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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

श्रेणीक्रम में जुड़े प्रतिरोध R तथा प्रेरकत्व L पर एक प्रत्यावर्ती वोल्टेज आरोपित किया जाता है। यदि प्रेरकत्व तथा प्रतिरोध दोनों `3Omega` के बराबर है, तो प्रयुक्त परिपथ में वोल्टेज और धारा के बीच कलान्तर है-A. `pi//4`B. `pi//2`C. शून्यD. `pi//6`

Answer» `tanphi=(X_(L))/(R)=(3)/(3)=1`
2.

2H का एक प्रेरकत्व और 20 ओम का एक प्रतिरोध 5V बैटरी के साथ श्रेणीक्रम में जुड़े है। धारा परिवर्तन की प्रारम्भिक दर होगी-A. 0.5 ऐम्पियर /सेकण्डB. 2.0 ऐम्पियर /सेकण्डC. 2.5 ऐम्पियर /सेकण्डD. 0.25 ऐम्पियर /सेकण्ड

Answer» `I_(0)=(V)/(R)=(5)/(10)=0.5` ऐम्पियर
`I=I_(0)(1-e^((Rt)/(L)))implies(dI)/(dt)=I_(0)(R)/(L)e^((R)/(L)t)`
`t-oo" रखने पर, "(dI)/(dt)=I_(0)(R)/(L)=0.5xx(10)/(2)`
3.

ट्रांसफॉर्मर एक ऐसा विद्युत यंत्र है जिमसे a.c विभव में परिवर्तन किया जाता है। यह अन्योन्य प्रेरकत्व के सिद्धान्त पर कार्य करता है अर्थात जब कुण्डली से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स के मान में परिवर्तन होता है। इसके निकट की कुण्डली में एक वि वा बल प्रेरित होता है। एक आदर्श ट्रांसफॉर्मर के लिए `(E_(s))/(E_(p))=(I_(p))/(I_(s))=(ms)/(mp)` जहाँ संकेतो के सामान्य अर्थ है। उपरोक्त अनुच्छेद को पढ़कर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिए। ट्रांसफॉर्मर के सिद्धान्त के दैनिक जीनव के किन मूल्यों की सिख मिलती है ?

Answer» `(E_(s))/(E_(p))=(I_(p))/(I_(s))` संबंध से एक उच्चायी ट्रांसफॉर्मर हेतु `E_(s)gtE_(p)`
`:.I_(p)gtI_(s)" या "I_(s)ltI_(p)`
जब कोई ट्रांसफॉर्मर a.c विभव को बढ़ाता है तब उसी अनुपात में प्रत्यावर्ती धारा भी कम होती है, अर्थात जीवन के किसी क्षेत्र में यदि हम कुछ प्राप्त करते है तो उसके लिए हमें कुछ खोना भी पड़ता है अर्थात जीवन में लाभ व हानि साथ-साथ चलते है। यदि हम अपने लक्ष्य को ध्यान में रखकर इन सिद्धान्तो को अपनायेगे तो हमें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी।
4.

ट्रांसफॉर्मर एक ऐसा विद्युत यंत्र है जिमसे a.c विभव में परिवर्तन किया जाता है। यह अन्योन्य प्रेरकत्व के सिद्धान्त पर कार्य करता है अर्थात जब कुण्डली से सम्बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स के मान में परिवर्तन होता है। इसके निकट की कुण्डली में एक वि वा बल प्रेरित होता है। एक आदर्श ट्रांसफॉर्मर के लिए `(E_(s))/(E_(p))=(I_(p))/(I_(s))=(ms)/(mp)` जहाँ संकेतो के सामान्य अर्थ है। उपरोक्त अनुच्छेद को पढ़कर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिए। एक ट्रांसफॉर्मर के प्राथमिक कुण्डली में 20 एवं द्वितीयक कुण्डली में 200 फेरे है। यदि प्राथमिक कुण्डली को 220 वोल्ट d.c स्त्रोत से जोड़े तब द्वितीयक कुण्डली के सिरों पर किनता वोल्ट होगा ?

Answer» यहाँ `mp=20,ns=200,E=220V,dc,Es=?`
द्वितीयक कुण्डली के सिरों पर विभव शून्य क्योकि ट्रांसफॉर्मर d.c पर कार्य नहीं करता है यह अन्योन्य प्रेरकत्व के सिद्धान्त पर कार्य करता है।
5.

एक `100Omega` का प्रतिरोध 200 V, 50Hz आवृत्ति से संयोजित है। (a) परिपथ में धारा का rms मान कितना है ? (b) एक पुरे चक्र में कितना नेट शक्ति व्यय होती है l

Answer» दिया है -
`R=100Omega,V_(rms)=220V,v=50Hz`
(a) `I_(rms)=(V_(rms))/(R)=(220)/(100)=2.2A`
(b) `P_(av)=V_(rms)I_(rms)=220xx2.2=484` वाट
6.

440 V पर शक्ति उत्पादन करने वाले किसी विद्युत संयंत्र से 15 किमी दूर स्थिर एक छोटे से कस्बे में 220 V पर 800 kW शक्ति की आवश्यकता है विद्युत शक्ति ले जाने वाली दोनों तार की लाइनों का प्रतिरोध `0.5Omega` प्रति किलोमीटर है। कस्बे को उप-स्टेशन में लगे 4000-220 V अपचायी ट्रांसफॉर्मर से लाइन द्वारा शक्ति पहुँचती है। (a) ऊष्मा के रूप में लाइन से होने वाली शक्ति के क्षय का आकलन कीजिए। (b) संयंत्र में कितनी शक्ति की आपूर्ति की जानी चाहिए यदि क्षरण द्वारा शक्ति का क्षय नगण्य है। (c) संयंत्र के उच्चायी ट्रांसफॉर्मर की विशेषता बतलाइए।

Answer» दिया है- `E_(rms)=4000` volt
`P=800kW=800xx10^(3)W`
तार का प्रतिरोध 0.5 ओम प्रति कि. मी. विद्युत शक्ति ले जाने वाले तार की कुल लंबाई
`=2xx15=30cm`
सूत्र `P=E_(rms)xxI_(rms)`
`I_(rms)=(P)/(E_(rms))=(800xx10^(3))/(4000)=200A`
(a) ऊष्मा के रूप में शक्ति क्षय
`I_(rms)^(2)xxR=200^(2)xx15=600kW.`
(b) संयंत्र द्वारा प्रदत्त शक्ति `=800+600=1400kW`
(c) तार लाइन में विभव (वोल्टेज) पतन
`=I_(rms)xxR=200x15=3000` वोल्ट
संयंत्र 440 वोल्ट शक्ति उत्पन्न करता है। तार लाइन में विभव पतन 3000 वोल्ट का `(1)/(2)` तथा उपस्टेशन 4000 वोल्ट की शक्ति प्राप्त करता है।
उच्चायी ट्रांसफॉर्मर को आवश्यक शक्ति =3000+4000=7000 वोल्ट होगी। अतः ट्रांसफॉर्मर के विभव का मान 440 वोल्ट से बढ़कर 7000 वोल्ट का होगा।
7.

100 W और 110 V के एक बल्ब को 220 V की सप्लाई से प्रदीप्त करने के लिए ट्रान्सफॉर्मर की लगभग दक्षता होगी-A. 0.3B. 0.5C. 0.9D. 0.1

Answer» `"दक्षता"= ("निर्गत शक्ति")/("निवेशी शक्ति")implies(V_(s)I_(s))/(V_(p)I_(p))=(100)/(220xx0.5)`
8.

यदि एक लैम्प ए सी परिपथ में शक्ति के शिखर मान का 25% व्यय करता हो तो आरोपित वोल्टेज और परिपथ धारा के बीच कलान्तर होगा-A. `(pi)/(3)`B. `(pi)/(4)`C. `(pi)/(6)`D. `(pi)/(2)`

Answer» लैम्प के द्वारा व्यय शक्ति=शक्ति के शिखर का मान 25%
अतः `P_(av)=25%xxP_(0)`
या `(1)/(2)V_(0)I_(0)cosphi=25%xxV_(0)I_(0)implies(1)/(2)cosphi=(25)/(100)`
9.

घरेलू ए सी पॉवर सप्लाई (220v, 50Hz) के लिए एक कुण्डली का प्रतिघात 50 है। कुण्डली का लगभग स्वप्रेरकत्व होगा -A. 2.2 हेनरीB. 3.22 हेनरीC. 1.6 हेनरीD. 0.16 हेनरी

Answer» `L=(X_(L))/(2piv)=(50)/(2xx3.14xx50)=(1)/(6.28)`
10.

किसी कुण्डली का प्रतिरोध 3 ओम तथा प्रतिघात ओम है, उसकी प्रतिबाधा कितनी होगी ?

Answer» सूत्र- `Z=sqrt(R^(2)+X_(L)^(2))`
दिया है- R=3 ओम तथा `X_(L)=4` ओम
`:.Z=sqrt(3^(2)+4^(2))=sqrt(9+16)=5` ओम।
11.

एक ए सी परिपथ का प्रतिरोध `12Omega` तथा प्रतिबाधा `15Omega` है। परिपथ का शक्ति गुणांक होगा-A. 0.8B. 0.4C. 1.25D. 0.125

Answer» Correct Answer - `cosphi=(R)/(Z)`
12.

5 ओम के प्रेरण प्रतिघात और 8 ओम के धारिता प्रतिघात युक्त ए. सी. परिपथ की प्रतिबाधा होगी -A. 1.6 ओमB. 40 ओमC. 3 ओमD. 13 ओम

Answer» `Z=sqrt((X_(L)-X_(C))^(2))=sqrt((5-8)^(2))=sqrt9=3`
13.

`31Omega` प्रेरण प्रतिघात की एक कुण्डली का प्रतिरोध `8Omega` है। इसे `25Omega` धारिता प्रतिघात के संधारित्र से श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है। इस संयोजन को 110 वोल्ट के प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत से जोड़ा गया है। परिपथ का शक्ति गुणांक होगा-A. 0.56B. 0.64C. `0.80`D. 0.33

Answer» `cosphi=(R)/(Z)=(R)/(sqrt(R^(2)+(X_(L)-X_(C))^(2)))`
14.

एक आरोपित विभव में D.C. वोल्टेज एवं अधिक आवृत्ति के A.C. वोल्टेज का अध्यारोपण है। परिपथ में का प्रेरण कुण्डली एवं संधारित्र श्रेणी में संयोजित है। दर्शाइये कि D.C. सिग्नल संधारित्र के परितः एवं उच्च आवृत्ति का A.C. सिग्नल L के परितः प्राप्त होंगे।

Answer» D.C. वोल्टेज के लिए L द्वारा प्रतिबाधा नगण्य होगी जबकि C के लिए प्रतिबाधा का मान अनन्त होगा अतः D.C. सिंग्नल संधारित्र के परितः प्राप्त होगा। उच्च आवृत्ति के A.C. सिग्नल के लिए L द्वारा प्राप्त प्रतिबाधा `(omegaL)` का मान बहुत अधिक होगा एवं संधारित्र `((1)/((omegaC)))` का मान बहुत कम होगा अतः A.C. सिग्नल L के परितः प्राप्त होगा।
15.

प्रश्नो के उत्तर दीजिए प्रेरण कुण्डली के प्राथमिक परिपथ में एक संधारित्र का उपयोग करते है।

Answer» जब प्रेरण कुण्डली का प्राथमिक परिपथ टूटता है तब एक उच्च विभव प्रेरित होता है जो संधारित्र को आवेशित करने में प्रयुत्क होता है जिससे परिपथ में चमक उत्पन्न नहीं होती।
16.

प्रश्नो के उत्तर दीजिए- (a) क्या किसी ac परिपथ में प्रयुक्त तात्क्षणिक वोल्टताओं के बीजगणितीय योग के बराबर होता है ? क्या यही बात rms वोल्टताओं में भी लागु होती है ?

Answer» हाँ लेकिन यह `V_(rms)` के लिए सत्य नहीं है क्योकि विभिन्न अवयवों के सिरों पर विभव समान कला में नहीं होंगे ।
17.

एक `15_(muF)` का संधारित्र 220 V एवं 50 Hz के स्त्रोत से जुड़ा है। धारितीय प्रतिघात एवं परिपथ में rms एवं शिखर धारा का मान ज्ञात कीजिए। यदि आवृत्ति को दोगुना कर दिया जाए तो धारितीय प्रतिघात एवं धारा का मान ज्ञात कीजिए ।

Answer» दिया है- `V=220V,v=50Hz`
`C=15muF=15xx10^(-6)F`
`X_(0)=(1)/(2pivC)`
`=(1)/(2xx3.14xx50xx15xx10^(-6))`
`=212Omega`
r.m.s. धारा `I_(rms)=(V)/(X_(c))=(220)/(212)=1.04A`
शिखर धारा `I_(0)=sqrt(2I)_(rms)`
`=sqrt2xx1.04A`
`I_(0)=1.47A`
यह धारा +1.47A से -1.47 A विभव से `(pi)/(2)` अग्रगामी होगी।
यदि आवृत्ति को दोगुना कर दिया जाये तब धारितीय प्रतिघात आधा हो जायेगा जिससे धारा दोनुना हो जायेगी।
18.

यदि परिपथ को उच्च आवृत्ति की आपूर्ति (240V, 10 K=kHz) से जोड़ा जाता है तो अभ्यास 7.13 (a) तथा (b) के उत्तर निकालिए। इससे इस कथन की व्याख्या कीजिएकी अति उच्च आवृत्ति पर किसी परिपथ के प्रेरक लगभग खुले परिपथ के तुल्य होता है। स्थिर अवस्था के पश्चात किसी D.C. परिपथ में प्रेरक किस प्रकार का व्यवहार करता है ?

Answer» दिया है - `v=10kHz=10^(4)Hz`
`omega=2piv=2pixx10^(4)rads^(-1),V_(rms)=240`
`:.I_(0)=(V_(0))/(sqrt(R^(2)+omega^(2)L^(2)))`
`=(sqrt2xx240)/(sqrt((100-)^(2)+(2pixx10^(4))^(2)xx(0.5)^(2)))`
`=1.08xx10^(-2)A`
`X_(L)` की तुलना में R को नगण्य लेने पर
`tanphi=(X_(L))/(R)=(2pixx10^(4)xx0.5)/(100)=100pi`
`phi` का मान `phi` रेडियन में होगा।
`:.` समय पश्चता `=(phi)/(2piv)=(pi)/(4pixx10^(4))=0.25xx10^(-4)`
`=0.25xx10^(-4)` सेकण्ड
19.

प्रत्यावर्ती धारा से वैद्युत-अपघटन सम्भव नहीं होता है, क्यों ?

Answer» प्रत्यावर्ती धारा आधे चक्र में का दिशा में तथा शेष आधे चक्र में विपरीत दिशा में प्रवाहित होती है। अतः पूर्ण चक्र में धारा का औसत मान शून्य होता है। इसी कारण प्रत्यावर्ती धारा चुंबकीय प्रभाव या रासायनिक प्रभाव प्रदर्शित नहीं करती ।
20.

एक L-R परिपथ में प्रेरकत्व के प्रतिघात का मान परिपथ के प्रतिरोध R के बराबर है। परिपथ में वि. वा. बल `E=E_(0)cosomegat` प्रयुक्त किया जाता है । परिपथ में शक्ति का अवशोषण होगा-A. `(E_(0)^(2))/(2)`B. `(E_(0)^(2))/(2R)`C. `(E_(0)^(2))/(4R)`D. `(E_(0)^(2))/(8R)`

Answer» `P_(av)=(1)/(2)E_(0)I_(0)cosphi`
तथा `tanphi=(omegaL)/(R)=(X_(L))/(R)=(R)/(R)=1impliestheta=45^(@)`
अब `I_(0)=(E_(0))/(sqrt(R^(2)+X_(L)^(2)))=(E_(0))/(sqrt(R^(2)+R^(2)))=(E_(0))/(sqrt2R)`

अतः `P_(av)=(1)/(2)E_(0)xx(E_(0))/(sqrt2R)xxcos45^(@)`.
21.

फ्लोरोसेण्ट ट्यूबलाइट धारा को नियन्त्रित करने के लिए बहुधा प्रेरकत्व प्रयुक्त जाता है, प्रतिरोध नहीं। क्यों ?

Answer» इसका कारण यह है कि प्रेरकत्व में शक्ति व्यय बहुत ही कम होती है, जबकि प्रतिरोध में शक्ति व्यय अधिक होता है।
22.

किसी हवाई अड्डे पर सुरक्षा कारणों से किसी व्यक्ति को धातु संसूचक के द्वारा पथ से गुजारा जाता है। यदि उसके पास धातु से बनी वस्तु है, तो धातु संसूचक से एक ध्वनि निकलने लगती है। यह संसूचक किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ?

Answer» धातु संसूचक A.C. परिपथों में अनुनाद के सिद्धान्त पर कार्य करता है। जब हम किसी धातु संसूचक से होकर गुजरते है तो वास्तव में हम अनेक फेरो वाली कुण्डली से होकर गुजरते है। यह कुण्डली एक ऐसी समस्वरित संधारित्र से जुडी होती है जिसके कारण परिपथ अनुनाद की स्थिति में होता है। जब हम धातु की कोई वस्तु लेकर कुण्डली से गुजरते है तो परिपथ की प्रतिबाधा परिवर्तित होती है जिसके कारण परिपथ में पवाहित होने वाली धारा में समर्थक परिवर्तन उत्पन्न होता है। धारा का यह परिवर्तन इलेक्ट्रॉनिक परिपथ से जुड़े संसूचक के माध्यम से उत्पन्न ध्वनि से ज्ञात होता है। परिपथों में अनुनाद के सिद्धान्त पर कार्य करता है। जब हम किसी धातु संसूचक से होकर गुजरते है तो वास्तव में हम अनेक फेरो वाली कुण्डली से होकर गुजरते है। यह कुण्डली एक ऐसी समस्वरित संधारित्र से जुडी होती है जिसके कारण परिपथ अनुनाद की स्थिति में होता है। जब हम धातु की कोई वस्तु लेकर कुण्डली से गुजरते है तो परिपथ की प्रतिबाधा परिवर्तित होती है जिसके कारण परिपथ में पवाहित होने वाली धारा में समर्थक परिवर्तन उत्पन्न होता है। धारा का यह परिवर्तन इलेक्ट्रॉनिक परिपथ से जुड़े संसूचक के माध्यम से उत्पन्न ध्वनि से ज्ञात होता है।
23.

सामान्यतः उच्च धारिता के संधारित्र का उपयोग करके परिपथ के शक्ति गुणांक को बढ़ाया जाता है क्यों ?

Answer» शक्ति गुणांक `cosphi=(R)/(Z)`
जहाँ Z परिपथ की प्रतिबाधा है। पर्याप्त मान का संधारित्र प्रतिबाधा के मान को कम करता है। अतः शक्ति गुणांक का मान बढ़ेगा ।
24.

सिद्ध कीजिए की शुद्ध संधारित्र से उच्च आवृत्ति का A.C. आसानी से गुजर जाता है लेकिन शुद्ध प्रेरकत्व से नहीं क्यों ?

Answer» प्रेरण या प्रेरकीय प्रतिघात `X_(L)=omegaL=2pifL` अर्थात `X_(L)propf`
धारितीय प्रतिघात `X_(C)=(1)/(omegaC)=(1)/(2pifC)" अर्थात "X_(C)prop(1)/(f)`
अर्थात उच्च आवृत्ति के लिए `X_(C)` कम होगा जिससे उच्च आवृत्ति का A. C. आसानी से गुजर जायेगा।
25.

विद्युत शक्ति की परिवहन के लिए प्रयुक्त होने वाले परिपथों में निम्न शक्ति गुणांक संप्रेषण में अधिक ऊर्जा का क्षय होने निर्दिष्ट करता है। कारण समझाइये ।

Answer» हमें ज्ञात है, कि `P=IVcosphi," जहाँ "cosphi` शक्ति गुणांक होता है, यदि `cosphi` का मान कम होगा तब उसी अनुपात में धारा का मान बढ़ जायेगा अर्थात `(P=I^(2)R)` इससे संप्रेषण में अधिक ऊर्जा का क्षय होगा।
26.

एक लैप किसी संधारित्र के साथ श्रेणीक्रम में जुड़ा है। D.C. एवं A.C. संयोजनों के लिए अपने प्रेक्षणों का पूर्वानुमान बताइये। प्रत्येक प्रकरण में बताइये कि संधारित्र की धारिता कम करने का क्या प्रभाव होगा ?

Answer» जब संधारित्र के साथ किसी d.c स्त्रोत को संयोजित करते है, तो संधारित्र आवेशित होता है और उसके पूर्व आवेशन के बाद परिपथ में कोई धारा प्रवाहित नहीं होती और लैप प्रकाशित नहीं होती है। यदि इस स्थिति में C को कम करे तब भी कोई परिवर्तन नहीं होता है। A. C. स्त्रोत के साथ संधारित्र `((1)/(omegaC))` संधारित्रीय प्रतिघात आरोपित करता है और प्रितपथ में धारा प्रवाहित होती है जिससे लैप प्रकाशित हो जायेगा। इस स्थिति में C को कम करने से प्रतिघात बढ़ेगा और लैप पहले की तुलना में अधिक प्रकाश से प्रकाशित होगा।
27.

प्रत्यावर्ती धारा चुंबकीय और रसायनिक प्रभाव प्रदर्शित नहीं करती क्यों ?

Answer» प्रत्यावर्ती धारा आधे चक्र में का दिशा में तथा शेष आधे चक्र में विपरीत दिशा में प्रवाहित होती है। अतः पूर्ण चक्र में धारा का औसत मान शून्य होता है। इसी कारण प्रत्यावर्ती धारा चुंबकीय प्रभाव या रासायनिक प्रभाव प्रदर्शित नहीं करती ।
28.

नगण्य प्रतिरोध की एक कुण्डली तथा एक प्रतिरोध वाले परिपथ में 20 वोल्ट की प्रत्यावर्ती धारा लगाई गई है। यदि प्रतिरोध के बीच 12 वोल्ट का वोल्टेज हो, तो कुण्डली के बीच वोल्टेज ज्ञात कीजिए।

Answer» सूत्र `V^(2)=V_(R)^(2)+V_(L)^(2)` से,
दिया है- `V=20" वोल्ट "V_(R)=12`
`V_(L)^(2)=V^(2)-V_(R)^(2)=20^(2)-12=256`
`:.V_(L)=16` वोल्ट
29.

प्रत्यावर्ती धारा निम्न में से कौन-सा प्रभाव प्रदर्शित करती है-A. रासायनिक प्रभावB. उष्मीय प्रभावC. चुंबकीय प्रभावD. इनमे से सभी

Answer» Correct Answer - B
30.

चित्र में दर्शाये परिपथ में 2 ऐम्पियर की धारा प्रवाहित होती है। परिपथ की प्रतिबाधा कितनी होगी ?

Answer» प्रेरकत्व का प्रतिघात `X_(L)=(V_L)/(I)=(240)/(2)=120` ओम
तथा `R_(L)=(V_(R))/(I)=(100)/(2)=50` ओम
अतः परिपथ की प्रतिबाधा `Z_(LR)=sqrt(R^(2)+X_(L)^(2))`
`=sqrt(50^(2)+120^(2))`
`=sqrt(2500+14400)`
`=sqrt(16900=130)` ओम।
31.

ज्यों ज्यों अमेरचर के चाल बढ़ती है, विरोधी विद्युत वाहक बल-A. बढ़ता हैB. घटता हैC. वही रहता हैD. बढ़ेगा या घटेगा अमेरचर की प्रकृति पर निर्भर करता है।

Answer» Correct Answer - A
32.

संधारित्र D. C. को रोक देता है लेकिन A. C. को अपने में से गुजरते देता है, क्यों ?

Answer» चूँकि संधारित्र के लिए `X_(C)prop(1)/(f)` D.C. की आवृत्ति =0 होने के कारण इसका धारितीय प्रतिघात `X_(C)=oo` होने के कारण संधारित्र अपने में से D.C. को गुजरने नहीं देता है तथा रोक देता है, जबकि A.C. के लिए `X_(C)` का एक परिमित अल्प मान प्राप्त होता है जिसके कारण संधारित्र A.C. को अपने में से गुजरने देता है जबकि D.C. को रोक देता है।
33.

एक ट्रान्सफॉर्मर प्रत्यावर्ती धारा विद्युत संभरण पर कार्य करता है, परन्तु दिष्ट-धारा पर नहीं है। क्यों ?

Answer» इसका कारण यह है कि ट्रान्सफॉर्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धान्त पर कार्य करने वाला संयंत्र है। प्राथमिक कुण्डली में बहने वाली धारा प्रत्यावर्ती होने पर उसकी दिशा बार-बार बदलती है। अतः द्वितीयक कुण्डली में भी प्रत्यावर्ती धारा उत्पन्न हो जाती है, जबकि दिष्ट-धारा से यह सम्भव नहीं है।
34.

v आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा श्रेणी में जोड़े प्रतिरोध R तथा प्रेरकत्व L में प्रवाहित हो रही है। परिपथ की प्रतिबाधा होगी-A. RB. `R+2pivL`C. `sqrt(R^(2)+4pi^(2)v^(2)L^(2))`D. `(R)/(2pivL)`

Answer» Correct Answer - C
35.

संधारित्र दिष्ट-धारा को रोक देता है, क्यों ?

Answer» प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में संधारित्र द्वारा आरोपित प्रतिरोध अर्थात धारिता-प्रतिघात
`X_(C)=(1)/(omegaC)`
`=(1)/(2pivC)`
जहाँ v =प्रत्यावर्ती धारा की आवृत्ति दिष्ट-धारा के लिए v=0
अतः दिष्ट -धारा परिपथ में संधारित्र द्वारा आरोपित प्रतिरोध
`=(1)/(2pi.0.C)=(1)/(0)=oo` (अनन्त)
अतः संधारित्र दिष्ट -धारा को रोक देता है।
36.

नागरिक विद्युत वितरण में धारा प्रत्यावर्ती धारा के रूप में दी जाती है, दिष्ट-धारा के रूप में नहीं। क्यों ?

Answer» इसका कारण यह है कि प्रत्यावर्ती धारा में ट्रान्सफॉर्मर का उपयोग करके इसकी प्रबलता को घटाकर बिना ऊर्जा क्षय के एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया जा सकता है। दिष्ट-धारा में यह सम्भव नहीं है।
37.

दिष्ट-धारा परिपथ में L प्रेरकत्व वाली कुण्डली का प्रतिरोध कितना होता है ?

Answer» A.C. परिपथ में कुण्डली का प्रतिरोध अर्थात प्रेरण-प्रतिघात `X_(L)=omegaL=2pivL`
दिष्ट-धारा के लिए v=0
अतः दिष्ट-धारा परिपथ में कुण्डली का प्रतिरोध `=2pi.0.L=0`
38.

किसी प्रत्यावर्ती धारा को `I=20sinomegat` से व्यक्त किया जाता है। यदि I ऐम्पियर में है, तो प्रत्यावर्ती धारा का वर्ग-माध्य-मूल मान (ऐम्पियर में ) क्या होगा ?

Answer» Correct Answer - `10sqrt2`
`I_(rms)=(I_(0))/(sqrt2)=(20)/(sqrt(2))=10sqrt2A`
39.

एक प्रत्यावर्ती धारा स्त्रोत की वोल्ट `V=110sin(omegat+(pi)/(6))` तथा धारा `I=5sin(omegat-(pi)/(6))` से दी जाती है। निम्न की गणना कीजिए।

Answer» Correct Answer - 22 ओम 137.5 वाट
`Z=(E_(rms))/(I_(rms))=(110//sqrt2)/(5sqrt2)=22Omega`
`P=V_(rms),I_(rms)cosphi`
`=(110)/(sqrt2)xx(5)/(sqrt2)xxcos[omegat+(pi)/(6)-(omegat-(pi)/(6))]`
`=55xx5xxcos60^(@)`
`=(275)/(2)=137.5` वाट।
40.

`V=220sqrt2sin100t` के प्रत्यावर्ती वोल्टेज स्त्रोत को `1muF` धारिता के संधारित्र के साथ जोड़ा जाता है। परिपथ में अधिकतम कितनी धारा बहेगी ?

Answer» Correct Answer - `22sqrt2` मिली ऐम्पियर
`I_(0)=(E_(0))/(X_(c))`
जहाँ, `X_(C)=(1)/(omegaC)=(1)/(100xx1xx10^(-6))`
या Z=10,000
`I_(0)=(220sqrt2)/(10000)=22sqrt2xx10^(-3)A=22sqrt2mA`
41.

अमित के खेत में एक उच्च क्षमता का टॉवर खड़ा किया गया है। वह उसे हटाने के लिए कई उच्च अधिकारियो से आग्रह कर चूका है क्योकि यह टॉवर इसके खेत के बड़े हिस्से को घेर लिया है। उसकी बड़ी बहन जो एक शिक्षित है, उन्होने इस टॉवर के महत्व को विद्युत आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया तथा इसके महत्व को अमित को समझाया तब वह इसे न हटाने के लिए सहमत हो गया । उपयुक्त अनुच्छेद को पढ़कर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिए। निम्न शक्ति गुणक उच्च शक्ति क्षय को दर्शाता है, स्पष्ट कीजिए ।

Answer» `P=Vicostheta` अर्थात किसी दिये गये विभव V के लिए `costheta` कम होगा। तब बढ़ेगा अतः शक्ति क्षय `=I^(2)R` बढ़ेगा।
42.

अमित के खेत में एक उच्च क्षमता का टॉवर खड़ा किया गया है। वह उसे हटाने के लिए कई उच्च अधिकारियो से आग्रह कर चूका है क्योकि यह टॉवर इसके खेत के बड़े हिस्से को घेर लिया है। उसकी बड़ी बहन जो एक शिक्षित है, उन्होने इस टॉवर के महत्व को विद्युत आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया तथा इसके महत्व को अमित को समझाया तब वह इसे न हटाने के लिए सहमत हो गया । उपयुक्त अनुच्छेद को पढ़कर निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिए। अमित एवं उसकी बहन द्वारा दर्शाये गये मूल्यों को स्पष्ट कीजिए।

Answer» अमित को उनकी बहन खेत में खड़े टॉवर का विद्युत आपूर्ति एवं स्थानांतरण में महत्व को समझाया तथा उन्होंने यह भी बताने का प्रयत्न किया की इस टॉवर का उसके खेत पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं होगा ।
43.

कमला एक स्थिर साइकिल के पैंडल को चलाती है जो `0.10m^(2)` के 100 चक्करो की कुंडली से जुडी है। कुंडली प्रति सेकण्ड आधा चक्कर लगाती है यदि इसे कुंडली के घूर्णन अक्ष के अभिलंबवत 0.01 T के एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाए तो कुंडली में उत्पन्न अधिकतम वोल्टेज या विभव कितना होगा ?

Answer» दिया है- `f=0.5Hz,N=100,A=0.1m^(2)B=0.01T`
सूत्र- `V_(0)=NBA(2pif)`
या `V_(0)=100xx0.01xx0.1(2xx3.14xx0.5)`
या `V_(0)=0.314` वोल्ट
अर्थात अधिकतम विभव 0.314 V होगा।
44.

एक L -C परिपथ अनुनाद की स्थिति में है यदि `C=1.0muF` तथा L=0.25 हेनरी हो, तो दोलन की आवृत्ति ज्ञात कीजिए। परिपथ का प्रतिरोध नगण्य है।

Answer» सूत्र `v=(1)/(2pisqrtLC)`
दिया है- `C=1.0muF=1.0xx10^(-5)` तथा L=0.25 हेनरी
`:.v=(1)/(2xx3.14sqrt(0.25xx1.0xx10^(-6)))`
`=(10^(3))/(6.28sqrt0.25)=(1000)/(6.28xx0.5)`
=318 हर्ट्ज ।
45.

कल्पना कीजिए कि अभ्यास 7.7 में संधारित्र पर प्रारम्भिक आवेश 6 mC है। प्रारम्भ में परिपथ में कुल कितनी ऊर्जा संचित होती है। बाद में कुल ऊर्जा कितनी होगी ?

Answer» दिया है- `C=30xx10^(-6)F,q_(0)=6xx10^(-3)C`
ऊर्जा `U=(1)/(2)(q_(0)^(2))/(C)=(1)/(2)xx((6xx10^(-3))^(2))/(30xx10^(-6))`
`=(36)/(60)=0.6J`
46.

`30muF` का एक आवेशित संधारित्र 27mH के प्रेरिक से जोड़ा गया है। परिपथ के मुक्त दोलनों की कोणीय आवृत्ति कितनी है ?

Answer» दिया है, `C=30muF=30xx10^(-6)F`
`L=27mH=27xx10^(-3)H`
सूत्र- `omega=(1)/(sqrt(LC))`
`=(1)/(sqrt(27xx10^(-3)xx30xx10^(-6)))`
`=(1)/(9xx10^(-4))`
`=1.1xx10^(3)rads^(-1)`
47.

एक LCR परिपथ की जिसमे L=2.OH, `C=32muF" तथा "R=10Omega` अनुनाद आवृत्ति `omega_(r)` परिकलित कीजिए। इस परिपथ के लिए Q का मान क्या है?

Answer» दिया है- `L=2H,C=32muF=32xx10^(-6)F`
सूत्र-अनुनादी आवृत्ति `omega=(1)/(sqrt(LC))`
`:.omega_(r)=(1)/(sqrt(2xx32xx10^(-6)))=(1)/(8xx10^(-3))=125`
=125 रेडियन /सेकण्ड
Q गुणांक `=(omega_(r)L)/(R)=(125xx2)/(10)=25`
48.

एक प्रतिरोध R प्रेरकत्व L और संधारित्र C श्रेणीक्रम में f आवृत्ति के स्त्रोत के साथ जोड़े गये है। यदि अनुनादी आवृत्ति `f_(r)` हो तो धारा वोल्टेज से पश्चगामी होगी, जबA. f=0B. `fgtf_(r)`C. `f=f_(r)`D. `f_(r)=0`

Answer» `omegaLgt(1)/(omegaC)impliesf gt(1)/(2pisqrt(LC))" या "fgtf_(r)`
49.

एक LCR परिपथ में अनुनादी आवृत्ति को नियत रखने के लिए धारिता को C से 2C कर दिया जाता है। प्रेरकत्व को L से………. तक परिवर्तित करना होगा-A. 4LB. 2LC. `(L)/(2)`D. `(L)/(4)`

Answer» `v_(0)=(1)/(2pisqrt(LC))` से
`L_(1)C_(1)=L_(2)C_(2)impliesLC=L_(2)xx2C`
50.

400 हर्ट्ज आवृत्ति वाली प्रत्यावर्ती धारा के लिए 25 माइक्रो फैरड धारिता वाले संधारित्र का प्रतिघात ज्ञात कीजिए ।

Answer» Correct Answer - 15.92 ओम
`X_(C)=(1)/(omegaC)=(1)/(2pivC)`
`:.X_(C)=(1)/(2xx3.14xx400xx25xx10^(-6))=15.92Omega`