सा सत्य है और कौन-सा असत्य है? परिशुद्ध लोटनिक गति के लिए घर्षण के विरूद्ध किया गया कार्य शून्य होता है। |
| Answer» सत्य, क्योंकि परिशुद्ध लोटनिक गति में घर्षण शून्य हो जाता है । अत: घर्षण के विरूद्ध किया गया कार्य शून्य होता है। | |
| 7. |
स्पष्ट कीजिए कि प्रश्न 28 के चित्र में अंकित दिशा में चक्रिका की लोटनिक गति के लिए घर्षण होना आवश्यक क्यों है? परिशुद्ध लोटनिक गति आरम्भ होने के पश्चात् घर्षण बल क्या है? |
| Answer» परिशुद्ध लोटनिक गति आरम्भ होने पर B बिन्दु पर वेग शून्य हो जाता है और इसलिए घर्षण बल शून्य होगा। | |
| 8. |
10 किग्रा द्रव्यमान तथा 15 सेमी त्रिज्या का कोई सिलेण्डर किसी `30^(@)` झुकाव के समतल पर परिशुद्धतः लोटनिक गति कर रहा है। स्थैतिक घर्षण गुणांक `mu_(S)=0.25` है। सिलेण्डर पर कितना घर्षण बल कार्यरत है? |
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Answer» बेलन का द्रव्यमान (m ) =10 किग्रा बेलन की त्रिज्या (t ) =15 सेमी =0 .15 मीटर ` " " ` आनत कोण` (theta ) =30^(@) ` स्थैनिक घर्षण गुणांक ` (mu_s) =0.25` (i) आनत तल पर गति कर रहे बेलन पर लगने वाला घर्षण बल ltBrgt` " "F =(1)/(3) mg sin theta ` ` " "=(1)/(3) xx10 xx 9.8xxsin 30^(@)` ` " "=(1)/(3) xx10 xx 9.8xx(1)/(2) =16.3 N ` |
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| 9. |
समान द्रव्यमान के दो ठोस गोले भिन्न-भिन्न पदार्थों के बनाये जाते है, किसका जड़त्व आघूर्ण व्यास के परितः अधिक होगा? |
| Answer» `I=2/5MR^(2)`, जिस गोले के पदार्थ का घनत्व कम है उसकी त्रिज्या अधिक होगी, अत: जड़त्व आघूर्ण अधिक होगा। | |
| 10. |
समान द्रव्यमान और त्रिज्या के एक खोखले बेलन और एक ठोस गोले पर समान परिमाण के बल आघूर्ण लगाये गये हैं। बेलन अपनी सामान्य सममित अक्ष के परितः घूम सकता है। और गोला अपने केन्द्र से गुजरने वाली किसी अक्ष के परितः। एक दिये गये समय के बाद दोनों में कौन अधिक कोणीय चाल प्राप्त कर लेगा? |
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Answer» माना ठोस गोले तथा खोखले गोले का द्रवमान M तथा त्रिज्या R है। ऊपरी अक्ष के पारित: खोखले गोले का द्रव्यमान `I_(1)=MR^(2)` ठोस गोले का व्यास के पारित: जड़त्व आघूर्ण `I_(2)=2/5MR^(2)` माना खोखले तथा ठोस गोले का बल आघूर्ण `tau` सामान है `therefore tau=I_(1) alpha_(1)` तथा `tau=I_(2) alpha_(2)` अंत: `I_(2)alpha_(1)=I_(2)alpha_(2)` या `(alpha_(1))/(alpha_(2))=I_(2)/I_(1)=((2)/(5)MR^(2))/(MR^(2))=2/5` या `alpha_(2)=5/2alpha_(1)` `=25alpha _1.....(i)` माना t समय के बाद खोखले तथा ठोस गोले की कोणीय चाल क्रमश: `omega_(1) "तथा " omega_(2)` है `therefore omega_(1)=omega_(0)+alpha_(1)t....(ii)` तथा `omega_(2)=omega_(0)+alpha_(2)` `=omega_(0)+25alpha_(1)t.....(iii)` समीकरण (ii) तथा (iii) से `omega_(2) gt omegaw_(1)` अंत: दिए गए समय से ठोस गोला अधिकतम कोणीय चाल प्राप्त कर लेगा। |
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| 11. |
20 किग्रा द्रव्यमान का कोई ठोस सिलेण्डर अपने अक्ष के परितः `100"rad s"^(-)` की कोणीय चाल से घूर्णन कर रहा है। सिलेण्डर की त्रिज्या 0.25 m है। सिलेण्डर के घूर्णन से संबद्ध गतिज ऊर्जा क्या है? सिलेण्डर का अपने अक्ष के परितः कोणीय संवेग का परिमाण क्या है? |
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Answer» दिया है M=20 किग्रा `omega=100rad//s` `R=0.25m` ठोस बेलन का आपने सम्मिट अक्ष के पारित: जड़त्व आघूर्ण, `I=1/2 MR^(2)` `=1/2xx20xx(0.25)^(2)` `=10xx0.0625` `=0.625` किग्रा-मीटर`""^2` बेलन का घुरण त्रिज्या `K=1/2I omega^(2)` `=1/2 xx 0.625xx(100)^(2)` कोणीय सवेग `0.625xx100=62.5J-s` |
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| 12. |
नगण्य द्रव्यमान तथा 2.x लम्बाई की एक छड़ प्रदर्शित है। क्या छड़ घूर्णी सन्तुलन में है? |
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Answer» छड़ पर C के परितः परिणामी बल आघूर्ण = Fx - Fx = 0 अत: छड़ घूर्णी सन्तुलन में है। |
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| 13. |
नगण्य द्रव्यमान तथा 2.x लम्बाई की एक छड़ प्रदर्शित है। क्या छड़ पर बलयुग्म कार्यरत है? |
| Answer» दोनों बलों के परिमाण समान हैं परन्तु इनकी क्रिया रेखायें एक ही हैं अतः यह जोड़ा बलयुग्म नहीं है। | |
| 14. |
एक शंक्वाकार पिण्ड क्षैतिज तल पर तीन भिन्न-भिन्न स्थितियों में रखा है। बताइये कि प्रत्येक स्थिति में पिण्ड किस प्रकार के सन्तुलन में है? |
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Answer» चित्र 11.22(a) में पिण्ड को साम्य स्थिति से विस्थापित कर छोड़ देने पर पिण्ड प्रारम्भिक स्थिति में वापस आ जायेगा अतः पिण्ड स्थायी सन्तुलन में है। चित्र 11.22(b) में पिण्ड को साम्य स्थिति से तनिक विस्थापित करने पर पिण्ड उसी दिशा में गिरता चला जायेगा अतः पिण्ड अस्थायी सन्तुलन में है। चित्र 11.22(c) में पिण्ड को साम्य स्थिति से विस्थापित कर जहाँ छोड़ देंगे यह वहीं रुक जायेगा, अत: पिण्ड उदासीन सन्तुलन में है। |
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| 15. |
एक गाड़ी किसी सड़क पर 8 मीटर/`("सेकण्ड")^(2)` के त्वरण से गतिमान है। गाड़ी के पहिये की त्रिज्या 50 सेमी तथा जड़त्व आघूर्ण 10 किग्रा-`("मीटर")^(2)` है। यदि पहिया बिना फिसले लुढक रहा है तो पहिये पर कार्यरत् घर्षण बल कितना है? यदि पहिये का द्रव्यमान 40 किग्रा हो तो सड़क व पहिये के बीच घर्षण गुणांक क्या है? (g = 10 मीटर/`("सेकण्ड")`) |
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Answer» पहिये के द्रव्यमान केन्द्र का रेखीय त्वरण a = 8 मीटर/`("सेकण्ड")^(2)` पहिये की त्रिज्या R =50 सेमी = 0.50 मीटर पहिये का जड़त्व आघूर्ण I = 10 किग्रा-`("मीटर")^(2)` यदि पहिये पर घर्षण बल `f_(s)` हो तो बिना फिसले लुढ़कने की स्थिति में घर्षण बल द्वारा आरोपित बल आघूर्ण `=f_(s)R=Ialpha=(Ia)/R` `f_(s)=(Ia)/(R^(2))` `=(10xx8)/((0.50)^(2))`=320 न्यूटन यदि सड़क व पहिये के बीच घर्षण गुणांक `mu_(s)` हो तो `f_(s)=mu_(s)Mg=320` `mu_(s)xx40xx10=320` `mu_(s)=0.80` |
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| 16. |
डोरी से बंधी गेद को क्षैतिज वृत्त में एक चक्कर पुरा करने में 6 सेकण्ड लगते हैं। यदि डोरी को खीचकर वृत्त की त्रिज्या आधी कर दे तो गेद को एक चक्कर पूरा करने में कितना समय लगेगा? |
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Answer» `I_(1)omega_(1)=I_(2)omega_(2)` अथवा `mr_(1)^(2)omega_(1)=mr_(2)^(2)omega_(2)` अथवा `(omega_(2))/(omega_(1))=((r_(1))/(r_(2)))=4` कोणीय वेग चार गुना हो जायेगा, अत: परिक्रमण-काल (अर्थात् 1.5 सेकण्ड) रह जायेगा। |
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| 17. |
कुछ बच्चे एक अक्ष के परितः घूर्णन करती हुई मेज पर चारों ओर खड़े हैं। यदि बच्चे केन्द्र की ओर एकत्रित हो जायें तो मेज की गति पर क्या प्रभाव पड़ेगा और क्यों? |
| Answer» `L=Iomega=`नियतांक, I घट जायेगा| अतः मेज का कोणीय वेग `(omega)` बढ़ जायेगा। | |
| 18. |
(B) `2sqrt2` मीटर त्रिज्या की एक चकती अपनी अक्ष के परितः घूर्णन कर रही है। उसकी घूर्णन त्रिज्या की गणना कीजिये। |
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Answer» चकती की घूर्णन त्रिज्या k = `R/(sqrt2)` प्रश्नानुसार `R = 2sqrt2` मीटर `thereforek=(2sqrt2)/(sqrt2)=2` मीटर |
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| 19. |
संलग्न चित्र में बिन्दु O के परितः छड़ पर कार्यरत् बल आघूर्ण ज्ञात कीजिये। |
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Answer» `tau=rF_(bot)=2xx100sin30^(@)` `=2xx100xx1/2=100` न्यूटन-मीटर |
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| 20. |
यदि ध्रुवों पर समस्त बर्फ पिघल जाये तो इससे दिन की अवधि पर क्या प्रभाव पड़ेगा? |
| Answer» पृथ्वी ध्रुवों से गुजरने वाली अक्ष के परितः घूमती है। जब ध्रुवों पर बर्फ पिघलेगा तो यह पृथ्वी के पृष्ठ पर फैल जायेगा जिससे पृथ्वी का घूर्णन अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण I बढ़ जायेगा। चूंकि पृथ्वी का कोणीय संवेग L = `Iomega` संरक्षित है अत: `omega` का मान घट जायेगा। अत: दिन की अवधि `T = 2piIomega` बढ़ जायेगी। | |
| 21. |
समान द्रव्यमान व त्रिज्या का एक वलय तथा एक चकती की उनके तल के लम्बवत् केन्द्र से गुजरने वाली अक्ष के परित: घूर्णन त्रिज्याओं का अनुपात ज्ञात कीजिये। |
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Answer» (A) माना दी गयी अक्ष के परित: वलय तथा चकती की घूर्णन त्रिज्यायें क्रमश: `K_(1)` व `K_(2)` हैं। अत: वलय का जड़त्व आघूर्ण `I_(1)=MR^(2)=MK_(1)^(2)` अथवा `K_(1)=R` चकती का जड़त्व आघूर्ण `I_(2)=1/2MR^(2)=MK_(2)^(2)` अथवा `K_(2)=R/(sqrt2)` `therefore`(K_(1))/(K_(2))=R/(R//sqrt2)=sqrt2` `K_(1):K_(2)=Sqrt2:1` |
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| 22. |
संलग्न चित्र में R त्रिज्या की डिस्क का एक चौथाई भाग दिखाया गया है। इस भाग का द्रव्यमान M है। इस भाग को इसके तल के लम्बवत् केन्द्र से गुजरने वाली अक्ष के परितः घुमाया जाता है। घूर्णन अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण का मान लिखिये। |
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Answer» घूर्णन अक्ष के परित: सम्पूर्ण डिस्क का जड़त्व आघूर्ण `I_(total=1/2(M_(total))R^(2)=1/2(4M)R^(2)` `therefore` इस भाग का जड़त्व आघूर्ण `I = (I_(total))/4=1/2MR^(2)` |
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| 23. |
एक छड़ का आधा भाग लकड़ी तथा आधा भाग स्टील का है। छड़ के लकड़ी वाले सिरे पर कील लगाकर स्टील वाले सिरे पर लम्बाई के लम्बवत् F बल लगाया जाता है चित्र 11.73 (a)]। |
| Answer» दोनों स्थितियों में `tau= Fxx` छड़ की लम्बाई, अर्थात् समान है। स्टील वाले भाग का द्रव्यमान लकड़ी वाले भाग से अधिक है अत: स्थिति (A) में जड़त्व आघूर्ण अधिक है, अर्थात् `I_(A)gtI_(B) tau= Ialpha` से `alpha = tau/I` अत: स्थिति (A) में कोणीय त्वरण कम है। | |
| 24. |
जड़त्व आघूर्ण अदिश राशि है या सदिश? |
| Answer» यह न तो अदिश राशि है, न ही सदिश। यह एक प्रदिश (tensor) राशि है। | |
| 25. |
जड़त्व आघूर्ण कैसी राशि है?A. अदिशB. सदिशC. न अदिश न सदिशD. कभी अदिश कभी सदिश |
| Answer» Correct Answer - C | |
| 26. |
जड़त्व आधूर्ण की घूर्णन गति में वही भूमिका है जो रेखीय गति में निम्न राशि की-A. बलB. द्रव्यमानC. त्वरणD. वेग |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 27. |
किसी दृढ़ पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण निर्भर करता है-A. द्रव्यमान परB. कोणीय त्वरण परC. कोणीय वेग परD. घूर्णन अक्ष के परित: द्रव्यमान के वितरण पर |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 28. |
किसी पिण्ड का जड़त्व आघूर्ण निर्भर नहीं करता है-A. आकार परB. कोणीय वेग परC. घूर्णन अक्ष परD. द्रव्यमान के वितरण पर |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 29. |
कोणीय संवेग परिवर्तन की दर किसके बराबर होती है?A. बलB. बल आघूर्णC. जड़त्व आघूर्णD. कोणीय त्वरण |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 30. |
रेखीय संवेग के आघूर्ण को कहते हैं-A. जड़त्वB. जड़त्व आघूर्णC. बल आघूर्णD. कोणीय संवेग |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 31. |
दिखाइये कि बल का केवल अभिलम्बवत् घटक ही बल आघूर्ण उत्पन्न करता है, त्रिज्य घटक नहीं। |
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Answer» `tau=rFsintheta` अभिलम्बवत् घटक के लिये `theta=90^(@),thereforesintheta=1` तथा `tau=rF` त्रिज्य घटक के लिये `theta` = 0° अथवा 180° अत: `sintheta=0` अथवा `tau=0` |
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| 32. |
रेखीय संवेग का कौन-सा घटक कोणीय संवेग उत्पन्न नहीं करता? |
| Answer» त्रिज्य घटक (radial component)। | |
| 33. |
घूर्णन गति करते हुए किसी पिण्ड के कोणीय विस्थापन की समीकरण `theta = t^(2) + 4t +5` है, जहाँ । सेकण्ड में तथा `theta` रेडियन में है। t = 5 सेकण्ड पर पिण्ड का कोणीय वेग तथा कोणीय त्वरण ज्ञात कीजिये। क्या पिण्ड की गति एकसमान घूर्णन गति है? |
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Answer» कोणीय विस्थापन `theta = t^(2) +4t + 5` रेडियन अत: कोणीय वेग `omega=(dtheta)/(dt)=2t+4` रेडियन/सेकण्ड कोणीय त्वरण `alpha=(domega)/(dt)=2` रेडियन/`("सेकण्ड")^(2)` t=5 सेकण्ड पर- `omega=2(5)+4=14` रेडियन/सेकण्ड पिण्ड का कोणीय वेग समय के साथ बदल रहा है। अत: यह असमान (non-uniform) घूर्णन गति है। पुनः 0 का मान नियत है । अत: पिण्ड का कोणीय त्वरण एकसमान (unifom ) है। अत: पिण्ड की गति एकसमान त्वरण के साथ असमान घूर्णन गति (non-uniform motion with uniform acceleration) है। |
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| 34. |
एक दृढ़ पिण्ड घूर्णन गति कर रहा है। इसके अलग अलग कणों के लिये निम्न में कौन-सी भौतिक राशियाँ समान हैं- रेखीय वेग, कोणीय वेग, रेखीय त्वरण, कोणीय त्वरण? |
| Answer» कोणीय वेग, कोणीय त्वरण। | |
| 35. |
एक पिण्ड घूर्णन कर रहा है। क्या पिण्ड पर निश्चित रूप से कोई बल आघूर्ण कार्य कर रहा है? |
| Answer» नहीं, `tau=Ialpha` से स्पष्ट है कि बल आघूर्ण कोणीय त्वरण के लिये आवश्यक है। एकसमान घूर्णन गति (`alpha=0`) में बल आघूर्ण शून्य होगा | |
| 36. |
घूर्णन करने वाली दो वस्तुओं A व B के जड़त्व आघूर्ण `I_(A)` व `I_(B)(I_(A)gtI_(B))` तथा कोणीय संवेग बराबर हैं। किसकी घूर्णन गतिज ऊर्जा अधिक होगी? |
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Answer» `K=1/2Iomega^(2)` तथा `L=Iomega` से, `K=(L^(2))/(2I)` (रेखीय गति में `K=(p^(2))/(2m)` की भाँति) । L समान है। अत: K `prop1/I` `(K_(A))/(K_(B))=(I_(B))/(I_(A)),becauseI_(A)gtI_(B)` अत: `K_(B) gt K_(A)` B की गतिज ऊर्जा अधिक है। |
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| 37. |
किसी घूमते हुए पिण्ड की घूर्णन गतिज ऊर्जा 100% बढ़ जाये तो इसके कोणीय संवेग में प्रतिशत वृद्धि क्या होगी? |
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Answer» Correct Answer - 41.49% बढ़ जायेगा `K_(1)=K,K_(2)=K+Kdot100/100=2K,L_(1)=L,L_(2)=?` सूत्र `K=(L^(2))/(2I)` से, `(K_(1))/(K_(2))=((L_(1))/(L_(2)))^(2)=(1/2)` `thereforeL_(2)=L_(1)sqrt2=1.414L,DeltaL=0.414L` |
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| 38. |
एक जड़त्वीय फ्रेम में स्थित ऊर्ध्वाधर, स्थिर घूर्णन अक्ष के परितः एक वस्तु असमान कोणीय वेग से घूर्णन गति कर रही है | वस्तु के एक ऐसे कण पर जो अक्ष पर स्थित नहीं है, परिणामी बलA. ऊर्ध्वाधर दिशा में होगाB. क्षैतिज होगा तथा अक्ष को नहीं काटेगाC. क्षैतिज होगा तथा अक्ष को काटेगाD. इनमें कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 39. |
एक वस्तु शुद्ध घूर्णन गति कर रही है | वस्तु के किसी कण की चाल `upsilon` कण की घूर्णन अक्ष से दुरी r तथा वस्तु के कोणीय वेग `omega` में संबंध `omega=(upsilon)/(r)` है | अतः,A. `omega prop (1)/(r )`B. `omega prop r`C. `omega=0`D. `omega, r` पर निर्भर नहीं करता है |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 40. |
किसी अक्ष के परितः कोणीय वेग `omega` से घूमते हुए किसी पिण्ड के जड़त्व आघूर्ण I तथा कोणीय संवेग L के बीच सम्बन्ध है-A. `L=iomega^(2)`B. `L=Iomega`C. `I=Lomega`D. `I=Lomega^(2)` |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 41. |
एक ठोस गोलाकार गेद किसी मेज पर बिना फिसले लुढ़क रही है| कुल गतिज ऊर्जा का कितना भाग घूर्णन से जुड़ा है?A. `3/5`B. `2/5`C. `3/7`D. `2/7` |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 42. |
2 किग्रा द्रव्यमान के एक कण का स्थिति सदिश किसी क्षण `2t^(2)hati +t hatj+ hatk` मीटर है। कण का मूल-बिन्दु के परितः कोणीय संवेग ज्ञात कीजिये। |
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Answer» मूल-बिन्दु के परित: कण का कोणीय संवेग `vecl=vecrxxvecp` प्रश्नानुसार, `vecr=2t^(2)hati+thatj+hatk`,m=2 किग्रा `thereforevecp=mvecv=mdot(dvecr)/(dt)` `=2[4thati+hatj+0]=8thati+2hatj` किग्रा-मीटर/सेकण्ड `thereforevecl=vecrxxvecp=|[hati,hatj,hatk],[2t^(2),t,1],[8t,2,0]|` `=-2hati+8thatj-4t^(2)hatk` किग्रा-`("मीटर")^(2)`/सेकण्ड |
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| 43. |
कोणीय संवेग का विमीय सूत्र है-A. `[ML^(2)T^(-1)]`B. `[M^(2)LT^(-1)]`C. `[ML^(-1)T^(-2)]`D. `[ML^(2)T^(-2)]` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 44. |
कोई बच्चा किसी चिकने क्षैतिज फर्श पर एकसमान चाल v से गतिमान किसी लम्बी ट्रॉली के एक सिरे पर बैठा है। यदि बच्चा खड़ा होकर ट्रॉली पर किसी भी प्रकार से दौड़ने लगता है, तब निकाय (ट्रॉली + बच्चा) के द्रव्यमान केन्द्र की चाल क्या है? |
| Answer» निकाय (ट्रॉली+बचे) के द्रव्यमान केंद्र की चल अर्थार्त v नियत रहती है क्युकी किसी निकाय की स्थिति केवल बाह्य बल द्वारा परिवर्तन की जा सकती है तथा दौड़ने में ट्राली पर आरोपित बल आतंरिक बल है | |
| 45. |
कोणीय संवेग है-A. ध्रुवीय सदिशB. अक्षीय सदिशC. अदिशD. इनमें से कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 46. |
एक व्यक्ति एक घूमती हुई मेज पर हाथ मोड़े हुए बैठा है। अचानक वह अपने हाथों को फैला देता है। मेज की कोणीय चाल-A. बढ़ जायेगीB. घट जायेगीC. नियत रहेगीD. कुछ नहीं कहा जा सकता |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 47. |
कोई व्यक्ति एक घूमते हुए प्लेटफॉर्म पर खड़ा है। उसने अपनी दोनों बाहें फैला रखी हैं और उनमें से प्रत्येक में 5 किग्रा-भार पकड़ रखा है। प्लेटफॉर्म की कोणीय चाल 30 rev/min है। फिर वह व्यक्ति बाहों को अपने शरीर के पास ले आता है। जिससे घूर्णन अक्ष से प्रत्येक भार की दूरी 90 सेमी से बदल कर 20 सेमी हो जाती है। प्लेटफॉर्म सहित व्यक्ति के जड़त्व आघूर्ण का मान 7.6किग्रा-मीटर`""^(2)` ले सकते हैं। (i) उसका नया कोणीय वेग क्या है?( घर्षण की उपेक्षा कीजिए) (ii) क्या इस प्रक्रिया में गतिज ऊर्जा संरक्षित होती है? यदि नहीं, तो इसमें परिवर्तन का स्रोत क्या है? |
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Answer» दिया है - प्रत्येक द्रव्यमान का भार (m ) = 5 किग्रा प्रारंभिक कोणीय वेग ` ( omega _ 1 ) = 30 rpm ` ` r _ 1 = 90 ` सेमी = ` 0.90 ` मीटर ` r _ 2 = 20 ` सेमी = ` 0.20 ` मीटर व्यक्ति तथा प्लेटफॉर्म का जड़त्व आघूर्ण , ` (I ) = 7.6. ` किग्रा - मीटर ` ""^ 2 ` दोनों भारों का जड़त्व आघूर्ण, ` ( I _ 1 ) = m r _ 1 ^ 2 + mr _ 1 ^ 2 ` ` = 2 xx mr _ 1 ^ 2 = 2 xx 5 xx ( 0.90 ) ^ 2 ` ` = 8.1 ` किग्रा - मीटर ` ""^ 2 ` जब व्यक्ति अपने हाथ सिकोड़ लेता है, तो दो भागो का जड़त्व आघूर्ण, ` I _ 2 = m r _ 2 ^ 2 + m r _ 2 ^ 2 ` ` = 2 xx 5 xx ( 0.20 ) ^ 2 ` = 0.4 किग्रा - मीटर `""^ 2 ` कोणीय संवेग संरक्षण के नियम से, ` I _ 1 omega _ 1 = I _ 2 omega _ 2 ` ` therefore ( I + I _ 1 ) xx omega _ 1 = ( I + I _2 ) xx omega_ 2 ` ` ( 7 .6 + 8.1 ) xx 30 = ( 7.6 + 0.4 ) xx omega _ 2 ` या ` omega _ 2 = ( 15.7 xx 30 ) /( 8.0 ) = 58.88 ` rpm ` = 58.9 ` rmp यहाँ, ` I _ 1 omega _ 1 = I _ 2 omega_ 2 ` या ` I _ 1 ^ 2 omega _ 1 ^ 2 = I _ 2 ^ 2 omega _ 2 ^ 2 ` या ` ( 1 ) / (2 ) I _ 1 ( I _ 1 omega _ 1 ^ 2 ) = ( 1 ) / ( 2 ) I _ 2 ( I _ 2 omega _ 2 ^ 2 ) ` या ` ( ( 1 ) / (2 ) I _ 2 omega _ 2 ^ 2)/ ( ( 1 ) / (2 ) I _ 1 omega_ 1 ^2) = ( I _ 1 ) / ( I _ 2 ) ` यहाँ ` I _ 1 gt I_ 2 ` ` therefore ( I _ 1 ) /( I _ 2 ) gt 1 ` तथा ` ( ( 1 ) / (2 ) I _ 2 omega _ 2 ^ 2 ) / ( ( 1 ) / (2 ) I _ 1 omega _ 1^ 2 ) gt 1 ` या ` (1 ) / (2 ) I _ 2 omega _ 2 ^ 2 gt (1 ) / ( 2 ) I _ 1 omega _ 1 ^ 2 ` अत: संयोजित निकाय की गतिज ऊर्जा दोनों चक्रिकाओं की आरम्भिक गतिज ऊर्जाओं के योग से कम है। गतिज ऊर्जा में यह हानि डिस्कों के बीच लगे घर्षण बलों के कारण होती है। घर्षण बलों के द्वारा उत्पन्न बल आघूर्ण केवल आन्तरिक है। अत: कोणीय संवेग नियत रहता है |
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| 48. |
एक क्षैतिज तल पर 1 किग्रा द्रव्यमांन का एक ठोस गोला 10 मीटर/सेकण्ड के वेग से बिना फिसले लुढ़कते हुए चल रहे हैं। प्रत्येक पिण्ड की स्थानान्तरीय, घूर्णन तथा कुल गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिये। |
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Answer» क्षैतिज तल पर बिना फिसले लुढ़कते ठोस गोला-स्थानान्तरीय गतिज ऊर्जा `K_(T)=1/2Mv^(2)=50` जूल घूर्णन गतिज ऊर्जा `K_(R)=1/2Iomega^(2)=1/2(2/5MR^(2))omega^(2)` `1/5Mv^(2)=1/5xx1(10)^(2)=20` जूल कुल गतिज ऊर्जा K = 50 +20 =70 जूल |
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| 49. |
दृढ़ पिण्ड के यान्त्रिक सन्तुलन में होने के लिये आवश्यक शर्ते लिखिये। |
| Answer» (i) `SigmavecF_(ext)=0,` (ii) `Sigmavectau_(ext)=0` | |
| 50. |
कोणीय संवेग गुणनफल है-A. द्रव्यमान तथा कोणीय वेग काB. जड़त्व आघूर्ण तथा कोणीय त्वरण काC. जड़त्व आघूर्ण तथा कोणीय वेग काD. बल आघूर्ण तथा कोणीय त्वरण का |
| Answer» Correct Answer - C | |