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1.

यदि दो अंकोंवाली यादृच्छिक संख्याएँ दी हो और समष्टि का आकार तीन अंकों में हो तो निदर्श पसंद करने के लिए यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग कैसे करोगे ?

Answer»

प्रथम स्तंभ की दो अंकों की संख्या के साथ दूसरा स्तंभ की संख्या का प्रथम अंक जोड़ कर 3 अंक की यादृच्छिक संख्या चयन करेंगे ।

2.

पदिक न्यादर्शन पर टिप्पणी लिखिए ।

Answer»

इस पद्धति में न्यादर्श में प्रथम इकाई यादृच्छिक रीति से पसंद किया जाता है और शेष इकाई अपने आप इकाईयों की सूचि में से किसी निश्चित अंतर पर एक के बाद एक चयन होती है। जब समष्टि की सभी इकाईयों किसी निश्चित जैसे कि वर्णानुसार, समयानुसार, भौगोलिक रीति से गठित हो और उसकी संपूर्ण सूचि उपलब्ध हो तब यह पद्धति उपयोग में लेना चाहिए ।

3.

यदि तीन अंकवाली यादृच्छिक संख्याओं दी हो तो और समष्टि का आकार दो अंक में हो तो निदर्श पसंद करने के लिए यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग कैसे करोगे ?

Answer»

तीन अंक की संख्याओं में से प्रथम दो अंक अथवा इकाई और दशक का अंक चयन करेंगे ।

4.

पदिक न्यादर्शन के लाभ बताइए ।

Answer»

पदिक न्यादर्शन के लाभ निम्नलिखित है :

  1. न्यादर्श का चयन किसी भी गलती के बिना सरलता से हो सकता है ।
  2. न्यादर्श में पसंद हुई इकाईयों समष्टि में एकसमान रीति से बिखरे होते है ।
  3. सरल यादृच्छिक न्यादर्शन पद्धति और स्तरित यादृच्छिक न्यादर्शन पद्धति की अपेक्षा इस पद्धति कम समय और क्रम परिश्रम से पूर्ण की जा सकती है ।
5.

सामान्य रीति से व्यवहार में समष्टि जाच क्यों संभव नहि है ?

Answer»

व्यवहार में समष्टि का अभ्यास निम्न कारणों से संभव नहीं होता है :

  1. कभी कभी समय व खर्च की मर्यादा के कारण
  2. समष्टि का आकार विशाल हो तब
  3. कई बार इकाईयाँ जाँच के दौरान नष्ट करने की आवश्यकता हो ।
  4. प्रशिक्षित अन्वेषकों की अपर्याप्त संख्या, सटीक स्तर का अभाव इत्यादि के संदर्भ में समष्टि का अभ्यास इच्छनीय नहि होता है ।
6.

पदिक निदर्शन में निदर्श अंतराल का अर्थ समझाइए ।

Answer»

समष्टि की कुल N इकाइयों को किसी निश्चित रीति से गठन करके उसे 1 से N क्रम दिया जाता है । उसमें से n आकार का निदर्श चयन करना है जिससे N = nk अथवा K = N/n हो यहाँ k को सामान्य रीति से निदर्शन अंतराल कहते है । K का मूल्य पूर्णांक में होगा ऐसा मान लिया जाता है।

7.

पदिक निदर्श कब पक्षपातयुक्त हो सकता है ?

Answer»

यदि कोई गुप्त आवर्तनकाल और निदर्शन अंतराल समरूप हो जाय तब पदिक निदर्श पक्षपातयुक्त बनना है ।

8.

अनेक समूहों में विभाजित समष्टि में जब समूह की अंदर की इकाईयाँ में कम चलन हो और भिन्न-भिन्न समूहों के अवलोकन के बीच अधिक चलन हो तब कौन-सी निदर्शन पद्धति का उपयोग करना चाहिए ?

Answer»

जब इकाईयों में अधिक चलन हो तब स्तरित यादृच्छिक यादर्शन विधि का उपयोग किया जाता है ।

9.

सबसे अधिक प्रचलित यादृच्छिक संख्या सारणी कौन-सी है ?

Answer»

एल.एच.सी. टीपेट की संख्या सारणी सबसे अधिक प्रचलित है ।

10.

समष्टि के प्राचल की परिभाषा दीजिए।

Answer»

समष्टि के माध्य व प्रमाप विचलन के आगणक को प्राचल कहते है ।

11.

कौन-सी जाँच में सबसे अधिक गलतियाँ होती है ?

Answer»

समष्टि जाँच में सबसे अधिक गलतियाँ होती हैं ।

12.

विषमांग समष्टि की परिभाषा दीजिए।

Answer»

समष्टि की इकाईयों में अधिक प्रमाण में चलन हो ऐसी समष्टि को विषमांग समष्टि कहते है ।

13.

प्राचल और आगणक क्रमशः किसके लक्षण है ? ।(A) समष्टि और निदर्श(B) निदर्श और समष्टि(C) निदर्श और निदर्श(D) समष्टि और समष्टि

Answer»

सही विकल्प है (A) समष्टि और निदर्श

14.

यदि समष्टि में गुप्त आवर्तन हो तो कौन-सी निदर्शन पद्धति पर उसकी प्रभाव सब से अधिक होता है ?(A) सरल यादृच्छिक निदर्शन(B) स्तरित यादृच्छिक निदर्शन(C) पदिक निदर्शन(D) (B) और (C) दोनों

Answer»

सही विकल्प है (C) पदिक निदर्शन

15.

समष्टि जाँच अर्थात् क्या ?

Answer»

यदि जाँच में समष्टि की प्रत्येक इकाई की जाँच करके सूचना का संग्रहण करे तो उस जाँच को समष्टि जाँच कहते है ।

16.

निदर्श आगणक की परिभाषा दीजिए।

Answer»

निदर्श इकाई पर से प्राप्त संख्यात्मक परिणामों के आधार पर प्राप्त किये गये विविध माप जैसे माध्य, प्रमाप विचलन को निदर्शन आगणक कहते है ।

17.

सरल यादृच्छिक न्यादर्शन विधि के गुण लिखिए ।

Answer»

सरल यादृच्छिक न्यादर्शन विधि के गुण निम्नानुसार है :

  1. सरल यादृच्छिक न्यादर्श में समष्टि की प्रत्येक इकाई के चुनाव का समान अवसर होता है ।
  2. इस विधि में न्यादर्श के चुनाव में पूर्वग्रह या पक्षपात का कोई अवकाश नहीं रहता ।
  3. यादृच्छिक न्यादर्श समष्टि का योग्य प्रतिनिधि करे इसकी संभावना अधिक रहती है ।
  4. कम व्यय व समय में समष्टि की विशेषता के विषय में जानकारी उपलब्ध की जा सकती है ।
18.

नाशवंत निदर्शन का उदाहरण दीजिए।

Answer»

मरीज के खून की जाँच, इलेक्ट्रिक बल्ब की जाँच नाशवंत निदर्शन का उदाहरण है।

19.

निम्न में से कौन-सा विधान सत्य है ?(A) स्तरित यादृच्छिक निदर्शन में समष्टि की सभी इकाईयों को निदर्श में चयन होने का समान मौका होता है ।(B) सरल यादृच्छिक न्यादर्श में समष्टि के सभी इकाईयों का निदर्श में चयन होने का समान मौका दिया जाता है ।(C) किसी भी निदर्शन पद्धति में निदर्श का आकार समष्टि पर आधारित नहि है ।(D) पदिक निदर्श में समष्टि की सभी इकाईयों को निदर्श में चयन होने का समान मौका होता है ।

Answer»

(B) सरल यादृच्छिक न्यादर्श में समष्टि के सभी इकाईयों का निदर्श में चयन होने का समान मौका दिया जाता है ।

20.

यदि हम किसी समष्टि के लिए स्तरित यादृच्छिक निदर्शन का उपयोग करते हो और समष्टि के भिन्न-भिन्न आकारवाले स्तर में विभाजित हो तो अब उसमें से सप्रमाण विभाजित स्तरित यादृच्छिक निदर्शन का चयन कैसे किया जा सकता है ?(A) प्रत्येक स्तर में से समान आकार का निदर्श पसंद करो ।(B) प्रत्येक स्तर में से असमान आकार का निदर्श पसंद करो ।(C) समष्टि के प्रत्येक स्तर के आकार के प्रमाण में निदर्श की इकाईयाँ का चयन करो ।(D) उपयुक्त में से एक भी नहीं ।

Answer»

(C) समष्टि के प्रत्येक स्तर के आकार के प्रमाण में निदर्श की इकाईयाँ का चयन करो ।

21.

निदर्श जाँच कब की जाती है ?

Answer»

निदर्श जाँच निम्न परिस्थिति में अनिवार्य है ।

  1. समष्टि की इकाईयों की संख्या अनंत हो ।
  2. समष्टि की इकाईयों भौगोलिक दृष्टि से बड़े विस्तार में फैली हो ।
  3. इकाईयों को नष्ट करने की आवश्यकता हो । उदा. मरीज के खून की जाँच
  4. जाँच कार्य के लिए आवश्यक संशोधनों, जैसे कि समय वित्तीय व्यवस्था, विशेषज्ञ और प्रशिक्षित अन्वेषकों की उपलब्धि मर्यादित हो तब ।
22.

स्तरीकरण प्रक्रिया समझाइये ।

Answer»

समष्टि के चल लक्षणों को ध्यान में लेकर सर्वप्रथम समष्टि की इकाईयाँ का दो या उससे अधिक परस्पर निवारक विभागों में विभाजित किया जाता है । विषमांग समष्टि को लगभग समांग कहा जा सके ऐसे विभागों में विभाजित किया जाता है कि जिससे समष्टि की कोई भी इकाई एक से अधिक विभाग में समाविष्ट न हो इस प्रक्रिया को स्तरीकरण कहते है ।

23.

सरल यादृच्छिक निदर्श पसंद करने की विधि बताइए ।

Answer»

सरल यादृच्छिक निदर्श पसंद करने की मुख्य दो विधि है :

  1. लोटरी की पद्धति
  2. यादृच्छिक संख्याओं के सारणी की पद्धति ।
24.

स्तरित यादृच्छिक निदर्शन का उपयोग कौन से संयोगों में अधिक योग्य माना जाता है ?

Answer»

जब समष्टि की इकाइयों के गुणधर्मों के बीच अधिक मात्रा में असमानता हो तब स्तरित यादृच्छिक निदर्शन का उपयोग होता है ।

25.

निदर्शन अर्थात् क्या ?

Answer»

समष्टि जाँच में आनेवाली व्यावहारिक कठिनाईयों के निवारण हेतु प्रत्येक इकाई सम्बन्धी सूचना प्राप्त करने के बदले समष्टि के प्रतिनिधिरूप ऐसी कुछ इकाइयों का पद्धति अनुसार या यादृच्छिक रूप से चयन करने की पद्धति को निदर्शन कहा जाता है ।

26.

स्तरित यादच्छिक निदर्शन में स्तर की परिभाषा दीजिए ।

Answer»

इस विधि में सर्वप्रथम समष्टि को समान गुणधर्मवाली इकाइयों में विभाजित किया जाता है । इन विभागों को स्तर के रूप में जाना जाता है।

27.

निम्न में से कौन-सा विधान सत्य है ?(A) जिस निदर्श में इकाई का चयन करने से पहले प्रथम चयन की गई इकाई को समष्टि में वापस रखा जाता है उसे परिशिष्ट मुक्त न्यादर्श कहते है ।(B) यदि जाँच के दौरान इकाईयों को नष्ट करना पड़ता हो तब निदर्श जाँच एक आवश्यक नहि परंतु अनिवार्य है ।(C) किसी भी निदर्शन पद्धति में निदर्श का आकार समष्टि पर आधारित नहि है।(D) यदि समष्टि समांग हो तब स्तरित यादृच्छिक निदर्शन श्रेष्ठ पद्धति है ।

Answer»

(B) यदि जाँच के दौरान इकाईयों को नष्ट करना पड़ता हो तब निदर्श जाँच एक आवश्यक नहि परंतु अनिवार्य है ।

28.

किसी मोल में प्रवेश करनेवाले प्रत्येक विहिकल की सुरक्षा के हेतुसर जाँच निम्न में से किस का उदाहरण है ?(A) समष्टि जाच(B) स्तरित यादृच्छिक निदर्शन(C) पदिक निदर्शन(D) सरल यादृच्छिक निदर्शन

Answer»

सही विकल्प है (A) समष्टि जाच

29.

स्तरित यादृच्छिक निदर्शन में प्रत्येक स्तर में से निदर्श कैसे लिया जाता है ? बताइए ।

Answer»

सर्वप्रथम समष्टि को समान गुणधर्मवाली इकाईयों में विभाजित किया जाता है । इन विभागों को स्तर कहते है । सभी स्तर एक दूसरे से भिन्न होते है । परंतु प्रत्येक स्तर की इकाईयाँ आंतरिक रूप से समान गुणधर्म के एकत्रित करके न्यादर्श प्राप्त किया जाता है ।

30.

विविध निदर्शन पद्धतिओं के नाम बताइए ।

Answer»

निदर्शन पद्धतियों मुख्य तीन है ।

  1. सरल यादृच्छिक निदर्शन पद्धति
    • लोटरी पद्धति
    • यादृच्छिक संख्याओं के सारणी की पद्धति
  2. स्तरित यादृच्छिक निदर्शन पद्धति
  3. पदिक निदर्शन पद्धति
31.

सरल यादृच्छिक न्यादर्श विधि पर टिप्पणी लिखिए ।

Answer»

जिस न्यादर्शन में चुने गए न्यादर्श में समष्टि की प्रत्येक इकाईयों को प्रवेश करने का मौका समान रूप से मिलता हो, उसे सरल यादृच्छिक न्यादर्शन कहेंगे । जाँच के लिए समग्र न्यादर्शन विधियों में यह विधि उत्तम मानी जाती है । इस विधि में किसी भी इकाई के प्रति पूर्वग्रह या पक्षपात का कोई स्थान नहीं रहता । इस विधि में न्यादर्श का चुनाव निरपेक्ष रूप से होता है, अर्थात् किसी एक इकाई के चुनाव होने या न होने का प्रभाव दूसरी इकाई के चुनाव पर नहीं पड़ता । इस न्यादर्शन विधि में यादृच्छिक रूप से लिए गए न्यादर्श को समष्टि का प्रतिनिधि रूप न्यादर्श कहा जाता है ।

सरल यादृच्छिक न्यादर्श विधि में इकाईयों को बाँटा नहीं जाता, परिणामस्वरूप यदि इकाईयाँ समान चल लक्षणोंवाली हो या विषमांगता कम हो तथा समष्टि का आकार छोटा और मध्यम हो तो यह विधि अधिक उपयोगी सिद्ध होती है ।

यदि समष्टि की इकाईयों के बीच गुणधर्मों की द्रष्टि से प्रचार अधिक हो, समष्टि का आकार बड़ा हो, तब सरल यादृच्छिक न्यादर्श विधि का उपयोग हितावह नहीं है ।

32.

न्यादर्श का आकार निश्चित करते समय किन-किन मुद्दों को ध्यान में लेना चाहिए ?

Answer»

न्यादर्श का आकार निश्चित करते समय निम्न मुद्दों को ध्यान में लेना चाहिए :

  1. जाच का उद्देश्य
  2. समष्टि का आकार व विस्तार
  3. समय वित्तीय साधनों एवं विशेषज्ञों की उपलब्धता ।
  4. समष्टि की इकाईयों की विषमांगता
  5. सजागता की आपेक्षित कक्षा या स्तर
33.

परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) निदर्शन अर्थात् क्या ?

Answer»

समष्टि में से न्यादर्श सर्वेक्षण करते समय यदि प्रथम चुनी हुई इकाई को दूसरी इकाई के चयन करने के पूर्व समष्टि में वापिस सम्मिलित न किया जाय तो ऐसे न्यादर्श सर्वेक्षण को परिशिष्ट मुक्त निदर्शन कहते है ।

34.

आदर्श न्यादर्श की विशेषताएँ लिखिए ।

Answer»

आदर्श न्यादर्श में निम्नलिखित विशेषताएँ होनी चाहिए :

  1. वे समष्टि का प्रतिनिधित्व करनेवाले होने चाहिए ।
  2. उनके चयन में किसी भी प्रकार का पूर्वग्रह या पक्षपात नहीं होना चाहिए, अर्थात् उनका चयन यादृच्छिक रूप से होना चाहिए।
  3. उसकी सभी इकाईयों का चयन जाँच के एक ही समय अन्तराल में होना चाहिए ।
  4. न्यादर्श की इकाईयों का चयन निरपेक्ष रूप से होना चाहिए ।
  5. न्यादर्श इकाईयों की संख्या योग्य अनुपात में होनी चाहिए ।
35.

समष्टि जाँच और निदर्श जाँच उदाहरण देकर समझाइए ।

Answer»

समष्टि जाँच (Population Inquiry or Census Inquiry) : यदि समष्टि की समग्र इकाईयों की जाँच व परिक्षण किया जाता हो और सूचनाओं का एकत्रीकरण किया जाता हो, उस जाच या परीक्षण को समष्टि जाच कहते हैं । जैसे कि हमारे देश में प्रति दस वर्ष पर होनेवाली जनसंख्या गणना समष्टि जाँच है ।

न्यादर्श जाँच (Sample Inquiry) : समष्टि में से चुने गए न्यादर्श के इकाईयों की जाँच करके सूचना का एकत्रीकरण किया जाता है, जिसे न्यादर्श जाँच कहते है । जैसे कि गांधीनगर में रहनेवाले परिवारों में से चुने हुए परिवारों की वार्षिक आय सम्बन्धी जाँच न्यादर्श जाँच होगी ।

  1. पूर्ति सहित न्यादर्श – जाँच (Sample Inquiry with Replacement) : पूर्ति सहित न्यादर्श के आधार पर होनेवाली जाँच को पूर्ति-सहित न्यादर्श जाँच कहेंगे ।
  2. पूर्ति रहित न्यादर्श जाँच (Sample Inquiry without Replacement) : पूर्ति रहित न्यादर्श के आधार पर होनेवाली जाँच को पूर्ति रहित न्यादर्श जाँच कहेंगे ।
36.

निदर्श सूचना पर से समष्टि का अनुमान करने की पद्धति अर्थात् ।

Answer»

निदर्श सूचना पर से समष्टि का अनुमान करने की पद्धति अर्थात् निदर्शन पद्धति ।

37.

एक समष्टि में से चयन किया निदर्श में निम्न में से किसका समावेश होता है ?(A) समष्टि की सभी इकाईयाँ(B) समष्टि के सिर्फ 50% इकाईयाँ(C) समष्टि के सिर्फ 15% इकाईयाँ(D) समष्टि की कुछ इकाईयाँ

Answer»

सही विकल्प है (D) समष्टि की कुछ इकाईयाँ

38.

एक गाँव के 30 छोटे किसान और 20 बड़े किसान में से खाद का उपयोग जानने हेतु 10 किसानों का यादृच्छिक न्यादर्श चयन करो जिसमें 6 छोटे और 4 बड़े किसान का समावेश हो । छोटे किसानों के लिए यादृच्छिक संख्याएँ : 12, 95, 18, 96, 20, 84, 56, 11, 52, 03, 10. 45 बड़े किसानों के लिए यादृच्छिक संख्याए :04, 40, 34, 11, 72, 11, 50, 55, 08, 13, 76, 18

Answer»

30 छोटे किसानों को 1 से 30 क्रम देकर 6 किसानों का न्यादर्श पूर्तिरहित (परिशिष्ट मुक्त) प्राप्त करने के लिए 30 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्या को अवगणना करने पर न्यादर्श 12, 18, 20, 11, 03, 10 प्राप्त होगा ।

20 बड़े किसानों को 1 से 20 क्रम देकर 4 किसानों का न्यादर्श पूर्तिरहित (परिशिष्ट मुक्त) प्राप्त करने के लिए 20 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्या की अवगणना करने पर न्यादर्श 04, 11. 08, 13 प्राप्त होगा ।

39.

यदि निदर्शन में समान अंतर स्थित इकाईयों का चयन किया जाय तो उसे कौन-सा निदर्शन कहते है ?

Answer»

समान अंतर पर स्थित इकाईयों में से निदर्शन पसंद करने की विधि को पदिक निदर्शन कहते है ।

40.

निम्न यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग करके बैंक के 100 A.T.M. में से 5 A.T.M. का परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) यादृच्छिक न्यादर्श प्राप्त करो ।018, 502, 531, 096, 027, 007, 118, 245, 012, 054, 444, 2111, 323, 428,

Answer»

समष्टि का आकार 100 इकाईयों का है । इसलिए 1 से 100 क्रम देकर 100 से बड़ी और परिशिष्ट युक्त है इसलिए पुनरावर्तित संख्याओं की अवगणना करेंगे । न्यादर्श का आकार 5 का होने से 5 यादृच्छिक संख्या निम्नानुसार प्राप्त होगे ।
018, 096, 027, 007, 012

41.

निम्न तीन अंकोंवाली यादृच्छिक संख्या दी गई है :170, 111,352, 002, 563, 203, 405, 545, 111, 446,776, 691, 816, 233, 616, 300, 250, 816, 010यह यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग करके 350 के आकार की समष्टि में से 2% के आकार का परिशिष्ट युक्त ( पूर्तिरहित ) और परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) यादृच्छिक न्यादर्श प्राप्त करो ।

Answer»

अब 350 के 2% = 7 का न्यादर्श प्राप्त करने के लिए 350 का आकार है। उसे 1 से 350 तक क्रम देंगे । इसलिए 350 से बड़ी संख्या का अस्वीकार करेंगे ।

(1) परिशिष्ट युक्त (पूर्तिरहित) न्यादर्श प्राप्त करने के लिए पुनरावर्तित संख्याओं को भी चयन करने पर 7 संख्या का न्यादर्श 170, 111, 002, 203, 111, 233, 300 होगा ।

(2) परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) न्यादर्श प्राप्त करना है इसलिए पुनरावर्तित संख्याओं की अवगणना करेंगे । 7 संख्याओं का चयन निम्नानुसार प्राप्त होगा । 170, 111, 002. 203, 233, 300, 250

42.

एक I.T. कंपनी के 60 कर्मचारी में से घर पर कार्य करने का विचार रखनेवाले 5 आकार का पदिक निदर्श चयन करना है । निदर्श कैसे चयन करोगे समझाइए ।

Answer»

कुल 60 कर्मचारी है ∴ N = 60 5 कर्मचारियों को चयन करता है ।

∴ n = 5 इसलिए निदर्शन अंतराल K = N/n

= 60/5

= 12 इसलिए प्रथम 12 कर्मचारी में से कोई एक कर्मचारी यादृच्छिक रीति से चयन करके उसके बाद प्रत्येक 12 वाँ कर्मचारी चयन किया जायेगा माना कि प्रथम 3 क्रमवाला कर्मचारी चयन हो तो निम्न क्रमवाले 5 कर्मचारी चयन होगे ।

3, 15, 27. 39, 51

43.

समष्टि जाँच और निदर्श जाँच के बीच का अंतर समझाइए ।

Answer»
समष्टि जाँचन्यादर्श जाँच
समष्टि जाँच में सभी इकाईयों की जाँच की जाती है जिससे समय, शक्ति एवं खर्च अधिक होता है ।न्यादर्श जाँच में कम इकाईयों की जाँच की जाती है जिससे समय, शक्ति एवं खर्च कम होता है ।
सभी इकाईयों की जाँच करने के कारण सावधानी नहीं रह सकती है ।कम इकाईयों की जाँच करने के कारण सावधानी रह सकती है ।
जाँच के दौरान इकाईयों का नाश होता हो तब समष्टि जाँच नहीं हो सकती ।जाँच के दौरान इकाईयों का नाश होता हो तब यह पद्धति का उपयोग किया जाता है ।
विशेषज्ञों की सेवा का लाभ प्राप्त करने में खर्च बढ़ता है ।विशेषज्ञों की सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते है ।
प्रत्येक इकाईयों से सूचना प्राप्त की जाती है इसलिए सूचना संपूर्ण और मौलिक प्राप्त होती है ।सीमित इकाईयों के पास से सूचना प्राप्त की जाती है जिससे सूचना संपूर्ण और मौलिक नहीं मिलती है ।

44.

एक कोलेज के अध्यापक गण का अभिप्राय प्राप्त करने हेतु उसी कोलेज के 600 विद्यार्थियों में से 2% विद्यार्थियों का परिशिष्ट मुक्त (पूर्तिरहित) न्यादर्श प्राप्त करो । कोलेज में प्रथम, द्वितीय, तृतीय ऐसे प्रत्येक वर्ष में 200 विद्यार्थी अभ्यास करते है ।निम्न तीन अंकोंवाली यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग करो ।प्रथम वर्ष के लिए : 158, 092, 411, 745, 009, 724, 674, 550, 716, 359, 419, 969, 200, 458द्वितीय वर्ष के लिए : 384, 019, 676, 131, 390, 057, 299, 786, 006, 206, 729, 344, 543, 309तृतीय वर्ष के लिए : 227, 483, 741, 766, 027, 070, 648, 956, 198, 912, 200, 058, 666, 500

Answer»

600 विद्यार्थियों का 2% अर्थात् 12 विद्यार्थी का चयन होगा ।

  • प्रथम वर्ष के 200 में से 2% = 4 विद्यार्थी का चयन करने हेतु प्रथम | से 200 तक क्रम देकर पूर्तिरहित (परिशिष्ट मुक्त) 4 न्यादर्श निम्नानुसार चयन करेंगे । 200 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्या को अवगणना करने पर न्यादर्श 158, (992. 009, 200
  • द्वितीय वर्ष के 200 विद्यार्थियों में से 2% = 4 विद्यार्थी का चयन करने हेतु 1 से 200 तक क्रम देकर पूर्तिरहित (परिशिष्ट मुक्त) 4 न्यादर्श निम्नानुसार चयन करेंगे । 200 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्याओं को अवगणना करने पर न्यादर्श 019, 131, (057, 006
  • तृतीय वर्ष के 200 विद्यार्थियों में से 2% = 4 विद्यार्थी का चयन करने हेतु 1 से 200 तक क्रम देकर (परिशिष्ट मुक्त) 4 न्यादर्श निम्नानुसार चयन करेंगे। 200 से बड़ी और पुनरावर्तित संख्याओं का अस्वीकार करने पर न्यादर्श 027, 070,
    198, 200
45.

न्यादर्श जाँच के लाभ बताइए ।

Answer»

न्यादर्श जाच के लाभ निम्नलिखित है :

  1. न्यादर्श जाँच में इकाईयों की संख्या सीमित होने से समय, शक्ति एवं धन में बचत होती है ।
  2. इकाईयों की संख्या कम होने से विशेषज्ञों की सेवाएं लेना संभव है ।
  3. सर्वेक्षण का कार्यक्षेत्र सीमित होने से सूचना संग्रहण कार्य, उसका विश्लेषण कार्य एवं निष्कर्ष प्राप्ति का कार्य त्वरित, सरलता से एवं सावधानीपूर्वक होता है ।
  4. पूर्व निश्चित खर्च, समय और साधनों की सीमा में रहकर विशाल क्षेत्र की जाँच की जा सकती है।
  5. जाँच के दौरान जहाँ इकाईयाँ नष्ट हो जाये वहाँ न्यादर्श जाँच उचित व अनिवार्य है।
46.

एक कक्षा में 70 विद्यार्थी अभ्यास करते है । शिक्षक किसी सात प्रवृत्ति के लिए सात विद्यार्थियों का चयन करना चाहते है। इसके लिए निम्न दी गई यादृच्छिक संख्याओं का उपयोग करके परिशिष्ट युक्त (पूर्तिसहित ) का यादृच्छिक न्यादर्श प्राप्त करो ।274, 323, 823, 599, 667, 320, 910, 484, 786, 253, 009, 885, 115

Answer»

समष्टि का आकार 70 इकाईयों का है इसलिए प्रथम 1 से 70 तक क्रम देंगे। 7 विद्यार्थियों का चयन करना है और संख्या 3 अंक की है इसलिए प्रथम दो अंकवाली संख्या का चयन करेंगे । परिशिष्ट युक्त न्यादर्श चयन करना है इसलिए पुनरावर्तित संख्या का भी समावेश करेंगे । 7 विद्यार्थियों का चयन निम्नानुसार होगा ।

27, 32, 59, 66, 32, 48, 25

47.

20 आकार की समष्टि में से 4 आकार के शक्य सभी पदिक निदर्शों को प्राप्त करो ।

Answer»

यहाँ N = 20, n = 4 इसलिए निदर्शन अंतराल K = \(\frac{N}n=\frac{20}4\) = 5

न्यादर्श – 1 : 1, 6, 11, 16

न्यादर्श – 2 : 2, 7, 12, 17

न्यादर्श – 3 : 3, 8, 13, 18

न्यादर्श – 4 : 4, 9, 14, 19

न्यादर्श – 5 : 5, 10, 15, 20

इसलिए प्रथम 5 संख्या में से कोई एक संख्या यादृच्छिक रीति से चयन करके उसके बाद प्रत्येक 5 वाँ क्रम पर संख्या चयन किया जायेगा । मानाकि प्रथम 2 क्रमवाली संख्या चयन हो तो निम्न क्रमवाली 4 संख्या चयन होगा .

48.

एक विद्यालय के शिक्षक कक्षा 11 के 30 विद्यार्थियों में से 10 विद्यार्थियों का गृहकार्य की जाँच करना चाहता है। पदिक निदर्शन पद्धति का उपयोग करके संभव निदर्श प्राम करो ।

Answer»

यहाँ N = 30, n = 10 इसलिए निदर्शन अंतराल K = \(\frac{N}n=\frac{30}{10}\) = 3

न्यादर्श – 1 : 1, 4, 7, 10, 13, 16, 19, 22, 25, 28

न्यादर्ण – 2 : 2, 5, 8, 11, 14, 17, 20, 23, 26, 29

न्यादर्श – 3 : 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27, 30

इसलिए प्रथम तीन संख्या में से कोई एक संख्या यादृच्छिक रीति से चयन करके उसके बाद प्रत्येक तीसरे क्रम पर संख्या चयन होगी । मानाकि प्रथम संख्या 3 चयन हो तो निम्न 10 संख्याएँ चयन होगी ।