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This section includes InterviewSolutions, each offering curated multiple-choice questions to sharpen your knowledge and support exam preparation. Choose a topic below to get started.

1.

निम्नलिखित समरूपी भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ बताते हुए वाक्य बनाइएसूखी, सुखी सास, साँस कुल, कूल और, ओर

Answer»

सूखी = सूखी हुई, मुरझायी हुई-वर्षा न होने के कारण फ़सल सूखी पड़ी है।

सुखी = प्रसन्न, खुश-हर व्यक्ति अपने घर सुखी रहे।

सास = पति या पत्नी की माँ-महेश की सास तेज़ स्वभाव की प्रतीत होती है।

साँस = साँसें-दौड़ते-दौड़ते मेरी साँस ही फूल गई थी।

कुल = जोड़-इन सभी संख्याओं का कुल योग क्या है?

कूल = किनारा-हम सब यमुना के कूल पर देर तक बैठे रहे।

और = तथा-मोहन और राकेश आये थे।

ओर = की तरफ-गेंद मेरी ओर फैंक दो।

2.

बेला का मायका किस शहर में था?

Answer»

लाहौर शहर में।

3.

हँसी के मारे मर जाने की बात कौन कहती है?

Answer»

हँसी के मारे मर जाने की बात मँझली बहू कहती है।

4.

निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिएमुहावरा – अर्थ1. काम आना = मारा जाना2. नाक-भौं चढ़ाना = घृणा या असंतोष प्रकट करना3. पारा चढ़ना = क्रोधित होना4. भीगी-बिल्ली बनना = सहम जाना5. मरहम लगाना = सांत्वना देना6. ठहाका मारना = ज़ोर से हँसना7. खलल पड़ना = किसी काम में बाधा आना8. कमर कसना = किसी काम के लिए निश्चयपूर्वक तैयार होना

Answer»

1. काम आना (मारा जाना) वाक्य-हमारे देश के अनेक सैनिक सन् 1962 के चीन के आक्रमण में काम आए थे।

2. नाक-भौं चढ़ाना (घृणा या असंतोष प्रकट करना) वाक्य-सुरेश तो रमेश की बातें सुनकर नाक-भौं चढ़ाने लगा था।

3. पारा चढ़ना (क्रोधित होना) वाक्य-रावण को देखकर हनुमान जी का पारा चढ़ने लगा था।

4. भीगी-बिल्ली बनना (सहम जाना) वाक्य-चोर पुलिस को देखकर भीगी-बिल्ली बन गया।

5. मरहम लगाना (सांत्वना देना) वाक्य-शहीद के घर जाकर सभी लोगों ने परिवार को मरहम लगाया।

6. ठहाका मारना (ज़ोर से हँसना) वाक्य-जोकर को देखकर बच्चे ठहाके मारने लगे थे।

7. खलल पड़ना (किसी काम में बाधा आना) वाक्य-लक्ष्य के आते ही वैदेही के काम में खलल पड़ गया।

8. कमर कसना (किसी काम के लिए निश्चयपूर्वक तैयार होना) वाक्य-मार्च आते ही विद्यार्थियों ने परीक्षा के लिए कमर कस ली।

5.

बेला अपने मायके क्यों जाना चाहती थी?

Answer»

बेला अपने मायके इसलिए जाना चाहती थी क्योंकि उसे ऐसा लगता था कि जैसे वह अपरिचितों में आ गयी है। कोई उसे नहीं समझता और वह किसी को नहीं समझती। जब वह जाती है तो बड़ी भाभी, मँझली और माँजी तक खड़ी हो जाती थीं। उसके सामने कोई हँसता नहीं। उससे अधिक समय तक कोई बात नहीं करना चाहता। सब उससे ऐसा डरती है जैसे मुर्गी के बच्चे बाज से। बेला अपने मायके जाना चाहती थी कि वह आदर, सत्कार, सुख, आराम चाहती थी।

6.

बेला के अनुसार परिवार की सदस्या उससे किस प्रकार डरती हैं?

Answer»

बेला के अनुसार परिवार के सभी सदस्या उससे ऐसा डरते हैं, जैसे मुर्गी के बच्चे बाज से।

7.

मालवी ने सारी-की-सारी छत क्यों और कैसे खोद डाली?

Answer»

मालवी को लगा कि इस घर में कोई आनेवाला है। अतः उसका विरोध जताने के लिए सिर्फ दो ही घंटे पहले मजदूरों तथा राज ने जो छत डाली थी, मालवी ने सारी-की-सारी छत फावड़े से खोद डाली। बंसीलाल महाशय मुँह देखते रह गये। उनके आने तक अंतिम ईंट भी उखड़ चुकी थी।

8.

दादा जी को किस कल्पना से सिहरन होने लगती है?

Answer»

पेड़ से अलग होने वाली डाली की कल्पना से दादाजी को सिहरन होने लगती है।

9.

हर बात पर अपने मायके की तारीफ कौन करती रहती है?

Answer»

हर बात पर छोटी बहू बेला अपने मायके की तारीफ करती रहती है।

10.

बरगद का पेड़ किन लोगों ने उखाड़ दिया?

Answer»

मल्लू और जगदीश ने बरगद (वट-वृक्ष) का पेड़ उखाड़ दिया।

11.

पेड़ की छाया को बढ़ाने का काम कौन करती है?

Answer»

पेड़ की छाया को बढ़ाने का काम पेड़ की डालियाँ करती हैं।

12.

कर्मचन्द ने पेड़ से एक डाली टूटकर अलग होने की बात क्यों कही?

Answer»

कर्मचन्द दादाजी का मँझला लड़का था। वह उनके पास बैठा पाँव दबा रहा था। बच्चे आँगन में बरगद की पूरी डाल लाकर लगा रहे थे और उसे पानी दे रहे थे। दादाजी कहते हैं कि बच्चे नहीं जानते कि पेड़ से टूटी डाली जल देने से नहीं पनपती। एक बार पेड़ से जो डाली टूट गई, उसे लाख पानी दो, उसमें वह सरसता न आएगी। हमारा यह परिवार बरगद के पेड़ के समान है। इसे सुनकर कर्मचन्द कहता है शायद अब इस पेड़ से एक डाली टूट कर अलग हो जाए। दादाजी के पूछने पर कर्मचन्द कहता है कि छोटी बहू अलग होना चाहती है। उसके मन में दर्प की मात्रा कुछ ज्यादा है। मैंने जो मलमल के थान और रजाई के अबरे लाकर दिये थे वे उसे पसंद नहीं आये। वह अपने मायके के घराने को इस घराने से बड़ा समझती है और घृणा की दृष्टि से देखती है।

13.

किसे दूसरों का हस्तक्षेप और आलोचना पसंद नहीं है?

Answer»

परेश की पत्नी बेला को दूसरों का हस्तक्षेप पसंद नहीं है।

14.

घर के लोगों के व्यवहार में बदलाव देखकर बेला की क्या प्रतिक्रिया थी?

Answer»

घर के लोगों के व्यवहार में बदलाव देखकर बेला की प्रतिक्रिया थी कि ये पहले तो ऐसे नहीं थे, अब कैसे बदल गये सभी-के-सभी। ‘जी’ कहकर पुकारना, काम न करने देना, आदर-सत्कार करना आदि…आदि। सचमुच बेला को भी लगा कि अब मुझे इनके साथ रहकर चलना होगा। दादा जी भी इससे खुश होंगे।

15.

रजवा ने छोटी भाभी से क्या कहा?

Answer»

रजवा मूलराज के परिवार में दस वर्षों से काम कर रही थी। छोटी बहू बेला में उसे काम से हटा दिया। उदास होकर वह छोटी भाभी के पास जाकर शिकायत करते हुए कहती है – “माँ जी, आज उन्होंने मुझे काम से हटा दिया। मैं इतने बरस से आप लोगों की सेवा कर रही हूँ। आज तक कभी किसी ने इस प्रकार अनादर नहीं किया था। आप तो मुझे अपने पास ही रखिए। मैं आज से उनका काम करने नहीं जाऊँगी।”

16.

घृणा को किससे नहीं मिटाया जा सकता?

Answer»

घृणा को घृणा से नहीं मिटाया जा सकता।

17.

दादा जी ने सबको क्या समझाया था?

Answer»

दादाजी ने समझाया था कि सबको आपका आदर करना चाहिए।

18.

इन्दु को अपनी भाभी बेला पर क्यों क्रोध आया?

Answer»

इन्दु को अपनी भाभी बेला पर क्रोध इसलिए आया क्योंकि उसने घर की पुरानी नौकरानी रजवा को काम से निकाल दिया था। बेला बात-बात पर अपने मायके के बारे में बड़ी ऊँची बातें और प्रशंसा अधिक करती थी। हर बात पर अपने घर की बड़ाई करती थी। उसे अपने ससुराल की कोई भी चीज़ पसंद नहीं आती थी। यहाँ के लोगों का खाना-पीना, पहनना-ओढ़ना कुछ भी पसंद न आता था। इस बात से इन्दू को अपनी भाभी बेला पर क्रोध आया।

19.

दादा जी का छोटा पोता परेश किस पद पर था?

Answer»

दादाजी का छोटा पोता परेश नायब तहसीलदार पद पर था।

20.

दादा जी ने परेश से छोटी बहू को कहाँ ले जाने के लिए कहा?

Answer»

दादाजी ने परेश से छोटी बहू को बाजार ले जाने के लिए कहा।

21.

दादा जी की क्या आकांक्षा थी?

Answer»

दादा जी अपने परिवार को एक बड़े बरगद के पेड़ के समान मानते थे। अगर पेड़ की एक भी डाली टूट कर अलग हो जाए तो फिर चाहे उसे कितना भी पानी दो उसमें सरसता नहीं आ सकती। जब उन्हें पता चलता है कि परेश अलग होनेवाला है तो वे परिवार के सभी सदस्यों को बुलाकर समझाते हैं कि कोई भी छोटी बहू का अनादर न करे। दादाजी की आकांक्षा थी कि वृक्ष की सभी डालियाँ साथ-साथ बढ़ें, फलें फूलें, जीवन की सुखद शीतल वायु के परस से झूमें और सरसाएँ। पेड़ से अलग होनेवाली डाली की कल्पना उनके अंदर कंपन पैदा कर देती थी। वे परिवार को वटवृक्ष के समान देखना चाहते थे।

22.

बरगद के पेड़ की कहानी किनका निर्माण करती हैं?

Answer»

बरगद के पेड़ की कहानी कुटुम्ब, समाज और राष्ट्र का निर्माण करती है।

23.

किसने सारी-की-सारी छत फावड़े से खोद डाली?

Answer»

मालवी ने सारी की सारी छत फावड़े से खोद डाली।

24.

छोटी बहू के मन में किसकी मात्रा जरूरत से ज्यादा है?

Answer»

छोटी बहू के मन में दर्प की मात्रा जरूरत से कुछ ज्यादा है।

25.

‘सूखी डाली’ के एकांकीकार का नाम लिखिए।

Answer»

‘सूखी डाली’ के एकांकीकार हैं उपेन्द्रनाथ अश्क।

26.

मँझली भाभी पर टिप्पणी लिखिए।

Answer»

मँझली बहू सदा दूसरों की हँसी उड़ाने में ही आनंद लेती है। स्वयं बात-बात पर हँसती रहती है। भाई के बारे में कहती है- आज भाई परेश की वह गति बनी कि बेचारा अपना-सा मुँह लेकर दादा जी के पास भाग गया। जबान है छोटी बहू की या कतरनी….. जब अंग्रेजी बोलने लगती है तो कुछ समझ में ही नहीं आता। परेश बेचारा अपना-सा मुँह लेकर रह जाता है। जाने तहसीलदार कैसे बन गया। कचहरी में होंगे तहसीलदार, घर में तो अपराधियों से भी गये बीते हैं। मालवी और बंसीलाल का भी मजाक उड़ाने में मँझली भाभी कभी चूकती नहीं। इस प्रकार छोटी बहू बेला के बारे में तथा घर के अन्य सभी सदस्यों के बारे में टीका-टिप्पणी करने में महारत हासिल है मँझली भाभी को।

27.

मलमल के थान और अबरों को परेश किसके पास नहीं ले कर जाते?

Answer»

मलमल के थान और अबरों को परेश अपने दादा जी के पास नहीं ले जाता।

28.

दादा जी ने परेश को किस प्रकार मनाया?

Answer»

परेश ने दादा जी से कहा कि बेला अपनी अलग गृहस्थी बसाना चाहती है। उसका इस घर में मन नहीं लगता। अगर आप बाग वाले मकान का प्रबंध कर दें ….. जहाँ वह स्वेच्छापूर्वक जीवन बिता सके। दादा जी कहते हैं कि ये उनके जीते जी असंभव है। तुम चिंता न करो। मैं सबको समझा दूंगा – घर में किसी को तुम्हारी पत्नी का तिरस्कार करने का साहस न होगा। कोई उसका समय नष्ट न करेगा। ईश्वर की असीम कृपा से हमारे घर सुशिक्षित, सुसंस्कृत बहू आई है तो क्या हम अपनी मूर्खता से उसे परेशान कर देंगे? तुम जाओ बेटा, किसी प्रकार की चिंता को मन में स्थान न दो। मैं कोई-न-कोई उपाय ढूँढ निकालूँगा। तुम विश्वास रखो, वह अपने आपको परायों में घिरी अनुभव न करेगी। उसे वही आदर-सत्कार मिलेगा, जो उसे अपने घर में प्राप्त था। इस प्रकार दादा जी ने परेश को मनाया।

29.

दादा जी किसके हक में हैं?

Answer»

दादा जी पुराने नौकरों के हक में हैं।

30.

दादा जी ने किस अभिप्राय से सभी को बुलाया और क्या कहा?

Answer»

दादा जी अपने परिवार को बरगद के पेड़ के समान मानते थे। वे किसी भी कीमत पर अपने परिवार को बिखरते हुए नहीं देख सकते थे। जब उन्हें पता चलता है कि छोटी बहू बेला परिवार से अलग होना चाहती है तब वे परिवार के सभी सदस्यों को बुलाते हैं और उनसे कहते हैं कि छोटी बहू को वही आदर सम्मान मिले जो उसे अपने घर में मिलता था। वह एक बड़े घर से आयी है और अत्यधिक पढ़ी-लिखी है। मेरी इच्छा है कि सब लोग उसकी बुद्धि और योग्यता का लाभ उठाएँ। उससे परामर्श लें और हो सके तो उसका काम भी आपस में बाँट लो। उसे पढ़ने-लिखने का अधिक अवसर दो। उसे इस बात का एहसास न हो कि वह दूसरे घर में आ गई है। कोई भी उसका निरादर न करे और न ही उसकी हँसी उड़ाये ।

31.

हल्की सी खरोंच भी दवा न लगने पर क्या बन जाती है?

Answer»

हल्की सी खरोंच भी दवा न लगने पर नासूर बन जाती है।

32.

मूलराज के मँझले बेटे का नाम लिखिए।

Answer»

मूलराज के मँझले बेटे का नाम कर्मचन्द है।

33.

दादा की आयु कितनी है?(क) 70(ख) 72(ग) 74(घ) 76.

Answer»

सही विकल्प है (ख) 72

34.

कल्पना कीजिए कि आप बेला हैं और दादा जी आपसे आपकी परेशानी का कारण जानना चाहते हैं। आप क्या उत्तर देंगी?

Answer»

मैं दादा जी को उत्तर देती कि परिवार के सदस्यों के साथ वह सामंजस्य बिठाने में न जाने क्यों असफल रही। वह सबके साथ मिल-जुलकर रहना चाहती है किन्तु फिर भी परिस्थितियाँ उसके अनुकूल नहीं बन पाती। ऐसी अवस्था में वह क्या करे? किस प्रकार सभी लोगों से तालमेल बिठाए? सबको कैसे खुश रखे?

35.

‘सूखी डाली’ एकांकी में घर में काम करने वाली नौकरानी का क्या नाम था?

Answer»

घर में काम करने वाली नौकरानी का नाम पारो था।

36.

दादा जी के अनुसार उनका परिवार किस पेड़ के समान है?

Answer»

दादाजी के अनुसार उनका परिवार बरगद के पेड़ वट वृक्ष के समान है।

37.

दादा किसके समान महान् दिखाई देते हैं?

Answer»

दादा वट के समान महान् दिखाई देते हैं।

38.

दादा जी क्या नहीं सह सकते?

Answer»

दादी जी परिवार से किसी का अलग होना नहीं सह सकते।

39.

दादा मूलराज के बड़े पुत्र की मृत्यु कैसे हुई?

Answer»

दादा मूलराज के बड़े पुत्र की मृत्यु सन् 1914 के महायुद्ध में सरकार की तरफ से लड़ते हुए हुई।

40.

बेला ने भावावेश में सैंधे हुए कंठ से दादा जी से क्या कहा?

Answer»

बेला ने भावावेश के कारण रुंधे हुए कंठ से दादाजी से कहा – दादाजी, आप पेड़ से किसी डाली का टूटकर अलग होना पसंद नहीं करते, पर क्या आप चाहेंगे कि पेड़ से लगी वह डाल सूख कर मुरझा जाय?…

41.

इस एकांकी में संयुक्त परिवार को टूटने से कौन बचाता है?

Answer»

इस एकांकी में संयुक्त परिवार को टूटने से दादा जी बचाते हैं।

42.

दादा जी परिवार के लोगों को क्या संदेश देते हैं?

Answer»

दादा जी परिवार के लोगों को परस्पर प्रेमभाव, सद्भाव एवं श्रद्धापूर्वक मिल-जुलकर रहने का संदेश देते हैं।

43.

कर्मचंद ने दादा जी को छोटी बहु बेला के विषय में क्या बताया?

Answer»

कर्मचंद ने दादा जी को छोटी बहु बेला के विषय में बताया कि उसके मन में बहुत अभिमान है। वह मायके के घराने को ससुराल से ज्यादा ऊँचा समझती है और इस घर को घृणा की दृष्टि से देखती है। शायद इसलिए उसने मलमल के थान और रजाई के अबरे नहीं रखें।

44.

बेला ने मिश्रानी को काम से क्यों हटा दिया?

Answer»

बेला ने मिश्रानी को काम से इसलिए हटा दिया क्योंकि उसे काम करना नहीं आता था।

45.

एकांकी के पहले दृश्य में इंदु बिफरी हुई क्यों दिखाई देती है?

Answer»

एकांकी के पहले दृश्य में इंदु बिफरी हुई इसलिए दिखाई देती है क्योंकि वह अकेली. ही घर में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी है। दूसरा उसके दादा जी उससे बहुत प्यार करते हैं। वह सबकी लाडली बनी हुई है।

46.

आज भारत में संयुक्त परिवार विघटित हो रहे हैं ? बताइए कि इसके क्या कारण हैं?

Answer»

इसमें निम्नलिखित कारण हैं-

1. आज भारत में भौतिकतावादी संस्कृति का बोलबाला है।

2. स्वार्थभावना सर्वोपरि समझी जा रही है।

3. परस्पर ईर्ष्या, द्वेष की भावना बढ़ रही है।

4. परिवार के लोगों में लालच और घृणा बढ़ता जा रहा है।

5. प्रेमभाव, सद्भाव, सहयोग, आदर-सम्मान एवं श्रद्धाभाव कम हो रहे हैं।

6. पश्चिमीकरण का दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

47.

नौकरी की तलाश में आज घर के सदस्यों को देश के दूर-दराज के इलाकों में ही नहीं, विदेशों में भी जाना पड़ता है, ऐसे में दादा जी की वटवृक्ष वाली कल्पना कहाँ तक प्रासंगिक है?

Answer»

वर्तमान युग वैश्वीकरण, औद्योगीकरण का युग है। वैश्वीकरण एवं भूमंडलीकरण के इस युग में कोई भी मनुष्य विश्व के किसी भी कोने में जाकर मेहनत से कमा सकता है। ऐसे में उस सदस्य को अपने परिवार से अलग रहना पड़ता है। ऐसे में दादा जी को वटवृक्ष वाली कल्पना अप्रासंगिक सी जान पड़ती है क्योंकि मनुष्य को अपनी आजीविका कमाने हेतु अपने बच्चों के साथ देश के किसी भी कोने तथा देश से बाहर जाकर रहना पड़ सकता है किन्तु इससे यह बात महत्त्वपूर्ण है कि भले ही वह मनुष्य शारीरिक रूप से परिवार के साथ वटवृक्ष की शाखाओं से जुड़कर न रह सके किंतु वह अंतर्मन से तो अपने परिवार के साथ जुड़ा रहता है। वह दूर रहकर भी परिवार के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का पूर्ण निर्वाह कर सकता है।

48.

‘घर में नई बहू के आने पर घर के माहौल में घुल-मिल जाना जहाँ उसकी ज़िम्मेदारी है, वहीं परिवार के शेष सदस्यों की भी ज़िम्मेदारी है कि वे भी उसकी आशाओं-अपेक्षाओं के अनुसार खुद को बदलें’….. क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों?

Answer»

हाँ; मैं इस कथन से पूर्ण रूप से सहमत हूँ क्योंकि जब घर में नई बहू का आगमन होता है तो वहाँ का वातावरण और वहाँ के सदस्य उसके लिए बिल्कुल अनजान होते हैं। वह परिवार के किसी भी सदस्य को आचारव्यवहार से बिल्कुल अनजान होती है। नए घर में आने पर उसकी बहुत सी आशाएं और अपेक्षाएं होती हैं जिन्हें वह नए परिवार जनों के साथ सौहार्दपूर्ण एवं प्रेमपूर्वक पूर्ण करना चाहती है। घर के अन्य सदस्यों के अलावा वही अकेली नई होती है इसलिए घर के सभी सदस्यों को उसकी भावनाओं, आशाओं का ध्यान रखना चाहिए। यह परिवार के शेष सदस्यों की अहम ज़िम्मेदारी है। किंतु इसके साथ नई बहू को भी नए वातावरण के अनुसार खुद को बदलना चाहिए। पिछली बातों को भूलकर नए माहौल में घुल-मिल जाना चाहिए।

49.

‘अश्क’ ने अपने नाटकों में किन समस्याओं को लिया है?

Answer»

अश्क’ ने अपने नाटकों में मुख्य रूप से सामाजिक तथा पारिवारिक समस्याओं का चित्रण किया है। इनमें से प्रमुख पारिवारिक विघटन, संयुक्त परिवार, भ्रष्टाचार, खानपान, रहन-सहन, पश्चिम का अंधानुकरण, भौतिकतावाद, दिखावा, कथनी और करनी में अंतर की समस्याएं हैं। इनके चित्रण द्वारा लेखक ने मानव को अपनी कमजोरियों को जानकर उन्हें त्यागने का संकेत दिया है।

50.

निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए(क) यह कुटुंब एक महान वृक्ष है। हम सब इसकी डालियाँ हैं। डालियों से ही पेड़-पेड़ है और डालियाँ छोटी हों चाहे बड़ी, सब उसकी छाया को बढ़ाती हैं। मैं नहीं चाहता, कोई डाली इससे टूटकर पृथक् हो जाए।(ख) दादा जी, आप पेड़ से किसी डाली का टूटकर अलग होना पसंद नहीं करते, पर क्या आप यह चाहेंगे कि पेड़ से लगी-लगी वह डाल सूख कर मुरझा जाए……।

Answer»

(क) दादा जी इंदु को समझाते हुए कहते हैं कि संयुक्त परिवार एक महान् वृक्ष के समान है। हम सब परिवार के सदस्य इसकी शाखाएं हैं और इन शाखाओं से ही वृक्ष की शोभा होती है। वृक्ष की प्रत्येक शाखा का अपना महत्त्व होता है। शाखा छोटी हो या बड़ी सबका परस्पर संयोग उसकी छाया को बढ़ाता है। उसको सौंदर्य प्रदान करता है।

भाव यह है कि परिवार में सब मनुष्य समान होते हैं। प्रत्येक मनुष्य परिवार के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। हर सदस्य परिवार की शोभा होता है। सबको मिलजुल कर रहने से ही परिवार की सुख-समृद्धि संभव है। छोटा हो या बड़ा सबकी अपनी-अपनी भागीदारी होती है। इसलिए दादा जी इंदु को समझाते हैं वह नहीं चाहता कि परिवार का कोई सदस्य परिवार से अलग रहे।

(ख) इस गद्यांश का भाव है कि परिवार जनों के व्यवहार ने छोटी बहू का अंतर्मन झकझोर दिया। उसे दादा जी तथा परिवार के महत्त्व का बोध हो गया इसलिए वह सबके प्रति सहयोगी बनकर रहना चाहती है। वह दुःखी होकर दादा जी से आग्रह करती है कि आप परिवार से किसी का अलग होकर रहना पसंद नहीं करते किन्तु क्या आप चाहेंगे कि परिवार के साथ रहकर ही कोई सदस्य जड़ बन जाए।