InterviewSolution
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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
| 101. |
नाइट्रोजन नाभिक `(""_(7)^(14)N)` की बंधन ऊर्जा MeV में ज्ञात कीजिए `m_(N)=14.00307" u".` |
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Answer» दिया है - `m_(N)=14.00307u,m_(H)=1.007825" u"` `m_(n)=1.008665" u"` नाइट्रोजन नाभिक `""_(7)^(14)N` में 7 प्रोटॉन तथा `14-7=7` न्यूट्रॉन हैं | `:." "Z=7" तथा "N=7,A=14` द्रव्यमान क्षति =(कुल प्रोटॉनों का द्रव्यमान + कुल न्यूट्रॉनों का द्रव्यमान) - नाइट्रोजन नाभिक का द्रव्यमान `DeltaM=[Zm_(H)+(A-Z)m_(n)]-m_(N)` `=[7xx1.007825+(14-7)xx1.008665]-14.003074` `=7(1.007825+1.008665)-14.003074` `=7xx2.01649-14.003074` `=14.11543-14.003074` `=0.112356" u"` `:." बंधन ऊर्जा "BE=DeltaM.c^(2)` `=0.112356" u"xx c^(2)` `=0.112356xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)` `=104.659614" MeV"` `=104.7" MeV."` |
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| 102. |
दो परमाणुओं के परमाणु क्रमांक समान परन्तु द्रव्यमान भिन्न हैं, वे होंगे :A. समस्थानिकB. समभारिकC. समनूएट्रोनिकD. इनमे से कोई नहीं |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 103. |
कण जो `._(92)U^(238)` के नाभिक में नहीं उपस्थित हैं-A. 92 प्रोटॉनB. 92 इलेक्रॉनC. 146 प्रोटॉनD. 238 नुक्लिओँ |
| Answer» Correct Answer - c | |
| 104. |
जर्मेनियम (Ge) नाभिक की त्रिज्या `""_(4)^(9)"Be"` की त्रिज्या की दुगुनी मापी जाती है Ge में न्यूक्लियॉनों की संख्या होगी -A. a.72B. b.73C. c.74D. d.75 |
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Answer» Correct Answer - A `r=r_(0)A^(1//3)` से,- `(r_("Ge"))/(r_("Be"))=((A_("Ge"))/(A_("Br")))^(1//3)implies(2r_("Be"))/(r_("Be"))=((A_("Ge"))/(9))^(1//3)` `implies8=(A_("Ge"))/(9)impliesA_("Ge")=8xx9=72`. |
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| 105. |
दी गयी नाभिकीय अभिक्रिया में X प्रदर्शित करता है -A. इलेक्ट्रॉनB. न्यूटॉनC. न्यूट्रिनोD. प्रोटॉन |
| Answer» Correct Answer - a | |
| 106. |
किसी नाभिकीय अभिक्रिया `A+b to C+d` का Q- मान निम्नलिखित समीकरण द्वारा परिभाषित होता है - `Q=[m_(A)+m_(b)+m_(c)+m_(d)]c^(2)` जहाँ दिए गए द्रव्यमान, नाभिकीय विराम द्रव्यमान है | दिए गए आँकड़ों के आधार पर बताइए की निम्नलिखित अभिक्रियाएँ ऊष्माक्षेपी है या ऊष्माशोषी - `""_(6)^(12)"C"+""_(6)^(12)"C" to""(10)^(20)" Ne"+""_(2)^(4)"He"` दिए गए परमाणु द्रव्यमान इस प्रकार हैं - `m(""_(1)^(2)"H")=2.014102" u"` `m(""_(1)^(3)"H")=3.016049" u"` `m(""_(6)^(12)"C")=12.000000" u"` `m(""(10)^(20)"Ne")=19.992439" u".` |
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Answer» `Q=[m(""_(6)^(12)"C")+m(""_(6)^(12)"C")-m(""_(10)^(20)"Ne")-m(""_(2)^(4)"He")]c^(2)` `=[12.000000+12.000000-19.992439-4.002603]" uc"^(2)` `=[24.000000-23.995042]xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)` `=0.004958xx931.5" MeV"` `=4.618"" MeV"` Q का मान घनात्मक है | अत: अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी है | |
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| 107. |
एक नाभिकीय अभिक्रिया निम्न समीकरण द्वारा प्रदर्शित की जाती है - `X(n,alpha)=""_(3)^(7)"Li"` तत्व X का नाभिक निम्न में से कौन-सा है -A. `1.""_(6)^(12)"C"`B. `2. ""_(5)^(10)"B"`C. `3.""_(5)^(9)"B"`D. 4.`""_(4)^(11)"Be"`. |
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Answer» Correct Answer - B नाभिकीय अभिक्रिया होगी | `""_(Z)X^(A)+""_(0)n^(1)to""_(3)"Li"^(7)+""_(2)"He"^(4)` `Z+0=3+2` `impliesZ=5,A+1=7+4` `impliesA=10` अत: X का नाभिक `""_(5)^(10)"B"` होगा | |
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| 108. |
रेडियोन्यूक्लाइड `""_(11)C` का क्षय निम्नलिखित समीकरण के अनुसार होता है - `""_(6)^(11)C to""_(5)^(11)B+e^(+)+v,T_(1//2)=20.3" min."` उत्सर्जित पॉजिट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा `0.960" MeV"` है | द्रव्यमानों के निम्नलिखित मान दिए गए हैं - `m(""_(6)^(11)C)=11.011343" u"` तथा `m(""_(5)^(11)"B")=11.009305" u"` Q-मान की गणना कीजिए एवं उत्सर्जित पॉजिट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा के मान से इसकी तुलना कीजिए | |
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Answer» `""_(6)^(11)C to""_(5)^(11)"B"+e^(+)+v` इस क्षय प्रक्रिया में मुक्त ऊर्जा निम्न सूत्र द्वारा दी जाती है - `Q=[m_(N)(""_(6)^(11)C)-m_(N)(""_(5)^(11)"B")-m_(e)]c^(2)" "...(1)` जहाँ `m_(N)(""_(6)^(11)C)=""_(6)^(11)C` का नाभिक द्रव्यमान `m_(N)(""_(6)^(11)"C")-6m_(e)` कार्बन परमाणु में 6 इलेक्ट्रॉन होते हैं | अत: नाभिक का द्रव्यमान निकालने के लिए कार्बन परमाणु के द्रव्यमान में से 6 इलेक्ट्रॉनों को घटाया गया है | इसी प्रकार `m_(N)(""_(5)^(11)"B")=m(""_(5)^(11)"B")-5m_(e)` समी. (1) में मान रखने पर, `Q=[m(""_(6)^(11)"C")-6m_(e)-{(""_(5)^(11)"B")-5m_(e)}-m_(e)]c^(2)` `=[m(""_(6)^(11)"C")-m(""_(5)^(11)"B")-2m_(e)]c^(2)` `=[11.011434-11.009305-2xx0.000548]u xx c^(2)` `=0.001033" u"xx c^(2)` `=0.001033xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)` `=0.961" MeV."` अब `Q=E_(d)+E_(e)+E_(v)` जहाँ `E_(d)` संतति नाभिक की ऊर्जा, `E_(e)` पॉजिट्रॉन की ऊर्जा तथा `E_(v)` न्यूट्रॉनों की ऊर्जा है | संतति नाभिक `""_(5)^(11)"B",e^(+)` तथा v की तुलना में भारी होता है | अत : `E_(d)` का मान नगण्य होता है | यदि न्यूट्रिनों की गतिज ऊर्जा न्यूनतम (अर्थात शून्य) हो, तो पॉजिट्रॉन की ऊर्जा अधिकतम होगी | इस स्थिति में `Q=0+E_(e)+0` `=E_(e)=0.961" MeV".` |
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| 109. |
किसी नाभिकीय अभिक्रिया `A+b to C+d` का Q- मान निम्नलिखित समीकरण द्वारा परिभाषित होता है - `Q=[m_(A)+m_(b)+m_(c)+m_(d)]c^(2)` जहाँ दिए गए द्रव्यमान, नाभिकीय विराम द्रव्यमान है | दिए गए आँकड़ों के आधार पर बताइए की निम्नलिखित अभिक्रियाएँ ऊष्माक्षेपी है या ऊष्माशोषी - `""_(1)^(1)"H"+""_(1)^(3)"H"to""_(1)^(2)"H"+""_(1)(^(2)"H"` |
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Answer» `Q=[m(""_(1)^(1)"H")+m(""_(1)^(3)"H")-m(""_(1)^(2)"H")-m(""_(1)^(2)"H")]c^(2)` `=[1.007825+3.016049-2.014102-2.01402]" uc"^(2)` `=[4.023874-4.028204]xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)` `=-0.00433xx931.5" MeV"` `=-4.033" MeV."` ऊर्जा ऋणात्मक है | अत: अभिक्रिया ऊष्माशोषी है | |
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| 110. |
`""_(10)^(23)"Ne"` का नाभिक, `beta`- उत्सर्जन के साथ क्षयित होता है | इस `beta^(-)` - क्षय के लिए समीकरण लिखिए और उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए - `m(""_(10)^(23)"Ne")=22.994466" u",` `m(""_(11)^(23)"Na")=22.989770" u."` |
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Answer» `beta^(-)`- क्षय के लिए समीकरण निम्न होगा - `""_(10)^(23)"Ne"to""_(11)^(23)"Ne"+e^(-)+bar(v)` इस क्षय प्रक्रिया में उत्सर्जित ऊर्जा Q निम्न समीकरण द्वारा दी जाती है - `Q=[m_(N)(""_(10)^(23)"Ne")-m_(N)(""_(11)^(23)"Na")-m_(e)]c^(2)` `bar(v)` का द्रव्यमान नगण्य है | `m_(N)` नाभिक द्रव्यमान को प्रदर्शित करता है | परमाण्विक द्रव्यमान के रूप में, `Q=[m_(n)(""_(10)^(23)"Ne")-m_(n)(""_(11)^(23)"Ne")-m_(e)]c^(2)` `Q=[m(""_(10)^(23)"Ne")-10m_(e)-m(""_(11)^(23)"Na")+11m_(e)-m_(e)]c^(2)` `=[m(""_(10)^(23)"Ne")-m(""_(11)^(23)"Na")]c^(2)` `=[22.994466-22.989770]u xx c^(2)` `=0.004696" u"xx c^(2)` `=0.004696xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)` `=4.37" MeV."` अब `Q=E_(d)+E_(e)+E_(v)` संतति नाभिक भारी होता है | अत: `E_(e)=0`, अत: न्यूट्रिनों की गतिज ऊर्जा `E_(v)=0` होने पर पॉजिट्रॉन की गतिज ऊर्जा अधिकतम होगी | अत: `Q=0+E_(e)+0` `Q=E_(e)=4.37" MeV."` |
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| 111. |
कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में, एक नाभिक `alpha`-कण से अधिक द्रव्यमान वाला एक कण उत्पन्न करके क्षयित होता है | निनलिखित क्षय प्रक्रियाओं पर विचार कीजिए - `""_(88)^(223)"Ra"to""_(82)^(209)"Pd"+""_(6)^(14)"C"` `""_(88)^(223)"Ra"to""_(86)^(219)"Rn"+""_(2)^(4)"He"` इन दोनों क्षय प्रक्रियाओं के लिए Q - मान की गणना कीजिए और दर्शाइए की दोनों प्रक्रियाएँ ऊर्जा की दृष्टि से संभव हैं | |
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Answer» पहली क्षय प्रक्रिया के लिए - `Q=[m(""_(88)^(223)"Ra")-m(""_(28)^(209)"Pd")-m(""_(6)^(14)"C")]c^(2)` `=(223.01850-208.981107-14.000324)"u.c."^(2)` `=0.034109xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)` `=31.85" MeV"` दूसरी क्षय प्रक्रिया के लिए - `Q=[m(""_(88)^(223)"Ra")-m(""_(86)^(219)"Rn")-m(""_(2)^(4)"He")]c^(2)` `=(223.01850-219.00948-4.00260)" u.c"^(2)` `=0.00642xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)` `=5.98" MeV"` दोनों क्षय प्रक्रियाओं के लिए Q - मान धनात्मक है | अत: दोनों प्रक्रियाएँ ऊर्जा की दृष्टि से संभव है | |
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| 112. |
रेडियोन्यूक्लाइड `.^(11)C` का क्षय निम्नलिखित समीकरण के अनुसार होता है `._(6)^(11)Cto._(5)^(11)B+e^(+)+v:T_(1//2)=20.3`मिनट उत्सर्जित पॉजिट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा `0.960MeV` है। द्रव्यमानों के निम्नलिखित मान दिए गए हैं `m(._(6)^(11)C)=11.011434u` तथा `m(._(6)^(11)B)=11.009305u` `Q` मान की गणना कीजिए एवं उत्सर्जित पॉजिट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा के मान से इसकी तुलना कीजिए। |
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Answer» `e` का द्रव्यमान `=0.000548u` द्रव्यमान क्षति `(Deltam)=[m(._(6)^(11)C)-m(._(5)^(11)B)-m_(e)]` जहां पर नाभिकों का द्रव्यमान प्रयुक्त होता है परमाणुओं का नहीं। यदि हम परमाणु द्रव्यमान प्रयुक्त करते हैं तब `.^(11)C` अवस्था में `6m_(e)` जोड़ते हैं तथा `.^(11)B` की अवस्था में `5m_(e)` जोड़ते हें। चूंकि `._(6)^(11)C` परमाणु `._(6)^(11)C` नाभिक तथा 6 प्रोटॉन के द्वारा बना है। `:.._(6)^(11)C` नाभिक का द्रव्यमान `=_(6)C^(11)` परमाणु का द्रव्यमान `-6` इलेक्ट्रॉनों का द्रव्यमान `=11.011434u-6m_(e)` इसी प्रकार `._(5)^(11)B` नाभिक का द्रव्यमान `._(5)^(11)B` परमाणु का द्रव्यमान `-5` इलेक्ट्रॉनों का द्रव्यमान `=11.00930-5m_(e)` `:.Q=[(11.011434)-6m_(e))-(11.009305-5m_(e))-m_(e)]` `Deltam=[m(._(6)^(11)C)-m_(._(5)^(11)B)-2m_(3)]` `=11.011434-11.009305-2xx0.000548` `=0.0010033` `Q=` बंधन ऊर्जा `=Deltamxx931` `=0.001.33xx931=0.9617MeV` [डॉटर नाभिक `e^(+)` तथा `V` की तुलना में अधिक भारी है अतः इसकी ऊर्जा नगण्य है `(E_(d)=0`। यदि न्यूट्रिनों की गतिज ऊर्जा `(E_(V))` न्यूनतम है अर्थात पॉजीट्रॉन की अधिकतम ऊर्जा शून्य है तथा कूल प्रयोगिक ऊर्जा `Q` है अतः अधिकतम `E_(e)~~Q` है।] |
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| 113. |
`._(10)^(23)Ne` का नाभिक `beta^(-)` उत्सर्जन के साथ क्षयित होता है। इस `beta`-क्षय के लिए समीकरण लिखिए और उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम गतिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए। `m(._(10)^(23)Ne)=22.994466u` `m(._(11)^(23)Na)=22.989770u` |
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Answer» `._(10)^(23)Ne` की `beta` क्षय समीकरण `._(10)^(23)Ne overset(-beta)(to) ._(11)^(23)Na+._(-1)e^(0)+barvQ` द्रव्यमान क्षति `(Deltam)=m(._(10)^(23)Ne)-m(._(11)^(23)Na)` `=22.994466-22.989770` `=0.004696u` `Q=Deltamxx931=0.004696xx931=4.372MeV` उत्सर्जित `beta` कण के इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा `Q` मान के बराबर है `E_(e)=Q=4.37MeV` `._(10)^(23)Na` का नाभिक इलेक्ट्रॉन –न्यूट्रॉन से अधिक भारी है। व्यवहारिक रूप से उदगतिम ऊर्जा इलेक्ट्रॉन-न्यूट्रिनों युग्म के रूप में होती है। जब न्यूट्रिनों की ऊर्जा शून्य हो जाती है तब इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा अधिकतम होकती है अतः इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊजा्र `4.374MeV` है। |
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| 114. |
कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में एक नाभिक `alpha` कण से अधिक द्रव्यमान वाला एक कण उत्सर्जित करके क्षयित होता है। निम्नलिखित क्षय-प्रक्रियाओं पर विचार कीजिए- `._(88)^(223)Ra to._(82)^(209)Pb+._(6)^(14)C` `._(88)^(223)Ra to._(86)^(219)Rn+._(2)^(4)He` इन दोनों क्षय प्रक्रियाओं के लिए `Q` मान की गणना कीजिए और दर्शाइए कि दोनों प्रक्रियाएं ऊर्जा की दृष्टि से सम्भव है। |
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Answer» Correct Answer - `._(6)^(14)C` के उत्सर्जन के लिए `Q=[m_(N)(._(88)^(223)Ra)-m_(N)(._(82)^(209)Pb)-m_(N)(._(6)^(14)C)]c^(2)` `=[m(._(88)^223)Ra)-m(._(82)^(209)Pb)-m(._(6)^(14)C)]c^(2)=31.85 MeV` `._(2)^(4)He` उत्सर्जन के लिए `Q=[m(._(88)^(223)Ra)-m(._(86)^(219)Rn)-m(._(2)^(4)He)]c^(2)=5.98MeV` |
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| 115. |
गामा किरणों की भेधन क्षमता अधिक होती है जबकि अल्फा किरणों की आयनीकरण क्षमता अधिक होती है | कारण बताइए | |
| Answer» गामा किरणें विधुत चुंबकीय तरंगें हैं | इनका वेग प्रकाश के वेग के बराबर होता है | अत: ये किरणें पदार्थ में अधिक अंदर तक प्रवेश कर जाती हैं | अत: इनकी भेधन क्षमता अधिक होती है | परंतु अल्फा किरणों का द्रव्यमान अधिक होता है, अत: गतिज ऊर्जा भी अधिक होती है | फलस्वरूप आयनीकरण क्षमता अधिक होती है | | |
| 116. |
लोहे के नाभिक का द्रव्यमान `55.85u` एवं A = 56 है | इसका नाभिकीय घनत्व ज्ञात कीजिए | |
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Answer» दिया है - `m=55.85u=9.27xx10^(-26)` कि.ग्रा. नाभिकीय घनत्व `=(m)/(V)` `rho=(9.27xx10^(-26)xxA)/((4)/(3)xxpi(1.1xx10^(-15))^(3)xxA)` या `" "rho=2.29xx10^(17)" कि.ग्रा."//"मी"^(3).` |
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| 117. |
अल्फा, बीटा और गामा - किरणों में कौन-सी किरणें चुंबकीय क्षेत्र द्वारा विक्षेपित हो जाती है ? |
| Answer» अल्फा और बीटा-किरणें | | |
| 118. |
लोहे के नाभिक का द्रव्यमान 55.85"amu" तथा इसकी द्रव्यमान संख्या `A=56` है। नाभिक की त्रिज्या तथा घनत्व ज्ञात कीजिए। |
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Answer» प्रश्नानुसार `A=56` नाभिक की त्रिज्या `R=R_(0)A^(1//3)=(1.2xx10^(-15))xx(56)^(1//3)` `~~4.6xx10^(-15)` मीटर अथवा 4.6 फर्मी नाभिक का घनत्व `rho=("नाभिक का द्रव्यमान"M)/("नाभिक का आयतन"V)` यहां `M=55.82"amu"=55.85xx1.67xx10^(-27)` किग्रा `:.V=4/3piR^(3)=4/3pi R_(0)^(3)A` `=4/3xx3.14xx(4.6xx10^(-15)0)^(3) "मीटर"^(3)` `:.rho=(55.85xx1.67xx10^(-27))/((4/3)xx3.14xx(1.2xx10^(-15))^(3))` `=2.28xx10^(7) "किग्रा//मीटर"^(3)` |
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| 119. |
रेडियम की अर्द्ध –आयु 1600 वर्ष है। इसका क्या अर्थ है? |
| Answer» 1600 वर्षों में रेडियम की मात्रा क्षय होकर प्रारम्भिक मान की आधी रह जायेगी। | |
| 120. |
एक रेडियोऐक्टिव पदार्थ द्वारा उत्सर्जित बीटा कणों की संख्या उत्सर्जित अल्फा कणों की संख्या की दोगुनी है परिणामी नाभिक है -A. a.जनक का समभारीB. b.जनक का समावयवीC. c.जनक का समन्यूट्रॉनिकD. d.जनक का समस्थानिक | |
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Answer» Correct Answer - D `""_(Z)X^(A-alpha)to""_(Z-2)X^(A-2beta)to""_(Z)X^(A-2)`. |
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| 121. |
नाभिक की त्रिज्या उसकी द्रव्यमान संख्या से किस प्रकार संबंधित है? |
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Answer» `R_(1)=R_(0)A_(1)^(1/3)` तथा `R_(2)=R_(0)A_(2)^(1/3)` `(R_(1))/(R_(2))=((A_(1))/(A_(2)))^(1/3)` |
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| 122. |
किसी तत्व के नाभिक से एक `beta`- कण उत्सर्जित होने पर नाभिक के परमाणु क्रमांक पर तथा तत्वों की आवर्त्त तालिका में उसके स्थान पर क्या प्रभाव पड़ेगा? |
| Answer» परमाणु क्रमांक में 1 की वृद्धि हो जायेगी, अतः आवर्त्त तालिका में उसका स्थान एक खाना आगे बढ़ जायेगा। | |
| 123. |
किसी नाभिक से `beta^(+)` (पॉजिट्रॉन) उत्सर्जन की एक अन्य प्रतियोगी प्रक्रिया है जिसे इलेक्ट्रॉन परिग्रहण कहते हैं (इसमें परमाणु की आंतरिक कक्षा, जैसे कि K- कक्षा, में नाभिक एक इलेक्ट्रॉन परिगृहत कर लेता है और एक न्यूट्रिनों, v उतसर्जित करता है |) `e^(+)+ to""_(z)^(A)X to""_(z-1)^(A)"Yv"` दर्शाइए कि यदि उत्सर्जन ऊर्जा विचार से अनुमत है तो इलेक्ट्रॉन परिग्रहण भी आवश्यक रूप से अनुमत है, परंतु इसका विलोम अनुमत नहीं है | |
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Answer» इलेक्ट्रॉन परिग्रहण के लिए | `""_(z)X^(A)to""_(z-1)Y^(A)+""_(1)e^(0)+v+Q_(1)" "...(1)` नाभिक के `beta^(+)` उत्सर्जन के लिए, `""_(z)X^(A)+""_(-1)e^(0)to""_(z-1)Y^(A)+v+Q_(2)" "...(2)` अब, `Q_(1)=[m_(N)(""_(z)X^(A))-m_(N)(""_(z-1)Y^(A))-m_(e)]xx c^(2)` `=[m(""_(z)X^(A))-Zm_(e)-m(""_(z-1)Y^(A))+(Z-1)m_(e)-m_(e)]xx c^(2)` `=[m(""_(z)X^(A))-m(""_(z-1)Y^(A))-2m_(e)]xx c^(2)" "...(3)` और `Q_(2)=[m_(N)(""_(z)X^(A))+m_(e)-m_(N)(""_(z-1)Y^(A))]xx c^(2)` `=[m(""_(z)X^(A))-m(""_(z-1)Y^(A))]xxc^(2)" "...(4)` समीकरण (1) और (2) से स्पष्ट है कि, यदि `Q_(1) gt 0` है तो (2) `Q_(2) gt0` किंतु यदि `Q_(2) gt0` है तो आवश्यक नहीं है कि `Q_(1) gt0`. |
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| 124. |
एक इलेक्ट्रॉन और एक पॉजिट्रॉन की परस्पर क्रिया से उत्पन्न ऊर्जा का मान में ज्ञात कीजिए | `(m_(e)=9.1xx10^(-31)" किग्रा")` | |
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Answer» Correct Answer - 1.02 MeV `E=2m_(e)c^(2)`. |
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| 125. |
यदि रेडियोऐक्टिव पदार्थ से निकलने वाली `alpha,beta` और `lambda` - किरणों के मार्ग में एक कागज की शीट रख दी जाये तो किसके रुक जाने की अधिक संभावना है ? |
| Answer» `alpha` - किरणों के रोके जाने की अधिक संभावना है, क्योंकि उनका द्रव्यमान अधिक होता है | | |
| 126. |
`beta` -क्षय के कारण नाभिक में न्यूट्रॉन और प्रोटॉन का अनुपात बढ़ता है या घटता है | एक उदाहरण दीजिए | |
| Answer» `beta^(-)` - क्षय में अनुपात घटता है किंतु `beta^(+)` - क्षय में अनुपात बढ़ता है | | |
| 127. |
`alpha`- कण के उत्सर्जन के पश्चात नाभिक में न्यूट्रॉन और प्रोटॉन का अनुपात घटता है या बढ़ता है या अपरिवर्तित रहता है ? |
| Answer» बढ़ता है क्योंकि `alpha`-कण के उत्सर्जन के पश्चात प्रोटॉनों की संख्या 2 से कम हो जाती है | | |
| 128. |
जब `._(3)LI^(7)` नाभिकों पर प्रोटॉनो की बमबारी की जाती है तो परिणामी नाभिक `._(4)Be^(8)` है । उत्सर्जित कण होगा -A. एल्फा कणB. बीटा कणC. गामा फोटॉनD. न्यूट्रॉन |
| Answer» Correct Answer - d | |
| 129. |
द्रव्यमान संख्या 1 और 27 के संगत दो नाभिकों की त्रिज्याओं की तुलना कीजिए। |
| Answer» `(R_(1))/(R_(2))=((A_(1))/(A_(2)))^(1/3)=(1/27)^(1/3)=1/3`. | |
| 130. |
दो नाभिकों की द्रव्यमान संख्याओं का अनुपात 27 : 125 है | उनकी नाभिकीय त्रिज्या का अनुपात क्या होगा ? |
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Answer» Correct Answer - `3 : 5` `(R_(1))/(R_(2))=((A_(1))/(A_(2)))^((1)/(3))` |
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| 131. |
निम्नलिखित के लिए नाभिकीय समीकरण लिखिए - 22686Ra का` alpha`-क्षय |
| Answer» `""_(86)^(226)"Ra"to""_(84)^(222)"Re"+""_(2)^(4)"He"` | |
| 132. |
निम्नलिखित के लिए नाभिकीय समीकरण लिखिए- (i) `._(88)Ra^(226)` का `alpha`- क्षय (ii) `.(94)Pu^(242)` का `alpha` क्षय (iii) `._(15)P^(32)` का `beta^(-1)` क्षय (iv) `._(83)Bi^(210)` का `beta^(-)` क्षय (v)`.^(6)C^(11)` का `beta^(+)` क्षय (vi) `.^(43)Tc^(97)` का `beta^(+)` क्षय (vii)` .^(84)Po^(204)` का `alpha`- क्षय (viii) `.^(54)Xe^(120)` का इलेक्ट्रॉन अभिग्रहण |
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Answer» (i) `._(88)Ra^(226)to._(86)Rn^(222)+._(2)He^(4)` (i) `._(94)Pu^(242)rarr._(92)U^(238)+._(2)He^(4)` (iii) `._(15)P^(32)to._(16)S^(32)+._(-1)e^(0)+barv` (iv) `._(83)Bi^(210)to._(84)Po^(210)+._(-1)e^(0)+barv` (v)` ._(6)C^(11)to._(5)B^(11)+._(1)e^(0)+v` (vi) `._(43)Tc^(97)to._(42)Mo^(98)+._(1)e^(0)+v` (vii) `._(84)Po^(204)to._(82)Pb^(200)+._(2)He^(4)` (viii) `.^(54)Xe^(120)+._(-1)e^(0)to._(53)I^(120)+v` |
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| 133. |
रेडियोएक्टिव आइसोओप D निम्न क्रम में क्षय होता है `D overset(beta^(-))rarr D_(1) overset(alpha-"कण")rarr D_(2)` यदि `D_(2)` की द्रव्यमान संख्या और परमाणु क्रमांक 176 और 71 हो तो निम्न प्रश्नों उत्तर दीजिएः(i) D की द्रव्यमान संख्या क्या है ? (ii) D का परमाणु क्रमांक क्या है? |
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Answer» `Doverset(beta^(-))(to)D_(1)overset(alpha-“कण”)(to)D_(2)` `._(72)^(180)Dto._(75)^(180)D_(1)to._(71)^(176)D_(2)` अतः D की द्रव्यमान संख्या 180 व D का परमाणु क्रमांक 72 है। |
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| 134. |
निम्नलिखित के लिए नाभिकीय समीकरण लिखिए (i) `._(88)^(226)Ra` का `alpha` -क्षय (ii) `._(94)^(242)Pu` का `alpha`-क्षय (iii) `._(15)^(32)P` का `beta^(-)` क्षय (iv) `._(83)^(210)Bi` का `beta^(-)` -क्षय (v) `._(6)^(11)C` का `beta^(+)` -क्षय (vi)`._(43)^(97)Tc` का `beta^(+)` -क्षय (vii) `._(54)^(120)Xe` का इलेक्ट्रॉन अभिग्रहण |
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Answer» Correct Answer - (i) `._(88)^(226)Rato_(86)^(222)Rn+._(2)^(4)He` (ii) `._(94)^(242)Pu to0._(92)^(238)U+._(2)^(4)He` (iii) `._(15)^(32)Pto ._(16)^(32)S+e^(-)+barv` (iv) `._(83)^(210)Bto ._(84)^(210)Po+e^(-)+barv` (vii) `._(54)^(120)Xe+e^(+)to._(53)^(120)I+v` |
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| 135. |
निम्नलिखित के लिए नाभिकीय समीकरण लिखिए- (a) `._(88)^(226)Ra` का `alpha`-क्षय (b) `._(94)^(242)Pu` का `alpha-` क्षय (c) `._(15)^(32)P` का `beta^(-)`-क्षय (d) `._(83)^(210)Bi` का `beta^(-)-` क्षय (e) `._(6)^(11)C` का `beta^(+)-` क्षय (f) `._(13)^(97)Tc` का `beta^(+)-` क्षय (g) `._(54)^(120)Xe` का इलेक्ट्रॉन अभिग्रहण |
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Answer» हम जानते है कि 1. `alpha` कण के क्षय में, परमाणु भार में 4 की कमी तथा परमाणु क्रमांक में 2 की कमी आती है। 2. `beta`-कण के क्षय में परमाणु भार अपरिवर्तित रहता है तथा परमाणु क्रमांक में 1 की वृद्धि होती है। 3. `gamma` कण के क्षय में परमाणु भार तथा परमाणु क्रमांक अपरिवर्तित रहते हैं। अब हमारे पास निम्नलिखित समीकरण हैं a. `._(88)^(226)Ra overset(-alpha)(to)._(88)^(222)Rn+._(2)^(4)He` (b) `._(94)^(242)Puoverset(-alpha)(to)._(92)^(238)U+._(2)^(4)He` (c) `._(15)^(32)Poverset(-(-beta))(to)._(16)^(32)S+._(-1)^(0)e+barv` अर्थात `beta^(-)-` कण के क्षय साथ `barv` (एन्टि-न्युट्रिनों) भी स्वतंत्र होता है। (d) `._(83)^(210)Bioverset(-(-beta))(to)._(84)^(210)X+._(-1)^(0)e+barv` (e) `._(6)^(11)Coverset(-(+beta))(to)._(5)^(11)B+e^(+)+v` `.^(11)C_(6)` का `beta^(+)` कण का क्षय न्यूट्रिनों को भी मुक्त करता है। (f) `._(43).^(97)TC overset(-(+beta))(to)._(42)^(97)X xx e^(+)+v` (g) `._(54)^(120)Xe+._(-1)^(0)e (to) ._(53)^(120)X` |
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| 136. |
`._(Z)^(A)X` के रेडियोएक्टिव विघटन की श्रेणी में पहले `alpha-` कण तत्पशचात `beta`- कण उत्सर्जित हेाता है। इन क्रमागत विघटनों में नए नाभिक का परमाणु क्रमांक तथा द्रव्यमान संख्या क्या है? |
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Answer» `._(Z)^(A)X overset(alpha)(to)._(Z-2)^(A-4)X_(1)overset(beta)(to)._(Z-1)^(A-4)X_(2)` नए नाभिक का परमाणु क्रमांक `=Z-1` द्रव्यमान संख्या `=A-4` |
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| 137. |
क्या नाभिकीय अभिक्रियाओं के समीकरण रासायनिक समीकरण (उदाहरण के लिए `2H_(2)+O_(2)to2H_(2)O`) के रूप में संतुलित है ? यदि नहीं तो किस रूप में दोनों ओर समीकरण संतुलित होंगे ? |
| Answer» संतुलित रासायनिक समीकरण में दोनों पक्षों में परमाणुओं की संख्या समान होती है | केवल परमाणुओं के मूल संयोजन में परिवर्तन होता है | नाभिकीय अभिक्रिया में दोनों पक्षों में परमाणुओं की संख्या संरक्षित हो यह आवश्यक नहीं | नाभिकीय अभिक्रिया में तत्वों का रूपांतरण हो सकता है की किंतु दोनों पक्षों में न्यूट्रॉनों और प्रोटॉनो की संख्याएँ पृथक-पृथक समान होती हैं | अर्थात प्रत्येक नाभिकीय अभिक्रिया में न्यूट्रॉनों और प्रोटॉनों की संख्या संरक्षित रहती है | | |
| 138. |
(A)इलेक्ट्रॉन-पॉजिट्रॉन युग्म उत्पादन के लिए गामा फोटॉन की(i) न्यूनतम ऊॅर्जा (MeV), (ii) न्यूनतम आवृत्ति, (iii) अधिकतम तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिए। (इलेक्ट्रॉन व पॉजिट्रॉन का विराम द्रव्यमान `=9.1xx10^(-31)` किग्रा, प्लांक नियतांक `h=6.6xx10^(-34)` जूल सेकण्ड, प्रकाश की चाल `c=3xx10^(8)` मीटर/सेकण्ड) (B) एक `gamma`- फोटॉन के लुप्त होने पर इलेक्ट्रॉन व एक पॉजिट्रॉन प्राप्त होता है। यदि प्राप्त युग्म की गतिज ऊॅर्जा `0.90MeV` हो तो लुप्त `gamma`- फोटॉन की ऊर्जा की गणना कीजिए। |
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Answer» (A) इलेक्ट्रॉन अथवा पॉजिट्रॉन की विराम द्रव्यमान ऊर्जा `E_(0)=m_(0)c^(2)=9.1xx10^(-31)xx(3xx10^(8))^(2)` `=8.19xx10^(-14)` जूल `=(8.19xx10^(-14))/(1.6xx10^(-13))MeV=0.51MeV` (i) अतः इलेक्ट्रॉन पॉजिट्रॉन युग्म उत्पादन के कलए गामा फोटॉन की न्यूनतम ऊर्जा `E_("min")=E_(0)+E_(0)=0.51+0.51=1.02MeV` (ii) न्यूनतम आवृतित `v_("min")=(E_("min"))/h=((1.02xx1.6xx10^(-13))/(6.6xx10^(-34))` जूल `=2.47xx10^(20)` हर्ट्ज (iii) अधिकतम तरंगदैर्ध्य `lamda_("max")=c/(v_("min"))=(3xx10^(8))/(2.47xx10^(20))` `=1.2xx10^(-12)` मीटर अथवा `0.012Å` (B) `gamma` फोटॉन की ऊर्जा `=` युग्म की विराम द्रव्यमान ऊर्जा `+` युग्म की गतिज ऊर्जा अथवा `E=2E_(0)+K` खण्ड (A) की गणना द्वारा `2E_(0)=2xx0.51=1.02MeV` (प्रश्नानुसार `K=0.90MeV`) `E=1.02+0.90=1.92MeV` |
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| 139. |
नाभिकीय रिएक्टर में नियंत्रक छड़ों का कार्य क्या है ? |
| Answer» न्यूट्रॉनों को अवशोषित कर नाभिकीय विखंडन को नियंत्रित करना | | |
| 140. |
सूर्य और तारे में ऊर्जा का स्त्रोत क्या है ?A. विखंडन प्रक्रियाB. संलयन प्रक्रियाC. रासायनिक प्रक्रियाD. प्रकाश-विधुत प्रक्रिया | |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 141. |
नाभिकीय समीकरण की सहायता से स्पष्ट कीजिए कि निम्न स्थितियों में नाभिक के `n//p` अनुपात पर क्या प्रभाव पड़ता है? (i) `alpha` -क्षय (ii) `beta^(-)`-क्षय |
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Answer» (i) `alpha`- क्षय का उराहरण `._(92)U^(238)to._(90)Th^(234)+._(2)He^(4)` `alpha`- क्षय से पूर्व `n//p` अनुपात `=(238-92)/92=146/92` `alpha`- क्षय के बाद `n//p` अनुपात `=(234-90)/90=144/90` `144/90gt146/92` अतः `alpha`- क्षय में नाभिक का `n//p` अनुपात बढ़ता है। (ii) `beta^(-)` क्षय का उराहरण- `._(83)Bi^(210)to.^(84)Po^(210)+._(-1)e^(0)` `beta`- क्षय से पूर्व `n//p` अनुपात `=(210-83)/83=127/83` `beta` क्षय के बाद `n//p` अनुपात `=(210-84)/84=126/84` `126/84lt127/83` अतः `beta`- क्षय में नाभिक का `n//p` अनुपात घटता है। |
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| 142. |
तारों या सूर्य में ऊर्जा का स्त्रोत क्या है ? |
| Answer» ताप नाभिकीय संलयन | | |
| 143. |
सुर्य की विकिरण ऊर्जा का स्त्रोत है-A. नाभिकीय विखण्डनB. प्रकाश- विधुत प्रभावC. साइक्लोट्रॉन /तापायनिक उत्सर्जनD. नाभिकीय संलयन |
| Answer» Correct Answer - b | |
| 144. |
नाभिक `""_(Z)^(A)X` के द्रव्यमान को M(A, Z) से प्रदर्शित किया जाता है | यदि `M_(p)` और `M_(n)` क्रमश: प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के द्रव्यमानों को प्रदर्शित करते हों तो MeV में बंधन ऊर्जा होगी -A. a. `"B.E."=["ZM"_(p)+(A-Z)M_(n)-M(A,Z)]c^(2)`B. b.`"B.E."=["ZM"_(p)+"AM"_(n)-M(A,Z)]c^(2)`C. c. `"B.E."=[M(A,Z)-"ZM"_(p)-(A-Z)M_(n)]c^(2)`D. d. `"B.E."=[M(A,Z)+"ZM"_(p)-(A-Z)M_(n)]c^(2)` |
| Answer» Correct Answer - A | |
| 145. |
न्यूट्रॉन पृथकक्करण ऊर्जा परिभाषा के अनुसार वह ऊर्जा है जो किसी नाभिक से एक न्यूट्रॉन को निकालने के लिए आवश्यक होती है। नीचे दिए गए आंकड़ों का इस्तेमाल करके `._(20)^(41)Ca` एवं `._(13)^(27)Al` नाभिकों की न्युट्रॉन पृथक्करण ऊजा ज्ञात कीजिए। `m(._(20)^(40)Ca)=39.962591u` `m(._(20)^(41)Ca)=40.962278u` `m(._(13)^(26)Ca)=25.986895 u` `m(._(13)^(27)Al)=26.981541u` |
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Answer» Correct Answer - एक नाभिकीय `._(Z)^(A)X` की न्यूट्रॉन पृथक्करण ऊर्जा `S_(n)` के लिए समीकरण है `S_(n)=[m_(N)(._(Z)^(A-1)X)+m_(n)-m_(N)(._(Z)^(A)X)]c^(2)` दिए गए आंकड़ों एवं `c^(2)=931.5MeV//u` का उपयोग करने पर हम पाते हैं `S_(n)(._(20)^(41)Ca)=8.36Mev` एवं `S_(n)(._(13)^(27)Al)=13.06MeV` |
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| 146. |
जब मंदगाम न्यूट्रॉन `._(92)^(235)U` नाभिक से टकराता है तो होने वाली अभिक्रिया का नाम लिखिए तथा संबंधित नाभिकीय अभिक्रिया को लिखिए। |
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Answer» जब मंदगामी न्यूट्रॉन `._(92)^(235)U` नाभिक से टकराता है तो होने वाली अभिक्रिया नाभिकीय विखण्डन है। तथा `._(92)^(235)U+._(0)^(1)nto._(56)^(144)Ba+._(36)^(89)Kr+3._(0)^(1)n+ZaMeV` |
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| 147. |
रेडियोऐक्टिव नमूने के क्षय नियतांक को परिभाषित कीजिए | निम्न में से कौन-से `alpha,beta` और `gamma` विकिरण - (i) X-किरणों के समरूप हैं ? (ii) पदार्थ के द्वारा आसानी से अवशोषित कर ली जाती है ? (iii) अधिकतम वेग से चलती हैं ? (iv) प्रकृति में कैथोड किरणों के समरूप हैं ? |
| Answer» (i) `gamma`-किरणें (ii) `alpha`-किरणें (iii) `gamma`-किरणें (iv) `beta`-किरणें | | |
| 148. |
भारी स्थायी नाभिक में प्रोटॉन की अपेक्षा न्यूट्रॉन अधिक होते हैं क्योंकि -A. न्यूट्रॉन, प्रोटॉन से भारी हैB. प्रोटॉन के मध्य स्थिर विधुत बल प्रतिकर्षणात्मक होता है -C. `beta` - क्षय के कारण न्यूट्रॉन का प्रोटॉन में विघटनD. प्रोटॉन की तुलना में न्यूट्रॉनों के मध्य नाभिकीय बल क्षीण होता है | |
| Answer» Correct Answer - B | |
| 149. |
निम्न नाभिकों की त्रिज्या ज्ञात कीजिए- (i) `._(6)C^(12)` (ii) `._(13)Al^(27)` (iii) `._(32)Ge^(70)` |
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Answer» (i) नाभिक की त्रिज्या `R=R_(0)A^(1//3)=1.2(A)^(1//3)` फर्मी `._(6)C^(12)` नाभिक के लिए `A=12` `:. R=(1.2)(12)^(1//3)` `~~1.2xx2.5~~2.7` फर्मी (ii) `._(13)Al^(27)` नाभिक के लिए `A=27` `:.R=(1.2)(27)^(1//3)` `=1.2xx3=3.6` फर्मी (iii) `._(32)Ge^(70)` नाभिक के लिए `A=70` `R=1.2(70)^(1//3)=1.2xx4.12` `~~5.04` फर्मी |
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| 150. |
निम्नलिखित नाभिकीय अभिक्रियाओं को पूरा कीजिएः (i) `._(90)Th^(232)to._(88)Ra^(228)+`…………… (ii) `._(4)Be^(9)+._(2)He^(4)to._(6)C^(12)+`………….(iii) `._(11)Na^(24)to._(12)Mg^(24)+`……….. (iv) `._(7)N^(13)to._(6)C^(13)+……..` (v) `._(5)B^(10)+._(0)n^(1)to._(2)He^(4)+`………….. (vi) `._(7)N^(14)+._(0)n^(1)to._(6)C^(14)+`………… (vii) `._(7)N^(14)+._(2)He^(4)to._(1)H^(1)+`………….. (viii) `._(13)Al^(27)+……….. to ._(15)P^(30)+._(0)n^(1)` |
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Answer» किसी भी नाभिकीय अभिक्रिया को पूर्ण करने के निम्न दो मुख्य नियम हैं 1. बायें पक्ष में परमाणु क्रमांकों कायोग दायें पक्ष में परमाणु क्रमांकों के योग के बराबर होना चाहिए। 2. बायें पक्ष में द्रव्यमान संख्याओं का योग दायें पक्ष में द्रव्यमान संख्याओं के योग के बराबर होना चाहिए। (i) पितृ नाभिक का परमाणु क्रमांक 2 कम तथा द्रव्यमान संख्या 4 कम हो जाती है । अतः उत्सर्जित कण `alpha`-कण `(._(2)He^(4))` है। अतः पूर्ण अभिक्रिया इस प्रकार है। `._(90)Th^(232)to._(88)Ra^(228)+._(2)He^(4)` (`alpha`- कण) (ii) माना अज्ञात न्यूक्लिाइड/कण का परमाणु क्रमांक `Z` व द्रव्यमान संख्या A है। `:.A=9+4-12=1` `Z=4+2-6=0` अतः यह कण न्यूट्रॉन `(._(0)n^(1))` है। अतः पूर्ण अभिक्रिया इस प्रकार है- `._(4)Be^(9)+._(2)He^(4)to._(6)C_(12)+._(0)n^(1)` (न्यूट्रॉन) (iii) पित् नाभिक का परमाणु क्रमांक 1 बढ़ जाता है जबकि द्रव्यमान संख्या वही रहती है। अतः अभिक्रिया में `beta`कण `(._(-1)beta^(0))` उत्सर्जित होगा। चूंकि `beta^(-)` कण के साथ एन्टिन्यूट्रिनों `(barv)` भी उत्सर्जित होता है अतः पूर्ण अभिक्रिया इस प्रकार है- `._(11)Na^(24)to._(12)Mg^(24)+._(-1)beta^(0)+v` (iv) पितृ-नाभिक का परमाणु क्रमांक 1 घट जाता है जबकि द्रव्यमान संख्या वही रहती है। अतः अभिक्रिया में उत्सर्जित कण `beta^(+)` कण `(._(+1)beta^(0))` अर्थात पॉजिट्रॉन है। चूंकि पॉजिट्रॉन के साथ न्यूट्रिनों `(v)` भी उत्सर्जित होता है अतः पूर्ण अभिक्रिया इस प्रकार है- `._(7)N^(13)to._(6)C_(13)+._(+1)beta^(0)+barv` (v) माना अज्ञात न्यूक्लिाइड/कण का परमाणु क्रमांक `Z` व द्रव्यमान संख्या A है। अतः `Z=5+0-2=3` तथा `A=10+1-4=7` चूंकि `Z=3` वाला तत्व लीथियम (`Li`) है अतः अज्ञात न्यूक्लिाइड `._(3)Li^(7)` है अतः पूणॅ अभिक्रिया इस प्रकार है `._(5)B^(10)+._(0)n^(1)to._(2)He^(4)+._(3)Li^(7)` (vi) माना अज्ञात न्यूक्लिाइड/कण का परमाणु क्रमांक `Z` तथा द्रव्यमान संख्या `A` है। अतः `Z=7+0-6=1` तथा `A=14+1-14=1` चूंकि `Z=1` वाला तत्व हाइड्रोजन (H) है अतः अज्ञात कण `._(1)H^(1)` अर्थात प्रोटॉन है। अतः पूर्ण अभिक्रिया इस प्रकार है `._(7)N^(14)+._(0)n^(1)to._(6)C^(14)+._(1)H^(1)` (vii) यदि अज्ञात न्यूक्लिाइड/कण का परमाणु क्रमांक `Z` तथा द्रव्यमान संख्या A हो तो `Z=7+2-1=8` तथा `A=14+4-1=17` चूंकि `Z=8` वाला तत्व ऑक्सीजन (O) है अतः अज्ञात नाभिक `._(8)O^(17)` है। अतः अभिक्रिया इस प्रकार है `._(7)N^(14)+._(2)He^(4)to._(1)H^(1)+._(8)O^(17)` (viii) माना अज्ञात न्यूक्लिाइड/कण का परमाणु क्रमांक `Z` व द्रव्यमान संख्या A है। अतः `Z=15+0-13=2` तथा `A=30+1-27=4` अतः अज्ञात कण `alpha`-कण `(._(2)He^(4))` है। अतः पूर्ण अभिक्रिया इस प्रकार है: `._(13)Al^(27)+._(2)He^(4)to._(15)P^(30)+._(0)n^(1)` |
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