InterviewSolution
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रहीम ने बड़प्पन का आधार किसे माना है? हीरा अत्यन्त मूल्यवान क्यों है? स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» रहीम बड़प्पन या महानता का आधार व्यक्ति या वस्तु के गुणों को मानते हैं। जो वास्तव में बड़ा होता है वह अपने मुख से अपनी बेड़ाई करके बड़ा नहीं कहलाना चाहता। लोग उसके गुणों के आधार पर उसे स्वयं ही बड़ा या महान कहा करते हैं। हीरा अपने मुँह से कभी अपनी कीमत लाखों नहीं बताता। हीरे के रूप, रंग और विशेषताएँ ही उसे बड़ा मूल्यवान बना देते हैं। |
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| 2. |
मथने पर मक्खन नहीं निकलता(क) ठंडे दूध से(ख) गर्म दूध से(ग) फटे दूध से(घ) मीठे दूध से। |
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Answer» (ग) फटे दूध से |
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| 3. |
“नीति काव्य के क्षेत्र में रहीम का स्थान सर्वोपरि है।” इस कथन के विषय में अपने विचार लिखिए। |
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Answer» नीति काव्य की परम्परा में यों तो अनेक उल्लेखनीय नाम हैं। किन्तु कबीर, तुलसी, कृपाराम, बिहारी तथा गिरिधर कविराय आदि ने नीति काव्य के कोष को बहुत बढ़ाया है। किन्तु इन सभी में रहीम का अपना अलग ही स्थान है। अन्य कवियों ने कुछ सीमित विषयों को लेकर नीतिपरक रचनाएँ की हैं किन्तु रहीम ने जीवन के व्यापक और अनेक विषयों पर अपनी लेखनी चलाई है। रहीम दोहों में उनके स्वयं के अनुभवों तथा विविध विषयों पर प्रभावशाली नीति वाक्य प्राप्त होते हैं। सरल तथा सीधी हदय पर प्रभाव छोड़ने वाली भाषा और शैली में उन्होंने नीति काव्य का चिरस्थायी सृजन किया है। अत: रहीम का नीति काव्य के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय स्थान है। |
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| 4. |
रहीम के काव्य की सर्वाधिक प्रमुख विशेषता क्या है –(अ) सामासिकता(ब) शृंगारिकता(स) नीति प्रवणता(द) अनुभव संकुलता। |
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Answer» रहीम के काव्य की सर्वाधिक प्रमुख विशेषता सामासिकता है। |
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| 5. |
धनी व्यक्ति निर्धन हो जाने पर किस बारे में बातें किया करता है? |
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Answer» धनी व्यक्ति निर्धन हो जाने पर अपने पिछले दिनों के बारे में बातें किया करता है। |
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आँखों से टपकने वाले आँसू क्या प्रकट कर दिया करते हैं? |
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Answer» आँखों से टपकने वाले आँसू मन के दुख को प्रकट कर देते हैं। |
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| 7. |
सज्जनों की सम्पत्ति किसके काम आती है? |
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Answer» सज्जनों की सम्पत्ति दूसरों के उपकार के काम आया करती है। |
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सज्जनों की तुलना रहीम ने किससे की है? |
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Answer» रहीम ने सज्जनों की तुलना मोतियों के हार से की है। |
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‘जुरै गाँठ परि जाय’ के द्वारा कवि ने प्रेम सम्बन्धों की किस विशेषता को बताया है? |
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Answer» रहीम जी कहते हैं कि प्रेम के बन्धन को कभी नहीं तोड़ना चाहिए। यदि एक बार टूट जाता है तो दोबारा जोड़ने पर उसमें गाँठ पड़ जाती है और वह गाँठ कभी खत्म नहीं होती है। |
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| 10. |
रहीम की दो रचनाओं के नाम बताइए। |
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Answer» रहीम सतसई तथा श्रृंगार सतसई। |
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| 11. |
रहीम के अनुसार सच्चे एवं झूठे मित्र की क्या पहचान है? |
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Answer» रहीम जी ने सच्चा मित्र उसे माना है जो विपत्ति के समय साथ देता है और झूठा मित्र उसे कहा है जो विपत्ति में किनारा काट लेते हैं। |
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| 12. |
हमारे नेत्रों से आँसू निकलकर क्या प्रकट करते हैं? |
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Answer» हमारे नेत्रों से आँसू निकलकर हृदय के दुःख को प्रकट करते हैं। |
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| 13. |
नेत्रों से निकला हुआ आँसू क्या प्रकट करता है? |
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Answer» नेत्रों से निकला हुआ आँसू दुःख प्रकट करता है। |
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| 14. |
कुसंग का प्रभाव किन लोगों पर नहीं पड़ता है? |
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Answer» रहीम के अनुसार उत्तम स्वभाव वाले लोगों पर कुसंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। |
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बड़ों की विशेषता क्या होती है? |
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Answer» बड़े लोग अपने मुख से अपनी बढ़ाई नहीं किया करते तथा शेखी नहीं बघारते। |
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| 16. |
विपत्ति आने पर, मनुष्य के जीवन पर उसका क्या प्रभाव पड़ता है? कवि रहीम ने इस विषय में क्या कहा है? लिखिए। |
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Answer» कवि रहीम अपने निजी अनुभव के आधार पर कहते हैं कि जब मनुष्य पर विपत्ति पड़ती है, बुरे दिन आते हैं, तो उसकी सम्पत्ति नष्ट हो जाती है। वह चाहे लखपति या कसेड़पति भी क्यों न हो, विपत्ति उसे अकिंचन बना डालती है। कवि इस तथ्य के समर्थन में कहता है कि जब सबेरा होता है तो आकाश के असंख्य तारे भी छिप जाते हैं। आकाश का सारा वैभव समाप्त हो जाता है। |
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| 17. |
बुरे दिन आने का मनुष्य के धन पर क्या प्रभाव पड़ता है? |
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Answer» रहीम के अनुसार विपत्ति आने पर मनुष्य का धन नष्ट हो जाता है। चाहे वह करोड़पति भी क्यों न हो। |
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| 18. |
मन की व्यथा दूसरों को बताने पर क्या परिणाम होता है? |
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Answer» अपने मन का दुख दूसरों को सुनाने पर लोग दुख को बाँटते नहीं हैं अपितु दुखी व्यक्ति पर हँसते और इठलाते हैं। |
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| 19. |
कौए और कोयल का अंतर कब ज्ञात होता है? |
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Answer» कौए और कोयल का अंतर वसंत ऋतु आने पर होता है, जब दोनों बोलते हैं। |
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| 20. |
जीभ की वकबाद का फल भुगतना पड़ता है –(क) हाथों को(ख) पीठ को(ग) आँखों को(घ) सिर को। |
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Answer» जीभ की वकबाद का फल भुगतना पड़ता है सिर को। |
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| 21. |
“माँगे घटत …………वामनै नाम।।” रहीम के इस दोहे में निहित पौराणिक घटना का संक्षिप्त परिचय दीजिए? |
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Answer» इस दोहे में कवि ने आत्म सम्मान के महत्व को स्पष्ट किया है। दैत्यों से त्रस्त देवताओं की सुरक्षा के लिए भगवान विष्णु दैत्यराज बलि के यहाँ ‘वामन बटुक’ (बौना छात्र) का वेश बनाकर पहुँचे । विष्णु ने उनसे तीन डग धरती माँगी । बलि के वचन देने पर उन्होंने इतना विराट रूप बनाया कि उनके तीन डगों (कदम) सारी पृथ्वी नप गई और बलि को पाताल में जाकर रहना पड़ा। रहीम का कहना है कि विष्णु ने इतना अद्भुत काम किया फिर भी माँगने जाने से उन का पद घट गया। वह आज तक’वामन’ (छोटा या बौना) नाम से प्रसिद्ध हैं। |
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रहीम ने अपने मन की व्यथा अपने मन तक ही सीमित रखने को क्यों कहा है? |
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Answer» व्यथा हो या आनंद मनुष्य का स्वभाव है कि वह इसे साझा करके सुख पाता है। जब मनुष्य का मन किसी कारण व्यथित होता है। तो उसे सहानुभूति दिखाने वाले व्यक्ति की आवश्यकता होती है। इससे उसका दुख कम हो जाता है। रहीम कहते हैं कि अपने मन की व्यथा को अपने में ही छिपा कर रखो। इसका कारण भी उन्होंने बताया है। वह कहते हैं कि यदि अपने मन की व्यथा दूसरों को सुनाओगे तो उसे बाँटने वाला तो नहीं मिल पायेगा। किन्तु उसे सुनकर इठलाने वाले, मन ही मन हँसने वाले अनेक मिल जाएँगे। इससे तुम्हारी व्यथा कम न होकर और बढ़ जाएगी। |
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'काक और पिक’ की पहचान होती है –(क) वर्षा ऋतु में(ख) वसंत ऋतु में(ग) शरद ऋतु में(घ) शीत ऋतु में। |
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Answer» (ख) वसंत ऋतु में |
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“माँगे घटत रहीम पद …………..तऊ बावनै नाम।” । प्रस्तुत दोहे का कथन स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» इस दोहे में कवि ने माँगने या याचना करने से, मनुष्य की प्रतिष्ठा और पद कम होने के बारे में बताया है। देवताओं को उनका स्वर्ग राज्य पुनः दिलाने के लिए, विष्णु एक वामन (बौने ) बटुक (छात्र) का वेश धारण करके दैत्यराज बलि से थोड़ी-सी भूमि माँगने गए। उन्होंने बलि से केवल तीन डग धरती माँगी। जब बलि देने को प्रस्तुत हो गए तो विष्णु ने अपने शरीर को इतना विराट कर लिया कि उनके दो डगों में सारी धरती नप गई और तीसरा डग फिर भी बाकी रही। कवि ने इस कथा द्वारा यही संकेत दिया है कि इतना विशाल आकार धारण करने पर भी विष्णु का नाम वामन अर्थात् बौना ही प्रसिद्ध हो गया। माँगने के कारण वह भगवान से याचक हो गये। अतः मनुष्य को अपना स्वाभिमान नहीं त्यागना चाहिए। हाथ नहीं फैलाना चाहिए। |
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भाँवरें पड़ने के बाद नदी में सिरा देते हैं –(क) हवन घी भस्म को(ख) दूल्हे के मौर को(ग) कंगनों को(घ) पूजन सामग्री को। |
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Answer» (ख) दूल्हे के मौर को |
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रहीम ने कैसे व्यक्ति को दीनबंधु’ के समान माना है? |
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Answer» रहीम का मानना है कि जो व्यक्ति दीनजनों पर ध्यान देता है, उनकी सहायता करता है, वह दीनबंधु अर्थात् भगवान के समान होता है। |
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मूल’ को सींचने से –(क) वृक्ष का तना पुष्ट होता है।(ख) डालें बढ़ती हैं।(ग) पत्ते हरे-भरे रहते हैं।(घ) सारा वृक्ष फलता-फूलता है। |
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Answer» (घ) सारा वृक्ष फलता-फूलता है। |
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वृक्ष को फलता-फूलता बनाने के लिए किसे सींचना चाहिए? |
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Answer» वृक्ष को फलता-फूलता बनाने के लिए उसकी जड़ को सींचना चाहिए। |
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‘मोती, मनुष्य और चूना के साथ पानी’ के क्या-क्या अर्थ होते हैं? |
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Answer» मोती के साथ ‘दमक’, मनुष्य के साथ प्रतिष्ठा’ तथा चून के साथ ‘जल’ अर्थ होता है। |
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बिना मान के अमृत पीने का दैत्य राहु को क्या परिणाम भोगना पड़ा? |
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Answer» ‘मोहनी’ रूप धारी भगवान विष्णु ने देवताओं के बीच उसे पहचान लिया और चक्र से उसका सिर काट डाला। |
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रहीम किस प्रकार की प्रीति की सराहना करने को कहते हैं? |
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Answer» रहीम उस प्रीति की सराहना करने को कहते हैं जो मिलन होने पर और अधिक चमक उठती है। |
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रहीम के अनुसार, ‘प्रीतम की छवि नयनों में बसा लेने पर क्या लाभ होता है ? |
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Answer» ‘प्रीतम’ की छवि नयनों में बसी होगी तो अन्य अवांछित छवियाँ अपने आप दूर रहेंगी। |
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रहीम को किस प्रकार का अमृत पीना अच्छा नहीं लगता? |
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Answer» रहीम को बिना मान का अमृत पीना अच्छा नहीं लगता। |
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रहीम के अनुसार कौन-कौन सी बातें छिपाए जाने पर भी प्रकट हो जाती हैं? |
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Answer» खैरियत, हत्या, खाँसी और खुशी, बैर, प्रेम और शराब पीना ये सात बातें छिपाने पर भी देर-सवेर प्रकट हो जाती हैं। |
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‘रहिमन भंवरी के भए’ में भंवरी का क्या अर्थ है? |
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Answer» भंवरी का अर्थ है- शादी के फेरे (भाँवरें) लेना। हिन्दुओं में विवाह के समय वर-कन्या अग्नि की परिक्रमा करते हैं, इसको ‘भाँवर’ कहते हैं। |
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काज परै कुछ और है, काज सरै कछु और’ को आशय लिखिए। |
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Answer» मनुष्य बड़ा स्वार्थी होता है। वह अपने मतलब के लिए ही किसी से प्रेम करता है। जब तक उसका मतलब पूरा नहीं होता, तब तक वह प्रेम और मित्रता का दिखावा करता है। मतलब निकल जाने पर उसका व्यवहार बदल जाता है, वह अपनी आँखें फेर लेता है। इस पंक्ति में मनुष्य की इसी स्वार्थ-परता का वर्णन है। |
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‘टूटे सुजन मनाइये, जौ टूटे सौ बार’ का भाव स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» रहीम जी का कहना है कि यदि सज्जन व्यक्ति रूठ जाय तो उसे बार-बार मनाना चाहिए। |
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“रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि।” कवि रहीम ने ऐसा क्यों कहा है? लिखिए। |
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Answer» जब व्यक्ति की मित्रता या जान-पहचान बड़े लोगों से हो जाती है तो वह छोटे स्तर के साथियों की उपेक्षा करने लगता है। कवि रहीम ऐसा करना बुद्धिमानी नहीं मानते क्योंकि छोटे व्यक्ति या छोटी वस्तु से हो सकने वाला काम बड़ा नहीं कर सकता। सुई तलवार की अपेक्षा बहुत छोटी होती है परन्तु तलवार बड़ी होने पर भी सुई द्वारा किए जाने वाले कार्य को- सिलाई को नहीं कर सकती। अत: छोटों से सम्बंध बनाए रखना बुद्धिमत्ता की निशानी है। |
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निम्नलिखित में लक्षण बताते हुए अलंकार का नाम लिखिए-(अ) बनत बहुत बहु रीति।(ब) रहिमन फिरि-फिरि पोइए, टूटे मुक्ताहार। |
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Answer» (अ) इस पंक्ति में अन्त्यानुप्रास अलंकार है। |
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'बिगरी बात’ तथा ‘फाटे दूध में कवि रहीम ने क्या समानता बताई है? |
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Answer» कवि ने बताया है कि जैसे बात बिगड़ जाने पर, लाख उपाय करने पर भी नहीं बन पाती, उसी प्रकार दूध फट जाने पर कितना भी मथने पर मक्खन नहीं निकलता। |
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विपति कसौटी में कौन-सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है? |
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Answer» विपति कसौटी में रूपक अलंकार है। |
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रहीम जी ने सज्जन व्यक्ति के रूठ जाने पर भी बार-बार मनाने की बात क्यों कही है। |
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Answer» रहीम के अनुसार एक सज्जन व्यक्ति, मोतियों के हार जैसा ही मूल्यवान और शोभा बढ़ाने वाला होता है। जब लोग मोती के हार के बार-बार टूटने पर भी उसे फेंक नहीं देते। उसे हर बार फिर से पिरोते हैं तो फिर सज्जन को भी सौ बार रूठने पर मनाना ही बुद्धिमानी है। |
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“जाहि निकारौ गेह ते, कस न भेद कहि देइ॥” रहीम ने यह पंक्ति किस संदर्भ में और क्या सीख देने के लिए कही है? |
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Answer» रहीम ने यह पंक्ति दुखी व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए कही है। दुख आ पड़ने पर लोगों की आँखों से बरबस ही आँसू ढुलक पड़ते हैं। ये आँसू उस व्यक्ति के मन के दुख को सब पर प्रकट कर देते है। यह स्वभाविक बात है। जिसे आप घर से निकाल दोगे वह बाहर बालों से घर का कौन सा भेद नहीं कह देगा। इस से घर-परिवार की बदनामी भी हो सकती है। अत: रहीम सीख देना चाहते हैं। कि दुख को धैर्यपूर्वक सहन कर लेना चाहिए। आँसू बहाकर अपना स्वाभिमान नहीं खोना चाहिए। |
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रहीम सच्चा मित्र किसे मानते हैं? |
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Answer» सभी ने माना है कि सच्चा मित्र वही होता है जो सुख-दु:ख में समान रूप से साथ निभाता है। रहीम उसी को सच्चा मित्र मानते हैं जो संकट आने पर भी अपने मित्र का साथ नहीं छोड़ता तथा बुरे दिनों में उसका साथ निभाता है। |
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अकबर ने प्रभावित होकर रहीम को कौन-सी उपाधि दी थी?(क) सूबेदार(ख) मीर(ग) खान-खाना(घ) मिर्जा खान |
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Answer» (ग) खान-खाना |
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रहीम ने किसकी भक्ति में पदों की रचना की?(क) भगवान शिव(ब) श्रीकृष्ण(ग) माता दुर्गा(घ) श्रीराम |
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Answer» (ग) माता दुर्गा |
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रहीम ने किन लोगों को धन्ये कहा है? |
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Answer» गरीबों से हित करने वाले लोगों को रहीम ने धन्य कहा है। |
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रहिमन सोई मीत है, भीरि परे ठहराय। पंक्ति में ‘भीर परे’ का आशय क्या है ? |
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Answer» भीरि परे’ का आशय है- संकट आने पर अथवा कठिन समस्या उपस्थित होने पर। |
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निम्नलिखित का काव्य-सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए-(अ) टूटे सुजन……………टूटे मुक्ताहार ।(ब) बिपति कसौटी…………….साँचे मीत(स) रहिमन देखि…………..दीजिए डारि । |
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Answer» (अ) काव्य-सौन्दर्य-
(ब) काव्य-सौन्दर्य-
(स) काव्य-सौन्दर्य-
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काज परे कछ और है, काज सरै कछु और।रहिमन भंवरी के भए, नदी सिरावत मौर॥प्रस्तुत दोहे के माध्यम से रहीम जी ने मनुष्य की किस प्रवृत्ति का वर्णन किया है? समझाइए। |
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Answer» प्रस्तुत दोहे के द्वारा रहीम ने मनुष्य की स्वार्थी प्रवृत्ति का परिचय कराया है। जब तक मनुष्य का किसी व्यक्ति या वस्तु से स्वार्थ सिद्ध होता है वह उसे बड़ा महत्त्व देता है और काम निकल जाने पर उसे ठुकरा देता है। |
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