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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 1. | भारत में साम्यवादी दल की स्थापना हुई-(a) सन् 1940(b) सन् 1924(c) सन् 1950(d) सन् 1960 | 
| Answer» सही विकल्प है (b) सन् 1924 | |
| 2. | क्षेत्रवाद का अर्थ, कारण तथा दुष्परिणामों की समीक्षा कीजिए। | 
| Answer» क्षेत्रवाद का अर्थ क्षेत्रवाद का अर्थ किसी देश के उस छोटे से क्षेत्र से है जो आर्थिक, सामाजिक आदि कारणों से अपने पृथक् अस्तित्व के लिए जाग्रत है। क्षेत्रवाद का कारण क्षेत्रवाद के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं- क्षेत्रवाद के दुष्परिणाम भारतीय राजनीति में क्षेत्रवाद के प्रमुख दुष्परिणाम निम्नलिखित हैं- | |
| 3. | असम समझौता क्या था? इसके क्या परिणाम हुए? | 
| Answer» असम समझौता-सन् 1985 में तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गांधी और आसू के बीच एक समझौता हुआ जिसमें यह तय किया गया कि जो लोग बंगलादेश युद्ध के दौरान या उसके बाद के वर्षों में असम आए हैं, उनकी पहचान की जाएगी और उन्हें वापस भेजा जाएगा। समझौते के कारण-समझौते के निम्नलिखित प्रमुख परिणाम निकले- ⦁    समझौते के बाद ‘आसू’ और असम-गण-संग्राम परिषद् ने साथ मिलकर ‘असम-गण-परिषद्’ नामक एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल बनाया। | |
| 4. | भारत में नए राज्यों के गठन के पक्ष और विपक्ष में क्या तर्क दिए जाते रहे हैं? | 
| Answer» नए राज्यों के गठन के पक्ष में तर्क-भारत में नए राज्यों के समर्थक अपने पक्ष में निम्नलिखित तर्क देते हैं- ⦁    नए राज्यों का गठन करने से पिछड़े क्षेत्रों को विकास करने का विशेष अवसर प्राप्त हो जाता है। नए राज्यों के विपक्ष में तर्क-भारत में नए राज्यों के विपक्ष में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं- ⦁    नए राज्यों की माँग विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष तथा तनाव पैदा करती है। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से यदि नए राज्यों का गठन किया जाए तो बुरा नहीं है, किन्तु क्षेत्रीयतावाद की संकीर्ण भावना को भड़काकर नए राज्य की माँग करना राष्ट्रीय हित में नहीं है क्योंकि यह प्रवृत्ति पृथक्तावाद को जन्म देती है। | |
| 5. | क्षेत्रीय दलों से क्या आशय है? | 
| Answer» जो पार्टी सारे देश में नहीं होती बल्कि जिसका कार्यक्षेत्र किसी प्रान्त या राज्य या उसके छोटे-से क्षेत्र तक सीमित होता है, उसे ‘क्षेत्रीय दल’ कहा जाता है। | |
| 6. | क्षेत्रीय असन्तुलन के कारणों की व्याख्या कीजिए। | 
| Answer» क्षेत्रीय असन्तुलन के कारण-भारत में क्षेत्रीय असन्तुलन के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं- ⦁    भौगोलिक विषमताओं ने क्षेत्रीय असन्तुलन पैदा किया है। परिस्थितियों के कारण भारत में एक तरफ राजस्थान जैसा मरुस्थल है जो कम उपजाऊ है तो दूसरी तरफ पंजाब जैसा उपजाऊ क्षेत्र हैं। | |
| 7. | क्षेत्रीय असन्तुलन क्षेत्रवाद का जनक है। व्याख्या कीजिए। अथवा क्षेत्रीय असन्तुलन भारत में क्षेत्रवाद का एक प्रमुख कारण है। समझाइए। | 
| Answer» क्षेत्रीय असन्तुलन क्षेत्रवाद के जनक के रूप में क्षेत्रीय असन्तुलन से अभिप्राय विभिन्न क्षेत्रों के बीच प्रति व्यक्ति आय, साक्षरता दरों, स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता, औद्योगीकरण का स्तर आदि के आधार पर अन्तर पाया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों के बीच बड़े पैमाने पर असन्तुलन पाया जाता है। क्षेत्रीय असन्तुलन ने भारत में निम्नलिखित रूप से क्षेत्रवाद को पैदा किया है- ⦁    क्षेत्रीय विभिन्नताओं एवं असन्तुलन के कारण क्षेत्रीय भेदभाव को बढ़ावा मिलता है। | |
| 8. | क्षेत्रीय असन्तुलन को दूर करने के सुझाव दीजिए। | 
| Answer» क्षेत्रीय असन्तुलन को दूर करने के सुझाव-क्षेत्रीय असन्तुलन को दूर करने हेतु निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं- ⦁    पिछड़े हुए क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष प्रयास किए जाएँ। पिछड़े क्षेत्रों में विशेषकर बिजली, यातायात व संचार के साधनों का विकास किया जाए। | |
| 9. | हर क्षेत्रीय आन्दोलन अलगाववादी माँग की तरफ अग्रसर नहीं होता। इस अध्याय से उदाहरण देकर इस तथ्य की व्याख्या कीजिए। | 
| Answer» भारत के कई क्षेत्रों में काफी समय से कुछ क्षेत्रीय आन्दोलन चल रहे हैं, परन्तु सभी क्षेत्रीय आन्दोलन अलगाववादी आन्दोलन नहीं होते, अर्थात् कुछ क्षेत्रीय आन्दोलन भारत से अलग नहीं होना चाहते बल्कि अपने लिए अलग राज्य की माँग करते हैं; जैसे-झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का आन्दोलन, छत्तीसगढ़ के आदिवासियों द्वारा चलाया गया आन्दोलन तथा तेलंगाना प्रजा समिति द्वारा चलाया गया आन्दोलन इत्यादि। | |
| 10. | भारत के विभिन्न भागों में उठने वाली क्षेत्रीय मांगों से ‘विविधता में एकता’ के सिद्धान्त की अभिव्यक्ति होती है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? तर्क दीजिए। | 
| Answer» हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ कि भारत के विभिन्न भागों से उठने वाली क्षेत्रीय मांगों में विविधता . में एकता के सिद्धान्त की अभिव्यक्ति होती है क्योंकि देश के विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न प्रकार की माँगें उठीं। | |
| 11. | ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ कब और किसके द्वारा चलाया गया? | 
| Answer» ऑपरेशन ब्लू स्टार सन् 1984 में भारत सरकार द्वारा चलाया गया। | |
| 12. | क्या इसका मतलब यह हुआ कि क्षेत्रवाद साम्प्रदायिकता के समान खतरनाक नहीं है? क्या हम यह भी कह सकते हैं कि क्षेत्रवाद अपने आप में खतरनाक नहीं? | 
| Answer» सामान्यतः लोकतान्त्रिक व्यवस्था में क्षेत्रीय आकांक्षाओं को राष्ट्र विरोधी नहीं माना जाता। इसके साथ ही लोकतान्त्रिक राजनीति में इस बात के पूरे अवसर होते हैं कि विभिन्न दल और समह क्षेत्रीय पहचान, आकांक्षा अथवा किसी विशेष क्षेत्रीय समस्या को आधार बनाकर लोगों की भावनाओं की नुमाइन्दगी करें। इस तरह लोकतान्त्रिक राजनीति की प्रक्रिया में क्षेत्रीय आकांक्षाएँ और बलवती होती हैं। साथ ही लोकतान्त्रिक राजनीति का अर्थ यह भी है कि क्षेत्रीय मुद्दों और समस्याओं पर नीति-निर्माण की प्रक्रिया में समुचित ध्यान दिया जाएगा और उन्हें भागीदारी भी दी जाएगी। | |
| 13. | नीचे लिखे अवतरण को पढ़ें और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देंहजारिका का एक गीत एकता की विजय पर है; पूर्वोत्तर के सात राज्यों को इस गीत में एक ही माँ की सात बेटियाँ कहा गया है……..मेघालय अपने रास्ते गई……अरुणाचल भी अलग हुई और मिजोरम असम के द्वार पर दूल्हे की तरह दूसरी बेटी से ब्याह रचाने के लिए खड़ा है……..इस गीत का अन्त असम लोगों की एकता को बनाए रखने के संकल्प के साथ होता है और इसमें समकालीन असम में मौजूद छोटी-छोटी कौमों को भी अपने साथ एकजुट रखने की बात कही गई है………करबी बौर मिजिंग भाई-बहन हमारे ही प्रियजन हैं। -संजीव बरूआ(क) लेखक यहाँ किस एकता की बात कर रहा है?(ख) पुराने राज्य असम से अलग करके पूर्वोत्तर के कुछ राज्य क्यों बनाए गए?(ग) क्या आपको लगता है कि भारत के सभी क्षेत्रों के ऊपर एकता की यही बात लागू हो सकती है?क्यों? | 
| Answer» (क) लेखक यहाँ पर पूर्वोत्तर राज्यों की एकता की बात कर रहा है। | |
| 14. | असम आन्दोलन सांस्कृतिक अभिमान और आर्थिक पिछड़ेपन की मिली-जुली अभिव्यक्ति था। व्याख्या कीजिए। | 
| Answer» असम आन्दोलन-असम पूर्वोत्तर भारत का एक महत्त्वपूर्ण राज्य है। सन् 1979 से सन् 1985 तक असम में बाहरी लोगों के खिलाफ जो आन्दोलन चला, उसे ‘असम आन्दोलन’ के नाम से जाना जाता है। यह आन्दोलन असम के सांस्कृतिक अभियान और आर्थिक पिछड़ेपन की मिली-जुली अभिव्यक्ति था क्योंकि- | |
| 15. | पंजाब समझौते के प्रमुख प्रावधान क्या थे? क्या ये प्रावधान पंजाब और उसके पड़ोसी राज्यों के बीच तनाव बढ़ाने के कारण बन सकते हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए। | 
| Answer» पंजाब समझौता-1970 के दशक में अकालियों के एक समूह ने पंजाब के लिए स्वायत्तता की माँग उठायी। आनन्दपुर साहिब में सन् 1973 में हुए एक सम्मेलन में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें क्षेत्रीय स्वायत्तता का मुद्दा उठाया, केन्द्र-राज्य सम्बन्धों को पुनः परिभाषित करने तथा संघवाद को मजबूत करने पर बल दिया। परन्तु इसे एक अलग सिक्ख राष्ट्र की माँग के रूप में भी पढ़ा जा सकता है। पंजाब समझौता-जुलाई 1985 में अकाली दल के तत्कालीन अध्यक्ष हरचन्द सिंह लोंगोवाल और प्रधानमन्त्री राजीव गांधी के बीच एक समझौता हुआ जिसे ‘पंजाब-समझौता’ कहा जाता है। इस समझौते के प्रमुख प्रावधान निम्नलिखित हैं- ⦁    मारे गए निरपराध व्यक्तियों के लिए मुआवजा-1 सितम्बर, 1982 के बाद हुई किसी कार्रवाई या आन्दोलन में मारे गए लोगों को अनुग्रह राशि के भुगतान के साथ सम्पत्ति की क्षति के लिए मुआवजा दिया जाएगा। | |
| 16. | भारत में क्षेत्रीय दलों के विकास के कोई दो प्रमुख कारण बताइए। | 
| Answer» ⦁    जातिवाद-भारत में अनेक क्षेत्रीय दलों का निर्माण जातिवाद के आधार पर हुआ है। | |
| 17. | आनन्दपुर साहिब प्रस्ताव का सिक्खों तथा देश पर क्या प्रभाव पड़ा? | 
| Answer» ⦁    इसके प्रभावस्वरूप स्वायत्त सिक्ख पहचान की बात उठी। | |
| 18. | नए राज्यों के निर्माण के विपक्ष में दो तर्क दीजिए। | 
| Answer» ⦁    नए राज्यों की माँग विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष तथा तनाव पैदा करती है। | |
| 19. | आनन्दपुर साहिब प्रस्ताव कब पास किया गया और इसका सम्बन्ध किसके साथ है? | 
| Answer» आनन्दपुर साहिब प्रस्ताव सन् 1973 में पास किया गया और इसका सम्बन्ध राज्यों की स्वायत्तता से है। | |
| 20. | क्षेत्रीय आकांक्षाओं का एक आधारभूत सिद्धान्त क्या है? | 
| Answer» क्षेत्रीय आकांक्षाएँ लोकतान्त्रिक राजनीति का अभिन्न अंग हैं। | |
| 21. | पूर्वोत्तर के किन राज्यों को सात बहनों के नाम से जाना जाता है? | 
| Answer» (1) असम, | |
| 22. | खतरे की बात हमेशा सीमान्त के राज्यों के सन्दर्भ में ही क्यों उठाई जाती है? क्या इस सबके पीछे विदेशी हाथ ही होता है? | 
| Answer» प्राय: यह देखा गया है कि सीमान्त प्रदेश में ही क्षेत्रवाद एवं अलगाववाद की समस्या अधिक पायी जाती है। इसका मुख्य कारण विदेशी ताकतों का हाथ होना माना जा सकता है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में घटित होने वाली विभिन्न घटनाएँ इसका उदाहरण माना जा सकता है। कश्मीरियों द्वारा अलग से स्वतन्त्र राष्ट्र की ओर पंजाब द्वारा खालिस्तान की माँग के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ रहा है। | |
| 23. | राजीव गांधी के सम्बन्ध में आप क्या जानते हैं? | 
| Answer» राजीव गांधी, फिरोज गांधी और इन्दिरा गांधी के पुत्र थे। उनका जन्म सन् 1944 में हुआ। सन् 1980 के बाद वे देश की सक्रिय राजनीति में शामिल हुए। अपनी माँ श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद वे राष्ट्रव्यापी सहानुभूति के माहौल में भारी बहुमत से जीते तथा सन् 1984 में देश के प्रधानमन्त्री बने और सन् 1989 तक वह प्रधानमन्त्री पद पर रहे। इन्होंने पंजाब में व्याप्त आतंकवाद के विरुद्ध उदारपन्थी नीतियों के समर्थक लोंगोवाल के साथ समझौता किया। इन्हें मिजो विद्रोहियों व असम में छात्र संघों से समझौता करने में सफलता प्राप्त हुई। राजीव गांधी देश में उदारवाद या खुली अर्थव्यवस्था एवं कम्प्यूटर प्रौद्योगिकी के प्रणेता रहे। श्रीलंका में नक्सलियों की समस्या को सुलझाने के लिए इन्होंने भारतीय शान्ति सेना को श्रीलंका भेजा। ऐसा माना जाता है कि श्रीलंका के विद्रोही तमिल संगठन लिट्टे के एक आत्मघाती द्वारा सन् 1991 में राजीव गांधी की निर्मम हत्या कर दी गयी। | |
| 24. | क्षेत्रीय असन्तुलन क्या है? भारतीय राजनीति व्यवस्था पर इसके प्रभावों का संक्षेप में वर्णन कीजिए। | 
| Answer» क्षेत्रीय असन्तुलन-क्षेत्रीय असन्तुलन का अर्थ यह है कि भारत के विभिन्न राज्यों तथा क्षेत्रों का विकास एक जैसा नहीं है। भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के विकास स्तर और लोगों के जीवन स्तर में पाए जाने वाले अन्तर को क्षेत्रीय असन्तुलन का नाम दिया जाता है। क्षेत्रीय असन्तुलन के प्रभाव क्षेत्रीय असन्तुलन भारतीय लोकतन्त्र पर मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रभाव डाल रहा है- ⦁    पिछड़े क्षेत्रों में असन्तुष्टता की भावना बड़ी तेजी से बढ़ रही है। | |
| 25. | राजीव-लोंगोवाल समझौता अथवा पंजाब समझौता की प्रमुख शर्तों का उल्लेख कीजिए। | 
| Answer» राजीव-लोंगोवाल समझौता अथवा पंजाब समझौता समझौते की प्रमुख शर्ते | |
| 26. | ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ क्या था? | 
| Answer» सन् 1984 के जून माह में स्वर्ण मन्दिर में की गई सैन्य कार्रवाई का कूट नाम ‘ऑपरेशन ब्लू – स्टार’ था। | |
| 27. | क्षेत्र पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। | 
| Answer» क्षेत्र उस भू-भाग को कहते हैं जिसके निवासी सामान्य भाषा, धर्म, परम्पराएँ, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास आदि की दृष्टि से भावनात्मक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हों। इनमें से किसी एक या अधिक तत्त्व के साथ लोग भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। | |
| 28. | संविधान की धारा-370 क्या है? इस प्रावधान का विरोध क्यों हो रहा है? | 
| Answer» संविधान की धारा-370-कश्मीर को संविधान की धारा-370 के तहत विशेष दर्जा दिया गया है। धारा-370 के अन्तर्गत जम्मू-कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक स्वायत्तता दी गई है। राज्य का अपना संविधान है। | |
| 29. | क्षेत्रवादी आन्दोलन से हमें क्या सबक मिलता है? | 
| Answer» ⦁    प्रथम सबक यह मिलता है कि क्षेत्रीय आकांक्षाएँ लोक राजनीति का अभिन्न अंग हैं। | |
| 30. | क्षेत्रवाद की समस्या के निवारण हेतु सुझाव दीजिए। | 
| Answer» क्षेत्रवाद की समस्या के निवारण हेतु सुझाव क्षेत्रवाद को रोकने के सम्बन्ध मे निम्नलिखित उपाय सुझाए जा सकते हैं- ⦁    राष्ट्रीय नीति का निर्धारण किया जाए–केन्द्र सरकार की नीति कुछ इस प्रकार की होनी चाहिए कि सभी उप-सांस्कृतिक क्षेत्रों का सन्तुलित आर्थिक विकास सम्भव हो जिससे कि विभिन्न क्षेत्रों के बीच आर्थिक तनाव कम-से-कम हो। | |
| 31. | अलगाववाद का अर्थ स्पष्ट कीजिए। | 
| Answer» अलगाववाद से अभिप्राय एक राज्य से कुछ क्षेत्र को अलग करके स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की माँग है। अलगाववाद का उदय उस समय होता है जब क्षेत्रवाद की भावना उग्र रूप धारण कर लेती है। | |
| 32. | क्षेत्रवाद से क्या अभिप्राय है? | 
| Answer» क्षेत्रवाद से अभिप्राय किसी भी देश के उस छोटे से क्षेत्र-से है जो औद्योगिक, सामाजिक आदि कारणों से अपने पृथक् अस्तित्व के लिए जाग्रत है। क्षेत्रवाद केन्द्रीयकरण के विरुद्ध क्षेत्रीय इकाइयों को अधिक शक्ति व स्वायत्तता प्रदान करने के पक्ष में है। | |
| 33. | क्षेत्रवाद क्या है? यह भारत की राज्य व्यवस्था को किस प्रकार से प्रभावित करता है? | 
| Answer» क्षेत्रवाद क्षेत्रवाद का अर्थ किसी छोटे-से क्षेत्र से है जो भाषायी, धार्मिक, भौगोलिक, सामाजिक अथवा ऐसे ही अन्य कारक के आधार पर अपने पृथक् अस्तित्व के लिए प्रयत्नशील है। इस प्रकार क्षेत्रवाद से अभिप्राय है-राज्य की तुलना में किसी क्षेत्र विशेष से लगाव। क्षेत्रवाद के प्रभाव-भारत की राज्य व्यवस्था को क्षेत्रवाद निम्न प्रकार से प्रभावित करता है- ⦁    क्षेत्रवाद के आधार पर राज्य केन्द्र सरकार से सौदेबाजी करते हैं। | |
| 34. | क्षेत्रवाद रोकने के कोई दो उपाय बताइए। | 
| Answer» क्षेत्रवाद रोकने के उपाय निम्नलिखित हैं- ⦁    राष्ट्रीय नीति का निर्धारण किया जाए। | |
| 35. | द्रविड़ आन्दोलन के प्रणेता कौन थे-(a) हामिद अंसारी(b) लालडेंगा(c) ई० वी० रामास्वामी नायकर(d) शेख मुहम्मद अब्दुल्ला। | 
| Answer» सही विकल्प है (c) ई० वी० रामास्वामी नायकर। | |
| 36. | असम समझौता कब हुआ था-(a) 15 अगस्त, 1985(b) 15 अगस्त, 1986(c) 30 अगस्त, 1988(d) 15 जनवरी, 1990 | 
| Answer» सही विकल्प है (a) 15 अगस्त, 1985 | |
| 37. | किस राज्य में असम-गण-परिषद् सक्रिय है-(a) गुजरात(b) तमिलनाडु(c) पंजाब(d) असम | 
| Answer» सही विकल्प है (d) असम | |
| 38. | जम्मू-कश्मीर की अन्दरूनी विभिन्नताओं की व्याख्या कीजिए और बताइए कि इन विभिन्नताओं के कारण इस राज्य में किस तरह अनेक क्षेत्रीय आकांक्षाओं ने सिर उठाया है। | 
| Answer» अन्दरूनी विभिन्नताएँ-जम्मू-कश्मीर में अधिकांश रूप में अन्दरूनी विभिन्नताएँ पायी जाती हैं। जम्मू-कश्मीर राज्य में तीन राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र-जम्मू, कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं। जम्मू पहाड़ी क्षेत्र है, इसमें हिन्दू-मुस्लिम और सिक्ख अर्थात् सभी धर्मों व भाषाओं के लोग रहते हैं। कश्मीर में मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या अधिक है और यहाँ पर हिन्दू अल्पसंख्यक हैं। जबकि लद्दाख पर्वतीय क्षेत्र है, इसमें बौद्ध मुस्लिम की आबादी है। इतनी विभिन्नताओं के कारण यहाँ पर कई क्षेत्रीय आकांक्षाएँ पैदा होती रहती हैं, यथा- ⦁    इसमें पहली आकांक्षा कश्मीरी पहचान की है जिसे कश्मीरियत के रूप में जाना जाता है। कश्मीर के निवासी सबसे पहले अपने को कश्मीरी तथा बाद में कुछ और मानते थे। | |
| 39. | आनन्दपुर साहिब प्रस्ताव के विवादास्पद होने के क्या कारण थे? | 
| Answer» आनन्दपुर साहिब प्रस्ताव के विवादास्पद होने का मुख्य कारण यह था कि इस प्रस्ताव में पंजाब सूबे के लिए अधिक स्वायत्तता की माँग की गई, जो कि परोक्ष रूप से एक अलग सिक्ख राष्ट्र की माँग को बढ़ावा देती है। | |
| 40. | कश्मीर की क्षेत्रीय स्वायत्तता के मसले पर विभिन्न पक्ष क्या हैं? इनमें से कौन-सा पक्ष आपको समुचित जान पड़ता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए। | 
| Answer» कश्मीर की स्वायत्तता का मसला-कश्मीर की क्षेत्रीय स्वायत्तता के मसले पर मुख्य रूप से दो पक्ष सामने आते हैं- | |
| 41. | जम्मू-कश्मीर में तनाव के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए। | 
| Answer» जम्मू-कश्मीर में तनाव के प्रमुख कारण-जम्मू-कश्मीर में तनाव के प्रमुख कारण निम्नलिखित- ⦁    पाकिस्तानी नेताओं का विचार है कि कश्मीर का पाकिस्तान से सम्बन्ध है क्योकि राज्य की अधिकांश जनसंख्या मुस्लिम है। पाकिस्तानी नेताओं का हमेशा यह दावा रहा है कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा होना चाहिए। | |