InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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यदि एक कण पर `(3hati+hatj-2hatk)` न्यूटन बल लगाकर उसे `(3hati+5hatj+7hatk)`मीटर विस्थपित किया जाता है तो बल द्वारा कृत कार्य है :A. 28 जूलB. 10 जूलC. 18 जूलD. शून्य |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 52. |
एक सरल रेखा के अनुदिश दो प्रेक्षक एक-दूसरे के सापेक्ष D वेग से गतिशील हैं। ये प्रेक्षक m द्रव्यमान के एक गुटके को एक खुरदरी सतह पर बिंदु A से बिंदु B तक गति करता हुआ देखते हैं। नीचे दी गई। राशियों में से किस राशि का मान दोनों प्रेक्षक बराबर बताएँगे?A. समय t पर गुटके की गतिज ऊर्जाB. घर्षण द्वारा गुटके पर किया गया कार्यC. गुटके पर किया गया कुल कार्यD. गुटके का त्वरण |
| Answer» Correct Answer - D | |
| 53. |
1 किग्रा द्रव्यमान की गेंद 2 मीटर लम्बी रस्सी के एक सिरे से बाँधी है। इसे उर्ध्वार्धर वृत्त में घुमाया जा रहा है। यदि `g=10"मीटर /सेकण्ड"""^(2)` हो तो वृत्त के निम्नतम बिन्दु पर गेंद की न्यूनतम चाल क्या है ?A. 10 मीटर/सेकण्डB. 12 मीटर/सेकण्डC. 15 मीटर/सेकण्डD. 20 मीटर/सेकण्ड |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 54. |
एक पिण्ड पर बल `vecF=(4hati+5hatj)`न्यूनतम लगता है। यह बल पिण्ड को `vecS=(3hati+6hatk)` मीटर विस्थपित करता है। किया गया कार्य है-A. 30 जूलB. 12 जूलC. 38 जूलD. 42 जूल |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 55. |
300 किग्रा द्रव्यमान की कोई ट्रॉली, 25 किग्रा रेत का बोरा लिए हुए किसी घर्षणरहि पथ पर 27 किमी/घण्टा की एकसमान चाल से गतिमान है। कुछ समय पश्चात बोरे में किस छिद्र से रेत 0.05 किग्रा/सेकण्ड की दर से निकलकर ट्रॉली के फर्श पर रिसने लगती है। रेत का बोरा खाली होने के पश्चात ट्रॉली की चाल क्या होगी ? |
| Answer» रेत का बोरा लिए हुए ट्रॉली एकसमान वेग से गति कर रही है इस पर लगा बाह्य बल शून्य है। रेत के बोरे सहित ट्रॉली का भार फर्श की अभिलम्ब प्रक्रिया द्वारा संतुलित होता है जब बोरे के छिद्र से रेत निकलकर रिसने लगती है जब ट्रॉली पर कोई बाह्य बल आपतित नहीं होता है। अतः ट्रॉली की चाल परिवर्तित नहीं होती है। | |
| 56. |
एक गेंद को 10 मीटर की ऊँचाई से छोड़ा जाता है। यदि फर्श पर टकराने के बाद गेंद की ऊर्जा में `40%` की कमी आ जाती है, तो गेंद टकराने के बाद कितनी ऊँचाई तक जायेगी? |
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Answer» माना गेंद का द्रव्यमान m है । गेंद की 10 मीटर ऊँचाई पर स्थितिज ऊर्जा , `U=mxxgxx10` जहाँ g गुरुत्वीय त्वरण है। फर्श पर टकराने पर स्थितिज ऊर्जा ही गतिज ऊर्जा में बदलती है। अतः टकराने के बाद गेंद में (गतिज ) ऊर्जा उपरोक्त की केवल `60%` होगी। इस प्रकार, गेंद में बची ऊर्जा `=(mxxgxx10)xx(60)/(100)=6mg`. माना इस ऊर्जा के कारण गेंद h ऊँचाई तक जाती है । तब, `mgh=6mg" अथवा " h=6 `मीटर । |
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| 57. |
एक रबर की गेंद की ऊँचाई `h=4.9` मीटर से एक क्षैतिज प्रत्यास्थ प्लेट पर मुक्त रूप से गिर रही है। यह मानकर कि टक्कर का समय नगण्य है तथा प्लेट से टक्कर पूर्णतया प्रत्यास्थ है। तब समय के साथ वेग तथा समय के साथ ऊँचाई का फलन होगा:A. B. C. D. |
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Answer» Correct Answer - C गेंद का प्रारम्भिक वेग नीचे की ओर है अर्थात प्रारम्भिक वेग ऋणात्मक है। v - t ग्राफ का ढलान टक्कर के अतिरिक्त नियत रहेगा । समय-ऊँचाई ग्राफ पर वलय होगा । ऊँचाई ऊपर की ओर धनात्मक ली गई है। |
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| 58. |
एक क्षैतिज स्प्रिंग से बँधा एक 110 ग्राम का पिंड 5 सेमी के आयाम से सरल आवर्त गति कर रहा है। जब यह पिण्ड अपनी माध्य स्थिति से गुजरता है, तब इसके ऊपर एक छोटा पिण्ड रख दिया जाता है। अब दोनों पिण्ड 4 सेमी के आयाम में गति करते है। छोटे पिण्ड का द्रव्यमान ज्ञात कीजिए । |
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Answer» प्रथम स्थिति में, ` (1)/(2)kx_(1)^(2)=(1)/(2)m_(1)v_(1)^(2)" ...(i)"` द्वितीय स्थिति में, जब `m_(1)` द्रव्यमान के पिण्ड पर `m_(2)` द्रव्यमान का एक छोटा पिण्ड रख दिया जाता है। तब माना इसका वेग `v_(2)` हो जाता है। तब `(1)/(2)kx_(2)^(2)=(1)/(2)(m_(1)+m_(2))v_(2)^(2)" ...(ii)"` समी० (i) को समी० (ii) से भाग देने पर `((1)/(2)kx_(1)^(2))/((1)/(2)kx_(2)^(2))=((1)/(2)m_(1)v_(1)^(2))/((1)/(2)(m_(1)+m_(2))v_(2)^(2))` अथवा `" "(x_(1)^(2))/(x_(2)^(2))=(m_(1)v_(1)^(2))/((m_(1)+m_(2))v_(2)^(2))" ...(iii)"` संवेग संरक्षण के नियम से `m_(1)v_(1)=(m_(1)+m_(2))v_(2)` अथवा `" "(v_(1))/(v_(2))=(m_(1)+m_(2))/(m_(1))` समी० (ii) में `(v_(1))/(v_(2))` का मान रखने पर `(x_(1)^(2))/(x_(2)^(2))=(m_(1))/((m_(1)+m_(2)))xx((m_(1)+m_(2))^(2))/(m_(1)^(2))=(m_(1)+m_(2))/(m_(1))` `therefore " "(25)/(16)=(100+m_(2))/(100)` अथवा `m_(2)=56.25` ग्राम । |
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| 59. |
एक ट्रक तथा कार की गतिज उर्जायें समान है । यदि ट्रक का भार, कार के भार का 16 गुना हो, तो ट्रक तथा कार के संवेगों का अनुपात होगा ।A. `1:16`B. `16:1`C. `1:4`D. `4:1` |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 60. |
कोई परिवार 8 kW विधुत-शक्ति का उपभोग करता है। (i) किसी क्षैतिज सतह पर सीधे आपतिति होने वाले सोर ऊर्जा कि औसत दर `200 W` है। यदि इस ऊर्जा का `20%` भाग लाभदायक विधुत ऊर्जा में रूपांतरित किया जा सकता है, तो 8 kW कि विधुत आपूर्ति के लिए कितने क्षेत्रफल कि आवश्यकता होगी ? (ii) इस क्षेत्रफल कि तुलना किसी विशिष्ट भवन कि छत के क्षेत्रफल से कीजिए। |
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Answer» किसी परिवार द्वारा उपयोग कि गई शक्ति `(P)=5kW` (i) प्रति वर्ग मीटर क्षैतिज सतह पर आपतित सौर ऊर्जा `=200W ` प्रति वर्ग मीटर सौर ऊर्जा से उत्पन्न ऊर्जा `=200xx20/100W=40W` `therefore 8kW` कि विधुत आपूर्ति के लिए आवश्यक क्षेत्रफल `=(8kW)/(40W)=(8000)/(40)` `=200"मीटर"""^(2)` (ii) यह क्षेत्रफल `250"मीटर"""^(2)` के क्षेत्रफल के भवन कि छत के तुल्य है। |
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| 61. |
दो समरूपी बॉल-बियरिंग एक-दूसरे के संपर्क में है और किसी घर्षणरहित मेज पर विरामावस्था में है। इनके साथ समान द्रव्यमान का कोई दूसरा बॉल-बियरिंग, जो आरम्भ में v चाल से गतिमान है, सम्मुख संघट्ट करता है। यदि संघट्ट प्रत्यास्थ है तो संघट्ट के पश्चात निम्नलिखित (चित्र) में से कौन-सा परिणाम संभव है? |
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Answer» माना प्रत्येक बॉल-बियरिंग का द्रव्यमान m है। संघट्ट से पहले- बाल बियरिंग की कुल गतिज ऊर्जा `=1/2mv^(2)+1/2m(0)^(2)+1/2m(0)^(2)=1/2mv^(2)` संघट्ट के बाद- प्रथम स्थिति में, बॉल बियरिंग की गतिज ऊर्जा `=1/2m(0)^(2)+1/2m((v)/(2))^(2)+1/2m((v)/(2))^(2)` `=0+1/2(mv^(2))/(4)+1/2(mv^(2))/(4)=(mv^(2))/(4)` द्वितीय स्थिति में, बॉल बियरिंग की गतिज ऊर्जा `=1/2m(0)^(2)+1/2m(0)^(2)+1/2mv^(2)=1/2mv^(2)` तृतीय स्थिति में, बॉल बियरिंग की गतिज ऊर्जा `=1/2m((v)/(3))^(2)+1/2m((v)/(3))^(2)+1/2m((v)/(3))^(2)` `=3xx1/2m(v^(2))/(9)=(mv^(2))/(6)` प्रत्यास्थ संघट्ट में, गतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है तथा द्वितीय स्थिति में बॉल बियरिंग की गतिज ऊर्जा संरक्षित रहती है (यह स्थिति संघट्ट के पश्चात ही सम्भव है।) |
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| 62. |
तल से 40 मीटर ऊपर हो ऊपर पम्प की क्षमता `30 %` हो तो पम्प द्वारा कितनी विधुत शक्ति का उपयोग किया गया ? |
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Answer» टंकी का आयतन `(V)=30"मीटर"""^(3)` जल का घनत्व `(rho)=10^(3)"किग्रा /मीटर"""^(3)` `therefore` ताकि में भरे जल का द्रव्यमान `m=Vxxrho(because"घनत्व"=("द्रव्यमान")/(" आयतन "))` `=30xx10^(3)=3xx10^(4)` किग्रा टंकी की ऊंचाई `(h)=40` मीटर टंकी को भरने में पम्प द्वारा किया गया कार्य `W=mgh` `=3xx10^(4)xx9।8xx40` `=1।176xx10^(7)J` टंकी को भरने में लिया गया समय = 15 मिनट `=15xx60=900` सेकण्ड `therefore ` शक्ति `(P)("किया गया कार्य")/(" लिया गया समय")` `P=(1।176xx10^(7))/(900)` `=13।07xx10^(3)W` `=13।07kW` पम्प की क्षमता `(eta)=("निर्गत शक्ति")/(" आरोपित शक्ति")xx100` `therefore` आरोपित शक्ति `=("निर्गत शक्ति")/(eta)xx100` `=(13।07)/(3)xx100` `=(130।7)/(3)kW=43।56kW` `=43।6kW` पम्प द्वारा 43.6 किलो वाट शक्ति उपयोग की जाती है। |
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| 63. |
100 ग्राम द्रवमान की एक गेंद 100 सेमी/सेकण्ड के वेग से आकर किसी दीवार से टकराती है तथा 80 सेमी/सेकण्ड के वेग से उसी मार्ग पर लौट आती है। दीवार द्वारा गेंद पर लगाये गये आवेग तथा गेंद की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन ज्ञात कीजिए । |
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Answer» गेंद का द्रव्यमान m = 100 ग्राम = 0.1 किग्रा , प्रारम्भिक वेग `v_(1)=100` सेमी/सेकण्ड = 1 मीटर / सेकण्ड, अन्तिम वेग `v_(2)=80` सेमी/सेकण्ड = 0.8 मीटर / सेकण्ड । गेंद का टकराने से पहले संवेग `p_(1)=mv_(1)=0.1xx1=0.1` किग्रा - मीटर / सेकण्ड । गेंद का टकराने के बाद संवेग `p_(2)=-mv_(2)=-(0.1xx0.8)=-0.08 ` किग्रा - मीटर/सेकण्ड । `therefore ` गेंद में संवेग-परिवर्तन `=p_(2)-p_(1)` `=-0.08-0.1` `=-0.18` किग्रा - मीटर /सेकण्ड । संवेग-संरक्षण के नियमानुसार, इतना ही संवेग - परिवर्तन दिवार में विपरीत दिशा में होगा । `therefore` दिवार द्वारा गेंद पर आवेग `=0.18` किग्रा-मीटर/सेकण्ड । गेंद की टकराने से पहले गतिज ऊर्जा `=(1)/(2)mv_(1)^(2)=(1)/(2)xx0.1xx(1)^(2)=0.05 "जूल "`। गेंद की टकराने के बाद गतिज ऊर्जा `=(1)/(2)mv_(2)^(2)=(1)/(2)xx0.1xx(0.8)^(2)=0.032"जूल।"` `therefore` गेंद की गतिज ऊर्जा में परिवर्तन (ह्रास) `=0.05-0.032` `=0.018` जूल । |
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| 64. |
किग्रा द्रव्यमान का कोई बोल्ट 7 मीटर `"सेकण्ड"""^(-1)`की एकसमान चाल से निचे आ रही किसी लिफ्ट की छत से गिरता है। यह लिफ्ट के फर्श से टकराता है (लिफ्ट की लम्बाई =3 मीटर) और वापस नहीं लौटता है। टक्कर द्वारा कितनी ऊष्मा उत्पन्न हुई? यदि लिफ्ट स्थिर होती, तो क्या आपका उत्तर इससे भिन्न होता ? |
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Answer» बोल्ट का द्रव्यमान `(m)=0.3` किग्रा लिफ्ट की लम्बाई `(h)=3` मीटर क्योकि बोल्ट टकराने के बाद उछाल नहीं लेता है। इसलिए बोल्ट की स्थितिज ऊर्जा ऊष्मा में परिवर्तन हो जाती है। `therefore` उत्पन्न ऊष्मा = बोल्ट की स्थितिज ऊर्जा `=mgh=0।3xx9।8xx3` `=8.82J` लिफ्ट के गतिमान तथा स्थिर होने की दिशा में उत्तर परिवर्तित नहीं होगा, क्योकि गुरुत्वीय त्वरण सभी जड़त्वीय फ्रेम में समान रहता है। |
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किस प्रकार के संघट्ट प्रत्यास्थी या अप्रत्यास्थी में वस्तु का संवेग संरक्षित रहता है तथा गतिज ऊर्जा ? |
| Answer» दोनों प्रकार के संघट्टों में । केवल प्रत्यास्थ संघट्ट में। | |
| 66. |
यदि किसी पिण्ड का संवेग `50%` बढ़ जाता है, तो उसकी गतिज ऊर्जा कितने प्रतिशत बढ़ेगी ?A. `50%`B. `100%`C. `125%`D. `150%` |
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Answer» Correct Answer - C माना m द्रव्यमान के पिण्ड के प्रारम्भिक तथा अन्तिम संवेग `p_(1)` व `p_(2)` हैं तथा उर्जायें `K_(1)` व `K_(2)` हैं । तब `p_(2)=p_(1)+0.5p_(1)` अथवा `" "(p_(2))/(p_(1))=1.5` `therefore (K_(2))/(K_(1))=(p_(2)^(2)//2m)/(p_(1)^(2)//2m)=(p_(2)^(2))/(p_(1)^(2))=(1.5)^(2)=2.25.` इससे गतिज ऊर्जा में वृद्धि `(K_(2)-K_(1))/(K_(1))xx100=(2.25-1)xx100=125%`. |
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एक हल्की व एक भारी वस्तु की गतिज ऊर्जाएं समान है, किस वस्तु का संवेग अधिक होगा और क्यों ? |
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Answer» संवेग `p=mv` `rArr " "p^(2)=m^(2)v^(2)" "rArr" "(p^(2))/(2)=(1)/(2)mv^(2)xxm` अथवा `(p^(2))/(2)=Km rArr p=sqrt(2mK)` जहाँ K वस्तु की गतिज ऊर्जा है जो कि नियत है। अतः `p prop sqrtm` इस प्रकार भारी वस्तु का संवेग अधिक होगा । |
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किसी वायुयान के वेग को दोगुना कर दिया जाता है, (a) उसके संवेग पर क्या प्रभाव पड़ेगा, क्या संवेग संरक्षित रहेगा ? (b) उसकी गतिज ऊर्जा पर क्या प्रभाव पड़ेगा? क्या ऊर्जा संरक्षित रहेगी ? |
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Answer» (a) वायुमन का संवेग दोगुना जो जायेगा, वायुयान `+` वायु, निकया का संवेग संरक्षित रहेगा क्योंकि एक तरफ जहाँ वायुमन का संवेग एक दिशा में बढ़ेगा वायु का संवेग भी परिमाण में उतना ही विपरीत दिशा में बढ़ जाएगी। (b) गतिज ऊर्जा प्रारम्भिक गतिज ऊर्जा की चार गुनी हो जाएगी। वास्तव में इस वृद्धि के लिए आवश्यक अतिरिक्त ऊर्जा विमान का ईंधन जलकर प्रदान करेगा। निकाय की सम्पूर्ण ऊर्जा नियत रहेगी । |
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| 69. |
क्या यह संम्भव है कि किसी पिण्ड में संवेग न हो पर ऊर्जा हो तथा किसी पिण्ड ऊर्जा हो पर संवेग न हो ? |
| Answer» हाँ, किसी वस्तु में उसके अणुओं के ऊष्मीय विक्षोभ (thermal agitation ) के कारण आंतरिक ऊर्जा हो सकती है। अब चूँकि ऊर्जा के आदिश राशि है अतः यदि यह ऊर्जा अनियमित रूप से भी विपरीत हो, तो भी निकाय की संपूर्ण ऊर्जा में प्रत्येक अनु की व्यक्तिगत ऊर्जा का योग ही होगा जबकि संवेग एक सदिश राशि है। अतः यदि निकाय के भिन्न-भिन्न अणुओं के संवेग भिन्न-भिन्न दिशाओं में निर्दिष्ट हो, तो उनका सदिश योग शून्य भिन्न-भिन्न दिशाओं में निर्दिष्ट हो, तो उनका सदिश योग शून्य हो सकता है। दूसरी तरफ यदि वस्तु में संवेग है, तो उसमे ऊर्जा न हो ऐसा संम्भव नहीं । यदि और किसी ऊर्जा पर विचार न भी करे, तो वस्तु में गतिज ऊर्जा तो अवश्य ही होगी। | |
| 70. |
एक बल 30 ग्राम के ऐसे कण पर लगा है , जिसकी स्थिति समय के फलन के रूप में `x = 3t - 4t^(2) + t^(3)` द्वारा दी गई है , जहाँ x मी में तथा t सेकण्ड में है । पहले 4 सेकण्ड में किया गया कार्य हैA. `5.28` जूलB. 450 मिली जूलC. 490 मिली जूलD. 530 जूल |
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Answer» Correct Answer - A दिया है , ` x = 3t - 4t^(2) + t^(3)` `:. v = (dx)/(dt) = d/(dt) (3t - 4t^(2) + t^(3))` ` = 3 - 8t + 3t^(2)` ` :. V_(0) = 3` मी /से तथा `v_(4) = 19` मी से ` W = 1/2 m(v_(4)^(2) - v_(0)^(2))` कार्य - ऊर्जा प्रमेय से , ` = 1/2 xx 0.03 xx (19^(2)-3^(2)) = 5.28` जूल |
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| 71. |
यदि दो प्रोटॉन एक-दूसरे के समीप लाये जाएँ, तो इनसे निर्मित निकाय की स्थितिज ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा ? यदि निकाय (b) दो इलेक्ट्रॉनों से (c) एक इलेक्ट्रॉन व एक प्रोटॉन से बना हो, तो अनुभाग (a) के उत्तर में क्या किसी परिवर्तन की सम्भावना है? |
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Answer» (a ) निकाय के दोनों प्रोटॉनों पर समान प्रकृति (धनात्मक) का आवेश होने के कारण जब उन्हें एक-दूसरे के समीप, लाएंगे, तो ऐसी स्थिति में उनके मध्य कार्य कर रहे विधुतीय - प्रतिकर्षण बल के विरुद्ध कार्य करना पड़ेगा । परिणामस्वरूप निकाय की स्थितिज ऊर्जा बढ़ जायेगी । (b ) बढ़ जायेगी, दो इलेक्ट्रॉनों के मध्य भी प्रतिकर्षण बल ही कार्य करता है। (c ) घट जायेगी, चूँकि एक इलेक्ट्रॉन व एक प्रोटॉन के मध्य आकर्षण-बल कार्य करता है। आठ मुक्त किए जाने पर निकाय में अथवा इस प्रक्रिया में निकाय स्वयं कार्य करेगा फलतः निकाय की स्थितिज ऊर्जा घट जायेगी | |
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| 72. |
आइन्सटीन के द्रव्य-ऊर्जा तुल्यता संमबन्ध के अनुसार द्रव्य को ऊर्जा तथा ऊर्जा को द्रव्य में परिवर्तित किया जा सकता है। कोयले को जलाने से उतपन्न ऊष्मा नाभिकीय विखंडन की क्रिया में उतपन्न ऊर्जा आदि द्रव्य की ऊर्जा की परिणति के उदाहरण हैं कोई ऐसा उदाहरण दीजिए जिसमे ऊर्जा द्रव्य में परिणित होती हो । |
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Answer» युग्म उत्पादन की प्रक्रिया जिसमे एक गामा - किरण फोटॉन (ऊर्जा hv, जिसमे h प्लांक नियतांक तथा v विकिरण की आवृत्ति है ) एक इलेक्ट्रॉन `(._(-1)e^(0))` व एक पॉजीट्रॉन `(._(+1)e^(0))` जो इलेक्ट्रॉन का प्रति-कण है में परिणित हो जाता है क्रिया का समीकरण निम्नलिखित है :: `hv=._(-1)e^(0)+._(+1)e^(0)` |
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| 73. |
`0.012` किग्रा द्रव्यमान कि कोई गोली 70 मीटर/सेकण्ड कि क्षैतिज चाल से चलते हुए 0.4 किग्रा द्रव्यमान के लकड़ी के गुटके से टकराकर गुटके के सापेक्ष तुरंत ही विरामावस्था में आ जाती है। गुटके को छत से पतली तारो द्वारा लटकाया गया है। परिकलन कीजिए कि गुटका किस ऊँचाई तक ऊपर उठता है। ? गुटके के पैदा हुई ऊष्मा कि मात्रा भी अनुमान लगाइए। |
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Answer» गोली का द्रव्यमान `(m_(1))=0.012` किग्रा गोली का क्षैतिज वेग `(u_(1))=70` मीटर/सेकण्ड लकड़ी कि गुटके का द्रव्यमान `(m_(2))=0.4` किग्रा प्रारम्भ में, लकड़ी के टुकड़े का द्रव्यमान `(u_(2))=0` माना गोली तथा लकड़ी के टुकड़े का वेग v मीटर/सेकण्ड है। संवेग संरक्षण के नियम के अनुसार, (गोली + गुटके) का संघट्ट के बाद रेखीय संवेग `m_(1)u_(1)+m_(2)u_(2)=m_(1)v+m_(2)v` `0.012xx70+0.4xx0=0.012xxv+0.4xxv` या `v=(0.012xx70)/(0.4+0.012)=0।40` मी०/से० माना लकड़ी का गुटका गोकि के साथ h ऊँचाई उठता है। ऊर्जा संरक्षण के नियमानुसार उच्चतम बिंदु पर निकाय (गोली + गुटके) कि गतिज ऊर्जा = निम्नतम बिंदु पर निकाय (गोली + गुटके) कि गतिज ऊर्जा `therefore(m_(1)+m_(2))gh=1/2(m_(1)+m_(2))v^(2)` या `h=(v^(2))/(2g)=(2.04xx2.04)/(2xx9.8)= 0.212` मीटर गुटके में उत्पन्न ऊष्मा = गतिज ऊर्जा में कमी = गोली का प्रारंभिक गतिज ऊर्जा - निकाय (गोली + गुटके) कि अन्तिम गतिज ऊर्जा `=1/2m_(1)u_(1)^(2)-1/2(m_(1)+m_(2))u^(2)` `=1/2xx0.012xx(70)^(2)-1/2(0.012+0.4)xx(2.40)^(2)` `=29.4-0.86=28.54J` `=(28.54)/(4.2)cal=6.8cal` |
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