Explore topic-wise InterviewSolutions in .

This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

51.

गोबर गैस में सर्वाधिक मात्रा होती हैA. मीथेन कीB. प्रोपेन कीC. कार्बन डाइऑक्साइड कीD. ब्यूटेन की

Answer» Correct Answer - A
52.

दूध को दही में परिवर्तित करने वाले सूक्ष्म- जीव का नाम बताइये।

Answer» लैक्टोबैसीलस प्रजाति (Lactobacillus species)
53.

स्वीस पनीर बनाने के लिये किस जीवाणु का प्रयोग होता है ?

Answer» प्रोपिओनीबैक्टीरियम शारमैनाई (Projpionibacterium sharmanii)
54.

जैव नियंत्रण से क्या अभिप्राय है ?

Answer» पादप रोगों तथा पीड़कों के नियंत्रण के लिए जैव वैज्ञानिक विधि का प्रयोग ही जैव नियन्त्रण कहलाता है।
55.

मोनेस्कम परप्यूरियस एक यीस्ट है, जिसका प्रयोग व्यापारिक स्तर पर निम्नलिखित के उत्पादन हेतु किया जाता हैA. रुधिर वाहिकाओं से थक्कों को हटाने के लिएB. सिट्रिक अम्ल केC. इथेनॉल केD. रुधिर कॉलेस्ट्रॉल को कम करने वाले स्टेटिन्स के

Answer» Correct Answer - D
56.

निम्न सहजीवी नाइट्रोजन स्थिरीकरण हैA. ऑसिलेटोरियाB. नॉस्टॉकC. लैक्टोबैसिलसD. राइजोबियम

Answer» Correct Answer - B
57.

किण्वित रस के आसवन से तैयार होने बाले दो ऐल्कोहॉलिक पेयों के नाम लिखिए ।

Answer» व्हिस्की (Whisky) तथा रम (Rum)।
58.

सूक्षजीवो का प्रयोग ऊर्जा के स्त्रोतों के रूप में भी जा सकता है । यदि हाँ , तो किस प्रकार से इस पर विचार करें?

Answer» हाँ, अध्याय में सूक्षजीव एवं ऊर्जा उत्पादन देखिए ।
59.

कुछ जीवों के अभिलक्षणों के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों (A-D) के सही संयोजन का चयन कीजिए - (A) स्टॉक एक तंतुमय नील-हरित शैवाल है जो वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करता है (B) मीथेन जन आर्की बैक्टीरिया हैं, जो दलदली स्थानों पर मीथेन उत्पन्न करते हैं (C) माइकोप्लाज्मा में कोशिका-भित्ति का अभाव होता है तथा ये ऑक्सीजन के बिना जीवित रह सकते हैं (D) रसायन संश्लेषी स्वपोषी जीवाणु ग्लूकोस से सेल्यूलोस का संश्लेषण करते हैं।A. B,C,DB. D,A,BC. B,DD. B,A,C

Answer» Correct Answer - D
60.

दोसा बनाए जाने वाले आटे की फूली एवं उभरी हुई शक्ल किस-गैस के उत्पादन से होती है ?

Answer» दोसा· बनाये जाने वाले आटे की फूली एवं उभरी हुई शक्ल `CO_(2)` गैस के उत्पादन से होती है।
61.

उस जीवाणु का नाम बताइए जो मिट्टी के भीतर नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करता है ?

Answer» Correct Answer - स्पाइरूलिना।
62.

निम्न में से कौन-सा सूक्ष्मजीव पौधों के साथ सहजीवी सम्बंध स्थापित करके उनके पोषण में सहायता प्रदान करता हैA. एस्परजिलसB. ट्राइकोडर्माC. ग्लोमसD. एजोटोबैक्टर

Answer» Correct Answer - C
63.

जैव वैज्ञानिक नियंत्रण के तहत कौन-से कवक का उपयोग पादप रोगों के उपचार में किया जाता है ?

Answer» ट्राइकोडर्मा प्रजाति ( 7richoderma species)।
64.

वाहितमल का उपचार कैसे करते हैं ?

Answer» वाहितमल का उपचार परपोषी सूक्ष्म जीव से किया जाता है जो वाहितमल में प्राकृतिक रूप से रहते हैं।
65.

किन्हीं दो कवक प्रजातियों के नाम बताइये जिनका प्रयोग प्रतिजैविकों के उत्पादन में किया जाता है ?

Answer» रैमाइसिन को म्यूकर रैमोनियास नामक कवक से तथा पेनिसिलिन को पेनिसिलियम नोटेटम कवक से प्राप्त करते हैं।
66.

किन्हीं दो कवक प्रजातियों के नाम लिखें, जिनका प्रयोग प्रतिजैविकों (ऐंटीबॉयोटिकों) के उत्पादन में किया जाता है।

Answer» (i) स्ट्रेप्टोमैसीज ग्रीसीअस (Streptomyces griseus) स्ट्रेप्ट्रोमाइसिन बनाने में और
(ii) एमरीसिलोपसिस मिनिमम (Amresilopsis minimum) सेफेलोस्पोरिन ऐंटीबायोटिक बनाने में।
67.

प्राथमिक तथा द्वितीयक वाहितमल उपचार के बीच पाए जाने वाले मुख्य अन्तर कौन-से हैं ?

Answer» वाहितमल का प्राथमिक उपचार बिना जीवाणुओं के होता है। इसमें वाहितमल के कणों को निसिंदन तथा अवसादन द्वारा जल से अलग किया जाता है यह प्राइमरी स्लज के रूप में ताल पर बैठ जाता है ।
द्वितीयक उपचार में प्राइमरी स्लज को अलग करने के बाद बने प्रदूषित जल के सुपरनेटेट (supernatent) में ऑक्सीजन को उपस्थिति में बैक्टीरिया को वृद्धि कराई जाती है । बैक्टीरिया इसमें घुलित कार्बनिक पदार्थो का विघटन करते हैं जिससे वाहितमल से प्रदूषित जल शुद्ध हो जाता है।
68.

प्राथमिक तथा द्वितीयक वाहितमल उपचार के बीच पाए जाने वाले मुख्य अंतर कौन से हैं ?

Answer» प्राथमिक वाहितमल उपचार-इस वाहित मल से बड़े-छोटे कणों का निस्यंदन (फिल्ट्रेन) तथा अवसादन (सेडीमेंटेशन) द्वारा भौतिक रूप से अलग कर दिया जाता है। इन्हें भिन्न-भिन्न चरणों में अलग किया जाता है। आरंभ में तैरते हुए कूड़े-करकट को अनुक्रमिक निस्यंदन द्वारा हटा दिया जाता है। इसके बाद शिंतबालुकाश्म (ग्रिट) मृदा तथा छोटे पुटिकाओं (पेबल) को अवसाद द्वारा निष्कासित किया जाता है । सभी ठोस जो प्राथामिक आपंक (स्लज) के नीचे बैठे कण हैं, वह और प्लावी ( सुपरनेटेड) बहि:स्राव ( इफ्लूएंट) का निर्माण करता है। बहि:स्त्राव को नि:सादन (सेंटरलिंग) टेंक से द्वितीयक उपचार के लिए ले जाया जाता है।
द्वितीयक वाहित मल उपचार-प्राथमिक बहि:स्नाव कोबड़े वायवीय टैंकों में से गुजारा जाता है। जहाँ यह लगातार यांत्रिक रूप से हिलाया जाता है और वायु इसमें पंप किया जाता है। इससे लाभदायक वायवीय सूक्ष्मजीवियों की प्रबल सशक्त वृद्धि ऊर्णक के रूप में होने लगती है। वृद्धि के दौरान यह सूक्ष्मजीव बहिःस्त्राव में उपस्थित कार्बनिक पदार्थों की प्रमुख भागों की खपत करता है। (बी.ओ.डी. ऑक्सीजन) की मात्रा को घटाने लगता है यह (B.O.D.) ऑक्सीजन की उस मात्रा को संदर्भित करता है, जो जीवाणु द्वारा एक लौटर पानी में उपस्थित कार्बनिक पदार्थों की खपत कर उन्हें ऑक्सीकृत कर दे। वाहितमल का तब तक उपचार किया जाता है, जब तक बी.ओ.डी. घट न जाए।
69.

दक्षिण भारत के कुछ भागों में पारंपरिक पेय टोडी (Toddy) किस वृक्ष के स्त्राव को किण्वित कराकर तैयार किया जाता है ?

Answer» दक्षिण भारत में कुछ भागों में पारंपरिक पेय टोडी (Toddy) ताड़ वृक्ष (Palms) के तना के स्त्राव को किण्वित कर तैयार किया जाता है।
70.

निम्न में से कौन सूक्ष्मजीवों के प्रयोग द्वारा कीटों/रोगों के जैविक नियन्त्रण का एक उदाहरण है-A. ब्रेसिका में श्वेत किट्ट (रस्ट) के प्रति न्यूक्लिओपॉलीहेड्रो विषाणु का प्रयोगB. कपास उत्पादन में वृद्धि हेतु बी०टी० कपास -C. कुछ पादप रोगाणुओं के विरुद्ध ट्राइकोडर्मा जातियों का प्रयोगD. सरसों में एफिड्स के प्रति लेडीबर्ड बीटल्स की प्रयोग

Answer» Correct Answer - B
71.

सूक्ष्मजीवों का प्रयोग रसायन उर्वरकों तथा पीड़कनाशियों के प्रयोग को कम करने के लिए भी किया जाता है। यह किस प्रकार संपन्न होगा ? व्याख्य कीजिए।

Answer» आज पर्यावरण प्रदूषण चिंता का एक प्रमुख कारण है। कृषि उत्पादों की बढ़ती माँगों को पूरा करने के लिये रसायन उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है इसके प्रयोग से प्रदूषण फैलता है। जैव उर्वरक एक प्रकार के जीव हैं जो मृदा की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाता है। जैव उर्वरकों का मुख्य स्रोत जीवाणु, कवक तथा सायनोबैक्टीरिया होता है। लेग्यूमिनस पादपों की जड़ों पर स्थित ग्रंथि हैं इन ग्रंथियों का निर्माण राइजोबियम के सहजीवी संबंध द्वारा होता है। यह जीवाणु वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिरीकृत कर कार्बनिक रूप में परिवर्तित कर देते है। पादप इसका प्रयोग पोषक रूप में करते हैं। अन्य जीवाणु ( एजोस्पाइरिलम, एजोबैक्टर इत्यादि) मृदा में मुक्तावस्था में रहते हैं। यह भी वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिरीकृत कर सकते हैं।

कवक पादपों के साथ सहजीवी संबंध स्थापित करते हैं। ऐसे संबंधों से युक्त पादप कई अन्य लाभ जैसे मूलवातोड़ रोगजनक के प्रति प्रतिरोधकता, लवणता तथा सूखे के प्रति सहनशीलता तथा कुलवृद्धि एवं विकास प्रदर्शित करते हैं। सायोनोबैक्टोरिया स्वपोषित सूक्ष्मजीव है, जो जलीय तथा स्थलीय भू-मंडल में विस्तृत रूप से पाए जाते हैं इनमें बहुत से वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिरीकृत कर सकते हैं।

पादप रोगों तथा पीड़कों के नियंत्रण के लिए जैव वैज्ञानिक विधि का प्रयोग ही जैव नियंत्रण है। आधुनिक समाज में ये समस्याएँ रसायनों, कीटनाशियों तथा पीड़क- नाशियों के बढ़ते प्रयोगों की सहायता से नियंत्रित की जाती हैं। ये रसायन मनुष्यों तथा जीव-जंतुओं के लिये अत्यंत ही विषैले तथा हानिकारक हैं। ये पर्यावरण (मृदा तथा भूमिगत जल) को प्रदूषित करते हैं तथा फलों, साग-सब्जियों और फसलों पर भी हानिकारक प्रभाव डालते हैं। खरपतवारनाशियों का प्रयोग खरपतवार को हटाने के लिए किया जाता है, यह भी हमारी मृदा को प्रदूषित करते हैं।
बैक्टीरिया बैसीलस धूरिजिएन्सिस (Bt) का प्रयोग बटर- फ्लाई केटरपिलर नियंत्रण में किया जाता है । बैक्यू-लोवायरोसिस ऐसे रोगजनक है जो कीटों तथा संधिपादों पर हमला करते है। न्यूक्लिओपॉली हाइड्रोसिस, बवायरस (NPU) प्रजाति की विशेष संकरें स्पेक्ट्रम कीटनाशीय उपचारों के लिए उत्तम माने गये हैं।
72.

वाहितमल से आप क्या समझते हैं ? वाहितमल हमारे लिये किस प्रकार हानिप्रद हैं ?

Answer» प्रतिदिन महानगरों एवं शहरों से व्यर्थ-जल की एक बहुत बड़ी मात्रा जनित होती है। इस व्यर्थ जल का प्रमुख घटक मनुष्य का मल-मूत्र है, नगर के इस व्यर्थ जल को वाहितमल ( सीवेज) भी कहते हैं। इसमें कार्बनिक पदार्थों की बड़ी मात्रा तथा सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं जो अधिकांशत: रोगजनकीय होते हैं।
73.

हानिप्रद जीवाणु द्वारा उत्प्न्न करने वाले रोगों के नियंत्रण में किस प्रकार सूक्षजीव महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ?

Answer» कुछ जीवाणुओं से उत्प्न्न रासायनिक पदार्थ दूसरी प्रजाति के जीवाणुओं और सूक्ष्मजीवों को वृध्दि एवं उपापचय क्रियाओं को बाधित करते हैं। ये पदार्थ ऐंटीबायोटिक (antibiotics) कहलाते है । जीवाणुओं द्वारा उत्प्न्न रोगों जैसे निमोनिया, डिफ्थीरिया, तपेदिक, टाइफाइड आदि के बैक्टीरिया द्वारा चेचक, हैजा आदि अनेक रोगों से बचने के लिये वैक्सीन बनाये जाते हैं ।
74.

कुछ पारंपरिक भारतीय आहार जो गेहूँ, चावल तथा चना (अथवा उनके उत्पाद) से बनते हैं और उनमें सूक्ष्मजीवों का प्रयोग शामिल हो, उनके नाम बताएँ।

Answer» सूक्षजीवो के प्रयोग से बनने वाले भारतीय अहार :
(i) गेहूँ से बने खाध : भटूरा तथा जलेबी
(ii) चावल से बने खाध :डोसा, इटली, उत्तपम आदि
(iii) चने से बने खाध : डोकला, पकोड़ा
75.

जीवाणुओं को नग्न नेत्रों द्वारा नहीं देखा जा सकता, परंतु सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा जा सकता है। यदि आपको अपने घर से अपनी जीव विज्ञान प्रयोग- शाला तक एक नमूना ले जाना हो और सूक्ष्मदर्शी की सहायता से इस नूमने से सूक्ष्मजीवों की उपस्थिति को प्रदर्शित करना हो, तो किस प्रकार का नमूना आप अपने साथ ले जायेंगे और क्यों ?

Answer» हम प्रतिदिन सूक्ष्मजीवियों अथवा उनसे व्युत्पन्न उत्पादों का प्रयोग करते हैं। इसका सामान्य उदाहरण दूध से दही का उत्पादन है। सूक्ष्मजीव जैसे- लैक्टोबैसिलस तथा अन्य जिन्हें सामान्यत: लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया (एल.ए.बी) कहते हैं, दूध में वृद्धि करते हैं और उसे दही में परिवर्तित कर देते हैं।
इसी प्रकार एक बैकर यीस्ट ( सैंकरोमाइसीज सैरीवीसी) का प्रयोग ब्रेड बनाने में किया जात है। यदि हमको अपने घर से अपनी जीव विज्ञान प्रयोगशाला तक एक नमूना ले जाना हो और सुक्ष्मदर्शी की सहायता से इस नमूने से सूक्ष्म- जीवों की उपस्थिति को देखना हो, तो हम एक सड़ी हुई (खराब) ब्रेड का टुकड़ा या फिर थोड़ी सी मात्रा में दही ले जायेंगे। क्योंकि ये दोनों चीजें आसानी से उपलब्ध है और इनमें सूक्ष्मजीव आसानी से दिखाई दे जाते हैं। ब्रेड पर जो हरा-हरा सा रंग दिखाई देता है, वास्तव में वह फंजाई (Fungus) है। उसके स्पोर वायु में उपस्थित रहते हैं जो खाद्य पदार्थ में वृद्धि करते रहते हैं।
76.

किस भोजन ( आहार) में लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया मिलते हैं ? इनके कुछ लाभाप्रद उपयोगों का वर्णन करें।

Answer» लैक्टिक एसिड बैंक्टीरिया (एल.ए.बी) दूध में मिलते हैं। ये दूध में वृद्धि करते हैं और दूध को दही में परिवर्तित कर देते हैं। वृद्धि के दौरान ये अम्ल उत्पन्न करते हैं जो दुग्ध प्रोटीन को स्कंदित तथा आंशिक रूप से पचा देते हैं। दही बनने पर विटामिन बी- 12 की मात्रा बढ़ने से पोषण संबंधी गुणवत्ता में भी सुधार हो जाता है। हमारे पेट में भी सूक्ष्मजीवियों द्वारा उत्पन्न होने वाले रोगों को रोकने में लैक्टिक अम्ल बैक्टीरिया एक लाभदायक भूमिका का निर्वाह करते हैं।
77.

एकल कोशिका प्रोटीन क्या है? इसका महत्व बताईए।

Answer» ( अ) एकल कोशिका प्रोटीन ( एस. सी. पी. )- कुछ सूक्ष्मजीवियों को प्रसंकरण करके प्रोटीनबहुलक के रूप में उनका प्रयोग करते हैं। इसे एस. सी.पी. (Single cell prolcin/ S.C.P.) कहते हैं। कवरकों के छत्रकों का प्रयोग इस हेतु किया जाता हैं। एगेरिकस की कुछ जातियाँ खाने योग्य है। एस. सी. पी. हेतु स्पाइरूलिनाशैवाल का खाद्य के रूप में उपयोग किया जाता है। क्लोरैला शैवाल की एस. सी. पी. के रूप में प्रयोग किया जाता है। इनका उपयोग व्यापारिक रूप से प्रोटीन आहार की कमी को पूरा करने हेतु किया जाता है।
(पूर्व अध्याय 9 ल.उ.प्र.I1- 1 के उत्तर का भी अवलोकन करें।)
ख) मृदा- सूक्ष्मजीव जैव उर्वरक के रूप में मृद की पोषक गुणवत्ता बढ़ाते हैं। जैसे- सायनोबैक्टीरिया,कवक तथा परजीबी एवं मुक्तजीवी जीवाणु, राइजोबियम, लेग्यूमिनोसेरम मटर की जड़ों में वास करता है तथा वायुमण्डलीय `N_(2)` का स्थिरीकरण करता है। मृदा में शस्य उत्पादन हेतु दोषकों की मात्रा में वृद्धि होती है।
नौले-हरे शैवाल (BGA) मृदा में कार्बनिक तत्वों की मात्रा बढ़ाने में सहायक है। धान की फसलों में इनकी मुख्य भूमिका होती है। धान की पैदावार बढ़ जाती है इसमें रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
78.

निम्नलिखित में सूक्ष्मजीवियों की भूमिका का पता लगाइए तथा अपने अध्यापक से इनके विषय में विचार विमर्श करें। ( अ ) एकल कोशिका प्रोटीन ( एस. सी. पी.) ( ख) मृदा।

Answer» ( अ) एकल कोशिका प्रोटीन ( एस. सी. पी. )- कुछ सूक्ष्मजीवियों को प्रसंकरण करके प्रोटीनबहुलक के रूप में उनका प्रयोग करते हैं। इसे एस. सी.पी. (Single cell prolcin/ S.C.P.) कहते हैं। कवरकों के छत्रकों का प्रयोग इस हेतु किया जाता हैं। एगेरिकस की कुछ जातियाँ खाने योग्य है। एस. सी. पी. हेतु स्पाइरूलिनाशैवाल का खाद्य के रूप में उपयोग किया जाता है। क्लोरैला शैवाल की एस. सी. पी. के रूप में प्रयोग किया जाता है। इनका उपयोग व्यापारिक रूप से प्रोटीन आहार की कमी को पूरा करने हेतु किया जाता है।
(पूर्व अध्याय 9 ल.उ.प्र.I1- 1 के उत्तर का भी अवलोकन करें।)
ख) मृदा- सूक्ष्मजीव जैव उर्वरक के रूप में मृद की पोषक गुणवत्ता बढ़ाते हैं। जैसे- सायनोबैक्टीरिया,कवक तथा परजीबी एवं मुक्तजीवी जीवाणु, राइजोबियम, लेग्यूमिनोसेरम मटर की जड़ों में वास करता है तथा वायुमण्डलीय `N_(2)` का स्थिरीकरण करता है। मृदा में शस्य उत्पादन हेतु दोषकों की मात्रा में वृद्धि होती है।
नौले-हरे शैवाल (BGA) मृदा में कार्बनिक तत्वों की मात्रा बढ़ाने में सहायक है। धान की फसलों में इनकी मुख्य भूमिका होती है। धान की पैदावार बढ़ जाती है इसमें रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
79.

निम्न में से अनुवांशिक वाहक हैA. प्लाज्मिडB. मच्छरC. फैजD. इनमें से कोई नहीं

Answer» Correct Answer - A
80.

फायकोसायनिन व फाइकोइरिथ्रीन वर्णक पाये जाते हैंA. बैक्टीरिया मेंB. सायनोबैक्टीरिया मेंC. क्लोरोफाइसी मेंD. बेसिलेरियोफाइसी में

Answer» Correct Answer - B
81.

बैक्टीरियल राइबोसोम कहलाते हैंA. डिक्टियोसोमB. पॉली राइबोसोमC. ऑटोसोमD. सेंट्रोसोम

Answer» Correct Answer - B
82.

सेलुलोज से बने पदार्थ पर उगने वाले अवायवीय मीथेन जेन्स उत्पन्न करते हैंA. मीथेन और `CO_2`B. मीथेन और `H_2`C. मीथेन, `CO_2` व `H_2`D. मीथेन

Answer» Correct Answer - D
83.

धातुओं के निक्षालन में प्रयुक्त होने वाले बैक्टीरिया है:A. कॉरनिबैक्टीरिया (Corynebacteria)B. थायोबेसीलस थायोओक्सिडेंट्स (Thiobacillus thio-oxidants)C. फेरोबेसीलस सल्फोऑक्सिडेंट्स (Ferobacillus sulphooxidants)D. त्रिपुनीमा पेलीडियम (Treponema pallidium)

Answer» Correct Answer - B
84.

आकारविहीन जीव हैA. जीवाणुB. वायरसC. माइकोप्लाज़्माD. साइनोबैक्टीरिया

Answer» Correct Answer - C
85.

ग्लिसरीन का व्यावसायिक उत्पादन होता है:A. सेकेरोमाइसीज एलिसोडियम (Sachharomyces ellipsodeus) की क्रिया द्वाराB. क्लोरेला (Chlorella) की क्रिया द्वाराC. क्लोस्ट्रिडियम टेटानॉर्मोफम () क्रिया द्वाराD. स्ट्रेप्टोकोकस (Streptococcus) की क्रिया द्वारा

Answer» Correct Answer - A
86.

सबसे छोटा बैक्टीरिया हैA. डायलिस्टरB. बेसिलसC. स्पाइरिलमD. कोकाई

Answer» Correct Answer - A
87.

निम्न में से कौन-सा बैक्टीरिया अमोनियम लवण को नाइट्राइट में बदलता हैA. एजोटोबेक्टरB. नाइट्रोसोमोनासC. नाइट्रोबेक्टरD. इनमें से कोई नहीं

Answer» Correct Answer - B
88.

लिटिल लीफ ऑफ brinjal रोग होता हैA. माइकोप्लाज़्मा द्वाराB. शैवाल द्वाराC. वायरस द्वाराD. कवक द्वारा

Answer» Correct Answer - A
89.

माइक्रोकस बैक्टीरिया उत्तरदायी होते है:A. तन्तुओं के अपगलन (retting) के लिएB. धातुओं के निक्षालन (leaching) के लिएC. चाय एवं तम्बाकू के पत्तियों के संसाधन के लिएD. दही का निर्माण

Answer» Correct Answer - C
90.

विटामिन-`B_(12)` का संश्लेषण होता है:A. स्ट्रेप्टोकोकस आरियोफेसियेन्स (Streptococcus aureofaciense) द्वाराB. बेसीलस एसिटाई (Bacillus aceti) द्वाराC. स्ट्रेप्टोमाइसीज ग्रिसिय्स (Streptomyces griceus) द्वाराD. स्ट्रेप्टोमाइसीज रेमोसस (Streptomyces ramosus) द्वारा

Answer» Correct Answer - C
91.

क्षारीय मृदा के उध्दार (reclamation) की प्रक्रिया होती है :A. नाइट्रीफाइंग बैक्टीरिया द्वाराB. नीले हरित शैवाल नोस्ट्रॉक तथा एनाबीना द्वाराC. क्लोरेला तथा ऐनबीना द्वाराD. अमोनीकारक बैक्टीरिया द्वारा

Answer» Correct Answer - B
92.

क्लोस्ट्रिडियम ब्यूटिलिकम (Clostridium butylicum) किसके संश्लेषण में प्रयुक्त होता है ?A. विटामिन- B केB. विटामिन-C केC. विटामिन-D केD. विटामिन-A के

Answer» Correct Answer - A
93.

पर्यावरण तथा वन मंत्रालय ने हमारे देश की प्रमुख नदियों को बचाने के लिए कौन-से दो ऐक्शन प्लान किए हैं?

Answer» 1. गंगा ऐक्शन प्लान। 2, यमुना ऐक्शन प्लान।