InterviewSolution
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    				This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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                                    तीव्रता `I_(0)` का समतल-ध्रुवीय प्रकाश एक पोलरॉइड पर आपतित होता है , जिसकी ध्रुवण दिशा (संचरण अक्ष ) आपतित प्रकाश में वैधुत वेक्टर की दिशा से `60^(@)` कोण बनाती है। निर्गत प्रकाश की तीव्रता, आपतित तीव्रता `I_(0)` के पद में ज्ञात कीजिए । | 
                            
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                                   Answer» मैलस के नियम से , पोलरॉइड से निर्गत प्रकाश के तीव्रता `I=I_(0) cos^(2)theta`. यहाँ `" "theta=60^(@)." "therefore" "I=I_(0)cos^(2)60^(@)=(1)/(4)I_(0).`  | 
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| 2. | 
                                    जब प्रकाश की एक किरण वायु से काँच पर `57^(@)` आपतित होती है, तो परावर्तित किरण पूर्णतः ध्रुवित होती है। यदि यही किरण वायु से जल पर `theta` कोण पर आपतित हो, तब भी परावर्तित किरण पूर्णतः ध्रुवित होती है । तब :A. `theta gt 57^(@)`B. `theta lt 57^(@)`C. `theta=57^(@)`D. `theta=90^(@)` | 
                            
| Answer» संकेत : `n=tan theta`, n घटने पर `tan theta` और इस कारण `theta` घटता है । | |
| 3. | 
                                    वायु से काँच में संक्रमण (transition) के लिये ब्रूस्टर कोण क्या है ? (काँच का अपवर्तनांक = )`1.5`)। | 
                            
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                                   Answer» ब्रूस्टर के नियम से, `n=tan i_(p)` ब्रूस्टर कोण अथवा ध्रुवण-कोण , `i_(p)=tan^(-1)(n)` `=tan^(-1)(1.5)=56.3^(@).`  | 
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| 4. | 
                                    कोई ऐसी युक्ति बताइए जिसमे आप सिद्ध कर सकें की आकाश का प्रकीर्णित नीला प्रकाश समतल-ध्रुवित है। | 
                            
| Answer» Correct Answer - पोलेरॉइड| | |
| 5. | 
                                    रंगीन काँच के स्थान पर पोलेरॉइड के बने चश्मों की क्या विशेष उपयोगिता है? | 
                            
| Answer» रंगीन काँच द्वारा प्रकाश का अवशोषण होने के कारण वस्तुएँ धूमिल दिखती है। पोलेरॉइड केवल उस ध्रुवित प्रकाश का अवशोषण करता है जो कि आँखों में चौंध उत्पन्न करता है। अतः पोलेरॉइड के चश्मे में से देखने पर वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई पड़ती है । | |
| 6. | 
                                    एक प्रकाश - पुँज जिसकी तीव्रता `10 "वैट/मीटर"^(2)` है , दो पोलेरॉयडों , जिनकी ध्रुवण दिशाएँ परस्पर लंबवत है , से निकलता है निर्गत प्रकाश की तीव्रता क्या होगी? | 
                            
| Answer» Correct Answer - शून्य | |
| 7. | 
                                    दो पोलेरॉइड A व B समांतर है । A पर साधारण प्रकाश गिरता है। B से निर्गत प्रकाश की तीव्रता साधारण प्रकाश की तीव्रता की कितनी होगी? यदि A तथा B परस्पर लंबवत हों, तब? | 
                            
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                                   Answer» पोलेरॉइड A से निर्गत (समतल - ध्रुवित ) प्रकाश की तीव्रता `I_(A)=(1)/(2)I_(0)` जहाँ `I_(0)`, पोलेरॉइड A पर गिरने वाले साधारण प्रकाश की तीव्रता है। यदि पोलेरॉइड A व B परस्पर समांतर है, तब, मैलस के नियम से, पोलेरॉइड B से निर्गत प्रकाश की तीव्रता `I_(B)=I_(A)cos^(2)theta=I_(A)cos^(2)0=I_(A)=(1)/(2)I_(0)"(आधी)"`। यदि A व बी परस्पर लंबवत हैं, तब `I_(B)=I_(A)cos^(2)90^(@)=0"( शून्य )"`|  | 
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| 8. | 
                                    दो पोलेरॉइड A तथा B परस्पर क्रॉसित रखे गये हैं। उनके बीच एक तीसरा पोलेरॉइड किस प्रकार रखा जाये की B से निर्गत प्रकाश की तीव्रता से `1/8` हो जाये ? | 
                            
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                                   Answer» दो पोलेरॉइड A पर आपतित अध्रुवित प्रकाश की तीव्रता है तो A से निर्गत प्रकाश की तीव्रता `I_(0)//2` होगी । `therefore" "I_(A)=(I_(0))/(2)" ...(i)"` माना तीसरा पोलेरॉइड से कोण बनाता है । तब `I_(C)=I_(A)cos^(2)theta=(I_(0))/(2)cos^(2)theta" ...(ii)"` चूँकि पोलेरॉइड A तथा B क्रॉसित हैं, तब पोलेरॉइड C तथा B के बीच कोण `(90^(@)-theta)` होगा `therefore I_(B)=I_(C)cos^(2)(90^(@)-theta)=I_(C)sin^(2)theta` `=(I_(0))/(2)cos^(2)thetasin^(2)theta` `=(I_(0))/(2xx4)(4cos^(2)thetasin^(2)theta)` `=(I_(0))/(8)(sin2 theta)^(2)` परन्तु `I_(B)=(I_(0))/(8)` (दिया है ) `therefore" "(I_(0))/(8)=(I_(0))/(8)(sin 2 theta)^(2)` अथवा `" "sin 2 theta=1` अथवा `" "theta=45^(@).`  | 
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| 9. | 
                                    (a) काँच का अपवर्तनांक `1.5` है । काँच में प्रकाश की चाल क्या होंगी ? (निर्वात में प्रकाश की चाल `3.0xx10^(8)"मी/स"` है। (b) क्या काँच में प्रकाश की चाल, प्रकाश के रंग पर निर्भर करती है । यदि हाँ , तो लाल तथा बैंगनी में से कौन - सा रंग काँच के प्रिज्म में धीमा चलता है ? | 
                            
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                                   Answer» (a) काँच में प्रकाश की चाल `v=(c)/(n)=(3.0xx10^(8)"मी/से")/(1.5)` `=2.0xx10^(8)"मी/से"|` (b) हाँ, काँच में प्रकाश की चाल प्रकाश के रंग पर निर्भर करती है| `n_(V)gtn_(R),` अतः `u_(V)lt u_(R)` काँच में बैंगनी रंग धीमा चलता है ।  | 
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| 10. | 
                                    589 नैनोमीटर तरंगदैधर्य का एकवर्णीय प्रकाश वायु से जल की सतह पर आपतित होता है । (a) परावर्तित तथा (b) अपवर्तित प्रकाश की तरंगदैधर्य, आवृत्ति तथा चल क्या होगी ? जल का अपवर्तनांक `1.33` है । | 
                            
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                                   Answer» (a) परावर्तित प्रकाश वायु में ही चलता है, अतः तरंगदैधर्य, आवृत्ति तथा चाल वही होगी जो आपतित प्रकाश है। तरंगदैधर्य `lambda=589` नैनोमीटर है। अतः आवृत्ति `v=(c)/(lambda)=(3.0xx10^(8)"मी/से")/(589xx10^(-9) "मी")` `=5.09xx10^(14) "से"^(-1)"(हर्ट्ज )"`। वायु में प्रकाश की चाल `3.0xx10^(8)" मी/से"` है। (b) अपवर्तित प्रकाश जल में चलता है । प्रकाश की आवृत्ति , माध्यम पर निर्भर नहीं करती है। जल में वही रहती है , जो वायु में है अर्थात `v=5.09xx10^(14) "से"^(-1)` तरंग-सिद्धांत के अनुसार, जल में प्रकाश की चाल `v=(c)/(n)=(3.0xx10^(8))"मी से"^(-1)/(1.33)` `=2.26xx10^(8) "मी/से"|` अब , जल में प्रकाश की तरंगदैधर्य `lambda=(u)/(v)=(2.26xx10^(8))/(5.09xx10^(14))` `=0.444xx10^(-6)"मीटर "=" 444 नैनोमीटर"`  | 
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| 11. | 
                                    कैलसाइट क्रिस्टल में से देखने पर किसी वस्तु के दो प्रतिबिम्ब क्यों दिखाई देते हैं? | 
                            
| Answer» कैलसाइट क्रिस्टल द्विअपवर्तक है। जब इसमें कोई प्रकाश-किरण प्रवेश करती है, तो क्रिस्टल में दो अपवर्तित किरणे प्राप्त होती हैं, जिनके संगत दो प्रतिबिम्ब दिखाई देते है। | |
| 12. | 
                                    एक पोलरॉइड पर समतल - ध्रुवीय प्रकाश पोलरॉइड की ध्रुवण दिशा से `45^(@)` के कोण पर गिरता है । पोलरॉइड से निर्गत प्रकाश की तीव्रता , आपतित प्रकाश के कितने प्रतिशत होगी ? | 
                            
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                                   Answer» माना आपतित समतल- ध्रुवित प्रकाश के तीव्रता है । मैलस के नियम से, निर्गत प्रकाश की तीव्रता `I=I_(0)cos^(2)45^(@)=(1)/(2)I_(0)" "therefore" "(I)/(I_(0))=(1)/(2)` निर्गत प्रकाश की प्रतिशत तीव्रता `=(I)/(I_(0))xx100=(1)/(2)xx100=50%.`  | 
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| 13. | 
                                    जल में चलता प्रकाश - पुँज जल में डूबी काँच की एक प्लेट पर गिरता है । जब आयतन कोण `51^(@)` है तब परावर्तित प्रकाश - पुँज पूर्णतया समतल-ध्रुवीय पाया जाता है। वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक ज्ञात कीजिए ( जल का अपवर्तनांक = 4/3 ) | 
                            
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                                   Answer» जल के सापेक्ष काँच के लिए ध्रुवण - कोण `i_(p)=51^(@)` है । अत: ब्रूस्टर के नियम से, जल के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक , `._(w)n_(g)=tan i_(p)=tan51^(@)=1.235.` अब, वायु के सापेक्ष काँच का अपवर्तनांक , `._(a)n_(g)=._(a)n_(w)xx._(w)n_(g)=(4)/(3)xx1.235=1.647.`  | 
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| 14. | 
                                    एक समतल पारदर्शी माध्यम पर `60^(@)` के कोण पर आपतित होने पर परावर्तित प्रकाश पूर्णत: समतल ध्रुवित हो जाता है। माध्यम का अपवर्तनांक तथा अपवर्तक कोण ज्ञात कीजिए । | 
                            
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                                   Answer» ब्रूस्टर की नियम से, माध्यम का अपवर्तनांक `n=tani_(p)=tan60^(@)=sqrt3=1.732.` जहाँ `i_(p)`ध्रुवण- कोण है । चूँकि परावर्तित प्रकाश समतल-ध्रुवित है अत: आपतन कोण ध्रुवण - कोण `i_(p)` है । हम जानते है कि यदि ध्रुवण - कोण हो तथा अपवर्तन - कोण `r` हो, तब `i_(p)+r=90^(@).` यहाँ `i_(p)=60^(@)`. `therefore=90^(@)-i_(p)=90^(@)-60^(@)=30^(@)`.  | 
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| 15. | 
                                    किसी पारदर्शी माध्यम का ध्रुवण - कोण `i_(p)` है तथा उस माध्यम में प्रकाश की चाल है। यदि निर्वात में प्रकाश की चाल `c` हो तो `i_(p)` का मान `c` तथा `v` के पदों में ज्ञात कीजिए । | 
                            
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                                   Answer» `n=tan i_(p)` तथा `n=(c)/(v)" "therefore" "tani_(p)=(c)/(v).` `"अतः "i_(p)=tan^(-1)((c)/(v))`.  | 
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| 16. | 
                                    विधुतचुंबकीय तरंगों को समझाइए । प्रकाश की विद्युतचुंबकिय प्रकृति के आधार पर अध्रुवित प्रकाश के अंतर को समझाइए । | 
                            
| Answer» विद्युतचुम्ब्कीय तरंगों में वैधुत वेक्टर तथा चुंबकीय वेक्टर परस्पर लंबवत तथा तरंग के संचरण की दिशा के भी लंबवत होते है। इन तरंगों के संचरण के लिए माध्यम का होना आवश्यक नहीं हैं। निर्वात में इनकी चाल प्रकाश की चाल है। अध्रुवित प्रकाश में वैधुत वेक्टर के कम्पन प्रकाश के संचरण की दिशा के लंबवत तल में भी सभी दिशाओं में सममित रूप से होते हैं, जबकि ध्रुवित प्रकाश में वैधुत वेक्टर के कम्पन प्रकाश के संचरण की दिशा के लम्बवत तल में होते हैं, परन्तु अब ये सभी दिशाओं में सममित रूप से न होकर केवल एक ही दिशा में होते है । | |
| 17. | 
                                    क्या किसी पारदर्शी माध्यम के लिए ध्रुवण कोण का मान प्रकाश के तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है ? | 
                            
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                                   Answer» हाँ, क्योकि ध्रुवण-कोण माध्यम के अपवर्तनांक पर निर्भर करता है ब्रूस्टर का नियम तथा प्रकाश की तरंगदैध्र्य पर निर्भर करता है `(n=A+(B)/(lambda^(2)),"कौशी का सूत्र")|` इस प्रकार `i_(p)=tan^(-1)(A+(B))/(lambda^(2))` स्पष्ट है कि तरंगदैध्र्य बढ़ने पर ध्रुवण - कोण घटता है।  | 
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| 18. | 
                                    यदि कोई प्रकाश-किरण किसी पारदर्शी माध्यम पर ध्रुवण - कोण `i_(p)` पर आपतित हो, तो सिद्ध कीजिए कि `b=tan i_(p),` जहाँ `n` पारदर्शी माध्यम का अपवर्तनांक है। | 
                            
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                                   Answer» यदि ध्रुवण - कोण `i_(p)` के लिए अपवर्तक कोण हो, तब `i_(p)+r=90^(@).` अतः स्नैल के नियम से `n=(sin i_(p))/(sin r)=(sin i_(p))/(sin(90^(@)-i_(p)))=(sin i_(p))/(cosi_(p))=tan i_(p).`  | 
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| 19. | 
                                    उस दूरी का आकलन कीजिए, जिसके लिए किसी 4 मिमी के आकार के द्वारक तथा 400 नैनोमीटर तरंगदैधर्य के प्रकाश के लिए किरण प्रकाशिकी सन्निकट रूप से लागू होती है । | 
                            
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                                   Answer» वह दूरी जिसके लिए द्वारक e तरंगदैधर्य `lambda` के प्रकाश के लिये किरण प्रकाशिकी सन्निकट रूप से लागू होती है, फ्रेनल दूरी कहलाती है। फ्रेनल दूरी , `Z_(F)=(e^(2))/(lambda)` यहाँ e = 4 मिमी `=4xx10^(-3)" मीटर ", lambda=400 "नैनोमीटर"` `=400xx10^(-9)" मीटर"` `therefore" "Z_(F)=((4xx10^(-3))^(2))/(400xx10^(-9))="40 मीटर "`|  | 
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| 20. | 
                                    द्वि-झिर्री प्रयोग में, 600 नैनोमीटर तरंगदैध्र्य का प्रकाश करने पर, एक दूरस्थ पर्दे पर बनी फ्रिन्ज की कोणीय चौड़ाई `0.1^(@)` है। दोनों झिर्रियों के बीच कितनी दूरी है ? | 
                            
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                                   Answer» कोणीय फ्रिन्ज - चौड़ाई `theta=(lambda)/(d)` अतः दोनों स्लिटों के बीच दूरी `d=(lambda)/(theta)` यहाँ `lambda=600" नैनोमीटर "=600xx10^(-9)"मीटर"`, `theta=0.1^(@)=(0.1xxpi)/(180)" रेडियन"` `therefore" "d=(600xx10^(-9)xx180)/(0.1xx3.14)` `=3.44xx10^(-4)" मीटर0.344" मिमी "`|  | 
                            |
| 21. | 
                                    500 नैनोमीटर तरंगदैध्र्य का एक समांतर प्रकाश - पुंज एक पतली झिर्री पर गिरता है तथा 1 मीटर दूर पर्दे पर परिणामी विवर्तन पैटर्न देखा जाता है। यय देखा गया कि पहला निम्नष्ठ पर्दे के केंद्र से 2.5 मिमी दूरी पर है। झिर्री की चौड़ाई ज्ञात कीजिए । | 
                            
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                                   Answer» चौड़ाई की एकल स्लिट के विवर्तन - प्रतिरूप में निमनिष्ठों के लिये `e sin theta=m lambda` `theta` के छोटे मान के लिये , `sin theta= tan theta =(y)/(D)` पहले निमनिष्ठ के लिये, m = 1 `therefore" "e(y)/(D)=lambda` `" अथवा "e=(lambdaD)/(y)=(500xx10^(-9)xx1)/(2.5xx10^(-3))` `=2.0xx10^(-4)" मीटर"=0.2" मिमी"` ।  | 
                            |
| 22. | 
                                    `sqrt3` अपवर्तनांक वाले माध्यम के लिए ध्रुवण कोण कितना होता है? | 
                            
| Answer» Correct Answer - `60^(@)` | |
| 23. | 
                                    यंग के द्वी-झिर्री प्रयोग में व्यतिकरण फ्रिन्जो को प्राप्त करने के लिए, 650 नैनोमीटर तथा 520 नैनोमीटर तरंगदैधर्यो ले प्रकाश-पुंज का उपयोग किया गया। (a) 650 नैनोमीटर तरंगदैधर्य के लिए पर्दे पर तीसरे दीप्त फ्रिन्ज की केन्द्रीय उच्चिष्ठ से दूरी ज्ञात कीजिए । (b) केन्द्रीय उच्छिष्ट से उस न्यूनतम दूरी को ज्ञात कीजिए, जहाँ दोनों तरंगदैध्र्यों के कारण दीप्त फ्रिन्ज संपाती (coincide) होते है । | 
                            
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                                   Answer» दिया है : `lambda_(1)=650" नैनोमीटर" = 650xx10^(-9)" मीटर," lambda_(2)=520" नैनोमीटर"=520xx10^(-9)" मीटर," d=1" मिमी"=10^(-3) " मीटर" ` तथा `D=1 "मीटर" ` (a) केन्द्रीय उच्चिष्ठ से m वीं दीप्त फ्रिन्ज की दूरी `x_(m)=m(Dlambda)/(d)` प्रश्नानुसार, m = 3 `therefore" "x_(3)=(3xx1xx650xx10^(-9))/(1xx10^(-3))` `=1.95xx10^(-3)" मीटर" = 1.95 "मिमी "` (b) दोनों तरंगदैध्र्यों के सम्पाती होने के लिये `lambda_(1)` व `lambda_(2)` की फ्रिन्जो में 1 का अंतर होना चाहिए । यहाँ `lambda_(1) gt lambda_(2) therefore m_(1)ltm_(2)` यदि `m_(1)=m," तो " m_(2)=m+1` `therefore (x_(m))lambda_(1)=(x_(m)+1)lambda_(2)` `(mD lambda_(1))/(d)=((m+1)Dlambda_(2))/(d)` `mlambda_(1)=(m+1)lambda_(2)` `m=(lambda_(2))/(lambda_(1)-lambda_(2))=(520" नैनोमीटर")/((650-520)" नैनोमीटर")=(520)/(130)=4` `therefore" न्यूनतम दूरी, "x_("min")=(m D lambda_(1))/(d)=(4xx1xx650xx10^(-9))/(1xx10^(-3))` `=2.6xx10^(-3)" मीटर"=2.6" मिमी"` ।  | 
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