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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

151.

तापीय न्यूट्रॉन क्या है ?

Answer» उन न्यूट्रॉनों को तापीय न्यूट्रॉन कहते हैं, जो मंदकों से टकराकर मंद पड़ जाते हैं |
152.

सूर्य और तारे में ऊर्जा का स्त्रोत क्या है ?

Answer» Correct Answer - नाभिकीय संलयन |
153.

किसी रेडियोएक्‍टिव नाभिक `._(Z)X^(A)` से एक `alpha-` क्षय, फिर `beta`-क्षय, `gamma`- क्षय तथा अन्त में `beta`-क्षय होता है। अन्‍तिम नाभिक का परमाणु क्रमांक तथा द्रव्यमान संख्या क्या होगी?

Answer» परमाणु क्रमांक `=Z-2+1+-0+1=Z`
द्रव्यमान संख्या `=A-4+0+-0+0=A-4`
154.

गामा-क्षय में परमाणु क्रमांक और द्रव्यमान संख्या पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

Answer» दोनों अपरिवर्तित रहते हैं |
155.

(92)^(238)"U" की अर्द्ध-आयु `alpha` - कण क्र विरुद्ध `1.5xx10^(17)` सेकंड है | `""_(92)^(238)"U"` के एक नमूने जिसमें `2.5xx10^(20)` परमाणु हैं, की सक्रियता क्या है ?

Answer» (b) `lambda=(0.6391)/(T_(1//2))impliesR=lambdaN=(0.6931)/(1.5xx10^(17))xx25xx10^(20)`
`=11552"s"^(-1)`
156.

किसी भी नाभिकीय अभिक्रिया में न्यूट्रॉनों व प्रोटॉनों की कुल संख्या अपरिवर्तित रहती है तो फिर अभिक्रिया में ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन कैसे होता है?

Answer» नाभिकीय अभिक्रिया के फलस्वरूप नाभिकों की बंधन ऊर्जा बदल जाती है। जिससे ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण होता है।
157.

भारी नाभिक में प्रोटॉनों की अपेक्षा न्यूट्रॉनों की संख्या अधिक होती है, क्यों ?

Answer» भारी नाभिक के स्थायित्व को बनाये रखने के लिए न्यूट्रॉनों की अधिक संख्या की जरूरत होती है | यदि प्रोटॉनों की संख्या भी अधिक हो जाय तो उनके बिच स्थिर वैधुत प्रतिकर्षण बल भी अधिक हो जायेगा | इसलिए इस प्रकार का नाभिक अस्थायी होगा |
158.

नाभिकीय संलयन क्या है ?

Answer» नाभिकीय संलयन के लिए अत्यधिक ताप (लगभग) `10^(8)K` की आवश्यकता होती है जो प्रयोगशाला में संभव नहीं है |
159.

द्रव्यमान संख्या 238 तथा परमाणु क्रमांक 92 के एक नाभिक में क्रम से एक एल्फॅा क्षय, फिर बीटा क्षय और उसके बाद एक गामा क्षय होता है। अन्‍तिम नाभिक की द्रव्यमान संख्या तथा परमाणु क्रमांक ज्ञात कीजिए।

Answer» अन्‍तिम नाभिक की
द्रव्यमान संख्या `A=237-4+0+0=234`
परमाणु क्रमांक `Z=92-2+1+0=91`
160.

विखंडन अभिक्रिया में उत्पन्न न्यूट्रॉनों को साधारण जल द्वारा भी मंदित किया जा सकता है, फिर इस उददेश्य के लिए भारी जल का उपयोग क्यों किया जाता है ?

Answer» साधारण जल का उपयोग करने से न्यूट्रॉन मंदित हो सकते हैं किंतु इसमें अनिश्चितता होती है | भारी जल का उपयोग करने से न्यूट्रॉन आसानी से मंदित हो जाते हैं |
161.

`._(92)^(238)U` नाभिक से एक `alpha`- कण उत्सर्जित होता है उसकी द्रव्यमान संख्या और परमाणु क्रमांक में क्या परिवर्तन होता है जबकि वह थोरियम नाभिक में रूपांतरित होता है।

Answer» द्रव्यमान संख्या 4 से एवं परमाणु क्रमांक 2 से कम हो जाता है।
162.

(A)नाभिकों `X^(n)` तथा `Y^(2n)` की बंधन ऊर्जायें क्रमशः `P` तथा `Q` जूल प्रति न्यूक्‍लिऑन हैं। यदि `2PltQ` हो तो नाभिकीय अभिक्रिया `X^(n)+X^(n)toY^(2n)` में उत्सर्जित ऊर्जा ज्ञात कीजिए।(B) एक नाभिक `X^(n)` की बंधन ऊॅर्जा `P` तथा दूसरे नाभिक `Y^(2n)` की बंधन ऊर्जा `Q` है। `n` तथा `2n` नाभिकों की द्रव्यमान संख्यायें हैं। यदि `2PgtQ` हो तो अभिक्रिया `X^(n)+X^(n)toY^(2n)` में ऊर्जा मुक्त होगी अथवा अवशोषित?

Answer» (A)`X` नाभिक की कुल बंधन ऊर्जा `=nP`
`Y` नाभिक की कुल बंधन ऊर्जा `=2nQ`
उपर्युक्त अभिक्रिया में उत्सर्जित ऊर्जा
`Q=Y^(2n)` की बंधन ऊर्जा `-(X^(n)+X^(n))` की बंधन ऊर्जा
`=2nQ-(nP+nP)`
`=2n(Q-P)`
(B) अभिक्रिया में मुक्त ऊर्जा `=Y^(2n)` की बंधन ऊर्जा `-(X^(n)+X^(n))` की बंधन ऊर्जा
`=Q-(P+P)=Q-2P`
`:.2PgtQ` अतः मुक्त ऊर्जा ऋणात्मक है अर्थात अभिक्रिया में ऊर्जा अवशोषित होगा।
163.

नाभिकीय संलयन के लिए उच्च ताप तथा उच्च घनत्व की आवश्यकता क्यों होती है? नाभिकीय संलयन अभिक्रिया सामान्य ताप पर सम्भव नहीं है क्यों?

Answer» नाभिक धनावेशित होते हैं। जब नाभिक संलयन हेतु अत्यन्त निकट आते हैं। तो उनके बीच तीव्र वैद्युत प्रतिकर्षण बल कार्य करते है। इन बलों के विरूद्ध नाभिकों के संलयन हेतु नाभिकों की गतिज ऊर्जा अत्यन्त उच्च होनी चाहिए जो अत्यन्त उच्च ताप (`~~10^(8)K`) पर ही प्राप्त की जा सकती है। इसी प्रकार यदि उच्च घनत्व हो तो कम स्थान में नाभिकों की अधिक संख्या होगी जिससे संलयन की दर सच पर्याप्त प्राप्त होगी।
164.

तीव्र न्यूट्रॉनों द्वारा `._(92)^(238)U` के विखंडन पर विचार कीजिए। किसी विखंडन प्रक्रिया में प्राथामिक अंशों के बीटा क्षय के पश्चात कोई न्यूट्रॉन उत्सर्जित नहीं होता तथा `._(58)^(141)Ce` तथा `._(44)^(99)Ru` अंतिम उत्पाद प्राप्त होते हैं विखंडन प्रक्रिया के लिए `Q` के मान का परिकलन कीजिए। आवश्यक आंकड़े इस प्रकार है `m(._(92)^(238)U)=238.05079u` `m(._(58)^(140)Ce)=139.90543 u` `m(._(44)^(99) Ru)=98.90594 u`

Answer» Correct Answer - `Q=[m(.(92)^(238)U)+m_(n)-m(._(58)^(140)Ce)-m(._(44)^(99) Ru)]c^(2)=231.1MeV`
165.

यूरेनियम की द्रव्यमान-संख्या 235 और परमाणु क्रमांक 92 है। यूरेनियम परमाणु में प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन की संख्या होगी क्रमशः

Answer» परमाणु क्रमांक Z = 92, द्रव्यमान संख्या A = 235
`A=Z+N`
`:." "N=A-Z`
`=235-92=143`
अत: न्यूट्रॉनों की संख्या = 143.
प्रोटॉनों की संख्या = इलेक्ट्रॉनों की संख्या
= परमाणु क्रमांक Z = 92.
166.

`._(94)^(239)Pu` के विखंडन गुण बहुत कुछ `._(92)^(235)U` से मिलते-जुलते हैं। प्रति विखंडन विमुक्त औसत ऊर्जा `180MeV` है। यदि `1kg` शुद्ध `._(94)^(239)Pu` के सभी परमाणु विखंडित हों तो कितनी `MeV` ऊर्जा विमुक्त होगी?

Answer» Correct Answer - `4.536xx10^(26)MeV`
167.

सूर्य के अभ्यंतर में (a) 1kg हाइड्रोजन के सलयान के समय विमुक्त ऊर्जा का परिकलन कीजिय | विखंडन रटक्टर में `1*0 kg ""^(235)U` के विखंडन में विमुक्त ऊर्जा का परिकलन कीजिय |

Answer» (a) सलाइन के समय चार हाइड्रोजन परमाणु मिलर एक हीलियम परमाणु बनाते यही और इस प्रक्रिया में `26MeV` ऊर्जा विमुक्त होता है |
हाइड्रोजन के 1 मोल अर्थ 1g में `6*023 xx10^(23)` परमाणु ( एवोगेड्रो संख्या ) होते है
अतः हाइड्रोजन के `1kg = 1000g ` में परमाणो की संख्या `=6*023 xx 10^(23)xx 1000 = 6*23xx10^(26)`
अतः अभिष्टाः विमुक्त विमुक्त ऊर्जा
`= ( 26xx6*023xx10^(26))/4 = 39xx10^(26)MeV`
168.

क्लोरीन के परमाणु में निहित प्रोटॉनों तथा न्यूट्रॉनों के द्रव्यमान से लगता है कि क्लोरीन का परमाणु भार `35"amu"` होना चाहिए। परंतु इसका परमाणु भार `35.5"amu"` है। इसकी व्याख्या कीजिए।

Answer» सामान्य क्लोरीन में द्रव्यमान संख्या 34 तथा 37 के दो समस्थानिक `3:1` के अनुपात में होते हैं। अतः क्लोरीन का परमाणु भार
`M=(35xx3+37xx1)/(3+1)=142/3=35.5"amu"`
169.

ताप नाभिकीय अभिक्रिया ` 3_(1)H^(2) to ._(2)He^(4)+._(1)H^(1) +._(0)n^(1) +21.6 MeV` में अभिकारक की प्रति न्युक्लिऑन निष्कासित ऊर्जा है-A. `1,8 MeV `B. `3.6 MeV`C. `7.2 MeV`D. `21 .6 MeV`

Answer» Correct Answer - d
170.

यूरेनियम - 235 के विखंडन से औसत रूप से कितनी न्यूट्रॉन मुक्त होती है ?

Answer» Correct Answer - तीन |
171.

`""_(94)^(239)"Pu"` के विखंडन गुण बहुत कुछ से `""_(92)^(235)"Pu"` मिलते - जुलते हैं | प्रति विखंडन विमुक्त औसत ऊर्जा 180 MeV है | यदि 1kg शुद्ध `""_(94)^(239)"Pu"` के सभी परमाणु विखंडित हों, तो कितनी MeV ऊर्जा विमुक्त होगी ?

Answer» `""_(94)^(239)"Pu"` के 1 मोल अर्थात 239g में `6.023xx10^(23)` परमाणु (एवोगैड्रो संख्या) होते हैं | अत: इसके `1" kg"=1000"g",` परमाणुओं अर्थात नाभिकों की संख्या
`=(6.023xx10^(23)xx1000)/(239)=2.52xx10^(24)`
एक नाभिक के विखंडन से विमुक्त ऊर्जा = 180 MeV अत: `2.52xx10^(24)` नाभिक के विखंडन से विमुक्त ऊर्जा
`=180xx2.52xx10^(24)=4.54xx10^(26)" MeV."`
172.

मान लीजिए की भारत का लक्ष्य 2020 तक 2,00,000 MW विद्धुत शक्ति जनन का है। इसका 10% नाभिकीय शक्ति संयंत्र से प्राप्त होता है। माना कि रिएक्टर की औसत उपयोग दक्षता (ऊष्मा को विद्धुत में परिवर्तित करने की क्षमता ) 25% है। 2020 के अंत तक हम हमारे देश को प्रतिवर्ष कितने विखंडनीय यूरेनियम की आवश्यकता होगी `""^(235)U` प्रति विखंडन ऊर्जा 200MeV है।

Answer» Correct Answer - `3.076xx10^(4)kg`
173.

1 "amu" द्रव्यमान से क्यान तात्पर्य है? इसका किग्रा से क्या संबंध है? इसके तुल्य ऊर्जा का मान लिखिए।

Answer» 1 "amu" कार्बन परमाणु `(._(6)C_(12)` के द्रव्यमान के बारहवें भाग के बराबर होता है। `1 "amu"=1.66xx10^(-27)` किग्रा, तुल्य ऊर्जा `=931MeV`
174.

दस लाख किलोवाट आवर ऊर्जा के तुल्य द्रव्यमान की गणना कीजिए |

Answer» दिया है - `E=10xx10^(6)` किलोवाट आवर
`=10xx10^(6)xx3.6xx10^(6)" जूल"`
`=3.6xx10^(13)` जूल
अब सूत्र- `" "E="mc"^(2)` से
`m=(E)/(c^(2))=(3.6xx10^(13))/((3xx10^(8)))=(3.6xx10^(13))/(9xx10^(6))`
`=0.4xx10^(-3)" kg"`
`=4xx10^(-4)" kg."`
175.

(A) एक ताप नाभिकीय अभिक्रिया में `1.000xx10^(-3)` किग्रा हाइड्रोजन से `0.993xx10^(-3)` किगा हीलियम बनता है। अभिक्रिया में मुक्त ऊर्जा की गणना कीजिए। (B) इस ऊर्जा के कितने किलोवाट-घण्टा बिजली उत्पन्न होगी यदि जनित्र की क्षमता 10 प्रतिशत हो?

Answer» (A)अभिक्रिया में द्रव्यमान क्षति
`Deltam=(1.00-0.993)xx10^(-3)` किग्रा
`=0.007xx10^(-3)` किग्रा
`=7xx10^(-6)` किग्रा
`:.` अभिक्रिया में मुक्त ऊर्जा `Q=Deltamc^(2)`
`=(7xx10^(-6))(3xx10^(8))^(2)`
`=6.3xx10^(11)` जूल
(B) जनित्र द्वारा इस ऊर्जा का 10 प्रतिशत भाग विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होता हैं अतः उत्पन्न विद्यृत ऊर्जा
`=Qxx10/100=(6.3xx10^(11))xx10/100` जूल
`=6.3xx10^(10)` जूल
`=(6.3xx10^(10))/(3.6xx10^(6))` किलोवाट घण्टा
`=1.75xx10^(4)` किलोवाट-घण्टा
176.

एक रिएक्टर से 300 मेगावाट सामर्थ्य मिल सकती है | यदि यूरेनियम 238 के प्रत्येक नाभिक के विखंडन से 170 MeV ऊर्जा उत्सर्जित होती है तो प्रति घंटा कितने ग्राम यूरेनियम का विखंडन हो जाता है ?

Answer» रिएक्टर की सामर्थ्य = 300 मेगावाट `=300xx10^(6)` वाट
`:.` रिएक्टर से प्रति घंटा प्राप्त ऊर्जा `=300xx10^(6)xx60xx60`
`=1.08xx10^(12)` जूल
एक यूरेनियम -238 के विखंडन से प्राप्त ऊर्जा
`=170" MeV"`
`=170xx1.6xx10^(-13)` जूल
`=2.72xx10^(-11)` जूल
`:.` एक घंटा में विघटित नाभिकों की संख्या
`=(1.08xx10^(12))/(2.72xx10^(-11))`
`=3.97xx10^(22)`
चूँकि `6.023xx10^(23)` (एवोगैड्रो संख्या) यूरेनियम नाभिकों का द्रव्यमान = 238 ग्राम
`:." "3.97xx10^(22)` नाभिकों का द्रव्यमान
`=(28)/(6.023xx10^(23))xx3.97xx10^(22)`
`=15.7" ग्राम |"`
177.

एक नाभिक के विखण्डन में `3.2 xx 10^(-11)` जूल ऊर्जा निकलती है । एक 16 kW विजलीघर के लिए कितने नाभिक प्रति सेकण्ड की आवश्यकता होगी ?A. `5 xx 10^(14)`B. `5 xx 10^(12)`C. `0.5 xx 10^(12)`D. `0.5 xx 10^(14)`

Answer» Correct Answer - b
178.

किसी `1000MW` विखण्डन रिएक्टर के आधे ईधन का 5.00 वर्ष में व्यय हो जाता है। प्रारम्भ में इसमें कितना `._(92)^(235)U` था ? मान लीजिए कि रिएक्टर 80% समय कार्यरत रहता है इसकी सम्पूर्ण ऊर्जा `._(92)^(235)U` के विखण्डन से ही उत्पन्न हुई है तथा `._(92)^(235)U` न्यूक्लाइड केवल विखण्डन प्रक्रिया में ही व्यय होता है।

Answer» `._(92)^(235)U` के एक विखण्डन में मुक्त ऊर्जा `200MeV` है।
माना `.^(235)U` के `x`किग्रा0 प्रयुक्त होते हैं।
आवोगाद्रो की अभिधारणा के अनुसार
`.^(235)U` के 235 ग्राम में परमाणुओं की संख्या `=6.023xx10^(23)` परमाणु
`:..^(235)U` के `x` किग्रा0 में परमाणु संख्या `=(6.023xx10^(23))/(235xx10^(-3))xx x` परमाणु
चूंकि आधा ईंधन 5 वर्षों में व्यय होता है तथा प्रत्येक परमाणु `200MeV` ऊर्जा देता है अतः ईंधन द्वारा दी गयी कुल ऊर्जा
`=(6.023xx10^(23)xx x xx 200xx1.6xx10^(-13))/(235xx2xx10^(-3)) J`…………..i
5 वर्षों में रिएक्टर द्वारा उत्पादित ऊर्जा 80% है।
`=1000xx10^(6)xx5xx365xx24xx60xx60xx80/100`
(सूत्र `E=Pt` से)…………ii
समीकरण i तथा ii से
`(6.023xx10^(23)xx1.6xx10^(-13)x)/(235xx2xx10^(-3))`
`=(10^(9)xx5xx365xx24xx3600xx80)/100`
अथवा `x=(5xx365xx24xx36xx80xx235xx2xx10^(-3)xx10^(9))/(6.23xx10^(10)xx200xx1.6)`
`=3071.5` किग्रा0
`._(92)^(235)U` की प्रारम्भिक मात्रा 3071.5 किग्रा0 है।
179.

1 amu के तुल्य ऊर्जा है –A. `910 MeV`B. `139 MeV`C. `913 MeV`D. `931 MeV`

Answer» Correct Answer - a
180.

`U^(235)` के एक नाभिक के विखण्डन से `200MeV` ऊर्जा प्राप्त होती है। एक रियेक्टर से 4 मेगावाट सामर्थ्य प्राप्त हो रही है। रियेक्टर में प्रति सेकण्ड कितने नाभिक विखण्‍डित हो रहे हैं? प्रति घण्टा द्रव्यमान-क्षति कितनी हैं? प्रति घण्टा कितने ग्राम यूरेनियम का विखण्डन हो रहा है?

Answer» रियेक्टर की सामर्थ्य `=` 4 मेगावाट `=4xx10^(6)` जूल/सेकण्ड
`U^(235)` के एक नाभिक के विखण्डन से प्राप्त ऊर्जा `=200MeV`
`=200xx1.6xx10^(-13)` जूल `=3.2xx10^(-11)` जूल
अतः रियेक्टर में प्रति सेकण्ड विखण्‍डित नाभिकों की संख्या
`=(4xx10^(6))/(3.2xx10^(-11))1.25xx10^(17)`
प्रति घण्टा उत्पन्न ऊर्जा
`E=(4xx10^(6))xx3600=1.44xx10^(10)` जूल
यदि प्रति घण्टा द्रव्यमान क्षति `Deltamc^(2)` अतः
`Delta=E/(c^(2))=(1.44xx10^(10))/((3xx10^(8))^(2))=1.6xx10^(-7)` किग्रा
रियेक्टर में प्रति घण्टा विखण्‍डित नाभिकों की संख्या
`=(1.25xx10^(17))xx3600`
`:.U^(235)` के 1 मोल अर्थात 235 ग्राम में नाभिकों की संख्या `6.02xx10^(23)` होती है अतः प्रति घण्टा विखण्‍डित यूरेनियम की मात्रा
`=235/(6.02xx10^(23))xx(1.25xx10^(17)xx3600)` ग्राम
`=0.169` ग्राम
181.

एक ‌नाभिकीय रियेक्टर में प्रति `U^(235)` के नाभिक के विखण्डन से `200MeV` ऊर्जा मुक्त होती है। रियेक्टर की दक्षता `10%` है तथा यह `1000MW` (मेगावाट) शक्‍ति जनन करता है । रियेक्टर को 10 वर्षों तक चलाने के लिए आवश्यक यूरेनियम के द्रव्यमान की गणना कीजिए। आवोगाद्रो संख्या `N_(A)=6.02xx10^(26)`/किलोमोल तथा 1 `MeV=1.6xx10^(-13)` जूल।

Answer» रियेक्टर की शक्‍ति `=1000` मेगावाट
`=1000xx10^(6)` वाट `=10^(9)` वाट अथवा जूल/सेकण्ड
रियेक्टर द्वारा 1 सेकण्ड में उत्पन्न ऊर्जा `10^(9)` जूल है। अतः 10 वर्षों में जनित ऊर्जा
`=10^(9)xx(10xx365xx24xx60xx60)`
`=3.15xx10^(17)` जूल
`=(3.15xx10^(17))/(1.6xx10^(-13))MeV=1.97xx10^(30)MeV`
चूंकि रियेक्टर की दक्षता 10% है। अतः रियेक्टर द्वारा जनित ऊर्जा नाभिकीय विखण्डन द्वारा उत्पन्न ऊर्जा का केवल 10% है।अतः रियेक्टर में 10 वर्षों में नाभिकीय विखण्डन से उत्पन्न ऊर्जा
`E=((1.97xx10^(30))xx100)/10=1.97xx10^(31)MeV`
चूंकि `U^(235)` के एक नाभिक के विखण्डन से `200MeV` ऊर्जा प्राप्त होती है। अतः 10 वर्षों में विखण्‍डित नाभिकों की संख्या
`=(1.97xx10^(31))/200=9.85xx10^(28)`
`U^(235)` के 1 किलोमोल अर्थात 235 किग्रा में नाभिकों की संया `6.02xx10^(26)` है। अतः रियेक्टर में 10 वर्षों में प्रयुक्त यूरेनियम की मात्रा
`=235/(6.02xx10^(26)xx9.85xx10^(28))` किग्रा
`=3.84xx10^(4)` किग्रा
182.

युरेनियम -235 न्यूक्लिअस के विखण्डन से मुक्त ऊर्जा 200 MeV है । प्रति न्यूक्लिऑन ऊर्जा है-A. `200 MeV`B. `106 MeV`C. `0,85 MeV`D. `0.53 MeV`

Answer» Correct Answer - d
183.

`U^(235)` नाभिक के विखण्डन की एक समीकरण निम्न `U^(235)+._(0)n^(1)to._(56)Ba^(144)+._(36)Kr^(89)+3(._(0)n^(1))+Q`(ऊर्जा) विखण्डन में मुक्त ऊर्जा `Q` का मान निम्न आंकड़ों के आधार पर ज्ञात कीजिए।- `U^(235)` का द्रव्यमान `=234.99"amu"` न्यूट्रॉन का द्रव्यमान `=1.01am` `Ba^(144)` का द्रव्यमान `=143.87"amu"` `Kr^(89)` का द्रव्यमान `=88.90"amu"`

Answer» विखण्डन से पूर्व कुल द्रव्यमान
`M_(i)=U^(235)` का द्रव्यमान `+1` न्यूट्रॉन का द्रव्यमान
`=234.99+1.01=236.00am`
विखण्डन के पश्चात, कुल द्रव्यमान
`M_(f)=Ba^(144)` का द्रव्यमान `+Kr^(89)` का द्रव्यमान `+3` न्यूट्रॉन का द्रव्यमान
`=143.87+88.90+3(1.01)=235.80"amu"`
द्रव्यमान क्षति `DeltaM=M_(i)-M_(f)`
`=236.00-235.80=0.20"amu"`
अतः विखण्डन में मुक्त ऊर्जा
`Q=DeltaM("amu")xx931MeV`
`=0.20xx931MeV~~186.3MeV`
184.

दो ड्यूट्रॉनों के आमने –सामने की टक्कर के लिए कूलॉम अवरोध की ऊंचाई ज्ञात कीजिए। संकेत कूलॉम अवरोध की ऊंचाई का मान इस ड्यूट्रॉन के बीच लगने वाले उस कूलॉम प्रतिकर्षण बल के बराबर होता है जो एक-दूसरे को संपर्क में रखे जाने पर उनके बीच आरोपित होता है। यह मान सकते है कि ड्यूट्रॉन 2.0fm प्रभावी वाले दृढ़ गोले है।

Answer» Correct Answer - 360KeV
185.

D-T अभिक्रिया (ड्यूटीरियम-ट्रिटियम संलयन) `""_(1)^(2)H+""_(1)^(3)H to""_(2)^(4)"He"+n` पर विचार कीजिए | नीचे दिए गए आँकड़ों के आधार में विमुक्त ऊर्जा का मान MeV में ज्ञात कीजिए- `m(""_(1)^(2)"H")=2.014102" u"` `m(""_(1)^(3)"H")=3.016049" u".`

Answer» संकेत- किसी संलयन क्रिया के लिए आवश्यक गतिज ऊर्जा = संलयन क्रिया में संलग्न कणों की औसत तापीय गतिज ऊर्जा = 2 (3kT/2), k = बोल्ट्जमैन नियतांक तथा T = परम ताप)
`""_(1)^(2)"H"+""_(1)^(3)"H"to""_(2)^(4)"He"+n`
`Q=[m(""_(1)^(2)"H")+m(""_(1)^(3)"H")-m(""_(2)^(4)"He")-m_(n)]c^(2)`
`=(2.014102+3.016049-4.002603-1.00867)u xx c^(2)`
`=0.018883xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)`
`=17.58" MeV."`
186.

2.0 kg ड्यूटीरियम के संलयन से एक 100 वाट का विद्युत लैंप कितनी देर प्रकाशित रखा जा सकता है? संलयन अभिक्रिया निम्नवत ली जा सकती है। `._(1)^द्ध2)H+._(1)^(2)Hto_(2)^(3)He+n+3.27MeV`

Answer» Correct Answer - लगभग `4.9xx10^(4)y`
187.

एक भारी नाभिक X जिसकी द्रव्यमान संख्या 240 तथा प्रति न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा 7.6 MeV है, दो खण्डों Y और Z में जिनकी द्रव्यमान संख्या क्रमश: 110 और 130 है, विभक्त हो जाता है | Y और Z के नाभिकों में प्रति न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा 8.5 MeV है | विखंडन में विमुक्त ऊर्जा की गणना MeV में कीजिए |

Answer» भारी नाभिक X की प्रति न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा
`=7.6" MeV"`
`:.` उसकी कुल बंधन ऊर्जा `=7.6xx240=1824" MeV"`
Y नाभिक की कुल बंधन ऊर्जा `=110xx8.5" MeV"`
तथा Z नाभिक की कुल बंधन ऊर्जा `=130xx8.5" MeV"`
अत: Y और Z नाभिकों की कुल बंधन ऊर्जा
`=(110xx8.5+130xx8.5)`
`=(110+130)xx8.5=240xx8.5`
`=2040" MeV"`
इस प्रकार विमुक्त ऊर्जा `=(2040-1824)=216" MeV".`
188.

द्रव्यमान संख्या A = 240 और बंधन ऊर्जा प्रति द्रव्यमान संख्या `("BE"//"A")=7.6" MeV"` वाला नाभिक दो खंडों में प्रत्येक के लिए A = 120 में `"BE"//"A"=8.5" MeV"` में विभाजित होता है | मुख्त ऊर्जा की गणना कीजिए |

Answer» मान लीजिए नाभिकीय अभिक्रिया है -
`X to Y+Y`
दिया है - X के लिए A = 240 तथा `(BE)/(A)=7.6" MeV"`
Y के लिए A = 120 तथा `(BE)/(A)=8.5" MeV"`
X की बंधन ऊर्जा `("BE")=240xx7.6=1824" MeV"`
Y की बंधन ऊर्जा `=120xx8.5=1020" MeV"`
अत: मुक्त ऊर्जा
`=" Y की बंधन ऊर्जा "xx2-" X की बंधन ऊर्जा"`
`=1020xx2-1824=2040-1824=216" MeV."`
189.

हमें निम्नलिखित परमाणु द्रव्यमान दिए गए हैं - `""_(92)^(238)"U"=238.05079u,""_(2)^(4)"He"=4.00260" u"`, `""_(90)^(234)"Th"=234.04363" u",""_(1)^(1)"H"=1.00783" u"`, `""_(91)^(237)"Pa"=237.05121" u"` जहाँ Pa तत्व प्रोटऐक्टिवियम (Z = 91) के लिए संकेत है | दर्शाइए कि `""_(92)^(238)"U"` स्वत: प्रोटॉन उत्सर्जित नहीं कर सकता |

Answer» `""_(92)^(238)"U"to""_(91)^(237)" Pa"+""_(1)^(1)"H"+Q`
अत: ऊर्जा Q
`=[m(""_(92)^(238)"U")-m(""_(91)^(237)"Pa")-m(""_(1)^(1)"H")]c^(2)`
`=(238.05079-234.04363-1.00783)u xx c^(2)`
`= -0.00825" u"xx c^(2)`
`= -0.00825xx931.5("MeV")/(c^(2))xx c^(2)`
`=-7.68" MeV."`
यहाँ Q ऋणात्मक है | अत: `""_(92)^(238)"U"` स्वत: प्रोटॉन उत्सर्जित नहीं कर सकता |
190.

अनिकेत की माता जी कई दिनों से लगातार सिर दर्द की शिकायते कर रही थी | उनका चिकित्सक ने परीक्षण कर ट्यूमर होना बताया | इसके इलाज और आपरेशन का खर्च बहुत अधिक था | अनिकेत ने अपनी विदेशी यात्रा को निरस्त कर अपनी माता जी का ऑपरेशन करवाया | अब वे पूर्णतः स्वस्थ है | उपरोक्त अनुच्छेद को पढ़कर इन प्रश्नो के उत्तर दीजिये - अनिकेत ने किन मूल्यों का परिचय दिया ?

Answer» प्रेम, समर्पण एवं त्याग की भावना अनिकेत के व्यवहार से परिलक्षित होती है |
191.

अनिकेत की माता जी कई दिनों से लगातार सिर दर्द की शिकायते कर रही थी | उनका चिकित्सक ने परीक्षण कर ट्यूमर होना बताया | इसके इलाज और आपरेशन का खर्च बहुत अधिक था | अनिकेत ने अपनी विदेशी यात्रा को निरस्त कर अपनी माता जी का ऑपरेशन करवाया | अब वे पूर्णतः स्वस्थ है | उपरोक्त अनुच्छेद को पढ़कर इन प्रश्नो के उत्तर दीजिये - ट्यूमर के इलाज में किस प्रकार के विकिरण का उपयोग किया जाता है ?

Answer» Correct Answer - `gamma ` किरण
192.

अनिकेत की माता जी कई दिनों से लगातार सिर दर्द की शिकायते कर रही थी | उनका चिकित्सक ने परीक्षण कर ट्यूमर होना बताया | इसके इलाज और आपरेशन का खर्च बहुत अधिक था | अनिकेत ने अपनी विदेशी यात्रा को निरस्त कर अपनी माता जी का ऑपरेशन करवाया | अब वे पूर्णतः स्वस्थ है | उपरोक्त अनुच्छेद को पढ़कर इन प्रश्नो के उत्तर दीजिये - नाभिक से ` gamma ` - किरणें कब उत्सर्जित होती है ?

Answer» ` alpha ` या ` beta ` कणो के उत्सर्जन से प्राप्त घातक नाभिक उत्तेजित अवस्था में रहता है, जब वह अपनी मूल ऊर्जा अवस्था में वापस आता है तब फोटॉन का उत्सर्जन करता है |