This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.
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क्या लाल का व्यवहार सरकार के विरुद्ध षड्यंत्रकारी था? |
Answer» लाल का व्यवहार सरकार के खिलाफ कोई षड्यंत्र नहीं कियाExplanation: "1) लाल केवल एक क्रांतिकारी व्यक्ति है। वह सरकार के प्रति कोई साजिश नहीं कर रहा था। वह केवल अपने देश के लिए अंग्रेजी सरकार से स्वतंत्रता चाहता है। 2) उन्होंने कभी भी सरकार के खिलाफ कोई षड्यंत्र नहीं किया। यहां तक कि सरकार हमेशा क्रांतिकारी आंदोलन के कारण उस पर संदेह व्यक्त करती है। 3) सरकार ने उसके खिलाफ एक साजिश रची और उसे गिरफ्तार किया।" |
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एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा हरिशंकर परसाई पर बनाई गई फ़िल्म देखिए। |
Answer» एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा हरिशंकर परसाई पर बनाई गई फ़िल्म विद्यार्थी अपने अध्यापक/ अध्यापिका इस फिल्म को देखने का अनुरोध करें।
कुछ अतिरिक्त जानकारी :हरिशंकर परसाई : हिंदी के सुप्रसिद्ध व्यंग लेखक हरिशंकर परसाई का जन्म 22 अगस्त 1922 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के जमाने नामक गांव में हुआ था। परसाई जी का हिंदी व्यंग लेखकों में सर्वोच्च स्थान है । उन्होंने सारिका में नियमित रूप से तुलसीदास चंदन घिसे स्तंभ के अंतर्गत व्यंग बाण छोड़े थे । इनकी प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित है : कहानियां : हंसते हैं, रोते हैं, जैसे उनके दिन फिरे, दो नाक वाले लोग, माटी कहे कुम्हार से। उपन्यास : 'रानी नागफनी की कहानी' तथा 'तट की खोज' निबंध संग्रह : तब की बात और थी, भूत के पांव पीछे, बेईमानी की परत, पगडंडियों का जमाना, ठिठुरता हुआ गणतंत्र आदि। आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।। इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न:लेखक ने 'सूरज छाप' टार्च की पेटी को नदी में क्यों फेंक दिया? क्या आप भी वही करते? टार्च बेचने वाले किस प्रकार की स्किल का प्रयोग करते हैं? क्या इसका 'स्किल इंडिया' | प्रोग्राम से कोई संबंध है? |
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अपने आसपास के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उसके आधार पर एक रिपोर्ट तैयार कीजिए। |
Answer» अपने आसपास के कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उसके आधार पर एक रिपोर्ट विद्यार्थी अपने अध्यापक/ अध्यापिका की सहायता से तैयार कीजिए।
कुछ अतिरिक्त जानकारी : यह प्रश्न ज्योतिबा फुले नामक निबंध से लिया गया है। इसकी रचीयता सुधा अरोड़ा है। लेखक ने इस निबंध में ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्री देवी द्वारा किए गए शिक्षा सुधार संबंधी कार्यों का वर्णन किया है। उन्होंने समाज और धर्म के पारंपरिक और अनीति पूर्ण रोढि़यो का विरोध किया। कुछ वर्गों ,शोषित और स्त्रियों की समानता के लिए अधिकारों की लड़ाई लड़ी , इसलिए उन्हें समाज का व्यापक विरोध भी सहन करना पड़ा। उनका संघर्ष दूसरों के लिए प्रेरणादायक रहा है। आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।। इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न:ज्योतिबा फुले का नाम समाज सुधारकों की सूची में शुमार क्यों नहीं किया गया? तर्क सहित उत्तर लिखिए। स्त्री-समानता को प्रतिष्ठित करने के लिए ज्योतिबा फुले के अनुसार क्या-क्या होना चाहिए? |
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विकास की ओर बढ़ते चरण और बिखरते मानव-मूल्य' विषय पर कक्षा में परिचर्चा कीजिए। |
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Answer» Answer: AAJKAL Manav itna Vikas kar chuka hai KI Apne Manav malya ko bhul gaya hai.Jaise Jaise DIN bhi TAAJA raha hai Mano mein naitikta samapt hoti Ja Rahi hai kisi ki prati udarta kisi bhi vyakti mein dikhai nahin deti hai is Karan Vikas aur badhte Charan ke Karan Manav mulya vikharte ja rahe HAIN. |
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ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई के जीवन से प्रेरित होकर आप समाज में क्या परिवर्तन करना चाहेंगे? |
Answer» ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई की कहानी से प्रेरणा मिलने के बाद हम इस दुनिया के साथ-साथ देश में भी महिलाओं की दशा सुधारने के लिए बहुत काम कर सकते हैंExplanation: ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई की कहानी से प्रेरणा मिलने के बाद हम इस दुनिया के साथ-साथ देश में भी महिलाओं की दशा सुधारने के लिए बहुत काम कर सकते हैं: 1) हम महिलाओं को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रदान करते हैं। 2) हम महिलाओं को स्वतंत्र और स्वयं काम करने की दिशा में प्रेरित करने के लिए कई पहल शुरू करते हैं। 3) हम केवल महिलाओं के लिए कंपनियां शुरू कर सकते हैं जैसे सिलाई, ब्यूटी पार्लर, सौंदर्य प्रसाधन, यह कंपनियां आदि। 4) महिलाएं पुरुष के समान काम कर सकती हैं। 5) हम महिलाओं के सुधार की दिशा में काम कर सकते हैं। |
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टार्च बेचने वाले किस प्रकार की स्किल का प्रयोग करते हैं? क्या इसका 'स्किल इंडिया' | प्रोग्राम से कोई संबंध है? |
Answer» टार्च बेचने वाले मार्केटिंग स्किल का प्रयोग करते हैं।वह लोगों को अपनी टॉर्च की विशेषता और उससे होने वाले फायदे के बारे में बताता है और लोगों को अपने टॉर्च खरीदने के लिए राज़ी कर लेता है। टॉर्च बेचने के लिए वे लोगों से कहते हैं कि आजकल तो सब जगह अंधेरा छाया हुआ है। यह अंधेरा घर और बाहर दोनों जगह है । आदमी अंधेरे में भटक जाता है। उसे कुछ दिखाई नहीं देता है । वह कभी भी गिर सकता है । शेर ,चीते, सांप ,बिच्छू चारों ओर घूम रहे हैं। इन सब से बचने के लिए अंधकार में प्रकाश की जरूरत है, इसलिए सूरत छाप टार्च खरीदो और अपने चारों ओर फैले अंधेरे को दूर करो। हां, 'स्किल इंडिया' प्रोग्राम से इसका संबंध है। मार्केटिंग स्किल्स को स्किल इंडिया प्रोग्राम अपने उत्पादों को बेचने में उपयोग कर सकते हैं। आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।। इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न:भीतर के अँधेरे की टार्च बेचने और ‘सूरज छाप' टार्च बेचने के धंधे में क्या फ़र्क है? पाठ के आधार पर बताइए। लेखक ने 'सूरज छाप' टार्च की पेटी को नदी में क्यों फेंक दिया? क्या आप भी वही करते? |
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इन वर्षों में सबसे बड़ी भूल है, ‘राजनीति के पास समाज-सुधार का कोई कार्यक्रम न होना' - इस संदर्भ में आप अपने विचार लिखिए। |
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Answer» इन वर्षों में सबसे बड़ी भूल है, ‘राजनीति के पास समाज-सुधार का कोई कार्यक्रम न होना- Explanation: "1) हम लेखक की बात से रूबरू होते हैं, क्योंकि यह सही है कि इस बार की राजनीति में समाज सुधार के लिए एक भी मुद्दा नहीं है। 2) मानव अपने व्यक्तिगत लाभ के कारण सिर्फ राजनीति कर रहा है। 3) एक भी राजनेताओं के पास सुधार की दिशा में एक सही दिशा नहीं है। यह केवल व्यक्तिगत लाभ और आवश्यकता के लिए किया जाता है। 4) राजनीति ने केवल आरक्षण, भेदभाव और जातिवाद दिया है। अगर राजनीति देश की हालत सुधारना चाहती है तो कुछ ही दिनों में यह सुधर जाएगी। और यह भारतीय हालत में सुधार कर सकता है।" |
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ज्योतिबा फुले द्वारा प्रतिपादित आदर्श परिवार क्या आपके विचारों के आदर्श परिवार से मेल खाता है? पक्ष-विपक्ष में अपने उत्तर दीजिए। |
Answer» ज्योतिबा फुले द्वारा प्रतिपादित आदर्श परिवार क्या आपके विचारों के आदर्श परिवारExplanation:
लोगों से संस्कार। कोई भी एक दूसरे के साथ लड़ाई नहीं करता, हर एक एक ही धर्म और समान भावनाओं के साथ रहता।
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सामान्य-असामान्य तथा साधारण-असाधारण के अंतर को व्यक्ति और लेखक के माध्यम से स्पष्ट कीजिए। |
Answer» लेखक दिखाता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार और खुद को अपने काम और विचारों के कारण त्याग सकता है।Explanation: "1) लेखक दिखाता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने परिवार और खुद को अपने काम और विचारों के कारण त्याग सकता है। इसका मतलब है कि वह उग्र विचार रखता है और वह कुछ भी कर सकता है और कुछ भी प्राप्त कर सकता है। 2) इस तरह के व्यक्तित्व असामान्य और असाधारण हैं क्योंकि उनके पास एक दृढ़ निर्णय शक्ति और एक उन्मत्त मनोबल है। उसका दोस्त ऐसा करता है। 3) जबकि दूसरी ओर लेखक ने ऐसा कभी नहीं किया, वह प्रसिद्ध है लेकिन वह ऐसी चीजों की ओर कोई कदम नहीं उठा सकता। उसने सोचा कि वह एक सामान्य और साधारण व्यक्ति है। वह उसके दोस्त की तरह नहीं है। वह हमेशा चुप रहता था। इस अध्याय में उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे सामान्य और साधारण हैं। दूसरी ओर उसका दोस्त असाधारण और असामान्य है।" |
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भीतर के अँधेरे की टार्च बेचने और ‘सूरज छाप' टार्च बेचने के धंधे में क्या फ़र्क है? पाठ के आधार पर बताइए। |
Answer» एक अंधेरे आत्मा के लिए कोशिश कर रहा है और दूसरा रात के अंधेरे के लिए है।Explanation: हम देख सकते हैं कि टार्च की बिक्री से दोनों के बीच बड़ा अंतर है: 1) पहला व्यक्ति एक संत है और वह ज्ञान के तर्क के लिए भाषण वितरित कर रहा है, उन्होंने कहा कि मूर्खता से बाहर आओ और ज्ञान का प्रकाश ले लो। ज्ञान मूर्खता से दूरी बनाने का एकमात्र तरीका है। इसलिए वह ज्ञान के प्रकाश की टार्च बेचना चाहता था। 2) जबकि दूसरी ओर उसका दोस्त टार्च बेचने की कोशिश कर रहा था जो रात में जगह को रोशन करने के लिए एक उपकरण है। वह रात के अंधेरे से लोगों को डराना चाहता है ताकि लोग उसकी टार्च खरीदें। वह डिवाइस (टार्च) बेचना चाहता था। इसलिए दोनों व्यक्तियों द्वारा बेचे गए दोनों मशालों के बीच बहुत अंतर हैं। एक अंधेरे ओएस आत्मा के लिए कोशिश कर रहा है और दूसरा रात के अंधेरे के लिए है। |
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I need answer for this question this is varn vichchhed |
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Answer» अनुसंधान । |
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दिव्यांगों की समस्या पर आधारित ‘स्पर्श', 'कोशिश' तथा 'इकबाल' फ़िल्में देखिए और समीक्षा कीजिए। |
Answer» दिव्यांगों की समस्या पर आधारित ‘स्पर्श', 'कोशिश' तथा 'इकबाल' फ़िल्में देखे और इसकी समीक्षा विद्यार्थी अपने अध्यापक/ अध्यापिका की सहायता से स्वयं करें।कुछ अतिरिक्त जानकारी :यह गूंगे कहानी से लिया गया है। इसके रचयिता रांगेय राघव है। ये उनकी एक प्रसिद्ध कहानी है। यह कहानी एक गूंगे लड़के की है जिसमें शोषित एवं पीड़ित मानव की असहाय स्थिति का मार्मिक चित्रण किया गया है। गूंगे में ऐसी तड़प है जो पाठक को झकझोर देती है लेखक इस कहानी के माध्यम से यह संदेश भी दिया है कि हमें उन्हें सामान्य मानव की तरह मानना एवं समझना चाहिए एवं उनके साथ संवेदनशील व्यवहार करना चाहिए जिससे वे इस दुनिया से अलग-थलग न पड़ने पाएं। आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।। इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न:गूंगे ने अपने स्वाभिमानी होने का परिचय किस प्रकार दिया? यदि बसंता पूँगा होता तो आपकी दृष्टि में चमेली का व्यवहार उसके प्रति कैसा होता? |
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कहानी का शीर्षक 'गैंगे' है, जबकि कहानी में एक ही नँगा पात्र है। इसके माध्यम से लेखक ने समाज की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत किया है? । |
Answer» लेखक के अनुसार मनुष्य विकलांग लोगों के शोषण के खिलाफ गूंगा हैExplanation: 1) इस दुनिया में लेखक के अनुसार मनुष्य विकलांग लोगों के शोषण के खिलाफ गूंगा है। लोग शोषण पर चुप हैं और विकलांगों की उपेक्षा करते हैं। 2) लोग विकलांग व्यक्ति के शोषण को देख रहे हैं लेकिन कोई भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाना चाहता है। वे इस बारे में भावुक हैं लेकिन यह एक पल के लिए है। जब वे विकलांग लोगों की सेवा करते हैं तो उनके पास मानवता नहीं होती है। वे हमेशा उनसे काम लेते हैं और उनका शोषण करना शुरू कर देते हैं। 3) इसलिए लेखक विकलांगों के खिलाफ इस दुनिया में लोगों की अमानवीयता को दर्शाता है। |
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उसकी आँखों में पानी भरा था। जैसे उनमें एक शिकायत थी, पक्षपात के प्रति तिरस्कार ।था।' क्यों? |
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Answer» PAGAL hai TU KYA question puchta hai Explanation: ibjbqxwjbwdkbwdk keep jbjibwxobkbojwxibjbd |
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मनुष्य की करुणा की भावना उसके भीतर गैंगेपन की प्रतिच्छाया है। कहानी के इस कथन को वर्तमान सामाजिक परिवेश के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» Answer: phle KE LOG atyant acche the kyoki unme DESH ke prati prem tha but aaj ke DIN bhai bhai TK ladte h |
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असगर ठेकेदार के साथ जसदेव को आता देखकर सूबे सिंह क्यों बिफर पड़ा और जसदेव को मारने का क्या कारण था? |
Answer» सूबे सिंह ने देखा कि जसदेव मानो की जगह ठेकेदार के साथ आ रहा है,सूबे सिंह बिफर पड़ाExplanation: "1) सूबे सिंह इस कहानी में बहुत चरित्रहीन व्यक्ति हैं। 2) सूबे सिंह की माँ पर बुरी नज़र है, वह उसे परेशान करना चाहता था। उन्होंने "असगर ठेकेदार" को मानो को बुलाने का आदेश दिया। 3) असगर ठेकेदार को यह बात पता है कि सुबे सिंह की मानो पर बुरी नज़र है, उसने यह सुकिया को बताया। सुकिया को अचानक गुस्सा आ जाता है। तब जसदेव ने माणो की जगह असगर ठेकेदार के साथ आने का फैसला किया। 4) जब सूबे सिंह ने देखा कि जसदेव मानो की जगह ठेकेदार के साथ आ रहा है। इसलिए उन्होंने जसदेव की पिटाई की। उसने उसे बुरी तरह पीटा।" |
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समाज में फैले अंधविश्वासों का उल्लेख करते हुए एक लेख लिखिए। |
Answer» समाज में फैले अंधविश्वासों का उल्लेखExplanation: "1) अंधविश्वास मुख्य कारण है जो सफलता से लोगों को भटक रहे हैं, अंधविश्वास वर्षों से चल रहा है। इस आधुनिक युग में अंधविश्वास मुख्य समस्या है जो लोगों को भीतर से कमजोर बना रही है। 2) अंधविश्वास के कारण लोगों की सोचने की क्षमता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। लोग इस स्थिति में फंसते जा रहे हैं, इसके कई उदाहरण हैं जैसे: रात में कुत्तों का भौंकना, अंधेरी रात, बिल्ली का सड़क पार करना आदि। ३) यह स्थिति भारत में भी नहीं है यहाँ तक कि अन्य देशों में भी है। अगर लोग इस बारे में नहीं सोचेंगे कि यह लोगों को भीतर से खोखला कर देगा।" |
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सावित्री बाई और महात्मा फुले ने समाज-हित के जो काम किए उनकी सूची बनाइए। |
Answer» सावित्री बाई और महात्मा फुले ने समाज-हित के जो काम किए उनकी सूचीExplanation: ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्री बाई द्वारा शुरू किए गए बहुत सारे काम हैं जो नीचे उल्लिखित हैं: 1) पहली महिला स्कूल की स्थापना, 2) निम्न श्रेणी के लिए सामाजिक कार्य, 3) किसान स्कूल की स्थापना, 4) छुआछूत प्रणाली के लिए एक आंदोलन, 5) महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए सामाजिक कार्य, 6) पति की मृत्यु के बाद विधवाओं के लिए बालों को हटाने का क्रम बंद करें, उपर्युक्त कार्य के अलावा, उन्होंने अंतरराज्यीय विवाह और अनाथालय की शुरुआत का कार्यक्रम किया था।" |
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लेखक ने 'सूरज छाप' टार्च की पेटी को नदी में क्यों फेंक दिया? क्या आप भी वही करते? |
Answer» हां , मैं भी वही करता जो लेखक ने किया।मैं भी 'सूरज छाप' टार्च की पेटी को नदी में फेंक देता क्योंकि इतनी कड़ी मेहनत करने के बाद भी बहुत कम कमा पाता था और दार्शनिक साधु या संत अंधेरे का डर दिखाकर लोगों को अपनी कंपनी की टार्च बेचना चाहते हैं। उन्हें तो केवल अपना स्वार्थ सिद्ध करना है चाहे वह इसे जैसे भी सिद्ध करें। HOPE THIS ANSWER WILL HELP YOU... Here are some more QUESTIONS from this CHAPTER :भीतर के अँधेरे की टार्च बेचने और ‘सूरज छाप' टार्च बेचने के धंधे में क्या फ़र्क है? पाठ के आधार पर बताइए। टार्च बेचने वाले किस प्रकार की स्किल का प्रयोग करते हैं? क्या इसका 'स्किल इंडिया' | प्रोग्राम से कोई संबंध है? |
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फुले दंपति ने स्त्री समस्या के लिए जो कदम उठाया था, क्या उसी का अगला चरण 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' कार्यक्रम है? |
Answer» हम कह सकते हैं कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ इस पहल का हिस्सा हैExplanation:
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Aatma par vishwaas ka samastpad |
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Answer» आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास |
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भव्य पुरुष ने कहा - ‘जहाँ अंधकार है वहीं प्रकाश है। इसका क्या तात्पर्य है? |
Answer» भव्य पुरुष ने कहा - ‘जहाँ अंधकार है वहीं प्रकाश है। इसका क्या तात्पर्य है-अंधेरे से निकलने के लिए प्रकाश ही एकमात्र रास्ता है।Explanation: 1) भव्य व्यक्ति ने कहा कि जब आप अंधेरे के बारे में जानते हैं तो प्रकाश एक महत्वपूर्ण सत्य है।उन्होंने कहा कि जहां अंधेरा है वहां रोशनी है क्योंकि अंधकार के बिना प्रकाश का कोई महत्व नहीं है। 2) उन्होंने कहा कि अंधेरे से निकलने के लिए प्रकाश ही एकमात्र रास्ता है। 3) उन्होंने कहा कि यदि आप मूर्खता के अंधेरे में हैं तो आप केवल ज्ञान के प्रकाश के साथ बाहर आ सकते हैं। आप मूर्खता में अपनी विचार शक्ति खो सकते हैं। 4) इसलिए अपने जीवन को आसान बनाने के लिए ज्ञान का प्रकाश महत्वपूर्ण है। तो आप अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए ज्ञान मशाल का उपयोग कर सकते हैं। |
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सावित्री बाई के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन किस प्रकार आए? क्रमबद्ध रूप में लिखिए। |
Answer» सावित्री बाई ज्योतिबा फुले की पत्नी हैं, सावित्री बाई के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव शुरू हो गए हैंExplanation: सावित्री बाई ज्योतिबा फुले की पत्नी हैं, सावित्री बाई के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव शुरू हो गए हैं, शादी के बाद कुछ इस प्रकार हैं: 1) शादी के बाद ज्योतिबा फुले ने सावित्री बाई को पढ़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने उसे मराठी और अंग्रेजी की शिक्षा प्रदान की है। 2) उसने अपने पति के साथ ही एक महिला स्कूल शुरू किया था। 3) महिला कॉलेज खोलने के कारण उसके ससुराल वालों ने उसे त्याग दिया है। 4)इस स्थिति के बाद उसने निचले समाज के विकास के लिए सामाजिक कार्य शुरू किया था।" |
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शोषण-व्यवस्था ने क्या-क्या षड्यंत्र रचे और क्यों? |
Answer» शोषण-व्यवस्था ने षड्यंत्र रचेशोषण-व्यवस्था ने साजिश की: 1) वे ज्योतिबा फुले और उनके परिवार का त्याग करते हैं। 2) लोग हमेशा उसे गाली देते हैं, उस पर थूकते हैं और गोबर फेंकते हैं। लोग हमेशा उसे अपमानजनक शब्दों से बुलाते हैं। 3) उन्होंने उसके सामाजिक सुधार कार्यों के रास्ते में बाधा डालना शुरू कर दिया है।" |
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समाज में दिव्यांगों के लिए होने वाले प्रयासों में आप कैसे सहयोग कर सकते हैं? |
Answer» हम विकलांग व्यक्ति की मदद में योगदान कर सकते हैं जैसे हम उन्हें विशेष पाठ्यक्रम की अनुमति दे सकते हैं।Explanation: 1) हम विकलांग व्यक्ति की मदद में योगदान कर सकते हैं जैसे हम उन्हें विशेष पाठ्यक्रम की अनुमति दे सकते हैं जिसमें वे सीख सकते हैं और काम कर सकते हैं। 2) हम उन्हें नौकरी, अध्ययन, व्यवसाय, काम में आरक्षण प्रदान कर सकते हैं ताकि वे अपने जीवन के लिए पैसा कमा सकें। 3) हमें उनके साथ मजाक नहीं करना चाहिए, हमें उनके प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए। हमें उन्हें यह अधिकार प्रदान करना चाहिए कि वे इस दुनिया में सामान्य व्यक्ति की तरह रह सकें। |
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गैंगे' कहानी पढ़कर आपके मन में कौन से भाव उत्पन्न होते हैं और क्यों? |
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Answer» जीवन हमेशा एक-सा नहीं रहता। परिवर्तन को स्वीकार कर ही हम अपनी हताशा-निराशा से उबर सकते हैं और समय के साथ चलकर अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं...क धनी व्यक्ति को व्यवसाय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। उसे लगने लगा कि उसकी जिंदगी में घटाटोप अंधेरा भर गया है। उसके मन में आत्महत्या का विचार उपजा। वह जैसे ही नदी में कूदने जा रहा था, किसी ने उसे पीछे से पकड़ लिया। वह कोई मुसाफिर था। आत्महत्या करने की कोशिश करने वाला व्यक्ति फूट-फूट कर रोने लगा, 'आपने मुझे क्यों बचा लिया, ऐसी जिंदगी से मर जाना ही अच्छा है।' उस व्यक्ति की पूरी कहानी सुनकर मुसाफिर बोला, 'तुम यह मानते हो कि पहले तुम सुखी थे?' वह व्यक्ति बोला, 'हां, मेरी जिंदगी में उजाला ही उजाला था, लेकिन अब अंधेरे के सिवा कुछ नहीं बचा।' मुसाफिर ने कहा, 'क्या तुम नहीं जानते कि दिन के बाद रात ही आती है और रात के बाद दिन ही आता है?' वह व्यक्ति बोला- 'यह तो सभी लोग जानते हैं।''जानते हो तो आत्महत्या क्यों कर रहे थे? तुमने जब सुखी जीवन को स्वीकार किया, तो अब दुखी जीवन को क्यों स्वीकार नहीं करते। जबकि तुम्हें पता है इस रात के बाद फिर दिन ही आना है।'परिवर्तन प्रकृति का नियममहान दार्शनिक अरस्तू ने कहा है, परिवर्तन प्रकृति का नियम है। हम प्रकृति के इस नियम को जब भी मानने से इनकार करने लगते हैं, तब हम दुखी होते हैं, अवसाद से घिर जाते हैं। हमें स्वीकारना होगा कि जब अच्छे दिन स्थायी नहीं रहते, तो बुरे दिन भी नहीं रहेंगे। जो व्यक्ति इस सत्य को जान लेता है, वह कभी निराश-हताश नहीं होता। उसका कर्मशील जीवन मजबूत होकर सामने आता है।गतिशीलता से होगा विकासदरअसल, परिवर्तन को स्वीकारना ही हमें गतिशील बना सकता है। हम समय की ऐसी रेलगाड़ी के साथ-साथ चल रहे हैं, जिसमें रुकने का मतलब पिछड़ जाना होता है। जीवन के सफर का वास्तविक आनंद हम तभी उठा सकते हैं, जब हम समय के साथ चलें, पुराने स्टेशनों (जड़ रीति-रिवाजों और पुरानी अवधारणाओं) को छोड़ते जाएं और नए स्टेशनों (समय के अनुकूल नवीनता) को अपनाते जाएं। परिवर्तन शाश्वत है। समय के साथ किसी भी वस्तु, विषय और विचार में भिन्नता आती है। मौसम बदलते हैं। मनुष्य की स्थितियां बदलती हैं। समय के साथ उत्तरोत्तर बदलने को ही विकास कहा जाता है। यदि हम बदलाव से मुंह चुराएंगे, तो हमारा विकास नहींहो सकेगा।सड़ जाता है ठहरा जलवैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो संसार में कोई भी पदार्थ नहीं, जो स्थिर रहता है। उसमें कुछ न कुछ परिवर्तन सदैव होता रहता है। इसी तरह समाज में भी परिवर्तन होता है। समाज शास्त्री मैकाइवर का कहना है कि समाज परिवर्तनशील है। यदि हम समाज में निरंतरता को बनाए रखना चाहते हैं तो हमें यथास्थिति को छोड़ अपने आचार-व्यवहार को परिवर्तनोन्मुख बनाना ही होगा। तभी हमारी प्रगति संभव है। इसके उलट, यदि हम परिवर्तन को स्वीकार नहीं करते, तो हम रूढि़वादी हो जाते हैं। ठहरे हुए जल की तरह, जिसका सड़ना निश्चित है। रूढि़वादी लोग स्त्री स्वतंत्रता, समान अधिकार, स्त्रियों की शिक्षा आदि शुभ परिवर्तनों को स्वीकार नहीं कर पाते और अंदर ही अंदर दुखी होकर स्वयं को जलाते रहते हैं।मुश्किलों से आती है ऊर्जापरिवर्तन को स्वीकारना साहस का काम है। क्योंकि इसके लिए गतिशील-कर्मशील होना होगा, जीवन में आई मुश्किलों से संघर्ष करना होगा। संघर्ष ही हमारे जीवन में विकास के बीज बोता है। एक लोक कथा है। एक बार एक किसान भगवान से नाराज हो गया कि वे कभी बारिश-ओले से फसल चौपट कर देते हैं, तो कभी तूफान से। उसने भगवान से प्रकृति का संचालन एक साल के लिए अपने हाथ में ले लिया। उसकी फसलों के लिए जितनी जरूरत थी, किसान ने उतना पानी बरसाया। तूफान आने नहीं दिया। जब धूप की जरूरत हुई तो सूरज चमका दिया। उसने फसल के हर खतरे को रोक दिया। सचमुच गेहूं की फसल बहुत अच्छी हुई। बड़ी-बड़ी बालियां लग गईं, लेकिन जब फसल काटी गई, तो पता चला कि बालियों के अंदर गेहूं के दाने तो थे ही नहीं। फिर किसान भगवान से बोला, 'भगवन, यह आपने क्या किया।' भगवान ने कहा, 'जो किया, तुमने ही किया। बालियों में बीज इसलिए नहीं आए, क्योंकि पौधों को तुमने चुनौती दी ही नहीं। उनके पास कोई संकट नहीं था। गेहूं के पौधे संघर्ष की अपनी ताकत खो चुके थे। ऐसे में उनकी सृजनात्मकता भी खो चुकी थी।'जीवन का स्वादइसी तरह हमारे जीवन में जो विपरीत परिस्थितियां आती हैं, वे ही हमारे विकास और सृजनात्मकता में सहायक बनती हैं। बस, हमें बिना आपा खोए उनसे संघर्ष करना चाहिए। अगर हम यह चाहते हैं कि हमारे जीवन में अच्छा ही घटित होता रहे और बुरा कुछ भी न हो, तो यह अच्छा भी बुरा लगने लगेगा। जीवन में दुख और सुख दोनों ही आते हैं। हम हमेशा मीठा ही खाते रहें, तो उससे ऊब जाएंगे। लेकिन यदि नमकीन खाने के बाद मीठा खाएंगे, तो वह ज्यादा स्वादिष्ट लगेगा। इसलिए जीवन में आए परिवर्तनों को स्वीकारें और जीवन के स्वाद का पूरा आनंद लें। |
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यदि बसंता पूँगा होता तो आपकी दृष्टि में चमेली का व्यवहार उसके प्रति कैसा होता? |
Answer» अगर संभावनाएं बसंता को गूंगा बनाती हैं, तो चमेली कभी ऐसा नहीं करेगी, जैसे वह उस गूंगे आदमी के साथ करती है।Explanation: 1) बसंता चमेली की संतान है, उसने कभी नहीं सोचा होगा कि बसंता गूंगा होगा। 2) अगर संभावनाएं बसंता को गूंगा बनाती हैं, तो चमेली कभी ऐसा नहीं करेगी, जैसे वह उस गूंगे आदमी के साथ करती है। 3) वह इस स्थिति से लड़ने के लिए अपने बच्चे को प्रशिक्षित करेगी। वह उसे एक सर्वश्रेष्ठ ज्ञान और सर्वश्रेष्ठ स्कूल प्रदान करेगी। 4) वह कभी नहीं चाहेगी कि कोई उसके बच्चे को दया से देखे। 5) चमेली उसे सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए प्रयास करेगी। |
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गूंगे ने अपने स्वाभिमानी होने का परिचय किस प्रकार दिया? |
Answer» गूंगे आदमी ने संकेत दिया है कि वह स्वाभिमानी व्यक्ति है।Explanation: "1) गूंगे आदमी ने संकेत दिया है कि वह स्वाभिमानी व्यक्ति है। वह कभी किसी से भीख नहीं मांगता था। उसने दिखाया है कि वह काम करता है और अपने लिए पैसा कमाता है। वह भीतर से बहुत स्वाभिमानी व्यक्ति है। 2) उसने यह दिखाने के लिए अपना हाथ उठाया है कि वह अपने हाथ से काम करे और अपने लिए कमाए। उसने अपने पेट पर यह संकेत दिया है कि वह केवल पेट की भूख के लिए काम कर रहा है।" |
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पैसा कमाने की लिप्सा ने आध्यात्मिकता को भी एक व्यापार बना दिया है। इस विषय पर कक्षा में परिचर्चा कीजिए। |
Answer» पैसा कमाने की लिप्सा ने आध्यात्मिकता को भी एक व्यापार बना दिया है-क्योंकि हर धार्मिक शिक्षक लोगों से पैसा लूट रहा है।|Explanation: 1) इस आधुनिक युग में हर कोई अपने काम में व्यस्त है, किसी के पास आंतरिक शांति नहीं है। 2) हर कोई धार्मिक शिक्षकों से शांति पाने और उनका समर्थन लेने की कोशिश कर रहा है। आत्मा की शांति का पता लगाने में कोई भी सक्षम नहीं है। धार्मिक शिक्षक इस स्थिति को जानते हैं और लाभ उठा रहे हैं। वे शांति प्रदान करने के एवज में लोगों से पैसा कमा रहे हैं। 3) इसलिए यह साबित होता है कि "पैसा कमाने की लिप्सा ने आध्यात्मिकता को भी एक व्यापार बना दिया है" क्योंकि हर धार्मिक शिक्षक लोगों से पैसा लूट रहा है। |
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सवाल के पाँव जमीन में गहरे गड़े हैं। यह उखड़ेगा नहीं।' इस कथन में मुनष्य की किस | प्रवृत्ति की ओर संकेत है और क्यों? |
Answer» इसका मतलब है कि जब सवाल अनसुलझा है तो बस उस सवाल से आगे बढ़ें और उसे स्थगित करने का प्रयास करें।"Explanation: 1) जब दोनों दोस्त पैसे कमाने का तरीका खोजने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन दोनों पैसे कमाने का तरीका नहीं खोज पा रहे हैं। उन्होंने सबसे संभव तरीका खोजने की कोशिश की, लेकिन उन्हें रास्ता नहीं मिला। 2) तब दोस्तों में से एक ने कहा कि ""सवाल के पाँव जमीन में गहरी गड़े हैं"इसका मतलब है कि जब सवाल अनसुलझा है तो बस उस सवाल से आगे बढ़ें और उसे स्थगित करने का प्रयास करें।" |
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पहला दोस्त मंच पर किस रूप में था और वह किस अँधेरे को दूर करने के लिए टार्च बेच रहा था? |
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पाँच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाकात किन परिस्थितियों में और कहाँ होती है? |
Answer» वह देखता है कि संत उसी का मित्र है, जिसने 5 वर्ष पहले उससे मिलने के लिए वचन दिया था।Explanation: 1) जब पहला दोस्त टार्च बेचने के लिए बाजार जाता है, तो वह देखता है कि एक भीड़ संत को सुन रही है। 2) संत एक भाषण दे रहे हैं और वह अंधेरे को छोड़कर प्रकाश की ओर आने के लिए कह रहे हैं। फिर वह संत का भाषण सुनता है और मंच के पास जाता है। 3) जब वह मंच के पास जाता है तो वह संत के भाषण को सुनकर हंसता है। 4) वह देखता है कि संत उसी का मित्र है, जिसने 5 वर्ष पहले उससे मिलने के लिए वचन दिया था। |
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आपके अनुसार सिद्धेश्वरी के झूठ सौ सत्यों से भारी कैसे हैं? अपने शब्दों में उत्तर दीजिए। |
Answer» वह अपने परिवार के सदस्यों के बीच आपसी समझ, प्रेम का एक आकर्षक बंधन बनाने के लिए झूठ बोलती है।इसलिए उसका झूठ सौ सच से अच्छा है।Explanation: 1) सिधेश्वरी कभी झूठ नहीं बोलना चाहती थी, लेकिन परिस्थितियाँ उसे झूठ बताने के लिए बाध्य करती हैं। 2) वह अपने पारिवारिक सदस्यों के साथ और अच्छी बॉन्डिंग बनाना चाहती थी। 3) वह चाहती थी कि उसके पति, बच्चों के बीच एक सच्चा रिश्ता बने। जो सभी स्थितियों में अटूट होगा। 4) वह अपने परिवार के सदस्यों के बीच आपसी समझ, प्रेम का एक आकर्षक बंधन बनाने के लिए झूठ बोलती है। 5) इस तरह वह झूठ बोलता है लेकिन कभी किसी को दुख नहीं देता, इसलिए उसका झूठ सौ सच से अच्छा है। |
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रामचंद्र, मोहन और मुंशी जी खाते समय रोटी न लेने के लिए बहाने करते हैं, उसमें कैसी विवशता है? स्पष्ट कीजिए। |
Answer» रामचंद्र और मुंशीजी दोनों जानते हैं कि घर में खाना पर्याप्त नहीं है। इसलिए वे सिद्धेश्वरी से झूठ कहते हैं|Explanation: "1) रामचंद्र और मुंशीजी दोनों जानते हैं कि घर में खाना पर्याप्त नहीं है। इसलिए वे सिद्धेश्वरी से झूठ कहते हैं कि वे अब भोजन से भर गए हैं। लेकिन वे दोनों भरे नहीं हैं। 2) सिद्धेश्वरी उन्हें झूठ बोलती है कि घर में पर्याप्त भोजन है लेकिन वे दोनों स्थिति जानते हैं। इसलिए उन्होंने अधिक रोटियां लेने से इनकार कर दिया। 3) यह गरीब है जो उन्हें सिद्धेश्वरी से झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रहा है।" |
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सिद्धेश्वरी ने अपने बड़े बेटे रामचंद्र से मँझले बेटे मोहन के बारे में झूठ क्यों बोला? |
| Answer» | |
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कहानी के सबसे जीवंत पात्र के चरित्र की दृढ़ता का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए। |
Answer» इस कहानी में सिद्देश्वरी की केवल एक मजबूत भूमिका है जो अपने परिवार में शांति को समाप्त नहीं करना चाहता है।Explanation: 1) इस कहानी में सिद्देश्वरी की केवल एक मजबूत भूमिका है जो अपने परिवार में शांति को समाप्त नहीं करना चाहता है। 2) वह जानती है कि उनके पास जीवित रहने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं था और हर कोई इस स्थिति को जानता है, लेकिन हर बार वह अपने घर में संतुलन बनाने की कोशिश करती है। 3) वह जानती है कि हर कोई घर की स्थिति जानता है। लेकिन वह अपने घर में एक शांत वातावरण बनाने के लिए झूठ बोलती है।" |
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इस कहानी में लोक प्रचलित मुहावरों की भरमार है, जैसे - नानी मरना, छक्के छूटना आदि। इसमें आए मुहावरों की एक सूची तैयार कीजिए। |
Answer» इस कहानी (ईदगाह) में लोक प्रचलित मुहावरों की भरमार है, जैसे - नानी मरना, छक्के छूटना आदि। इसमें आए मुहावरों की एक सूची निम्न प्रकार से है :
HOPE THIS ANSWER WILL HELP YOU... Here are some more QUESTIONS from this CHAPTER :ईदगाह' कहानी के उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे ईद के अवसर पर ग्रामीण परिवेश का उल्लास प्रकट होता है। मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है।' इस कथन के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए कि 'धर्म तोड़ता नहीं जोड़ता है।' |
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उन्हें क्या खबर कि चौधरी आज आँखें बदल लें, तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए।' – इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। |
Answer» वह कहना चाहता है कि ईद मुहर्रम होगी अगर चौधरी ने पैसे उधार देने से इनकार कर दिया।"1) अगर चौधरी ने अपनी आँखें फेर ली हैं, तो ईद मुहर्रम में समाप्त हो जाएगी, लेखक यह बताना चाहता है कि चौधरी ऋणदाता है जिसने सभी ग्रामीणों को पैसा वितरित किया है।2) जब चौधरी ने उन्हें पैसे आवंटित किए तो ग्रामीण ईद त्योहार मना सकते हैं।3) अगर चौधरी ने पैसे उधार देने से इनकार कर दिया, तो कोई भी ईद नहीं मना पाएगा, इसलिए लेखक यह कहना चाहता है कि चौधरी अपसेट हैं तो कोई भी ईद नहीं मना सकता है,4) क्योंकि ईद हर्ष और उल्लास का त्यौहार है, लेकिन मोहर्रम दुख का त्यौहार है, इसलिए वह कहना चाहता है कि ईद मुहर्रम होगी अगर चौधरी ने पैसे उधार देने से इनकार कर दिया।" |
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दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूंदें गिराती जाती थी। हामिद इसका रहस्य क्या समझता!' - लेखक के अनुसार हामिद अमीना की दुआओं और आँसुओं के रहस्य को क्यों नहीं समझ पाया? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए। |
Answer» दामन फैलाकर हामिद को दुआएँ देती जाती थी और आँसू की बड़ी-बड़ी बूंदें गिराती जाती थी।अमीना ने झूठ बोलने के लिए कहा कि उसके माता-पिता जीवित हैं।Explanation: "1) इन पंक्तियों में लेखक दिखाता है कि अमीना ने हमीद की परवरिश कैसे की, अमीना ने झूठ बोलने के लिए कहा कि उसके माता-पिता जीवित हैं। 2) वह जानता है कि उसके पिता एक व्यवसाय के लिए दूसरे शहर गए थे। जबकि उसकी माँ अल्लाह (भगवान) के घर में है। जब वे दोनों घर लौटेंगे, तो वे हमीद के लिए बहुत सारे उपहार लेकर आएंगे और वे सभी एक अच्छा जीवन व्यतीत करेंगे। 3) क्योंकि अमीना जानती है कि उसके माता-पिता दुनिया में नहीं हैं, इसलिए वह उन्हें याद करती है और हामिद के जीवन के लिए रोना शुरू कर देती है, वह चाहती है कि अगर वे वहाँ रहेंगे तो हमीद का जीवन अन्य बच्चों की तरह होगा।" |
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उसके अंदर प्रकाश है, बाहर आशा। विपत्ति अपना सारा दलबल लेकर आए, हामिद की आनंद भरी चितवन उसका विध्वंस कर देगी।' - इस कथन से लेखक का क्या आशय है? |
Answer» लेखक हामिद की हंसमुख प्रकृति की भावना को व्यक्त करना चाहता हैExplanation:
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Summary of any marathi lessonin ath std Maharashha board |
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Answer» Explanation: you can found this in an ncert BOOK of CLASS 10 HINDI but it's too SHORT |
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Insan Ke Kitne Janam Hote Hain |
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Answer» Answer: TILL now scientists and researchers have not found any proof or any evidence for rebirth.... button bibles and sacred books it is said that a PERSON rebirth in this earth for SEVEN TIMES |
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Jagannath mei samas aur samas vigrah |
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Answer» I thinck |
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(ख) 'क्रांतिकारी परिवर्तन' का प्रयोग किस संदर्भ में किया गया है ? स्पष्ट कीजिए। |
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Answer» क्रांतिकारी बदलाव या रूपांतरण (या क्रांतिकारी विज्ञान) थामस कुह्न द्वारा उनकी प्रभावशाली पुस्तक द स्ट्रक्चर ऑफ साइंटिफिक रिवोलुशनस (1962) में प्रयुक्त (पर उनके द्वारा बनाया गया नहीं) पद है जो उन्होंने विज्ञान के प्रभावी सिद्धांत के भीतर मूल मान्यताओं में परिवर्तन को व्यक्त करने के लिये प्रयुक्त किया था। यह सामान्य विज्ञान के बारे में उनके विचार से भिन्न है। Explanation: |
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Guys Vakya rupantaran ka important questions do hindi mai 29 se mere exam hai |
| Answer» | |
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'पर्वत प्रदेश में पावस' के आधार पर पावस ऋतु में प्रकृति में आने वाले परिवर्तनों का उल्लेखअपने शब्दों में कीजिए।----,MOTAPA नीतानाना पारोवार |
| Answer» | |
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अपने क्षेत्र की नालियों तथा सड़कों की समुचित सफाई ना होने पर स्वास्थ्य अधिकारी को एक पत्र लगभग 80 से 100 शब्दों में लिखिए। |
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Answer» सेवा में , श्रीमान स्वास्थ्य मंत्री महोदय नई दिल्ली विषय : नालिया एवं सड़कों की समुचित सफाई ना होने के कारण स्वास्थ्य मंत्री को पत्र महाशय सविनय निवेदन है कि मैं नई दिल्ली का स्थानीय निवासी हूं दरअसल भाई इस पत्र के माध्यम से आपको बताना चाहता हूं कि करोल बाग की नदियां एवं सड़कें इतनी खराब और गंदे हैं कि यहां पर कुत्ता भी चलना पसंद नहीं करेगा । नालिया इतनी गंदी है रोजाना सैकड़ों मच्छर उससे जन्म लेते हैं । इन गंदे नालिया एवं सड़कों के कारण सभी लोगों को तरह-तरह की बीमारियां होने लगी है । यहां का लगभग 90% लोग बीमार हो चुके हैं । यहां के सड़कें इतने गंदे हैं कि आए दिन रोज दो से चार एक्सीडेंट हो जाते हैं । सभी दुकानों से निकलने वाले कचड़े नालिया एवं सड़कों पर जमा किए जाते हैं । जिसके कारण गंदगी अपने चरम सीमा पर पहुंच चुकी है । नगर पालिका कोई भी काम नहीं करती , हम लोग वाले उनके पास बहुत हैं बार शिकायत की और इस समस्या को बार-बार उठाया , लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई । अंत में हम आपके पास यह पत्र लिख रहे हैं कि आपका ध्यान शायद इस मुसीबत पर जाए । और आप कोई समाधान निकालें । अतः आपसे निवेदन है कि कृपया इस विषय पर विचार करें और जल्द से जल्द इसका समाधान निकालें । भवदिय प्रवीण शुक्ल |
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Plz answer it. Help me for my boards |
| Answer» | |
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Can Someone Please Explain What Is Alankar? क्या कोई मुझे अलंकार समझा सकता है? |
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Answer» Answer: buddy apne teacher se aap KO samaz aa JAAYE toh mughe bhi samza DENA OK AGAR aapko bhi samaz aa jaaye plz mark as brainlist |
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